दोस्तों आज की इस कामुकता से भरी अश्लील अन्तर्वासना हिंदी सेक्स स्टोरी मैं मैं आप सभी के साथ मेरे जीवन के पहले थ्रीसम सेक्स की घटना शेयर करुँगी. इस हिंदी सेक्स स्टोरी में आपो पढ़ेंगे की कैसे मुझ शादी शुदा महिला ने अपनी कामवासना शांत करने के लिए चलती ट्रेन के शौचालय में हार्डकोर थ्रीसम सेक्स करा था दो जवान लड़कों के साथ एक ने मेरी गांड मारी थी तो एक ने मेरी चूत की चुदाई करी थी. दोस्तों मुझे गांड मरवाने में काफी ज्यादा तकलीफ हुई थी क्योंकि मेरी गांड को ज्यादा लंबा और मोटा लंड लेने की आदत नहीं थी. हम तीनो को ही चलती ट्रेन के शौचालय में अवैध सेक्स संबंध बनाने में बड़ा आनंद आया था. दोस्तों चलती ट्रेन के शौचालय में दो मर्दों से रंडी बनकर चुदवाने में मुझे बहुत डर लग रहा था मगर वो कहते हैं ना डर के आगे ही जीत है इस लिए मैंने अपनी हवस शांत करने के लिए थोड़ी हिम्मत करी और रंडी बनकर चुदवा लिया…
मेरा नाम प्रिया गुप्ता है और मैं एक शादी शुदा महिला हूँ. दोस्तों मेरी शादी को हुए करीब दस साल हो चुके हैं और मेरे एक सात साल का बेटा भी है. मेरा ससुराल भोपाल में है और मेरा मायका जबलपुर में है. मेरे ससुराल में मेरे अलावा मेरे पति व मेरा एक छोटा बच्चा है जबकि मेरे मायके में मात्र मेरी एक छोटी बहन और विधवा माँ है. दोस्तों वैसे तो मैं कभी भी अकेले ट्रेन में यात्रा नहीं करती क्योंकि अकेली महिला को देखकर कोई भी उसकी इज्जत पर हाथ डाल सकता है मगर एक बार मुझे मजबूरन किसी बहुत ही ज्यादा जरुरी काम से अकेले ही मेरे मायके जबलपुर जाना पड़ा था क्योंकि मेरी माँ की तबीयत खराब थी. मेरे पति मुझे भोपाल स्टेशन तक छोड़ने आये. मैं एक शादी शुदा महिला हूँ इस लिए मैं हमेशा अपने कामुक जिस्म पर साड़ी और स्लीवलेस ब्लाउज ही पहनती हूँ क्योकि मेरे ससुराल वाले मुझे जींस टॉप या सलवार कुर्ती पहनना अलाऊ नहीं करते.
चलती ट्रेन के शौचालय में हार्डकोर थ्रीसम सेक्स करा दो जवान लड़कों के साथ अन्तर्वासना हिंदी सेक्स स्टोरी
इस यात्रा के दौरान भी मैंने मेरे कामुक जिस्म पर काले रंग की साड़ी और स्लीवलेस ब्लाउज पहना हुआ था जिसमे मैं बहुत ही ज्यादा सेक्सी दिख रही थी. मैं रेलवे स्टेशन पर लगी बैंच पर बैठी जबलपुर जाने के लिए अपनी ट्रेन का इंतजार कर रही थी इस दौरान मेरे पति भी मेरे साथ ही बैठे थे और हम दोनों हाथों में हाथ डालकर गन्दी गन्दी अश्लील बातें कर रहे थे की तभी मेरी नजर थोड़ी दूर खड़े तो लम्बे चौड़े लड़कों पर पड़ी वो दोनों बार बार मेरी तरफ देख रहे थे. पहले तो मैंने इग्नोर करने की कोशिश की लेकिन फिर मेरी भी नज़र उन पर जाने लगी. रात को 11 बजे ट्रेन रेलवे स्टेशन पर आई. मुझे जनरल डिब्बे में जाना था क्योंकि मेरा रिजर्वेशन नहीं हो पाया था. मेरे पति ने मुझे जनरल वाले डिब्बे में चढ़ा दिया और फिर जब ट्रेन चल पड़ी तो वो मुझे शुभ यात्रा बोलकर घर के लिए रवाना हो गए.
