पड़ोसी बुड्ढे अंकल और उनके दोस्तों से चुदवाया कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान गेंग बेंग चुदाई की Hindi XXX Group Sex Story : हेल्लो दोस्तों मेरा नाम फेहमिना है और मेरी उम्र 18 वर्ष है मैं दिल्ली के एक पौष इलाके के बंगले में किरये से रहती हूँ और फ़िलहाल कोलेज में पड़ती हूँ मै पढाई करने के लिए ही दिल्ली आई हुई थी. मेरे घर के आस पास सभी बहुत आमिर लोग रहते हैं. कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान मैंने अपने पड़ोसी अंकल को सेक्स करने के लिए सेट कर लिया था. कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान मेरे पड़ोस में रहने वाले अंकल रोज मेरी चूत का बाजा बजाने मेरे घर आते थे और खूब जमकर मेरे साथ सेक्स करते थे. कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान काम धाम तो कुछ था नहीं इस लिए मेरे घर पुरा दिन चुदाई चला करती थी.
एक दिन विजय अंकल मेरी चूत की चुदाई कर रहे थे की तभी विजय अंकल के मोबाइल फोन पर एक कॉल आया तो उन्होंने वह फोन उठाया और बात करने लगे. विजय अंकल की बातों से लग रहा था कि वे अपने कुछ हरामी दोस्त के साथ बात कर रहे हैं. तभी उन्होंने फोन पर कहा- चलो आप बहनचोदों रुको मैं थोड़ी देर में आता हूं. यह कहकर उन्होंने कॉल काट दिया. विजय अंकल के फोन काटने के बाद मैंने विजय अंकल से पूछा- किसका फोन था? तो वे बोले- अरे बेटी मेरे दोस्तों का फोन था वे लोग मेरे घर आए हुए हैं मुझे जाना होगा. हमारी चुदाई लगभग अंतिम दौर में थी बस कुछ ही देर में विजय अंकल का माल झड़ना बाकी था.
लॉकडाउन में चुदवाया पड़ोसी अंकल और उनके दोस्तों से गेंग बेंग Group Sex Story In Hindi
तब इन्होंने बहुत जोर जोर से मेरी छोटी सी चूत में धक्के देने शुरू कर दिए. वे इतनी जोर जोर से धक्के दे रहे थे जैसे कि अभी अपना तगड़ा लौड़ा मेरी चूत से फाड़कर मेरे मुंह से बाहर निकाल देंगे. उनके जोरदार झटकों से मुझे भी चूत में बहुत तेज दर्द हो रहा था लेकिन मैं बस ‘आअह्ह आआह उफफ … जानू धीरे चोदो ना!’ ही कर पा रही थी. 2 मिनट तक चोदा चादी करने के बाद 60 साल के बुड् विजय अंकल ने अपना सारा माल कंडोम में ही मेरी चूत में निकाल दिया और मेरी चूत में से अपना तगड़ा लौड़ा निकाल कर मेरे बगल में लेट गए. दो मिनट बाद विजय अंकल के मोबाइल फोन पर फिर से घंटी बजी. उनके दोस्तों का ही फोन था.
तो उन्होंने फ़ोन उठाकर अपने हरामी दोस्तों से कहा- मैं बस आ गया हूं 2 मिनट में पहुंच रहा हूं. यह कहकर विजय अंकल जल्दी से पलंग से उठे और अपने कपड़े पहनने लगे. मैं किसी धंधा करने बलि रंडी की तरह उनको नंगी ही पलंग पर पड़ी हुई कपड़े पहनते हुए देख रही थी. उन्होंने अपने कपड़े पहने और मेरे पास आकर मुझे किस करके बोले- मैं थोड़ी देर में आता हूं और वह मेरे घर से चले गए. मैं पलंग पर लेटी हुई थी तो मुझे नींद आ गई और मैं नंगी ही बिना कपड़े पहने सो गई. शाम को लगभग 4 बजे के करीब मेरी आंख खुली तो मैंने देखा कि मैं नंगी ही पलंग पर लेटी हुई हूं. मैं उठकर बाथरूम गई और जाकर नहाने लगी. फिर मैंने आकर थोड़ा सा नाश्ता बनाया और खाने बैठ गई.
