दोस्तों मेरा नाम कुणाल गुप्ता है और मैं महाराष्ट्र का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 31 साल है और मैं एक शादी शुदा मर्द हूँ. मेरी शादी 3 साल पहले इंदौर की एक बहुत सुन्दर और सेक्सी माल लड़की से हुई थी जिसका नाम शबनम सहगल था. मेरी धर्म पत्नी दिखने में बहुत सेक्सी माल है मगर मुझे उसकी कामुक माँ यानि कि मेरी सास मेरी सुंडार और सेक्सी पत्नी से भी ज्यादा पसंद थी और इस वजह से मैं उनकी इज्जत पर हाथ डालकर उनकी भी चुदाई करना चाहता था. आज की इस कामुकता से भरी अन्तर्वासना हिंदी सेक्स स्टोरी में आप को हम दामाद और सास की चुदाई की घटना पढ़ने को मिलेगी. इस कामुकता से भरी अन्तर्वासना हिंदी सेक्स स्टोरी में आप पढ़ेंगे की कैसे मैंने मेरी कामुकता से भरी सास का ब्लाउज और ब्रा खोलने के बाद कैसे मैंने उनके दूध से भरे बड़े बड़े स्तनों से दूध चूसा था और फिर चूसने के बाद उसकी चुदाई भी करी थी.
दोस्तों मेरी कामुकता से भरी सास का नाम कलावती है और उनकी उम्र मात्र 45 साल है. उनकी कम उम्र में शादी हो गयी थी इस वजह से बच्चे भी जल्दी जवान हो गए थे. मेरी सास दिखने में उसकी बेटी से भी ज्यादा कामुक थी. उनका फिगर 38-32-40 है जो किसी भी मर्द को बहका सकता है. काफी भारी भरकम औरत है लेकिन चुदाई करने के लिए बिलकुल सही माल है. मैं बिजनेस करता हूँ और मेरी धर्म पत्नी छोटे बच्चों को कोचिंग पढ़ाती है. शादी के बाद से ही हम पति पत्नी रोज रात को खूब चुदाई करा करते और हर रात कामसूत्र की कोई नयी सेक्स पोजीशन आजमाया करते जिस के फलस्वरूप मेरी धर्म पत्नी शादी के बाद दूसरे महीने में ही गर्भवती हो गयी.
मैंने सास के बड़े बड़े स्तनों से दूध चूसने के बाद उसकी चुदाई करी अन्तर्वासना हिंदी सेक्स स्टोरी
गर्भवती होने की वजह से उसकी तबीयत ठीक नहीं रहती थी और उसको घर का काम करने में बहुत ही ज्यादा दिक्कत होने लगी थी तो मेरे ससुर जी ने शबनम की कामुक मम्मी को हमारे पास नागपुर भेज दिया था. मैं ही उनको लेने के लिए बस स्टॉप पर गया था. जब मैं उनको लेने गया तो मैंने उनको नमस्ते किया और फिर उनका सामान उठाया. दो बैग थे. मैंने दोनों को उठाकर कार में रख लिया. फिर हम लोग घर के लिए निकल चले. वहां पर ट्रैफिक काफी होता है इसलिए कार से चलने में काफी समय लग जाता है। हम लोग ड्राइव करते हुए आ रहे थे. तो फिर मैं अपनी सास को लेकर अपने फ्लैट पर पहुंच गया. मैंने उनको फ्रेश होने के लिए कहा. शबनम उस वक्त अपनी कोचिंग क्लास लेने गयी हुई थी.
