चूत के छेद और गांड के भेद को मैंने जान लिया – Antarvasna Hindi Sex Stories

चूत के छेद और गांड के भेद को मैंने जान लिया – Antarvasna Hindi Sex Stories

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चूत के छेद और गांड के भेद को मैंने जान लिया – Antarvasna Hindi Sex Stories

चूत के छेद और गांड के भेद को मैंने जान लिया – Antarvasna Hindi Sex Stories : मैं  विवेक हूँ मैं देखने में भी स्मार्ट दिखता हूँ | मैं बहुत ही भला इंसान हूँ और एक नंबर का कमीना भी | मेरी हाइट 5 फीट 10 इंच है और लंड 6 इंच लम्बा है | मेरा मानना है कि सांप, भूत और चूत जहाँ मिले मार दो वरना कोई और मार देगा | मैं दिल का बहुत साफ हूँ लेकिन जब कोई चीज़ खुद मेरे पास आए तो मैं उसे मना नहीं करता | ये कहानी है ऐसी ही एक चुदाई की जो मैंने करी थी अपने दोस्त की बहन के साथ |

पागल से चूत चुदवाई जबरदस्त चुदाई करी साले ने

मेरा एक दोस्त जो मेरे घर के सामने ही रहता है और उसका नाम है विकास ठाकुर और उसकी एक बहन है नेहा ठाकुर | विकास मेरे से एक साल बड़ा है और नेहा मेरे ही साथ की है पर विकास मेरा बहुत अच्छा दोस्त है | इसलिए मैंने नेहा को कभी उस नज़र से नहीं देखा और कभी भी उसके बारे में गलत नहीं सोचा | कभी कभी हमारे घर में नहीं रहता था तो मैं उनके यहाँ चला जाता था और वहीँ पर खाना खाता था और वहीँ सो जाता था | (चूत के छेद और गांड के भेद को मैंने जान लिया – Antarvasna Hindi Sex Stories) ये गर्मी की बात है जब हमारे मोहल्ले में लाइट चली गई थी और मैं उनके घर चला गया और विकास के साथ बैठ के बात कर रहा था | तभी विकास के घर में जो छोटे बच्चे है वो एक दुसरे को पकडे वाला खेल खेल रहे थे | तो उन्होंने विकास को बुलाया और विकास ने मना कर दिया | तो बच्चों ने उसे जबरदस्ती खींच लिया और खेलने को बोला तो वो खेलने लग गया | फिर उसने मुझे भी बुला लिया और नेहा तो उनके साथ खेल ही रही थी | तो खेलते खेलते एक समय ऐसा आया की मैं और नेहा ही बस बचे थे और मैं दाम दे रहा था |

फिर नेहा भागी और मैं उसके पीछे भगा | सच में दोस्तों वो तेज़ भाग रही थी और थोड़ी आगे जाके थक गई और हम थोड़ी दूर आ गए थे | जैसे ही मैं उसके पास पहंचा तो वो पलट गई और मैंने उसके दूध पकड़ के दबा दिए | मैंने फ़ौरन ही उसके दूध से हाँथ हटाया और कहा सॉरी नेहा | वो इट्स ओके वीर (मेरे घर का नाम) | अब मुझे बहुत ही अजीब लग रहा था और हम धीरे धीरे पैदल वापस आ रहे थे | तभी उसने कहा कि वीर कोई बात नहीं ऐसे मत शर्माओ गलती से हुआ है | मैंने कहा यार लेकिन मुझे सही में बहुत बुरा लग रहा है | उसने कहा कोई बात नहीं छोडो जाने दो, तुम मेरे भाई के नहीं मेरे भी अच्छे दोस्त हो और तुम जीत गए हो ये खेल | फिर चलते चलते हम घर पहुँच गए और फिर थोड़ी देर बाद लाइट आई और मैं अपने घर चला गया |

फिर एक दिन मैं अपने कॉलेज से गहर वापस आ रहा था तो मुझे विकास का फ़ोन आया और उसने कहा कि क्या तू नेहा के कॉलेज से उसको घर ले आएगा , मैं थोडा काम में फसा हूँ | तो मैंने कहा ठीक है और मैं उसके कॉलेज चला गया | वो कॉलेज के गेट पर ही खड़ी थी अपने दोस्तों के साथ खड़ी थी | जैसे ही मैं वहाँ पहुंचा तो उसकी सारी दोस्त मुझे देखने लगीं और नेहा ने मुझे स्माइल दी और कहा हई | मैंने कहा तुम्हारे भाई का कॉल आया था तो कहा हाँ मुझे पता है चलें क्या ? मैंने कहा हाँ | तो वो आ के मेरी गाड़ी में बैठ गई और वो मुझसे बहुत चिपके के बैठी थी | मुझे थोडा अटपटा सा लगा लेकिन मैंने गाड़ी स्टार्ट की और वहाँ से चल दिया | रास्ते में उसने मुझसे से पूछा की क्या हो गया है तुम्हें वीर ? उस दिन के बाद से तुम मुझसे ठीक से बात नहीं करते , क्यों ? मैंने कहा कि नहीं ऐसा कुछ नहीं है | उसने कहा ठीक है लेकिन क्या तुम मुझे कल भी कॉलेज से लेने आ जाओगे |