मैं थोड़ी देर बाद बालकनी में जाकर बैठ गई तो देखा कि विजय अंकल के दोस्त बालकनी में ही बैठे हुए थे. विजय अंकल के किसी दोस्त ने मेरी तरफ इशारा करके विजय अंकल से कुछ पूछना चाहा. तो 60 साल के बुड् विजय अंकल ने कुछ जवाब दिया. लेकिन मेरी समझ में नहीं आया. 60 साल के बुड् विजय अंकल ने जो भी कहा उस बात को सुनकर उनके सारे दोस्त हंसने लगे. इससे मेरे मन में एक शंका का पैदा हुआ कि कहीं इन्होंने मेरे और उनके अवैध शारीरीक संबंध के बारे में अपने दोस्तों को तो नहीं बता दिया है. यह कशमकश मेरे मन में रहने वाली थी. क्योंकि यह कशमकश तभी पूरी होती जब मैं विजय अंकल से बात कर लेती. लेकिन उनसे तो बात अब रात को ही हो सकती थी. मैं थोड़ी देर और वहां खड़ी रही. वे लोग लगातार मुझे देखकर हंसते रहे. मुझे शरम आ रही थी तो मैं अंदर चली गई.
रात को करीब 10 बजे के करीब विजय अंकल फिर से मेरे साथ सेक्स करने मेरे घर आ गए. उनके आते ही मैंने उनसे पहला सवाल यही किया कि आपके दोस्त मुझे देख कर हंस क्यों रहे थे. तो वे बोले- कुछ नहीं हुआ रहने दो बेटी चलो जल्दी से नंगी हो जाओ सेक्स करते है… लेकिन मैंने बहुत ज्यादा फोर्स किया तो वे बोले- अरे बेटी वे तुम्हारी जवानी देख कर फिसल रहे थे. उनमें से एक बोल रहा था कि काश इस सेक्सी लड़की की चूत चोदने को मिल जाए तो मजा आ जाएगा. मैंने कहा- आप साले सारे बुड्ढे इतनी ठरकी कैसे हो सकते हो? यह कहकर मैं हंसने लगी. तो मेरा जवाब सुनकर विजय अंकल थोड़े से रिलैक्स हुए और बोले- मर्द की जवानी कभी खत्म नहीं होती आप भी उनके साथ चुद कर देखो. तुम्हें भी मजा आ जाएगा.
अंकल की यह सुनकर मुझे थोड़ा सा गुस्सा भी आ गया. तो मैंने कहा- आप अपनी फालतू बकवास अपने पास ही रखो. और आइंदा से मुझसे ऐसे कभी मत कहना. मैं कोई कोठे की रंडी नहीं हूं जो किसी से भी चुदाई करवा लूंगी. यह सुनकर विजय अंकल थोड़ा सा डर गए. फिर वे आगे कुछ नहीं बोले. फिर मैंने उन्हें थोड़ा सा रिलैक्स करने के लिए उनको किस करना शुरू कर दिया. मैं उनको लगातार किसके लिए जा रही थी. विजय अंकल की मूँछें देखकर मुझे ऐसा एहसास हो रहा था जैसे मैं किसी असली मर्द की बांहों में हूं. मुझे बहुत मजा भी आ रहा था. तभी 60 साल के बुड् विजय अंकल ने मेरे बूब्स दबाने शुरू कर दिए और हाथ पीछे ले जाकर मेरी मोटी गू से भरी बदबूदार गांड को सहलाना शुरू कर दिया.
फिर वे शॉर्ट्स के ऊपर से ही मेरी मोटी गू से भरी बदबूदार गांड पर थप्पड़ भी मार रहे थे. मुझे बहुत मजा आ रहा था; मैं भी उन्हें गालियां दे देकर उनका जोश चढ़ा रही थी. मैं उनको कह रही थी- हां मादरचोद … मार … मुझे चोद दे. मुझे बहुत मजा आ रहा है साले … हरामी मार ना! रुक क्यों गया मादरचोद? यह सुनकर अंकल को भी जोश आ गया. अब वे जोर से मेरी मोटी गांड पर थप्पड़ मारने लगे. फिर उन्होंने मेरे पीछे हाथ ले जाकर मेरे शॉर्ट्स को मेरे शरीर से अलग कर दिया और मेरी टीशर्ट को भी मेरे शरीर से अलग करके मुझे पूरी तरीके से नंगी धड़ंग कर दिया. मैंने भी उनके शरीर से उनकी टीशर्ट और लोअर को उतारकर उन्हें नंगा कर दिया. अब हम दोनों एक दूसरे के सामने पूरे नंगे थे.
विजय अंकल का लंड मेरे पेट पर चोट मार रहा था. मुझसे जितना हुआ जा रहा था मैं उनसे और ज्यादा चिपकना चाहती थी जैसे मैं उन्हें अपने अंदर ही समा लेना चाहती थी. फिर 60 साल के बुड् विजय अंकल ने मेरे पीछे जाकर मेरी मोटी गू से भरी बदबूदार गांड में दो उंगलियां एक साथ डाल दी, जिससे मैं चिहुंक उठी. लेकिन विजय अंकल वहां नहीं रुके; 2 उंगलियों से मेरी मोटी गू से भरी बदबूदार गांड के अंदर उंगली करना जारी रखा और अपनी दूसरे हाथ की 2 उंगली मेरी चूत में भी डाल दी. अब वे दोनों हाथों से मेरी चूत और गांड में उंगली अंदर बहार कर रहे थे. मुझे बहुत मजा आ रहा था. मुझे ऐसा लग रहा था जैसे 2 लंड मुझे एक साथ चोद रहे हों.
