यौन आसनों की सूची – लंड और चूत का खेल – चुदाई का सामान

यौन आसनों की सूची – लंड और चूत का खेल – चुदाई का सामान

कैसे हैं आप सब लोग ! आप के प्यार और दुलार का बहुत बहुत धन्यवाद ! बहुत से प्यार भर मेल मिलते हैं मुझे आप सबके ! बहुत आभारी भी मैं आप सब लोगों का !

तो दोस्तो, यह कहानी ही नहीं बल्कि हकीकत है। वैसे तो मेरी सभी कहानियाँ सच्ची होती हैं झूठ लिख कर क्या फायदा !

नए पाठकों को अपना परिचय करवा देता हूँ।

मेरे नाम हैरी है पंजाब का रहने वाला हूँ, उम्र 28 साल है।

यह कहानी उस समय की है जब मैं सेक्स में अनाड़ी हुआ करता था, मेरी उम्र तब 18 साल की थी।

मेरे घर से साथ वाले घर में एक सिख परिवार रहता था, उस परिवार में अंकल आंटी और उनका बेटा सनी रहता था, अंकल कनाडा में रहते थे, कभी कभी ही भारत आते थे।

सनी मेरा अच्छा मित्र था, उसकी मम्मी के नाम मोना था, मैं उन्हें मोना आंटी कहता था।

मोना आंटी की उम्र तब 43 की थी और उनकी चूचियाँ तो कमाल की थी, 40 इन्च की चूचियाँ और गाण्ड भी 40 की ही होगी।

बड़ी मस्त चीज थी मोना आंटी, वो थोड़े भरे शरीर की थी, गोरी-चिट्टी थी।

मैंने कभी भी मोना आंटी को गलत नज़र से नहीं देखा था, मैं उनके घर अक्सर आता जाता था।

कुछ दिनों बाद सनी का भी वीजा लग गया कनाडा का तो वो कनाडा पढ़ने चले गया।

मैं ही उसे दिल्ली एयरपोर्ट छोड़ कर आया। अब मेरा दिल नहीं लगता था क्योंकि मैं और सनी अकसर साथ ही रहा करते थे।

कुछ दिन बीत गए, एक दिन मोना आंटी रात को घर आई और मेरी मम्मी से कहने लगी- बहन जी, सनी के जाने के बाद बिल्कुल भी दिल नहीं लगता अब ! और मेरी तबीयत भी कुछ दिनों से अच्छी नहीं चल रही है।

मोना आंटी ने कहा- बहन जी, अगर हैरी को मेरे घर सोने के लिए कुछ दिनों के लिए भेज देती तो बहुत मेहरबानी होती।

मम्मी ने कहा- बहन जी, मेहरबानी कैसी? यः भी तो आपके बेटे जैसा है !

मम्मी ने मुझे आवाज़ लगाई, कहा- हैरी, तुम आंटी के घर जा कर सो जाया करो कुछ दिन ! आंटी की तबीयत ठीक नहीं है।

मैं अपनी किताबें लेकर आंटी के घर चला गया।

आंटी ने टीवी आन कर दिया, मैं टीवी देखने लगा।

आंटी ने कहा- हैरी, तुम कपड़े बदल लो !

मैंने कहा- ठीक है आंटी, पर जल्दी में मैं कपड़े लाने भूल गया। जाकर ले आता हूँ।

आंटी ने कहा- रहने दो ! सनी के बहुत पजामे हैं, वही पहन लेना।

और मोना आंटी सनी का पजामा लेकर आई।

मैंने पैंट खोल कर पजामा पहन लिया और बनियान पहन कर टीवी देखने लगा।

मोना आंटी भी आ गई थोड़ी देर में और वो टीवी देखने लगी।

टीवी देखते-देखते मैंने कहा- आंटी, मैं तो सोने जा रहा हूँ, कहो तो टीवी बंद कर दूँ?

आंटी ने कहा- हाँ, कर दो ! मैंने तो सोचा कि तू देखेगा इसलिए बंद नहीं किया था।

मैंने टीवी बंद कर दिया।

आंटी का बेड बड़ा था एक छोर पर आंटी और एक छोर पर मैं सो गया।

मैं गहरी नींद में सो गया, अचानक मुझे रात में अपने शरीर पर कुछ महसूस हुआ।

मैंने थोड़ी आँख खोल कर देखा तो यह तो मोना आंटी का हाथ था हो मेरे पजामे के ऊपर से मेरे लण्ड को छू रही थी और मसल रही थी।

मुझे अच्छा लगा, मैंने आँखें बंद रखी और देखने लगा कि वो और क्या-क्या करती हैं।

मेरा लण्ड भी एकदम खड़ा हो गया था, अब शायद आंटी को भी अंदाजा लग गया था कि मैं झूठ मूठ सो रहा हूँ।

आंटी ने मेरे कच्छे में हाथ डाल दिया और मेरे लण्ड को जोर जोर से मसलने लगी। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।

कुछ देर बाद आन्टी ने मेरा कच्छा पूरा निकाल दिया, मैं नीचे से पूरा नंगा हो चुका था।

मोना आंटी ने भी अपने सारे कपड़े खोल रखे थे, मोना आंटी मेरे लण्ड को अपने होंठों में लेकर चाटने लगी और अपने मुँह से लॉलीपोप की तरह चूसने लगी। मोना मेरा लण्ड जोर जोर से चूस रही थी, उनके मुँह की गर्मी से अचानक मेरे लण्ड में मेरा माल आंटी के मुँह में गिर गया, मैं शांत हो गया। मोना ने मेरे माल की एक बूंद भी नहीं छोड़ी और लण्ड साफ़ कर दिया अपने जीभ से।

फिर वो मेरे साथ में ही हो गई।

मैंने सोचा अगर अब कुछ करेंगी तो अबकी पक्का मैं भी नहीं छोड़ूँगा, भूल जाऊँगा कि वो मेरे दोस्त की माँ हैं, अगर इन्हें कुछ शर्म नहीं है तो मैं क्यों करूं।

मोना कहाँ मानने वाली थी !

अभी दस मिनट भी नहीं बीते होंगे, वो फिर से मेरे लण्ड को सहलाने लगी। उनका हाथ लगते ही थोड़ी देर में मेरा लण्ड फिर से सलामी देना लगा।

अब मैं भी जाग गया, मैंने कहा- आंटी, क्या कर रही हैं आप? मुझे नंगा क्यों किया?

मैंने ऐसे ही झूठ का नखरा किया।

मोना कहने लगी- हैरी, मुझे मालूम है कि तू उस समय भी जग रहा था जब मैं तेरा लण्ड चूस रही थी, फिर यह नखरा क्यों?

मैंने कहा- पर आंटी !

मोना ने कहा- पर-वर कुछ नहीं ! मजे कर ! मैंने भी बहुत दिनों से चुदवाया नहीं है, तुझे तो मालूम है तेरे अंकल इंडिया आते हैं, तभी वो चोदते हैं।

मैंने भी कुछ नहीं कहा।

आंटी पूरी नंगी क़यामत लग रही थी, बुर पर बड़े बड़े बाल थे आंटी के, आंटी ने कहा- हैरी, चल मेरे मोमे दबा और चूस ! तुझे मजा आएगा।

मैं मोना के दोनों मोमे दबाने लगा पागलो की तरह, कभी एक तो कभी दोनों मोम्मे दबाने लगा। आंटी के मोम्मे बहुत बड़े थे 40 के थे और आंटी की गाण्ड भी मोटी थी।

मैं कभी आंटी के चूचे दबाता तो कभी चूसता।

आंटी ने कहा- हैरी, जोर से चूस मेरे चुच्चों को ! निकाल दे सारा दूध इनमें से ! बहुत दिनों से किसी ने नहीं पिया इन्हें !