मेरी पत्नी की कामुकता से भरी माँ कलावती अपनी ब्रा पैंटी व् अन्य कपड़े उठाकर नहाने के लिए बाथरूम की ओर जाने लगी. मगर बाहर वाले बाथरूम में टूट फुट हो रखी थी इस लिए रिपेयरिंग का काम चल रहा था और वो हमने बंद किया हुआ था. मैंने अपनी सास को हमारे बैडरूम वाले बाथरूम में जाकर नहाने को कह दिया. फिर वो हमारे बैडरूम वाले बाथरूम में नहाने के लिए जाने लगी. मेरी कड़क माल सास के मोटे मोटे बूब्स और भारी भरकम मटकती गांड को देखकर मेरा दिल उनका बलात्कार करने के लिए मचल गया. मन किया की अभी के अभी उस भरी पूरी औरत का बलात्कार कर डालूं और साली को घोड़ी बनाकर अभी के अभी उसकी गांड में लंड दे दूं. मगर मैंने अपने आप पर काबू करा और फिर मेरे शैतानी दिमाग में एक विचार आया. मैंने सोचा कि क्यों न सासू माँ को सेक्स चढ़ाकर अपने आप ही मेरे साथ सेक्स करने के लिए मजबूर करा जाये? ये सोचकर मैंने भी रूम में जाने का फैसला किया. मैं अंदर गया और अपनी शर्ट निकाल दी.
मैंने पैंट भी निकाल दी और केवल शॉर्टस में आ गया. ऊपर से मैंने एक बनियान डाला हुआ था. शॉर्ट्स के नीचे मैंने कुछ नहीं पहना था. लंड मेरा पहले से ही तना हुआ था. सासू माँ की चुदाई के बारे में सोचकर लंड में और ज्यादा उछाल आने लगा. मैं लंड को सहलाने लगा और फिर अंडरवियर में हाथ डालकर मुट्ठ ही मारने लग गया. मैं सास की गांड के बारे में सोच सोचकर अपने लंड को हिलाता रहा. 5 मिनट के बाद पानी गिरने की आवाज बंद हो गयी. शायद कलावती बाहर आने वाली थी. ये सोचकर मैंने झट से आंखें बंद कर लीं. मैं सोने का नाटक करने लगा. मेरा लंड तनकर पूरा तंबू बना रहा था. फिर दरवाजा खुला और मैंने हल्की सी आंख खोलकर सामने देखा तो कलावती मेरे कच्छे के तंबू की तरफ देख रही थी. उसके भीगे बाल और ब्लाउज में उसकी चूचियों की बड़ी सी घाटी देखकर मेरे लंड में झटका लगा. इस झटके के साथ ही कलावती की आंखें थोड़ी फैल गयीं.
शायद अपनी बेटी के पति का फौलादी लंड देखना उस बदचलन महिला को अच्छा लग रहा था. फिर मैंने अचानक से आंखें पूरी खोल दीं और नींद से उठने का नाटक करने लगा. मैंने अपनी आंखें मलते हुए कहा- अरे मम्मी जी, आप आ गयीं. मेरी तो आंख ही लग गयी थी. फिर मैंने अपने तने हुए लंड को देखा और शर्म का नाटक करते हुए उस पर तकिया रख कर उसे छिपा लिया. ये देखकर कलावती के चेहरे पर एक स्माइल आ गयी. वो मुस्कराती हुई शीशे के सामने गयी और अपने बालों को झटकाने लगी. उसकी साड़ी उसकी गांड में फंसी हुई थी. इतने मोटे चूतड़ थे कि पूरी साड़ी को अपने अंदर समा लें. उसका ब्लाउज पीछे से लगभग पूरा भीग चुका था. उसकी ब्रा की पट्टी साफ झलक आयी थी.
मैं तो सोच रहा था कि इतने मोटे चूचों को ब्रा भी भला कैसे संभाल पाती होगी! फिर वो मेरी तरफ घूम गयी और उसने अपने सीने से पल्लू नीचे गिरा दिया. अब वो नीचे झुक कर बाल सुखाने लगी और उसके पहाड़ जैसे चूचे मुझे अंदर तक का नजारा दिखाने लगे. मेरे मुंह से इस्स … करके आवाज निकली जिसे सासू माँ ने सुन लिया. उसने मेरी तरफ देखा तो मैं उसकी चूचे घूर रहा था. फिर कलावती ने अपना पल्लू ऊपर कर लिया. मैं उसी वक्त उठा और किचन की तरफ जाने लगा. मेरा लंड मेरे शॉर्ट्स में तना हुआ था और उसका तंबू भी सासू माँ को दिख रहा था. वो मेरे लंड को घूर रही थी. फिर मैंने बोला आप आराम से बैठिये मैं आपके लिए नींबू पानी लेकर आता हूं. उसने मेरी बात पर हल्की सी स्माइल दे दी और मैं नींबू पानी लाने के लिए अंदर रसोई में चला गया. पांच मिनट बाद मैं नींबू पानी के साथ वापस आया.
