80 साल के मर्दाना ससुर के साथ सेक्स करा नपुंसक शौहर की नामर्दी से तंग 21 साल की वर्जिन बहू ने और पति की गैरमौजूदगी में अवैध सेक्स संबंध बनाये मर्दाना ससुर और वर्जिन बहू के सेक्स की अन्तर्वासना हिंदी सेक्स कहानी फ्री में ऑनलाइन पढ़ें और इस सेक्स कहानी को ज्यादा से ज्यादा शेयर भी करें :- हेलो दोस्तों मेरा नाम शबनम खान है और मैं एक शादी शुदा महिला हूँ मगर जिस मर्द से मेरी शादी हुई है वो साला एक नामर्द है मगर उसका बाप एक दम मर्दाना है और इसी वजह से मैं मेरे ससुर जी के साथ अवैध सेक्स संबंध बना बैठी. दोस्तों मैं कामुकता से भरी एक शादी शुदा महिला खुद भी नहीं समझ पा रही हु, की हम ससुर और बहू के ये रिश्ता सही है या गलत.
मुझे आज तक ये बात समझ नहीं आयी की हम ससुर और बहू ने अपनी अपनी शारीरिक जरूरत पूरी करने के लिए अवैध सेक्स संबंध बनाकर सही करा या गलत मगर ऐसा करके हम दोनों को ही सुख की अनुभूति हुई. मेरे नपुंसक शौहर की नामर्दी से तंग आकर कभी तो ख़ुशी होती है की चलो 80 साल के बूढ़े ससुर के साथ सेक्स करा तो कम से कम मुझे संतान सुख तो प्राप्त हुआ और मेरे पति का वंश आगे बढ़ा और कभी सोचती हु की मैंने अपनी शारीरिक जरुरत पूरी करने के लिए अपने नपुंसक शौहर को धोखा दिया है.
मर्दाना ससुर के साथ सेक्स करा नपुंसक शौहर की नामर्दी से तंग बहू ने अन्तर्वासना हिंदी सेक्स कहानी
दोस्तों आज मैं आपके सामने अपनी मजबूरी का दुखड़ा रोने जा रही हूँ उसे सुनने के बाद आप ही बताना की मुझ 21 साल की जवान बहू ने यदि नपुंसक शौहर की नामर्दी से तंग आकर अपने ही 80 साल के मर्दाना ससुर के साथ सेक्स करा तो ये सही करा या गलत… मैं उत्तर प्रदेश की रहने वाली एक बहूत ही ज्यादा कामुक महिला हूँ मेरे बूब्स बहूत ही मोटे मोटे हैं और गांड भी काफी सेक्सी है. दोस्तों मेरा निकाह हुए दो साल हो गए है मगर शादी शुदा होने के बावजूद कभी मुझे मेरे पति से वो शारीरिक सुख नहीं मिला जो एक पत्नी को अपने पति से मिलना चाहिये. निकाह के बाद से ही मेरा शौहर मुझसे दूर दूर रहता था.
मैं वर्जिन पत्नी मेरे नामर्द पति को सेक्स चढ़ाने के लिए उसके सामने बैठकर अपने बूब्स दबाती और अपनी चूत को भी मसला करती थी पर मेरा नपुंसक शौहर मुझे बिलकुल भी नहीं देखता था. मेरे पति की बेरुखी मेरी जान ले रही थी. मेरा शौहर जब मेरे साथ सोता तो मैंने उसके ऊपर अपनी टांग चढ़ा के सोती, और उसका हाथ अपने चूच पे रख देती मैंने उस नामर्द के लंड को भी पकड़ती और हिलाती मगर फिर भी उसका लंड लटका हुआ ही रहता था. मैंने कई बार कोशिश करी मेरे नपुंसक शौहर के साथ सेक्स करने की लिए मैं नयी नवेली दुल्हन हर बार नाकाम रही तो फिर मजबूरी में मैं मेरी ऊँगली से ही अपनी वर्जिन चूत की प्यास बुझाने लगी.
