खूबसूरत मामी की चूत को जंगल में लेजाकर चोदा XXX Story : मेरे मामा एक बहुत बड़े व्यापारी थे और उनका एक बहुत बड़ा कारखाना था। मेरे मामा जी ने धंधा करके खूब पैसा बनाया था। मेरे मामा मामी ने चुदाई करके 2 बच्चे पैदा करे थे जो स्कूल जाते थे शाम 4 बजे आते थे। मैं अक्सर छुट्टियों में मामा मामी के घर जाया करता था। मेरी खूबसूरत मामी का नाम कमलेश था। देखने में बड़ी खूबसूरत और सेक्सी थी उनके सेक्सी जिस्म को देखकर मेरी नियत ख़राब हो जाया करती थी और मेरा भी दिल उनके साथ चोदा चादी करने का करता था। मेरी हॉट कमलेश मामी मुझे अपने दोस्त की तरह समझती थी और मूझसे हमेशा मजाक करती रहती थी।
वो मुझसे बिलकुल घुली मिली हुई थी इस लिए वो मुझसे हर तरह का मजाक कर लिया करती थी. तुम्हारे हब्शी मामा जी को एक बार पत्नी मिल जाएगी तो बेडरूम में घुस जाओगे और कई कई घंटो तक बेडरूम से निकलोगे ही नही! कमलेश मामी बार बार ये मजाक करती थी। मैं सोचता था की काश मेरी सेक्सी मामी मुझसे सेट हो जाती तो इनके साथ ही चोदा चादी कर लेता। जब जब छुट्टियों में मैं मामा मामी के घर जाता था, मामी को देखकर मेरा लंड तन जाता था जिसे मुझे मुठ मारकर काबू में रखना पड़ता था।
खूबसूरत मामी की चूत को जंगल में लेजाकर चोदा XXX Story
ऐसे ही एकबार दशहरे की छुट्टियां हुई और मैं 1 हफ्ते के लिये मामा मामी के घर चला गया। मामा तो अपने फैक्ट्री के काम में इतना बीसी रहते की मुझसे बात करने का टाइम ही नही मिलता था। सुबह 9 बजे फैक्ट्री जाते तो रात 11, 12 बजे आते थे। मामा के बच्चे सुबह स्कुल जाते थे तो शाम 4 बजे घर लौटते थे। घर पर मैं और मामी 2 लोग ही बचते थे। टाइम नही कटता था इसलिए मैं मेरी सेक्सी मामी के साथ जंगल में घुमने चला जाता था। कभी कभी मामी नरम घास पर चादर बिछाकर लेट जाती थी और धूप सेकती थी। वो अपने गोरे गोरे पैरों में तेल भी लगाती थी।
ऐसे ही एक दिन मामी गुलाबी मैक्सी पहनकर चादर बिछाकर लेती हुई थी। उनका पैरों में तेल लगवाने का बड़ा मन मामी ! लाओ मैं तेल लगा दूँ! मैंने कमलेश मामी से कहा अरे! रहने तो सुशिल भांजे! मैं बाद में लगा लूँगी! कमलेश मामी बोली मैंने तेल की शिशि से तेल निकाला और मामी के गोरे पैरों में लगाने लगा। हाय! क्या चिकने चिकने पैर थे। मूझे तेल लगाने में बड़ा मजा आ रहा था। राम जाने मुझे क्या हुआ मैं और ऊपर बढ़ने लगा।
मेरी सेक्सी कमलेश मामी की नरम गोरी गोरी टांगों पर मैं उनकी जांघ के पास तेल लगाने लगा। सायद मैं कहीं ना कहीं मामी पर फ़िदा था, आसक्त था, सायद मैं मामी को चोदना चाहता था। जावान 27 वर्षीय मामी मेरा इरादा भाँप गयी। मेरे हाथों को छुड़ाती हुई बोली रहने दो सुशिल भांजे ! क्या हुआ मामी!! क्या मालिश पसंद नही आयी! मैंने कहा और थोड़ा ऊपर तक झांघ से होते हुए मेरी खूबसूरत मामी की चूत तक हाथ फेर दिया। कमलेश मामी क्रोधित हो गयी। सुशिल भांजे! ये क्या बदतमीजी है…??? कोई जरूरत नही है मालिश की! मेरी खूबसूरत मामी बोली और अंदर बंगले में चली गयी।
