ससुर जी को उकसा के चुदवाया-उन्होंने मेरे दोनों पैर अपने कंधे पर रख लिए और मुझे जोर जोर से चोदने लगे

( मैंने अपने दोनों पैर खोलकर उन्हें लंड डालने का इशारा किया और फिर उन्होंने जल्दी से मेरी चूत में अपना लंड डाल दिया थोड़ा सा ही गया कि मुझे बहुत दर्द होने लगा।)

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दोस्तों में नॉर्थ ईस्ट की एक छोटे से राज्य त्रिपुरा से हूँ। मेरी शादी को 5 साल होने वाले हैं लेकिन एक सड़क दुर्घटना की वजह से मेरे पति की मृत्यु आज से 3 साल पहले ही हो चुकी हैं। दोस्तों मेरा एक 3 साल का बेटा हैं मेरे पति की मृत्यु के वक़्त वो सिर्फ़ 3 महीने का था।

फिर मेरी घर में सिर्फ़ में मेरा बेटा और उसका दादा रहते हैं। मेरी सास की मृत्यु कैंसर की वजह से हो गई थी। फिर पहले तो में घर में ही रहा करती थी लेकिन मेरे पति की मृत्यु के बाद मुझे एक ऑफिस में नौकरी मिल गई। फिर में घर और ऑफिस में बिज़ी रहने लगी, पहले तो बहुत ही मुश्किल था सब काम एक साथ सम्भालना.. लेकिन अब पहले से आसान लगने लगा हैं।

दोस्तों मेरी उम्र अभी 28 वर्ष की हैं। दोस्तों वैसे तो मेरे घर में कंप्यूटर नहीं है इसलिए में ऑफिस में ही इसे साईट पर कहानियाँ पड़ा करती हूँ और तब से ना ज़ाने क्यों मुझे अपने ससुर जी के सामने आते ही एक अजीब सी सरसराहट होने लगती हैं.. खास कर तब जब में घर में अपने नाईट सूट, मेक्सी वगेरह में होती हूँ। मेरा ससुर भी वैसे एकदम सीधा इन्सान था लेकिन मैंने उन्हे 2-3 दिन से लालची कर दिया था। फिर एक दिन वो घर पर लुंगी पहनकर टीवी देख रहे थे और में नहाने के बाद कपड़े सुखाने बाहर जा रही थी। तभी उन्होंने मुझे बिना कपड़ो के सिर्फ़ लुंगी में देख लिया। फिर में किसी तरह बाहर कपड़े सुखाकर कर जब वापस आई। तभी मैंने देखा कि उनके हाथ में मेरी पेंटी थी जो पता नहीं कब गिर गई मुझे पता ही नहीं चला।

फिर जब वो मुझे पेंटी लौटा रहे थे तभी उनका हाथ मेरे हाथ से टकराते ही मेरी शरमाहट बेशर्मी में बदल गई और ना जाने सारे बदन में क्या होने लगा। फिर उस दिन के बाद में जब भी उन्हें देखती मुझे बस उनसे चुदने का सपना आता.. लेकिन वो मेरे ससुर थे। फिर भी मैंने उनसे चुदवाने का एक प्लान बना लिया था। दोस्तों में आपको बता दूँ उनकी उम्र 52 साल की हैं। अब में जानबूझ कर अपनी सभी ड्रेस छोटी बनाकर पहनने लगी। फिर अपने सभी सूट को मैंने गहरे गले का बना लिया ताकि जब भी में उनके सामने झुकूँ तो उनको मेरी ब्रा साफ साफ दिखाई दे। फिर में जब भी झाड़ू लगाती में हमेशा ही गहरे गले का सूट, नाईटी, गाउन पहनती जिससे मेरे बूब्स उन्हें मेरी और ज्यादा आकर्षित करते और वो बस एक टक निगाह जमाकर मेरे बूब्स को ही देखा करते। फिर यूँ ही 10-12 दिन मैंने उन्हे अपने बूब्स, गांड और एक दिन चूत के दर्शन कराए। फिर में एक दिन जान बूझकर उनके सामने टावल बदन पर लपेटकर बाथरूम से चली आई और तभी अचानक उनके सामने आते ही मैंने टावल गिरा दिया और तभी मुझे पूरा नंगा देखकर उनके लंड की हालत खराब हो गई और वो एक बार में ही तनकर खड़ा हो गया। फिर में भी टावल को उठाकर नीचे नजरे झुकाकर अपने बेडरूम में चली आई। तभी मैंने पाया कि उस दिन के बाद उनमे बहुत चेंज आने लगा था। तभी मैंने देखा कि अब वो मेरे बेडरूम में भी झांकते रहते थे।

