दोस्तों आज की इस हिंदी सेक्स स्टोरी में आप पढेंगे की कैसे मैंने मेरे मोबाइल फोन में ब्लू फिल्म देखकर दोस्त की विधवा माँ को उन्ही के घर की छत पर नंगी करके चोदा था और उनकी चूत के अंदर अपना सारा का सारा वीर्य खाली करा था चलिए अब पूरी हिंदी सेक्स स्टोरी सुनाता हूँ. दोस्तो मेरा नाम दुष्यंत गुप्ता है और मैं अभी सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहा हूँ. मेरे परिवार में मेरे अलावा मेरे पापा माँ और मेरा एक छोटा भाई है. दोस्तों मेरे घर के पड़ोस में ही मेरा दोस्त भी रहता है जिसका नाम देवेंद्र है. उसके घर में वो और उसकी विधवा माँ बस दो ही लोग हैं. देवेंद्र का घर हमारे घर के बिल्कुल भिड़कर बना हुआ है और हम दोनों दोस्तों के घर की छत आपस में जुडी हुई है.
आज से दो साल पहले मेरे दोस्त देवेंद्र की इंदौर में सरकारी नौकरी लग गयी और वो इंदौर चला गया और घर में उसकी विधवा माँ बिलकुल अकेली रह गयी. दोस्तों ये ब्लू फिल्म देखकर छत पर दोस्त की विधवा माँ के साथ चोदा चादी करने की ये घटना पिछले साल की गर्मियों की है जब मैं रात में छत पर सोने जाता था और उस दौरान मेरी सेक्सी माल पड़ोसन आंटी भी छत पर ही सोया करती थी. मेरा और पड़ोसी दोस्त की विधवा माँ का बोलचाल शुरू से ही अच्छा था क्योंकि मेरा बचपन देवेंद्र के साथ उनके घर खेलते हुए ही बीता था.
ब्लू फिल्म देखकर मुठ मारने के बाद छत पर चोदा दोस्त की विधवा माँ को हिंदी सेक्स स्टोरी
एक दिन आँटी ऊपर छत पर सोने के लिए आई तो उस दौरान मै मेरे Samsung Galaxy S23 Ultra मोबाइल फोन पर इंस्टाग्राम चलाने में बिजी था. पड़ोसी दोस्त की विधवा माँ ने मुझसे आवाज लगाई तो मैं आवाज सुनकर उनकी छत पर चला गया. फिर मैंने उनसे कहा “आंटी आज इतनी रात को ऊपर छत पर कैसे..? तो उन्होंने कहा कि अरे बेटा नीचे उनका एसी खराब हो गया है और इस वजह से घर के आंदर बहुत ही ज्यादा गर्मी है इसलिए. उस रात बहुत ही ज्यादा देर तक हमारी बातें हुई और रात के दो बजे मैं अपनी छत पर आकर सो गया. अब यह सिलसिला रोज चलने लगा हम दोनों रोजाना सोने से पहले दो-तीन घंटे बातें करते थे.
फिर करीब 7-8 दिन बाद काफी इंतजार के बाद भी आंटी छत पर सोने के लिए नहीं आई तो मैंने सोचा कि लगता है अब उनका AC ठीक हो गया दीखता है इस लिए अब वो सोने के लिए उप्पर नहीं आने वाली और मैं ये सोच कर अपने Samsung Galaxy S22 Ultra मोबाइल फोन में ब्लू फिल्म देखने लग गया और मुठ मारकर अपनी कामवासना शांत करने लगा. फिर उस दिन अचानक से मेरे पड़ोस में रहने वाले दोस्त की विधवा माँ उनके घर की छत पर सोने के लिए आ गयी और उन्होंने मुझे ब्लू फिल्म देखकर मुठ मारते हुए पकड़ लिया. मैं तो ब्लू फिल्म देखकर मुठ मारने में मगन था और आंटी मुझे ये सब गन्दी हरकतें करते हुए देख रही थी. करीब दस मिनट तक हस्तमैथुन करने के बाद मेरा वीर्य निकल गया.
जब मैं हाथ धोने के लिए उठा तो देखा की मेरे घर के पड़ोस में रहने वाले मेरे जिगरी दोस्त की विधवा माँ मुझे लगातार घुर घुर कर देख रही थी यह देखकर मै शर्मा गया और पलंग से उठकर पास ही टंकी से पानी निकाल कर अपना हाथ धोने लग गया. अब मुझे बहुत ही ज्यादा शर्म आ आखिर मेरी माँ की उम्र की एक विधवा महिला ने जो मुझे ब्लू फिल्म देखकर मुठ मारते हुए जो पकड़ लिया था. शर्म और हया के मारे आज मैंने आंटी से कुछ बात नहीं करी और और अपने हाथ धोने के बाद वापिस आकर पलंग पर लेट गया और अपने Samsung Galaxy S22 Ultra मोबाइल फोन में इन्स्ताग्राम चलने लग गया.