मैं वर्जिन औरत जब कभी अपनी वर्जिन चूत में उँगली डालती तो और भी ज्यादा बैचेन हो जाती और मेरी कामुकता बहूत ज्यादा भड़क उठती थी. मैं नयी नवेली वर्जिन लड़की अपने नपुंसक शौहर की नामर्दी से तक थी और अब मुझे मेरी कालोनी के मर्द अच्छे लगने लगे थे. किसी धंधा करने वाली रंडी की तरह मैं उन सभी मर्दों को कातिल निगाहों से देखती थी, मेरा नामर्द शौहर सुबह जल्दी अपने काम पर चला जाता था और मैंने वर्जिन दुल्हन दिन भर घर में बैठी बैठी अपनी फूटी किस्मत को कोसती रही थी. मैं वर्जिन लड़की करती भी तो क्या करती हस्तमैथुन करके के सिवाय मेरे पास कोई दूसरा चारा भी तो नहीं था. हमारे घर में हम पति पत्नी के अलावा मेरे ससुर जी भी रहते थे.
शादी होकर जब मैं मेरे ससुराल आई थी तभी मैं समझ चुकी थी की 80 साल के बूढ़े ससुर की नियत कुछ ठीक है क्योंकि वो मुझ नयी नवेली बहू और पड़ोस में रहने वाली दूसरी महिलाओं को हमेशा ललचाई निगाहों से घूरते रहते थे. मेरे पति के पिता हर वक्त मेरे उप्पर गन्दी नजर रखते थे. मैंने कई बार नोटिस करा की वो किसी ना किसी बहाने से मेरे कामुकता से भरे जिस्म को छूने की कोशिश करते रहते हैं. एक दिन की बात है, मेरे नपुंसक शौहर रात को किसी जरुरी काम से कही बहार गए हुए थे और घर पर मैं और मेरे ससुर जी ही थे.
रात के करीब बारह बज रहे थे और घर में सिर्फ मैं और मेरे पति के पिता जी ही थे. मैं वर्जिन बहू अपने कामुक जिस्म पर नाईटी पहने हुए थी. रात होते ही मेरे मन में गंदे गंदे विचार आने लग जाते थे हमारी कालोनी के जवान लड़कों व मर्दों के बारे में सोचकर. मैं वर्जिन बहू अपनी कामुकता शांत करने के लिए अपनी ऊँगली चूत के अंदर डाल कर हस्तमैथुन करने लगी. मेरी नाईटी ऊपर उठी थी मैं करवट लेके चूत में ऊँगली डाल कर अंदर बाहर करे जा रही थी की तभी वहाँ पर मेरे 80 साल के मर्दाना ससुर जी आ गए.
उनकी तरफ मेरी पीठ थी इस वजह से मैं उनको देख नहीं पायी थी, और ना जाने वो अपनी इस कामुकता से भरी बर्जिन बहू को कब से अपनी ऊँगली से वर्जिन चूत की खुजली मिटाते हुए देख रहे थे और चूत में ऊँगली करने के दौरान मेरे मुँह से आह.. सीसी… सीसीसी… आआह की मादक आवाज निकल रही थी. करीब दस मिनिट तक अपनी ऊँगली से चूत की चुदाई करने के बाद अब मैं वर्जिन बहू झड़ने वाली थी तो फिर हस्तमैथुन के अंत में मैंने जल्दी जल्दी मेरी सेक्स करने की भूखी बुर के अंदर ऊँगली अंदर बाहर करनी शुरू कर दी.
चूत में ऊँगली अंदर बाहर करते करते जैसे ही मेरी वर्जिन चूत ने पानी छोड़ा तो फिर अगले ही पल मैं शांत हो गयी और फिर हस्तमैथुन करने के बाद भी उसी करवट में लेटी रही. चूत में ऊँगली करने के कारण मेरी वर्जिन बुर ने आज बहूत सारा पानी छोड़ा था और पूरा बिस्तर मेरी चूत के पानी से गीला हो चूका था. अब मैं अपने हाथो से अपने स्तनों को मसल रही थी की तभी मेरी पीठ के पीछे किसी के आकर लेटने की आहट हुई. जब मैंने पलटकर पीछे देखा तो पाया की मेरे बिस्तर पर मुझ 21 साल की वर्जिन बहू के साथ मेरे 80 साल के मर्दाना ससुर जी लेटे हुए हैं और वो मेरी गांड को ललचाई हुई गन्दी नजरों से घुर घुर कर देख रहे थे.
