सुहागरात का मजा गाँव की विधवा लड़की के साथ – सेक्स स्टोरी हिंदी में : हैल्लो दोस्तों मेरा नाम राहुल है यह बात आज से करीब बस दो महीने पहले की है जब में अपने ऑफिस के काम से लखनऊ के पास एक छोटे से गाँव में गया हुआ था। फिर वहां पर मुझे उस गाँव के प्रधान से मिलना था और में जब उस प्रधान के घर गया तब मैंने उसके घर का दरवाज़ा खटखटाया उसके बाद में बाहर खड़ा दरवाजे के खुलने का बस इंतजार ही कर रहा था कि थी मैंने देखा कि एक करीब 25 साल की बहुत ही सुंदर सी औरत ने दरवाजा खोल दिया। फिर में उसको अपनी चकित नजरों से बस देखता ही रह गया वो बहुत हॉट और सेक्सी एक दम जवान हुस्न की मलिका लग रही थी उसने एक नीले रंग की साड़ी पहनी हुई थी। दोस्तों में उसकी सुन्दरता को बड़ा ही मधहोश होकर कुछ देर घूरकर देखता ही रह गया मुझे कुछ भी खबर नहीं थी बस मेरा मन अब उसको नंगी कर के चोदने का कर रहा था।

फिर जब उसके पूछने पर मुझे थोड़ा सा होश आया तब मैंने उसको कहा कि में प्रधान साहब से मिलना चाहता हूँ क्योंकि मुझे उनसे कुछ काम था। अब उस सेक्सी औरत ने मुझे अंदर आने को कहा और अंदर एक कमरे में ले जाकर बैठा दिया और फिर वो मुझसे बोली कि आप यहाँ बैठ जाए, में अभी पापा को जाकर बोलती हूँ वो अभी कुछ काम कर रहे है अभी कुछ देर बाद वो आ जाएँगे।

फिर में उसके मुहं से यह बात सुनकर तुरंत समझ गया कि यह प्रधान की बेटी है थोड़ी देर में वो मेरे लिए पानी लेकर आ गई और मुझे पानी का गिलास देकर वापस चली गयी, कुछ देर बाद प्रधान साहब उस कमरे में आए और उसके बाद मैंने उनको अपना उनके पास आने का कारण बता दिया कि में क्यों उनके पास गया था? और बहुत देर तक हमारी बात चलती रही क्योंकि हमारी कंपनी उस गाँव में एक प्रॉजेक्ट का काम शुरू करना चाहती थी, जिसके लिए हमे प्रधान से बात करनी थी और प्रधान मेरी बातों से बहुत खुश हुआ क्योंकि उस प्रॉजेक्ट से उसके गाँव का बहुत विकास होने वाला था और उस विकास का पूरा श्रय उस प्रधान को मिलने वाला था।

सुहागरात का मजा गाँव की विधवा लड़की के साथ सेक्स स्टोरी हिंदी में

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अब इसलिए प्रधान खुश होकर मुझसे बोला कि आपको मुझसे जो भी मदद चाहिए में तुरंत आपके वो सब काम पूरे करवा दूंगा आपको मेरी तरफ से सभी तरह की मदद मिलेगी बस आप जल्दी से काम को शुरू करवाओ।

फिर मैंने प्रधान को बोला कि इस प्रॉजेक्ट की वजह से मुझे कुछ दिन इस गाँव में ही रहना पड़ेगा और इसलिए आपको मेरे लिए एक कमरे का इंतजाम भी करना होगा और साथ में कोई आदमी जो मेरे लिए खाना, चाय, पानी का इंतजाम भी कर सके और वो मेरे कपड़े भी धो सके। अब प्रधान मुझसे बोला कि मेरा घर बहुत बड़ा है आप इसी में रह लीजिए यहाँ पर आपको कोई भी परेशानी नहीं होगी, लेकिन तभी मैंने उसको मना किया कहा कि मुझे कई बार देर रात को भी बाहर जाना पड़ेगा और मुझे मेरे काम की वजह से कई लोगो को अपने पास बुलाना भी पड़ेगा इसलिए मुझे कोई अलग मकान का इंतजाम आप करके दो। सेक्सी राधा बोला कि मेरा एक मकान इस गाँव से कुछ दूरी पर बाहर एक खेत के पास बना हुआ है आप उसको देख लीजिए अगर आपको पसंद हो तो आप वहीं पर रह लीजिए। अब मैंने उसको कहा कि हाँ ठीक है और में प्रधान के साथ उसका मकान देखने चला गया और वो मकान मुझे पसंद आ गया क्योंकि वो बिल्कुल अलग हटकर बना हुआ था जिसकी वजह में वहां पर जैसे भी रहूँ किसी को कोई परेशानी नहीं होने वाली थी और इसलिए मैंने तुरंत ही उस मकान के लिए हाँ कर दिया। अब मैंने उनको पूछा कि मेरे खाने और कपड़े धोने का भी आपके पास क्या कोई इंतजाम है कि नहीं?

