दोस्तों इन्टरनेट पर गन्दी गन्दी हिंदी सेक्स स्टोरी पढ़ पढ़कर और पोर्न फिल्में देख देखकर मेरी बुद्धि भ्रष्ट हो चुकी थी और मेरे अंदर सेक्स करने की तड़प उठने लगी थी, फिर एक दिन जब मैं मेरी नानी के घर था तब मैंने अपनी कामवासना शांत करने के लिए मेरी माँ की उम्र की सेक्सी माल मामी की इज्जत पर हाथ डाल दिया था और मेरी नशीली मामी के बड़े बड़े स्तनों पर भूखे कुत्ते की तरह से टूट पड़ा और जोर जोर से पूरा दम लगाकर उनके मोटे मोटे स्तनों को दबाने लगा था. मगर मेरी माँ समान मामी ने मेरे साथ अवैध सेक्स संबंध बनाने से साफ साफ इंकार कर दिया था और घर में सभी को यह बात बता दी की मैंने उनकी इज्जत पर हाथ डाला है जिस वजह से मैं बुरी तरह बदनाम हो चूका था और मेरी इसी बदनामी ने मेरे लिए वर्जिन बहन की सील पैक चूत का इंतजाम कर दिया था अब ये सब कैसे हुआ निचे हिंदी सेक्स स्टोरी में विस्तार से बताता हूँ…
यह सेक्सी घटना तब की बात है जब मैं 24 साल का था. अश्लील कहानियां पढ़-पढ़कर और पोर्न फिल्में देख-देखकर मेरा दिमाग़ दिन रात सिर्फ़ चूत चुदाई और गांड मारने के गंदे गंदे ख्यालों से भरा रहता था. फिर एक दिन एक हिंदी सेक्स स्टोरी पढ़ी जिसमें एक भांजे ने अपनी कामुकता से भरी मामी की चूत का चबूतरा बना दिया चोद चोदकर और घोड़ी बनाकर गांड भी मारी थी. रिश्तों में ऐसा गलत काम करना सही नहीं है माजर जब जिस्म को भूख लगती है तो फिर बदनामी का कोई डर नहीं होता बस हर हाल में अपनी कामवासना शांत करने की लगती है. दोस्तों ये भी एक इतेफाक था की जिस दिन मैंने मामी और भांजे के अवैध सेक्स संबंध बनाने की हिंदी सेक्स स्टोरी पढ़ी थी उस दिन मैं अपनी नानी के घर ही रुका हुआ था.
मेरी बदनामी ने ही मेरे लिए वर्जिन बहन की सील पैक चूत का इंतजाम करा अन्तर्वासना हिंदी सेक्स स्टोरी
मेरी नानी का घर दो मंज़िल का था जिसमें नीचे नाना-नानी और बड़े मामा-मामी रहते थे और ऊपर वाली मंजिल में मेरी मंझले मामा-मामी रहते थे अपनी जवान और सेक्सी माल बेटी के साथ. दोस्तों मेरी मंझली मामी अपने कॉलेज में बहुत चर्चित थी. मैं गन्दी गन्दी सेक्स स्टोरी पढ़ा करता था तो मुझे लगा शायद उन्हीं चीजों के लिए वो मशहूर थी. चूंकि अब मामी और भांजे की चुदाई वाली हिंदी सेक्स स्टोरी पढ़ने की वजह से अब मैं चुदाई करने के लिए काफी गर्म हो चूका था. मेरी मंझली मामी 45 की उम्र में भी दिखने में बहुत सुन्दर और सेक्सी माल थी इसलिए मेरे दिमाग में अपनी मंझली मामी की चूत चोदने और घोड़ी बनाकर उनकी गांड मारने के गंदे गंदे के ख्य़ाल आने लगे मुझे पकड़े जाने पर बदनामी का भी डर था मगर मैंने मन ही मन सोचा की डर के आगे ही जीत है.
फिर मैंने पकड़े जाने पर होने वाली बदनामी के डर को एक तरफ किया और सोचा कि चलो आज अपनी सुन्दर और सेक्सी माल मामी के उप्पर अपनी किस्मत आज़मायी जाए और उनके साथ अवैध सेक्स संबंध बनाकर अपनी हवस शांत करी जाये. फिर मैं अपनी हवस शांत करने के लिए नानी के घर की उप्पर वाली मंजिल पर उनके पास चला गया. मैंने देखा की घर में मेरी सेक्सी माल मामी बिलकुल अकेली है और उनकी बेटी और मामा घर में नहीं है तो मेरी हिम्मत और ज्यादा बढ़ गयी. मेरी मामी घर की साफ़ सफ़ाई कर रही थीं मुझे देखकर वो पूछने लगीं कि आज इधर का रास्ता कैसे भूल गया भांजे ऐसे तो तू उप्पर बहुत कम आता है आज मेरी याद कैसे आ गयी? कामुक मामी के माथे से बहता पसीना उनकी गर्दन से होते हुए नीचे उनके मोटे – मोटे बूब्स में जा रहा था.