जैसे ही मैंने चलती ट्रेन के जनरल डिब्बे में नजर घुमाई तो मैंने देखा कि वो दोनों जवान लड़के जो अभी थोड़ी देर पहले तक स्टेशन पर मुझे घुर घुर कर देख रहे थे वो दोनों भी उसी जनरल डिब्बे में यात्रा कर रहे थे. मैं डिब्बे के अंत में शौचालय के पास ही खड़ी थी. फिर वो दोनों जवान लड़के भी मेरे ही पास आकर खड़े हो गये और मुझसे बातचीत करने लगे. मैंने भी सोचा कि चलो रास्ते में टाइम पास हो जायेगा इन जवान लड़कों से बातें करते करते . उन दोनों जवान लड़कों ने अपना अपना नाम शोएब और सलमान बताया. वो भी जबलपुर अपने घर जा रहे थे. फिर ऐसे ही हम तीनों की बीच बातें शुरू हो गए.
वो दोनों ही काफी मजाकिया किस्म के मर्द थे और मुझे बहुत हंसा रहे थे या यूं बोलो की मेरी इज्जत पर हाथ डालने के लिए मुझे अपनी बातों के जाल में फंसा रहे थे. ट्रेन चले हुए एक घंटा हो गया था और रात के12 बजने वाले थे. अब वो दोनों जवान लड़के धीरे धीरे ट्रेन के धक्कों के बहाने मुझे छूने की कोशिश कर रहे थे. मैंने अभी उनको कुछ नहीं कहा क्योकि मैंने सोचा की हो सकता है चलती ट्रेन के धक्कों की वजह से वास्तव ने उनका बैलेंस नहीं बन पा रहा हो और वो इस वजह से मेरे उप्पर गिर रहे हों. थोड़ी देर के बाद सलमान मुझे गन्दी नजरों से ताड़ने लगा. उस साले हरामी की गन्दी नजरें बार बार मेरे स्लीवलेस ब्लाउज के अंदर झांकने की कोशिश कर रही थी शायद उसे मेरे मोटे मोटे बूब्स को देखने और उनसे खेलने की इच्छा होने लगी थी.
मेरी काली साड़ी का पल्लू मेरे स्लीवलेस ब्लाउज के पूरा उप्पर तक नहीं था और किसी वजह से उस जवान हवस से भरे लड़की को मेरे मोटे मोटे स्तनों का उभार हल्का सा दिख रहा था. वो दोनों जवान लड़के मुझ शादी शुदा मैला के कामुक जिस्म को ऊपर से नीचे तक निहार रहे थे. वो दोनों ठरकी मर्द एक साथ मुझ कामुक महिला को गन्दी नजरों से घूर रहे थे मैं अकेली महिला थी इस वजह से उनकी नजर में ज्यादा नजर नहीं मिला रही थी. रात के एक बजे अचानक से पूरी ट्रेन के डिब्बे की सभी लाइटें बंद हो गयीं और चलती ट्रेन में बिलकुल अँधेरा छा गया. चलती ट्रेन में एक धक्के के बहाने से सलमान मेरे ऊपर आ गिरा और उसने मेरे दोनों बड़े बड़े स्तनों को बहुत जोर से दबा दिया. जबकि शोएब ने पीछे से मेरी मोटी गांड पकड़ कर दबा दी.
