बाप बेटी का चुदाई का रिश्ता – गंदा रिश्ता बाप ने बेटी को चोदा
बाप बेटी का चुदाई का रिश्ता – गंदा रिश्ता बाप ने बेटी को चोदा
बाप बेटी का चुदाई का रिश्ता – गंदा रिश्ता बाप ने बेटी को चोदा : दोस्तों रिश्तो में चुदाई की यह कहानी बाप और बेटी के बीच शारीरीक संबधो की कहानी है की किस प्रकार एक बाप अपनी मासूम बेटी को चोदता है और एक मजबूर बेटी कैसे अपने बाप का लंड लेती है .
दोस्तों मेरी नाम सपना है और में अपने बाप की रंडी हु में अपने बाप से चुद्वाती हु मेरे पापा मुझे दबा कर चोदते है और मुझे ना चाहते हुए भी उनका लंड अपनी मासूम गुप्तअंग में लेना पड़ता है दोस्तों मेरे पापा ने मुझसे बोला की आज से तू मेरी बेटी नहीं बीबी है और में चुझे बीबी की तरह चोदुंगा मुझे मेरे पापा से बहुत डर लगता था तो मैंने हा कर दी और बोला की पापा आप जैसा ठीक समझे मेरे साथ वैसा करे मेरी यह बात सुनकर अब अब्बा को यकीन हो गया कि मै उनकी बीबी की तरह सेवा करने के लिए तैयार हूँ . अब में चुदवाने के लिये नंगी हो गयी अब हम दोनों बाप बेटी पूरी तरह से नंगे एक दुसरे के बाहों में थे और पापा मेरे होठों को चूम रहे थे. मैंने अब्बा से कहा – अब्बा एक बार फिर से सोच लो की अपनी बेटी को चोदना ठीक है ???
अब्बा ने कहा- आजा, पलंग पे लेट जा मेरी रानी आज तो में तुझे रंडी बना डालूँगा मेरी नजरो में सब ठीक है लडकिया होती ही चुदाई के लिये है अब चुत चुदवायेगी नहीं तो क्या चुत का आचार डालेगी.
फिर में नंगी पापा के साथ पलंग पर लेट गयी और अब्बा मेरे बदन के ऊपर लेट कर मेरी चुत चाटने लगे. यानी अब्बा ने मेरी चुत पर अपना मुंह रख दिया और अपना लंड मेरे मुंह में डाल दिया. अब एक तरफ अब्बा मेरे बुर को मुंह से चूस रहे थे तथा दूसरी तरफ मै उनके लंड को अपने मुंह में ले कर चूस रही थी. थोड़ी ही देर में मेरे बुर ने पानी छोड़ना चालु कर दिया जिस से मेरी बुर चिकनी हो गयी. जब अब्बा ने देखा की मेरी बुर फिर से चिकनी हो गयी है तो पापा ने अपने आप को सीधा कर के अपने लंड को अचानक ही मेरी बुर में पूरा का पूरा डाल दिया. मेरी चुत में बहुत ज्यादा दर्द हुआ पर में मजबूर कर भी क्या सकती थी . अब्बा मुझे 15 मिनट तक चोदते रहे . मेरी बुर से झर झर माल निकल रहा था .
मैंने अब्बा से कहा – अब बस कीजिये अब्बा . अब दर्द करने लगा .
अब्बा ने कहा – 2 मिनट और रुक जा मेरी बेटी .
थोड़ी देर में अब्बा के लंड ने फिर से माल छोड़ा . थोड़ी देर बाद अब्बा ने मेरे बुर से अपना लंड निकाला और
पूछा – दर्द तो नहीं हुआ ज्यादा ?.
मैंने कहा – वेल डन अब्बा !.
उसके बाद रात भर मै नंगी ही उनसे लिपट कर बातें करती रही . वो मेरी बुर में ऊँगली डाले रहे और मै उनके लंड को ऐसे पकडे हुई थी मानो कहीं ये भाग ना जाए . सुबह 2 बजे उन्होंने फिर से मेरी बुर की चुदाई की . फिर से वही चुदाई की बातें और लंड को सहलाने और बुर में उंगली डाले हुए चुदाई के किस्से के बारे में बात करती रही . 3 बजे सुबह अब्बा ने बताया कि किस तरह से वो मेरी अम्मा की गांड भी मरते थे .
मैंने कहा – आज मेरी भी गांड मारो ना अब्बा , प्लीज़ ..
