मुझ कुंवारी लड़की ने कच्ची उम्र में अपने कॉलेज के सीनियर लड़कों से पुरानी भूतिया बिल्डिंग में चुदवाया कई बार फिर बाद में एक पैसे वाले मर्द की रंडी बनी और उसके साथ अप्राकृतिक सेक्स करने लगी. अपनी हवस मिटाने के लिए पैसा देकर कार में मेरे साथ अप्राकृतिक सेक्स किया घोड़ी बनाकर मेरी टाइट गांड मारी मेरे पापा की उम्र के शराबी अंकल ने कामुकता से भरी अवैध सेक्स संबंध बनाने असली अन्तर्वासना हिंदी सेक्स स्टोरी फ्री में ऑनलाइन पढ़ें और इस गन्दी सेक्स कहानी को पढ़ने के बाद अपने ज्यादा से ज्यादा दोस्तों व रिश्तेदारों के साथ शेयर करें और उन्हें भी इस सेक्स कहानी का आनद लेने का मौका प्रदान करें…
दोस्तों मेरा नाम सपना चौधरी है और में इकलौती बेटी होने की वजह से मेरी मम्मी और पापा के लाड़ प्यार के कारण बचपन से ही बहुत बिगड़ैल और जिद्दी थी. स्कूल से कॉलेज पहुँचते पहुँचते मैं सेक्स के बारे में सब बातें जान चुकी थी. मेरे शोक बहुत ज्यादा थे तो में अपने घर से पैसे भी बिना बताये ले लेती थी. अमीर घर से थी तो मेरी गलतियों को बचपन की शैतानिया समझ सब माफ़ कर दिया करते थे. मैं वर्जिन लड़की दिखने में बहुत कड़क माल थी तो कॉलेज में मेरी दोस्ती अपने से बड़ी उम्र के आवारा सीनियर लड़कों से हो गई वो कॉल गर्ल के साथ अवैध सेक्स संबंध बनाया करते थे और रोज रोज मुझे अपनी चुदाई के बारे में बताया करते थे.
मेरे साथ अप्राकृतिक सेक्स किया शराबी अंकल ने मेरी टाइट गांड मारी घोड़ी बनाकर अन्तर्वासना हिंदी सेक्स स्टोरी
उन सीनियर लड़कों की गंदी गंदी चुदाई की बातें सुनकर मुझे भी बहुत मजा आता था. कई लड़के मेरे आगे पीछे रहते थे सब मेरी चुदाई की फ़िराक में थे, मैं उनको अपने इशारों पर नचाती. धीरे धीरे उन्होंने मेरा एक नई दुनिया से एहसास कराया. एक दिन उन्होंने मुझे एक पुरानी भूतिया बिल्डिंग में चलने को कहा और कहा की अगर मैं वहां रुक जाती हूँ, तो मुझे वह सब दोस्त मिलकर एक एक चॉकलेट देंगे.. वरना मैं एक दूंगी. मैं राज़ी हो गई. मैं समझी कि वह लोग मुझे भूत से डराना चाहते हैं. मैंने कहा कि मैं किसी भूत वूत से नहीं डरती.
जब उन लोगों में मुझे उकसाया तो मैंने गुस्से से कह दिया कि ‘ भूत की माँ की चूत और भूत के बाप का कटा लंड ’ मेरी यह बात सुन वे सब हंस दिए. शर्त के अनुसार मुझे 10 मिनट रुकना था. मैं उनके साथ हो ली. पुरानी भूतिया बिल्डिंग हमारे पुराने कॉलेज की थी कॉलेज के पुराने टूटे क्लासों के पीछे वहां अन्दर का नज़ारा ही कुछ और था. कोई रंडीबाज सीनियर लड़का लड़की की सलवार में उसके हिप को मसल रहा था तो कोई किसी लड़की के सामने बैठकर उसकी चूत चाट रहा था कुत्ते की तरह.
