दोस्तों आज की इस हिंदी सेक्स स्टोरी में मैं आप सभी को बताऊंगा की कैसे मैंने मेरे दोस्त की वर्जिन बहन को पहले चलती स्लीपर बस में चोदा फिर जंगल में घोड़ी बनाकर उसकी गांड भी मारी अपने लम्बे मोटे लंड से. मेरा नाम गिरीश शर्मा है और मैं छत्तीसगढ़ के अम्बिकापुर से हूँ. मैं 23 साल का एक कुंवारा लड़का हूँ और मेडिकल कॉलेज में पढाई कर रहा हूँ. मुझे गन्दी गन्दी ब्लू फ़िल्में देखने का बहुत ही ज्यादा शौक है. दोस्तों मुझे बचपन में ही मुठ मारने की गन्दी आदत पड़ चुकी थी. मैं रोज रात में सोने से पहले ब्लू फिल्म देखकर मुठ मारता हूँ. मुठ मारे बिना मुझे नींद ही नहीं आती इस लिए मुझे सोने से पहली रोज रात को हस्तमैथुन करना पड़ता है.
मैं अभी मेडिकल कॉलेज जगदलपुर में फाइनल ईयर में हूँ. दोस्तों मैंने मेरे दोस्त की वर्जिन बहन को चोदा हुआ है और यह घटना लॉकडाउन लगने के दौरान की ही है. आज की हिंदी सेक्स स्टोरी में आगे बढ़ने से पहले मैं आपको चंचल के बारे में बता देता हूँ जिसे मैंने चलती हुई बस और जंगल में चोदा था और अपनी हवस शांत करी थी. वह जसपुर से है और मेरे दोस्त की छोटी बहन है. मेरे दोस्त की छोटी बहन चंचल दिखने में बहुत ही ज्यादा कामुक है उसे देखकर ऐसा लगता है मानो भगवान ने उसे बड़ी फुर्सत से बनाया है. उस जवान और सेक्सी लड़की का फिगर बड़ा कातिल है जो कोई एक बार उसे देख ले तो उसके नाम की मुठ मारे बिना नहीं रह पाए.
दोस्त की वर्जिन बहन को पहले चलती स्लीपर बस में चोदा फिर जंगल में घोड़ी बनाकर गांड भी मारी हिंदी सेक्स स्टोरी
उस कामुक लड़की के बड़े बड़े स्तन देखते ही मेरे मुंह में पानी आ जाता है और मेरा लंड चोदा चादी करने के लिए तनकर खड़ा हो जाता है. मेरे दोस्त की छोटी बहन मेरे ही कॉलेज में नर्सिंग कर रही थी. कामुक चंचल को मैं तब से जानता हूँ जब उसे मेरे कॉलेज में एडमिशन लेना था. उसका भाई राजेंद्र मेरा दोस्त है और उसी ने मुझसे कहा था कि चंचल को मेडिकल कॉलेज जगदलपुर मिला है तुम उधर उसका एडमिशन करा देना. मैंने भी मेरे दोस्त राजेन्द्र से हां बोल दिया और उसकी बहन का एडमिशन करवा दिया बीएस तभी से मेरी उससे बहुत अच्छी जान पहचान है.
मेरे दोस्त की कामुक बहन चंचल जब इधर कॉलेज में आई थी, तो मैं उसे देखकर हैरान हो गया था. वो इतनी अधिक खूबसूरत और सेक्सी थी कि मैं उसके बड़े बड़े स्तनों और उठी हुई गांड को देख कर उसके साथ चोदा चादी करने के लिए बहुत ही ज्यादा कामुकता से भर गया था. उस कुंवारी कामुक लड़की के जिस्म की कसावट इतनी मस्त थी कि मैं कुंवारा लड़का बुरी तरह से वासना के वशीभूत हो गया था. लेकिन अगले ही पल मैंने अपनी गन्दी नजरों को उस कामुक लड़की के नशीले जिस्म से हटा लिया था क्योंकि वो मेरे दोस्त की छोटी बहन थी इस नाते वो मेरी भी बहन जैसी थी.
फिर उस कामुक वर्जिन लड़की का मेडिकल कॉलेज में एडमिशन हो गया और वो अपनी पढ़ाई में लग गई. मेरा उससे मिलना कम हो पाता था मगर हमारी फोन और सोशल मीडिया पर बातचीत होती रहती थी. पुरे देश भर में कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन लग चूका था और इसी कारण से हमारे मेडिकल कॉलेज में भी छुट्टियां पढ़ गयी थी तो मैंने घर जाना ही उचित समझा और अपनी पैकिंग करने लगी. जब मैं अपने सामान की पैकिंग कर रहा था तो उसी समय चंचल का मेरे मोबाइल फोने पर कॉल आया और फिर उसने मुझसे घर जाने के बारे में पूछा, तो मैंने कहा कि हां मैं तुझे इसी बात को लेकर फोन लगाने वाला था. मैं कल वापस जा रहा हूँ, तेरा क्या प्रोग्राम है?