मैं भी जोश में आ गया, मैं मोना के स्तनों को जोर-जोर से चूसने लगा।आंटी मेरा एक हाथ पकड़ कर अपनी चूत पर लगाने लगी, मेरी उंगली पकड़ कर अपनी चूत में घुसाने लगी।

मैंने भी जम कर मोना का दूध पिया।

आंटी कहने लगी- चल हट हैरी ! जरा अब मेरी चूत चाट !

मैंने कहा- नहीं मैं नहीं चाटूँगा !

आंटी ने कहा- चाट ना ! चटवाने का बहुत दिल कर रहा है !

मैंने कहा- नहीं, ये बाल मेरे मुंह में जायेंगे, मुझे उल्टी हो जायेगी।

आंटी के जबरदस्ती करने पर मैं मान गया और उनकी चूत चाटने लगा, नमकीन सा कसैला सा स्वाद था।उनकी झाँटों के लम्बे-लम्बे बाल मेरे मुँह में जा रहे था पर मुझे भी अब मोना की चूत चाटने में मजा आ रहा था। वो भी अपनी बुर फैला कर चूत चटवा रही थी।

फिर आंटी ने कहा- बस कर हैरी ! आ अब चोद इसे ! चोद चोद कर सारा पानी निकाल दे ! बहुत तंग करती है रे ये ! क्या करूँ !

आंटी ने अपने पैर ऊपर उठा लिए और मेरा लण्ड पकड़ कर अपनी चूत में डाल लिया, मेरा लण्ड आसानी से आंटी की चूत में चला गया।

आंटी ने हल्का सा उई किया बस !

मैं अब धक्के लगाने लगा, आंटी भी मेरे हर धक्के का जवाब अपने धक्के से दे रही थी। वो कह रही थी- चोद बेटा चोद ! हेयी ईए उईईईईए उफ्फ्फ्फफ्फ जोर से ! मजा आ रहा है हैरी ! और जोर से बेटा यीईईईईई आयीईईईई उईईईईए मर गयी हाय !

फच फच कर रही थी आंटी की चूत चुदाई के वक्त !

बहुत मजे से हम दोनों चुदाई कर रहे थे।

आंटी फिर मेरे ऊपर आकर चुदने लगी, जोर जोर से कूद रही थी, ऐसे लग रहा था जैसे शताब्दी ट्रेन हो !

मैं भी नीचे से अपना लण्ड उनकी चूत में दे दनादन मार रहा था।

फिर आंटी ने कहा- बेटा, मैं अब झुक जाती हूँ, तू पीछे डाल !

मैंने कहा- ठीक है !

मैं पीछे से आंटी की गाण्ड में लण्ड डालने लगा तो आंटी बोली- यह क्या कर रहा है? चूत में डाल !

और मोना ने मेरा लण्ड पकड़ पर चूत में डलवा लिया।

मैंने कहा- आंटी, आप को गाण्ड भी बहुत प्यारी है और बड़ी भी ! मुझे चोदनी है !

आंटी ने कहा- पहले मेरी चूत का पानी निकाल दे, अभी तो सारी रात बाकी है, गाण्ड बाद में मार लेना !

मोना जोर जोर से मेरे लण्ड पर वार करने लगी, जोर जोर से सिसकारियाँ ले ले कर आंटी ईईये ये ये यीईईई उईईई आआआ ऊऊऊऊ उफ्फ्फ्फ आयेच कर रही थी और धक्के लगा रही थी और मैं भी आंटी की कमर पकड़ कर आंटी को जोर जोर से चोद रहा था।

मुझे लगा कि अब मेरी लण्ड का पानी निकलने वाला है तो मैं और जोर जोर से आंटी को पेलने लगा। आंटी भी जोर जोर से धक्के मार रही थी।

मेरा गर्म माल आंटी की चूत में जाते ही आंटी का भी चूत ने पानी छोड़ दिया और आंटी वहीं पर ही थक कर झुक कर आराम करने लगी।

फिर थोड़े देर बाद उठी और आंटी ने मेरे गाल पर एक चुम्मा ले लिया और कहा- बेटा, बहुत मजा आया ! आज काफी दिनों बाद चुदी हूँ, शरीर हल्का हो गया !

मैंने कहा- आंटी, मैंने तो आपकी गांड भी चोदनी है।

आंटी ने कहा- नहीं बेटा, बाद में ! अभी सो जा ! मैं खुद ही जगा दूंगी, फिर चोद लेना।

फिर रात को मैंने खुद ही आंटी को जगाया और आंटी की गाण्ड मारी। आंटी गाण्ड भी बहुत मजे से मरवा रही थी। वो कहानी बाद में !

फिर तो मैं बहुत दिनों तक आंटी की गाण्ड और चूत मारता रहा !

तो दोस्तो, कैसी लगी मेरी मोना आंटी आप लोगों को?

मुझे मेल जरूर करिएगा।

आपका हैरी

[email protected] जब महिला उपर हो

जब पुरुष उपर हो

खड़े होकर

मुख मैथुन पोजीशन

अनुक्रम
1 जब महिला उपर हो
1.1 कलाबाज पोजीशन
1.2 अमेजॉन पोजीशन
1.3 हत्थाकुर्सी पोजीशन
1.4 घुड़सवार पोजीशन
1.5 एशियन घुड़सवार पोजीशन
1.6 मिश्रित पोजीशन
1.7 शाही पोजीशन
1.8 उल्टीशाही पोजीशन
1.9 उल्टी मिशनरी पोजीशन
2 जब पुरुष उपर हो
2.1 आराम कुर्सी पोजीशन
2.2 ड्रिल पोजीशन
2.3 पद जहाज पोजीशन
2.4 मिशनरी पोजीशन
2.5 पीछे से प्रवेश
3 खड़े होकर सेक्स
3.1 अंगरक्षक पोजीशन
4 इन्हें भी देखें
5 वाह्य सूत्र

जब महिला उपर हो

जैसा की नाम से ही स्पष्ट है कि इस पोजीशन में महिला अपने पार्टनर के उपर होती है. सम्भोग् के अनुसार इसमें औरत अपने पार्टनर के उपर रह कर सम्पूण आनंद लेती है. इस पोजीशन में प्रवेश गहराई तक होता है तथा नियंत्रण काफी कुछ हद तक महिला के पास रहता है. इस पोजीशन में महिला को चोदने की गति और चूत में लन्ड के प्रवेश की गहराई सहित उसके धक्के को नियंत्रित कर सकती है. इसलिये जब महिला तेज सेक्स से डरती हो तथा सेक्स क्रिया के दौरान पुरुष महिला को पूरा पावर का प्रयोग करते देखना चाहता है उनके लिये यह पोजीशन काफी बेहतर है.
कलाबाज पोजीशन

यह पोजीशन सेक्स के चरम तक जाकर आनंद लेने वालों के लिये है. इस पोजीशन को सहजता से पाने का तरीका यह है कि इसके लिये पुरुष को अपनी पीठ के बल लेट जाने दे. फिर उसके लिंग के उपर योनि को ले जाकर महिला घुटनों तक अपने पैर बिस्तर पर सीधे कर ले फिर घुटनों के उपर जाघों को सीधा करते हुए योनि को धीरे धीरे लिँग में प्रवेश कराएं. इसके पश्चात महिला पुरुष के उपर पीछे की ओर झुकते हुए पीठ के बल लेट जाए. यह पोजीशन कलाबाज पोजीशन कहलाएगी. इस पोजीशन में पुरुष पर स्ट्रोक करने की जिम्मेदारी होती है, लेकिन नियंत्रण महिला का ही होता है.

