दोस्तों मेरे मेरी बड़ी बहन की बेस्टफ्रेंड वसुंधरा के साथ अवैध शारीरक संबंध है और आज इस कामुकता से भरी आन्तार्वसना हिंदी सेक्स कहानी के माध्यम से मैं आपको बताऊंगा की कैसे मैंने ठंड में गीली चूत चाटने के बाद दीदी की बड़े स्तनों वाली सहेली वसुंधरा की जबरदस्त चुदाई करी थी और सेक्स के दौरान सारा वीर्य उसकी कुंवारी चूत में निकाल दिया था. दोस्तों यदि आप को मेरी ये गीली चूत चाटने और दीदी की सहेली की जबरदस्त चुदाई करने वाली कामुकता से भरी आन्तार्वसना हिंदी सेक्स कहानी पसंद आय तो इसे अपने परिवार के लोगों और अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करना…
हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम हिमांशु शर्मा है और मैं 24 साल का लड़का हूँ. दोस्तों यह मेरी कहानी है जिसको में आज आप सभी चाहने वालों को सुनाने जा रहा हूँ, जिसमें मैंने अपनी बड़ी बहन की एक सहेली को अपनी बातों में फंसाकर उनके साथ सेक्स के बहुत मज़े लिए. यह आज से तीन साल पहले की है, जो कि मेरा पहला सेक्स अनुभव है. दोस्तों में तब मेरी कॉलेज के आखरी साल में था और दिसम्बर में 30 तारीख को मेरी बुआ की बड़ी बेटी की शादी होनी थी, इसलिए मेरे पेपर खत्म होते ही 25 तारीख को हम वहां पर पहुंच गए.
गीली चूत चाटने के बाद दीदी की बड़े स्तनों वाली सहेली की जबरदस्त चुदाई करी आन्तार्वसना हिंदी सेक्स कहानी
मेरी बुआ गुड़गांव में रहती है और उनके पति की वहां पर सरकारी नौकरी होने की वजह से एक क्वॉर्टर दिया गया है. दोस्तों चलिए अब हम आज की अपनी कहानी पर आते है. हम जब वहां पहुंचे तो हमारा बड़े अच्छे तरीके से स्वागत किया गया और हम सभी रिश्तेदारो से मिले और फिर इधर उधर की बातें करते लगे. दोस्तों बातें करते करते टाईम का पता ही नहीं चला और गहरी काली रात हो गई. ठंड बहुत थी इस लिए हम सभी रात का खाना खाकर सो गए. हम सभी लोग काम की वजह से बहुत ज्यादा थके हुए थे इसलिए सभी को लेटते ही तुरंत नींद आ गई. अगले दिन सुबह हम सभी उठे और काम में लग गए. में भी ठीक टाईम से उठा और कामो में सभी का साथ देने लगा.
कुछ घंटे बीत जाने के बाद जब में थोड़ा सा आराम करने के लिए बैठा हुआ था. तभी मेरी नज़र एक लड़की पर गई, जो मेरी दीदी से बहुत हंस हंसकर बातें कर रही थी, हमारे बीच में थोड़ी दूरी होने की वजह से मुझे कुछ ठीक तरह से दिखा नहीं, लेकिन फिर भी ठीक ही थी, क्योंकि वो सर्दियों का टाईम था और काम की वजह से में थोड़ा सा थका हुआ भी था, लेकिन तभी मुझे मेरी दीदी ने आवाज़ लगाई और में तुरंत दीदी के पास गया. तब मेरी बड़ी दीदी ने मुझे अपनी उस बड़े स्तनों वाली सहेली मिलवाया और उन्होंने मुझसे कहा कि यह उनकी दोस्त वसुंधरा है.