कोई बहन का लंड किसी जवान मासूम सी दिखने वाली लड़की की टी-शर्ट में हाथ डाले उसके मम्मों को जोर जोर से मसल रहा था. तो कोई लड़की के बूब्स के निप्पल अपने मुँह में लेकर उनमें से दूध पी रहा था. मुझ वर्जिन लड़की ने सेक्स का ऐसा आलम पहली बार देखा था किसी को भी मेरे वहाँ होने से कोई फर्क नहीं पढ़ रहा था सभी अपनी अपनी हवस मिटाने में लगे हुए थे. एक लड़की झुक कर एक लड़के का लंड मुँह में लेकर चूस रही थी और उसे ब्लोजॉब दे रही थी.
अपनी अपनी हवस मिटाने के लिए उन सभी लोगों की ऐसी गंदी गंदी हरकतों को देख मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. वहां पुरानी भूतिया बिल्डिंग में अपनी हवस मिटाने के लिए कॉलेज की कम से कम आठ दस लड़कियां नंगी होकर कॉलेज के लड़कों से खूब जम कर चुदवा रही थीं. कुछ गरीब और मजबूर लडकियाँ पैसे के लालच में अपनी चूत चुदवाया करती थीं और अप्राकृतिक सेक्स अर्थात गांड भी मरवाया कटी थी तो कुछ आवारा लडकियाँ अपनी हवस मिटाने के लिए और मौज मस्ती के लिए अवैध सेक्स संबंध बनाया करती थीं.
इस तरह से कॉलेज की बंद पड़ी पुरानी भूतिया बिल्डिंग में ही उन्होंने मुझ वर्जिन लड़की के नाज़ुक जिस्म को मसल कर मुझे धीरे धीरे सेक्स की एक मशीन बना दिया और मेरे जवान और सेक्सी जिस्म से अपनी हवस मिटाने लगे. वह मुझे पकड़ लेते और मेरी सफ़ेद शर्ट को खोलकर मेरी छाती पर लटके मी खरबूजे जैसी मोटी मोटी चूचियों को जोर जोर से मसलते और उसको बारी बारी से मुँह में लेकर चूसते. मैं बस सिसकारी भरती रहती.
मुझ वर्जिन लड़की के लिए ये सब बिलकुल नया था इस लिए मुझे भी बेहद आनन्द आता था इन सब गन्दी हरकतों में. “रंडी सपना चल न चलते हैं. एक क्विक वाला बस..” कोई भी दोस्त हाथ पकड़ कर बोलता. “अभी नहीं शहनाज़ मैडम की क्लास होने वाली है.. क्लास के बाद.” “अरे वह ख़ुद एक नंबर की चुदक्कड़ औरत है. अच्छा चड्डी में हाथ तो डालने दे यार..” बेंच पर साथ बैठा कोई न कोई लड़का मेरी मिनी स्कर्ट के नीचे से मेरी पेंटी में हाथ डालकर मेरी टाइट चूत को सहलाता रहता और अपनी ऊँगली मेरी बुर में डाल कर अंदर बाहर करने लग जाता था.
कभी कभी तो एक साथ दो दो लड़कों के हाथ मेरी चड्डी में घुसे हुए मेरी चूत को सहलाते मसलते रहते. सामने मैडम क्लास लेती रहतीं. धीरे धीरे मैं उनसे इतनी खुल गई कि मैं अब उस बंद पड़ी पुरानी भूतिया बिल्डिंग में सभी के सामने हँसते हुए अपनी पेंटी घुटनों तक उतार देती थी और कोई भी रंडीबाज सीनियर लड़का मेरी मिनी स्कर्ट उठाकर, मेरे छोटे छोटे गोरे चूतड़ों को थपकी देते हुए मुझे दीवार के सहारे झुका कर घोड़ी बना देता था. एक सीनियर लड़का मुझ कुंवारी रांड को बहुत लाइन मारता था और वो मेरे जवान और सेक्सी जिस्म से अपनी हवस मिटाने की कोशिश कर रहा था.
मैंने शुरू शुरू में तो उसको मेरे साथ अवैध सेक्स संबंध बनाने से साफ साफ इनकार कर दिया था मगर वह तो हाथ धो कर मुझ वर्जिन लड़की के पीछे ही पड़ा रहा, मैं भी बहुत ज्यादा भाव खाती रही और उस लड़के को अपने आगे पीछे चकरी की तरह नचाती रही. लेकिन फिर मुझे एहसास हुआ कि मैं अभी बहुत छोटी मासूम सी हूँ जिस कारण रंडीबाज सीनियर लड़कों का मेरी गांड मारने और मेरी चूत चोदने के अलावा किसी बात में कोई इंटरेस्ट नहीं है. जिसको मैं रंडीबाज सीनियर लड़कों को उंगलियों पर नचाना समझती थी, वह अब समझ आ रहा था.
