जुआरी और शराबी पति के दोस्त से खुद भी चुदी और अपनी वर्जिन बेटी की भी चुदाई करवाई पैसे लेकर कामुकता से भरी नयी अन्तर्वासना हिंदी सेक्स स्टोरी :- दोस्तों मैं एक शादी शुदा महिला हूँ और मेरी उम्र 36 साल है. मेरी एक जवान और सेक्सी बेटी है और वो पढाई में बहुत अच्छी है. हम माँ और बेटी दोनों ही दिखने में बहुत कामुक हैं. मैं अपने जिस्म पर विशेष ध्यान देती हूँ ताकि मैं हॉट और सेक्सी बनी रहूँ हमेशा मगर मेरा पति मेरी चुदाई नहीं करता क्योंकि अधिकतर वक्त तो वो नशे में रहता है जिस कारण उसका लंड खड़ा ही नहीं हो पता. मेरे पति के दोस्त हैं प्रमोद भैया उन भाई साहब का हमारे घर आना जाना है वो बेचारे बहुत ही भले इंसान है.
वो आये दिन मेरे पति को समझाते हैं की तेरी बेटी जवान हो गयी है अब तो शराब छोड़ दे और कुछ पैसे जोड़ ले इसकी शादी के लिए. प्रमोद भैया भी उसी कंपनी में मैनेजर के पद पर हैं जहाँ पर मेरे पति काम करते हैं. प्रमोद भैया को मेरे शराबी पति से काफी ज्यादा लगाव है जब भी कोई बात समझाने की होती है तो वो मेरे पति को बहुत अच्छे तरीके से समझाते भी हैं. हम लोगों को भी जब भी कोई दिक्कत आए वह मेरे घर आए और हम लोग को समझा कर गए जब हम पति पत्नी में भी झगड़ा हुआ तो वह घर पर आकर समझा कर जाते हैं. किसी चीज की कमी मेरे पति के दोस्त ने नहीं होनी दी थी .
शराबी पति के दोस्त से खुद भी चुदी और वर्जिन बेटी की भी चुदाई करवाई पैसे लेकर अन्तर्वासना हिंदी सेक्स स्टोरी
जब भी हम माँ और बेटी को किसी भी प्रकार की जरुरत होती थी तो मेरे पति के दोस्त ने हम लोगों की हमेशा पैसे देकर मदद करी. पर मेरा पति सही इंसान नहीं निकला वह जुआरी और शराबी हो गया और सारे पैसे जुआ और दारू में उड़ाने लगा. और धीरे-धीरे करके मेरे घर का वातावरण खराब करते हैं रोज रात को लेकर आता है सो जाता है क्या कमी है घर में क्या नहीं है कुछ नहीं सोचता है. फिर मैंने मेरे जुआरी और शराबी पति के दोस्त प्रमोद भैया को बुलाया कि आप ही समझाइए अपने दोस्त को की इस घर में एक जवान बेटी है पैसे के बिना कैसे चलेगा बेटी शादी के लायक हो गयी है मगर आपके शराबी दोस्त ने अभी तक कुछ भी पैसे नहीं जोड़े हैं.
मेरे पति के दोस्त ने उन्हें समझावा मगर वो साला भडवा सब बात सुनकर घर से बाहर चला गया और आज 4 महीने हो गए हैं वापस भी नहीं आया अब आप बताइए दोस्तों मैं रंडी नहीं बनती तो क्या करती इस पापी पेट के लिए. मैं मेरे शराबी पति की वजह से बहुत ज्यादा परेशान हो गयी थी वो तो धन्य है प्रमोद भैया का उन्होंने ही मेरे घर को संभाला और हम कामुक माँ बेटी को भी. मेरे जुआरी और शराबी पति के दोस्त मेरे और मेरी जवान बेटी के सभी खर्चे उठा रहे हैं जब जितने पैसे मांगती थी वो दे दिया करते थे. प्रमोद भैया की पत्नी नहीं है उनका तलाक हो चूका हिया सुनने में आया था की उनकी पत्नी बदचलन थी और अपने पुराने आशिक से चुदवाती थी फिर एक दिन प्रमोद भैया ने उसे अपने आशिक के साथ अवैध सेक्स संबंध बनाते पकड़ लिया और फिर तलाक दे दिया.
