कुंवारी भांजी की पहली चुदाई बहन के ससुराल में हिन्दी सेक्स स्टोरी : हेल्लो दोस्तों फिर मेरी इस वेबसाइट पर आ आगए अपने दोस्त की माँ चुदवाने… हां… हां… हां… अरे दोस्त बुरा मान गए क्या मैं तो मजाक कर रहा हूँ… मेरा नाम अमित है और मेरी उम्र 22 साल की है. मेरी और मेरी कुंवारी भांजी की पहली चुदाई की यह हिंदी सेक्स स्टोरी पिछले साल की ही है. मैं अपना कॉलेज खत्म करके अपनी बड़ी बहन के ससुराल छुट्टी बिताने जाना चाहता था. मैंने उन्हें अपनी इच्छा बताई, तो मेरी बहन ने मुझे बुला लिया और मैं पहुच गया अपनी बहन के घर.
मेरी बहन के ससुराल में मेरी बड़ी बहन उन्हें उनकी चुदाई करने वाले मेरे जीजा जी के अलावा जीजाजी के बड़े भाई भी रहते थे. मेरे जीजा जी के बड़े भाई की खुबसूरत धर्म पत्नी और उनके दो बच्चे थे. एक लड़का और एक लड़की करीब उन बच्चो की उम्र करीब 19-20 साल की थी. जब मैं मेरी बहन के ससुराल गया तो मैं मां का दिया हुआ कुछ खाने पीने का सामान लेकर गया था. उधर बहन के ससुराल पहुंचा तो दीदी ने अपनी जेठानी, जिन्हें मैं बड़ी दीदी कहता था, को भी वो खाने पीने का सामान दिया. बहन के ससुराल में एक हफ्ते तक तो सब कुछ ठीक चलता रहा था.
कुंवारी भांजी की पहली चुदाई बहन के ससुराल में हिन्दी सेक्स स्टोरी
बड़ी दीदी (मेरी बहन की जेठानी) की लड़की भावना यानि मेरी भांजी और मेरी पहले बहुत ज्यादा नहीं बनती थी … वो जरा नकचड़ी थी. मेरी उससे थोड़ी बहुत ही बनती थी. मैंने इस बार अपनी भांजी भावना को देखा तो मेरा लम्बा मोटा लौड़ा तन तना गया अब वो साली बहन की लौड़ी बड़ी मस्त हो गई थी. उसकी तनी हुई चूचियां मुझे मदहोश करने लगी थीं. मेरी नजर में वो चोदने लायक एक मस्त माल बन गई थी.
दोस्तों मै जब भी भावना को देखता था तो मेरे जिस्म के अंदर करंट दौड़ जाता था और मै भावना को चोदने के लिए बैचैन हो जाता था और जब तक उसके नाम की मुठ नहीं मार लेता तब तक मेरे लंड को चैन नहीं आता था. दोस्तों मुझे नहीं पता था की मेरे बहन के ससुराल में मुझे चोदने लायक इतना खुबसूरत सामान मिल सकता है नहीं तो मै कब का बहन के ससुराल में ही आकर रहने लग जाता. मेरी बहन की जेठानी भी बहुत हॉट और सेक्सी थी पर उसकी बेटी तो उससे भी ज्यादा शानदार माल थी. मेरी गंदे गिमाग में उस कुंवारी लड़की की जवानी चखने का ख्याल आने लगा था. मगर उसके साथ चुदाई करना इतना आसान नहीं था.
मेरी बहन की जेठानी की लड़की भावना दिखने में बहुत सुन्दर थी पर वो मेरी तरफ देखती भी नहीं थी. मैं भी बस उसे देख देख कर आहें भरता रहता था और बाथरूम में जाकर उसके नाम की मुठ मार लेता था. मुझे दीदी के घर में रहते हुए कुछ दिन बीत गए थे. मेरे पास स्मार्ट फोन था. तो मेरी भांजी भावना का भाई अर्थात मेरा भांजा मेरे मोबाइल में गेम खेलता था. कुछ दिन बाद मेरी भांजी भावना भी फिल्म देखने मेरे पास आने लगी थी. मुझे अपनी भांजी भावना के करीब जाने के लिए ये रास्ता ठीक लगा कि भावना को फिल्म दिखा कर चुदाई करने के लिये पटाया किया जा सकता है. मैं भी उसे फिल्म चालू करते समय बुलाने लगा था. दो दिन में ही वो मेरे साथ घुलमिल गई थी.