दीदी की बड़े स्तनों वाली सहेली वसुंधरा को देखकर मेरी कामवासना जाग गई थी और अब में उस जवान और सेक्सी लड़की को बहुत देर तक लगातार घुर घुर कर गन्दी नजरों से देखता रहा. दीदी की बड़े स्तनों वाली सहेली वसुंधरा थोड़ी सांवली जरुर थी लेकिन उसके स्तन और नैन नक्श एकदम तीखी छुरी जैसे थे. अगर कोई भी उसे देखे तो बस देखता ही रह जाए और उसका बदन एकदम भरा हुआ बड़े आकार की छाती उभरी हुई गांड हर किसी को अपना दीवाना बना ले. तभी मेरी दीदी ने मुझे आवाज़ लगाई कि हिमांशु वो तुझ से हाथ मिलाने के लिए खड़ी हुई है भाई कम से कम एक बार हाथ तो मिला ले इतना क्या भाव खा रहा है.
दोस्तों में उस बड़े बड़े स्तनों वाली कामुक लड़की को देखकर उसकी चूत की जबरदस्त चुदाई करने के हसीन सपनों में खो सा गया था. तब मैंने होश में आकर नीचे देखा तो उसने अपना एक हाथ मेरी तरफ बड़ाया हुआ था. फिर मैंने बड़े आराम से अपना हाथ दीदी की बड़े स्तनों वाली सहेली के हाथ से मिलाया और उसके मुलायम हाथ को छूते ही मेरे अंदर सेक्स दौड़ गया. मेरा दिल तो कर रहा था की अभी और इसी वक्त उसका बलात्कार कर दू मगर ऐसा करना संभव नहीं था. फिर मैंने उस जवान और सेक्सी लड़की से हाथ मिलाया तो वो थोड़ा सा मुस्कुराई.
उसके बाद तो मैं वसुंधरा से बातें करने का कोई ना कोई अच्छा मौका ढूंढता रहता. मुझे उससे बातें करना उसके साथ समय बिताना बहुत अच्छा लगता और मेरी यह सभी बातें और हरकतों पर मेरी दीदी ने भी गौर किया और फिर उन्होंने मुझसे मुस्कुराते हुए कहा कि भाई इतनी जल्दी मत कर आराम से कर ले, वो मना नहीं करेगी, क्योंकि वो भी तुझे बहुत पसंद करती है, यहाँ पर सभी रिश्तेदार आए हुए है, तो इसलिए तू थोड़ा सा कंट्रोल कर और उन सभी का ध्यान भी रख. दोस्तों उनकी यह सभी बातें सुनकर में बड़ा खुश हुआ, मुझे अब आगे बढ़ने की हिम्मत मिलने लगी, लेकिन उसने भी मुझसे एक बात बिल्कुल सही कही थी कि सारे परिवार वाले बस हम दोनों को ही देखे जा रहे थे, इसलिए में वहां से चला गया.
बड़े बड़े स्तनों वाली वसुंधरा और मेरे बीच अब छेड़छाड़ शरारत हंसी मजाक करना यह सब आम बातें हो गई थी. अब तो मैंने दीदी की बड़े स्तनों वाली सहेली वसुंधरा को एक बार अकेले में छत पर भी बुला लिया था. दोस्तों जैसा कि मैंने पहले भी आप लोगों को बताया है कि वो सर्दियों का समय था तो हम जैसे आशिक़ो के लिए छत से अच्छी जगह कोई और हो ही नहीं सकती. फिर मैंने उसे उस समय छत पर मिलने के लिए बुला लिया. मगर उसने मुझे बहुत अच्छी तरह से मुस्कुराते हुए ना कह दिया, इसलिए मैंने भी दोबारा उससे कुछ नहीं पूछा और फिर में वहां से चला गया.
फिर कुछ समय बाद एक छोटी सी बच्ची वसुंधरा को बुलाने के लिए उसके पास आई और बोली कि दीदी आपको बड़ी मम्मी बुला रही है छत पर, उन्हें आपसे कुछ काम है. फिर वसुंधरा उठी और छत पर आ गई, वो आंटी को आवाज़ लगाते हुए जैसे ही छत पर आई तो मैंने तुरंत छत का दरवाजा अंदर से बंद कर दिया और उसे अपनी बाहों में जकड़ लिया. वो अचानक से डर गई की कहीं कोई उसका बलात्कार तो नहीं कर रहा है और डर के मारे वो बहुत तेज चिल्लाई. फिर मैंने जैसे तैसे दीदी की बड़े स्तनों वाली सहेली को मनाया कि यह में हूँ तो वो मुझसे बहुत नाराज़ हो गई. उसे अब पता चल गया था कि मैंने उसे धोके से छत पर बुला लिया है.