मैंने उनकी बात पर ध्यान भी नहीं दिया और मैं मेरी मंझली मामी को पसीने में भीगी देख मदहोश हो गया. मेरे जवाब नहीं देने पर मेरी मंझली मामी ने फिर से पूछा- ओ मेरे प्यारे भांजे, आज इधर उप्पर मेरे पास कैसे आना हुआ? मैंने हड़बड़ाहट में कह दिया- टीवी देखने आया हूं. वो मुस्कराकर बोली की जा भांजे बेडरूम में बैठ कर देख ले. मैं अंदर बैडरूम में गया और जाकर टीवी चालू की और एक बेकार सी फ़िल्म देखने लगा. थोड़ी देर में वह बेडरूम में झाड़ू लेकर आ गई. झाड़ू लगाते वक़्त वो झुक कर घोड़ी बनी हुई थी. उनके दूध से भरे बड़े बड़े स्तनों की रेखा उनके कुर्ते का गला बड़ा होने के कारण अंदर तक बिलकुल साफ साफ दिखाई दे रही थी.
मैंने बदनामी के डर को एक तरफ रखा और अपनी हवस शांत करने के लिए हिम्मत करके बिना कुछ कहे मेरी नशीली मामी के बड़े बड़े स्तनों पर भूखे कुत्ते की तरह से टूट पड़ा और जोर जोर से पूरा दम लगाकर उनके मोटे मोटे स्तनों को दबाने लगा. जैसे ही मैंने उनके बूब्स दबा दबाकर उनका दूध निकालने लगा तो वो दर्द के मारे घुस्से में एकदम से चिल्लाई- आह्ह उई माँ… ये क्या कर रहा है भांजे आउच ऐसा मत कर मैं तेरी माँ जैसी हूँ..!! मगर मैं मेरी नशीली मामी की चुदाई करने की आग में जल रहा था इस लिए मैंने बदनामी की परवाह नहीं करी और और अपनी मामी की इज्जत लुटने का प्रयास करने लगा. मैं मेरी नशीली मामी के दूध से भरे बड़े बड़े स्तनों को पकड़ कर जोर जोर से दबाने लगा.
मैंने अपने जीवन काल में पहली बार किसी महिला के स्तनों को स्पर्श करा था और पहली बार ही दबाए थे. किसी महिला के स्तन इतने नर्म और गदरीले होते हैं ये मुझे उस दिन पहली बार पता चला था. मगर मेरा ये कामुक अहसास ज्यादा देर तक टिक नहीं पाया क्योंकि मेरी नशीली मामी ने मुझे झाड़ू से मारना शुरू कर दिया क्योकि वो मेरे साथ अवैध सेक्स संबंध नहीं बनाना चाहती थी. वो कामुक महिला मुझे गाली देते हुए झाड़ू से बुरी तरह पीटने लगी और मुझे गन्दी गन्दी गलियाँ देते हुए बोलने लगी की साले भड़वे, हरामी! अपनी माँ की उम्र की मामी की ही इज्जत पर हाथ डाल रहा है, मैं तेरी हड्डियां तोड़ डालूंगी साले हवस के पूजारी! एक बहुत ज़ोर का झाड़ू का वार मेरी गांड पर पड़ा डर के मारे मैं वहां से मौका देख कर भाग निकला.
दोस्तों अब डर के मारे मेरी गांड फटी पड़ी थी इस लिए अब मैं और नानी के घर में नहीं रुक सकता था इस लिए मैं उसी दिन वहां से अपने घर चला आया. मुझे पता था की अब बहुत बड़ा हंगामा होने वाला है मैंने करी ही ऐसी गिरी हुई हरकत थी अपनी हवस को शांत करने के लिए. फिर अगले दिन मेरी मम्मी को नानी का फोन आया और उन्होंने मेरी माँ को जल्द से जल्द मिलने के लिए बुलाया. मैं समझ गया था कि अब मेरा वारंट निकलने वाला है. फिर मुझसे मेरी माँ ने कहा- चल बेटा मुझे छोड़कर आ तेरी नानी के उन्हें कुछ बहुत जरुरी बात करी है! दोस्तों मेरी तो डर के मारे गांड पहले ही फटी पड़ी थी इस लिए मैंने कह दिया- मुझे मेरे दोस्त के पास जाना है पढाई करने इस लिए आप को बस स्टॉप तक छोड़ देता हूं.