थोड़ी देर ऐसा करने के बाद विजय अंकल खड़े हुए और मुझे नीचे बैठा कर मेरे मुह की चुदाई करने के लिए अपना तगड़ा लौड़ा मेरे मुंह में डाल दिया. पहले तो वे मेरे मुह में बहुत धीरे-धीरे धक्के दे रहे थे फिर कुछ देर बाद उन्होंने मेरे बाल पकड़े और जोर-जोर से मेरे मुंह की चुदाई करते हुए अपना तगड़ा मोटा लौड़ा मेरे गले तक घुसाने लगे. वे बहुत देर तक मेरे मुह और गले की चुदाई करते रहे. मेरे मुंह और गले में भी बहुत तेज दर्द होने लगा और मेरे मुह चुदवाते वक्त मेरी आंखों से आंसू बहने लगे. लेकिन विजय अंकल नहीं रुके और वे जोर-जोर से मेरे मुंह की चुदाई करते रहे. फिर मुझे लगा कि अब शायद मेरी जान निकल जाएगी क्योंकि मुझे सांस लेने में बहुत परेशानी हो रही थी. तभी विजय अंकल झड़ने वाले थे तो उन्होंने अपने लंड को मेरे मुंह में जोर से दबा दिया और फिर धीरे-धीरे धक्के देकर वे उन्होंने अपना सारा पानी मेरे मुंह में निकाल दिया.
मैंने अंकल के लंड से निकला सारा गरम गरम पानी निगल लिया और तब जाकर 60 साल के बुड् विजय अंकल ने मेरे मुंह से अपने लंड को बाहर निकाला. मेरे आंसू पौंछकर वे बोले- मेरी प्यारी बेटी मेरे तगड़े मोटे लौड़े से अपना मुह चुदवाकर कैसा लगा? मैंने अंकल से कहा- अगर मैं मर जाती तो आप की मां चोद देती! बहन के लंड … मादरचोद … ऐसे भी कोई करता है क्या भला किसी 18 साल की जवान लड़की के मुह के साथ? साले मैं भागी थोड़ी ना जा रही थी कहीं! तू मुझे चोदने ही तो आया था. और मैं भी आज चुदने के लिए ही तो बैठी हूं. तो आराम से नहीं कर सकता था. क्या रंडी का बच्चा साला मादरचोद! यह सुन कर विजय अंकल बोले- मेरी जान, जब भी तू मेरे सामने ऐसे नंगी होकर आती है तो मुझसे बर्दाश्त नहीं होता. मन करता है तेरी मां चोद दूँ! टू मुझसे शादी करके मेरी धर्म पत्नी बन जा. रोज तेरी ऐसी ही खातिरदारी किया करूंगा.
मैंने कहा- साले, बिना धर्म पत्नी के तुझे तो मज़े से देती हूं जो तेरी धर्म पत्नी भी तुझे कभी नहीं दे पाती होगी. इस बात पर विजय अंकल बोले- हां, यह बात तो तूने सही कही. मेरी धर्म पत्नी कभी भी लंड नहीं चूसती थी; और ना ही कभी गांड मरवाती थी. मैं हमेशा से किसी की गांड मारना चाहता था. यह तमन्ना तूने मेरी पूरी कर दी. और इसके लिए मैं तेरे लिए कुछ भी कर सकता हूं. बोल क्या मांगती है? मांग ले आज! तो मैंने कहा- नहीं, अभी मुझे कुछ नहीं चाहिए. अभी बस जल्दी से अपना तगड़ा लौड़ा खड़ा करके मेरी चूत की आग को थोड़ा शांत कर दो. विजय अंकल बोले- लंड खड़ा करना तो तेरे हाथ में है! मैंने यह सुनते ही उनके लंड को फिर से मुंह में ले लिया और उनके खुट्टे चाटने शुरू कर दिए. धीरे धीरे वो मेरे बाल सहला रहे थे.