दोस्तों वो मुझे हल्के हाथों से कंधो पर थप्पड़ मारने लगी और मैंने महसूस किया कि अब उसका गुस्सा थोड़ा सा कम हो गया था. दोस्तों मैंने उसे हाथों को पकड़ा और उसे अपनी बाहों में कसकर कभी उसकी गर्दन पर तो कभी उसको गालों पर चूमने लगा और में उस हसीन पल का पूरा पूरा फायदा उठाने लगा. दोस्तों कई लड़कियां लड़कों की इस हरकत से बुरा मान जाती है, क्योंकि वो इन सभी कामों के लिए खुद को तैयार नहीं कर पाती, लेकिन मैंने महसूस किया कि वो तैयार थी. फिर मैंने जैसे ही उसे चूमना शुरू किया तो वो भी मुझे चूमना शुरू हो गई और हम 20 मिनट तक एक दूसरे को ऐसे ही चूमते चाटते रहे और हमे जोश चड़ता रहा.
फिर करीब 20 मिनट के बाद मैंने दीदी की बड़े स्तनों वाली सहेली से बोला कि मुझे आपकी गांड का छेद और चूत भी चाटने का दिल कर रहा है. फिर वो मुझसे बोली कि पागल यहाँ नहीं इधर बहुत ठंड है और यहाँ पर किसी के आ जाने का भी ख़तरा है, तुम पहले सभी लोगों को सो जाने दो फिर मेरी गांड का छेद और चूत चाट लेना. यह बात कहकर दीदी की बड़े स्तनों वाली सहेली अपने बाल और सूट को सही करती हुई वहां से चली गयी. ठंड बहुत तेज बढ़ चुकी थी और अब रात के करीब 12 बज चुके थे. घर के सभी लोग सो चुके थे और अब वो अपनी चुदाई करवाने के लिए वापस छत पर मुझसे मिलने आई.
मैंने चुदाई करने के इरादे से दरवाजा बंद कर दिया और बड़ी बेरहमी से दीदी की बड़े स्तनों वाली सहेली के जवान और सेक्सी जिस्म को जगह जगह से चूमना व चाटना शुरू कर दिया. मेरे होंठ उस कुंवारी लड़की के नशीले होंठो के ऊपर नीचे थे और हम दोनों आवारा आशिक की तरह चुम्मा चाटी किये जा रहे थे. करीब दस मिनट तक पागलों की तरह चुम्मा चाटी करने के बाद मैंने उसे छोड़ दिया और कहा कि अब मुझे तुम्हारी गांड मारनी है और चूत की भी चुदाई करनी है. फिर उसने मुझसे कहा कि चलो चुदाई करने के लिए हमारे फ्लेट पर चलते है.
दोस्तों उस समय वहां पर कोई भी नहीं था और उस जवान और सेक्सी लड़की के मम्मी, पापा अब तीन रात यहीं पर रुकेंगे, क्योंकि शादी में गाना बजाना ड्रिंक्स करना यह सब आज कल तो आम बात है. फिर मैंने दीदी की बड़े स्तनों वाली सहेली से कहा कि ठीक है और फिर मैंने उससे पूछा कि उसके घर की चाभी क्या तुम्हारे पास है? तो उसने कहा कि हाँ मेरे पास ही है तो मैंने कहा कि ठीक है तो फिर देरी किस बात की है, चलो हम वहीं पर चुदाई करने के लिए चलते है और फिर उसने कहा कि ठीक है तुम मुझे बाहर मिलो, में मम्मी पापा को बताकर अभी आती हूँ और में उनसे यह बात भी कह दूँगी कि में सोने जा रही हूँ.