मेरी चुदवाने की भूखी सासू माँ की गन्दी नजर बार बार मेरे लंड की ओर ही जा रही थी. मैंने उनके सामने नींबू पानी का गिलास कर दिया और उन्होंने मेरे हाथ से गिलास ले लिया. इस दौरान मैंने उनके हाथ को हल्का सा छूते हुए सहला दिया ताकि वो मेरा इशारा समझ सके. सासु माँ को नींबू पानी देने के बाद मैं डबलबेड पर लेट गया. उनकी नजर अभी भी मेरे लंड पर ही टिकी हुई थी और मेरी नजर उनके दूध से भरे बड़े बड़े स्तनों पर! नींबू पानी पीकर उस कामुक महिला ने गिलास रख दिया. फिर वो बाहर जाने लगी तो मैंने उसे आवाज दी- मम्मी, आप कुछ खाओगी या पीओगी? मेरी सास ने कहा- तुम परेशान मत हो दामाद जी, मैं कुछ देखती हूं किचन में जाकर. मैंने कहा- अरे नहीं मम्मी, आप नयी हैं हमारे घर में, आपको अभी काम करने में परेशानी होगी. अभी मैं आपके लिए कुछ खाना पीना बना देता हूं. शाम तक तो फिर शबनम आ ही जायेगी.
अपने फौलादी लंड को सहलाते हुए मैंने कहा और मेरी सास भी मेरी हरकत देख रही थी. फिर वो मुस्कराती हुई मेरे पास आ गयी और डबलबेड पर आकर बैठ गयी. उसने मेरी आंखों में आंखें डालकर कहा- अच्छा, क्या पिलाओगे ऐसा? मुझे सेक्स चढ़ गया था और अब मेरा मन बस उसको चोदने के लिए कर रहा था. इसलिए मैंने भी बेशर्म होकर कहा- पिलाने के लिए तो बहुत कुछ है. आपके पास भी और मेरे पास भी. मैं उठकर बैठ गया और अपनी सास की जांघ पर हाथ रख दिया. उसने मेरे हाथ को देखा और फिर मेरे लंड को देखा. फिर मेरे फनफनाते लंड पर शॉर्ट्स के ऊपर से ही सहलाते हुए उसने कहा- कहीं तुम ये पिलाने की बात तो नहीं कर रहे? बदले में मैंने उसकी चूचियों को दबाते हुए कहा- अगर आप मेरा पीना चाहती हैं तो फिर आपको भी अपने इन बड़े बड़े स्तनों से मुझे दूध पिलाना पड़ेगा.
उसने एकदम से अपनी साड़ी का पल्लू गिराते हुए मुझसे बोला की लो दामाद जी पी लो मेरे बूब्स का दूध और कर ले अपनी अधूरी ख्वाहिश पूरी. वैसे भी तेरे ससुर तो नाकारा हो चुके हैं उनसे कुछ होता नहीं अब. मैं मेरी कामुकता से भरी सासु माँ से बोला की कोई बात नहीं सासू मां, मैं आपका दामाद हूं न आपके जिस्म की प्यास शांत करने के लिए और ये कहते हुए मैंने मेरी पति की कामुक माँ को नीचे गिरा लिया. अब मैं उसके ऊपर लेट गया और उसके होंठों पर होंठ भिड़ा कर चुम्मा चाटी करने लगा. मेरी कामुकता से भरी सास भी जैसे पहले से ही तैयार थी और मेरा पूरा साथ दे रही थी. उसने नीचे से हाथ लाकर मेरा लंड पकड़ लिया और मैंने भी जल्दी से अपना शॉर्ट्स निकाल दिया. अब मेरा नंगा लंड मेरी सासु माँ के हाथ में था और अब वो मेरे लौड़े से खेल रही थी.