तभी मैंने एक दिन बिना ब्रा के उनको अपने बूब्स दिखाने का प्लान बनाया और फिर रात को जब वो टीवी देख रहे थे तो में अपने बच्चे को सुलाकर उनके पास आकर बैठ गई और फिर जानबूझ कर अपने नाईटी के बटन खोल रखे थे ताकि उनको मेरे बूब्स का साईड का हिस्सा देखने को मिल जाए.. जो कि ज्यादा बड़ा नहीं हैं सिर्फ़ 32 का हैं। फिर कुछ देर बाद वो उठकर चले गये। फिर मुझे लगा वो सोने चले गये तभी मैंने रिमोट उठाकर चेनल चेंज करने लगी फिर मैंने फिल्म देखने की सोची और फिर में देखने लगी। तभी वो वापस आए और मैंने कहा कि आपको कुछ देखना हैं आप देख सकते हैं। फिर उन्होंने कहा कि कुछ नहीं तुम देख सकती हो और वैसे भी में कुछ खास तो नहीं देख रह था।

फिर 15-20 मिनट के बाद किस वाला सीन आया लेकिन चेनल वालो ने पूरी टीवी में काला बना दिया जिस वजह से कुछ दिख नहीं रहा था। तभी उन्होंने अपना बनियान उतार दिया ये कहते हुये कि गर्मी बहुत हैं और फिर मैंने हाँ भरते हुए अपनी नाईटी ढीली कर दी और ऊपर की तरफ खींच ली। फिर मेरी नाईटी मेरी जांघ के ऊपर थी और ऊपर से कंधे बाहर निकले हुए थे। फिर हम दोनों एक ही सोफे पर बैठे हुए थे तभी कुछ देर बाद मैंने अपनी आँखें बंद कर ली। तब करीब रात के 11 बजे गए थे। फिर 15 मिनट तक जब मैंने आँखें नहीं खोली तभी उन्हे लगा कि में सो गई हूँ और फिर उन्होंने मुझे बिलकुल धीरे से पुकारा लेकिन मैंने कोई जबाब नहीं दिया और उन्हें पक्का यकीन हो गया और फिर वो मेरे कंधे पर हाथ फैरने लगे।

तभी मुझे महसूस हो गया था कि सोफा थोड़ा हिल रहा था लेकिन मैंने आँखें नहीं खोली और नींद का नाटक करती हुए अपनी चूत को खुजाने लगी। तभी अचानक सोफा हिलना बंद हो गया और कुछ पानी सा मेरे पैर में आ गिरा में समझ गई थी कि यह कुछ और नहीं बल्कि उनका वीर्य था। फिर कुछ देर वो और शांत बैठे रहे और मैंने फिर से शरारत शुरू कर दी। तभी मैंने अपनी नाईटी हटाकर सीधे बूब्स की निप्पल खुजाने लगी और फिर उसे बिना अंदर के ही रहने दिया और फिर कब मेरी सचमुच आँख लग गई पता ही नहीं चला। तभी अचानक मुझे महसूस होने लगा कि जैसे मेरी छाती और मुहं में कुछ हैं और फिर जब मैंने आँख खोली तब देखा कि उनके हाथ की अंगुली मेरी निप्पल पर घूम रही थी और उनका लंड मेरे होंठ पर था।

फिर मैंने अपनी आँखें बंद कर ली और तभी वो नीचे उतर के मुझे हिलाने लगे और मुझे उठा दिया और बोले कि देखो। तभी मैंने देखा कि वो बिल्कुल नंगे थे और फिर मैंने बोला कि ये आपको क्या हो गये है और आप क्या कर रहे हैं? फिर उन्होंने मुझे अपनी गोद में उठाकर अपने बेडरूम में ले गये और बोले कि में जानता हूँ तू कुछ दिनों से ये सब क्यों कर रही हैं और फिर बोलते ही मेरी नाईटी उतारने लगे और फिर में नाईटी ना उतारने का नाटक कर रही थी। तभी उन्होंने मेरी नाईटी उतार फेंकी और मेरे ऊपर चड़ गये। फिर में सिर्फ़ लाल पेंटी में और वो पूरे नंगे थे। फिर जब उन्होंने मुझे किस किया तो पहले तो मुझे सिगरेट की बदबू आ रही थी लेकिन कुछ पल में जब वो मुझे गरम करने लगे में भी उनके किस के जबाब में किस देकर करने लगी। फिर वो धीरे धीरे मेरे पूरे बदन को अपनी जीभ से चाटने लगे और में पागल हो गई और वो मेरा पेट चाट रहे थे। तभी अचानक उन्होंने मेरी पेंटी को एक साईट में करके अपनी एक ऊँगली मेरी गांड में डाल दी और फिर उनके नाख़ून से मेरी गांड छिल गई। फिर उन्होंने ऊँगली करते करते मुझे पलट दिया और फिर मेरी निप्पल को काट रह थे अपने दांतों से कभी सीधा तो कभी उल्टा। फिर में इतने सालो के बाद ये सब करते हुए बिल्कुल पसीना पसीना हो रही थी और फिर उन्होंने निप्पल को काट दिया और फिर में चीख पड़ी अहह करते हुए। फिर उन्होंने बोला क्यों मज़ा आया ना?