उन्नयन तकियाः इस पोजीशन में ज्यादा आनंद के लिये उसके पीछे तकिया रखा जा सकता है. हाथों का प्रयोगः इसके तहत महिला को ज्यादा आनंद देने के लिये पुरुष उसके स्तनोँ के साथ खिलवाड़ या मजे कर सकता है

परिवर्तन एशियन घुड़सवारः इसमें महिला ही मोर्चा संभालती है. यह फुर्तीले और जोशीले लोगों का पसंदीदा आसन है. इसमें महिला पुरुष के उपर अपने दोनो पैरों कों मोड कर अपने आगे का हिस्सा मतलब अपना मुहं पुरुष के पैरों के सामने (उकड़ू) होकर अपनी योनि उसके लिँग में प्रवेश कराती है. तथा पुरुष उसके नितम्बोँ को अपने हाथों से सहारा देता है. फिर सँभोग का काम शुरू हो जाता है औरत फिर बहूत आनन्द लेती है क्योँकि उसको फिर बहुत मजा आता है और उसे ऐसा लगता है कि जैसे वह स्वर्ग मैं पहुंच गयी हो।

घुड़सवारः यह तरीका एशियन घुड़सवार पोजीशन से मिलता जुलता है. इसमें प्रवेश व संभोग की तीव्रता काफी तेज रहती है. इसमें महिला अपनी टांगे बिस्तर पर फैला घुटनो को मोड कर घुटनो के बल पुरुष के लिँग के उपर बैठती है. उपर नीचे होने में सहायता के लिये पुरुष अपने हाथों से उसके कमर के पास से सहारा देता है.

उल्टा पीछे से प्रवेशः यह तरीका कलाबाज से मिलता हूआ है. इसमें कलाबाज पोजीशन में थोड़ा बदलाव करते हुए महिला को अपने पांव खोल कर सीधे कर लेने हैं तो पुरुष को घुटनों से अपने पांव उपर उठा लेना है. यह तरीका पुरुष को महिला के अंगों को सहलाने का पूरा मौका देता है. इस तरीके में महिला के पास पूरी कमान नहीं होती है क्योंकि वह अपना भार स्थिर रखने की वजह से नियंत्रण से पकड़ कमजोर हो जाती है. इसमें घर्षण और हरकत की पूरी जिम्मेदारी पुरुष पर होती है.

चेहरे पर सवारीः काउगर्ल पोजीशन के सारे आनंद और नियंत्रण की शुरुआत इसी पोजीशन से शुरु होती है. यह मूलतः मुहं के अंदर मुठ्ठ मारने की पोजीशन है. इसमें पुरुष पीठ के बल सीधा लेट जाता है और महिला घुटनों के बल अपनी योनि पुरुष के चेहरे के उपर ले जाती है. यह काफी पसंद इसलिये की जाती है क्योंकि इसमें नियंत्रण महिला के हाथ में होता है तथा वह आगे पीछे होकर अपना फोकस बदल सकती है. ज्यादा दबाव के लिये थोड़ा नीचे आकर उत्तेजना वृध्दि का आनंद उठा सकती है. रोडियोः यह घुड़सवार पोजीशन का उल्टा तरीका है. इसमें पुरुष महिला की पीठ का हिस्सा देख सकता है साथ ही महिला के स्तन आदि तक उसे पहुंचने में कठिनाई होती है. जिन्हें घुड़सवार पोजीशन में फिसलने में परेशानी हो उनके लिये जी-स्पाट घर्षण की यह सही पोजीशन है. वैसे भी इसमें जी-स्पाट को काफी तरीके से रगड़ा जा सकता है साथ ही इसमें पुरुष को प्रवेश का काफी हिस्सा मिलता है. इसमें पुरुष पीठ के बल लेट जाता है और महिला उसके चेहरे की ओर पीठ करके उसके लिंग के उपर घुटनों के बल अपनी योनि को अन्दर कराती है. तथा अपने शरीर को सहारा पुरुष के पांवों में हाथ टिकाकर देती है. इसलिये इस तरीके में तेज और आसान सेक्स होता है.
अमेजॉन पोजीशन

यह पोजीशन कमजोर लोगों के लिये नहीं है, इस पोजीशन में कठोर महिला ही उपर होती है. यह प्रवेश का आसान तरीका भी नहीं है. यह पोजीशन महिला को नियंत्रण का इन्द्रियबोध और पावर प्रदान करती है, जो कि ज्यादातर पोजीशनों में नहीं पाई जाती है. इस पोजीशन में महिला अपने पार्टनर को विहंगम रूप से देख सकती है तो इस पोजीशन में खुद उसके स्तन व आसपास के क्षेत्र एक नए कोण से एक्सपोज होते है जो उत्तेजना की वृद्धि में सहायक होती है. इसमें पुरुष पीठ के बल लेट कर अपने पांव उपर उठा कर घुटनों से मोड़ लेता है. इसके पश्चात महिला पुरुष के कूल्हों के सहारे अपने कूल्हे को टिकाते हुए अपनी चूत को उसके लंड में प्रवेश कराती है. इस दौरान पुरुष अपने पैरों से उसे कांख के पास से सहारा देता है तो महिला स्वयं अपने हाथों से पांवों को पकड़ कर बैलेंस बनाते हुए स्वयं का सहारा लेती है. उन्नयन तकियाः इस पोजीशन को ज्यादा मजेदार व आनंददायी बनाने के लिये पुरुष अपने नीचे तकिया लगा सकता है.

परिवर्तन

-एशियन घुड़सवार -घुड़सवार -रोडियो
]हत्थाकुर्सी पोजीशन

यह काफी सृजनात्मक पोजीशन है. यह पोजीशन काफी आनंद भरी होती है जब यह अपनी लय से नीचे आती है. इस पोजीशन को पाने के लिये पुरुष अपने पांव सीधे फैला कर हाथ के सहारे बैठ जाता है. इसके पश्चात महिला उसके लिङ् के उपर अपनी योनि ले जाकर अपने पांव उसके कंधे पर रखती है. इसके बाद महिला अपने कंधे की सीध में अपने हाथ ले जाकर हाथों के सहारे अपने कूल्हे को गति प्रदान कर रति क्रीड़ा करती है. हालांकि कुछ समय के लिये इस पोजीशन में महिला को कुछ अतिरिक्त जोर झेलना पड़ता है. लेकिन अभ्यास के बाद यह पोजीशन काफी आनंददायी हो जाती है.