पड़ोसी दोस्त की विधवा माँ ने मुझे आवाज देकर अपने छत पर बुलाया. दोस्तों मेरी हिम्मत तो नहीं हो रही थी उनसे नजरें मिलाने की मगर फिर भी मैं शर्माते हुए उनके पास उनके घर की छत पर चला गया. वो पलंग पर जाकर लेट गयी और मै चेयर पर बैठे गया. आंटी मुझसे नॉर्मल बाते करने लगी अंत मे उन्होंने मुझसे पूछा की क्या बेटा तुम रोज रात को ब्लू फ़िल्में देखकर मुठ मारते हो? तो मै शर्मा गया और बोला की नही आंटी कभी कभी ब्लू फिल्म देखकर मुठ मारता हूँ. यह सुनकर आंटी हंसने लग गई फिर मैंने शर्मा कर अपनी गर्दन नीचे कर ली और उठकर अपनी छत पर आ गया. आज मेरी बहुत इज्जत खराब हो गयी थी क्योंकि मेरी माँ की उम्र की एक विधवा महिला ने जो मुझे ब्लू फिल्म देखकर हस्तमैथुन करते हुए जो पकड़ लिया था.
शर्मिंदगी की वजह से आज रात मुझे नींद नही आ रही थी. मै सोच रहा था आंटी मेरे बारे मे क्या सोच रही होगी की मैं कितना गन्दा लड़का हूँ जो ब्लू फ़िल्में देखकर हस्तमैथुन करता हूँ. मुझे डर भी लग रहा था की कही उन्होंने ये बात मेरी माँ को बता दी तो मेरी बहुत बदनामी हो जायगी. ऐसे ही फिर एक दिन गुजर रहा और हर रोज की तरह ही रात को भी पड़ोसन आंटी मुझसे बातें करने लगी. उन्होंने कहाँ कि बेटा तुम्हारा मन नहीं करता क्या गर्लफ्रेंड बनाने का. तो मैंने शर्मा कर कुछ भी जवाब नहीं दिया लेकिन अब मै मेरी पड़ोसन आंटी को ज्यादा पसंद करने लगा और सोचने लगा कि काश ये विधवा आंटी मेरे साथ चोदा चादी करने के लिए सेट हो जाये तो इनके साथ अवैध सेक्स संबंध बनाने में कितना आनंद आयगा.
फिर ऐसे ही दिन गुजरते गए आंटी रोज़ मुझसे ऐसी अश्लील बातें करने लगी थी जिस वजह से मुझे लगने लगा कि पड़ोसन विधवा आँटी के मन मे भी मेरे लिए कुछ तो है और वो भी मुझे पसंद करने लगी है. एक रात मै और कामुकता से भरी विधवा पड़ोसन आंटी बात कर रहे थे तो वो बोली कि मेरा सिर दर्द कर रहा है तो मैंने कहा आंटी मैं आपका सर दबा देता हूं और फिर मै चेयर से उठकर पलंग के किनारे बैठ गया और उनका सिर दबाने लगा फिर पड़ोसी दोस्त की विधवा माँ ने कहाँ की अब उन्हे अच्छा लग रहा है अब रहने दो बेटा और फिर मै पलंग के किनारे बैठकर ही बात करने लग गया. विधवा आंटी आज कुछ ज्यादा ही कामुक कर देने वाली बातें कर रही थी. मैंने सोचा आज दोस्त की विधवा माँ के साथ कुछ करते है वरना कब तक ऐसे ब्लू फिल्म देखकर मुठ मारकर अपनी कामवासना शांत करता रहूँगा.
कुछ देर बाद मैं बात करते करते उनके पास में ही लेट गया. इससे मुझे डर लग रहा था कि कही आंटी बुरा ना मान जाए और नाराज हो जाए लेकिन इस पर मेरे दोस्त की विधवा माँ ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और बात करती रही… फिर मैं सोने का नाटक करने लगा तो पड़ोसी दोस्त की विधवा माँ ने मुझे जगाया भी कि अपनी छत पर जाओ लेकिन मैंने अनसुना कर दिया और सोने का नाटक करता रहा फिर वो भी सो गई. जब ये निश्चित हो गया कि आंटी सो गई तो मैंने अपना एक पैर उनके ऊपर रख दिया इससे मेरे अंदर एक करंट सा दौड़ गया. आंटी का चेहरा मेरे चेहरे की ओर ही था वो सोती हुई बहुत ही मस्त लग रही थी. फिर मैंने अपना एक हाथ भी हिम्मत करके उनके पेट पर रख दिया और अपनी आंखें बंद कर ली.