करीब दस मिनट तक मेरे लंड से खेलने के बाद अब वो मेरी मुठ मारते हुए बोली की दामाद जी मैं तुम्हारे साथ अवैध सेक्स संबंध तो बना रही हूँ मगर इन सब के बारे में मेरी बेटी शबनम को कुछ नहीं पता चलना चाहिए नहीं तो बहुत बदनामी हो जायगी और हो सकता है वो तुम्हे तलाक भी दे डाले. मैंने कहा- अरे आप चिंता मत करो सासु माँ, आप यहां पर मेरे से चुदती भी रहोगी और किसी को कुछ पता भी नहीं चेलगा. मैं ब्लाउज के ऊपर से ही मेरी धर्म पत्नी की कामुक माँ के दूध से भरे बड़े बड़े बूब्स को सहलाने लगा. फिर उसने मेरे लंड की चमड़ी के अंदर अपनी उंगली डाल दी और मेरे खड़े लौड़े के टोपे के बीच वाले छेद पर सहलाने लगी. मुझे इसमें बहुत मजा आया. ऐसा मेरे साथ पहले कभी किसी ने नहीं किया था यहाँ तक की मेरी गर्भवती पत्नी ने भी नहीं.
फिर मैंने मेरी सास के ब्लाउज के हुक बटन खोलना शुरू करे और उनका ब्लाउज खोल कर निचे फर्श पर फैंक दिया. मेरी कड़क माल सासु माँ ने अपने ब्लाउज के नीचे ब्रा पहन राखी थी और इस ब्रा ने ही उनके दूध से भरे बड़े भरी स्तनों का सारा वजन वहन कर रखा था. फिर मैंने मेरी कामवासना से भरी सास की टाइट ब्रा के अंदर हाथ डाल दिया और उनके मोटे मोटे स्तनों से खेलने लगा. धोड़ी देर के बाद मैंने मेरी सास की ब्रा निकाल ही दी और उनके दूध से भरे बड़े बड़े स्तनों को खुली हवा में आजाद कर दिया. अब मेरा दिल मेरी सासु माँ के मोटे मोटे बूब्स से दूध चूसने का करने लगा तो फिर मैंने मेरी सासु माँ के दूध से भरे बड़े बड़े स्तनों को अपने मुंह में भर लिया और एक एक करके उनके दोनों बूब्स के निप्पल को को चूसने लगा. दूसरे हाथ से दूसरे चूचे को दबाने लगा. मैंने काफी देर तक दोनों चूचियों का दूध पीया.
वो तेजी से मेरे लंड को हिला रही थी. मैं समझ गया था कि सास की चूत में अब लंड लेने की खुजली पूरे जोर पर है. फिर मैंने उसके मुंह के सामने लंड कर दिया और वो पल की देर किये बिना ही लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी. मेरे मुंह से आह्ह … आह्ह … करके सिसकारी निकलने लगी. मेरी कामवासना से भरी चुदक्कड़ सास पूरी मस्ती से लंड चूस रही थी. एक बात तो मुझे बहुत सही लगी कि अपने से बड़ी उम्र की औरतों के साथ सेक्स करने का मजा ही कुछ और है. उनका तजुरबा गजब का होता है. कुछ सिखाना नहीं पड़ता और मजा भी पूरा देती हैं जो नयी लड़की भी नहीं दे पाती. बस फर्क ये है कि ढीली चूत के साथ समझौता करना पड़ जाता है. मेरी कामवासना से भरी सास अपनी चूत की चुदाई करवाने के लिए तड़प रही थी.
