मैनेजर का लंड चाट कर चूत मरवाई – ऑफिस सेक्स स्टोरीज
मैनेजर का लंड चाट कर चूत मरवाई – ऑफिस सेक्स स्टोरीज Office sex stories
मैनेजर का लंड चाट कर चूत मरवाई – ऑफिस सेक्स स्टोरीज Office sex stories : मैं एक सेक्सी लडकी हु मेरा चरित्र अच्छा नहीं है में एक चुदक्कड़ किस्म की लड़की हु यह कहानी तब की है जब में हास्पिटल में काम करती थी.. उसके मैनेजर का नाम राजेश शर्मा था.. वो एक मस्त खाता- पीता इंसान था और प्रत्येक रात को किसी न किसी नर्स के बोबो को मसलता था और रात में किसी ना किसी नर्स की गांड मारता था ।
मेरी भी दिली ख्वाइश थी कि मैं भी एक बार उसके नीचे बिछ जाऊँ और मैंने उसके लण्ड की जो तारीफ सुनी है.. उसके दीदार करूँ।लेकिन वो साला रंडीबाज भडवा मेरा मूत मुझे भाव नहीं देता था। एक दिन की बात है.. मैं थोड़ी परेशान थी। पैसेज में से जा रही थी.. अचानक सामने से मैनेजर राजेशजी आते हुए दिखे। मेरी नजर आचानक उनके लोडे पर गयी फिर मेरे जेहन में एक विचार आया कि चलो आज इनको बुला ही लेते हैं.. देखें तो लड़कियाँ इनके नीचे सोने के लिए इतनी लालायित क्यों रहती हैं।
मैं थोड़ा रुक गई और उनकी पैन्ट की जिप की तरफ देखने लगी, वह कुछ उभरा-उभरा सा लग रहा था, अभी-अभी शायद प्रभा की चूत मार के आ रहा था। प्रभा थी भी बड़ी सेक्सी लड़की… बहुत बड़ी चुदक्कड़ थी साली… चुदने के मामले में एक नंबर की चुदैल थी। किसी भी आसन से चोदो.. हमेशा तैयार रहती थी। चूत.. गाण्ड.. मुँह.. कुछ भी चोद लो.. उसे कुछ भी चलता था।
कई बार तो तीन-तीन को एक साथ ले लेती थी, ग्रुप सेक्स में उसका बड़ा इंट्रेस्ट था। वो खुद ही कहती थी कि तीन जब एकदम ऊपर चढ़ते हैं ना.. तो सारी खुजली एकदम मिट जाती है। आज तो मेरी चांदी ही चांदी थी, राजेशजी सीधे मेरी तरफ ही देख रहे थे, मेरा पल्लू मेरे कंधे पर रुकने को तैयार ही नहीं था, मेरे दो कबूतर जैसे मसले जाने के लिए लालायित थे। नीचे का चीरा लगा पाव जैसे खोदे जाने के लिए उत्सुक था।
‘क्यों रे रानी.. आज कोई काम नहीं है क्या..?’ राजेशजी ने पूछा।
‘हाँ.. बस जा रही हूँ.. आज थोड़ी लेट हो गई।’
‘क्यों कहाँ गई थी?’
‘मेरी मौसी के यहाँ..’
‘अच्छा फिर..??’
मैं मन ही मन सोचने लगी कि कह दूँ कि मौसी के यहाँ से तुझसे चुदने के आ गई हूँ.. पर नहीं बोल सकी।
राजेशजी ने मेरी तरफ देखा और एक आँख थोड़ी दबाकर बोले- मेरे केबिन में चलो.. थोड़ा ‘काम’ है तुमसे..।
मैं समझ गई कि शर्मा आज मेरा नंबर लगाने वाला है। हाय… आज तो मेरी चूत की लॉटरी लगने वाली थी। राजेशजी ने कह कर मेरा हौसला और भी बढ़ा दिया था।
मैं झटपट बाथरूम में घुसी ‘हाँ बस अभी आती हूँ.. बाथरूम जाकर..’ यह कहकर मैं बाथरूम भागी।
वहाँ अपनी पैंटी निकाल कर मैंने मेरी नीचे की धोई, साबुन लगाकर मैंने उसे साफ़ किया, मेरे पास लेडीज रेजर था.. मैंने झांटों पर रेजर फिराया। पावडर वगैरह लगाकर मैंने चेहरा दर्शनीय बनाया। ब्रा उतार कर मैंने अपने पर्स में रख दी.. ताकि मेरे चूचों को दबाते समय राजेशजी को तकलीफ ना हो।
अपनी कमर लचकाती हुए मैं राजेशजी के केबिन की तरफ जाने लगी। बीच में मुझे प्रभा मिली.. उसने मेरी तरफ देखा तो उसे खुद ही पता चल गया कि आज अब मेरी बारी है।
‘बेस्ट ऑफ़ लक’ कह कर वह हँसते हुए चली गई।
मेरी चूत में आज बड़ी खुजली हो रही थी। चूत पनिया जाना कैसे होता है.. ये मुझे आज मालूम पड़ रहा था।
राजेशजी के कमरे की तरफ जाते हुए मेरी चूत में खलबली मची हुई थी।
क्या करेगा आज वो?
क्या सीधे-सीधे मुझे चोदेगा या फिर मेरी ऐसी की तैसी करेगा?