मेरे दोस्त की विधवा माँ गहरी नींद में थी और हम दोनों बिल्कुल लगकर सो रहे थे. फिर नींदों में पड़ोसी दोस्त की विधवा माँ ने अपने होठ मेरे होठों पर रख दिये और धीरे धीरे उन्हें चूसने लगी. मेरे कुछ समझ नही आ रहा था. मैं आंखें बंद करके लेटा रहा और उनका साथ देने लगा क्योंकि यह मेरा पहली बार था इसलिए मुझे डर भी लग रहा था. आंटी और मै बिल्कुल चिपके हुए थे और नीचे मेरा लंड खड़ा हो चुका था और कामुकता से भरी विधवा पड़ोसन आंटी की जांघो को छू रहा था. 5- 7 मिनट के होठ चूसने के बाद फिर अचानक आंटी की नींद खुल गई और वो दूसरी तरफ करवट लेकर सो गई लेकिन मेरा लौड़ा खड़ा हुआ था पीछे से उनकी गांड पर चुभ रहा था. उन्होंने भी इसे अलग नही किया और इससे मुझे भी आनंद आ रहा था इस लिए मैंने आँखे बंद कर ली और न जाने कब मुझे नींद आ गई.
जब सुबह मेरी आंख खुली तो मैंने देखा कि आंटी नीचे जा चुकी थी और मैं भी उठ कर अपनी छत पर आ गया. फिर दिन गुजर गया और रात को मैं छत पर फिर से सोने के लिए पहुँच गया और कुछ देर बाद दोस्त की विधवा माँ भी उप्पर आ गयी. आज वो मुझे देख कर मुस्कुरा रही थी और थोडा शर्मा भी रही थी. मैं भी उनको देखकर मुस्कुरा दिया रोजाना की तरह हम फिर बातें करने लगे. आज मै चेयर की बजाय उनके पलंग के किनारे पर बैठा था और बात करते करते कल कि तरह उनके पास लेट गया इस पर पड़ोसी दोस्त की विधवा माँ ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और थोड़े टाइम के बाद वो सो गई. मैंने भी कल की तरह अपना एक पैर उनके पैर पर रख दिया और अपना हाथ उनके पेट पर रख दिया और धीरे-धीरे उनके पेट पर हाथ फिराने लगा.
इस पर मेरे दोस्त की विधवा माँ ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और सोती रही. फिर अचानक पड़ोसी दोस्त की विधवा माँ ने मेरी और करवट ली और अपने होंठ मेरे होंठों पर रख कर चूसने लगी. जिससे मुझे यह मालूम हो गया कि आंटी सोई हुई नहीं थी बल्कि सोने का नाटक कर रही थी. मै भी चुम्मा चाटी करने में उनका साथ देने लगा और मैंने अपना एक हाथ उनके दूध से भरे बड़े बड़े स्तनों पर रख दिया और उनके मोटे मोटे स्तनों को खूब जोर जोर से दबाने लगा. कामुकता से भरी विधवा आंटी भी अब आंखें खोल कर आनंद लेने लगी थी. काफी देर की चुम्मा चाटी के बाद मैंने चोदा चादी करने के लिए अपनी टी-शर्ट को खोल दिया और कामुकता से भरी विधवा पड़ोसन आंटी की मैक्सी भी उठाने लगा.
ब्लू फिल्म देखकर मुठ मारने के बाद छत पर चोदा दोस्त की विधवा माँ को हिंदी सेक्स स्टोरी :- पड़ोसी दोस्त की विधवा माँ ने मेरा हाथ पकड़ कर रोक दिया लिया और मुझे डांटते हुए कहने लगी की “दुष्यंत बेटा यहाँ आसपास की छत पर भी लोग सोए हुए हैं और आज चाँदनी रात है हमें अवैध सेक्स संबंध बनते हुए कोई देख लेगा तो बहुत बदनामी हो जायगी. मैंने कहाँ पलंग से नीचे उतर कर छत फर्श पर चोदा चादी करते हैं. आंटी मान गई मैंने पलंग से गद्दा लेकर नीचे बिछा दिया और फिर मैं आंटी की इज्जत लुटने के लिए उन के उप्पर किसी भूखे कुत्ते की तरह टूट पड़ा और उनके साथ फिर से चुम्मा चाटी करने लगा. मैंने आंटी की मैक्सि को उतार दिया. पड़ोसी दोस्त की विधवा माँ ने लाल ब्रा पहन रखी थी. उनके रसीले स्तन काफ़ी बड़े बड़े थे.