एक दिन रात मुझे नींद नहीं आ रही थी, तो मैंने हेडफोन लगाया और मूवी लगा ली. आज सिर्फ मैं ही मूवी देख रहा था. थोड़ी देर बाद मेरी भांजी आ गई, तो मैं और वो मूवी देखने लगे. मैंने अपने कान से एक प्लग निकाल कर उसे दे दिया. हम दोनों लेट कर मूवी देख रहे थे. हालांकि इससे पहले भी मैं उसके साथ सो जाता था, लेकिन अब बड़ी हो गई थी. उसका साथ मुझे बड़ा हॉट लग रहा था. मेरा लम्बा मोटा लौड़ा हरकत करने लगा, तो मैंने कम्बल अपने ऊपर ले लिया. उसने भी मेरे ही कंबल में घुस कर फिल्म देखना शुरू कर दिया. इस समय करीब रात के 11 बज गए थे. सब लोग सो गए थे. मैंने कंबल पूरा अपने गले तक ले लिया.
मेरी जवान और सेक्सी भांजी भी मेरे साथ कम्बल के अन्दर थी. कुछ देर बाद मूवी खत्म हो गई. मैं और मेरी भांजी भावना एक ही बिस्तर पर सोने के लिए लेट गए. लेकिन पता नहीं आज मुझे अपनी भांजी के साथ एक ही बिस्तर में सोने के कारण कुछ कुछ हो रहा रहा. भावना और मैं अभी सोए नहीं थे. मैंने उसकी तरफ मुँह करके सोया था. थोड़ी देर बाद उसने मुँह मेरी तरफ किया और मेरे करीब आ गई. मैंने सोचा कि इसे भी नींद नहीं आ रही होगी. इसलिए ये इधर मुँह करके लेट गई होगी. थोड़ी देर बाद उसने अपने हाथ की उंगलियां मेरे मुँह की तरफ़ की और मेरे होंठ को छूने लगी. मैंने आंख खोली, तो उसी समय उसने अपने होंठ मेरे होंठ के पास कर दिए.
मैं समझ गया कि उसको मुझे किस करनी थी. मैंने भावना का हाथ हटा दिया. लेकिन उसने फिर से हाथ की उंगलियों से मेरे होंठों पर हरकत की. मैंने इस बार कुछ नहीं कहा और उसे देखने लगा. तभी मेरी बहन की जेठानी की लड़की भावना ने अपने गर्म होंठ मेरे होंठों से लगा दिए. वो अभी चूम नहीं रही थी सिर्फ होंठ लगाए लेटी थी. उसकी गर्म सांसें मुझे भी गर्म कर रही थीं. थोड़ी देर बाद मैंने अपने होंठों से उसके होंठों की किस लेना चालू कर दी. उसने भी चूमाचाटी में मेरा साथ देना चालू कर दिया. हमारी बेआवाज किस हम दोनों को ही उत्तेजित करती जा रही थी. मैंने मेरी वर्जिन भांजी भावना के मुँह में अपनी जीभ डाल दी, वो मेरी जीभ को चूसने लगी.
कुछ देर बाद मैंने अपनी भांजी भावना की जीभ को अपने मुँह में ले लीया और उसकी जीभ को चूसने लगा. सच में बड़ा मजा आ रहा था. करीब दस मिनट के बाद मैंने अपने हाथ को मेरी वर्जिन भांजी की दोनों टांगों के बीच में डाला तो उसने कुछ नहीं बोला. मैंने उसकी वर्जिन चुत पर हाथ लगाया और उसके लोअर के ऊपर से थोड़ा थोड़ा फेरना चालू कर दिया. मैं भावना की वर्जिन चुत से खेल रहा था और वो मुझे कुछ नहीं बोल रही थी. वो सिर्फ मेरे होंठों से होंठ लगाए हुए इस सबका मजा ले रही थी उसे इन सब में बहुत मजा आ रहा था वो ये सब पहली बार कर रही थी. अब तक मेरा लम्बा मोटा लौड़ा भी पूरा खड़ा हो गया था.