उसने कहा हां मुझे भी घर जाना है ऐसा करते हैं लग्जरी स्लीपर बस में हम दोनों साथ में ही घर चलते हैं मैं हम दोनों की टिकट बुक करवा लुंगी. मैंने भी उससे हां बोल दिया. हमारी लग्जरी स्लीपर बस अगले दिन शाम 8 बजे की थी. ये लग्जरी स्लीपर बस जगदलपुर से अम्बिकापुर सीधी जाती थी. मेरे दोस्त की कामुक बहन चंचल को अम्बिकापुर से जसपुर के लिए बस बदलनी थी. मेरे दोस्त की कामुक बहन चंचल ने एक ही अपर बर्थ में हम दोनों की टिकट कराई थीं. मेरे पास एक ही बैग था, जिसे मैंने अपना तकिया बना लिया … जबकि चंचल 3 बैग पैक कर लाई थी. कामुक चंचल ने एक बड़े बैग को बस की डिक्की में रखवा दिया था और 2 छोटे बैग साथ में रख लिए.
हम दोनों के पास एक ही बर्थ थी तो उसने उसी पर एक साइड में बैग को लगा लिया. तय समय पर बस चल पड़ी. लग्जरी स्लीपर बस में हम दोनों ने बहुत देर तक बातें करी फिर मुझे नींद गहरी आने लगी तो मैं सो गया. कुछ देर बाद मेरे दोस्त की वर्जिन बहन भी सो गयी. परसगांव पहुंचते पहुंचते रात के 12:30 बज चुके थे. बस की अन्दर वाली लाइट्स भी बंद हो चुकी थी. मेरे दोस्त की वर्जिन बहन के पैर मेरे ऊपर आ रहे थे क्योंकि उसने पीछे एक बैग रख दिया था, जिससे उसे पैर सीधा करते नहीं बन रहा था. उस वर्जिन लड़की ने पैर मोड़ रखे थे और मेरी तरफ मुँह करके सो रही थी.
उस कामुक वर्जिन लड़की की गर्म गर्म सांसें मुझे महसूस हो रही थीं, जो की मेरे अंदर कामवासना जागृत कर रही थीं. कुछ देर बाद मेरे दोस्त की वर्जिन बहन पलटी, तो मैंने भी जानबूझकर अपना एक हाथ उस कामुक वर्जिन लड़की के बड़े बड़े स्तनों के ऊपर रख दिया और हल्का सा हिला कर हटा दिया. मैंने ऐसा दिखावा करा कि मैं गहरी नींद में हूँ और गलती से नींद में मैंने उसके मोटे मोटे स्तनों पर अपना हाथ रख दिया था. थोड़ी देर बाद पलटने के बहाने फिर से मैंने अपना एक हाथ उस कामुकत से भरी वर्जिन लड़की के मोटे मोटे स्तनों पर टिका दिया और इस बार हल्का हल्का सा दबाने लगा.
मेरी इस सेक्सी हरकत से मेरे दोस्त की बहन की की सांस और तेज होती जा रही थीं. जब मैं अपना हाथ हटाने वाला था, तब उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपने हाथों से अपने बड़े बड़े स्तनों के ऊपर खींच लिया और अपने मोटे मोटे स्तनों को खुद आगे से दबवाने लगी. अब मुझे पता चल चूका था कि मेरे दोस्त की वर्जिन बहन पहले से जाग रही थी और बिना विरोध किए इस कामवासना के खेल का मजा ले रही थी. दोस्त की बहन की तरफ से कामवासना शांत करवाने की पहल देख कर अब तो मेरा लंड बस की छत की तरफ सीधा खड़ा हो गया था और चोदा चादी करने के लिए पूरी तरह से तैयार था.