कुछ देर बाद ट्रेन के डिब्बे की लाइट आ गयी और वो दोनों घबरा कर एकदम से मुझसे दूर हो गए. चलती ट्रेन में उन दोनों की इस गन्दी हरकत ने मेरे जवान और सेक्सी जिस्म में झनझनाहट पैदा कर दी थी उनके साथ हार्डकोर थ्रीसम सेक्स करेने के लिए मगर फिर मैंने अपने मन को समझाया की नहीं मैं एक शादी शुदा महिला हूँ और पराये मर्दों के साथ अवैध सेक्स संबंध बनाने के बारे में सोचना भी पाप है. दोस्तों वो दोनों जवान लड़के मेरे साथ हार्डकोर थ्रीसम सेक्स करना कहते थे इस बात का मुझे अहसास हो चूका था क्योकि उनकी अशलील हरकतें धीरे धीरे बढ़ती जा रही थी.
चलती ट्रेन में दो जवान लड़कों से इस तरह से अपने मोटे मोटे स्तनों व गांड को दबवाना मुझ शादी शुदा महिला को मदहोश कर गया और अब मैं उन दोनों के साथ अवैध सेक्स संबंध बनाने के लिए चुदासी सी हो उठी. मेरी चुदने की भूखी चूत और गांड में उन दोनों जवान लड़कों के लंड लेने के लिए खलबली सी मचने लगी और देखते ही देखते मेरे दिल की धड़कनें एकदम से बहुत ही ज्यादा तेज हो गयीं. अभी तक मैं उन दोनों जवान लड़कों के हंसी ठहाकों के कारण मजाक के मूड में थी लेकिन अब मेरे बदन में एकदम से हार्डकोर थ्रीसम सेक्स करवाने की आग लग गयी.
वो दोनों जवान लड़के मुझ शादी शुदा कामुकता से भरी महिला को देखकर मुस्करा रहे थे और मुझे उनके साथ थ्रीसम सेक्स करने के लिए गरम करने का भी प्रयास कर रहे थे. अब सलमान पीछे मेरी मोटी गांड की तरफ आकर खड़ा हो गया. रात का वक्त था इस वजह से चलती ट्रेन के अंदर की ज्यादातर लाइटें बंद हो चुकी थीं और लगभग सभी लोग सो चुके थे. फिर करीब दस मिनट के बाद एक बार फिर से पूरे डिब्बे की लाइट चली गयी और चरों तरफ अँधेरा छा गया. एकदम से शोएब अपनी कामवासना शांत करने के लिए आगे से मुझसे लिपट गया और पीछे से सलमान ने अपना लंड साड़ी के ऊपर से ही मेरी मोटी गांड पर सटा दिया. दोस्तों मैं हार्डकोर थ्रीसम सेक्स करने के लिए उतावली तो थी मगर मुझे डर था की किसी ने देख लिया तो फालतू में बखेड़ा हो जायगा.
फिर मैंने धीरे से शोएब के कान में कहा- क्या कर रहे हो ये? कोई देख लेगा तो चलती ट्रेन में नाटक हो जायगा लोग मुझे रंडी समझ लेंगे और तुम दोनों को पकड़ कर मरेंगे सो अलग. वो बहन का लंड मुझसे बोला की कोई नहीं देख रहा भाभी जी अँधेरा हो रहा है और वैसे भी सभी गहरी नींद में सो रहे हैं. फिर वो मुझसे बोला की आप आराम से खड़ी रहो और हमें आपके इस कामुक जिस्म के साथ थोड़ी मस्ती कर लेने दो. दोस्तों हार्डकोर थ्रीसम सेक्स करने के लिए मैं भी बहुत ही ज्यादा कामुकता से भर चुकी थी इस लिए मैं अब शान्ति से खड़ी हो गई. शोएब ने अपने हाथों से मेरी पतली सी कमर और पेट पर कब्जा कर रखा था और सलमान मेरे कन्धे और गले को सहला रहा था.