फिर मेरी माँ नानी के घर जाने के लिए तैयार हो गई और फ़िर मेरे दिमाग़ में घर छोड़कर भागने का ख्याल आया क्योकि मैंने काण्ड ही कुछ ऐसा कर दिया था. उन्हें बस स्टॉप पर छोड़ कर दोस्तों से मैंने कुछ रुपए उधार लिए और फिर फरार हो गया. किसी दूसरे शहर में 3-4 दिन गुजारने के बाद मैंने सोचा कि मामला ठंडा हो गया होगा. फिर भी दिल की तसल्ली के लिए इंटरनेट पर अपने शहर का न्यूज़ पेपर ढूंढकर पढ़ने लगा कि कुछ खबर आए मेरे बारे में. आखिरकार 8-10 दिन बाद ख़बर आई. उस अख़बार में मेरे माता और पिताजी की अपील थी कि वापस घर आ जाओ बेटा, कोई कुछ भी सवाल नहीं करेगा. मैं वापस घर आ गया. मैं भी यही चाहता था कि वो लोग मेरे घर पर जाने पर मेरी धुलाई न करें.
एक महीना गुजरने के बाद मैंने सोचा कि पता तो चले कि मेरे पीठ पीछे आख़िर घर में हुआ क्या है? उसके लिए मैंने बड़े भाई से पूछा तो उन्होंने बताया- नाना-नानी के वहां से मम्मी ने हमेशा के लिए रिश्ता तोड़ लिया है. उन्हें यकीन नहीं था कि तूने ऐसा किया है इसलिए माँ उनसे लड़कर आ गई थी. जब तुझे घर पर नहीं देखा तो वो समझ गई कि तूने सच में वैसा ही किया होगा. मैंने पूछा की वैसा? वैसा कैसा किया होगा? भाई बोला- साले कमीने, चुदाई करके अपनी हवस शांत करने के लिए भी तुझे मामी ही मिली थी तुझे पता भी है वो कॉलेज में 4-5 लड़कों को इसी वजह से निकलवा चुकी है. मेरे कू कर्मों की वजहसे से समाज में मेरी बहुत बदनामी हो चुकी थी इस लिए अब मुझे समझ आ गया था की मैंने अपनी कामवासना शांत करने के चक्कर में कितनी बड़ी गलती की थी.
मैंने अपने जिस्म की भूख शांत करने के लिए अपनी माँ की उम्र की मामी की इज्जत लुटने का प्रयास करा था जो माफी के लायक तो बिलकुल भी नहीं था. मैं मेरी माँ के समान मामी की चुदाई करके अपनी कामुकता शांत करने के चक्कर में भरी जवानी में बहुत बुरी तरह से बदनाम हो चुका था. मेरे साथ मेरी मामी भी बहुत बदनाम हो चुकी थी जिनकी इन सब में कोई गलती नहीं थी. रिश्तेदारों और अडोस पड़ोस के लोगों को भी ऐसी बातों में मज़ा ज़्यादा आता है और वो चटखारे लेकर सुनाते हैं और हमारी बदनामी करते फिरते हैं. काफी ज्यादा बदनामी हो जाने की वजह से मैं अधिकतर वक्त घर में रहने लगा था दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलना जुलना बिलकुल बंद कर दिया था. फिर कुछ दिनों के बाद मेरे मोबाइल फोन पर एक नये नंबर से मिसकॉल आयी हुई थी.
मैंने पहले तो इग्नोर किया लेकिन जब 2-3 बार हुआ तो मुझे कुछ गड़बड़ लगी. मैंने ट्रूकॉलर ऐप्लिकेशन के माध्यम से पता करने की कोशिश करी कि वो मोबाइल नंबर किसका है तो मुझे पता चला की वो मोबाइल नंबर मेरी उन ही मामी की बेटी का था जिनकी इज्जत पर अभी कुछ दिन पहले मैंने हाथ डाला था और इसी वजह से समाज में मेरी बहुत बदनामी हो चुकी थी. मेरे मामा मामी की इकलौती बेटी का नाम शिल्पा था और उसकी उम्र मात्र 18 साल थी. अब उसके उप्पर भी जवानी चढ़ने लगी थी और वो अपनी चुदास शांत करने के लिए कोई प्यासा मर्द तलाश रही थी जो उसकी नजरों में मैं था. वो दिखने में बिलकुल अपनी माँ पर गयी है. वो भी अपनी माँ की तरह ही चोदने लायक एक दम कड़क माल थी और अब वो मेरा अगला शिकार थी.