उसका लण्ड कैसा होगा?
क्या मेरी भूख को शांत कर पाएगा?
सवालों पर सवाल मेरे मन में घुमड़ते जा रहे थे।
अब तक आपने पढ़ा..
शर्मा बोला- साली छिनाल.. रांड.. लौड़े का माल.. चल तेरी गाण्ड और चूत एक साथ ही मारूँगा।
मेरी समझ में ही नहीं आ रहा था कि ये दोनों एकदम कैसे मारेगा?
‘कैसे?’ मैंने पूछा..
तो वो हँस दिया- देख मेरे लण्ड का जादू..
अब आगे..
‘बाप रे.. मतलब एक साथ दोनों छेद खोदेगा..?’
‘हाँ साली.. तेरी पूरी भूख मिटाता हूँ आज।’ मैनेजर का लंड चाट कर चूत मरवाई – ऑफिस सेक्स स्टोरीज Office sex stories , xxx stories , hindi sex stories , porn stories , chudai ke kahani , चुदाई की कहाँनी , गांड मारने की कहानी , सेक्स स्टोरीज , फ्री हिंदी सेक्स स्टोरीज , हिंदी में सेक्स की कहानी
आज मेरी चूत की बखिया उधड़ने वाली थी… हाय क्या सीन था.. साला पूरा चुदक्कड़ था और चूत का भूखा था।
‘साले चुदक्कड़ तेरा लण्ड हारता है या मेरी चूत.. ये आज मुझे देखना है।’ मैंने मन ही मन ये कहते हुए उसके लण्ड को मेरी तरफ खींचा.. मेरे खींचने से लण्ड ने चूत में लैंड किया तो सही.. लेकिन साले ने मेरी गाण्ड में वो डिल्डो पेल दिया।
‘हाय मर गई रे मादरचोद.. गाण्ड फाड़ दी मेरी..’
ऐसा कहते हुए मैंने मेरी गाण्ड हिलाना शुरू किया।
‘आह.. इस्स्स्स स्स्स्स.. मर गई.. निकाल निकाल.. फाड़ डाला रे.. मेरी गाण्ड.. गई.. बाप रे..’ मेरी आँखों में आँसू आ गए.. लेकिन वो कमीना नहीं रुका, बस अन्दर डालते ही जा रहा था।
मेरे दोनों छेदों में जैसे अंगारे भर दिए थे उसने। मेरी चूत कसमसा रही थी.. गाण्ड परपरा रही थी.. ‘बस.. बस.. अब घुसा साले.. तेरे में कितनी ताकत है.. उतनी अन्दर डाल कमीने।’
मैं जोर-जोर से चिल्लाने लगी।
फिर तो क्या था.. उसने कोई सुस्ती नहीं की.. न अपने लण्ड को रोका न डिल्डो ने कोई आराम किया, मेरी गाण्ड को डिल्डो ने और लण्ड ने चूत को.. दोनों का एकसाथ जम कर बाजा बजाया।
गेम पूरा होने के बाद मैंने राजेशजी की तरफ मुस्कुराते हुए देखकर कहा- क्या बात है राजेशजी.. आज तक मेरे दोनों छेदों का इतना खूबसूरत यूज किसी ने नहीं किया.. आप तो माहिर खिलाड़ी निकले।
‘अरे हाँ.. मेरी चुदक्कड़ रानी.. तेरी चूत बजाने में बड़ा मजा आया साली.. तू बड़ी सेक्सी रांड है.. मेरी प्रभा ने तो हर तरफ से चुदाई करवाई है.. साली एक बार तीन तीन डॉक्टरों से चुदवाई थी एक साथ..
‘अरे कैसे.. एक साथ तीन से..?’
‘हाँ.. एक गाण्ड मार रहा था.. दूसरा चूत में लण्ड डाले हुए था.. तो तीसरे ने उसके मुँह को चोदना शुरू किया था और ये सब एक ही समय में चालू था।
‘आपको कैसे पता?’ मैंने राजेशजी से पूछा.. तो उसने कहा- उनमें से एक तो मैं था ना..
अब मैं भी तैयार थी ऐसे किसी तीन से चुदने के लिए। क्या मजा आता होगा जब औरत तीन छेदों में एक साथ चुदती होगी?
मैंने राजेशजी से कहा- यार, मैं भी इस तरह से चुदना चाहती हूँ.. क्या आप कोई इंतजाम करा सकते हैं?
‘वाह.. वाह.. क्या बात है.. इस रविवार तुम और प्रभा और तुम दोनों को भी हम तीनों मिलकर चोदेंगे।’
‘वाह क्या बात है.. अँधा क्या मांगे.. एक आँख.. यहाँ तो तीन-तीन लण्ड मिल रहे थे। वो भी साली चुदक्कड़ प्रभा के साथ चुदाना था।
दो तीन का ये कॉम्बिनेशन बड़ा अच्छा था। मैं सारे छेदों में गर्रा चलवाने के लिए बिल्कुल तैयार थी।
तीसरे दिन जैसे ही मैंने हाँस्पिटल में एंटर करा .. प्रभा मेरी तरफ देख के मुस्कुराई। मुझे समझ में आ गया कि शर्मा ने अपना लण्ड प्रभा की चूत में डालते हुए उसको मेरे चुदने के बारे में सब बता दिया।
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