मेरा रेप करा मौसा जी के भाई ने दोस्तों के साथ मिलकर xxx stories

मेरा जबरदस्ती सेक्स करा मौसा जी के भाई ने दोस्तों के साथ मिलकर xxx stories

मेरा जबरदस्ती सेक्स करा मौसा जी के भाई ने दोस्तों के साथ मिलकर xxx stories : हेलो दोस्तों,  यह मेरेअपवित्रीकरण की कहाँनी है  मैं 22 साल की हु और दिखने में बहुत सुंदर हु कई लडको का तो मुझे देखने मात्र से ही पानी निकल जाता है. मेरी गांड और बूब्स भी बहुत सेक्सी है . जब मैं जीन्स पहनती मस्त कसी हुई टॉप के साथ पहनती हु और कॉलेज जाती हु, तो बहुत से लड़के अपना पानी छुट जाते है.

आप के भी छुटे, तो बताना. मैं छत्तीसगढ़ की रहने वाली हु और अभी रायपुर से एम्कॉम कर रही हु. ये स्टोरी तब की है, जब मैंने अपनी वर्जिनिटी लूज की. मैं अपने मौसी के घर में रह कर पढाई कर रही थी. उनके घर वो, मौसा जी और मौसा जी का छोटा भाई रहते थे और उनका उनका छोटा भाई भी मेरे ही कॉलेज में पढता था. उसकी नज़र हमेशा ही मेरे ऊपर रहती थी और वो किसी ना किसी बहाने से मेरे रूम में आ कर मुझे छुने की कोशिश करता था, पर कभी जबरदस्ती नहीं की. एक बार की बात है, कि नाना जी कि तबियत अचानक से ख़राब हो गयी. मौसी और मौसा जी भोपाल के लिए निकल गए. उस दिन मैं और दीपक घर में अकेले ही थे. xxx hindi sex stories हिंदी चुदाई की कहाँनी , चुदाई की बाते , क्सक्सक्स स्टोरीज , sex stories , fucking stories , chudai ke kahani , porn stories , free sex stories , xxx hindi sex stories ,अपवित्रीकरण की कहानी , sex stories in hindi , xxx hindi sex stories , about sex , हिंदी चुदाई की कहाँनी , चुदाई की बाते , क्सक्सक्स स्टोरीज , sex stories , fucking stories , xxx hindi sex stories , chudai ke kahani , porn stories , free sex stories , sex stories in hindi , xxx hindi sex stories ,अपवित्रीकरण की कहानी , about sex , हिंदी चुदाई की कहाँनी , चुदाई की बाते , क्सक्सक्स स्टोरीज , अपवित्रीकरण की कहानी sex stories , fucking stories , chudai ke kahani , porn stories , free sex stories , sex stories in hindi , xxx hindi sex stories, xxx hindi sex stories , about sex ,अपवित्रीकरण की कहानी

शाम को करीब 6 बजे दीपक मेरे रूम में आया और बोला, कि मैं और मेरे फ्रेंड आज घर पर पार्टी करना चाहते है, अगर तुम को कोई प्रॉब्लम ना हो तो. मैंने कहा – मुझे कोई प्रोब्लम नहीं है. तो उसके चेहरे पर कुछ अलग ही मुस्कान आ गयी. वो मुझे थैंक्स बोल कर चले गया. रात को ९ बजे के आसपास, उसके ३ दोस्त आये.. मयंक, गिरीश और विशाल. वो साथ में व्हिस्की की बोटल लाये थे और खाने का सामान भी. दीपक मुझसे गिलास और डिश मांगने आया, तो मैंने उसे दे दिया. वो बोला – तुम भी ज्वाइन कर लो. मैंने मना किया, लेकिन जब उसने थोड़ी जिद की. तो मैंने ओके बोल दिया. मैंने कहा – लेकिन मैं ड्रिंक नहीं करती. तो उसने मुझसे सॉफ्ट ड्रिंक ऑफर कर दी. विशाल मेरे लिए किचन से गिलास ले आया और मैं भी उन लोगो के साथ बैठ कर पीने लगी. एक सिप लेते ही, मुझे ऐसा फील आया. कि उसमे कुछ मिला हो, पर मैं उसे अपने मन का वहम मान कर पूरा ग्लास पी गयी. कुछ देर बाद, मुझे चक्कर आने लगे और मुझे कुछ याद नहीं रहा.

अगले दिन, जब मेरी नीद खुली तो मेरी चूत में दर्द था तब पता चला की कल रात मेरी इज्जत लुट चुकी है अर्थात मेरे साथ जबरदस्ती सेक्स हो चूका है.  मेरी बॉडी पर एक भी कपड़ा नहीं था. शरीर में नाखुनो से नौचने के निशान थे. पुसी में दर्द हो रहा था. हिम्मत करके जब मैं बाहर गयी, तो मैंने चारो को नंगा पाया. मैं डर गयी और डर कर रोने लगी. उतने में गिरीश उठा और उसने सबको उठाया. वो ४ मुझे देख रहे थे और उनके चेहरे पर अलग ही चमक थी. जब मैंने रोते हुए, दीपक से कंप्लेंट की. तो उसने मुझे मेरे न्यूड फोटो इंटरनेट पर डालने की धमकी दी. वो बोला – चुप हो जा रंडी साली. हम लोगो की बात मान ले, नहीं तो तेरी नंगी फोटो इन्टरनेट पर डाल देंगे. बाद में बताती रहना, जिसको बताना है. फिर उन्होंने मुझे आर्डर किया, कि हम लोगो के लिए ब्रेकफ़ास्ट बना. मैंने रोने लगी, तो दीपक मेरे पास आया और बोला – अगर हम लोगो की बात मानेगी, तो हम किसी को कुछ भी नहीं बोलेंगे और तुझे भी तो चार मर्दों के लंड का मज़ा मिलेगा. मैं और भी जोर से रोने लगी, तो उसने मेरे बाल खिचे और बोला – चल, ५ मिनट में हम लोगो के लिए नाश्ता बना, नहीं तो इन्टरनेट पर तेरे पिक्स डालता हु. मैं डर गयी और कपड़े पहनने लगी, नाश्ता बनाने के लिए. तो उन्होंने मुझे मना कर दिया और बोले – नंगी ही जाकर नाश्ता बना.

