सबने चोदा हनीमून में – दुल्हन को कोई भी चोद सकता है और उसे चुदाना भी पड़ता है

सबने चोदा हनीमून में – दुल्हन को कोई भी चोद सकता है और उसे चुदाना भी पड़ता है

CHAUDHARY & SONs - EP # 1 - New Naughty Web Series - YouTube 2016-03-24 19-32-46

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दोस्तो, यह कहानी नहीं, यह मेरी हकीकत है।
आप देखिये कितने लोगों ने चोदा मुझे हनीमून में?
और मैंने किसी को निराश नहीं किया, खुल कर चुदवाया सबसे, सबके लौड़े चाटे, चूसे और भून कर निकाला अपनी चूत से।
मुझसे जब पूछा लोगों ने कि बेनज़ीर तेरी सुहागरात कैसी रही? तो मैंने सबको यही जबाब दिया:

लण्ड खुल गये हनीमून में, सबने चोदा हनीमून में
मुँह में लौड़ा, बुर में लौड़ा, गाण्ड में लौड़ा हनीमून में !

माहौल ही कुछ ऐसा बन गया था कि
लोग चोदते रहे मुझे और मैं चुदवाती रही!
न मैंने किसी को रोका और न कोई रुका।
लोग पेलते रहे लण्ड और मैं पिलवाती रही लण्ड!
लोग चुसवाते रहे लण्ड और मैं चूसती रही लण्ड !
लोग मारते रहे गाण्ड और मैं मरवाती रही गाण्ड!

पहले तो मैं तीन लण्ड तक गिनती रही पर जब मुझे मालूम हुआ कि चोदने वाले और भी हैं तो मैंने लौड़ों की गिनती करना ही छोड़ दिया।

लोगों ने शायद सोचा कि यह नई नवेली दुल्हन है अभी दो तीन लोगों से चुदवा कर पस्त हो जाएगी लेकिन उन्हें क्या मालूम था कि यह दुल्हन उन सबको ही पस्त कर देगी जो जो इसे चोदने आएगा!

बस फिर क्या था, धड़ाम धड़ाम एक एक करके लण्ड खलास होते रहे और मैं उन्हें अपनी चूत की भट्ठी से भून भून कर निकालती रही।

लोगों ने समझा कि इसका पहला मौका है यह 2-3 लोगों से चुदवा कर शांत हो जाएगी, ज्यादा लण्ड झेल नहीं पायेगी लेकिन उन्हें क्या मालूम था कि यह एक से एक हलब्बी लौड़ों से पहले ही चुदवा चुकी है।
जाने कितने मर्द अपना लण्ड इस चूत में पेल चुके हैं।
शादी के आखिरी दिन तक वह भकाभक चुदवाती रही है।
जितने लोगों ने उसे सुहागरात में चोदा, उनसे ज्यादा लोगों से वह अक्सर चुदवाती रहती थी।
उसे मालूम है कि लण्ड कैसे खलास किये जाते हैं।
उनका तेल कैसे और कितनी जल्दी निकाला जाता है।
लण्ड के किस भाग में असली मज़ा होता है।

दोस्तो, अब मैं बताती हूँ आपको पूरा किस्सा- मैं 25 साल की थी जब मेरा निकाह अफ़रोज़ के साथ हुआ।

मैं ससुराल गई और वो दिन आया जिस दिन का हर लड़की इंतज़ार करती है।

हाँ, सुहागरात वाली शाम… मेरे पास सबसे पहले मेरी ननद आई।

वह बोली- भाभी आज तो चुदेगी झमाझम तेरी चूत!!!

मैंने मन में सोचा कि ‘अरे यहाँ तो लोग खुल कर गाली से बातें करते हैं। अब तो वाकयी मज़ा आएगा क्योंकि मेरे पास तो गालियों का भण्डार है।’

मैं बोली- तो ठीक है न ननद जी, चूत तो होती ही है चुदने के लिए।

वह बोली- आज तो अफ़रोज़ भाई जान के अलावा भी लोग चोदेंगें तुम्हें।

हालांकि मैं यहाँ के रीत-रिवाज़ जानती थी फिर भी मैंने कहा- हाय दईया, क्या मुझे मेरे शौहर के अलावा भी कोई और चोदेगा?

वह बोली- हाँ भाभीजान, आज की रात तो दुल्हन को कोई भी चोद सकता है और उसे चुदाना भी पड़ता है, दुल्हन चुदाने को मना नहीं कर सकती।

मैंने पूछा- अच्छा, तेरी तो शादी हो चुकी है, तुझे कितने लोगों ने चोदा था तेरी सुहागरात में?

वह बोली- हाय भाभी मुझे भी तीन लोगों ने चोदा था उस रात!

मैंने मजाक किया और कहा- बस? केवल तीन? बस तीन में ही तेरी चूत की पों बोल गई थी क्या?