शिल्पा भी दिखने में बहुत सुन्दर और सेक्सी माल है. वो मेरे मामा और मामी की इकलौती बेटी थी और रिश्ते में मेरी बहन थी मगर दोस्तों जब मैंने मेरी माँ की उम्र की मामी को ही नहीं छोड़ा था और उनकी चुदाई करने की नाकाम कोशिश करी थी तो फिर मेरी ममेरी बहन की इज्जत पर हाथ डालना मेरे लिए कौनसी बड़ी बात थी. अब अपनी वर्जिन बहन की सील पैक चूत की चुदाई करने की इच्छा एक बार फ़िर से मेरे मन में हिलौरें मारने लगी थी मगर अब समस्या ये थी कि नानी के घर जा नहीं सकता था क्योकि मम्मी ने मेरी गलत हरकत की वजह से अपने पीहर से रिश्ता तोड़ रखा था. फिर मैंने सोचा कि एक बार शिल्पा से बात तो करके देखूं की वो कॉल क्यों कर रही है! सारी हिम्मत इकट्ठा करके मैंने शिल्पा के मोबाइल फोन पर कॉल लगाया मगर उसने मेरा कॉल उठाया ही नहीं.
फिर करीब एक घंटे के बाद बाद ‘हाय’ का मैसेज आया और अब मैं समझ चूका था की वो मेरे अंदर रूचि ले रही है. दोस्तों मेरी बदनामी ने ही मेरे लिए वर्जिन बहन की सील पैक चूत का इंतजाम कर दिया था. मगर दोस्तों अब समस्या नानी के साथ बिगड़े हुए सम्बन्ध की थी जिसे अब सुधारना बहुत जरुरी हो गया था. मुझे पता था समय के साथ सब सही हो जाता है तो मैंने थोड़ी हिम्मत करी और फिर मैं अपना रूआंसा मुंह लेकर मेरी भोली भाली मम्मी के पास गया. मैंने मेरी माँ से माफ़ी मांगी और उन्हें चूतिया बनाने के लिए थोड़ा रोने धोने की नौटंकी भी की. वो भी मेरे साथ रोने लगीं. फ़िर मैंने कहा कि मैं सबसे माफ़ी मांगने के लिए तैयार हूं. फिर एक दिन मैं नानी के घर गया और मैंने मेरे मामा और मामी से माफी मांगी और उनसे बोला की मैं अपने किये पर बहुत शर्मिंदा हूँ मुझसे जवानी में गलती हो गयी, बाद में मुझे अपने किये पर बहुत पछतावा हुआ.
मेरी नौटंकी पर विश्वास करने के बाद उन्होंने मेरी गलती को माफ तो कर दिया मगर साथ ही एक शर्त भी रख दी. उन्होंने कहा- मुझे छोड़कर बाकी सब लोग पहले की तरह नानी के घर आ-जा सकते हैं. अब शिल्पा और मेरे बिच बातें होने लगी. मेरी जवान और सेक्सी माल बहन के रसीले बूब्स के नाप से लेकर उसकी गंड की चौड़ाई तक मुझे याद हो चुकी थी. एक दिन मेरी मम्मी और बड़े भाई तथा भाभी सब नानी के घर दावत के लिए गए. मैं घर पर अकेला था. मैंने और शिल्पा ने अवैध सेक्स संबंध बनाने का प्लान बना लिया. उसने घर पर सहेली के घर जाने का बहाना बना दिया. फिर मैं सीधा शिल्पा को उसके घर के पास लेने चला गया. वो पीले रंग की कुर्ती और सफेद सलवार में थी. फिर मैंने उसे अपनी गाड़ी पर बिठाया और चोदने के लिए अपने घर ले आया.
मेरे घर अपनी सील पैक चूत को चुदवाने आई मेरी कामवासना से भरी वर्जिन बहन को मैंने घर के पीछे वाले दरवाज़े से अंदर आने को कहा. जब मैं घर के अंदर आया तो देखा मेरे पापा घर पर जल्दी आ चुके थे. पापा जी को घर में देखते ही मेरे पैरों तले जमीन खिसक गयी आज एक बार फिर से मेरे सारे अरमानों पर पानी फिर गया था. मैंने भी सोच लिया था कि आज पहली बार अपनी वर्जिन बहन की सील पैक चूत मिलने जा रही है चुदाई करने के लिए तो मैं आज पीछे नहीं हटने वाला. मेरे पापा ने मुझे किचन में जाकर खाना खाने के लिए कहा. घर का पिछला दरवाज़ा किचन के करीब ही खुलता है. शिल्पा चेहरे पर रूमाल बांधे हुए थी इसलिए पहचाने जाने का डर नहीं था. उसके दरवाज़ा खोलने से पहले ही मैं दरवाजे पर आ गया. उंगली से मैंने उसे खामोश रहने का इशारा किया उसे और अंदर लेकर सीधे किचन में ले गया.