वो मुझसे कहने लगा कि सर यह सभी काम तो में अपनी विधवा बेटी को बोल दूंगा वो यह सब कर देगी, वो आपके लिए घर से खाना बनाकर ले आया करेगी और आपके कपड़े भी वो खुद धो देगी, क्योंकि वैसे भी घर में उसका समय नहीं निकलता। फिर वो उदास होकर मुझसे कहने लगा कि साहब मैंने बचपन में ही उसकी शादी कर दी थी और अभी कुछ समय पहले उसका गौना (विदाई) भी नहीं हुआ था कि उसका पति किसी बीमारी की वजह से मर गया।

अब इसलिए वो बहुत दुखी परेशानी भी रहती है आपके लिए काम करके उसका मन भी लगा रहेगा। दोस्तों इस तरह मेरे लिए मकान और खाने का इंतजाम हो गया, इसलिए में मन ही मन बहुत खुश था और में अगले दिन ही अपना पूरा सामान लेकर वापस उसी गाँव में रहने के लिए आ गया, लेकिन जब में पहुंचा तब तक शाम हो चुकी थी और वहां पहुंचकर मैंने देखा कि प्रधान के साथ कुछ आदमी खड़े हुए है। फिर उन लोगो ने मेरा सारा सामान घर में सेट कर दिया और उस काम को करते हुए हमे रात के करीब 9 बज चुके थे। अब प्रधान ने मुझसे कहा कि में अब वापस अपने घर जा रहा हूँ और में तुरंत ही आपके लिए खाना भिजवा देता हूँ, तब तक आप नहा लीजिए जिसकी वजह से आपकी थकावट दूर हो जाएगी।

फिर प्रधान मुझसे यह बात कहकर अपने साथ वाले लोगो को भी अपने साथ ही लेकर चला गया और मैंने उन सभी के जाते ही दरवाजा अंदर से बंद कर लिया और उसके बाद में नहाने के लिए बाथरूम में चला गया। फिर उसके बाद मैंने नहाकर एक टीशर्ट और बरमुडा पहन लिए और उसके बाद में कमरे में आकर टीवी देखने लगा। तभी कुछ देर बाद दरवाजे पर खटखटाने की आवाज हुई, तब मैंने उठकर जाकर जैसे ही दरवाज़ा खोला उस समय मैंने देखा कि उस दिन वाली वो औरत मेरे सामने दरवाज़े के बाहर खड़ी हुई थी, आज उसके चेहरे पर एक मुस्कुराहट थी और वो मेरी तरफ हल्का सा मुस्कुराती हुई मुझसे कहने लगी कि साहब में आपके लिए खाना लाई हूँ, मैंने खुद यह खाना बनाया है, लेकिन अब आप शहर वालो को पता नहीं यह पसंद भी आएगा कि नहीं? अब मैंने उसको अंदर आने के लिए कहा तब वो अंदर आ गई और उसके बाद वो मेरे लिए खाना निकालने लगी।

दोस्तों जितनी देर वो मेरे लिए खाना लगा रही थी उतनी देर ही में उसके गोरे गदराए हुए सेक्सी बदन को अपनी चकित नजरो से घूरकर निहार रहा था। दोस्तों वो क्या मस्त जवानी थी उस विधवा की, उसको देखकर मेरा मन कर रहा था कि अभी में उसको पकड़कर अपनी बाहों में भर लूँ और खाने की जगह उसकी चूत और बूब्स ही खा जाऊं, लेकिन मैंने अपने मन को बहुत बस में किया और फिर में उसके सामने बैठकर खाना खाने लगा।

