हवस भरा प्यार “चुदाई की कहानियां” -उसके चूचे मेरे सामने उसकी ब्रा में थे, मैं उन्हें देख कर पागल हो रहा था और उन्हें ब्रा के ऊपर से ही दबाने लगा।

(शीना बहुत जोर से रोने लगी और चिल्लाने लगी, और लण्ड को बाहर निकालने के लिए कहने लगी।मैं उसके ऊपर लेट गया और उसके होटों को चूसने लगा ताकि वो आवाज़ न करे।थोड़ी देर मैं उसे चूमता रहा। जब मुझे लगा कि उसका दर्द कम हो गया है तो मैंने एक जोर का झटका फिर से लगा दिया। इस बार तीन इन्च लण्ड उसकी बुर में चला गया।)

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मेरा नाम अयन है, यह घटना मेरे साथ सच में हुई है। यह मेरी पहली कहानी है जो मैं यहाँ लिख रहा हूँ अपने पहले प्यार का अनुभव !
धैर्य से पढ़िए, यह आपके लण्ड और बुर से पानी निकाल देगी।
मैं एक लड़की के साथ बहुत दिनों से ऑनलाइन बात कर रहा था, उसका नाम शीना है। हम बहुत अच्छे दोस्त बन गए थे, मैं चेन्नई में पढाई कर रहा था और वह बंगलौर में। वह मुझसे हर बात कर लेती थी और मैं उसके साथ।
एक दिन मैंने उसके सामने अपने प्यार का इज़हार किया और उसके लिए मेरे दिल में जो भी था मैंने उसे सब सच बता दिया। वह भी मुझ से प्यार करती थी और उसने मुझे हाँ कह दिया।
शीना :
शीना बहुत ही सुंदर लड़की है, उसकी तनाकृति 34-27-36 है, कद 5’6″, गोरा रंग, मस्त होंठ, अच्छे नयन-नक्श, नए जमाने के घर की आधुनिक बेटी थी। उसे टीशर्ट पहनना पसंद है और टीशर्ट में उसके वक्ष बहुत ही सुंदर दिखते हैं, मानो वो उस शर्ट को फाड़ कर बाहर आना चाहते हों। उसकी कमर को कोई अगर देख ले तो बस देखता ही रह जायेगा। बस मस्त माल है।
मैं : मैं भी दिखने में अच्छा हूँ, मेरा कद 5’7″ है, मुझे बॉडी बिल्डिंग का शौक है बचपन से, अपने ६ पैक्स पर मुझे बहुत नाज़ है और मेरा लंड 7.5″ लंबा और 3″ मोटा है।
हमारी मुलाक़ात और प्यार :
हम दोनों की परीक्षाएँ खत्म होने के बाद हमने मिलने की योजना बनाई और मैं उसे मिलने बंगलौर गया। वह मुझे लेने बस स्टैंड आई। जब मैंने उसे पहचाना तो मैं उसे देखता ही रह गया। वह मुझे किसी परी जैसी लग रही थी।
उस दिन हम दोनों बहुत घूमे और बहुत मस्ती की।
रात में हम दोनों एक होटल में कमरा लेकर रुक गए। कमरा बहुत सुन्दर था और दिल की आकृति का बेडरूम था। दोनों खाना खाकर बातें करते करते सो गए।
बीच रात को मेरी नींद खुली तो मैंने पाया कि शीना मुझे कसकर पकड़ कर सो रही थी और उसके वक्ष मेरी छाती से दब रहे थे, मुझे बहुत अच्छा लग रहा था, मैंने भी उससे कस कर पकड़ लिया, उसने कोई प्रतिक्रिया नहीं की। तब मुझे लगा कि वह नींद में है और मैं उसके स्तनों को अपनी छाती से दबाने लगा।
मैं धीरे-धीरे उसके पेट को सहलाने लगा और अपना हाथ उसके वक्ष पर फिराने लगा, उसने तब भी कोई प्रतिक्रिया नहीं की। कमरे में नाइट बल्ब जला हुआ था, मैंने उसके होटों को देखा तो मेरा मन उन्हें चूमने को करने लगा। मैंने हिम्मत करके उसके होटों को अपने होटों से छूने के लिए अपना मुँह उसके मुँह से छुआ ही था कि उसने भी मुझसे चुम्बन करना शुरु कर दिया।
मैंने उसे अपनी बाँहों में भर लिया और हम बहुत देर तक चूमते रहे। मैं उसकी जीभ चूसने लगा और वो मेरे होटों को चूसे जा रही थी।
उसे चूमते हुए मैं उसके स्तन भी दबा रहा था और पेट को भी सहला रहा था। फिर मैं धीरे धीरे अपना हाथ उसकी स्कर्ट में डालने लगा तो उसने एकदम से मेरा हाथ पकड़ लिया।
मैं कुछ देर रुक गया फिर उसका टॉप उतारने लगा। उसने मुझे नहीं रोका। अब उसके चूचे मेरे सामने उसकी ब्रा में थे, मैं उन्हें देख कर पागल हो रहा था और उन्हें ब्रा के ऊपर से ही दबाने लगा। वह भी धीरे-धीरे मस्त होने लगी।
मेरा मन उसके चूचों को चूसने को कर रहा था तो मैं उसकी ब्रा खोलने के लिए अपने हाथ उसकी कमर पर ले गया लेकिन उसकी ब्रा में बहुत सारे हुक थे जिसमें आखरी हुक नहीं खुल रहा था, तो शीना ने यहाँ मेरी मदद की और जैसे ही उसकी ब्रा खुली, उसने मुझे कस कर गले लगा लिया।
फिर मैंने उसे लेटाया और उसके स्तनों के चारों ओर चुम्बन करने लगा, मैं उसे तड़पाना चाहता था थोड़ी देर !