अब मैं ही प्रमोद भाई साहब का रात का खाना बनाने लगी थी. उन भाई साहब का घर बगल में ही था. धीरे धीरे प्रमोद भैया ऑफिस से सीधे हमारे घर पर आ जाते थे और फिर सब्जी दूध वगैरह रोजाना ले आते. यही हमारे साथ चाय पीते फिर रात का खाना खाकर ही जाते. वो अब ऐसे आने लगे और रहने लगे जैसे हमारे ही परिवार का सदस्य हो और थे भी. पर रात को वो अपने घर चले जाते थे. एक दिन की बात है. मैंने उनको कहा की मुझे अच्छा नहीं लगता है. आप हम दोनों माँ बेटी के लिए इतना करते हैं. आप मुझे कहीं पर नौकरी दिलवा दीजिये ताकि मैं खुद अपने घर का खर्च उठा सकूँ. पर उनको मेरी ये बात अच्छी नहीं लगी मेरे पति के दोस्त ने कहा क्या आप मुझे पराया समझते हो भाभी जी.
तो मैं बोली पराया समझते हो प्रमोद भैया आप हमें जो रोजाना हमारे घर हम माँ बेटी को सँभालने के लिए आते हो और रोज रात को किसी पराये की तरह वापस अपने घर चले जाते हो. पता नहीं ये मैंने उनसे कैसे बोल दिया. शायद मेरा भी लगाव धीरे धीरे उनसे होने लगा था और मैं उन्हें ही अपना पति समझने लगी थी और भला समझती भी क्यों नहीं वो मेरा घर खर्च एक अच्छे पति की तरह जो चला रहे थे. तो मेरे पति के दोस्त ने भी कह दिया ठीक है भाभी जी आज से यहीं आपके घर पर रहा करेंगे और फिर उस रात को वो हमारे ही घर पर रुक गए.
मैं अंदर बैडरूम में सो रही थी मेरी जवान और सेक्सी बेटी दूसरे बैडरूम में सो रही थी और मेरे पति के दोस्त बाहर हॉल में सोने चले गए. मुझे नींद नहीं आई रात के करीब 2 बजे गए थे तो मैंने अपनी चूत में ऊँगली करने लगी. मैंने अपनी चूत में ऊँगली करते करते जब बैडरूम से बाहर झांक कर देखा तो मेरे जुआरी और शराबी पति के दोस्त भी सोये नहीं थे बस बार बार करवट बदल रहे थे और अपना लंड सहला रहे थे. तभी पता नहीं मुझे क्या हुआ मैं उनके पास गयी और उन भाई साहब का हाथ पकड़ कर अंदर अपने बैडरूम में ले आई. वो भी आराम से मेरे पीछे पीछे आ गए.
मैंने मेरी अन्तर्वासना शांत करने के लिए मेरे बैडरूम का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया और उनको पागलों की तरह चूमने लगी. वो भी धीरे धीरे चूमने लगे और मेरे दूध से भरे मोटे मोटे खरबूजे जैसे बूब्स को जोर जोर से दबाना शुरू कर दिया. फिर वो मेरी चूतड़ को दबाने लगे. मैं धीरे धीरे उनकी बाहो में आ गयी और एक दूसरे के साथ चुम्मा चाटी करने लगे . फिर क्या था दोस्तों मेरे पति के दोस्त ने मेरा ब्लाउज खोल दिया. अपनी अन्तर्वासना शांत करवाने के लिए मैंने मेरा पेटीकोट और ब्रा निकाल दी और फिर मेरे पति के दोस्त ने मेरी खरबूजे जैसी मोटी मोटी चूचियों को दबाते हुए मुझे पलंग पर नंगी लिटा दिया. हाय उन भाई साहब का खड़ा लंड पकड़ते ही मेरे शरीर की अन्तर्वासना और ज्यादा भड़क गयी और मैं अपने आप को रोक नहीं पाई.
उन भाई साहब का लंड मुँह में लेने से. मैं आह आह आह करते हुए बार बार उनके लंड लंड को चूस रही थी. तभी मेरे पति के दोस्त ने मेरी चूत को सहलाते हुए पैरों को अलग अलग किया और फिर अपना जीभ मेरी बुर में डालने लगे और मेरी चूत चाटने लगे. मैं पागल होने लगी और मेरी बुर भी बहुत ज्यादा पानी छोड़ने लगी. मैं अपने आप को रोक नहीं पाई और उनके होठों को काट लिया. फिर मेरे पति के दोस्त ने अपना लण्ड मेरी बुर पर लगाया और जोर से घुसा दिया. आआह्ह्ह्ह गजब. कब से इंतज़ार था इस लंड का आज पहली बार लगा की किसी मर्द का लंड गया मेरी बुर के अंदर.