मैंने सोचा कि क्यों न सास को चुदाई करवाने के लिए थोड़ा तड़पाया जाये इसलिए मैं एक तरफ लेट गया. फिर मुझसे मेरी कामुकता से भरी सास पूछने लगी की क्या हुआ दामाद जी? मैंने कहा की कुछ नहीं सासु माँ अभी थोड़ी देर बाद सेक्स करते हैं. मेरी कामवासना से भरी चुदक्कड़ सास हैरान हो गयी. मैं चुपचाप लेटा रहा. उसने मेरे लंड को हिलाते हुए कहा- क्या बात हो गयी दामाद जी? आओ ना सेक्स करते हैं. फिर मैं उठकर और पानी पीने के लिए चला गया. मेरी सासु माँ चुदने के लिए डबलबेड पर लेटी हुई थी. जब मैं वापस आया तो डबलबेड से नीचे ही खड़ा हो गया और अंगड़ाई लेने लगा. सास बोली- क्या बात है दामाद जी, क्यों तड़पा रहे हो मुझे चुदवाने के लिए आओ ना दामाद जी मेरे पास आओ और जल्दी से मेरी चुदाई ठीक उसी प्रकार से करो जैसे आप मेरी बेटी की करते हो! मैं चुपचाप खड़ा रहा.
फिर चुदने के लिए तड़प रही मेरी सासु माँ ने अपनी पेटीकोट ऊपर उठा दि. उसकी पैंटी दिखने लगी और वो उसके ऊपर से चूत को सहलाते हुए अपने दूध से भरे बड़े बड़े स्तनों को जोर जोर से दबाने लगी. फिर वो अपने बूब्स को दबाते हुए मुझसे बोली- आह्ह … दामाद जी … आइये न जल्दी से और मेरी चुदने की प्यासी बुर की प्यास बुझा दीजिये जल्दी से. मेरी कामवासना से भरी चुदक्कड़ सास की चुदास देखकर अब मेरा मन भी उसको अपनी दुल्हन बनाकर चोदने का करने लगा. अब उसने अपने बूब्स को सहलाते हुए मेरे सामने ही अपनी चड्डी भी उतार दी. पैंटी खुलते ही अब मेरी आँखों के सामने मेरी कामवासना से भरी चुदक्कड़ सास की घने बालों से भरी बड़ी सी चूत बिलकुल नंगी थी. अब मेरी सास अपनी झांट के बालों से ढकी चूत में ऊँगली करने लगी जिसे देखकर मेरे लंड में बहुत ही ज्यादा तनाव आ गया.
अपनी पति की माँ की नशीली चूत देखकर मैं तो पागल सा हो गया. इतनी बड़ी चूत थी कि उसमें तो मैं पूरा समा जाऊं. मैं झट से ऊपर आया और मेरी पत्नी की नंगी माँ की घनी झांटों से घिरी चूत पर मुंह लगाकर चाटने लगा. वो साली रंडी मेरे सर को पकड़कर अपनी चूत पर दबाने लगी. बहुत मजा आ रहा था मुझे मेरी पत्नी की माँ की चूत को चूसने और चाटने में. मेरी चुदक्कड़ सास की घने झांट के बालों से ढीली चूत बुरी तरह बदबू मार रही थी मगर उनकी चूत से आ रही बदबू में एक अलग ही नशा था. काफी देर तक मैं मेरी चुदक्कड़ सास की ढीली चूत को किसी कुत्ते की तरह चाटता रहा और वो सिसकारती रही. फिर मैं पीछे हट गया. वो बोली- बस … अब चोद भी दो. जल्दी चोदो दामाद जी. मुझसे नहीं रुका जा रहा. अगर ऐसे ही तड़पाना था तो मुझे गर्म क्यों किया तुमने? चोदो अब जल्दी. फिर मैंने उसको और ज्यादा तड़पाना ठीक नहीं समझा और मैंने उसकी टांगें फैला लीं. उसके बीच में आकर मैंने लंड को चूत पर रखा और एक धक्का दे दिया.