अब मुझ शादी शुदा महिला से भी कण्ट्रोल नहीं हो रहा था और मैं चलती ट्रेन में उन दोनों जवान लड़कों के साथ थ्रीसम सेक्स करने के लिए बड़ी उतावली हो चुकी थी. अब शोएब पीछे मेरी गांड की तरफ आ गया और सलमान आगे मेरे बड़े बड़े स्तनों की तरफ आ गया वो अब वो दोनों मेरी कामुक जिस्म से चिपक गये. सलमान ने आगे से मेरी कमर को पकड़ लिया और शोएब ने पीछे से हाथ डालकर मेरे बड़े बड़े स्तनों को पकड़ लिया. मुझे भी बड़ा आनंद आ रहा था इसलिये मैं उन दोनों को मेरे कामुक जिस्म के साथ खेलने से बिलकुल भी नहीं रोक रही थी और उनकी इन सभी अशिलिल हरकतों का बिलकुल भी विरोध नहीं कर रही थी. फिर सलमान मेरे एक तरफ और शोएब दूसरे तरफ गले पर किस करने लगे.
दिखावे के लिए मैं उन दोनों को रुकने का कहने लगी लेकिन और उन दोनों की इन सभी अश्लील हर्कों का विरोध करने लगी मगर असल में मुझे उनके साथ ये सब गन्दी गन्दी हरकतें करने में बहुत आनंद आ रहा था. अब सलमान ने सामने से मेरे लाल लाल शरबती होंठों पर अपने होंठ रखकर चुसना चालू कर दिया. मैं भी बहुत ज्यादा कामुकता से भर चुकी थी इस लिए अब मैं भी उसका साथ दे रही थी. मेरे साथ अश्लील हरकतें करते करते अब वो मेरी चुदाई करने के लिए बिलकुल बैचेन से हो चुके थे और अब मैं शादी शुदा महिला भी उन दोनों की रंडी बनकर चुदने के लिए बहुत ही ज्यादा बैचेन से हो रही थी.
अब तक उन दोनों जवान लड़कों के लंड मेरे साथ करने के लिए खड़े हो चुके थे और मेरी गांड और चूत भी सेक्स करने के लिए तड़पने लगी थी. शोएब ने पीछे से अपने खडे लण्ड से साड़ी के ऊपर से ही मेरी गांड पर ज़ोर देना चालू कर दिया. मैं भी साड़ी के ऊपर से ही उसका लन्ड अपनी गांड में दबवा रही थी और साथ में शोएब मेरे बूब्स भी दबा रहा था. उन दोनों जवान लड़कों की छुअन से मेरी चूत से पानी की धार बहने लगी. मुझसे अब रुका नहीं जा रहा था. मैं सलमान से बोली- अब इतना ही कर लिया तो डाल भी दो अन्दर. उसने मेरे कान में बोला की चूसोगी नहीं क्या हमारा लंड अपने मुंह में लेकर ?
मुझे लंड मुंह में लेना और ब्लोजॉब करना बिलकुल भी पसंद नहीं है इस लिए मैंने लंड चूसने और ब्लोजॉब देने से बिलकुल साफ साफ मना कर दिया. मुझे लंड चूसने से नफरत मेरे पति की वजह से हुई थी क्योकि एक दिन जब मैं उनका लंड अपने मूंह में लेकर चूस रही थी तो उन्होंने मेरे मुंह के अंदर ही पेशाब कर दिया था उस दिन का दिन है और आज का दिन है मैंने आज तक कभी उनका लंड अपने मुंह में नहीं लिया. खैर जाने दो उस घटना को. फिर वो बोला की तो फिर भाभी जी हम दोनों एक साथ ही डालेंगे अपना लंड आपके गुप्तांगों में और आपके साथ हार्डकोर थ्रीसम सेक्स करेंगे. मैं बोली की ठीक है कर लेना मेरे साथ हार्डकोर थ्रीसम सेक्स मगर यहां कैसे डालोगे तुम दोनों अपने अपने लंड मेरे गुप्तांगों में?