फिर मैंने कहा कि यही तो में चाहती थी आपसे और वो मुझे फिर से किस करने लगे थे। फिर में उनसे लिपटकर उनकी पीठ को खरोचने लगी और फिर ज़ोर ज़ोर से साँसे लेने लगी सिसकियों के साथ आह्ह्ह माँ उईई उई माँ। फिर आवाज़ सुनकर वो मानो पागल हो रहे थे फिर वो मेरे बूब्स को मसल मसलकर उसका रस पीने लगे और फिर मुझे बहुत आनंद मिलने लगा। उस वक़्त उनका लंड मेरी जांघो में गरम गरम लोहे की तरह लग रह था। तभी में उसे पकड़ कर मसलने लगी और फिर उन्होंने मेरे बूब्स से एक हाथ हटाकर मेरी पेंटी के ऊपर से ही मेरी चूत को सहलाने लगे और फिर में पहले से ही गीली हो चुकी थी और फिर मेरा शरीर कांप उठा और में अपने हाथ से उनकी जांघे मसलने लगी।

फिर उन्होंने मेरी पेंटी उतार दी और मैंने उसे दूर फेंक दिया और मेरी चूत को मसलने लगे क्योंकि मेरी झांटे बहुत बड़ी बड़ी और घनी थी। फिर वो उसमे अपनी ऊँगली फिराने लगे और फिर अचानक झट से 2-3 बाल खीचकर उखाड़ दिये। तभी में जोर से चीख पड़ी और फिर मैंने उनकी जांघ पर नाख़ून गड़ा दिये और फिर वो मेरी चूत के पास आ कर उसे सूंघने लगे और अपनी 3 या 4 उंगलियां उसमे डालकर दूसरे हाथ से मेरे बूब्स को मसलने लगे। तभी में उनकी उँगलियों में ही झड़ गई फिर उन्होंने अचानक मुझे छोड़ दिया और उन्होंने मेरे हाथों में अपना लंड पकड़ा रखा था। फिर वो मुझे बोले क्यों तुम तैयार हो? फिर मैंने कुछ नहीं बोला और उनके लंड को जोर से दबा दिया। फिर वो मुझे अपना लंड पकड़ाकर 69 पोज़िशन में होकर मेरी चूत को चाटने लगे और फिर मैंने उनके लंड को अपने छोटे से बूब्स के बीच लेकर घुसा रही थी।

फिर हम सीधे हो गए और फिर उन्होंने धीरे धीरे लंड मेरी चूत में अंदर डालना चाहा लेकिन मेरी पोज़िशन ग़लत होने के कारण वो घुस ही नहीं पाया। फिर मैंने अपने दोनों पैर खोलकर उन्हें लंड डालने का इशारा किया और फिर उन्होंने जल्दी से मेरी चूत में अपना लंड डाल दिया थोड़ा सा ही गया कि मुझे बहुत दर्द होने लगा। फिर उन्होंने धीरे धीरे अपनी स्पीड तेज कर दी और में भी आनंद लेने लगी। फिर उन्होंने मेरे दोनों पैर अपने कंधे पर रख लिए और मुझे जोर जोर से चोदने लगे। तभी अचानक मुझे लगा कि मेरा बेटा रो रहा हैं फिर में अपने रूम पर जाना चाहती थी लेकिन वो तो छोड़ने के मूड में ही नहीं थे और फिर मेरे चहरे को चूमते हुए मुझे गोद में लिया और कहा कि ठीक हैं तुम जाओ लेकिन चलकर नहीं.. में तुम्हे ले जाऊंगा। तभी मैंने कहा कि ठीक हैं और फिर उन्होंने मुझे कहा कि पलंग पर खड़ी हो जाओ।

फिर उन्होंने मेरे दोनों पैरो को अपने दोनों तरफ पकड़ कर अपने पैर में फसां कर धीरे धीरे पोज़िशन बनाकर मेरी चूत में अपना लंड फिट कर दिया और इस पोज़िशन मुझे चोदते हुए मेरे बेडरूम में ले गये। फिर पहुंच कर उन्होंने मुझे मेरे को बेटे को दिखाया और कहा कि देखो ये तो बड़े आराम से सो रहा है। तभी मैंने उनसे कहा कि ठीक है तो फिर हम बाकि का काम यहीं पर खत्म कर लेते है और फिर ससुर जी ने वहीँ पर मेरी चूत में लंड डाला और हमने चुदाई का पूरा मजा लिया। उस दिन के बाद से मेरे और ससुर जी के बीच कोई पर्दा नहीं है। अब तो जब भी उनका मन होता है मुझे चोद लेते है और जब भी मेरा मन होता है तो में भी उनसे चुदवा लेती हूँ। अब तो हर रात हम एक ही बिस्तर पर गुजारते है ।।

धन्यवाद …