अब्बा पहले तो राज़ी नहीं हुए . लेकिन जब मैंने 3-4 बार जिद किया तो वो राज़ी हो गए . वियाग्रा का असर रात भर रहता है. उन्होंने मुझे ठेहुने के बल बैठ्या . और आगे झुक जाने को कहा . मै आगे झुक गयी . अब्बा ने मेरी गांड के छेद में उंगली डाली और चारो तरफ घुमाया . बगल में नारियल तेल था उसे उठाया और मेरे गांड को उंचा कर के नारियल तेल उसमे डाल दिया . पूरा गांड और बुर नारियल तेल से चपचपा गया . अब्बा ने अपने हाथ से नारियल तेल अपने लंड पर घसा और मालिश किया . अब्बा ने मेरी गांड में उंगली डाली और इसके छेद को चौड़ा किया . जब मेरी गांड का छेद खुल गया तो अब्बा ने इसमें लंड डालना शुरू किया . धीरे धीरे पूरा लंड इतनी जल्दी से अन्दर चला गया कि मुझे पता भी नहीं चला . अब्बा ने मेरी कमर के पीछे से दोनों तरफ को मजबूती से पकड़ा और मेरे गांड में अपने लंड को आगे पीछे कर मेरे गांड की चुदाई करने लगे . मुझे दर्द होने लगा . लेकिन ये दर्द भी तो मैंने खुद ही जिद कर के लिया था . मेरी तो शामत ही आ गयी . लेकिन अब मै कर ही क्या सकती थी . सिर्फ कराहती रही और थोड़ी थोड़ी रोती भी रही. खैर 3-4 मिनट में ही अब्बा के लंड ने पानी छोड़ दिया .
लंड का पानी मेरे गांड में गिराने के बाद अब्बा ने मेरे गांड से लंड निकाला और पूछा – कैसा लगा गांड मरवाने में? .
मैंने कहा – अब्बा , आप एक दिन में दस मर्तबा मेरी बुर को चोद लीजिये लेकिन मेरी गांड को दस दिन में एक ही बार चोदियेगा . इसमें दर्द होता है.
अब्बा हँसते हुए बोले – धीरे धीरे आदत हो जायेगी . तब दर्द नहीं होगा .
सुबह होने को चली थी . मेरे जीवन का भी नया सुबह था . अब्बा और मै रोज़ की तरह तैयार हुए . 9 बजे अब्बा चाय नाश्ता कर के आराम से टीवी देख रहे थे . आज रविवार था. इसलिए उनका आफिस भी बंद था .11 बजे से 2 दिन तक अब्बा ने फिर से 7 -8 बार मेरी चूत और गांड की बैंड बजाई. अब्बा चुदाई करने में इतनी माहिर थे कि इतनी बार चुदवाने के बाद भी मेरी हालत ख़राब नहीं हुई थी. 2 बजे दोपहर को हम दोनों नंगे ही एक साथ गहरी नींद में सो गए. शाम को छः बजे मेरी नींद खुली तो देखा अब्बा मेरी चूत पर हाथ फेर रहे हैं. मैंने मुस्कुरा कर अपनी चूत को चौड़ा कर लिया तो अब्बा ने बेहिचक अपना लंड मेरे चूत में डाल दिया. और धीरे धीरे मज़े ले ले कर चुदाई कर रहे थे. तभी मोबाइल बज उठा. मौसी का फोन था. मैंने चुदवाते हुए ही मौसी से बात की. मौसी बोल रही थी कि आधे घंटे में वो मेरी दोनों बहनों को ले कर मेरे यहाँ आएगी. मैंने कहा – ठीक है आ जाईये.
मैंने मुस्कुरा कर अब्बा से कहा – जल्दी कीजिये अब्बा हुजुर, खाला आने वाली है.
अब्बा ने थोड़ा गुसा हो कर कहा – ये मेरी साली भी ना, कमबख्त किसी भी समय टपक पड़ती है.
मुझे अब्बा की ये बात सुन कर हांसी आ गयी. लेकिन अब्बा ने अपनी स्पीड तेज़ की . चार -पांच मिनट के बाद अब्बा का माल मेरी चूत में था और अब्बा मेरी होठो को चूसते हुए गर्म गर्म साँसे ले रहे थे. थोड़ी देर में मैंने अब्बा के लंड को अपने चूत से निकाला और अब्बा को अपने शरीर पर से धकेलते हुए कहा – अब, आप कपडे पहन लीजिये. नहीं तो खाला को पता चल जायेगा.