उस हवस के पूजारी ने मेरी साड़ी के ऊपर से ही मेरी चूत को रगड़ते हुए कहा- तुम बस खड़ी रहना. हम साड़ी उठाकर डाल देंगे. मैंने कहा की नहीं, मैं यहां ऐसे खड़ी हुई साड़़ी को ऊपर नहीं उठा सकती कोई देख लेगा तो फालतू में मुझे रंडी समझ लेगा. वो बोला की ठीक है मैं अंदर शौचालय में जा रहा हूं एक एक करके तुम दोनों भी अंदर आ जाना. फिर वो अपना लंड सहलाते हुए चलती ट्रेन के शौचालय में चला गया. सलमान के जाने के बाद शोएब भी अंदर शौचालय में चला गया. अब मैं ही शौचालय के बाहर रह गयी थी. फिर पांच मिनट के बाद मैं भी चुपके से चुदवाने के लिए अंदर शौचालय में घुस गयी. अंदर जाते ही सलमान ने दरवाजे को अंदर से लॉक कर लिया और उतने में शोएब ने मुझे पीछे से भींचते हुए मेरी गांड पर लंड लगा दिया.
फिर वो दोनों जवान लड़के मेरी इज्जत लुटने और मेरी चुदाई करने के लिए मेरे कामुक जिस्म पर भूखे कुत्तों की तरह से टूट पड़े. सलमान ने मुझे पीछे से दबोचा और शोएब ने आगे से. मेरे ब्लाउज़ के बटन खोलकर मेरे बूब्स को वो दोनों बारी बारी से चूसने लगे. फिर सलमान ने पीछे से मेरी साड़ी उप्पर उठा दी और मेरी गांड मारने के लिए अपना लंबा मोटा लन्ड निकाल कर मेरी गांड के छेद में सटा दिया. उधर शोएब ने भी आगे से साड़ी को हाथ से थामा, उसने भी लंड को बाहर निकाला और मेरी पैंटी को नीचे खींच कर मेरी चूत पर लगा दिया. दोनों मेरी गांड और चूत पर अपने लौड़ों को रगड़ने लगे. मैं कामुकता से भरी शादी शुदा महिला तो दो दो लंड पाकर मदहोश सी होने लगी.
मेरे दूध से भरे मोटे मोटे स्तन ब्लाउज के ऊपर नंगी तनी हुई थीं और वो दोनों उनको उनके चार हाथों से मसलने में लगे हुए थे मेरे एक स्तन पर दो हाथ थे. उन दोनों जवान लड़कों के लंड कम से कम सात इंच लंबे व तीन इंच मोटे थे. मेरी चूत से इतना पानी निकलने लगा कि लंड की रगड़ से पच पच की आवाज होने लगी. मैं अब किसी भी तरह उन के साथ चुदना चाहती थी. मैंने शोएब के होंठों को चूसना शुरू कर दिया. वो मेरी चूत में लंड को और जोर से रगड़ने लगा. मेरी गांड पीछे से और उठ गयी ताकि सलमान का लंड मेरी गांड में और अंदर तक रगड़ सके. फिर मैं बोली- अब चोद दो ना कमीनो, क्यों तड़पा रहे हो. सलमान आगे आ गया और शोएब पीछे चला गया. सलमान ने मेरी एक टांग उठाकर अपनी कमर पर रख ली और मेरी चूत में लंड को धकेल दिया.
उसका सात इंची लम्बा और तीन इंच मोटा लंड मेरी चूत को किसी तीर के जैसे भेदता हुआ अंदर जा घुसा और मैं किसी जख्मी जानवर की तरह उसके सीने से लिपट गयी. ऐसा लग रहा था कि चूत में कुई बहुत बड़ा ठोस डंडा घुस गया हो जो मेरी बच्चेदानी को जख्मी कर रहा हो. जैसे ही उसका लंबा मोटा लौदा मेरी टाइट बुर में घुसा वैसे ही मुझे बहुत बेचैनी होने लगी और मैं बोली की दर्द हो रहा है सलमान मुझे बहुत तेज तुम्हरा लंड काफी ज्यादा लंबा और मोटा है. वो बोला की कुछ नहीं होगा भाभी जान वो तो आज आप अपने पति के लंड के अलावा किसी और का लंड अपनी संस्कारी चूत में ले रही हो न इस लिए आप को थोडा अजीब सा लग रहा है अभी थोड़ी देर में आपकी बुर इसकी आदि हो जायगी तो फिर आपको चुदवाने में बड़ा आनंद आने लगेगा.