वहां जाते ही उस वर्जिन लड़की ने मेरे शैतानी लंड को अपने हाथ में पकड़ लिया. वो पहले से ही तना हुआ था. उसने धीरे से मेरे कान में कहा- आज तो इसकी लॉटरी लग गयी. मैंने किसी तरह अपनी हंसी काबू में की और उसका रूमाल हटाया और उसे किस करने के लिए आगे बढा़. इससे पहले कि उसे किस करता मेरे हाथ पैर कांप रहे थे और उसके भी!उसकी छाती मेरी छाती से सटी हुई थी. तभी उसने मेरा दम दार लौड़ा छोड़कर अपने हाथों से अपना चेहरा छुपा लिया. मैंने अपने दोनों हाथों से उसके दोनों हाथ उसके चेहरे से हटा दिए. वो आंखें मींचे मेरे सामने खड़ी थी की तभी मुझे मेरे पापा के पैरों की आहट सुनाई दी. उसे मैंने फौरन दरवाज़े के पीछे कर दिया. पापा ने आकर कहा- खाना खाकर फ्रिज में रख देना बेटा मैं तेरी नानी के घर जा रहा हूँ रात को देरी से आयंगे हम सभी इस लिए रात का खाना जोमैटो से ऑनलाइन ऑर्डर करके मंगवा लेना.
मैंने जवाब में कहा- ठीक है पापा! जैसे ही वो घर से निकले मैंने जाकर पहले दरवाज़ा अंदर से बन्द किया और वापस उसके पास किचन में आ गया. अब उसकी शर्म और झिझक थोड़ी कम हुई. मैं भी अब थोड़ा बेसब्र सा हो रहा था क्योंकि अब घर में हम दोनों के सिवाय कोई नहीं था. मैंने मेरी वर्जिन बहन से कहा की तुम भी मेरे साथ खाना का लो फिर हम दोनों ने साथ में बैठकर खाना खाया. खाना खाने के बाद मैंने मेरी वर्जिन बहन को फिर से अपनी बांहों में भर लिया. उसके दोनों हाथ मेरी पीठ पर थे. उसने वहां से हाथ हटाकर मेरे गालों पर रखे और मेरा चेहरा अपने चेहरे के पास खींचकर मुझे मेरे जीवन का पहला चुम्बन दिया. शिल्पा के शरबती होंठ बहुत ही नर्म थे. इससे पहले मैं किसी महिला के शरीर का सबसे नर्म अंग बूब्स को समझता था.
आज मैं समझ गया था कि जीवन में मेरे और भी भ्रम टूटना बाकी हैं. उसने मुझे किस करते समय मेरे ऊपर और नीचे के दोनों होंठ अपने मुंह में भर लिए थे और उन्हें पूरी ताकत से चूस रही थी. शुरू में हल्का दर्द हुआ मगर बाद में दुनिया का एक ऐसा अहसास हुआ जो पता भी नहीं था कि क्या होता है. फिर मेरे होंठ ढीले कर उसने अपने दाएं हाथ की उंगली और अंगूठे से मेरे गाल दबाए. मैं समझ गया और मैंने अपना मुंह खोल दिया. फिर उसने अपने दोनों होंठ मेरे मुंह में घुसा दिए और अपनी ज़बान मेरे मुंह में डाल दी. मैंने भी अपनी ज़बान ऊपर उठाकर उसकी ज़बान पर रख दी. कभी वो मेरी ज़बान को चूसती, कभी उस पर अपनी ज़बान फिराती. बताने की ज़रूरत नहीं कि मैं पागलों की तरह मेरी जवान और सेक्सी माल बहन के रसीले बूब्स दबा रहा था.
जब भी मेरी वर्जिन बहन मेरी जीभ चूसती मैं उसके रसीले बूब्स ज़ोर से दबाता. जितना ज़ोर से वो चूसती, उतनी ज़ोर से मैं ही मैं मेरी वर्जिन बहन के रसीले बूब्स दबाता. जब वो ज़बान ढीली करती तो मैं भी अपनी पकड़ ढीली करता. 5-6 मिनट ये चुम्बन चला; उसके बाद वो थोड़ा पीछे हटी. मैं समझ गया कि अब क्या करना है. उसने पीले रंग की शॉर्ट कुर्ती पहनी हुई थी, मैंने फ़ौरन उसे उतार दिया. शुरू में उसे थोड़ा असहज लगा लेकिन वह इतनी गर्म हो चुकी थी कि उसे खुद को कंट्रोल करना मुश्किल हो गया. मैंने अपनी टी शर्ट उतारी तो वो मुझसे आकर चिपक गई. जिस्म की गर्मी किसे कहते हैं ये भी मुझे पहली बार पता चला. मैंने मेरी कामुकता से भरी बहन की ब्रा के हुक खोल दिए और दोनों कंधों से उसके स्ट्रैप निकाल दिए.