मैं उनको उंगलियों पर नहीं नचाती थी, वह सब मुझे अपने लंड पर बिठाते थे और मेरे साथ अप्राकृतिक सेक्स भी करा करते थे. जबकि जिस सीनियर लड़के को मैं अपने आगे पीछे घुमा रही थी वो मुझे बहुत प्यार करता था. जब मुझे इस बारे में पता चला की वो मुझे प्यार करता है तो अंत में मैंने उस लड़के का प्रोपोज़ल स्वीकार कर लिया और उसे अपना बॉयफ्रेंड बना लिया. अब मैं मेरे कॉलेज के दुसरे सभी रंडीबाज लड़कों से दूर रहने लगी क्योकि अब मेरा एक बॉयफ्रेंड बन चूका था और मैं भी उससे बहुत प्यार करने लगी थी. लेकिन चार दिन से ज्यादा न रह सकी. मेरी मासूम सी नाज़ुक वर्जिन चूत में जैसे चीटियाँ रेंगने लगी थीं.
मुझ कुंवारी लड़की को कच्ची उम्र में ही अलग अलग लंड लेने की आदत सी लग गई थी. उस दिन मैं तुरंत चोदू सीनियर के साथ बाइक से एक पार्क में गई और वहां झाड़ियों की आड़ में उसके लंड को निकाल कर चूसने लगी और उसे ब्लोजॉब देने लगी. पहले तो वह घबरा गया की कोई देख ना ले हमें, लेकिन फिर वह भी शुरू हो गया. उसने मुझे वहीं लिटा दिया और मेरी लेग्गिंग को जांघ तक खोल कर मेरी टाइट चूत को चूसने लगा. सर्दी का दिन था मैं चश्मा लगाए दो चोटी बांधे कुरते पर जीन्स का जैकेट पहने, वहीं पत्तों पर लेटी थी. चोदू सीनियर मेरे दोनों पैरों को ऊपर उठा कर मेरी चूत को चाट रहा था.
मैं कच्ची उम्र से ही अपनी वर्जिन चुत को चुदवा रही थी, मैं कहीं भी होती चोदू सीनियर के लंड पर अपनी चूत रगड़ने लगती. वह समझ जाता कि मैं चुदासी हूँ. धीरे धीरे एक साल गुज़र गया. अब मुझ कुंवारी रांड का जिस्म भी भर चुका था मेरी गांड फुल कर मस्त हो चुकी थी. अब तक मुझे पांच छह लड़के चोद चुके थे दोस्तों की एक साल की मेहनत मेरे जिस्म पर साफ़ दिख रही थी. फिर एक दिन अचानक मेरे पापा ने आत्महत्या कर ली. इस सदमे से उबरने के लिए मैं शराब पीने लगी और हर वक्त नशे में रहने लगी. पार्टी में जाकर चोदू सीनियर से जम कर अपनी चुत चुदवाती जेंट्स वाशरूम में अनजान लड़कों से भी चूत चुदवा लेती और उनके साथ अप्राकृतिक सेक्स कर लिया करती थी.
शराब के नशे में धुत्त पार्टी में कोई भी लड़का मुझे लाइन देता, मैं बहाना करके उसके साथ कभी कार में, तो कभी वाशरूम में चली जाती और अवैध सेक्स संबंध बनाती. मैं बड़ी हो चुकी थी लेकिन कम उम्र की मासूम सी दिखती थी, इस लिए हर कोई मुझे ही चोदना चाहता था. एक दिन नाईट शराब पार्टी में मुझे मेरे पापा की उम्र के एक अंकल ने मेरे साथ अवैध सेक्स संबंध बनाने का इशारा किया, मैं उन अंकल के साथ अवैध सेक्स संबंध बनाने के लिए चली गई. मैं उन अंकल की बेटी की उम्र की थी मगर वो फिर भी मेरी गांड मारना चाहा रहे थे और मेरी टाइट चूत को भी चोदना चाहते थे.