पीछे से शोएब ने पूछा की गांड मारने के लिए मैं भी डाल दूं क्या भाभी जी आपकी गांड के अंदर मेरा लंड? मैंने कराहते हुए कहा- रुक जा कमीने, तुझे ज्यादा जल्दी है क्या, मेरी चूत का दर्द तो कम हो जाने दे पहले फिर पेल लेना अपोना लंड मेरी गांड के अंदर . अगर चूत का ये हाल है तो गांड तो फट ही जायेगी. शोएब मेरी चूचियों को पीछे से ही दबाने लगा. उसके लंड के झटके मुझे मेरी गांड पर साफ साफ लग रहे थे. उसका लंड बहुत गर्म था जो मुझे चूतड़ों पर अलग से महसूस भी हो रहा था. फिर सलमान ने मेरी चूत में धक्के लगाने शुरू किये. मुझे हल्का दर्द हो रहा था. मैं अपने पति से बहुत चुदवाती थी. इसलिए चूत को लंड लेने की आदत बहुत थी.
सलमान का लंड मेरी चूत में धीरे धीरे अंदर बाहर होने लगा. मुझे दो मिनट के बाद मजा आने लगा. अब मैंने अच्छी तरह से सलमान को थाम लिया और चूत को खोलकर चुदवाने लगी. सलमान भी जोश में आता जा रहा था. उसको पता चला गया था कि मेरा दर्द कम हो चुका है इसलिए अब वो मेरी चूत को हथौड़े की चोट की तरह ठोकने लगा था. उसके झटके बहुत गहरे थे. काफी ताकत थी उसके बदन में. हर झटके के साथ ऐसा लग रहा था कि कोई हथौड़े को ही ठोक रहा है. मेरी चूत में गहराई तक उसका लंड चोट कर रहा था. जब सलमान धक्के लगा रहा था तो शोएब का लंड भी मेरी गांड के छेद में टकरा जाता था. वो साला कमीना मेरी गांड चुदाई करने के लिए बहुत बेताब हो गया था.
अब उसने फिर से मेरी गांड में लंड को धक्का देना शुरु किया. मैं कुछ देर मजा लेती रही. जब उससे रहा न गया तो बोला- अब तो डलवा लो भाभी? मैंने आह्ह … आह्ह करते हुए कहा- हां … हाह्ह … डाल दे तू भी. फिर उसने मेरी गांड के छेद को उंगली से टटोला और फिर अपने हाथ पर थूक लेकर मेरी गांड में मसलने लगा. उसने काफी सारा थूक मेरी गांड के छेद पर लगा दिया. फिर अपने लंड पर भी लगाया शायद. आगे से मेरी चूत में सलमान का लंड रेलम पेल हो रहा था. रेल की झोल के साथ ही सलमान के धक्के मेरी चूत में लग रहे थे. मेरी अन्तर्वासना तृप्त होना शुरू हो गयी थी. बहुत दिनों के बाद किसी जवान लंड से चुद रही थी मैं! फिर एकदम से मेरी आंखों के सामने जैसे अंधेरा सा छा गया.
शोएब ने पीछे से मेरी गांड मारने के लिए मेरी गांड में लंड धकेल दिया उसका लौड़ा कुछ ज्यादा ही लंबा और मोटा था जिस वजह से मुझे बहुत जोर का दर्द हुआ. मैंने दर्द के मरे सलमान के कंधे में अपने हाथों के नाखून गढ़ा दिए और उसकी पीछे को नोंच लिया. वो शोएब से बोला की अबे साले बहन के लौड़े थोडा धीरे चुदाई कर यदि इस शादी शुदा रांड की आवाज शौचालय से बाहर चली गयी तो सारे मजे की मां चुद जायेगी और हम तीनों को चलती ट्रेन के यात्री पकड़कर मरेंगे सो आलग. चुदाई करते करते शोएब बोला की सॉरी यार जोश जोश में होश खो बैठा था मगर तू चिंता मत कर अब इस शादी शुदा रंडी को आराम आराम से चोदुंगा.