सास की ढीली पड़ी चूत में मेरा लंबा मोटा लंड एक ही झटके में अंदर उतर गया. मैं उसके ऊपर लेट गया और उसकी चूचियों को पीते हुए उसकी चुदाई शुरू कर दी. वो भी मेरे जिस्म से लिपट गयी और चुदने का मजा लेने लगी. मेरे हर धक्के के साथ उसके मुंह से सिसकारी निकल रही थी- आह्ह … आह्ह … ओह्ह … हां … चोदो … ओह्ह … कितने दिन बाद लंड मिला है … आह्ह … आईई … आह्ह … जोर से … आह्ह … चोदते रहो. इस तरह से मेरी सास मेरे लंड से चुदने का मजा लेने लगी. मैं भी मेरी चुदक्कड़ सास की ढीली चूत का पूरा मजा ले रहा था. उसकी भारी भरकम जांघों पर मेरी जांघों के टकराने से थप-थप की आवाज हो रही थी. मेरा लंड मेरी चुदक्कड़ सास की ढीली चूत की जड़ तक चोट करके आ रहा था. करीब एक घंटे तक मैंने मेरी सेक्सी माल सास की खूब जमकर चुदाई करी.
एक घंटे की चुदाई के बाद जब मेरे लंड से वीर्य निकलने को हुआ तो मैंने मेरी पत्नी की नंगी माँ से पूछा की सासु माँ जल्दी से बताओ वीर्य किधर झाड़ना है. तो चुदते चुदते मेरी नंगी सास ने बोला की दामाद जी आप अपना वीर्य अंदर मेरी बुर में ही छोड़ दो कोई दिक्कत की बात नाह है मैंने नसबंदी करवा राखी है. फिर करीब दस बारह धक्कों के के बाद मैं मेरी चुदक्कड़ सास की ढीली चूत में ही झड़ गया और मैंने उनकी चूत को अपने वीर्य से लबालब भर दिया. चुदाई ख़त्म करने के बाद मैं हाँफता हुआ मेरी नंगी सासु माँ की चूचियों में मुंह देकर लेट गया और वो मेरे सिर को बड़े प्यार से सहलाने लगी.
करीब दस मिनट बाद हम उठे और हमने अपने अपने नंगे जिस्म पर कपड़े पहन लिये. मैं एक बार मेरी पत्नी की माँ की गांड भी मारना चाहता था लेकिन मेरी पत्नी शबनम के घर आने का समय भी हो गया था इसलिए मैंने समझदारी दिखाते हुए जोखिम लेना ठीक नहीं समझा. उस दिन के बाद से लगभग हर दिन मेरी पत्नी की माँ मुझसे अपनी चुदाई करवाने लगी थी. मैं चुदाई करने से पहले हर रोज उनके मोटे मोटे बूब्स का दूध चूसता था जिस वजह से मेरे अंदर मुझे एक अलग ही ताकत व् शक्ति का अनुभव होने लगा था.
चोरी छुपपे मेरे साथ अवैध सेक्स संबंध बनाने की वजह से मेरी पत्नी की माँ के चेहरे पर अब निखार आने लगा था और वो पहले से भी ज्यादा सुन्दर लगने लगी थी. मैं मेरी सास को भी कामसूत्र की हर सेक्स पोजीशन में चोदा करता था ठीक वैसे ही जैसे उनकी बेटी को चोदता था. मेरे पास अब चुदाई करने के लिए माँ और बेटी दोनों की चूत थी और इस वजह से अब मैं बहुत खुश रहने लगा था. मेरी कामुकता से भरी सास को मैंने अपनी रखैल बनाकर अपने घर में ही रखा हुआ है और मौका पाकर उनकी खूब मजे से चुदाई करता हूँ. आज भी मैं अपनी सास की चुदाई करता हूँ लेकिन मेरी पत्नी शबनम को इस बारे में नहीं पता है कि उसकी माँ की चुदाई उसका पति ही कर रहा है.