फिर थोड़ी देर बाद हम दोनों 69 पोजीशन में आ गए. विजय अंकल नीचे थे मैं उनके ऊपर थी. धीरे धीरे विजय अंकल मेरी चूत भी चाट रहे थे. वे कभी मेरी चूत चाटते थे कभी मेरी चूत पर काटते थे. मुझे बहुत मजा आ रहा था. लगभग 15 मिनट लंड चुसाई के बाद वे खड़े हुए और मुझे वहीं पर घोड़ी बना दिया. फिर पीछे से मेरी चूत में लंड डालकर एक जोर का धक्का दिया और पूरा लंड मेरी चूत में उतार दिया. मैं थोड़ा सा चीख उठी और बोली- आराम से करो ना जानू! मगर वे तो जैसे किसी बेलगाम घोड़े की तरह मेरी चुदाई कर रहे थे; बहुत जोर जोर से मेरी चूत में धक्के दे रहे थे. धक्के देते देते ही वे बोले- सोच … अगर तेरी चूत में एक साथ दो लंड हों. और एक लंड तेरे मुंह में हो तो कैसा लगेगा? मैंने कहा- मैं 3 लंड भी एक साथ अपनी चूत में ले सकती हूं. मगर अभी तो आप मेरी चूत को अच्छे से चुदाई करो. तो वे बोले- तू कहे तो मैं अपने दोस्तों को भी बुला लेता हूं. वे साले भी एक नंबर के चोदू हैं. तेरी चूत का अच्छे से भोसडा बना देंगे.
मैं उस समय किसी धंधा करने वाली रंडी की तरह पूरी तरह चुदाई के नशे में थी तो मैंने कहा- हां, मेरे साथ गेंग बेंग चुदाई करने के लिए जिसको बुलाना चाहो, बुला लो. मुझे मेरी चूत और गांड में एक साथ बहुत सारे तगड़े मोटे लंड चाहिए. और मुझे अपनी गांड मरवाते हुए और चूत की चुदाई करवाते हुए एक लंड चूसना भी है. तभी वे धक्के मारते मारते एकदम रुक गए और अपना मोबाइल फोन उठाने लगे. तो मैंने उनसे पूछा- क्या कर रहे हो? वे बोले- तेरी हवस मिटाने का इंतजाम कर रहा हूं. मैंने उन्हें इशारे से पूछा- क्या मतलब? तो वे बोले- अपने दोस्तों को बुला रहा हूं. वे भी तेरी चुदाई अच्छे से कर देंगे.
मैंने मुस्कुराकर कहा- आप नहीं सुधरोगे. तभी उन्होंने फोन लगाया उन्होंने किसी रिजवान नाम के आदमी को फोन लगाया और बोले- जल्दी से सुनील और प्रवीण को साथ लेकर मेरे घर पर आ जा. फिर उन्होंने लगभग 2 मिनट बात करी और फोन रख दिया. मैंने अंकल से पूछा की आप के दोस्त लोग ग्रुप सेक्स करने कितनी देर में आएंगे? तो अंकल बोले की बेटी वे लोग बस आधे घंटे में आ जाएंगे तुम्हारे साथ गेंग बेंग चुदाई करने. मैंने कहा- ठीक है, इस आधे घंटे में आप मेरी जमकर चूत चुदाई करो. फिर उन्होंने अपने पजामे में से एक गोली निकाल कर खा ली. और फिर मेरी चूत की चुदाई करनी शुरू कर दी. वे बहुत जोर जोर से मेरी चूत में धक्के मार रहे थे; मुझे बहुत मजा आ रहा था.
फिर उन्होंने पोजीशन बदल के मुझे पलंग पर लिटा दिया और आकर मेरे ऊपर चढ़ गए. मेरी दोनों टांगें उन्होंने अपने कंधों पर रख ली और मेरी मोटी गू से भरी बदबूदार गांड के छेद में अपने लंड को डालकर धीरे धीरे अंदर करने लगे. मैंने उनको कहा- मेरी मोटी गू से भरी बदबूदार गांड बाद में मारना. पहले मेरी चूत की प्यास बुझाओ! फिर उन्होंने अपना तगड़ा लौड़ा मेरी मोटी गू से भरी बदबूदार गांड में से निकाल कर सीधे मेरी चूत में घुसा दिया और जोर जोर से धक्के देने लगे. लगभग 15 मिनट उन्होंने मेरी चुदाई करी. फिर उन्होंने मुझे पलंग से ऊपर खड़ा कर दिया और मुझे पकड़ कर दीवार के सहारे टिका दिया. मेरी एक टांग को अपने हाथ में उठाकर मेरी चूत को चोडी कर दिया.