उन्नयन

तकियाः इसमें ज्यादा आनंद और आराम के लिये पुरुष चाहे तो अपने पीछे तकिया रख सकता है. हाथः इसमें पुरुष तकिया या फिर किसी अन्य सहारे के टिके होने के बाद पार्टनर को ज्यादा आनंद देने के लिये उसके पीछ हाथ फेर सकता है, गांड़ के उपर थपथपाते हुए चपत लगा सकता है या फिर गति के दौरान हाथों से गांड़ को सहारा दे सकता है. इससे महिला कम ताकत लगा कर भी और तेजी से धक्के लगा सकती है. .

परिवर्तन

-घुड़सवाप्

-झूला यह हत्थाकुर्सी से मिलती जुलती पोजीशन है इसमें पुरुष अपने पैरों को घुटनों के पास से थोड़ा उपर उठा लेता है और उसके हाथ महिला को गांड़ के पास से सहारा देने का काम करते हैं तथा महिला अपने दोनों पैर उसकी कमर से सटाते हुए सीधे फैला लेती है तथा चूत को लन्ड में प्रवेश कराने के बाद अपने हाथ उसके कंधे पर रख सहारा लेती है. इसमें महिला पुरुष काफी निकट रहते हैं इससे यह काफी निकटता प्रदान करती है.

बैठा सांड़: इसमें पुरुष बिस्तर में अपने पांव सीधे करके बाहर की ओर फैला देता है. महिला पुरुष के सामने पीठ के बल लेट जाती है और अपने पैर पुरुष के कंधों में रख देती है. इस अवस्था में उसकी चूत ठीक पुरुष के लन्ड के सामने आ जाती है. चूदवाने के दौरान पुरुष औरत की जांघो के पास पकड़ कर धक्कों की गति को नियंत्रित (कम-ज्यादा) कर सकता है. लेकिन दोनो को मजे लेने के लिये तोड़ा ज्यादा झट्के लेने चाहिये।
घुड़सवार पोजीशन

जैसा की नाम से ही स्पष्ट है इसमें महिला ऐसा व्यवहार करती है मानों वह घुड़सवारी कर रही है. जिस तरह घुड़सवारी के दौरान घुड़सवार घोड़े के झटके से उपर नीचे उछलता है ठीक कुछ ऐसी ही स्थिति रतिक्रीड़ा के दौरान महिला बनाती है. यह किसी महिला की सबसे पसंदीदा पोजीशनों में से एक है. साथ ही यह उन महिलाओं की भी पसंद है जिसमें शुरुआत करने का अधिकार वे अपना मानती है और पुरुष उनको ऐसा करते देखना पसंद करते हैं. इसमें पुरुष अपनी पीठ केबल लेट जाता है. इस दौरान चाहे तो वह तकिये के सहारे कंधा /सिर का हिस्सा उठा सकता है. अब महिला उसके चेहरे की ओर अपना चेहरा करके बैठ जाए . इस दौरान पुरुष का शरीर महिला की दोनों टांगों के बीच होगा तथा महिला की योनि पुरुष के लिंग के उपर या सामने होगी. इसके पश्चात घुड़सवार पोजीशन दो तरीकों में बंट जाती है. पहले तरीके में महिला अपने चेहरे को पुरुष के चेहरे के काफी करीब ले जाती है. इससे उसे चूमने का अवसर मिलता है. इस दौरान वह अपने हाथ पुरुष के कंधे के बगल से टिका कर सहारे के रुप में प्रयोग करती हैतथा इसमें उसके पांव बिस्तर के समानान्तर होते है. दूसरे तरीके में महिला अपने हाथ पीछे की ओर करके अपने को पीछे की ओर झुका लेती है. इस तरीके में पुरुष को योनि में लिंग प्रवेश का पूरा दृश्य दिखाई देता है जो उसे तीव्र उत्तेजना में सहायक होता है. उन्नयन

तकियाः इसमें ज्यादा आनंद के लिये पुरुष चाहे तो कमर के नीचे तकिया रख सकता है.
]एशियन घुड़सवार पोजीशन

यह घुड़सवार पोजीशन से लगभग मिलती जुलती पोजीशन है . महज थोड़े से अंतर से यह घुड़सवार पोजीशन से थोड़ी अलग हो जाती है. इसमें महिला को पुरुष द्वारा कुछ ज्यादा सपोर्ट मिल जाता है. घुड़सवार पोजीशन में बिस्तर के समानान्तर फैले पांवों पर घुटनों के बल रतिक्रीड़ा थोड़ी स्थिर सी लगती है लेकिन जवां और फुर्तीले लोगों के लिये इसमें थोड़ा परिवर्तन कर एशियन घुड़सवार पोजीशन बनी है. इसमें महिला अपने पांव बिस्तर के लंबवत कर लेती है और घुटनो से मोड़ कर सीधे योनि को लिंग के उपर ले आती है. इस पोजीशन को पाने के लिये पुरुष पीठ के बल सीधे लेट जाए और महिला उसके कूल्हों से अपने पांव सटा कर खड़ी हो जाए फिर घुटनों से पांव मोड़ते हुए बैठने की कोशिश करें अंततः एशियन घुड़सवार पोजीशन बन जाएगी. हालांकि इस पोजीशन में महिला को रति क्रीड़ा में मेहनत ज्यादा लगती है लेकिन पुरुष महिला को कूल्हों पर हाथ से सहारा देकर इस पोजीशन को शानदार बना सकता है.

उन्नयन

तकियाः इसमें ज्यादा आनंद के लिये पुरुष चाहे तो कमर के नीचे तकिया रख सकता है. हाथः इसमें पुरुष रति क्रीड़ा को ज्यादा आनंददायी और आरामदायक बनाने के लिये अपने हाथों से महिला के कूल्हों को सहारा दे सकता है. [[चित्र:

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मिश्रित पोजीशन

यह हत्था कुर्सी पोजीशन के बेहतरीन फेरबदल का नतीजा है. यह तरीका प्रवेश के बाद शानदार घर्षण का अवसर उपलब्ध कराता है, जो आनंद में गुणात्मक वृद्धि कराता है. इस पोजीशन को पाने के लिये पुरुष अपने हाथों के सहारे पैर फैला कर बैठ जाए. फिर महिला भी उसी तरह पैर फैलाते हुए हाथ के सहारे थोड़ा पीछे झुकते हुए अपनी योनि को पुरुष के लिंग के ऊपर ले जाए. इस दौरान उसके पांव घुटनों के पास से थोड़ा मुड़े होते है. जो उसे उपर-नीचे होने के लिये सहायता प्रदान करते हैं. हालांकि इस पोजीशन में महिला के हाथों पर थोड़ा जोड़ पड़ने पर थकान का अनुभव करते है रतिक्रीड़ा की गति को प्रभावित करते हैं. लेकिन यह सेक्स पोजीशन तब विस्फोटक और परमानंददायी होती है जब महिला कठोर व मजबूत मसल्स पावर वाली होती है.
शाही पोजीशन