मैं उस कामुकता से भरी विधवा महिला के रसीले स्तन पर टूट पड़ा और ब्रा के ऊपर से ही उनके मोटे मोटे मम्मों को चूमने लगा. यह देखकर मेरे पड़ोसी दोस्त की विधवा माँ ने अपनी ब्रा को उतार दिया ताकि मैं उनके स्तनों को अच्छी तरह से चूस सकूँ. फिर मैं मेरे दोस्त की नंगी माँ के एक रसीले स्तन को जोर जोर से दबाने लगा और एक के निप्पल को मुंह में लेकर उसमें से किसी छोटे बच्चे की तरह दूध पीने लगा. नंगी पड़ोसन आंटी मुझे अपने बड़े बड़े स्तनों से दूध पिलाते हुए मेरे बालों में उंगलियां फेरने लगी. मै बारी बारी से दोनों का दूध पीने लगा. बिच बिच मे दांत भी लगा देता जिससे आँटी की आवाज निकल जाती. कुछ देर रसीले स्तन चूसने के बाद मैं फिर आंटी के होंठ चूसने लगा इसके बाद मैं आंटी गर्दन. रसीले स्तन पर किस करते करते आंटी के पेट पर आ गया और उनकी नाभि को चूसने लगा.
आंटी मदहोश हो गई और सिसकारियां लेने लगी फिर मैंने आंटी की पेंटी को उतार दिया. आंटी की चूत पर बड़े बड़े बाल थे. मैंने भी मेरे दोस्त की विधवा माँ के साथ चोदा चादी करने के लिए अपना पजामा और अंडरवियर को उतार दिया और बिलकुल नंगा हो गया. पड़ोसी दोस्त की विधवा माँ ने तुरंत ही मेरा लंड पकड़ लिया और आगे पीछे करने लगी. फिर मैं दोबारा उनकी नाभि को चूसने लगा आंटी मेरा सिर उनकी चूत पर ले जा रही थी. उन्होंने कहा “इसे चाटो” लेकिन बड़े-बड़े बालों को देखकर मेरा चाटने का मन नहीं कर रहा था आंटी ये बात समझ गई और उन्होंने कुछ नहीं कहा और मुझे लिटा कर मेरे लंड को अपने मुंह में ले लिया. क्या बताऊं दोस्तों मैं तो जन्नत में था. आंटी बहुत ही अच्छी तरीके से मेरा लौड़ा चूस रही थी ऐसे लग रहा था जैसे मैं स्वर्ग में सो रहा हूं. मुझे यह सब अभी भी स्वप्न लग रहा था.
मम्मी पापा और चाचा दोनों से चुदवाती थी! आंटी लंड चूसने में माहिर थी. फिर आंटी चुदवाने के लिए नीचे लेट गई और मुझे ऊपर आने के लिए कहा मेरा लंड उनके धूक से गीला हो चुका था. मैं फिर से पड़ोसन आंटी के रसीले होंठ चूसने लगा. पड़ोसी दोस्त की विधवा माँ ने चुदाई करवाने के लिए मेरा खड़ा लंड अपने हाथों में पकड़ कर अपनी टाइट चूत के ऊपर रख दिया. आंटी की चूत बिल्कुल गीली हो चुकी थी जो इस और इशारा कर रही थी अब वो मेरे साथ अवैध सेक्स संबंध बनाने के लिए पूरी तरह से गर्म हो चुकी है. मैं धीरे-धीरे मेरे लंड पर दबाव बनाने लगा जिस वजह से मेरा आधा लंड आंटी की चूत के अंदर चला गया. नंगी आंटी की चूत अंदर से बहुत ही ज्यादा गर्म थी. आंटी के साथ चोदा चादी करने के दौरान मुझे ऐसा लग रहा था मानो जैसे मैंने किसी तपती भट्टी में अपना लंड दे दिया हो.