अंकल फिर अपने लंड को मेरी चूत में घिसने लगे और एक धक्के में लंड चूत में डाल दिया. और जोर-जोर से वहां भी धक्के देने लगे. उनके इस स्टाइल पर मुझे बहुत मजा आ रहा था. वे मुझे लगातार किस भी किए जा रहे थे; एक हाथ से मेरे मोट मोटे बूब्स भी दबा रहे थे और नीचे से मेरी चुदाई भी कर रहे थे. फिर उन्होंने मुझे उल्टा दीवार पर लगा दिया और पीछे से मेरी मोटी गू से भरी बदबूदार गांड पर थप्पड़ मारने लगे और नीचे बैठकर मेरी मोटी गू से भरी बदबूदार गांड को चाटने लगे. तब उन्होंने मेरी मोटी गू से भरी बदबूदार गांड को फैला कर उसके छेद पर अपने लंड को रखा और बोले- मेरी जान, अब तेरी गांड की बारी है. तो मैंने भी अपने हाथ पीछे ले जाकर अपने चूतड़ों को फैला दिया और अपनी गांड का छेद विजय अंकल के सामने नुमाया कर दिया.
मेरी गांड का छेद ही जैसे विजय अंकल के लंड को न्योता दे रहा था कि आजा साले और मेरी मेरी मोटी गू से भरी बदबूदार गांड फाड़ डाल. तभी 60 साल के बुड् विजय अंकल ने अपना तगड़ा लौड़ा मेरी मोटी गू से भरी बदबूदार गांड के छेद पर रखा और धक्का देना शुरू कर दिया. थोड़े से परिश्रम के बाद उनका लंड मेरी मोटी गू से भरी बदबूदार गांड में पूरा उतर चुका था. मुझे थोड़ा सा दर्द हो रहा था लेकिन उससे कहीं ज्यादा मजा भी आ रहा था. अब 60 साल के बुड् विजय अंकल ने 5 मिनट तक लगातार मेरी मोटी गू से भरी बदबूदार गांड मारी और फिर उनके धक्के बहुत तेज हो गए.
मैं समझ गई कि विजय अंकल अब झड़ने वाले हैं. तभी मैंने उनसे पूछा- कहां झाड़ना चाहते हो अपना माल? तो उन्होंने कहा- मैं तो तेरी गांड में ही झड़ना चाहता हूं मेरा माल बेटी. यह कहते हुए उन्होंने दो-तीन और तेज धक्के मारे फिर धीरे-धीरे उनके धक्के हल्के हो गए. उन्होंने आखिरी दो तीन धक्के में अपना सारा पानी मेरी मोटी गू से भरी बदबूदार गांड में निकाल दिया; जिसे मैंने महसूस किया. फिर वे मुझसे अलग होकर पलंग पर जाकर लेट गए और मुझे अपने पास बुलाया और अपने मुंह पर मेरी मोटी गू से भरी बदबूदार गांड का छेद रख दिया; मेरी मोटी गू से भरी बदबूदार गांड को चाटना शुरू कर दिया.
मेरी मोटी गू से भरी बदबूदार गांड से उनका वीर्य निकल रहा था जिसे वे चाट रहे थे. मुझे लगा कि ये कैसी हरकत कर रहे हैं? लेकिन मुझे क्या था … मुझे तो इसमें भी मजा आ रहा था. मैंने भी जोर लगाकर अपनी गांड से सारा वीर्य उनके मुंह में निकाल दिया. फिर हम दोनों नंगे ही पलंग पर लेट गए और उनके दोस्तों के साथ कैसे कैसे गेंग बेंग सेक्स करना है इस बारे में बातें करने लगे.
लगभग आधा घंटे बाद विजय अंकल के फोन पर घंटी बजी तो उन्होंने फोन उठाया. यह फोन अंकल के दोस्त मोदी का था. अंकल फोन उठाते ही बोले- मेरे बराबर वाले बंगले में वो जो लड़की रहती है, उसके घर आ जाओ. 2 मिनट बाद ही मेरे बंगले की घंटी बजी तो विजय अंकल ने कहा बेटी लगता है मेरे हरामी दोस्त आ गए तुम्हारे साथ गेंग बेंग ग्रुप सेक्स करने. तो मैंने उनसे कहा- आप जाकर दरवाजा खोलो. मैंने उठकर टीशर्ट और शॉर्ट्स पहनने लगी और इतने में विजय अंकल ने अपना पजामा डाला और वे दरवाजा खोलने चले गए. दरवाजा खुलते ही उन्होंने अपने तीनों दोस्तों को अंदर बुला लिया और फिर दरवाजा बंद कर दिया.
फिर उनके दोस्तों ने उनसे पूछा कि यहाँ क्यों बुलाया है बे साले मादरचोद? तो अंकल ने कहा- दोस्तों तुम्हे जन्नत की सैर करवाने के लिए बुलाया है. तभी मोदी और राहुल अंकल ने आश्चर्य से पूछा- क्या तूने हमें उस 18 साल की जवान लड़की की चूत चोदने के लिए बुलाया है? तो विजय अंकल बोले- हां … उसकी चूत और गांड सब कुछ दिलवाऊंगा. यह सुनते ही उन तीनों की आंखों में चमक आ गई. तभी सुरेश बोला- वो माल लड़की कहां पर है? तो विजय अंकल ने इशारा करके बताया- वो माल वहां अंदर बेडरूम में लेटी है और तुम सभी के साथ गेंग बेंग ग्रुप सेक्स करने का इंतजार कर रही है. तभी मैं बाहर आ गई. मुझे देखते ही तीनों बुड्ढे मेरे सेक्सी जिस्म को अपनी गन्दी नजरों से घूरने लगे.