आज इस चलती ट्रेन के शौचालय में मेरे जीवन का यह पहला हार्डकोर थ्रीसम सेक्स था इस वजह से चुदते चुदते मुझे दर्द के साथ साथ आनंद भी आ रहा था. मैं दर्द में तड़प गयी थी और सलमान के धक्के थे कि रुकने का नाम नहीं ले रहे थे. अब मुझे चूत की चुदाई करवाने में ज्यादा मजा नहीं आ रहा था क्योंकि गांड मरवाते मरवाते मेरी गांड फट चुकी थी और अब मेरी गांड में बहुत ज्यादा दर्द होने लगा था. चलती ट्रेन के शौचालय में हार्डकोर थ्रीसम सेक्स करने के दौरान मुझ कामुकता से भरी शादी शुदा महिला को ऐसा महसूस हो रहा था की शोएब का लंड सलमान के लंड से ज्यादा मोटा और लम्बा है. फिर सलमान मेरी चूचियों को पीने लगा व मेरे दूध से भरे मोटे मोटे स्तनों के निप्पलों को दांत से काटने लगा.
अब उसकी इन सभी हरकतों से मुझे थोड़ी उत्तेजना होने लगी. कुछ देर तक शोएब भी मुझे पीछे से गर्दन पर चूमता रहा. फिर मैं धीरे धीरे नॉर्मल होने लगी. अब शोएब का लंड भी सलमान के धक्कों के साथ ही मेरी गांड में अंदर बाहर होना शुरू हो गया. मगर शोएब का लंड कुछ ज्यादा ही मोटा लग रहा था मुझे. मैं उसके लंड को बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी. फिर उसने और थूक लगाया और लंड पर मसलने लगा. अब लंड थोड़ा चिकना हुआ तो थोड़ा आराम मिला. अब दोनों ने मेरी चुदाई करने की रफ्तार पकड़ ली थी और मैं किसी धंधा करने वाली रंडी की तरह से उन दोनों के बीच में सैंडविच बन चुदवा रही थी. मेरे पति भी मेरी रोज रात में चुदाई किया करते थे मगर मैंने मेरे बड़े बड़े स्तनों में आज से पहले कभी इतना कसाव महसूस नहीं किया था.
मेरे दोनों गुप्तांगों के टाइट छेद में लंबे व मोटे लंड थे और दोनों ही बहुत खतरनाक तरीके से मेरी चुदाई कर रहे थे. चलती ट्रेन के शौचालय में हार्डकोर थ्रीसम सेक्स करते करते मैं कामुकता से भरी शादी शुदा महिला मदहोश सी होने लगी थी. एक तरफ सलमान मेरे कूल्हों को दबाते दबाते चुदाई करे जा रहा था तो उधर dउसरी तरफ शोएब मेरे मोटे मोटे स्तनों को निचोड़ने में लगा हुआ था. दोनों के दोनों लड़के मुझे नोच नोच कर खाने में लगे हुए थे और मैं सेक्स के मजे में इतनी खो गयी कि ध्यान ही नहीं रहा कि मैं टॉयेलट में चुद रही हूं. मैं अपनी चूत को सलमान के लंड की ओर धक्का देना चाहती थी लेकिन मैं ऐसा कर पाती इससे पहले ही शोएब के लंड का धक्का मेरी गांड में लग जाता था. फिर उतने में ही सलमान के लंड का धक्का लग जाता था.
ऐेसी चुदाई मैंने आज तक नहीं करवाई थी और न ही इतनी उत्तेजना कभी महसूस हुई थी. पांच मिनट की चुदाई में ही मेरी चूत ने ढेर सारा चिपचिपा तरल पदार्थ निकाल कर सलमान के लंड को भिगो दिया. चलती ट्रेन के शौचालय में हार्डकोर थ्रीसम सेक्स करते करते अब मेरी हालत खराब होने लगी थी. ऐसा लगा मानो जैसे मेरे बदन से से सारी की सारी उर्जा निकल गयी हो. मैं ढीली होकर सलमान के बदन से लिपट गयी और पीछे गांड चुदाई के दौरान शोएब के लंड के धक्के मेरी गांड में लगते रहे. सलमान समझ गया कि मैं झड़ चुकी हूं. अब वो और तेजी से मेरी चुदाई करने लगा था जिस वजह से मैं अब चुदते चुदते बेहोश होने के कगार पर थी.