मैं अपना हाथ अब उसके लोअर के नीचे से चूत पर ले गया. उस वर्जिन लड़की की सील पैक टाइट चूत अब पानी छोड़ने लगी थी, जिस वजह से उसकी पैंटी भी पूरी भीग चुकी थी. मैंने लोअर गीला देखा, तो उसके अन्दर हाथ डाल कर चूत को टटोला. उस कुंवारी लड़की की सील पैक वर्जिन चूत एकदम क्लीन शेव थी. मेरी उंगलियां मेरे दोस्त की वर्जिन बहन की सील पैक टाइट चूत के होठों पर घूमने लगीं, तो उसने भी पूरा आनंद लेने के लिए अपनी दोनों टांगें खोल दीं. लंड से चोदा चादी करने से पहले मैंने मेरी एक उंगली चूत के अन्दर डाल दी और चूत में अंदर बहार करके अपनी ऊँगली से ही उस वर्जिन लड़की की सील पैक चूत की चोदा चादी करने लगा.
अब कामुकता से भरी वर्जिन चंचल ने भी मेरे खड़े लंड को पकड़ लिया. वो मेरे खड़े लंड को महसूस करके मेरे कानो में फुसफुसा कर बोली- ओ मर गई … इतना ज्यादा लम्बा और मोटा लंड है तुम्हारा तो ये तो मेरी सील पैक वर्जिन चूत को फाड़ कर भोसड़ा ही बना डालेगा. उसी समय मैंने उसे चूम लिया. उस वर्जिन लड़की ने मेरे चुम्बन से गर्म होकर मेरे लोअर के अन्दर अपना हाथ डाला और मेरे खड़े लंड को दबा दबा कर उससे खेलने लगी. मैंने मेरे दोस्त की वर्जिन बहन को मेरी हस्तमैथुन करने के लिए बोला तो वो मेरे लंड को आगे पीछे करते हुए मेरी मुठ मारने लगी.
आज पहली बार कोई लड़की मेरी मुठ मार रही थी और वो भी एक चलती हुई लग्जरी स्लीपर बस में मुझे तो बड़ा आनंद आ रहा था और शायद मेरे दोस्त की बहन को भी मेरी मुठ मारने में बहुत मजे आ रहे थे. कुछ ही देर बाद मेरे दोस्त की वर्जिन बहन के साथ चोदा चादी करने के इरादे से मैंने भी अपने लोअर को चड्डी समेत नीचे सरका दिया. अब मेरे दोस्त की कामुकता से भरी वर्जिन बहन पूरी मस्ती के साथ मेरे खड़े लंड से खेल रही थी. कुछ देर की मस्ती के बाद उससे रहा नहीं गया और उसने अपनी एक टांग को अपने लोअर से बाहर निकाल दिया और मेरे लंड में थूक लगा कर मेरे ऊपर चढ़कर बैठ गयी.
मैंने मेरे दोस्त की वर्जिन बहन को चलती स्लीपर बस में चोदा गन्दी हिंदी सेक्स स्टोरी :- मैंने भी सीधे लेट कर उस कुंवारी लड़की की वर्जिन चूत को अपने लम्बे मोटे लंड पर सैट कर लिया. मेरे दोस्त की वर्जिन बहन अपने हाथ से मेरा खड़ा लंड पकड़कर अपनी सील पैक वर्जिन चूत की फांकों पर रगड़ने लगी. मैंने महसूस किया कि उस कुंवारी लड़की की चूत काफी ज्यादा टाइट थी और ये बात इस तरफ इशारा कर रही थी की वो आज तक बिलकुल वर्जिन है अर्थात उसकी चूत को अभी तक किसी ने भी नहीं चोदा है. मेरे दोस्त की कामुकत बहन चंचल वर्जिन थी इस लिए मैंने उस जवान लड़की की चुदाई को बहुत आराम से करने की सोची क्योंकि मुझे पता है की पहली बार वर्जिन चूत को चुदवाने में बड़ा दर्द होता है और यदि दर्द के मरे उसके मुंह से चीखें निकली तो चलती बस में दुसरे यात्रियों को हम पर शक हो जाता.
दोस्तों यदि चुदाई करने के दौरान मैं मेरा मोटा लंड एक बार में ही मैं मेरे दोस्त की वर्जिन बहन की टाइट चूत में पेल देता तो वो चिल्ला पड़ती और चलती बस में बवाल हो जाता. मैंने अपने खड़े लंड पर बहुत सारा थूक लगाने के बाद उसके लाल लाल होंठ को मेरे मुंह में दबा लिया ताकि उसके मुंह से किसी भी प्रकार की आवाज ना निकल सके. फिर मैंने नीचे से अपने खड़े लंड को बहुत तेज की धक्का मारा और मेरा लंड उस वर्जिन लड़की की सील पैक चूत की सील तोड़ते हुए पूरा का पूरा अंदर घुस गया और वो पहली चुदाई के दर्द से छटपटा उठी. मैंने एक मिनट रुक कर उसके होंठों से होंठ हटाए और उससे पूछा ज्यादा दर्द नहीं हो रहा है तो तुम्हारी चूत को चोदकर अपनी कामवासना शांत कर लूँ? वो बोली- हां दर्द तो हो रहा है मगर धीरे धीरे तुम मेरी चुदाई कर लो.