इस पोजीशन मे महिला पुरुष का चेहरे से बेहतर संपर्क रहता है. इस पोजीशन में दोनों के बीच काफी निकटता रहती है और यह पोजीशन उन जोड़ो के लिये बेहतर है जो रतिक्रीड़ा के दौरान एक दूसरे को चुंबन करने में ज्यादा रुचि रखते हैं. इस पोजीशन के लिये पुरुष किसी पलंग या उस जैसे किसी अन्य जगह पर पांव नीचे करके बैठ जाता है. फिर महिला उसके चेहरे की ओर अपना चेहरा करते हूए उसके लिंग के उपर या सामने अपने योनि को ले जाते हुए अपनी टांगे सामने फैला देती है. साथ ही महिला के हाथ पुरुष के शरीर से सहारा लेने के काम आते है. इस पोजीशन में रतिक्रीड़ा के दौरान पुरुष चाहे तो अपने हाथ पीछे कर सहारे के रुप में प्रयुक्त कर सकता है वहीं दूसरी ओर हाथों को महिला के कूल्हों या कमर के पास से सहारा देकर धक्कों में मदद के साथ गति भी बढ़ा सकता है. बदकिस्मती से चित्र में दिखाई गई पोजीशन धक्कों के हिसाब से उतनी बेहतर नहीं कही जा सकती (जितनी रेटिंग में दिखाई गई है) . पोजीशन के संपूर्ण आनंद के लिये स्टूल या चेयर का प्रयोग करें इसमेंमहिला को पांव के सहारे के ज्यादा सही अवसर होते हैं. इसके अलावा भी इसमें अपने हिसाब से बैठने की व्यवस्था बनाकर पोजीशन को ज्यादा आनंददायी बनाया जा सकता है.

उन्नयन

हाथः चूंकि इस पोजीशन में दोनों के हाथ लगभग खाली होते है तो वे एक दूसरे के उत्तेजक अंगों को सहलाकर उत्तेजना का संचार बढ़ा सकते हैं.

परिवर्तन

तितलीः इसमें महिला पलंग /सोफा/टेबल/काउंटर या इस जैसी किसी भी चीज के किनारे पीठ के बल लेट कर अपनी टांगे उपर की उठाकर पुरुष के कंधे पर टिका दे और पुरुष स्थिति अनुसार घुटनों के बल या खड़े होकर रतिक्रीड़ा को अंजाम दे.

-घुड़सवार

हर्षितः यह भी तितली पोजीशन से मिलती जुलती पोजीशन है. इसमें महिला किसी पलंग या इस जैसी किसी अन्य के किनारे पर अपनी टांगे फैलाते हुए बैठ जाए और पुरुष तितली पोजीशन की ही तरह व्यवहार करते हए रतिक्रीड़ा प्रारंभ कर सकता है.
उल्टीशाही पोजीशन

यह पोजीशन शाही पोजीशन की ही तरह है बस इसमें महिला अपनी चेहरा पुरुष के चेहरे के दूसरी ओर कर लेती है. एक तरह से यह पीछे से प्रवेश की भी पोजीशन है. इसमें पुरुष की स्थिति ठीक शाही पोजीशन की ही तरह रहती है लेकिन महिला पुरुष की ओर पीठ करके ठीक उसके लिंग के सामने अपनी योनि को लाकर खड़ी होती है. फिर धीरे से योनि को लिंग में प्रवेश कराती है. इस पोजीशन में महिला काफी आरामदायक स्थिति में रहती है. इसमें उसे सहारा उसके पैरों से मिलता है जिससे उसे धक्के लगाने में भी आसानी होती है. यह पोजीशन आश्चर्यजनक रूप से परिवर्तनशील है इसलिये इसे कुछ अन्य आइडिया के साथ दूसरे फर्नीचर पर भी अपनाई जा सकती है.

उन्नयन हाथः इस पोजीशन मेंपुरुष अपने हाथों से महिला के उत्तेजक अंगों को सहला सकता है.

परिवर्तन

अंगरक्षकः इस पोजीशन में महिला पहले सीधी खड़ी होती है फिर कमर के पास से थोड़ा सा आगे की ओर झुके जिससे कूल्हे थोड़ा बाहर की ओर निकल आएंगे फिर अपने घुटनों को मोड़ते हुए थोड़ा नीचे झुकती है और इस दौरान वह अपने नितंबों को बाहर की ओर निकालती है इससे योनि का हिस्सा दिखने लगता है. तत्पश्चात पुरुष पीछे से प्रवेश की प्रक्रिया करता है. इस पोजीशन में रतिक्रीड़ा के दौरान पुरुष चाहे तो महिला के हाथ पकड़ कर या फिर महिला की कमर पकड़ कर धक्के की गति बढ़ा सकता है.

श्वान: इस पोजीशन में महिला को कुछ -कुछ श्वान की सी स्थिति में आना पड़ता है. इसके लिये महिला पेट के बल सीधी लेट जाए फिर घुटनों को मोड़ते हुए कमर को उठाना शुरु करे फिर चाहे तो सिर की ओर कोहनी से शरीर को सहारा दे या फिर स्तनों के पास से या पूरे हाथ से . तत्पश्चात पुरुष अपने घुटनों के बल बैठ कर या फिर सुविधानुसार खड़े होकर अपना लिंग महिला की योनि में प्रवेश करा सकता है.

– रोडियो

]उल्टी मिशनरी पोजीशन

यह पोजीशन वास्तव में सबसे आरामदायक और सरल पोजीशन मानी जाती है. इस पोजीशन को पाने के लिये पुरुष पीठ के बल लेट जाता है और महिला उसके उपर लेट कर प्रवेश कराती है. इस पोजीशन में महिला का उपरी हिस्सा मसलन गाल, गला, स्तन चुंबन के लिये पर्याप्त अवसर प्रदान करते है.
जब पुरुष उपर हो

हम तब तक क्लासिकल म्यूजिक को नहीं समझ सकते जब तक कि उसे सुनकर उसकी गूढ़ता और भ्रामक सुन्दरता को समझने का प्रयास नहीं करते . कुछ ऐसा ही राग है सेक्स पोजीशन के मामले में जब पुरुष उपर हो. यहां अब वह समय आ गया है जब आदर्श (classic) पोजीशन को सभ्य व व्यवस्थित बनाएं तथा परीक्षण करके देखे कि किन कारणों से वे आदर्श पोजीशन हैं. साथ ही यह भी स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि जब पुरुष उपर होता है तो इसका यह कतई आशय नहीं लगाना चाहिये कि महिला को इसमें नकारात्मक शक्तिशाली संबंधों का अनुभव होगा. न ही इन पोजीशनों को पुराने जमाने की बोरिंग पोजीशन कहा जा सकता है जैसा कि कुछ लोग आज कर पुरुष के उपर रहने वाली पोजीशन के बारे में सोचते हैं. इनमें महज कुछ परिवर्तन करके इन्हें शानदार अनुभव वाली पोजीशन भी बनाया जा सकता है. इन सभी पोजीशनों में धक्के का पूरा दारोमदार पुरुष पर होता है. किसी भी प्रारंभिक पोजीशन के पहले आपसी बातचीत महत्वपूर्ण होती है. यदि कम्युनिकेशन गैप रहेगा तो शायद कोई भी पोजीशन दोनों के लिये उतनी आनंददायी नहीं होगी जितने कि वे कल्पना करते हैं. मसलन हर महिला अपने पार्टनर का ऐसा आकार या ढांचा चाहती है जो उसे कामोन्माद की चरम स्थितितक पहुंचा सके और इसके लिये जरूरी है एक बेहतर पोजीशन की जो उससे चर्चा करके उसके सोचे गए आकार से मेल खाती हो और यह प्रयास पार्टनर के लिये प्रचण्ड कामोद्दीपक व तीव्र उत्तेजना प्रदान करने वाला होगा. यदि वे एक बार ऐसा करने में सफल हो गए तो वे अपने इष्टतम आनंददायी बिंदु पर निशाना साधते हुए सवारी का मजा ले सकेंगें. यहां यह बताना भी जरूरी है कि ज्यादातर पुरुष अपने को उपर रखने वाली पोजीशन इस लिये चुनते हैं ताकि पूर्ण उन्नत अवस्था को पा सकें. इस तरह पुरुषों के उपर रहने पर शक्तिशाली पोजीशन का होना इसका एक वास्तविक फायदा है. लेकिन इस पोजीशन में पुरुष शुरुआत से ही तेज गति और निकटता के साथ चलेंगे तो वे निश्चित तौर पर चरमोत्कर्ष के समय कमजोर और उत्तेजना खोने वाला भी बना सकती है क्योंकि वे सेक्स की कदमताल के कन्ट्रोल में नहीं रह पाते हैं. यह पोजीशन नये प्रवेश करने वालों के लिये काफी बेहतर होती है, लेकिन जब इसे सृजनात्मकता से लिया जाता है तो यह सभी वर्ग के लिए मजेदार होती है. इसलिये जरूरी है कि महिलाएं भी अपने पार्टनर को बताएं कि वह नियंत्रण में रहे तथा प्रयोग करके यह भी देखे कि किसमें उन दोनों को ज्यादा आनंद आता है.
आराम कुर्सी पोजीशन