मेरे 80 साल के मर्दाना ससुर जी की इन अशलील हरकतों की वजह से ऐसा लग रहा था की मानो जैसे वो आज तो अपने बेटे की गैरमौजूदगी में मुझ वर्जिन औरत की गांड को कुतिया बनाकर चोदने की फिराक में हो. फिर उन्होंने मेरी सील पैक वर्जिन चूत के साथ सेक्स करने के लिए अपना लंबा मोटा लंड पजामे के बाहर निकाल लिया और कुछ देर तक उसे अपने हाथों से हिलाकर खड़ा करने के बाद पीछे से ही मेरी सील पैक टाइट चूत में पेलने की कोशिश करने लगे.
मेरी चूत वर्जिन होने की वजह से काफी टाइट थी इस वजह से मेरे 80 साल के मर्दाना ससुर जी का लंबा व मोटा लंड मेरी सील पैक चूत के अंदर घुस ही नहीं पा रहा था. आज मेरे पति के पिता जी मेरे साथ सेक्स करने की कोशिश कर रहे थे मगर मैं चुपचाप पड़ी हुई थी और उनकी इस गलत हरकत का बिलकुल भी विरोध नहीं कर रही थी. मैं क्या करूँ मुझे कुछ समझ ही नहीं आ रहा था. मुझे अपने ससुर बहूत के पवित्र रिश्ते का ख्याल था इस वजह से लग रहा था मैं उन्हें मेरे साथ सेक्स करने के लिए मना कर देती हूँ मगर फिर लग रहा था की घर के बाहर जाकर रंडी बनने की बजाय मैं घर में ही अपने नपुंसक शौहर के मर्दाना पिता के लंड से चुदवा लेती हूँ कम से कम घर की बात घर में तो रहेगी.
बदनामी से बचने और अपनी कामवासना के चलते मैंने मेरे ससुर जी का बिलकुल भी विरोध नहीं करा और उनके आगे समर्पण के भाव से लेटी रही. मेरे पति के पिता को शायद मेरे साथ सेक्स करने में परेशानी हो रही थी तो मैंने मेरी गांड थोड़ी पीछे की तरफ करी की तभी मेरे ससुर जी ने एक जोर से धक्का लगाया और उनका खड़ा लंड मेरी वर्जिन चूत की सील तोड़ते हुए अंदर मेरी टाइट चूत में दाखिल हो गया और मेरी चूत से बहूत सारा खून निकलने लगा खैर इसमें कोई डरने वाली बात नहीं थी क्यों की मुझे पता था की पहली चुदाई के दौरान लड़की की सील टूटती है और उसकी फटी हुई चूत से थोड़ा खून भी निकलता है.
आज पहली बार मैं किसी मर्द से चुदवा रही थी इस वजह से मेरी फटी हुई चूत में बहूत ज्यादा दर्द हो रहा था मगर अब मुझे सुकून भी मिल रहा था की चलो पति नामर्द था तो कोई बात नहीं कम से कम उनके मेरे 80 साल के बूढ़े पिता के अंदर तो इस उम्र में भी मर्दानगी बची हुई है जो मुझे सेक्स संतुष्टि प्रदान करने के लिए काफी है. मेरे 80 साल के मर्दाना ससुर जी का गुप्तांग काफी ज्यादा बड़ा और हट्टा कट्टा था.
सेक्स करने के दौरान मुझे हल्का हल्का दर्द होने लगा पर चुपचाप अपना मुँह बंद करके लेटी रही और अपने पति के बूढ़े पिता के मर्दाना लंड से चुदती रही. सेक्स के दौरान जैसे जैसे समय बीत रहा था उनकी चुदाई करने की रफ्तार तेज होती जा रही थी. वो पीछे से मेरी चूत का अंडार अपने हट्टे कट्टे लंड से धक्के पर धक्के दिए जा रहे थे और मेरी बहूत ही ज्यादा मस्त चुदाई कर रहे थे. दोस्तों आज यह मेरे जीवन का पहला सेक्स था इस लिए मुझे भी उनसे चुदवाते चुदवाते काफी आनंद आने लगा.