अभी वह मुझसे चिपकी हुई थी इसलिए उसकी ब्रा नीचे नहीं गिरी. मैंने उसके दोनों हाथ पकड़कर उसे पीछे हटाया ताकि मैं उस वर्जिन लड़की के बड़े बड़े स्तनों को जी भरकर निहार सकूँ. मेरी वर्जिन बहन के रसीले बूब्स बिलकुल उसकी माँ माँ के स्तनों के जैसे ही बड़े बड़े थे और बिलकुल तने हुए थे. कामवासना से भरी उस वर्जिन लड़की ने मेरे साथ अवैध सेक्स संबंध बनाने के लिए जल्दी से मेरी बेल्ट खोलकर पैंट उतार दी. मेरी अंडरवियर में तना हुआ मेरा दम दार लौड़ा देखकर वो मुस्करा रही थी. अब तक उसकी सारी झिझक मिट चुकी थी. मैंने उससे पूछा- कभी देखा है किसी को चुदाई करते हुए ? उसने कहा की हाँ चुदाई होते हुए तो कई बार देखी हैं ब्लू फिल्मों में. फिर मैं उससे बोला की अरे पागल लड़की मैं पोर्न फिल्मों की नहीं बल्कि असल जिंदगी की बात कर रहा हूं.
फिर मैंने मेरी वर्जिन बहन से कहा की तुझे पता तो है ना क्या करना है?उसने अपनी उतरी हुई कुर्ती नीचे से उठायी और फोल्ड करके मेरी आंखों पर बांध दी. मुझे पता चल गया कि आज या तो मेरी ज़िन्दगी का बेहतरीन दिन है या मेरा मानवता से विश्वास उठने वाला है. वैसे उत्तेजना इतनी थी कि ज़्यादा सोच भी नहीं रहा था मैं! फ़िर उसने मेरा हाथ पकड़ा और हॉल में ले जाकर मुझे सोफे पर बिठा दिया. अब अपनी सलवार को उतारकर मेरे दोनों हाथ मेरी पीठ पर बांध दिये. फिर कामवासना की आग में जल रही मेरी वर्जिन बहन मेरा मुंह खोलकर उसमें अपने रसीले स्तनों को एक एक करके डालते हुए चुसवाने लगी और मैं किसी छोटे बच्चे की तरह उसके उसके मोटे मोटे स्तनों को चूसने लगा.
उस वर्जिन लड़की ने मेरा मुंह अपने सीने में दबा कर रख रखा था. मैंने मेरी जवान और सेक्सी माल बहन के रसीले बूब्स पर काटना शुरू किया. मुझे लगा कि वह हटा देगी लेकिन जैसे ही मैं काटता, वो मुझे और जोर से अपने सीने से दबाने लगती. थोड़ी देर बाद वो मेरे ऊपर से हटी और धीरे से मेरी अंडरवियर खींचकर उतारने लगी. मेरे हाथ बंधे थे इसलिए उसकी ज़्यादा हेल्प नहीं कर सकता था. वैसे भी जब वो खुद सब कुछ कर रही थी तो और भी मज़ा आ रहा था. खड़े लंड के कारण उसे खींचकर उतारने में थोड़ी परेशानी हो रही थी. फिर उसने चड्डी में हाथ डाल कर लंड को खींचकर बाहर निकालना चाहा. उसने ये थोड़ी ज़ोर से किया जिसकी वजह से मेरे मुंह से आह … निकल गई.
ब्लोजॉब करते करते मेरी वर्जिन बहन मुझसे पूछने लगी की भाई ज़्यादा हार्ड तो नहीं हो रहा ना??? मैंने कहा- “मुझे और ज़्यादा हार्ड पसंद है. बस फिर क्या था … टेबल पर पड़ी कैंची उठाकर उस कुतिया ने मेरा अंडरवियर ही काट डाला. मैं उस वर्जिन लड़की की सेक्स करने के लिए उत्सुकता देखकर बहुत खुश था कि पहली बार की चुदाई में ही इतना आनंद मिलने वाला है और सील पैक वर्जिन चूत की चुदाई करने को मिल रही है सो अलग. मैं पहले ही जानता था कि उसने पोर्न फिल्में देख रखी हैं इसलिए कुछ बताना ही नहीं पड़ेगा. मगर उसकी हरकतें देखकर तो लग रहा था कि मुझसे भी ज़्यादा पोर्न देखी हैं उसने.
फिर उस वर्जिन लड़की ने अंडरवियर हटाकर मेरे पैर फैलाए और घुटनों से पकड़ कर मेरे पैर उपर उठाए जैसे वो कोई लड़का हो और मेरी गान्ड मारने वाला हो. मगर उसने जो किया वह एक बिल्कुल ही अनोखा अनुभव था. एक हाथ से वो मेरे आण्डों को मसल रही थी. मुझे थोड़ा दर्द हो रहा था लेकिन मज़ा आ रहा था. दूसरे हाथ से वो मेरे तने हुए लंड को टोपे से जड़ की तरफ खींच रही थी. अंडकोषों में हो रहे दर्द और लंड में हो रही मीठी सी खुजली में मैं बहुत ही अनोखा मज़ा पा रहा था. मगर अभी इसे और आगे बढ़ना था. उसने दोनों हाथों में मेरे अंडे पकड़े और मेरा लौड़ा अपने मुंह में ले लिया. शुरू में सिर्फ टोपा मुंह में ले रही थी.