अपने नाम के अनुरूप ही यह काफी आरामदायक पोजीशन है इस पोजीशन पुरुष को काफी शक्तिशाली बना देती है जिससे महिला तेज आनंद का अनुभव करती है. इस पोजीशन को पाने के लिए महिला अपने पीठ के बल लेट जाती है. अपने कूल्हों को चूल की तरह इस्तेमाल करते हुए अपने पांव फैलाते हुए उपर उठा लेती है तथा घुटनों से मोड़ कर अपने पांवों को आरामदायक स्थिति में ले आती है. इसके पश्चात पुरुष घुटनों के बैठ कर आगे झुकते हुए प्रवेश करता है तथा अपने हाथों को सहारे के रुप में प्रयोग करता है साथ ही महिला के पांव भी उसे सहारा देते है. यह पोजीशन महिला को बाहर नहीं छोड़ पाती है. साथ ही जब पुरुष महिला के पांवों के बीच होता है तो इस दौरान उसके पास महिला के जी-स्पॉट को निशाने में लेने के पूरे मौके होते है. इसलिये यह पुरुष सहित महिला के लिए भी शानदार उत्तेजना की पोजीशन है. यह बेसिक पोजीशन भी मानी जाती है.

मूल्यांकन · महिला (Receiver) को सहूलियत ☻☻☻☺ · महिला (Receiver) को परेशानी ☻ ☺ · महिला (Receiver) को आनंद ☻☻☻☻

· पुरुष (Giver) को सहूलियत ☻☻☻☻ ☺ · पुरुष (Giver) को परेशानी ☺ · पुरुष (Giver) को आनंद ☻☻☻☻

· अंतरंगता (Intimacy) ☻☻ ☺ · प्रवेश की गहराई ☻☻☻☻☻ · प्रवेश की गतिशीलता ☻☻☻☻☻

उन्नयन हाथः इसमें महिला अपने पार्टनर के हाथों का सहारा अपने हाथों से लेकर पोजीशन को आरामदायक बना सकती है. तकियाः महिला चाहे तो अपनी पीठ या कमर के नीचे तकिया लगा कर उठाव ले सकती है.

परिवर्तन – हत्था कुर्सी पोजीशन

– गहरा भेदन इस पोजीशन को प्राप्त करने के लिए महिला अपनी पीठ के बल लेट जाती है और अपनी टांगों को उठाकर पुरुष के कंधों पर रख देती है. इस दौरान पुरुष अपने घुटनों के बल जिसमें टांगें उसकी बाहर की ओर फैली होती है प्रवेश की तैयारी करता है. इस पोजीशन में यदि महिला अपनी कमर के नीचे तकिया लगा लेती है तो पोजीशन काफी आरामदायक हो जाती है. -आनंद का आईना यह पोजीशन भी गहरा भेदन पोजीशन की तरह ही है. इसमें अन्तर सिर्फ इतना है कि इस पोजीशन में महिला अपनी दोनों टांगें पुरुष के एक कंधे पर ही टिकाती है. यह पोजीशन उन दंपतियों के लिये बेहतर है जिनमें पुरुष का गुप्तांग काफी बड़ा होता है.
ड्रिल पोजीशन

इस पोजीशन को पाने के लिये महिला पीठ के बल लेट जाती है और अपनी टांगें उपर उठा कर फैला लेती है. इसके बाद पुरुष जब प्रवेश करता है तो पुऱुष की कमर के पास से अपने पैरों की कैंची से बांध लेती है. यह पोजीशन काफी गहरे प्रवेश के लिए जानी जाती है. इसमें महिला के उठे पांव पुरुष को गहराई तक प्रवेश की अनुमति देते हैं.

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उन्नयन तकियाः महिला चाहे तो अपनी पीठ या कमर के नीचे तकिया लगा कर उठाव ले सकती है इससे सेक्स क्रिया में अतिरिक्त गति मिल सकती है.

परिवर्तन

– महराब पोजीशन यह पोजीशन सेक्स का जमकर लुत्फ उठाने वाले लोगों की पसंदीदा पोजीशन है. थोड़ा कठिन जरूर है लेकिन आनंददायी पोजीशन मानी जाती है. इस पोजीशन में महिला अपनी टांगे सीधे फैलाकर पीठ के बल लेट जाती है फिर इस पोजीशन को पाने के लिये अपनी टांगों को पीछे खींच कर कमर से अपने को उपर उठाती है. इस तरह वह एक पुल नुमा आकृति बना लेती है. इसके पश्चात पुरुष उसकी योनि के सामने घुटनों के बल बैठकर प्रवेश क्रिया को अंजाम देता है. इस पोजीशन को कई बार नजरअंदाज कर दिया जाता है क्योंकि यह देखने में काफी कठिन सी लगती है लेकिन मूलतः यह पोजीशन काफी सरल है और इस पोजीशन में प्रवेश और गहरे प्रवेश के लिए काफी बेहतर एंगल होता है.

– गहरा भेदन

– मिशनरी पोजीशन यह सेक्स पोजीशन सबसे मूलभूत और प्राथमिक सेक्स पोजीशन है. यह सर्वाधिक प्रचलित सेक्स पोजीशन है और हिन्दुस्तान में लगभग 80 फीसदी लोग रति क्रीड़ा की शुरुआत इसी पोजीशन से करते हैं. इस पोजीशन के लिए महिला सामान्य तौर पर पीठ के बल लेट जाती है और पुरुष उसके उपर आकर प्रवेश की प्रक्रिया प्रारंभ करता है.