उस अमीर घर के रंडी बाज मर्द ने पार्किंग में खड़ी अपनी कार में मुझे ले जाकर मेरी पेंटी खींच दी और मेरी मिनी स्कर्ट ऊपर कर दी. मैं शराब के नशे में थी और मेरी टाइट चूत बहुत ज्यादा गीली होने लगी और मेरे पापा की उम्र के उन अंकल के लम्बे मोटे लंड को लेने के लिए मचलने लगी. वो अंकल मेरी गांड मारना चाहते थे तो अप्राकृतिक सेक्स करने के लिए मैं कुंवारी रांड कार में झुक कर घोड़ी बन गयी. मैं उन अंकल से अपनी गांड तो मरवाना चाहती थी, लेकिन उनके साथ अप्राकृतिक सेक्स करने में थोड़ा झिझक रही थी क्योकि वो मुझे मेरे मरे बाप की याद दिला रहे थे.
मेरे पापा की उम्र के उन शराबी अंकल ने मेरा मिनी स्कर्ट ऊपर करके, मेरे नन्हे सफ़ेद चूतड़ों को अपने अंगूठी से भरे हाथ से सहलाते हुए मुझसे पूछा की क्या नाम है तुम्हारा बेटी??? “जी अंकल मेरा नाम सपना चौधरी है” मैंने उन्हें जवाब दिया. “बेटी बहुत प्यारा नाम है.. सेक्स की गुड़िया जैसी दिखती हो तुम.. आज बहुत सर्दी है, लेकिन यह पार्किंग बेसमेंट में है यहाँ तुमको सर्दी नहीं लगेगी. फिर वो पूछने लगे की यहाँ डिस्को में किस बहन के लंड के साथ अपनी माँ चुदवाने आई हो बेटी? मैंने जवाब दिया की जी अंकल दोस्तों के साथ आई हूँ. वे लोग अन्दर हैं मस्ती कर रहे हैं…
“तुम बहुत मासूम कच्ची उम्र की वर्जिन लड़की सी दिखती हो.. ले लोगी मेरा लम्बा मोटा लंड अपनी गांड में मैं तुम्हे अपनी टाइट गांड चुदवाने के बदले बहुत सारा पैसा दूँगा बोला तैयार हो…? एक बार सोच लो बेटी मेरा लंड काफी ज्यादा मोटा और लम्बा है.. मैं तुम्हारे पापा की उम्र का हूँ और तुम मेरी बेटी की उम्र की हो आज तो तुम्हारे साथ सेक्स करके मेरा जीवन सफल हो जायगा. मैं उनसे बोली की मैं आपको बच्ची जैसी दिखती हूँ मगर मैं एक कुंवारी रांड हूँ ना जाने कितने मर्दों का लंड अपनी चूत और गांड में लेकर चुदवा चुकी हूँ…
मैंने खुली हुई कार की सीट पर मेरे पापा की उम्र के अंकल के साथ अप्राकृतिक सेक्स करने के लिए सही सेक्स पोजीशन में सैट होते हुए मैंने अपनी टाइट गांड ऊपर करते हुए बोला की लेकिन अंकल यहाँ कार में सेक्स करते हुए हम दोनों को कोई देख ना ले…??? उन अंकल ने मेरे मिनी स्कर्ट को खोलते हुए मेरी पेंटी नीचे सरका दी और मेरी मोटी गांड पर अपने लंड के टोपे को रगड़ने लगे. “अम्म्म.. बिल्कुल गुलाबी गांड है बेटी तुम्हरी तो… फिर उन अंकल ने मेरी मोटी गांड के छेद पर थूक लगाया और उसमें उंगली डालकर अंदर बाहर करने लगे और अपनी ऊँगली से ही मेरी गांड मारने लगे. मैं सहम गई..