मैं अपनी सेक्सी भांजी से चिपक गया, तो मेरी कुंवारी भांजी भावना भी मुझे चिपक गई. मेरा खड़ा लंड उसे महसूस हो रहा था. लंड उसकी चुत पर लग रहा था. तभी भावना भी अपनी चुत का दबाव लंड पर देने लगी. मैं समझ गया कि भावना इस वक्त पूरी गर्म हो चुकी है. मगर मेरी कुंवारी भांजी भावना आज तक वर्जिन थी. उसकी वर्जिन चुत की चुदाई करना खतरे से खाली नहीं था. सारे घर वाले नजदीक ही सोए हुए थे. मैंने तब भी हिम्मत की कि अभी नहीं तो बाद में इसे चोद लूंगा. अभी इसकी वर्जिन चुत का ऊपर ऊपर से मजा ले लेता हूँ. ये सोच कर मैंने एक हाथ उसकी पैंटी के अन्दर डाल दिया.
मेरी कुंवारी भांजी की वर्जिन चुत पर थोड़े थोड़े बाल थे. पूरी चुत बड़ी मुलायम लग रही थी मेरा हाथ डालने पर भावना कुछ नहीं बोली, उसने बस गर्म सांस छोड़ कर अपनी उत्तेजना दिखाई. मैंने अब भावना की चुत पर हाथ फेरना चालू कर दिया और धीरे से उसकी चुत में एक उंगली डाल दी. वो एक बार को जरा सी चिहुंकी … मगर उसने आवाज नहीं की. मैंने चुत को उंगली से चोदना चालू कर दिया. उसकी चुत बहुत टाईट थी. मेरी आधी उंगली भी अन्दर नहीं जा रही थी. मैंने सोचा साली उंगली तक इसकी वर्जिन चुत में नहीं जा रही है, तो मैं मेरा मोटा लंड चुत में कैसे डालूंगा. मगर मैं लगा रहा.
मेरी जवान भांजी भी अब चुदासी हो उठी थी उसकी वर्जिन चुत से रस निकलने के कारण चुत में उंगली बड़े आराम से अन्दर बाहर होने लगी थी. मैंने एक उंगली से ही उसकी वर्जिन चुत में थोड़ी सी जगह बनाई. अब मेरी उंगली आराम से चुत में अन्दर जाने लगी थी. मैंने उससे पैंटी को नीचे करने को इशारा किया, तो उसने मेरा ही हाथ रख दिया. मैं समझ गया कि मुझे ही इसकी पैंटी को उतारना है. मैंने उसकी लैगी और पैंटी को घुटनों तक नीचे कर दी और अपना लंड भी बाहर निकाल लिया. मैं बहुत डर रहा था क्योंकि घरवाले सब सो रहे थे और कोई उठ गया तो रायता फ़ैल जाएगा.
लेकिन मैंने हिम्मत करके लंड को उसकी चुत की फांकों के ऊपर लगाया और रगड़ने लगा. उसकी वर्जिन चुत को मेरा लम्बा मोटा लौड़ा मजा दे रहा था, तो मैंने उसे किस करना बंद कर दिया और गेम बजाने की कोशिश करना शुरू कर दी. मैंने अपना हाथ उसकी चूचियों पर रखा और एक दूध को दबाना चालू कर दिया. उसने मुझे दूध मसलने से मना किया. मगर भावना के मम्मे बहुत ही मुलायम थे, तो मुझे मजा आ रहा था. पर वो मुझे ठीक से अपने मोटे मोटे बूब्स दबाने भी नहीं दे रही थी. मैंने लंड हाथ में पकड़ा और उसकी चुत पर रगड़ने लगा. मुझे डर था कि आज मेरी कुंवारी भांजी की पहली चुदाई है अगर कुंवारी भांजी की वर्जिन चुत में लंड घुस गया और वो दर्द के मारे जोर से चिल्ला दी … तो बहुत बुरा अंजाम होगा.
मैंने कुछ सोच कर उसको फिर से किस करना चालू कर दिया. उसका मुँह बंद हो गया था. मैंने हिम्मत करके लंड अन्दर डालना चालू किया. मेरा लम्बा मोटा लौड़ा थोड़ा सा ही अन्दर को जाता तो भावना घबरा जाती और डर के मारे मुझे पकड़ लेती. फिर मैंने उसको ज़ोर से पकड़ा और मुँह भी अच्छा कसके बंद कर लिया. सब सैट हो गया था तो मैंने अपनी वर्जिन भांजी की पहली चुदाई करने के लिए अपने लंड पर जोर दे दिया. उसने तड़फ कर मुझे हटाना शुरू कर दिया और मेरे मुँह को काटने लगी. लेकिन अब तक मेरा आधा लंड चुत में चला गया था. उसने मेरी छाती पर नौंच कर मुझसे लंड बाहर निकालने का इशारा किया. लेकिन मैंने लंड चुत से बाहर नहीं निकाला. मैं बस आधा लंड पेले हुए ऐसे ही पड़ा रहा.