फिर मैंने उससे कहा कि ठीक है और फिर में बाहर आकर उसका इंतजार करने लगा. फिर करीब पांच मिनट के बाद दीदी की बड़े स्तनों वाली सहेली हंसती हुई नीचे आई और मुझसे बोली कि आज तो हमारे पास चुदाई करने के लिए पूरी रात है. दोस्तों में उसके मुंह से यह बात सुनकर बड़ा खुश हुआ और अब में उसके पीछे पीछे उसके फ्लेट में अंदर चला गया. खाली पड़े फ्लेट में अंदर घुसते ही जैसे ही उस मोटे मोटे स्तनों वाली कामुक लड़की ने फ्लेट का दरवाजा बंद किया तो मैंने उसे अपनी गोद में उठा लिया और उसे चोदने के लिए बेडरूम में चला गया. बेडरूम में पहुंचकर मैंने उसे पलंग पर पटक दिया और फिर में उसके ऊपर चढ़कर लेट गया.
मैं एक बार फिर से दीदी की बड़े बड़े स्तनों वाली कामुक सहेली के जवान और सेक्सी जिस्म को पागलों की तरह चूमने और चाटने लगा. अब तो वो भी मेरे खड़े लंड से अपनी गीली चूत की चुदाई करवाने के लिए बिल्कुल पागल सी हो रही थी इसलिए वो जोश में आकर मुझे बहुत ज़ोर से चूमने लगी. मैं भी दीदी की बड़े स्तनों वाली सहेली की जीभ को चूसने लगा और उसके लाल लाल होंठो पर हल्के से अपने नुकीले दांतों से काटने लगा तो वो दर्द के कारण बड़ी तेज से चिल्लाने लगी उई माँ आह… आह… मर गयी… उमह…. उमह…
जंगली जानवरों की तरह चुम्मा चाटी करने के दौरान वो मुझसे कहने लगी कि प्लीज थोड़ा आराम से करो ना हिमांशु, में आज पूरी रात तुम्हारे पास ही तो हूँ यार, आह्ह्ह्, लेकिन मैंने उस कुंवारी लड़की की एक ना सुनी और अपना काम चालू रखा. वो अब भी लगातार चीखती रही और मुझे धक्का मारती रही, लेकिन में फिर भी ना रुका. में उसके बूब्स को दबाता कभी उसकी प्यासी, गरम, गीली चूत को मसल देता, कभी उसके बालों को पीछे से पकड़कर चूमता जाता और वो बस ऊईईईई आआहहा आअहह ना उफ्फ्फ्फ़ थोड़ा आराम से आअहह ऊह्ह्ह्ह अब बस भी करो कहती रही.
करीब 30 मिनट तक हमारे बीच यह सब अश्लील हरकतें चली जिसकी वजह से अब तो वो भी पूरी तरह से सेक्स करने के लिए कामवासना से भर चुकी थी. फिर मैंने धीरे धीरे उसे पूरा नंगा करना शुरू कर दिया. अब में उसके पूरे शरीर को चूमता हुआ उसे चोदने के लिए नंगी करे जा रहा था और वो बस आआहह उूउउंम एम्म्म एमेम उउउंम आआहह की आवाजे करके अपने कामुक शरीर को मेरे लिए ढीला कर रही थी और चुदवाने के लिए मचल रही थी. मस्ती में उसे पता भी नहीं चला कि मैंने उसे कब बिलकुल नंगी कर दिया और जब उसे होश आया तो खुद को मेरे सामने नंगी पड़ी देख वो हल्की सी शरमाई और फिर उसने अपना मुहं अपने दोनों हाथों से छुपा लिया.