मैं शरमाते हुए, नंगी ही जाने लगी अपने आप को जितना छुपा सकती थी, उतना छुपाते हुए. तो विशाल आया और मुझे एक थप्पड़ मारा और बोला – साली रंडी, जिस्म को अब हमसे छुपाएगी. मैं रोते हुए, सबके लिए नाश्ता बनाने चली और फिर सबको नाश्ता खिलाकर, अपने रूम में जाकर कम्बल अपने ऊपर डाल कर रोने लगी. इतने में सब मेरे पास आ गये और दीपक मेरे पास आकर बैठ गया और मयंक ने मेरा कम्बल हटा दिया. उसने मुझे एक सिगरेट दी और बोला पी रंडी इसे. मैंने डरते हुए मना किया, तो उन्होंने मुझे मारा और सिगरेट पिला दी. फिर वो बोला – पूरी पी. मैंने डर के कारण पी ली. फिर उसने दारू ली और फिर उसने सिगरेट की एश को दारु में डाल कर मुझे पीने के लिए दे दिया. मैंने पहला घुट लिया, तो वो मुझे कड़वा लगा. लेकिन, मुझे वो जबरदस्ती पीनी पड़ी और कुछ देर में मुझे अपना सिर घूमता सा महसूस हुआ और फिर विशाल ने मुझे बिस्तर पर पटका और मेरे ऊपर चढ़ गया और उसने अपना लंड मेरे मुह में डाल दिया. उसने मुझे उसके लंड को चूसने का आर्डर दिया और मैं डर के मारे चूसने लगी. वैसे भी अब मैंने सोच लिया था, कि अब चुदवाने के अलावा कोई आप्शन नहीं है.

उतने में दीपक भी मेरी चूत को चाटने लगा और मेरी बॉडी में अजीब सी संसेशन होने लगी थी. फिर अचानक से मेरी चूत में से पानी की धार निकली और दिल शांत हो गया. दीपक ने वो धार पी ली. उतने में विशाल ने भी अपना कम मेरे मुह में छोड़ दिया था. कुछ पेपर में रोल करके गिरीश पी गया और बोला – सब साइड हटो, अब ये मेरी शिकार है. ये सुनकर मैं डर गयी और वो आया, तो सब साइड हो गए. फिर उसने मेरे हाथो को बेड से बांध दिया और फिर मेरी टाँगे फैलाई और अपने लंड को मेरी चूत पर सेट करके झटका मारा. मेरे मुह से चीख निकल गयी और मैं दर्द के मारे रोने लगी. पर वो बड़ा ही बेरहम था और उसने एक और झटका मारा और अपना आधा लंड अन्दर घुसा दिया और स्पीड से अन्दर – बाहर करने लगा. मैं दर्द से भीख मान रही थी, पर उसने एक भी नहीं सुनी और मुझे चोदता रहा. इतनी बेरहमी से चोद रहा था, कि मैं दो बाद बेहोश हो गयी और फिर जब होश आया, तब कोई नहीं था. सब अपने घर जा चुके थे.

मैं और दीपक ही घर पर बचे थे.फिर दीपक मेरे पास आया और बोला – रोज़ हमें मज़े देती रहो, तुम सेफ रहोगी और जो पैसे हम अपनी गर्लफ्रेंड पर खर्च करते है, वो तुम पर कर देंगे. तुम्हारा भी डबल फायदा.. पैसे भी और चुदाई भी.. उस दिन के बाद से, मैं उनकी सेक्स स्लेव बन गयी और जिसका मन करता, वो मेरे रूम में आ जाता और मेरे जिस्म के कपडे उतार कर अलग कर देता और मेरी बुर में पानी निकाल जाता . जब यह लोग पार्टी करते, तो मेरे साथ ग्रुप सेक्स करते कोई मेरी गांड में अपना लोडा गुसाता तो कोई मेरे मुह में लोडा डाल कर मुठ निकालता. पहले मुझे ये सब गन्दा लगता था,

पर अब मुझे भी इन सब की आदत हो गयी और मेरा फ्रेंड सर्किल भी सलट टाइप का ही बन गया. अब मैं खुद का और दुसरो का एंटरटेनमेंट करके लाइफ के मज़े लेती हु. मौसा जी के भाई ने दोस्तों के साथ मिलकर चोदा – कहानी अच्छी लगी तो फेसबुक, ट्विटर और दुसरे सोशियल नेटवर्क पे हमें शेर करना ना भूलें. आप की एक शेर आप को और भी बहतरीन स्टोरियाँ ला के दे सकती हैं.

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