चोदा चादी करने के दौरान मैं धीरे-धीरे अपने लौड़े पर और ज्यादा दबाव बढ़ाने लगा और नंगी आंटी अपनी दोनों आँखे बंद करके बहुत ही मादक सिसकारी लेने लगी. उन्होंने बिल्कुल ही मुझे जकड़ लिया और मेरी पीठ पर नाखून चुभाने लगी. मै तेजी से लंड आगे पीछे करने लगा. इतने में ही मुझे लगा कि मेरा निकल जाएगा इससे पहले कि मैं कुछ सोचता मेरा वीर्य आंटी की चूत के अंदर ही निकल गया और मै आंटी के ऊपर ही लेट गया. आंटी समझ चुकी थी मेरा पहली बार है इसलिए जल्दी निकल गया उन्होंने कुछ नहीं कहा और मेरे सिर को चूम लिया. मैंने अपनी आँखे बंद कर रखी थी आंटी फिर से मेरे होंठ चूसने लगी और एक हाथ से मेरा लौड़ा भी आगे पीछे करके मेरी मुठ मारने लगी.
मै भी कामुकता से भरी विधवा आंटी का पूरा पूरा साथ देने लगा जिस वजह से कुछ ही देर में मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया. मैंने पोर्न फिल्मों और हिंदी सेक्स स्टोरी में कामसूत्र की डॉगी स्टाइल सेक्स पोजीशन के बारे में देखा और पढ़ा था जब मैंने आंटी को इसके बारे में मत आ गया तो वो हँसने लगी और चुपचाप कुत्तिया बन गई मैंने पीछे से आकर उनकी चूत में अपना लंड दिया और उनकी गद्देदार गांड को पकड़ कर धक्के लगाने लगा. विधवा आंटी के साथ चोदा चादी करने में मुझे असीम आनंद की प्राप्ति हो रही थी. क्योंकि हम छत पर थे और गद्दा ज्यादा मोटा नहीं था जिसके कारण आंटी के घुटने दर्द करने लगे तो वह नीचे लेट गई.
अब एक बार फिर हम कामसूत्र की मिशनरी सेक्स पोजीशन में चोदा चादी करने लगे. इस बार मै धीरे धीरे धक्के लगा रहा था और कामुकता से भरी विधवा पड़ोसन आंटी अपनी चुदाई करवाते करवाते बहुत ही कामुक सिसकारियां भर रही थी. उनके मुँह से आ आ आह की धीमी धीमी आवाज आ रही थी. आंटी ज्यादा आवाज भी नहीं कर सकती थी क्योंकि काफी रात हो चुकी थी और चारों तरफ सन्नाटा था और यही बिलकुल सही मौका था खुले असमान के निचे चोदा चादी करने का. कभी मैं नंगी विधवा आंटी के रसीले होंठ चूसता तो कभी उनकी गर्दन चूसता. कामुकता से भरी विधवा पड़ोसन आंटी भी अपने नाखून मेरी पिठ मे चुभा रही थी जिससे मुझे मिठा मिठा दर्द हो रहा था.
कुछ देर तक नंगी पड़ोसन आंटी के साथ चोदा चादी करने के बाद अब विधवा पड़ोसन आंटी की पकड़ मजबूत हो गई और वह भी तेजी से नीचे से धक्के लगाने लगी यह देखकर मुझे भी जोश आ गया और मैं भी धका धक धक्के लगाने लगा फिर आंटी का गरमा गरम पानी निकल गया जिसकी गर्मी मेरा लंड भी बर्दाश्त नहीं कर सका और मेरा लावा भी उनकी चूत के अंदर फुट पड़ा और मैंने मेरा सारा का सारा वीर्य मेरे दोस्त की विधवा माँ की चूत के अंदर खाली कर दिया. अब चोदा चादी ख़त्म करने के बाद हम दोनों जल्दी से अपने अपने कपड़े पहने और मै अपनी छत पर आकर सो गया. दोस्तों उस दिन पहली बार मैंने ब्लू फिल्म देखकर छत पर अपने पड़ोस में रहने वाले दोस्त की विधवा माँ को चोदा था और अपनी हवस शांत करी थी.
मेरे दोस्त की विधवा माँ को भी मेरे साथ चोदा चादी करके अपनी कामुकता शांत करवाने में बड़ा आनंद आया था. दोस्तों उस दिन का दिन है और आज का दिन है अब मुझे ब्लू फिल्म देखकर मुठ मारने की बिलकुल भी जरुरत नहीं पड़ती है क्योंकि मेरा जब भी चोदा चादी करने का दिल होता है तो मैं मेरे पड़ोस में रहने वाले दोस्त की विधवा माँ को चोदने के लिए उनके घर चला जाता हूँ और फिर हम दोनों मिलकर खूब सेक्स करते हैं. दोस्तों उम्मीद करता हूँ की आप सभी को मेरी हिंदी सेक्स स्टोरी “ब्लू फिल्म देखकर छत पर चोदा दोस्त की विधवा माँ को” बहुत ही ज्यादा पसंद आई होगी.
विधवा माँ