मेरे अन्दर घबराहट सी होने लगी थी क्योंकि आज से पहले कभी मैंने मेरे पापा की उम्र के किसी मर्द के साथ अप्राकृतिक सेक्स नहीं किया था. वो शराबी अंकल अब मुझे घोड़ी बनाकर मेरी गांड मारने वाले थे. मैं कुंवारी रांड आज खुली कार में पहली बार किसी अंजन अंकल के आगे घोड़ी बनकर अपनी गांड चुदवा रही थी इस कारण मेरा दिल जोर जोर से धड़क रहा था. मैं उसकी कार में घुटनों तक चड्डी बूढ़े पापा की उम्र के अंकलकाए झुकी हुई थी.
मेरे पापा की उम्र के उन पैसे वाले अमीर अंकल ने पहले अपना खड़ा लंड थूक लगाकर मेरे कूल्हों पर रगड़ा फिर अचानक से अपने खड़े लंड को मेरी गांड के छे में पेल दिया और मेरे साथ अप्राकृतिक सेक्स करने लगे. उसका लंड मेरी गांड में जाते ही मैं दर्द से छटपटाने लगी- आएईई… उफ़ आहह्ह.. मम्मी.. नहीं नहीं बूढ़े पापा की उम्र के अंकल प्लीज यह नहीं मेरी गांड मत मारो प्लीज भगवन के लिए मुझ कुंवारी लड़की के साथ अप्राकृतिक सेक्स मत करो मैं आप की बेटी की उम्र की हूँ और मेरी गांड में भी बहुत तेज दर्द हो रहा है उई माँ… आह… आह… उई… उमह… उफ़…
अप्राकृतिक सेक्स करने के दौरान मुझ कुंवारी रांड ने दर्द के मारे अपनी दोनों आँखें भींच लीं मेरी आँखों से आँसू बहाने लगे थे और अपनी गांड चुदवाते चुदवाते मैं जोर जोर से रोने लगी थी. वो बोले “कुछ नहीं होगा बेटी.. बस धीरे धीरे बैठ जा मेरी गोद में और अपनी गांड आगे पीछे कर. मैं खुद को छुड़ाना चाह रही थी लेकिन उस शराबी अंकल ने मेरी मचलती हुई कमर को कसकर पकड़ा हुआ था और बड़े मजे से मेरे साथ अप्राकृतिक सेक्स कर रहे थे. धीरे धीरे उसने मुझे अपनी गोद में बिठा लिया.
उस पैसे वाले अमीर मर्द का कड़क लंड मेरी मोटी गांड में किसी मूसल की तरह फिक्स हो गया. “मेरी गांड में बहुत दर्द हो रहा है प्लीज निकाल लो अपना लंड मेरी गांड से.. उफ़ मेरी गांड.. मम्मी.. अह्ह्ह.. मरी मैं तो.. में अपनी गांड नहीं मरवाऊँगी.. अंकल मेरी गांड मत मारो प्लीज़ ..” “बस बस बस मेरी रानी बेटी, बस हो गया.. ऐसे ही ऊपर नीचे होती रह.. आह्ह्ह… जन्नत है रे तू रंडी लड़की क्या मस्त गांड है रे तेरी.. मासूम कली.. मेरी बेटी तेरी ही उम्र की है लन्दन में पढ़ती है अभी..” मैं शराब के नशे में घी मगर फिर भी गांड चुदाई के दौरान मेरी गांड में बहुत दर्द हो रहा था और मैं दर्द से बिलबिला रही थीं.
लेकिन उस पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा था. उस रात में उस व्यक्ति ने ज़बरदस्ती मेरी मोटी गांड में लंड घुसेड़ दिया था. मैं दर्द से बिलबिला रही थी, लेकिन वह मेरी गुलाबी मोटी गांड के छोटे से छेद में अपना मोटा लंड घुसाए हुए था. “आह्ह्ह.. बहुत प्यारी है रे तू… तेरी जैसी कुंवारी गांड मारने में बहुत मज़ा आता है.” “आह्ह्ह्ह… उई माँ आह… आह… अंकल प्लीज़ बहुत दुःख रही है मेरी गांड.. उफ़.. मम्मी.. आईई.. मत करिए ना मेरी गांड फट जायगी आप का लिंग बहुत लम्बा और मोटा है मेरे को बहुत तेज़ दर्द हुआ.. पर उस मर्द को कहाँ दया आने वाली थी कच्ची उम्र की मुझ मासूम सी बच्ची पर वो शराबी तो बस मेरे साथ अप्राकृतिक सेक्स करने में लगा हुआ था.