फिर मैंने उसका हाथ उसके चेहरे से हटाया और फिर से उसे चूमते हुए में उसके बड़े बड़े बूब्स तक आ गया, जिनको देखकर में बहुत खुश था और अब उसके दोनों बूब्स को अपने हाथों में लेकर में उसे चूसने और चूमने लगा. वो बड़ी तेज तेज आआहहह उह्ह्ह करने लगी और सिसकियाँ लेते हुए वो खुद को यहाँ वहां मोड़ते हुए मेरे बालों पर हाथ फेरने लगी और अब उसने मेरे सर को अपनी उभरी हुई छाती पर दबाना शुरू कर दिया. फिर मैंने यह सब देखकर उसे और तेज चूमना शुरू कर दिया. उसके बूब्स को में बहुत कसकर दबाता रहा और उन्हें निचोड़ता रहा.
फिर मैंने उसके तने हुए निप्पल को तेज़ी से काटा तो वो आहह आईईईइ आओउककच प्लीज ऐसा मत करो नहीं ऊइईईईईईई माँ आआहह आहह्ह्ह नहीं नहीं आअहह प्लीज अब मत करो छोड़ दो ना आह्ह्ह्ह कहने लगी, लेकिन में उसके बूब्स को अब भी बड़ी बेरहमी से चूसे, दबाए, निचोड़े जा रहा था और साथ में उसकी चूत को भी रगड़ता रहा. अब मैंने महसूस किया कि वो एकदम आग की तरह गरम हो चुकी थी और मुझसे कहने लगी कि प्लीज हिमांशु अब तुम्हारा यह लंड घुसा भी दो मेरे अंदर उफ्फ्फ्फ़ मुझे अब और ना तड़पाओ राजा आह्ह्ह्ह. फिर मैंने उसकी चूत पर अपना एक हाथ लगाया तो मैंने महसूस किया कि वो पूरी गीली और बहुत गरम हो गई थी.
गीली चूत चाटने के बाद दीदी की बड़े स्तनों वाली सहेली की जबरदस्त चुदाई करी आन्तार्वसना हिंदी सेक्स कहानी :- मैं कुंवारा लड़का उसकी गीली चूत को छूते हुए उसके दोनों पैरों के बीच में पहुंच गया और अब मैंने गीली चूत चाटने के लिए उसके दोनों पैरों को खोलकर उसके पैरों के बीच में अपने मुहं को फंसा दिया और में अब उसकी चूत की दोनों पंखुड़ियों को फैलाकर चूत के बिल्कुल गुलाबी दाने को हल्के हल्के चूमने चाटने लगा. दोस्तों में उसकी बैचेनी, उसकी चूत का आकार, उसके दाने के रंग और उसकी तड़प को देखकर तुरंत समझ गया कि वो अब तक बिना चुदी है और अब मेरे होंठो का स्पर्श पाकर वो और भी ज़्यादा तिलमिला उठी.
अब वो अपने दोनों हाथों से मेरे सर को अपनी चूत पर तेज़ी से दबाने लगी, जिसकी वजह से मुझे ऐसा लग रहा था कि वो आज मुझे अपनी चूत में पूरा ही अंदर घुसा लेगी, वो ज़ोर लगाने के साथ साथ हल्की हल्की सिसकियाँ भी ले रही थी. फिर मैंने अपनी जीभ को लगातार ज़ोर ज़ोर से अंदर बाहर करना शुरू किया. में चूसता चाटता रहा और वो मेरा सर अपनी चूत के अंदर दबाती रही और फिर कुछ देर बाद मैंने अपनी जीभ को झट से बाहर निकाल लिया और उस नंगी लड़की की चूत के ऊपर से घुमाते हुए पूरी की पूरी जीभ को कुंवारी वसुंधरा की टाइट चूत में अचानक से पूरी की पूरी अंदर पेल दिया. मेरी जीभ के चूत के अंदर घुसते ही उसे अजीब सा करंट लगा, वो आआहह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ माँ मर गई की बड़ी तेज तेज आवाज़े करने लगी थी.