मैंने भी सोचा कि चलो आज मै इन ग्रुप सेक्स के भूखे बुड्ढों को जन्नत की सैर कराती हूं. फिर मैं जाकर विजय अंकल से बोली- ये लोग कौन हैं? तो विजय अंकल ने कहा- मेरी जान, इन तीनों से मिलो. ये हैं मेरे हरामी दोस्त मोदी राहुल और सुरेश! मैंने तीनों से हाथ मिलाया. उनकी उम्र लगभग 60 से 70 साल के बीच में थी. मोदी तो ऐसा लग रहा था जैसे उसके पैर कब्र में थे. ऐसा लग रहा था साला अभी मर जाएगा. मुझे तो डर था कि कहीं वे मेरी प्यासी चूत में धक्के देता देता न मर जाए! फिर हम पांचों सोफे पर बैठ गए. मैं विजय अंकल से चिपक कर बैठी हुई थी. विजय अंकल का एक हाथ मेरी जांघ पर था जिसे वे सहला रहे थे. यह देखकर तीनों के लंड खड़े होने लगे.
मैंने तीनों मर्दों के लंड की तरफ देखा तो उनके लंड उनकी पैन्ट में से किसी काले नाग की तरह मेरी चूत और गांड पर फुंकारे मार रहे थे और बाहर आने को बेताब थे. सुरेश ने तो मुझे देख कर एक बार को अपने लंड को सहला भी दिया. तभी विजय अंकल ने कहा- फेहमिना मेरी जान! जाओ जाकर इनकी थोड़ी सी खातिरदारी करो. तो मैं किचन में चली गई और जाकर वहां पर चाय बनाने लगी. तभी मैंने देखा कि विजय अंकल मेरे पीछे पीछे रसोई में आ गए और उन्होंने आते ही मेरी सेक्सी गांड पकड़ ली. फिर वे मेरी शॉर्ट्स को नीचे करके मेरी सेक्सी गांड को चाटने लगे. मैंने कहा- आप जाकर अपने दोस्तों के पास बैठो. मैं थोड़ी देर में आती हूं. तभी मैंने रसोई में लगे शीशे में देखा कि मोदी राहुल और सुरेश तीनों चुपके से देख रहे थे. मैं समझ गई कि विजय अंकल यह सब उन्हें दिखाने के लिए कर रहे हैं. तब मैंने भी मजे लेने का सोचा.
मैं अपनी गांड को उनके मुंह पर मारने लगी और अपने हाथों से अपने दूध दबाने लगी. फिर मैंने अपनी टीशर्ट भी खुद ही निकाल दि और मैं सबके सामने नंगी हो गई. तभी वो तीनों भी रसोई में आ गए और मुझे देख कर मेरे ऊपर झपट पड़े. सबसे पहले राहुल ने मुझे किस करना शुरू कर दिया. मुझे लग रहा था जैसे मेरी चुदाई रसोई में ही होने वाली है. सुरेश मेरे दोनों दूध दबा दबा कर उनका दूध निकाल देना चाहता था. और मोदी पीछे से तेरी मेरी सेक्सी गांड चाट रहा था. मैं तो चारों तरफ से घिरी हुई थी. एक साथ 4 – 4 मर्दों का स्पर्श मुझे रोमांचित कर रहा था. विजय अंकल को छोड़कर बाकी तीनों तो मुझ पर कुत्तों की तरह टूट पड़े थे; जैसे मुझे आज ही नोच कर खा जाएंगे.
सुरेश मेरे दूध बहुत जोर जोर से काट रहा था जिससे मुझे दर्द हो रहा था. मेरी आंखों में हल्के से आंसू भी आ गए थे. आंसू देख कर विजय अंकल ने इन तीनों को रोका और कहा- ऐसे जंगली मत बनो. यह लड़की अपनी ही है. प्यार से करो इसके साथ सेक्स! तो उन तीनों ने मुझे मुझसे माफी मांगी और बोले- हम तुम्हारी जैसी जवान लड़की को देखकर फिसल गए थे. अब हम आराम आराम से ही करेंगे. फिर चारों ने मुझे अपनी गोदी में उठा लिया और बिस्तर पर ले जाकर पटक दिया. अब चारों लोग बिस्तर पर खड़े हुए थे और मैं उनके सामने नंगी लेटी हुई थी.