मैंने मेरी वर्जिन ममेरी बहन से बोला की पूरा लंड अपने मुंह में भर छिनाल! यह सुनकर उसने लंड पर दांत गड़ा दिए. एक पल के लिए मैं डर गया … वो क्या कर रही है मुझे नहीं पता था. उसने कहा- पहली बार है, थोड़ा मुश्किल होता है भड़वे! पता नहीं क्यों मगर उसके मुंह से गाली सुनना बड़ा अच्छा लग रहा था. फिर धीरे धीरे वह मेरा लंड मुंह में ज़्यादा अंदर तक लेने लगी. उसके मुंह की नर्मी और गर्मी मेरे लंड को और मुझे मदमस्त कर चुकी थी. मेरी सिसकारियां फूटने लगीं- आह्ह … चूस मेरे लौड़े को, आज मिला है तो छोड़ना मत मादरचोद. ये सुन कर उसे और जोश आ गया. फिर उसने अपने मुंह में मेरे लंड को कसकर चूसना शुरू किया. मुझे लगा आज तो शरीर से आत्मा भी चली जाए तो गम नहीं.
8-10 बार कसकर ऊपर नीचे करने के बाद मैंने उसे रोक दिया कि कहीं मैं मुंह में न छोड़ दूं क्योंकि ब्लोजॉब के दौरान वह इतनी ज़्यादा ताक़त लगाकर मेरा लंड चूस रही थी. फिर आया वर्जिन बहन की सील पैक चूत में लंड पेलने का लम्हा जिसका मुझे बहुत ही ज्यादा बेसब्री से इंतजार था. उसने कहा की भाई चुदाई बाथरूम में करेंगे. वह मेरा दम दार लौड़ा पकड़कर मुझे बाथरूम में खींच कर ले गई. साथ में दूसरे हाथ से एक कुर्सी भी उठा ली. मेरे हाथ और आंखें दोनों ही बंधे थे. मुझे बाथरूम में ले जाकर लेट्रिंग करने वाली सीट पर बिठाया और अपना मुँह मेरी तरफ करके मेरे दोनों पैर चौड़े करके वह मेरे पैरों के बीच मेरे लंड पर अपनी सील पैक चूत टिकाते हुए बैठने लगी. अपना एक बूब उसने मेरे मुंह में दे दिया. फिर शॉवर चालू कर दिया. पसीने से तर-बतर बदन पर जैसे ही शॉवर का ठंडा पानी गिरा तो मेरे बदन में झुरझुरी सी होने लगी.
अब मेरी वर्जिन बहन मेरा खड़ा लंड धीरे से अपनी सील पैक चूत के अंदर डालने की कोशिश करने लगी. मगर शायद आज पहली बार था इसलिए उसकी सील पैक वर्जिन चूत कुछ ज्यादा ही टाइट थी जिस वजह से मेरा लंड उसकी सील पैक चूत में ज़्यादा अंदर तक नहीं जा सका. सिर्फ मेरे लंबे मोटे लंड का टोपा ही सील पैक चूत में घुसा था तो उसकी आह … निकली और कुछ पल के लिए उसने अपनी सांस रोक ली. फिर लंड को चूत से वापस बाहर निकाला और बहुत सारा थूक लगाने के बाद एक बार फिर से मेरा खड़ा लंड अपनी सील पैक टाइट चूत के अंदर लिया. अबकी बार मेरा लंड पिछली बार से थोड़ा सा ज़्यादा अंदर गया मेरी वर्जिन बहन की टाइट चूत में. इस बार मैंने एक झटका दे दिया जिससे और ज़्यादा अंदर चला गया. इस अचानक हुए हमले के लिए वह तैयार नहीं थी. एकदम से उसके मुंह से आह्ह … करके एक हल्की चीख निकली.
वो कामुकता से भरी कुंवारी लड़की अपना संतुलन खोकर गिरने लगी तो उसने मुझे कसकर पकड़ लिया. मैं समझ गया कि अब रास्ता खुल गया है इस वर्जिन लड़की की सील पैक टाइट चूत का. उसने मुझे लगभग 20 सेकेंड तक कसकर पकड़े रखा. फिर वह धीरे धीरे ऊपर-नीचे होने लगी. हम दोनों के बीच गिरता पानी और लंड का चूत के अंदर-बाहर होना कुछ ज़्यादा ही आवाज़ कर रहा था. पूरा बाथरूम फच फच और पट पट की आवाज़ों से गूंज रहा था. चुदाई की रेल गाड़ी चल पड़ी थी और अह्ह … अह्ह… उई माँ… की तेज आवाज आ रही थी मगर चिंता की कोई बात नहीं थी क्योकि घर में हम भाई बहन के आलावा और कोई नहीं था. जब लंड पूरी तरह चूत में समाता है तब समझ आता है कि क्यों सारी दुनिया इस छेद के पीछे पागल है. मैंने उससे कहा कि आंखों से पट्टी हटाने दे लेकिन उसने मना कर दिया.