दोस्तों खाना खाते हुए ऐसे ही उसके साथ थोड़ी बहुत बात करना शुरू किया, मैंने सबसे पहले अपने बारे में उसको कुछ बातें बताई और उसने भी मुझे अपने बारे में सब कुछ बता दिया और उसके बनाए हुए खाने की मैंने उसको बहुत तारीफ भी कि जिसको सुनकर वो बहुत खुश थी। अब ऐसे ही कुछ दिन तक हम दोनों के बीच चलता रहा, जिसकी वजह से सेक्सी राधा मुझसे बहुत हद तक खुल चुकी थी और वो अब मुझसे बहुत बार हंसी मज़ाक भी कर लेती और मेरे मजाक करने से उसको बुरा भी नहीं लगता था।

दोस्तों मुझे पता चला कि उसका नाम राधा था और एक दिन जब वो सुबह मेरे लिए चाय और नाश्ता बनाकर ले आई, तब मैंने जाकर दरवाज़ा खोला और फिर में वापस उल्टे पैर आकर पलंग पर आकर दोबारा लेट गया। अब उसने अंदर मेरे पास आकर मुझसे पूछा कि क्यों क्या हुआ साहब आज आप कुछ ठीक नहीं लग रहे है? क्यों आपकी तबियत तो ठीक है ना? तब मैंने उसको कहा कि हाँ  मेरा पूरा बदन टूट रहा है और सर भी भारी भारी सा हो रहा है।

सेक्सी राधा मेरा सर छुकर देखने लगी वो मुझसे कहने लगी कि आपको बुखार है.. आप आइए में आज आपकी मालिश कर देती हूँ इसकी वजह से आपको बहुत आराम मिल जाएगा। फिर मैंने उसको ऐसा करने से मना किया, लेकिन वो नहीं मानी और वो खुद ही जाकर तेल लेकर आ गई और उसके बाद उसने जमीन पर एक चटाई को बिछा दिया और फिर वो मुझसे कहने लगी आप इस पर अपनी इस टीशर्ट को उतारकर लेट जाए। अब मैंने वैसा ही किया और में सिर्फ केफ्री को पहनकर नीचे लेट गया, उसके बाद वो मेरे दोनों पैरों पर तेल लगाकर मालिश करने लगी और मुझे उसके नरम मुलायम हाथों का स्पर्श पाकर बड़ा मस्त मज़ा आ रहा था जिसकी वजह से में मन ही मन बहुत खुश था।

दोस्तों उसने उस समय एक गुलाबी रंग की साड़ी पहनी हुई थी, उस समय वो थोड़ा झुककर मेरे पैरों पर तेल लगा रही थी इसलिए उसके बड़े आकार के गले वाले ब्लाउस से गोरे गोरे बूब्स बाहर आ रहे थे। फिर यह सब देखकर मेरा लंड धीरे धीरे तनकर खड़ा हो गया और कुछ देर बाद मैंने देखा कि वो अपनी तिरछी नजर से मेरे लंड को देख रही थी।

फिर मैंने ऐसे ही उसके साथ बात करते हुए उसको पूछा कि राधा तुम्हारी उम्र कितनी है? वो बोली कि 25 साल, मैंने उसको कहा क्या तुम्हारा मन नहीं करता कि तुम्हारी दोबारा से शादी हो? वो मेरे मुहं से यह बात सुनकर थोड़ा सा उदास होकर कहने लगी कि साहब कौन सी औरत यह नहीं चाहेगी कि उसको उसका मर्द प्यार करे और में भी तो एक औरत ही हूँ? लेकिन मेरी बुरी किस्मत से मेरा मर्द तो बिना मुझे छुए ही मर गया। में अभी तक वर्जिन हूँ मेरी चूत की सील अभी तक किसी ने भी नहीं खोली..