उन चारों ने मेरी गेंग बेंग चुदाई करने के लिए अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिये. चारों नंगे हो गए. उनके लंड देखकर लग रहा था कि यह तो साले सच में ही बहुत बड़े वाले चोदू हैं. किसी का लंड 7 इंच से कम का नहीं था. मगर उनके लंड अभी भी थोड़े मुरझाए हुए थे. तभी विजय अंकल मुझसे कहा- मेरी जान, जरा इनके लंड खड़े करो. तो मैंने सबसे पहले सुरेश अंकल का तगड़ा मोटा लंड अपने मुंह में ले लिया और उसे चूसना शुरू कर दिया. सुरेश अंकल का तगड़ा मोटा लंड भी अच्छा खासा मोटा तगड़ा था. मोदी और राहुल मेरे बगल में आकर खड़े हो गए. उन्होंने मेरे हाथ अपने लंड पर रख दिया. मैं उनका लंड सहला रही थी. उधर सुरेश मेरे मुंह में धक्के देने लगा. उसका लंड पूरी तरीके से खड़ा हो गया था. तो मैंने अपने मुंह से बाहर निकाल कर लिया और मोदी का लंड चूसना शुरू कर दिया.
मोदी का लंड अच्छा खासा 2 मिनट में खड़ा हो गया. फिर मैंने राहुल का लंड मुंह में ले लिया और उसको भी खड़ा कर दिया. आखिर में मैंने विजय अंकल का तगड़ा मोटा लंड भी मुंह में ले लिया. क्योंकि वो पहले ही दो बार झड़ चुका था उसे खड़ा करने में मुझे बहुत टाइम लगा. मेरे मुंह में दर्द होने लगा था तो मैंने उनके लंड को मेरे मुंह से बाहर निकाल दिया. फिर मैं बिस्तर पर लेट गई. सुरेश मेरी जाँघों के बीच में आकर मेरी प्यासी चूत चाटने लगा. और इधर मोदी और राहुल मेरे दोनों बूब्स पर झपट पड़े. वे दोनों मेरी एक-एक बूब को चूस रहे थे. बल्कि यों कहिए कि वे मेरे बूब्स को काट कर मेरे शरीर से अलग कर देना चाहते थे.
फिर मैंने मोदी के मुंह को अपने हाथों से ऊपर उठाया और उसको किस करना शुरू कर दिया. मैं सेक्स में पूरी तरीके से टूट चुकी थी. मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या कर रही हूं. मैं कभी मोदी को किस करती; तो कभी राहुल को; उधर सुरेश मेरी प्यासी चूत में अपने दांत लगा लगा कर उसको काटने की पूरी कोशिश कर रहा था. मुझे इससे बहुत मजा आ रहा था. मैं एक बार तो झड़ भी गई थी. तभी वो चारों मेरे जिस्म से एक साथ अलग हो गए. मैं जैसे बिन पानी मछली की तरह तड़पने लगी और बोली- मादरचोदो, आओ … आकर मेरी चुदाई करो. लेकिन उनमें से कोई भी आने को तैयार नहीं था. विजय अंकल ने सब को रोक कर रखा हुआ था.
मैंने कहा- मादरचोदो क्या चाहते हो? तो वे बोले- हम चाहते हैं कि तुम हमसे लंड की भीख मांगो. मैंने उनसे कहा- मादरचोद ज्यादा ही अकड़ आ रही है क्या? निकल जाओ यहां से … वरना तुम सब की मां चोद दूंगी एक मिनट में! यह सब रंडी पना मुझसे नहीं होगा. तो तीनों डर गए और माफी मांगने लगे. बोले- बेटी हम तो विजय के कहने में आ गए थे. हम तो तुम्हें चोदना चाहते हैं. मैंने कहा- चुपचाप आकर मेरी चुदाई करो. तभी मोदी मुझे चोदने के लिए सबसे पहले आ गया और मेरी टांगें अपने कंधे पर रख ली. एक धक्के में उसने अपना पुरा लंड मेरी प्यासी चूत में डाल दिया. मैंने उसको कहा- भोंसड़ी के मेरी प्यासी चूत का बाजा बजाने से पहले कंडोम लगा अपने लंड पर मादरचोद फिर उसने लंड चूत से बाहर निकाल दिया. मैंने उसको कंडोम दे दिया. अब मैंने कहा- अब एक-एक करके मेरी चुदाई करो.