कार में अपनी गांड की चुदाई करवाने के दौरान मुझे ऐसा लग रहा था की मानो मेरी गांड में कोई गरम सरिया घुस रहा है और वो मेरी आंतडियो तक जा रहा है. अब उन शराबी अंकल ने कस के मेरी कमर को पकड़ा और मेरी चुदाई करने लगे मैं इतनी पतली थी कि मेरी कमर उनके दोनों हाथ में आ गई थी. उन्होंने पूरा प्रेशर लगा के अपना कड़क लंड मेरी गांड में और अंदर तक घुसा दिया. इस बार लंड थोड़ा सा और अन्दर चला गया और दर्द के मारे मेरी बहुत जोर की चीख मेरे गले में घुट के रह गई.
मेरे आंसू निकल कर गालों पर बहने लगे. पर अभी तो बहुत सारा लंड घुसना बाकी था. वो शराबी अंकल बोले की अभी से चीख रही है मेरी प्यारी बेटी.. अभी तो ढाई इंच ही गया है तेरी कुंवारी गांड में अभी तो चार इंच और अंदर जाना बाकी है. ये सुनते ही मेरे होश उड़ गए और मुझे पूरा यकीन हो गया की आज तो मेरी गांड फट कर ही रहेगी. मेरी टाइट गांड की चुदाई के दौरान नंगे अंकल ने लंड पे ज़ोर लगाना जारी रखा. मैं दर्द के मारे चीख रही थी, पर आवाज़ नहीं निकल रही थी. आँखों के सामने अंधेरा छा रहा था.
वो पैसे वाले अमीर अंकल अपना ज़रा सा लंड बाहर निकालते और धक्का मार के पहले से ज़्यादा लंड घुसा देते. पता नहीं कितनी देर ऐसा चलता रहा. लेकिन अब दर्द कम हो चुका था. फिर मेरे पापा की उम्र के उस शराबी अंकल की आवाज़ आई- जितना सोचा था उससे ज़्यादा लंड ले लिया तूने बेटी ये इस बात की तरफ इशारा करा है की तू तो पूरी रंडी है… देखती जा आज इस टाइट गांड को कैसे खोलता हूँ मैं.. बस मुश्किल से एक इंच बचा है.. वो जाने के बाद तेरी मोटी गांड अच्छे से चोदूँगा. ये कहते ही एक ज़ोर का धक्का लगाया.
मैं कच्ची उम्र की बच्ची तो कार की पिछली सीट पर नंगी फंसी हुई थी, आगे भी नहीं हो पा रही थी, तो पूरा ज़ोर मेरी मोटी गांड पे ही लग रहा था. मेरी एक और चीख गले में दब के रह गई. फिर बूढ़े पापा की उम्र के अंकल ने “टप्प..” से अपना लंड पूरा बाहर निकाला और मेरी मोटी गांड पे और थूक डाला. अपना मुँह मेरी मोटी गांड पे लगा के थूक मेरी मोटी गांड के अन्दर भी भर दिया. अब लंड वापस मेरी मोटी गांड में था.. और बिना किसी दया के एक ज़ोर के धक्के से पूरा लंड मेरी मोटी गांड में उतार दिया गया.