अब वो मेरे सीने से चिपक गई और खुद ही गांड ऊपर नीचे करके चुदवाने लगी. दोस्तों मेरे दोस्त की बहन की चूत फट चुकी थी और उसमे से बहुत सारा खून भी निकल रहा था मगर वो कामवासना की आग में अंधी हो चुकी थी और पुरे जोश के साथ सेक्स करने में मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी. चोदा चादी करने के दौरान मेरा खड़ा लंड उसकी फटी हुई चूत में पूरा अन्दर तक जा चुका था. चलती लग्जरी स्लीपर बस में अपने दोस्त की वर्जिन बहन को चोदने में मुझे बड़ा मजा आ रहा था क्योंकि आज से पहले मैंने भी किसी लड़की को चोदा नहीं था मेरा आज पहली बार था जब मैं एक चलती बस में किसी लड़की के साथ अवैध सेक्स सम्बन्ध बना रहा था.
चुदाई के दौरान नीचे से मैं गांड उठा कर उसकी खून से संदी फटी हुई चूत को पुरे जोश के साथ चोद रहा था और ऊपर से वो कमर चला चलाकर चुदवाने में मशगूल थी. हम दोनों की चुदाई में आधा काम चलती लग्जरी स्लीपर बस का हिलना डुलना कर रहा था. मैंने मेरे दोस्त की बहन को करीब आधे घंटे तक चलती लग्जरी स्लीपर बस में चोदा और फिर उसके बाद मैंने उस कुंवारी लड़की की टाइट चूत में ही झड़ गया. चूंकि बस में ज्यादा जगह तो होती नहीं है, इसलिए मैं ज्यादा सेक्स पोजीशन नहीं आजमा पाया, पर लेट कर साइड से और कामसूत्र की मिशनरी सेक्स पोजीशन में मैंने चंचल की चुदाई बहुत देर तक की. इस दौरान वो चुदते चुदते करीब तीन बार झड़ चुकी थी और उसकी चूत फटकर भोसड़ा बन चूकी थी.
चलती स्लीपर बस में हमारी ये चुदाई अभनपुर आने तक चली. रायपुर में हम दोनों ने उतर कर चाय पी. फिर बस अम्बिकापुर के लिए निकल गयी. हमने फिर से एक और राउंड चुदाई का मजा लिया. अगले दिन सुबह हम दोनों अम्बिकापुर पहुंचे. मैं उसे अपने घर लेकर गया. वो मेरे घर पर ही फ्रेश हुई थी. दिन भर आराम किया. घर में भी दोस्त की बहन के साथ अवैध सेक्स सम्बन्ध बनाने का मेरा बहुत मन था मगर ऐसा करना संभव नहीं था क्योंकि घर में मेरे परिवार वाले भी थे यदि उन्हें हमारे अवैध सेक्स संबंधों के बारे में पता चल जाता तो वो मेरी गांड कुटाई कर डालते इस लिए मैंने जोखिम उठाना ठीक नहीं समझा. शाम को मैं खुद अपनी गाड़ी से मेरे दोस्त की सुन्दर और सेक्सी माल बहन को जसपुर छोड़ने गया था.
अपने दोस्त की बहन को जंगल में नंगी करके चोदा और घोड़ी बनाकर गांड भी मारी हिंदी सेक्स स्टोरी :- कार में उसने मुझे बताया कि वो मुझे एडमिशन वाले दिन से ही मेरे साथ अवैध सेक्स सम्बन्ध बनाना चाहती थी मगर मैं उसके बड़े भाई का दोस्त हूँ इस लिए वो मुझसे बोल नहीं पायी. इसलिए उसने अपनी वर्जिन चूत की चुदाई करवा कर मेरे लंड से अपनी सील तुड़वाने का प्लान बनाया और जानबूझकर हम दोनों का टिकट एक ही बर्थ में बुक करवा लिया ताकि चलती लग्जरी स्लीपर बस में हम दोनों के बीच नजदीकियां बड़े और हम अपनी अपनी कामवासना शांत करने के लिए बहक जाएँ. जब मैंने उसे कार से छोड़ने के लिए जा रहा था तो रास्ते में जंगल था. चलती कार में वो मेरे लंड से खेलने लगी थी और इस वजह से मेरे अंदर कामवासना भड़क उठी थी जो की अब सेक्स करने के बाद ही शांत होने वाली थी.
