सेक्स के समय मुझे चरम आनंद (आर्गैज़्म) क्यों नहीं महसूस होता
सेक्स के समय मुझे चरम आनंद (आर्गैज़्म) क्यों नहीं महसूस होता
सेक्स के समय मुझे चरम आनंद (आर्गैज़्म) क्यों नहीं महसूस होता : लड़कियों को अक्सर संभोग (सेक्स) के दौरान चरम आनंद महसूस नहीं होता। योनि में केवल लिंग के अंदर-बाहर करने से टिठनी उत्तेजित नहीं होती। यदि आपको चरम आनंद महसूस करने की इच्छा है तो अपनी टिठनी को स्वयं छूएं, या अपने साथी को ऐसा करने को कहें। केवल संभोग करने के समय ही आपको चरम आनंद महसूस करने का समय नहीं होता। आपके साथी संभोग के पहले या बाद में भी आपके टिठनी को उत्तेजित कर आपको चरम आनंद महसूस करा सकते हैं।
सेक्स में चरम आनंद के लिए कितने समय तक संबंध बनाना है जरुरी?
पति पत्नी अपना प्रेम व्यक्त करने के लिए सेक्स संबंध का सहारा लेते हैं। संबंध बनाते वक़्त लोगो के दिमाग में अजीबो सवाल आते रहते हैं। ज्यादा तर सवाल इस बात पर ही रहता है की संबंध कैसे बनाया जाये की इसका पूरी तरह से आनंद उठाया जाए। तो अगर आप अपने सेक्स संबंध का चरम आनंद उठाना चाहते है तो जानिए कितने समय का सम्भन्ध बनना आपको देगा चरम आनंद।
सेक्स संबंध पर बड़े दिनों से शोध कर रही अमेरिका की पेन स्टेट यूनिवर्सिटी ने अपने एक अध्ययन में सेक्स संबंध में कितने समय तक सेक्स करने से चरम आनंद मिल सकता है इस बात का पता लगाया है। इस अध्ययन में यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है की जब कोई जोड़ा सेक्स संबंध बनता है तब यह जरुरी नहीं की ज्यादा देर तक ही संबंध बनाने से ही सिर्फ चरम आनंद नहीं मिलता बल्कि यह तभी मिलता है जब आप इसे कुछ ही देर का बनाये। आपको बता दें की इस अध्य्यन में यह सामने आया है की 4 से 15 मिनट तक का सेक्स संबंध काफी होता है खुदको और अपने पार्टनर को चरम आनंद पहुचाने के लिए।
वहीं एक अध्य्यन करता का कहना है की लोगो की मन में यह गलत सोच है की पूरी रात संबंध बनाने से ही सेक्स संबंध में संतुष्टि मिलती है। यह भी कहा की यह धारणा हमे अपने मन से निकाल देनी चाहिए। साथ ही पति पत्नी को थोड़े देर ही अच्छे से सेक्स संबंध बनाना चरम आनंद की प्राप्ति दे सकता है। अध्ययन में यह सामने आया है की 4 से 15 मिनट तक का सेक्स संबंध काफी होता है खुदको और अपने पार्टनर को चरम आनंद पहुचाने के लिए।
लड़कों का चरम आनंद या आर्गैज़्म :
जब लड़के वास्तव में उत्तेजित हो जाते हैं तो उन्हें आर्गैज़्म महसूस हो सकता है- अर्थात् उनका वीर्यपात हो जाता है।
जब आप यौन उत्तेजना महसूस करते हैं तो आपका लिंग कड़ा और सीधा हो जाता है। जब आपको चरम आनंद महसूस होता है तो आपकी मांसपेशियां संकुचित होती हैं और वीर्यपात होता है – वीर्य, पीले-सफेद रंग का एक तरल होता है जो लिंग से बाहर निकलता है। लड़के जब हस्तमैथुन करना शुरू करते हैं तो अपने-आप आर्गैज़्म महसूस कर लेते हैं।
सेक्स के दौरान जब किसी लड़के का वीर्यपात हेाता है तो वह आगे-पीछे हिलना बंद कर देते हैं। इस समय अक्सर हिलना बहुत संवेदनशील होता है। चरम आनंद महसूस करने के बाद लिंग-मुंड अधिक संवेदनशील होता है। यदि आप इसे छूएं, तो बहुत असहज महसूस हो सकता है। जबकि लड़कियां अपना चरम आनंद महसूस करने के बाद भी कुछ देर तक आगे-पीछे किया जाना अक्सर पसंद करती हैं।
संवेदनशील स्थान : वास्तव में आपका पूरा शरीर आपको आनंद दे सकता है। लेकिन कुछ स्थानों पर जब छूआ जाता है तो आपको अधिक आनंद आता है।
लड़कियों में चरम आनंद या आर्गैज़्म :
कुछ लड़कियां तो यह आनंद अपने पूरे शरीर में महसूस करती हैं। यह चरम आनंद आपके पूरे शरीर को रोमांचित कर सकता है।
एक से अधिक बार आर्गैज़्म : लड़कियां एक साथ एक से अधिक बार आर्गैज़्म महसूस कर सकती हैं, जिनके बीच अंतर बहुत कम हो सकता है। ऐसा इसलिए संभव है क्योंकि आर्गैज़्म के 10 से 15 सेकेंड बाद टिठनी अपने सामान्य आकार में आ जाती है। और यह फिर से उत्तेजना के लिए तैयार हो जाती है। लड़कों को वीर्यपात के बाद सामान्य होने में इससे अधिक देर लगती है।