मैं समझ गई कि अब मेरी खतरनाक वाली चुदाई होने वाली है इस पैसे वाले अमीर आदमी के लम्बे मोटे लंड से. बस अब तो वो फुल स्पीड में चालू हो गए थे. हर बार पूरा लंड बाहर निकाल के एक झटके में फिर से जड़ तक घुसा देते. मैं दर्द के मारे बेहाल हुई जा रही थी. जैसे जैसे मेरी कुंवारी गांड की चुदाई होती जा रही थी, मेरी कुंवारी गांड वैसे वैसे खुलने लगी थी और दर्द थोड़ा कम हो गया था. मुझे अब अच्छा लग रहा था. “आह्ह्ह.. आह.. बोल बेटी, कैसा लग रहा है अब.. आह्ह्ह.. कच्ची उम्र की रंडी सपना सेक्सी लड़की..” “आहह्ह्ह… अब अच्छा लग रहा है अंकल… मुझ कच्ची उम्र की बच्ची को उन पैसे वाले अमीर अंकल के लंड से अपनी टाइट गांड मरवाने में बहुत आनंद आ रहा था और मैं भी मजे से चुदवाने लगी…
मेरी गांड की चुदाई करते करते अंकल बोले… आहह..” “बोला था ना बेटी बस मीठा मीठा दर्द होगा गांड मरवाने में, अब मज़ा ले बेटी अपनी टाइट गांड चुदाई का आह्ह..” “हां अंकल अप्राकृतिक सेक्स करने में बड़ा मज़ा आ रहा है.. मेरी मासूम मोटी गांड मारो आह्ह.. बूढ़े पापा की उम्र के अंकल.. वहाँ कोई है.. कोई हमको देख रहा है.. रुको..” “कोई नहीं है मेरा ड्राईवर है, रखवाली कर रहा है.” अब वो मेरी मोटी गांड मारते हुए मेरे चूतड़ों पर हाथ से मारने लगे थे.
हर बार जब हाथ पड़ता तो मेरी रूह काँप जाती. फिर वो मेरे ज़ोर ज़ोर से हिलते चुचों पे भी मारने लगे. मैं चाह कर भी कुछ नहीं कर सकती थी. शायद 30-40 बार मारने के बाद उन्होंने हाथ मारना बंद कर दिया. पैसे वाले वो शराबी अंकल बोले- तेरे लाल लाल चुचे और मोटी गांड मस्त लग रहे हैं बेटी. फिर मेरी चुदाई रुकी, पर लंड अभी भी मेरी टाइट गांड के छेद में ही था. अब बूढ़े पापा की उम्र के अंकल ने मुझे वैसे ही गोद में उठाया. उनका लंड मेरी मोटी गांड में ही था. मेरे आँसू दर्द से बहे जा रहे थे.
मुझ कच्ची उम्र की बच्ची को लगा कि अब अंकल थक कर मेरी मोटी गांड मारना बंद कर देंगे. पर इतनी अच्छी किस्मत कहाँ थी मेरी. बूढ़े पापा की उम्र के अंकल ने कार में ही पोजीशन बदली और मुझे अपने ऊपर बैठा लिया.. और फिर से आगे से मेरी जम के मोटी गांड मारना शुरू कर दी. मैं दर्द के मारे चीखना चाहती थी, पर चीख भी नहीं सकती थी क्योकि यदि कोई हमें कार में अवैध सेक्स संबंध बनाते हुए देख लेता तो बहुत बड़ा नाटक हो सकता था.
मेरी गांड की खतरनाक चुदाई चालू रही और मैं रोते रोते चुदवाती रही. बूढ़े पापा की उम्र के अंकल ने मेरा चेहरा अपनी तरफ किया और बोले- देख तेरी शानदार चुदाई के कारण तुझे सर्दी में भी पसीना आ रहा है. मैंने देखा कि वाकयी इतनी सर्दी में भी मैं पसीने में नहा चुकी थी. करीब दस मिनट मेरी टाइट गांड चोदने के बाद पैसे बाले उन शराबी अंकल ने लंड बाहर निकाला और मेरी स्कर्ट को भी निकाल दिया. मैं खुलेआम पार्किंग में अपनी से दुगनी उम्र के पापा की उम्र के अंकल से मोटी गांड मरवा रही थी.
मुझे बस यही डर था कि मेरे दोस्त मुझे इस तरह से अनजान आदमी से मोटी गांड मरवाता न देख लें. अभी सोच ही रही थी कि पापा की उम्र के अंकल ने मेरे को वापस कार की सीट पे लिटाया, मेरी पतली पतली टांगें अपने कंधों पे रख के फिर से लंड मेरी मोटी गांड में उतार दिया. मेरे दोनों नन्हें चुचे उनके हाथों में थे और हर धक्के के साथ वो मेरे चुचे भींच देते. अब तक मेरी मोटी गांड भी काफ़ी खुल चुकी थी, दर्द भी काफ़ी कम हो गया था. सो मैं थोड़ा आराम में थी. अचानक उन्होंने मेरी पीठ के पीछे से मेरे कंधे जकड़ लिए और मेरे ऊपर पूरा झुक के अपनी स्पीड बढ़ा दी. मेरे को समझ में आ गया था कि उनका वीर्य निकलने वाला है.