फिर मेरी चुदाई करते करते सलमान बोला की भाभी जी आप बोलो तो मेरा वीर्य अंदर आपकी चूत में ही निकाल दूं? मैंने कहा की नहीं, हरगिज नहीं मैं गर्भवती हो गयी तो मुश्किल हो जायगी. वो फिर बोला की फिर आप मुंह में पी लो मेरा वीर्य? मैंने उसके लिये भी मना कर दिया. अब उसने शोएब से कहा- शोएब तू पहले निकाल ले. अभी मैं इसकी चूत से लंड को बाहर नहीं निकालना चाहता. बहुत गर्म है ये. शोएब मुझे चोदते चोदते बोला की हाँ ठीक है, मेरा लंड वीर्य की पिचकारी चलाने वाला है. फिर कुछ धक्कों के बाद शोएब की गांड मारने की गति एकदम से कम होती चली गयी. उसने बिना पूछे ही मेरी गांड के अंदर अपने लंड से वीर्य की पिचकारी चला दी. मैंने भी उसको कुछ नहीं कहा.
उसने फिर अपना लंड निकाल लिया और सलमान ने मुझे पीछे हटाकर लंड निकाल लिया. वो बोला- मुठ तो मार दो भाभी जी लंड अपाने कोमल कोमल हाथों में लेकर? फिर मैं उसके लंड को हाथ में लेकर मुठ मारने लगी और वो मेरे होंठों को चूसते हुए मेरी चूचियों को दबाने लगा. उस साले हरामी का लंड पत्थर के जैसा सख्त और मेरी चूत के रस में चिकना हो चुका था. कुछ ही झटकों के बाद उसके लंड से वीर्य निकल पड़ा और मेरे हाथ पर आकर फैल गया. शांत होने के बाद उसने शौचालय में लगा पानी का नल चलाया और अपने हाथ में पानी लेकर मेरे हाथ को धोया. उसने अपने रुमाल से हाथ को साफ किया. फिर हम तीनों ने अपने अपने कपड़े ठीक किये.
कपड़े ठीक करने के बाद चुपके से शोएब ने गेट खोला और वो चलती ट्रेन के शौचालय में से बाहर निकल गया. अब सलमान ने मुझे ट्रेन के शौचालय में से बाहर जाने को कहा. दो मिनट बाद मैं भी बाहर का ध्यान रखते हुए चुपके से निकल गयी. उसके बाद सलमान भी आ गया. इस तरह से हम तीनो ने मिलकर चलती ट्रेन के शौचालय में हार्डकोर थ्रीसम सेक्स करा और खूब मजे करे. अगला स्टेशन आया तो कुछ यात्री ट्रेन से उतर गये थे तो फिर हम लोग डिब्बे में अंदर की ओर चले गये. अब काफी यात्री उतर चुके थे तो ट्रेन में खूब जगह खली हो चुकी थी और हम तीनों को भी एक साथ बैठने के लिए सीट मिल गयी.
फिर जब तक जबलपुर नहीं आया वो मेरे बदन से मौका पाकर छेड़खानी करते रहे और मेरा सफर आराम से कट गया मैंने इन दोनों का का मोबाइल नंबर ले लिया है और उन्हें भी मेरा मोबाइल नंबर दे दिया है ताकि भविष्य में जब कभी हार्डकोर थ्रीसम सेक्स करने का मन करे तो हम तीनो मिलकर अवैध सेक्स संबंध बना सकें. दोस्तो, ये थी मेरी चलती ट्रेन के शौचालय में हार्डकोर थ्रीसम सेक्स करने की हिंदी सेक्स स्टोरी जो की बिलकुल सच्ची है यदि आपो को मेरी ये हिंदी सेक्स स्टोरी पसंद आये तो इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर जरुर करना.