थोड़ी देर बाद वो मुझ पर से उठी और मेरी तरफ पीठ करके चुदने लगी. अब मेरी जवान और सेक्सी माल बहन के रसीले बूब्स मुझसे दूर थे और हाथ बंधे होने के कारण मैं उन्हें पकड़ भी नहीं सकता था. शॉवर से पानी हमारे ऊपर गिर रहा था. अब वो सीधा लंड और चूत के मिलन वाली जगह पर गिर रहा था. ठंडा और गर्म का एक साथ मिलने वाला अहसास अनोखा था. वो सिसकारियां और आहें भर भरकर मेरे लंड पर लगातार उछल उछल कर लंड सवारी कर रही थी. जब वो थक जाती तो मैं भी बीच-बीच में उछल कर उसे चोद रहा था. थोड़ी देर में हम दोनों ने अपना पानी छोड़ दिया. उसके बाद वो मुझ पर पूरी तरह से टिक कर बैठ गई.
तकरीबन 10 मिनट ऐसे ही बैठे रहने के बाद वो उठ कर बाहर आ गई. मुझे कुछ समझ नहीं आया कि उसने ऐसा क्यों किया. फिर मैंने जैसे तैसे अपने हाथ खोले और आँखों से भी पट्टी हटाई. शॉवर लेकर बाहर आया तो देखा कि वो सिर्फ सलवार में सोफे पर टॉपलेस लेटी हुई थी. शायद वो सो भी गई थी. किसी इंसान की सच्ची सुंदरता देखनी हो तो उसे सोता हुआ देखना चाहिए. मेरी जवान और सेक्सी माल बहन के रसीले बूब्स सूजे हुए दिख रहे थे. शायद पहली बार ये हुआ था. मैंने सोचा उसे उठाकर कुछ पूछा जाए. मगर इस पल को पता नहीं क्यों मैं खराब नहीं करना चाहता था इसलिए मैंने उसे ऐसे ही सोने दिया.
तकरीबन 2 घंटे सोने के बाद वो उठी तो उसने देखा कि मैं उसके सिरहाने बैठा उसे निहार रहा था. मुझे देख कर वो मुस्करा दी. वो बोली- तुमने खाना खाया? मैंने अपनी उंगली उसकी निप्पल पर रखकर कह दिया- हां! वह ज़ोर से हंसी और बोली की तुम सच में पागल हो. फिर वो उठी और खुद किचन में जाकर मेरे लिए खाना गर्म करके लायी. मेरी ममेरी बहन ने शरारती अंदाज़ में कहा की भाई खाना वक़्त पर खाना अब से, तुम्हें ताक़त की जरूरत पड़ती रहेगी मेरे जिस्म की भूख शांत करने के लिए. मैंने पूछा मेरी बहन से पूछा की कुछ कमी थी क्या मेरे चुदाई करने के अंदाज में? मेरी बहन ने शरमाते शरमाते मुझसे कहा की भाई तुम्हारा पानी निकालने में शॉवर में भी पसीने छूट गए मेरी सील पैक चूत फटकार भोसड़ा बन गयी मगर तुम्हारा पानी जल्दी से नहीं निकलवा पायी.
मैं धीरे से मुस्कराया और अपनी सेक्स पॉवर की बढाई सुनकर मन ही मन खुश भी बहुत हुआ. मैंने खाना खाते समय उससे पूछा कि चुदाई करते वक्त पट्टी क्यों नहीं खोलने दी? तब उसने उसकी वजह बताई की आज उसने पहली बार अपनी सील पैक वर्जिन चूत की चुदाई करवाई है और इस वजह से उसे बड़ी शर्म आ रही थी. दोस्तों अब हम भाई बहन के बिच वाही रिश्ता बन चूका है जो एक पति और पत्नी के बिच होता है. हम दोनों आये तिन मौका पाकर ओयो होटल में अवैध सेक्स संबंध बनाते है और एक दुसरे के जिस्म की जरुरत पूरी करते रहते हैं. दोस्तों उम्मीद करता हूँ की आप सभी को मेरी अन्तर्वासना हिंदी सेक्स स्टोरी “मेरी बदनामी ने ही मेरे लिए वर्जिन बहन की सील पैक चूत का इंतजाम करा” बहुत पसंद आयी होगी…