]पद जहाज पोजीशन

यह सेक्स पोजीशन ज्यादा पुरानी नहीं है. इसको प्रचलन में आए महज दो दशक ही हुए है. जैसे की नाम से ही स्पष्ट है कि इसमें पांवों के उपर सवारी करके चरमोत्कर्ष को पाया जाता है. इस पोजीशन को पाने के लिये महिला करवट लेकर लेट जाती है. इसके पश्चात वह अपनी उपर वाला पैर आसमान की ओर (उपर) उठा ले. इस प्रक्रिया के बाद उसका पार्टनर उसके निचले पांव की जांघों के उपर घुटनों के बल बैठ जाए फिर प्रवेश की प्रक्रिया चालू करें. प्रवेश के दौरान महिला चाहे तो अपने पांव पुरुष के कंधे पर रख सकती है या पुरुष उसके पांवों को अपने हाथ से सहारा देकर पांव सीधा रख सकता है.

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· अंतरंगता (Intimacy) ☻☻☻ · प्रवेश की गहराई ☻☻☻☻ · प्रवेश की गतिशीलता ☻☻☻☻

उन्नयन तकियाः महिला चाहे तो अपनी साइड के नीचे तकिया लगा कर सेक्स क्रिया के लिये बेहतर एंगल पा सकती है साथ ही पार्टनर की जांघों के दबाव व भार को भी कम कर सकती है. हाथः पुरुष अपने हाथों से महिला की टांगों को सहारा देकर गति सीमा के साथ खिलवाड़ करते हुए आनंद बढ़ा सकता है वहीं हाथों के द्वारा बाह्य गुप्तांग (भग क्षेत्र) और स्तनों को भी सहलाकर आनंदानुभूति बढ़ा सकता है.

परिवर्तन

– मिशनरी

– पीछे से प्रवेश यह मिशनरी और श्वान पोजीशन का मिला जुला रूप है. यह जी-स्पॉट सेक्स के लिये बेहतरीन पोजीशन मानी जाती है. इसके लिये महिला पेट के बल अर्थात उल्टी लेट जाए. और अपनी टांगे खोल ले. इसके पश्चात पुरुष उसके उपर लेटते हुए प्रवेश करे.

– निद्रा देवी यह पोजीशन काफी आरामदायक , काफी सहज और उकसाने वाली है. इसमें महिला करवट के बल लेट जाती है और अपनी उपरी टांग उपर उठा लेती है. फिर पुरुष उसकी निचली जांघ के उपर योनि के सामने अपने लिंग को करते हुए सामानान्तर लेट जाता है. इस दौरान महिला और पुरुष आपस में लगभग ९० डिग्री का कोण बना रहे होते है. अब पुरुष प्रवेश के बाद महिला अपनी टांगे नीचे ले आती है जिससे पुरुष उसकी दोनो टांगों के बीच गति करता है.

मिशनरी पोजीशन

मिशनरी पोजीशन सर्वाधिक प्रचलित और पारंपरिक सेक्स पोजीशन है. एक सर्वेक्षण के मुताबिक 91 फीसदी लोग बहुधा इस सेक्स पोजीशन का प्रयोग सामान्यतः करते हैं . इस पोजीशन में स्त्री पुरुष के बीच सर्वाधिक समीपता होती है. मिशनरी पोजीशन दो विषमलिंगियों के बीच होने वाले सेक्स में सबसे ज्यादा बार और ज्यादा सहज व ज्यादा पसंद की जाने वाली पोजीशन मानी जाती है. इस पोजीशन को पाने के लिये महिला पीठ के बल टांगे फैला कर (या बंद करके) लेट जाती है फिर पुरुष उसके उपर आकर करीब जाते हुए प्रवेश की क्रिया दोहराता है. इस दौरान वह अपने हाथों के सहारे अपने शरीर के वजन को सम्हालता है. इस पोजीशन में पुरुष को पूरी स्वतंत्रता होती है कि वह किस गति और तरीके से रति क्रिया का संचालन करे. यदि वह सेक्स क्रिया के दौरान महिला के दौरान काफी करीब (नीचे झुकना) आता है तो इस दौरान वह महिला के शरीर के उपरी हिस्से पर अपने शरीर का कुछ वजन हल्का करते हुए आराम की अवस्था में आ सकता है. इस पोजीशन में महिला अपने शरीर का बीच का हिस्से को अपने पैर की सहायता से धक्के के लिये प्रयुक्त कर सकती है (जब वह कामोन्माद की अवस्था में हो या तीव्र धक्कों का आनंद लेना चाहे) या फिर अपने पैरों को पुरुष की कमर में लपेट कर पुरुष की गति को कम कर सकती है. इस रतिक्रीड़ा के दौरान महिला पुरुष के चेहरे एक दूसरे के सामने व काफी निकट होने से चुंबन क्रिया भी बेहतर तरीके से हो सकती है. लेकिन यदि महिला गर्भवती हो तो उसे इस पोजीशन से बचना चाहिए साथ ही पीठ में दर्द रहने वाले भी इससे बचे. पीठ दर्द वाली महिला के लिये तौलियो का गोला बनाकर पीठ के नीचे और तकिया घुटनों के नीचे रखकर सेक्स करना चाहिए. यह भारत में सर्वाधिक प्रचलित पोजीशन है. ग्रामीण क्षेत्रों में सौ फीसदी लोग यही पोजीशन अपनाते हैं.

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उन्नयन तकियाः महिला चाहे तो अपनी पीठ या कमर के नीचे तकिया लगा कर सेक्स क्रिया के लिये बेहतर एंगल पा सकती है हाथः इस पोजीशन में महिला अपने हाथों से पुरुष की पीठ को सहलाते हुए उसे और उन्मत्त कर सकती है या फिर अपने हाथों से पुरुष की पसंदीदा जगहों को और उत्तेजित कर सकती है. पुरुष को कूल्हों पर थपथपा कर गति और तेज कर सकती है.

परिवर्तन

– कंधों में मिशनरीः इसके लिये मिशनरी पोजीशन में महिला अपने पांव उठा कर पुरुष की कमर में लपेट ले फिर धीरे-धीरे पांवों को पुरुष के कंधों की ओर ले जाए. अंत में महिला अपने पांव पुरुष के कंधों में फंसा ले. इस दौरान पांवों को कंधो तक ले जाने में पुरुष सहायता कर सकता है. इसमें पुरुष को गहरे सेक्स के लिये बेहतर एंगल मिलता है.

– घुटनों में मिशनरीः उपरोक्त पोजीशन के बाद महिला अपने पांव फैलाते हुए कंधों से उतार लेती है. और घुटनों को मोड़ते हुए पंजों के सहारे पैर करके एड़ियां उठा लेती है . इस दौरान पुरुष अपने घुटनों के बल बैठ जाता है और घुटनों के नीचे से हाथ ले जाकर महिला की जांघों को सहारा देते हुए प्रवेश की क्रिया प्रारंभ करता है.

– महराब पोजीशन

– गहरा भेदन

– उल्टी मिशनरी पोजीशन

– मिशनरी 45º : इसके लिये मिशनरी पोजीशन में प्रवेश के पश्चात किसी भी दिशा में पुरुष 45ºघूम कर धक्के की क्रिया कर सकता है या फिऱ बगैर प्रवेश के मिशनरी पोजीशन में आकर 45º घूम कर फिर प्रवेश क्रिया करे लेकिन इस दौरान गहरे प्रवेश में दिक्कत हो सकती है.