दोस्तों उसकी यह आवाजें सुनकर में भी बिल्कुल पागल सा हो गया और में अब बहुत तेज तेज उस कामुकता से भरी कुंवारी लड़की की गीली चूत को अपनी जीभ से चूसने और चाटने लगा. मैंने अपनी जीभ से ही उस नंगी कामुक लड़की की गीली चूत को चोदने लगा. वो पागलों की तरह बस चीखे जा रही थी, हाँ थोड़ा और अंदर उफ्फ्फ्फ़ हाँ और ज़ोर से हाँ बेबी चोदो मुझे, हाँ चोद दो मुझे हाँ और ज़ोर से चोदो मुझे उफ्फ्फ्फ़ हाँ खा जाओ मेरी चूत को, माँ में मरी ऊऊहह हाँ थोड़ा और ज़ोर से चूसो. दोस्तों उसकी यह जोश भरी सिसकियाँ और बातें सुनकर में तो अब बिल्कुल पागल सा हो गया था, इसलिए मैंने अपना मुहं दीदी की बड़े स्तनों वाली सहेली की गीली चूत में थोड़ा और अंदर तक घुसा दिया और किसी आवारा कुत्ते की तरह से में उसकी गीली चूत को चाटने लगा.
करीब बीस मिनट तक ऐसे ही दीदी की बड़े स्तनों वाली सहेली की गीली चूत को चाटते हुए और उसके मोटे मोटे स्तनों को अपने दोनों हाथों से जोर जोर से दबाता भी रहा. वो कामवासना से भरी कुंवारी लड़की अपनी चूत चटवाते हुए लगातार चीखती रही और फिर उसी समय वो मेरे मुहं में ही झड़ गई और उसने बहुत तेज चीखते हुए अपना सारा नमकीन पानी मेरे मुहं में ही छोड़ दिया. दोस्तों यह मेरा पहला सेक्स अनुभव था, जब में किसी की चूत का रस पी रहा था, वो अहसास में किसी भी शब्दों में नहीं बता सकता और फिर मैंने उसकी चूत का सारा रस पी लिया और फिर उसके बाद में उठा और वॉशरूम में जाकर मैंने अपना मुहं धोया और जब में वापस आया तो मैंने देखा कि कामुक वसुंधरा उस समय पूरी नंगी आराम कर रही थी.
दीदी की बड़े स्तनों वाली नंगी सहेली को देखकर साफ साफ़ लग रहा है कि पहली बार उसकी इतनी जबरदस्त चुदाई हुई थी और वो आज पहली बार इतनी मस्ती से झड़ी थी. फिर में भी नंगा ही उस कुंवारी नंगी लड़की के पास में जाकर लेट गया और फिर मैंने उसे चूमते हुए अपने जिस्म से उस नंगी लड़की को लिपटा लिया और महसूस किया कि वो वो बहुत ही ज्यादा थक चुकी अहि और अब वो मुझे पीछे धकेल रही थी. फिर मैंने भी रहने दिया और उसे छूते हुए में उससे लिपटकर रज़ाई के नीचे हम दोनों ऐसे ही नंगे लेटे रहे और में उसके जिस्म से खेलता रहा.
मैं कामवासना से भरा कुंवारा लड़का कभी में उसके बड़े बड़े स्तनों को दबाता तो कभी उसकी गीली चूत में ऊँगली घुसा देता और मेरी ऊँगली से उसकी टाइट चूत की चुदाई करने लगा. अब वो हल्की हल्की सिसकियाँ लेने लगी और में उसके प्यासे बदन के पूरे पूरे मज़े लेता रहा. दोस्तों मेरे साथ साथ मेरी बड़ी दीदी की बड़े स्तनों वाली सहेली भी अपने एक हाथ से मेरे खड़े लंड को सहला रही थी और उसके रुई जैसे कोमल मुलायम हाथों का स्पर्श मुझे बहुत आनंद दे रहा था, जिसको में किसी भी शब्दों में नहीं बता सकता, लेकिन था वो बहुत सुखद अनुभव. में उसके साथ साथ अब दूसरी दुनिया में सैर कर रहा था. मैंने उस दिन उसके गदराए बदन के पूरे पूरे मज़े लिए और उसने भी उस काम में पूरा साथ दिया. दोस्तों मुझे मेरी दीदी की कामुक सहेली की गीली चूत चाटने के बाद चुदा करने में बड़ा आनंद आया.