सबसे पहले मोदी ही आया और उसने मेरी टांगों के बीच में एक धक्के में अंदर डाल दिया. इससे मेरी आह निकल गई. फिर वह जोर-जोर से मेरी प्यासी चूत में धक्के देने लगा. मैंने उसका जोश बढ़ाने के लिए कहा- चाचा औ भोसड़ी वाले चाचा … जरा आराम से करो! वरना 2 मिनट में निकल लोगे. यह सुनकर उसे और ज्यादा जोश आ गया. फिर उसने और जोर जोर से धक्के देने शुरू कर दिए. 5 मिनट की चुदाई के बाद उसने अपना सारा पानी चूत मेरी प्यासी चूत में कंडोम में निकाल दिया और थक कर बराबर में लेट गया. फिर राहुल ने चुदाई करने के लिए मोर्चा संभाला और आकर मेरी चुदाई करनी शुरू कर दी. मैंने उसे रोका और बोली- मुझे दोनों के साथ एक साथ चुदाई करवानी है. यह कह कर मैंने सुरेश को नीचे लिटाया और उसके खड़े लंड पर जाकर बैठ गई. फिर मैंने उसकी छाती पर गिरकर चिपक गई.
पीछे से राहुल अंकल ने मेरी सेक्सी गांड को फैलाया और मेरी सेक्सी गांड के छेद में लंड को डाल दिया. अब मेरी प्यासी चूत में सुरेश अंकल का तगड़ा मोटा लंड और मेरी सेक्सी गांड में राहुल का लंड था. फिर मैंने विजय अंकल को बुलाया और उनके लंड से कंडोम निकाल कर उनका लंड चूसना शुरू कर दिया. वे मेरे मुंह में धक्के दे रहे थे. मेरे 3 छेदों में लंड थे. यह पहला चुदाई अनुभवथा कि मैं 4 मर्दों से एक साथ चुद रही थी. और वे भी चारों बुड्ढे ही थे. लेकिन मुझे बहुत मजा भी आ रहा था. मैं बस ‘आह्ह आअह … और जोर से चोदो … मादरचोदो लंड में जान नहीं है क्या चूतियो’ ही कर रही थी. लगभग 10 मिनट बाद हमने पोजीशन बदली.
मैंने सुरेश अंकल का तगड़ा मोटा लंड मुंह में ले लिया; विजय अंकल मेरी प्यासी चूत में लंड डालकर धक्के देने लगा. ग्रुप सेक्स के दौरान मैं तो जैसे किसी सैंडविच की तरह पिस रही थी वे लोग मेरी बहुत ही जोरदार ग्रुप चुदाई कर रहे थे. लम्बी हार्डकोर गेंग बेंग ग्रुप चुदाई के बाद वे चारों बुड्ढे लोग झड़ गए. मेरी दायीं तरफ दो और मेरी बायीं तरफ दो आदमी बिस्तर पर लेटे हुए थे. उन चारों के हाथ मेरे जिस्म पर लगातार चल रहे थे. उनकी गेंग बेंग हार्डकोर चुदाई से मैं पूरी तरीके से थक चुकी थी तो मैंने कहा- अब तुम लोग अपने अपने घर जाओ. शाम को मिलते हैं फिर दुबारा गेंग बेंग चुदाई करेंगे… यह सुन कर वो लोग उदास हो गए. वो शायद जाना नहीं चाहते थे. मगर मेरे ज्यादा बोलने की वजह से वे लोग वहां से चले गए. उनकी चुदाई से मेरा बदन बुरे तरीके से दर्द कर रहा था.
मैं जाकर गेट बंद करके आई और आकर बिस्तर पर सो गई. फिर मेरी आंख अगले दिन सुबह ही खुली. उसके बाद यह गेंग बेंग ग्रुप सेक्स करने का यह सिलसिला कुछ दिन तक चलता रहा. मैं बड़े मजे से उन सभी मर्दों से चुदवाया करती थी. फिर एक दिन विजय अंकल से खबर आई कि मोदी अंकल जिससे मैं चुदवाया करती थी वो अब इस दुनिया में नहीं रहा. मैंने मन में सोचा कि लगता है साले को आखिरी बार मेरी प्यासी चूत ही मारनी थी. इसी के लिए रुका हुआ था. खैर अब उन चार में से तीन रह गए थे तो मैं उनसे ही चुदवाया करती थी.
उसके बाद भी उन तीनों ने मेरे साथ गेंग बेंग सेक्स करना जारी रखी. फिर लॉकडाउन खुल गया और सब का काम पहले की तरह से शुरू हो गया. अब मैं कभी कभी विजय अंकल से चुदवाया करती हूँ. बाकी उनके दोनों दोस्तों से मैंने सारे संबंध खत्म कर लिए हैं. तो दोस्तो आप सबको मेरी गेंग बेंग ग्रुप चुदाई की हिंदी सेक्स कहानी ” कोविड-19 लॉकडाउन में चुदवाया पड़ोसी अंकल और उनके दोस्तों से गेंग बेंग Hindi Group Sex Story ” कैसी लगी? मुझे ईमेल करके जरुर बताना।