– अगल बगल पोजीशनः यह ठीक मिशनरी पोजीशन की तरह है . इसमें दोनों पार्टनर लेटे रहते है और दोनों के चेहरे एक दूसरे की ओर होते बस इसमें दोनों एक दूसरे के उपर नीचे न होकर करवट लिए हुए एक दूसरे के अगल-बगल होते है.
पीछे से प्रवेश

यह पोजीशन गुदा मैथुन या उसकी तरह नहीं है. इसमें पोजीशन में पुरुष अपने लिंग का प्रवेश स्त्री की योनि में कराता है जब वह स्त्री के पीछे होता है. इस पोजीशन में महिला का चेहरा पुरुष के दूसरी ओर रहता है और महिला इसमें पेट के बल लेटती है. इसी अवस्था में लेटे हुए वह अपनी टांगों को फैला लेती है. ऐसा करने पर महिला का भग क्षेत्र खुलकर सामने दिखने लगता है. इस दौरान पुरुष प्रवेश क्रिया संपन्न करता है. इस पोजीशन में लिंग प्रवेश के दौरान योनि की बाह्य दीवार पर सीधा धक्का देता है इसलिये इस पोजीशन में बेहतरीन जी-स्पॉट सेक्स का आनंद लिया जा सकता है. यह पोजीशन गहरे प्रवेश और बलशाली धक्कों को अनुमति देती है इस लिये गर्भवती महिलाओं को इस पोजीशन को बिल्कुल नहीं करना चाहिए. यह पोजीशन दो भागों में विभक्त की जा सकती है. पहली में जब महिला अपनी टांगे खोल कर लेटे, इसमें गहरा प्रवेश मिलता है . दूसरे में महिला जब टांगे चिपका कर (बंद कर ) लेटे. इसमें जी-स्पॉट सेक्स का आनंद मिलता है. इस पोजीशन की सबसे बड़ी कमजोरी बस यही है कि इसमें सीधा आई कान्टेक्ट नहीं बनता साथ ही इसमें चुंबन और स्तन मर्दन नहीं किया जा सकता है.

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· अंतरंगता (Intimacy) ☻☻☻ · प्रवेश की गह सकती है.

परिवर्तन

– अंगरक्षक पोजीशन

– श्वान पोजीशन

– चमचा पोजीशनः यह अगल-बगल पोजीशन से मिलती है. इसमें अंतर इतना है कि दोनों पार्टनर के चेहरे आमने सामने नहीं होते है. इसमें महिला करवट के बल लेट जाती है फिर पुरुष महिला के पीछे की ओर से करवट के बल ही लेट कर प्रवेश की प्रक्रिया प्रारंभ करता हैं.

– ठेला गाड़ीः यह पोजीशन काफी मजबूत व दमदार लोगों के लिये है. इसमें पेट के बल लेटी महिला के पीछे खड़े होकर पुरुष महिला के पांव पकड़ कर उठा लेता है फिर महिला अपने हाथों के सहारे अपने शरीर को उठा लेती है. इसके बाद पुरुष अपने हाथों से पैरों को फैला कर महिला की जांघों के बीच घुस जाता है और धीरे-धीरे हाथों के जांघों के निकट लाकर जांघों के पास हाथ से महिला के शरीर को सहारा देते हुए प्रवेश क्रिया शुरू करता है.
खड़े होकर सेक्स

यह पोजीशन स्वाभाविक तौर पर अति आनंद के लिये या फिर अकल्पनीय सेक्सुअल समागम के लिए प्रयोग की जाती है. सामान्यतः यह भारत में कम ही प्रयोग की जाती है लेकिन अब यह प्रचलन में आ रही है. वहीं कुछ लोगो का मानना है कि जहां बिस्तर की उपलब्धता न हो और प्रतीक्षा करने का कोई कारण उपलब्ध न हो तो यह पोजीशन सबसे सही रहती है. यह काफी बलिष्ठ , खिंची हुई और अति कठोर पोजीशन मानी जाती है, जिसके लिये काफी ताकत, जोर और समन्वय की आवश्यकता होती है. वहीं कुछ लोगों का मत है कि इस पोजीशन में सेक्स करने पर रक्त प्रवाह तेज होता है साथ इस पोजीशन के द्वारा पुरुषों में स्वयं में शक्तिशाली होने का अहसास होता है तो महिलाएं अपने को पूरी तरह निगला (गटका) हुआ महसूस करती हैं. और सबसे मुख्य बात रही वह यह है कि बेहतर सेक्सुअल आनंद के लिये पोजीशन बदल कर सेक्स करना काफी आनंददायी होता है.
अंगरक्षक पोजीशन

यह पोजीशन खड़े होकर सामने या पीछे से प्रवेश की सेक्स पोजीशन है. ऱत्यात्मक कामुकता के आवेग में यह खड़े वर्ग की सभी सेक्स पोजीशनों में अनूठी होती है. इस पोजीशन के लिये महिला सीधे खड़ी होकर अपनी टांगे फैला देती है फिर पुरुष पीछे की ओर से या फिर सामने की ओर से प्रवेश क्रिया प्रारंभ करता है. पीछे से प्रवेश के लिये महिला पहले सीधी खड़ी होती है फिर कमर के पास से थोड़ा सा आगे की ओर झुके जिससे कूल्हे थोड़ा बाहर की ओर निकल आएंगे फिर अपने घुटनों को मोड़ते हुए थोड़ा नीचे झुकती है और इस दौरान वह अपने नितंबों को बाहर की ओर निकालती है इससे योनि का हिस्सा दिखने लगता है. तत्पश्चात पुरुष पीछे से प्रवेश की प्रक्रिया करता है. इस पोजीशन में रतिक्रीड़ा के दौरान पुरुष चाहे तो महिला के हाथ पकड़ कर या फिर महिला की कमर पकड़ कर धक्के की गति बढ़ा सकता है. यह पोजीशन दोनों पार्टनरों को एक दूसरे के शरीर को बेहतर तरीके से अभिगम करने का अवसर प्रदान करती है. इस पोजीशन की सिर्फ एक कमी है वह है दोनों के गुप्तांगों को सहजता से पंक्तिबद्ध करना… लोग चाहे तो इसकी मूल पोजीशन में थोड़ा परिवर्तन कर सकते हैं.kdkdk

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उन्नयन कदमः महिला चाहे तो अपने पार्टनर के खिंचाव को कम करने के लिये सीढ़ी या फिर स्टूल पर चढ़ सकती है.

परिवर्तन – श्वान पोजीशन

– मेंढक पोजीशनः इस पोजीशन को पाने के लिये महिला झुक कर मेढक की तरह पोजीशन बना लेती है(उकड़ू बैठ जाती है). फिर उसके पीछे पुरुष घुटनों के बल खड़ा होकर प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ करता है. इस दौरान महिला जहां हाथों से अपने शरीर को सहारा देती है वहीं पुरुष महिला के कूल्हों को पकड़ कर गति नियंत्रित करता है. वहीं दूसरे तरीके में वह अपनी जांघें घुटनों से मोड़ कर टांगों में जोड़ कर सिर को भी नीचे ले आती है. इस अवस्था में उसकी योनि खुलकर सामने आ जाती है(देखें चित्र की दूसरी तस्वीर)

– पीछे से प्रवेश पोजीशन – ठेला गाड़ी पोजीशन