मैं डर गया कि कहीं रात को मामा से शिकायत ना कर दे। मैं घबरा गया और उसी चादर पर लेट गया जहाँ मामी लेटी थी। कुछ देर बाद मैंने बंगले की ओर देखा। मामी खिड़की पर खड़ी थी। उनकी नजरे बस मूझे घूर रही थी। मैं थोड़ा डर गया। फिर मामी ने मूझे अंदर आने का इशारा किया। मैं कुछ समझ नही पाया। अंदर डरते डरते गया। मामी पता नही किस मूड में थी वो मुझसे बोली सुशिल भांजे मेरे साथ चोदा चादी करना चाहते हो…??? सीधे सीधे कमलेश मामी ने सवाल दाग दिया। मेरी गांड पहले से फटी पड़ी थी तो मैं हकलाते हकलाते बोलने लगा नआआआआ! हॉआआआआ…..।
मुझे समझ ही नही आ रहा था क्या कहूँ। चल साले हरामी चोद आज अपनी इस खूबसूरत और सेक्सी मामी की चूत आजा बेटा कर ले मेरी चुदाई ! मामी बोली मेरे तो कुछ समझ नही आ रहा था। आप मामा से तो नही कहोगी?? मैंने डरते डरते पूछा अरे! नही पगले! मैं किसी से नही कहूँगी की तूने मेरे साथ सेक्स करा है…! कमलेश मामी बोली. दोंस्तों, मेरी तो बांछे खिल गयी। जिस मामी को देख देखकर मुठ मरता था आज उसकी चूत मिलेगी। मैं खुशि के मारे उछल पड़ा। मामी मैं तुमको जरूर चोदूंगा पर जंगल में घास और सूखे पत्तों पर! मैंने कहा। कमलेश मामी बोली तो फिर चल चल जंगल में ही चल आज आउटडोर सेक्स का आनंद लेते हैं भांजे।
दोंस्तों, हम मामी भांजे दोनों चोदा चादी करने के लिए फिर से खुले जंगल में आये। चारों ओर घनी झाड़ियाँ थी। इसलिए हम मामी भांजे की चुदाई होते कोई नही देख सकता था। मैंने तेल लगाने से शुरुवात की। ढेर सारा तेल लिया मामी की जंघों पर लगाने लगा। मेरे स्पर्श से मामी मस्त चुदासी होने लगी। जिस औरत को मैं सपने में देखता था और जिसके नाम की मुठ मारा करता था आज उसने ही मुझे अपनी रसीली चूत चोदने के लिए ऑफर कर दी थी। मैंने मामी की गुलाबी रेशमी मैक्सी ऊपर उठा दी। उनकी लाल चड्डी निकाल दी।
मुझे मेरी सेक्सी मामी की चूत के प्रथम दर्शन हुए तो मैं मालिश का जड़ी बूटी वाला तेल लगाने लगा। क्या मस्त गदरायी हुई चूत थी यारो। एकदम नयी लौण्डिया की चूत लग रही थी। शायद कल ही मामी से झाँटे साफ की थी। मैं एक बार फिर थकान दूर करने वाला तेल अपने हाथ पर गिराया और ढेर सारा मामी की चूत पर चुपड़ दिया। गोल गोल हाथ फिराके मैं मामी की चूत की मालिश करने लगा। मामी मस्त होने लगी। मैं चूत में ऊँगली दे देकर मालिश करने लगा। ठंड के मौसम में इस गुनगुनी धूप में जंगल की नैसर्गिक सौंदर्य में अपनी जवान मामी को चोदना एक खास और दिव्य अनुभव था।
बीच बीच में मैं मामी की चूत को चूम लेता था, उसमे ऊँगली भी कर देता था। मामी मस्त होने लगी। कोई 12 बजे का समय था। किसी ने कहा है कि भोजन और चोदन दोनों एकांत में करना चाहिए। भोजन तो एकांत में हो गया था, अब गुनगुनी धूप में मैं मामी के साथ चोदन भी एकांत में करने वाला था। मैंने अपनी जान से प्यारी कमलेश मामी को पलटा और पेट के बल लिटा दिया। मामी के भरे गढ़ीला थोड़े थोड़े काले चुत्तड़ दिखने लगे। मैंने उन पर भी तेल चुपड़ दिया। और पूट्ठों को मलने लगा। बीच बीच में मैं मामी की गांड में भी तेल लगा देता था।