थोड़ी देर में भावना का दर्द कुछ कम हो गया. मैंने होंठ हटाए और उसे किस करना चालू कर दिया. वो भी मुझे किस करने लगी. कुछ पल बाद मैंने उसको फिर से जोर से पकड़ा और मुँह पर मुँह का ढक्कन लगाते हुए लंड को उसकी चुत में पूरा अन्दर तक पेल दिया. वो फिर से तड़फ उठी और उसने मेरे को फिर से काटा. इस बार उसने हाथ से मुझे तेज नौंच भी लिया था. उससे मुझे दर्द होने लगा था. मगर मैंने तब भी उसे चीखने नहीं दिया.
कुछ देर शांत बैठने के बाद में उसने अपना बदन ढीला कर लिया तो मैं समझ गया कि लंड ने चुत में जगह बना ली है. जैसे ही उसका बदन शांत हुआ, तो मैंने धीरे धीरे अपना तगड़ा लंड अपनी भांजी की फट चुकी चुत में अन्दर बाहर करना चालू कर दिया. शायद मेरी भांजी की चुत से खून निकल आया था … जिस वजह से मुझे कुछ गीला गीला सा लगा. मैंने कुछ न कहते हुए लंड से झटके देने चालू रखे. कुछ देर बाद मेरी भांजी भावना भी सेक्स करने में मेरा पूरा साथ देने लगी. मैंने अब थोड़ी जोर से चुदाई शुरू कर दी. जब मेरा झटका जोर से लगता तो मेरी भांजी को चुत में दर्द होने लगता था और वो आह… आई माँ….. करने लगती.
मैंने धीरे धीरे करके अपना लंड कुंवारी भांजी की फटी हुई चुत में अन्दर बाहर करना जारी रखा. दस मिनट बाद मैंने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी. कुछ ही देर बाद मेरे लंड का पूरा पानी उसकी चुत में ही निकल गया. लंड के सिकुड़ने के बाद मैंने लंड बाहर निकाल लिया और उसकी चुत में उंगली डाल कर देखा. अंधेरे में कुछ समझ नहीं आया, तो मैंने मोबाइल की टॉर्च से देखा मेरी कुंवारी भांजी की वर्जिन चुत की सील टूटने से खून निकला था. वो खून देख कर बहुत डर गई.
मैंने धीरे से कहा- डरो मत … कुछ नहीं होगा ये तो हर लड़की के साथ होता है जब वो अपने जीवन में पहली बार सेक्स करती है अगली बार ऐसा कुछ नहीं होगा. उसे मैंने रूमाल निकाल कर दे दिया. उसने अपनी खून से संदी हुई पूरी चुत साफ की. मैंने उससे कहा कि रूमाल को चुत पर ही लगा रहने दो. उसने मेरा रुमाल अपनी चूत में ठूस लिया और उप्पर से पैंटी पहन ली, फिर उसने जल्दी से अपनी लैगी भी पहन ली. हम दोनों मामा भांजी चिपक कर सो गए. मुझे अपनी कुंवारी भांजी की वर्जिन चुत चुदाई करने के बाद बड़ी ही मीठी नींद आई. सुबह जब मैं उठा, तो मैंने देखा तो भांजी उठ कर चली गई थी. मुझे उसको देखना था और पूछना था कि जिन्दगी में पहली बार सेक्स करके कैसा लग रहा है. मुझे वो कहीं दिख ही नहीं रही थी.
जैसे ही वो मुझे दिखी, तो वो शरम के मारे अपनी नजरें मुझसे छिपा रही थी और हलका हलका मुस्कुरा भी रही थी. मैंने ध्यान से देखा कि चुदाई के बाद भावना सही से नहीं चल पा रही थी आखिर उसकी वर्जिन चुत जो मैंने अपने लम्बे मोटे लंड से फाड़ डाली थी. उससे मैंने कुछ नहीं कहा. मैं अब राह देखने लगा कि बहन के ससुराल वाले सब घर से कब निकलेंगे और मैं अपनी सेक्सी भांजी की दुबारा काब चुत चुदाई कर पाऊंगा. ये मेरी हॉट फैमिली सेक्स कहानी आपको कैसी लगी, प्लीज़ कमेंट में जरूर बताएं और मेल भी करें. मैं अगली सेक्स कहानी में अपनी बहन जेठानी की लड़की भावना की दूसरी शानदार चुदाई की हिंदी सेक्स कहानी लिखूंगा.