रिसेप्शनिस्ट की चूत मारी-और जोर से चोदो … मेरी चूत को आज फाड़ दो. हहहः आआअम म्मम्मम तुषार ,,,,चोदो … चोदो

(मैंने  उसकी चूत में अपनी एक ऊँगली डाल दी. वो उछल पड़ी. मैंने चूत में ऊँगली फिरानी चालू कर दी. उसे बहुत मज़ा आ रहा था और वो बोल रही थी – तुषार और जोर हिलाओ. अहहहः …ऊऊऊऊऊओ … बहुत मज़ा आ रहा है.)

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हेलो फ्रेंड्स, मेरा नाम तुषार है और मैं पुणे में रहता हु. और इस वेबसाइट पर मैं अपनी पहली कहानी आप लोगो के लिए लिख रहा हु. अगर कुछ गलती होती है, तो मुझे माफ़ कर दीजियेगा. सारे लड़के अपने लंड को अपने हाथो में रखकर बैठे और लडकिया अपनी चूत में ऊँगली डाल ले, क्युकि मेरी कहानी पढ़ कर आप दोनों लोगो को ही मज़ा आयेगा.

मैं पुणे में, एक डेंटल क्लिनिक में काम के सिलसिले में गया था. उधर एक २१ साल की लड़की रिसेप्शन काउंटर पर बैठी थी. उसका नाम हेमा था. वो देखने में सांवली थी पर दिखने में मस्त आइटम थी. उसके बूब्स छोटे है और कमर पतली है. उधर जाने के बाद, मैं डॉक्टर से मिला. उसका क्लिनिक कोई भीड़ वाले इलाके में नहीं था और नया भी था. तो उधर कोई आता-जाता भी नहीं था. डॉक्टर से मिलने के बाद, मैंने उनसे कहा, कि मैं आपका काम दो दिन में करता हु. उस दिन के बाद, मैं दो-तीन बार क्लिनिक में गया. उस लड़की को में देखता और वो भी मुस्कुरा देती थी. पर मेरी हिम्मत नहीं होती थी, उसको कुछ भी बोलने की. एकदिन, मैं क्लिनिक से बाहर निकल रहा था. तो उसने मुझे ऊपर से ही बाय किया. मैं चौक गया, भला ऐसे कैसे हो सकता है. दुसरे दिन डॉक्टर ने मुझे कहा, कि मैं आज सुबह नहीं हु, आप शाम ६ बजे आओ. तो मैंने क्लिनिक के नंबर पर फ़ोन किया तो फ़ोन उस लड़की ने पिक किया.

मैं : हेलो

हेमा : हेलो

मैं : डॉक्टर है?

हेमा : नहीं, काम है क्या?

मैं : हां, डॉक्टर से भी और तुमसे भी

हेमा : मेरे से क्या काम.

मैं : है, थोडा.

हेमा : तो आ जाओ, अभी.

उसके बाद, मैं क्लिनिक गया. वो बोली – क्या काम है. मैने कहा – आई लव यू. यकीन मानो दोस्तों, ये मेरी सच्ची स्टोरी है. मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है, कि आगे कैसे लिखू. जब मैंने उसे आई लव यू. तो उसने कहा – जब तुम पहली बार क्लिनिक आये थे, मुझे तब से मालूम है. मेरे दिल की धड़कन तेज होने लगी थी. मुझे उससे इतनी उम्मीद नहीं थी और मुझे नहीं मालूम था, कि वो की चालू लड़की निकलेगी. उसके बाद, मैं उसके करीब आ गया और उसको किस करने लगा. करीब ५ मिनट किसिंग के बाद, उसने कहा तुम कल आ जाना और मैं उधर से निकल गया. मैं अगले दिन दोपहर को जब डॉक्टर नहीं होता था, तब गया. साथ में कंडोम भी ले गया. उधर जाने के बाद, हम दोनों लोग सोफे पर बैठ गये. उसने जीन्स पहन रखी थी. मैंने उसके कंधे पर हाथ रखे हुए थे और उसके गले से पीछे आकर उसके बूब्स प्रेस कर रहा था. वो भी कुछ नहीं बोल रही थी. मैंने मेरा मोबाइल निकाला और ब्लू फिल्म चालू कर दी. मुझा पता चला, कि वो लड़की बहुत चालू है. वो ब्लू फिल्म देखकर गरम होने लगी. यकीन मानो, मैं उसको कहीं भी टच कर रहा था और वो कोई विरोध नहीं कर रही थी और मुझे कुछ भी नहीं बोल रही थी.