मेरी अन्तर्वासना बहुत ज्यादा बढ़ चुकी थी इस लिए अब मैं मेरी सेक्सी गांड उठा उठा पर चुदवाने लगी. वो मेरी चूतड़ के निचे हाथ करके अपना ऊँगली मेरी गांड के छेद में डाल दि. अब तो मैं और भी पागल हो गयी. वो जोर जोर से झटके देते और मैं गांड घुमा घुमा कर लंड अंदर लेती. ओह्ह्ह्ह फिर कभी वो निचे कभी मैं ऊपर. पूरी रात मेरी बहुत ही ज्यादा खतरनाक चुदाई चली. मेरे जुआरी और शराबी पति के दोस्त सुबह यही नहाये धोए मैं उनके लिए लंच बना कर दिया और वो लंच बॉक्स लेकर ऑफिस गए. फिर वो रोजाना हमारे घर पर आने जाने लगे यही रहने लगे.
मेरे पति के दोस्त ने मेरी गांड और चूत की पंद्रह दिन तक खूब चुदाई करी मैं खुद भी चुदी पुरे मजे ले लेकर उनके लम्बे मोटे लंड से. कुछ दिन बाद मेरी बेटी की इंजीनियरिंग की परीक्षा का परिणाम आ गया और वो उसमे पास हो गयी पर मेरे पास उसको दाखिला दिलवाने के लिए पैसे नहीं थे. मेरे पति के दोस्त ने तुरंत ही अपने अकाउंट से पैसे निकलवाए और फिर एडमिशन करवा दिया. धीरे धीरे हम लोगों में घनिष्ठता बढ़ती गयी. एक दिन मेरे पति के दोस्त ने कहा की भाभी जी मुझे ठीक नहीं लगता है आप लोग इतने छोटे से फ्लैट में रहो इस लिए मैंने आपके लिए चार बैडरूम का एक फ्लैट ख़रीदा है और आपके नाम से उसकी रजिस्ट्री भी करवा दी है अब आप दोनों माँ बेटी उसी फ्लेट में रहा करो…
मैं बोली आप मुझे फ्लेट खरीद कर दे रहे हो भाई साहब आपके पति ने तो आज तक मुझे एक साड़ी तक नहीं दिलवाई. मेरे पति के दोस्त ने कहा हां मुझे तो कुछ करना ही पडेगा जब आप लोग मेरे लिए इतना कुछ कर रहे हो. मैंने उनको कहा अगर आप मेरे लिए इतना कर सकते हो तो मैं आपके लिए कुछ भी कर सकती हूँ. आप जो बोलोगे करुँगी. तो मेरे पति के दोस्त ने तुरंत कह दिया की मैं तुम्हारी वर्जिन बेटी शिखा के साथ एक रात बिताना चाहता हूँ यदि आपकी इजाजत हो तो? उन्होंने हम माँ बेटी के लिए इतना कुछ करा था अब भला मैं उन्हें मेरी वर्जिन बेटी के साथ अवैध सेक्स संबंध बनाने से कैसे मना कर सकती थी तो मैंने उन्हें हाँ कर दी.
अगले दिन मैंने मेरी वर्जिन बेटी को बोला की बेटी तेरे अंकल तेरी वर्जिन चूत की सील खोलना चाहते हैं उन्होंने हमारे लिए इतना कुछ करा है हम उन्हें मना नहीं कर सकते है मैं खुद भी उनसे चुदवाती हूँ. फिर क्या था दोस्तों मेरी बेटी भी उनके साथ सेक्स करने के लिए राजी हो गयी और एक रात मैंने अपनी जवान और सेक्सी बेटी को अपने शराबी पति के दोस्त के साथ भी सुला कर उसकी सील पैक वर्जिन चूत की भी चुदाई करवा दी. रात भर आह आह आह ओह्ह्ह हूह दर्द हो रहा है यही बोलकर मेरी कुंवारी बेटी जोर जोर से रोती रही. मुझे पता था आज उसने अपनी सील पैक वर्जिन चूत में पहली बार लंड लिया था इस लिए उसकी वर्जिन चूत फट चुकी थी और चूत फटने पर बहुत ज्यादा दर्द होता है. रात की चुदाई के बाद सुबह मेरी जवान और सेक्सी बेटी चल नहीं पा रही थी.
मोटा लंड जब पहली बार किसी वर्जिन लड़की की टाइट चूत में जाता है तो यही परिणाम होता है ये मेरी बेटी शिखा की पहली चुदाई थी इस कारण दर्द होना स्वभाविक था. फिर क्या था अब मेरे जुआरी और शराबी पति के दोस्त से हम माँ बेटी की चुदाई रोजाना होने लगी थी. अपनी चूत चुदाई करने के लिए देने के बदले में हमें खूब पैसे भी मिला करते थे. अब हम माँ और बेटी बहुत ज्यादा खुश है मेरे जुआरी और शराबी पति के दोस्त ने हमें एक नया फ्लैट खरीद कर दे दिया है जिसमें हम माँ बेटी रानी की ज़िंदगी जी रहे है या यूँ कहें की मेरे जुआरी और शराबी पति के दोस्त की रखेल बनकर जी रहे हैं…