मामी की मोटी गांड से होते हुए गुलाबी चूत तक के सकड़े रस्ते पर भी मालिश कर देता था। मामी मस्त होने लगी। मैं उसकी गाण्ड में ऊगली भी कर देता था। मैं मैक्सी और ऊपर कर दी। उनकी नँगी चिकनी पीठ पर मालिश करने लगा। फिर आखिर मुझे उनकी मैक्सी उतारनी पड़ी। उनको बैठाया। उन्होंने हाथ ऊपर किया, मैंने मैक्सी उतार दी। मामी ने आज ब्रा नही पहनी थी। 38 साइज़ के एक्स्ट्रा लार्ज मम्मे मेरे सामने खुल गए। मैंने लपककर मम्मो को मुँह में झपट लिया जैसे लोमड़ी झपटकर खरगोश को पकड़ लेती है।
कमलेश मामी को लेटा दिया और उनके विशाल बूब्स के नुकीले निप्पल अपने मुह में लेकर उनका दूध पिने लगा। मामी मस्त, गरम, और चुदासी होने लगी। उधर मामी के मोटे मोटे बूब्स से दूध चूसते चूसते उनकी चूत में अंगुल भी करने लगा. भांजे! अब देर मत कर! अब मुझे जल्दी से चोद डाल मेरी सेक्सी मामी बोली बस मामी एक सेकंड! मैं बोला। जंगल में गुनगुनी धूप में मौसम बड़ा सुवाहना हो रहा था। ऐसे में मेरी गोरी चिट्टी मामी नँगी होकर चुदवाने का इंतजार कर रही थी। कोयल, बुलबुल इतयादि चिड़िया मीठा गीत गा रही थी। ऐसे मनभावक मौसम भी मुझे मामी की चूत मिलने वाली थी।ये कहानी आप निऊ हिंदी सेक्स स्टोरिज़ डॉट कॉम पर पड़ रहे है।
मैंने अब मालिश बन्द कर दी। अपने सारे कपड़े उतारे और थोड़ा मालिश तेल अपने लंड पर मल लिया। अपने लंड पर मैंने थोड़ी मालिश की। मेरा लंड तन्ना गया। मामी के दोनों चिकने नंगे गोरे पैरों को मैंने पाकिस्तान के झंडे की तरह ऊपर उठा दिया और अपने बड़े से 10 इंची लंड को हिंदुस्तान के झंडे की तरह मामी की गर्म चूत में पाकिस्तान की जमीन समझ गाड़ दिया और चोदने लगा। घने जंगल में मेरी मामी जोर जोर से आह… आह… युई… उई माँ आह…. आह… कर कर के आवाजे निकाल रही थी और सभी पशु पक्षी, चिड़ियाँ सब हम दोनों मामी भांजे को नंगा होकर जंगल में मंगल करते हुए देख रहे थे। जंगल में एक ठंडे पानी का फव्वारा भी था जिसमे पानी बह रहा था। मामी जब मुझसे चूदने लगी तो फव्वारा देखने लगी। पता नही क्यों चुदवाते वक्त मामी मुझसे नजरे नही मिला रही थी। मैंने कहा कोई नही, मैं उनकी सेक्सी चूत अपने तगड़े लौड़े से फाड़ने में मगन हो गया।
हालाँकि 2 बच्चे पैदा करने की वजह से चूत फट चुकी थी। पर फिर भी ठीक ठाक कामचलाऊ थी, मैं मस्ती से चोदने लगा। कितनी बड़ी बात थी, अगर मैं मालिश करते वक़्त उनकी चूत में हाथ ना फिरता तो मामी कभी मेरे दिल की बात ना समझ पाती। मैंने जो किया अच्छा ही किया। उधर पानी का फव्वारा चल रहा था इधर मेरा फव्वारा चल रहा था। मैं मामी का पेट, कमर, पेड़ू, चूत के उठे हुए लब सब बारी बारी से सहला रहा था। बच्चे होने से मामी के पेट में स्ट्रेच मार्क्स पड़ गए थे। कबसे तम्मन्ना थी की किसी स्ट्रेच मार्क्स वाली औरत को चोदूँ खाऊं पियूँ। ये ख्वाहिश भी पूरी हो गयी।
चोदते चोदते मैं मामी के मम्मे दबाता जाता था। मामी और मेरी प्रथम चुदाई के कार्यक्रम के लिये मैंने सफ़ेद चादर जिसमे नीले चेक बने थे बिछा रखी थी। अब मैंने मेरी नंगी मामी के दोनों पैर हेलीकॉटर के पंखों की तरह फैला दिए और उनकी चूत को जोर जोर से चोदने लगा। मामी का भोसड़ा मामा से चुदवा चुद्वाकर खूब बड़ा हो गया था, फ़ैल गया था। जब मामी की मामा से शादी हुई थी तो वो पेट से थी। उनके गर्भ में 2 महीने का बच्चा था। ये नाजायज बच्चा उनके पुराने आशिक़ का था जिससे मेरी खूबसूरत मामी 12वी से चुदवा रही थी। उनका पुराना आशिक़ उनको 12वी से एम ए तक चोदता रहा और वो चुदवाती रही।