मैंने मेरे दोस्त की बहन से पूछा की आउटडोर सेक्स का आनंद लेना पसंद करोगी इस सुनसान जंगल में तो उसने शरमाते हुए हाँ में अपना सर हिला दिया. फिर मैंने उसकी चुदने की मंशा जानकर कार को सड़क से जंगल में उतार दिया और जंगली में थोड़ा अंदर जाकर कार को एक घने पेड़ की आड़ में खड़ी कर दी. फिर हम दोनों जंगल में मंगल करने के लिए कार से निचे उतरे. फिर पहले मैंने नीचे मिटटी में चादर बिछा दी और फिर चोदा चादी करने के लिए दोस्त की कामुकता से भरी बहन के ऊपर चढ़ गया. वो बोली की मुझे पूरे कपड़े उतार कर नंगी होना है और फिर ही सेक्स करना है.
मेरा मन भी उस जवान और सेक्सी लड़की को बिलकुल नंगी करके चोदने का कर रहा था. जंगल बिलकुल सुनसान था इस लिए किसी बात का कोई डर नहीं था. फिर मैंने मेरे दोस्त की बहन के सभी कपड़े उतारे तो उसके बिग टाईट बूब्स देख कर मेरा मन मचल गया. वो मुझे अपनी गोदी में बिठा कर किसी छोटे बच्चे की तरह दूध पिलाने लगी. फिर मैंने उसे अपना लंड भी चुसाया और सिक्सटी नाइन में होकर उसकी चूत भी चूसी. हम दोनों ने चुदाई की मैंने इधर खुले आसमान के नीचे उसे पेड़ से लगा कर कुतिया बना कर चोदा. मेरे दोस्त की नंगी बहन भी मस्ती से लंड से चुदते हुए अपनी गांड हिला रही थी.
मैं मेरे दोस्त की छोटी बहन को खूब धकापेल चोद रहा था और वो आँखे बंद करके चुदाई का पूरा मजा ले रही थी. मैंने करीब आधा घंटे तक उसे जंगल में बिलकुल नंगी करके चोदा था. फिर चूत की चुदाई करने के बाद घोड़ी बनाकर उसकी गांड भी मरी थी. दोस्तों उसकी गांड भी बिलकुल वर्जिन थी मैंने ही उसकी गांड को पहली बार चोदा था और उसकी सील तोड़ी थी. दोस्तों उसकी गांड का छेद भी काफी ज्यादा टाइट था वर्जिन गांड जो मिली थी चोदने के लिए.
गांड चुदाई के दौरान भी उसकी फटी हुई गांड से काफी खून निकला था और उसे दर्द भी काफी ज्यादा हुआ था मगर कामवासना के चलते उस कुंवारी लड़की ने निर्विरोध अपनी गांड की चुदाई करवाई मेरा बिलकुल भी विरोध नहीं करा. सेक्स ख़त्म करने के बाद हम दोनों वापस कपड़े पहन कर कार में आ गए और अपनी आगे की यात्रा पर निकल पड़े. फिर मैंने उसे उसके घर छोड़ कर वापस अपने घर आ गया. दोस्तों अब हम दोनों को ही कोविद -19 के ख़त्म होने और लॉकडाउन हटने का इंतजार कर रहे हैं ताकि हम दोनों फिर से अवैध सेक्स सम्बन्ध बना कर अपनी अपनी कामवासना शांत कर सकें.
दोस्तों चलती स्लीपर बस में जब मैंने पहली बार चंचल को चोदा था उस वक्त मैं थोड़ा डरा सहमा सा था क्योकि चलती में बहुत सारे यात्री थे यदि किसी को हमारे सेक्स करने के बारे में भनक लग जाती तो वो सभी मिलकर हमें बहुत बुरी तरह पिटते और पुलिस के हवाले कर देते मगर जब हमने जंगल में मंगल करा था उस वक्त हम दोनों को किसी बात का कोई डर नहीं था. खैर फ़िलहाल तो हम फोन सेक्स करके अपनी अपनी कामवासना को शांत कर रहे हैं मैं फोने सेक्स के दौरान मुठ मार लेता हूँ और मेरे दोस्त की बहन कभी केले से तो कभी खीरे से हस्तमैथुन कर लेती है. दोस्तों उम्मीद करता हूँ की आप सभी को हमारी हिंदी सेक्स स्टोरी “अपने दोस्त की वर्जिन बहन को पहले चलती स्लीपर बस में चोदा फिर जंगल में घोड़ी बनाकर गांड भी मारी” बहुत पसंद आई होगी और आप इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर भी करेंगे…