और जब उसके चुचूक कड़े हो गए तो मैंने अचानक से उन्हें बहुत तेज तेज चूसना शुरु कर दिया और उन्हें हल्के-हल्के काटने लगा।
शीना भी बहुत मस्त हो चुकी थी और मेरे सर के बालों को पकड़ रही थी, उन्हें खींच रही थी। करीब दस मिनट तक मैं उन्हें चूसता रहा, मेरे लण्ड का बहुत बुरा हाल हो चुका था, वो पैन्ट फाड़ कर बाहर आना चाहता था तो मैंने शीना का हाथ पकड़ कर अपने लण्ड पर रख दिया। उसने मेरे लण्ड को कस के पकड़ लिया और उसे दबाने लगी।
अब मैंने अपना हाथ फिर से शीना की स्कर्ट में डालना चाहा तो शीना ने फिर मेरे हाथ पर अपना हाथ रख दिया लेकिन इस बार उसने मुझे रोकने की कोशिश नहीं की। मैंने अपना हाथ फिर उसकी स्कर्ट में घुसा दिया और उसकी पैंटी के ऊपर से उसे सहलाने लगा, उसकी पैंटी बिल्कुल गीली हो चुकी थी। फिर मैंने अपना हाथ उसकी पैंटी के अंदर डाला और उसकी योनि में ऊँगली डालने लगा। शीना तो बिल्कुल जैसे पागल ही हो गई, वो मस्त होकर सिसकारियाँ लेने लगी और इधर उधर तड़पने लगी।
अब मैं भी बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था, मैंने धीरे धीरे अपने सारे कपड़े उतार दिए, फ़िर उसकी स्कर्ट और पैंटी एक ही झटके में उतार दी, उसकी योनि देख कर मेरे तन बदन काम वासना से जलने लगा। उसकी योनि पर बहुत हल्के-हल्के सुनहरे बाल थे। फिर में एक भूखे शेर की तरह उसकी चूत को चूसने लगा, उसमें अपनी जीभ डालने लगा, चाटने लगा, काटने लगा, शीना को अपनी जीभ से चोदने लगा। मैंने अपनी आँखें ऊपर करके देखा तो शीना अपने हाथों से अपने स्तन कसकर दबा रही थी और अपनी योनि को उठा उठा कर मेरे मुँह में डालने की कोशिश कर रही थी।
थोड़ी देर बाद शीना फिर से झड़ गई…..
मैंने उसका सारा पानी चाट लिया और उसकी बुर को चाट चाट कर साफ़ कर दिया। अब मैं और बर्दाश्त नहीं कर सकता था, मैंने अपना पूरा खड़ा लण्ड उसकी बूर में डालना चाहा पर जा ही नहीं रहा था, मुझे डर भी लग रहा था कि कहीं शीना दर्द से चिल्लाने न लगे, आखिर मैंने कस कर एक धक्का मारा और मेरा एक इन्च लण्ड उसकी बूर में चला गया, शीना बहुत जोर से रोने लगी और चिल्लाने लगी, और लण्ड को बाहर निकालने के लिए कहने लगी।
मैं उसके ऊपर लेट गया और उसके होटों को चूसने लगा ताकि वो आवाज़ न करे।
थोड़ी देर मैं उसे चूमता रहा। जब मुझे लगा कि उसका दर्द कम हो गया है तो मैंने एक जोर का झटका फिर से लगा दिया। इस बार तीन इन्च लण्ड उसकी बुर में चला गया।
शीना चिल्लाना चाहती थी पर मैंने उसके होटों को अपने होटों में ले रखा था। इसी तरह 3-4 धक्के लगाने के बाद मेरा पूरा का पूरा लण्ड शीना की बुर में चला गया और उसका बहुत बुरा हाल हो गया, वो बहुत रो रही थी…
फिर कुछ देर के बाद मैंने हिलना शुरु किया और लण्ड आगे पीछे करते हुए धीरे धीरे धक्के मारने लगा। थोड़ी देर बाद शीना भी मेरा साथ देने लगी और उसे भी बहुत मज़ा आने लगा….
15 मिनट तक मैंने शीना को बहुत प्यार से चोदा, उसके बाद मैं एक जानवर बन चुका था और पूरे जोर-शोर से उसकी चुदाई कर रहा था। शीना भी बहुत मस्ती से मुझसे चुद रही थी और बहुत आनन्द ले रही थी, अपनी गांड उठा उठा के मेरे लण्ड को अपनी बुर से खा रही थी।
इस रफ़्तार से मैंने उसे 15 मिनट तक और चोदा इस दौरान शीना तीन बार झड़ चुकी थी। जब मुझे लगा कि मैं आने वाला हूँ तो मैंने शीना से कहा- मैं आ रहा हूँ !
शीना ने भी अपनी गति बढ़ा दी और हम दोनों साथ साथ झड़ गए और मैं थक कर शीना के वक्ष पर सर रख कर उसके उपर लेट गया।
उस रात शीना और मैंने चार बार प्यार किया…
हम लोग आज भी बहुत सेक्स करते हैं…
मुझे और बहुत सी गर्लफ्रेंड मिली और मैंने सबकी बुर की प्यास अपने लण्ड के पानी सी बुझाई।
अगर इस कहानी को पढ़ कर आपके लौड़ों और बुरों से पानी निकला हो या तो मुझे जरुर बताइए।
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