फिर 15-20 और धक्के देने के बाद बूढ़े पापा की उम्र के अंकल ने “फ़च्छ.. फ़च्छ..” करते हुए मेरी टाइट गांड में अपना वीर्य भर दिया. वो झड़ने के बाद मेरे ऊपर ही पड़े रहे और उनका लंड मेरी मोटी गांड में वीर्य निकालता रहा. मैं मासूम बच्ची उनसे चिपटी रही. उसके बाद बूढ़े पापा की उम्र के अंकल ने अपना लंड बाहर निकाल लिया. मैं वहीं सीट पे पड़ी रही. मोटी गांड की पहली चुदाई में मैं बहुत थक गई थी. हाई हील सैंडल पहने मेरी खुली हुई टांगें कार से बाहर सीट से नीचे लटकी हुई थीं और चौड़ी खुली हुई थीं.
मुझे अपनी टांगों में सर्दी लग रही थी. अब मेरी मोटी गांड से बूढ़े पापा की उम्र के अंकल का वीर्य टपक रहा था. बूढ़े पापा की उम्र के अंकल ने अपना मोबाइल निकाला और मेरे सामने आए. फिर मेरे को बोला कि अपनी टांगें चौड़ी खोल. जब मैंने टांगें चौड़ी कर लीं तो उन्होंने मेरी कई सारी फोटो निकाल लीं.. और ताज़ी चुदी हुई मोटी गांड की फोटो भी खींच ली. फिर मेरे को दिखाई. मैं तो देख के घबरा गई. मोटी गांड अभी भी खुली हुई थी और उसमें से बूढ़े पापा की उम्र के अंकल के लंड का वीर्य निकल रहा था.
फिर बूढ़े पापा की उम्र के अंकल ने मेरे को बोला- चल सेक्सी लड़की अपने कपड़े पहन और वापस जा तेरे दोस्त ढूंढ रहे होंगे. ‘हाँ जाती हूँ.. आप ने मेरी गांड बहुत गहराइ तक मारदी मेरी मोटी गांड बहुत दुःख रही है.’ वो बोले रंडी तेरी गांड तो बनी ही चुदने के लिये है ‘कुछ नहीं होता बेटीअप्राकृतिक सेक्स करने से पहली बार सेक्स करने में तो तुम्हारी चूत भी दुखी होगी. जब भी पैसा चाहिए हो बेटी बता देना मैं तुम्हारी इस टाइट गांड के साथ अप्राकृतिक सेक्स करने के बदले बहुत सारा पैसा दे दूंगा.’ उस शराबी आदमी ने अपने पर्स से दस हज़ार के नोट निकाले, एक विजिटिंग कार्ड के साथ मेरी ब्रा में ठूस कर वहां से निकलने को कह दिया.
मैंने अपनी पेंटी से पहले अपनी फटी हुई गांड से बहता हुआ शराबी अंकल का वीर्य साफ़ किया और कपड़े ठीक करके वहाँ से निकल गई. दो दिन तक मेरी फटी हुई गांड बहुत ज्यादा दुखती रही मुझे टट्टी करने में भी बहुत तकलीफ हो रही थी क्योकि आज पहली बार किसी मर्द ने इतनी बुरी तरह मेरी टाइट गांड मारी थी किन्तु एक बात की बहुत ज्यादा खुसी थी की अब मेरे जाल में एक मोटा बकरा फंस चूका था जो मेरे साथ अप्राकृतिक सेक्स करने के बदले मुझे बहुत पैसा देता था और मैं भी पैसा लेकर उन्हें आये दिन अपनी गांड मरने के लिए दे दिया करती थी वो कभी मुझे होटल में लेजाकर चोदा करते थे तो कभी कभी अपने घर पर ही अवैध सेक्स संबंध बनाने के लिए बुला लिया करते थे…