मैं फुल गरम हो गया था और अभी भी हमारी किसिंग चालू थी. वो मेरी किस का फुल रेस्पोंस दे रही थी. मैं किसिंग के साथ उसके टॉप के ऊपर से ही उसके बूब्स को प्रेस कर रहा था. उसे बहुत मज़ा आ रहा था. मैंने उसे उसकी जीन्स निकालने को कहा. तो उसने पहले मुझे मेरे कपड़े उतारने को बोला. मैंने पहले अपनी जीन्स निकाल दी और फिर उसके कपडे उतार दिए. उसकी सवाली चूत देखकर, मैं तो पागल हो गया. मैंने अपना अंडरवियर निकाला और उसे मेरा लंड हिलाने को कहा. वो मेरे लंड को देखते ही, मेरे लंड पर टूट पड़ी और नीचे झुककर मेरे लंड को किस करने लगी. हम दोनों ही पुरे जोश में थे और २ मिनट बाद, मैंने उसे ऊपर उठाया और उसकी चूत में अपनी एक ऊँगली डाल दी. वो उछल पड़ी. मैंने चूत में ऊँगली फिरानी चालू कर दी. उसे बहुत मज़ा आ रहा था और वो बोल रही थी – तुषार और जोर हिलाओ. अहहहः …ऊऊऊऊऊओ … बहुत मज़ा आ रहा है. अजजजाज म्मम्मम्मम्म… तुषार हिलाओ ना… वो मेरे से चिपक गयी और बोली तुषार मेरा पानी आ रहा है…. पचाक … पचाक की आवाज़ के साथ उसका पानी पी गया. अब मेरी बारी थी.

फिर मैंने उसको सोफे पर बिठाया और अपना लंड उसकी चूत पर रखा और उसको चूत पर रगड़ने लगा. वो बोली – जल्दी करो, इतना टाइम नहीं है हमारे पास. मुझसे भी अब नहीं रुका जा रहा था. तो मैने मेरा ७ इंच का लंड उसकी चूत पर रखा और एक जोर का धक्का मारा. मेरा आधा लंड उसकी चूत को फाड़ कर अन्दर घुस गया. मेरा लंड आसानी से उसकी चूत में चला गया, तो मैने उसको पूछा – क्या उसकी पहले भी चुदाई हुई है? तो उसने बताया, कि उसने एक साथ २ लडको से चुदवाया है. उसे ग्रुप में चुदवाने में बड़ा मज़ा आता है. उसकी चुदासी प्यास को देखकर मुझे जोश आ गया और मैंने बोला – ले साली, मेरा लंड ले और मैंने अपना पूरा लंड उसकी चूत में पेल दिया. मैं अपनी गांड को तेजी से चला रहा था और अपने लंड को आगे-पीछे करके उसकी मस्त चुदाई कर रहा था. वो बोल रही थी – चोदो मुझे तुषार…और जोर से चोदो, बहुत मज़ा आ रहा है. येस्सस्सस्स …अहहाह .. और मैं भी उसको बोल रहा था. अहहः…. ले साली …. अओअओअओअ. रांड … ले मेरा मोटा लंड .. छिनाल की औलाद …. ले ले और मैं उसको बड़ी स्पीड में चोद रहा था. वो मराठी में बोल रही थी – आई घाले मज़ा लंड, तुज्या पुच्चित. कामी पडतोय का अजें बोलू कोणाला. टी महानत होती, जाव तुषार जाव माला फद्कुं तक माजी पुच्छी, ले खाज आहे मजाये पुच्चिला हा. झा . अहहः …तुषार जाव पथापथा कलि कर माला. मुजू कलि करो तुषार .. और जोर से चोदो … मेरी चूत को आज फाड़ दो. हहहः आआअम म्मम्मम तुषार ,,,,चोदो … चोदो …. जाव जाव तुषार.

मैं भी जोश में आ रहा था और हपक रहा था. और करीब १० मिनट के बाद, मैं झड़ गया. वो भी अब तक २ बार झड़ चुकी थी. उसके बाद हमने कपडे पहने और ठीक-ठाक होकर मैं उधर से चले गया. उसके मैं, हफ्ते में २-३ बार उसे चोदता हु और वो भी मज़े लेती है.