फिर मैं फिर धक्के देने लगी, अब मैं काफी कामुक हो गयी, थी मैं आग में जलने लगी, मैं सीधा हो गयी और बूढ़े ससुर जी को खीच कर अपने ऊपर ले आई. और फिर करीब दस मिनिट तक चुम्मा चाटी करने के बाद मैंने अपनी दोनों टांग फैला ली और मेरे बूढ़े ससुर जी अपना मुँह मेरी चूत की तरफ लेकर गए और मेरी चूत के अंदर अपनी जीभ घुसा डाली और किसी कुत्ते की तरह मेरी चूत चाटने लगे. अब हम ससुर और बहू सेक्स करने के लिए बिलकुल नंगे हो गए और एक बार मैंने फिर से अपनी दोनों टाँगे मेरे ससुर जी के आगे फैला दी चुदवाने के लिए.
मेरे मर्दाना ससुर जी मुझसे बोले की बहू जब से तू शादी होकर इस घर में आयी है तभी से मैंने तुझे सेक्स के लिए तरसते हुए देखा है मुझे नहीं पता था की मेरे बेटे के अंदर मर्दानगी वाली बात नहीं है खैर मैं हूँ ना सब ठीक कर दूंगा. फिर मेरे बूढ़े ससुर जी ने मेरी फटी हुई टाइट चूत और और अपने लंड पर बहूत सारा थूक लगा दिया और एक ही झटके में अपना लंड मेरी बुर में बच्चेदानी तक पेल डाला. मुझे इस बार बहूत तेज दर्द हुआ और मेरी बहूत जोरों की चीख निकल पड़ी. मैं चुदते चुदते जोर जोर से चिल्ला रही थी मगर इसका मेरे ससुर जी पर कोई फर्क नहीं पढ़ रहा था वो तो बस मेरे जवान जिस्म से अपनी हवस मिटाने में लगे हुए थे.
मेरी बहुत ही ज्यादा खतरनाक चुदाई चल रही थी और सेक्स करते करते मेरी आँखों में से आँसू बह रहे थे. मेरी शादी भले ही मेरे पति से हुई हो मगर सही मायनों में आज मैं अपने पति के पिता के साथ सेक्स करके सुहागन बनी थी. थोड़ी देर तक सेक्स करने के बाद मेरी फटी हुई बुर का दर्द कम हो गया और अब मैं भी मेरे जीवन की पहली चुदाई का आनंद लेने लगी ससुर जी को जल्दी जल्दी चोदने के लिए बोलने लगी. करीब एक घंटे की चुदाई के दौरान मैं तीन बार झड़ चुकी थी मगर मेरे ससुर जी अभी भी मुझे नॉनस्टॉप चोदे जा रहे थे. अब उनकी चोदने की गति अपने चरम पर थी जिसे देख मैं समझ गयी की अब वो भी झड़ने वाले हैं.
फिर मेरे नंगे ससुर जी ने मुझसे पूछा की बहू बताओ माल किधर निकालू तो मैंने उन्हें बोला की ससुर जी आप मेरी बुर के अंदर ही अपने वीर्य की पिचकारी चला दो मैं वैसे भी मेरे शौहर की नामर्दी से बहूत ज्यादा तंग हूँ वो मुझे माँ नहीं बना सकते तो क्या हुआ मैं आपके बच्चे की तो माँ बन सकती हूँ ताकि आपका वंश आगे चल सके. दोस्तों फिर करीब दस पन्द्रह धक्कों के बाद मेरे पति के पिता जी ने मेरी चूत के अंदर अपना बिज बो दिया. दोस्तों अब हम ससुर बहू जब भी मौका मिलता है तो घर का सारा काम जल्दी से निपटा कर कई कई घंटों सेक्स करते है और वो भी बिना कंडोम के.
आज उसी मेहनत का परिणाम है की मैं गर्भवती हूँ और उनके बच्चे की माँ बनने वाली हूँ. मैंने मेरे नपुंसक शौहर को सब कुछ सच सच बता दिया है की मेरे उनके पिता जी के साथ अवैध सेक्स संबंध है और उनकी गैरमौजूदगी में हमने कई बार सेक्स करा है और इसी कारण से मैं गर्भवती हो गयी हूँ. मेरे नपुंसक शौहर को भी इस बात से कोई नाराजगी नहीं है बल्कि वो भी बहूत खुश है की कम से कम मैं माँ बन जाऊंगी तो उनके उप्पर लगा नामर्दी का दाग तो हट जायगा और उनका वंश आगे बढ़ सकेगा…