अब तो मुझे शायद ऐसे ही अपना यह पूरा जीवन ऐसे ही काटना पड़ेगा और मुझे उस प्यार के लिए सदा ही तरसते रहना पड़ेगा। अब मैंने उसको पूछा क्या शादी के बिना प्यार नहीं हो सकता? वो बोली कि आप तो जानते है कि में गाँव में रहती हूँ और इस गाँव के प्रधान की बेटी हूँ इसलिए इस गाँव में कोई भी ऐसा है ही नहीं जो मुझे प्यार कर सके। अब मैंने सही मौका देखकर उसको कहा क्या में भी नहीं हूँ जो तुम्हे प्यार कर सके? सेक्सी राधा यह शब्द सुनकर थोड़ा सा शरमाकर बोली कि धत आप क्यों मुझ जैसी गाँव की लड़की को प्यार करेंगे? अब में उसको कुछ नहीं बोला और में तुरंत ही उठकर बैठ गया और फिर में कुछ देर उसकी उसकी आँखों में आंखे डालकर देखने लगा और वो भी कुछ देर तो मुझे लगातार देखती ही रही, लेकिन फिर उसने शरमाकर अपनी आँखों को बंद कर दिया।

फिर मैंने अब उसको अपनी बाहों में भरकर अपनी छाती से लगा लिया, जिसकी वजह से उसके बूब्स मेरी छाती से दब रहे थे, लेकिन वो कुछ नहीं बोली और उसने भी मुझे अपनी बाहों में जकड़ लिया। फिर उसके बाद मैंने उसके गरम होंठो पर अपने होंठ रखकर उसको चूसना शुरू कर दिया और ऐसा करते हुए ही मेरा एक हाथ उसके नरम नरम बूब्स को सहलाने लगा। अब उसने झट से मेरा हाथ पकड़ लिया और वो मुझसे कहने लगी कि अभी यह मत करो क्योंकि में बिल्कुल कुंवारी हूँ और मेरे मन का एक अरमान था कि जब भी में पहली बार अपनी चुदाई करवाऊ तब वो बिल्कुल सुहागरात की तरह हो।

फिर वो कहने लगी कि आज मेरे बापू दोपहर के समय हमारी रिश्तेदारी में काम से जाने वाले है, इसलिए में आज रात को जब आपका खाना लेकर आउंगी तब में यहीं पर रुक जाउंगी क्योंकि घर पर मुझे कोई और रोकने वाला नहीं होगा। फिर तब आप मुझे अपनी दुल्हन बनाकर बहुत सारा प्यार करना। अब मैंने उसको कहा कि हाँ ठीक है, लेकिन अभी जब शुरुआत हो ही गयी है तो कम से कम तुम मुझे कुछ पीला तो दो और यह बात कहकर मैंने उसका ब्लाउज ऊपर सरकाकर उसके एक बूब्स को बाहर निकालकर बहुत ज़ोर से चूसना शुरू किया, जिसकी वजह से वो आअहह उफ्फ्फ करने लगी। फिर कुछ देर तक जमकर बूब्स के मज़े लेने के बाद मैंने उसको छोड़ दिया वो उसके बाद अपने कपड़े ठीक करके हंसती हुई खुश होकर अपने घर चली गयी।

दोस्तों उसके चले जाने के बाद मुझे मन ही मन बहुत खुशी महसूस हुई और मेरी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था, में पूरा दिन बस उसकी चुदाई के सपने ही देखता रहा। फिर शाम को करीब पांच बजे जब में चुदाई के सपनों में खोया हुआ था उसी समय किसी ने दरवाज़ा खटखटाया। अब मैंने दरवाज़ा खोलकर देखा, उस समय बाहर एक आदमी खड़ा हुआ था और उसके हाथ में एक बहुत बड़ा सा पैकेट था। फिर उसने मुझसे कहा कि प्रधान जी के घर से यह सामान में आपके लिए लेकर आया हूँ, उन्होंने यह आपको देने को बोला था।

अब मैंने वो पैकेट लेकर में अंदर आ गया और फिर मैंने जब उसको खोलकर देखा तो उसमे बहुत से फूल थे और एक चिठ्ठी भी थी जिसमे राधा ने लिखा था कि में यह फूल अपनी सुहाग रात मानने के लिए भेज रही हूँ आप इन फूलो से मेरी सुहागरात को हमेशा के लिए यादगार बना देना। अब मैंने खुश होकर अंदर बेडरूम में जाकर पलंग पर एक नई सफेद रंग की चादर को बिछा दिया और वो सारे फूल मैंने उस पर डाल दिए और फिर मैंने वो पूरा कमरा ऐसे सजा दिया जैसे ठीक सुहागरात में सजाया जाता है और उस काम को खत्म करके में खुद भी नहाकर कुर्ता पज़ामा पहनकर तैयार हो गया।