मै बाथरूम जा कर बढ़िया से अपने बदन को धो-पोछ कर इतर लगा कर कपडे पहन कर पहले की ही तरह तैयार हो गयी. अब्बा भी घर वाले कपडे पहन कर गेस्ट रूम में आ कर टेलीविजन का मज़ा लेने लगे. तभी मौसी मेरी दोनों बहनों को छोड़ने मेरे घर आ गयी .
वो अब्बा के पास आई और धीरे से पूछी – कोई लड़की देखूं क्या आपके शादी के लिए ?
अब्बा ने धीरे से मुसुकुरा कर कहा – नहीं , अब बच्चियां बड़ी हो गयी है. घर का सारा काम कर लेती है. मुझे अब इस उम्र में शादी नहीं करनी .
मै मुस्कुरा कर अपने आपको विजेता महसूस कर रही थी .
उस दिन के बाद से हर रात मै उनके साथ ही सोने लगी उनकी बीबी बन कर . मेरे अब्बा को कभी बीबी की कमी महसूस नहीं होने दी. कई बार तो हम भूल ही जाते की हम बाप- बेटी भी हैं. मेरी दोनों बहनों ने भी हम बाप बेटी को कभी संदेह की नजर से नही देखा. उन्हें लगता कि मै अब्बा कि सेवा के लिए उनके कमरे में सोती हूँ.
जब मेरी उम्र 24 होने को आयी तो मेरे अब्बा कि उम्र 52 साल की थी . अब वो उतना तो नहीं लेकिन हफ्ते में 1-2 बार मेरी चुदाई कर ही डालते थे . उन्होंने मेरी निकाह बगल के मोहल्ले के ही एक खाते पीते घर में कर दिया . मैंने अब्बा से वायदा लिया कि वो दो बहनों को कुछ नहीं करेंगे और जब भी चुदाई का मन हो मुझे फोन कर के बुला लेंगे . अब्बा ने मुझसे वायदा किया कि वो दोनों छोटी बहनों को नहीं छोड़ेंगे और जरूरत होने पर मुझे बुला लेंगे .
मेरी शादी होने के कुछ दिनों बाद मै हर 3-4 दिन पर अपने अब्बा और बहनों से मिलने के बहाने अब्बा के यहाँ चली आती और अब्बा की भूख शांत करती . मेरे पति बहूत ही सीधे और सरल इंसान हैं . उन्हें कभी शक नहीं होता था हमारे रिश्ते पर . लेकिन 3-4 दिन पर अब्बा के पास आना काफी मुश्किल जान पड़ने लगा . ससुराल में बहूत लोग थे .
इसलिए मैंने अपने पति को कहा – अब्बा का घर काफी बड़ा है और वो खाली भी रहता है. क्यों ना हम लोग वहीँ जा कर रहें . आपका आफिस भी वहां से बगल में है.
इस तरह से कई तरह का प्रलोभन दे कर मैंने अपने पति को अपने अब्बा के घर पर ही रहने के लिए राज़ी कर लिया . मेरे पति ने अपने घर वालों को ये कह कर राज़ी कर लिया कि अभी से अगर ससुर जी की सेवा नहीं करेंगे तो उनकी मौत के बाद उनकी सारी जायदाद उनकी दो बेटियों को ही मिल जायेगी और हम खाली हाथ मलते रह जायेगे .
उसके बाद हम अब्बा के यहाँ चले आये . अब मै आराम से अब्बा के सुख का ख्याल रख सकती थी . रात को भी अक्सर जब मेरे पति मुझे चोद लेते तो मै अब्बा के खराब स्वास्थय की देखभाल करने के नाम पर उनके कमरे में सोने चली आती और अब्बा से भी अपनी चूत चुदवा लेती. . मेरे पति को कभी मुझ पर शक नहीं हुआ . उन्हें क्या पता कि अब्बा की कौन सी स्वास्थय की देखभाल की जरूरत है. आराम से अब्बा मुझे चोदते . अब्बा ने 7-8 साल तक और मेरे शरीर से खेला . फिर धीरे धीरे वो धरम करम में ज्यादा यकीन करने लगे . इस बीच मेरी दोनों बहनों की नौकरी हो गयी और उनकी शादी अच्छे घरानों में हो गयी .
जब सभी काम सफल हुए तब लगा कि मेरी बलिदान व्यर्थ नहीं गया . आज मैंने अपने घर , अब्बा और अपनी बहनों को तबाह होने से बचाया . आज मै 2 बच्चों की माँ हूँ . अरे भाई , वो मेरे पति से हुए हैं !