फिर मामा से शादी पक्की हो गयी। मामी से मामा को एक कमरे में बुलाकर सब बता दिया। पर मामा उनके रूप पर फ़िदा हो गए और उनके पेट में बच्चा होने पर भी शादी कर ली। बाद में बच्चा गिरवा दिया। किसी को इस बात की कानों कान खबर नही हुई। अब मामा दिन रात कमरे में घुसे रहते और मामी को चोदते रहते। आज मामी तीसरे मर्द का लंड खा रही थी, और मुझसे चुदवा रही थी।मैंने जोर जोर से धक्के मारना शूरु कर दिया। मामी कमर उठाने लगी। उनकी चूत में तूफान उठ गया।
मैंने उनको कसके पकड़ लिया था कि चाह कर भी वो भाग ना सके और उनको जानवरों की तरह कूटने लगा। मामी साली रंडी छिनाल.. तू बड़ी कड़क मॉल है सेक्स करने के लिए तू तो रंडी को भी माफ़ कर रही है! मैंने चोदते चोदते उत्तेजना में मेरी खूबसूरत मामी से बोला… अब जब जब मैं यहाँ आऊंगा तुझे अपनी रंडी बनाकर चोदा चादी करा करूँगा..!! मेरी खूबसूरत मामी बोली ओके, चोदा चादी कर लेना मेरे साथ. मेरी खूबसूरत मामी के मुह से यह बात सुनकर मैं और ज्यादा कामुक हो गया और जोर जोर से धक्के मारने लगा। काफी देर बाद मैं झड़ गया।
कमलेश मामी बोली सुशिल भांजे अपना माल चूत के बाहर ही छोड़ देना! मैंने मेरा गरमा गरम वीर्य से संदा लंड बाहर निकाला और पिच्च पिच्च की पिचकारी के साथ पानी छोड़ दिया। यहाँ भी देखें >> पाखंडी तांत्रिक बाबा से चुदाई करवाई माँ बनने के खातिर XXX Story मामी के पेट, चुच्चों , मुँह पर मेरा वीर्य जाकर गिरा। जो मुँह पर होठों के पास गिरा उसे मामी किसी रंडी की तरह चाटने लगी। मैं मेरी खूबसूरत मामी के बगल लेट गया और आराम करने लगा। सांस लेंने लगा। मेरी खूबसूरत मामी अपनी मैक्सी से मेरा पानी पोछने लगी। हम मामी भांजे को जंगल में मंगल करते करते करीब 2 घण्टे गुजरे। अभी 2 बजे थे।
मैंने मेरी मामी से पूछा तो बताओ मामी कैसी लगी मेरी तेल मालिश?? शरमाते हुए कमलेश मामी बोली भांजे बहुत पसंद आयी! मैंने उनको सीने से चिपका लिया और उनके होठों को पिने लगा। मैं उनके सेक्सी गुलाबी गुलाबी होठों पर ताबड़तोड़ गरम चुम्बन देने लगा। सच में दोंस्तों, एक विवाहित शादी शुदा औरत के साथ चोदा चादी करने का सुख ही अलग है मैंने महसूस किया। जिस औरत को किसी ने पहले ही खूब चखा हो उसको चखने का सुख अलग ही होता है यह मैंने जाना।
फिर मैं मेरी खूबसूरत मामी के पेट पर बैठ गया। अपने खीरे जैसे बड़े से लंड को मैंने मामी के विशाल धूध के बीच में हॉटडॉग की तरह दबाया और छातियों को दोनों हाथों से कस कर पकड़ लिया जिससे लंड पर मजबूत पकड़ बने और मैं मामी की छतियों को चोदने लगा। उफ्फ्फ! आअह्ह्ह्ह आहा! मामी कराहने लगी। मुझे और मजा आने लगा। मैं और कसके चुच्चे चोदने लगा। उसके बाद मैंने मेरी खूबसूरत मामी की गाण्ड भी मारी। उस दिन के बाद से मैं जब जब अपने मामा मामी के घर जाता हूँ मेरी खूबसूरत मामी को उसी जंगल में घोड़ी बनाकर चोदा करता हूँ. तो दोस्तों उम्मीद करता हूँ की हम मामी भांजे की चुदाई की यह Hindi XXX Story “खूबसूरत मामी की चूत को जंगल में लेजाकर चोदा XXX Story” आप सभी को बहुत पसंद आई होगी.