मैंने कहा की ठीक है आ जाऊंगा | फिर हम थोड़ी देर बाद घर पहुँच गए | फिर अगले दिन जब मैं उसके कॉलेज पहुंचा तो सिर्फ उसकी सहेलियां ही बाहर खड़ी थी तो मैंने पूछा कि नेहा कहाँ है ? तभी उसकी एक सहेली ने वो बस आ ही रही है जीजा जी और सब हसने लगीं | फिर रास्ते में मैंने नेहा से पूछा कि तुमने मेरे बारे में अपने दोस्तों को क्या बताया है और मुझे जीजा जी क्यूँ बोल रहीं थी ? तो उसने कहा की बुरा मत मानना वीर लेकिन मैंने तुम्हे अपना बॉयफ्रेंड बताया है | (चूत के छेद और गांड के भेद को मैंने जान लिया – Antarvasna Hindi Sex Stories) तो मैंने कहा कि तुमने ऐसा क्यूँ कहा ? उसने कहा क्यूँ तुम मुझे अच्छे लगते हो | मैं शांत हो गया तो उसने पूछा कि क्या मैं तुम्हे अच्छी नहीं लगती | तो मैंने कहा ऐसा नहीं है पर मैंने कभी ऐसा सोचा नहीं | उसने मुझे पीछे से पकड़ लिया और कहा कि वीर तुम कितने क्यूट हो और मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ | मैं फिर शांत था और विकास और अपनी दोस्ती के बारे में सोच रहा था | तभी रास्ते में उसने गाड़ी रुकवाई और कहा बोलो वीर | मैंने कहा क्या बोलूं यार | उस वक़्त वो रास्ता बिलकुल खाली था तो उसने मुझे होंठ पर किस कर दिया |

मैं गाड़ी पर बैठा और कहा चलो घर चलतें हैं और उसने कहा कोई जवाब नहीं दोगे | मैंने कहा हाँ वो बहुत खुश हुई और हम घर आ गए | फिर ऐसा ही कभी कभी हम लोग घुमने जाते थे और लिप किस किया करते और कभी कभी मैं उसके दूध दबा दिया करता था | फिर एक बार मेरे घर पर कोई नहीं था और वो मेरे घर आ गई और मुझे जोर जोर से किस करने लगी | मैं भी उसे किस करने लगा और वो मेरे लंड को छुने लगी | मैं तभी समझ गया की ये पुरे चुदाई के मूड से आई है | उसने मेरी पैन्ट उतारी और चड्डी नीचे करके मेरा लंड हाँथ में लेके हिलाने लगी | मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था क्यूंकि मेरे लंड को मेरे हाँथ के आलवा कोई और हिला रहा था | उसने मेरा लंड मुंह में लिया तो मुझे तो मज़ा ही आ गया |

वो प्यार से मेरा लंड चूस रही थी जैसे ब्लू फिल्म में लड़कियां चूसती है वैसे ही | फिर उसने मेरा गोटियों को मसलते हुए कहा कि आज तो तुम्हे जन्नत के दर्शन कराऊंगी | फिर वो मुझे बेडरूम में ले गई और बिस्तर पर धक्का दे दिया और अपने कपडे उतारने लगी | उसने अपने पुरे कपडे उतर दिए और कहा किस कैसा लगा ? (चूत के छेद और गांड के भेद को मैंने जान लिया – Antarvasna Hindi Sex Stories) दोस्तों सच बता रहा हूँ उसका फिगर बहुत ही स्लिम था और उसके दूध बड़े थे और बीच में गैप भी नहीं था और उसकी चूत को उसने शेव किया था तो बाल होने का कोई चांस भी नहीं था | फिर मैंने कहा कि सच में तुमने जन्नत के दर्शन करा दिए फिर वो मेरा लंड चूसने लगी | फिर मैंने उसे उठाया और कहा चलो अब मेरी बारी और उसके दूध चूसने लगा और दबाने लगा | उसके दूध बहुत ही सॉफ्ट थे और उसके दूध मेरे हाँथ में ओउरी तरह से आ रहे थे तो उन्हें दबाने में बहुत मज़ा आ रहा था | मैं 10-15 मिनिट तक उसके बस दूध दबाता रहा और चूसता रहा |

फिर मैंने उसकी नाभि मैं जीभ करी तो वो बोली की नहीं करो गुदगुदी हो रही है | फिर मैंने उसको बिस्तर पर लिटाया और कहा कि जन्नत के दर्शन तो हो गए अब स्वाद चख लूँ क्या ? तो उसने हस्ते हुये कहा की हाँ शुरू हो जाओ | मैंने चूत को देखा और उसको भूखे भेड़ियों की तरह चाटने लगा | उसकी चूत से पानी आ रहा था मैं वो पानी पीता जा रहा था फिर और जमके के उसकी चूत को चाटता जा रहा था | फिर मैं उठ के बैठ और उसकी चूत को रगड़ने लग गया और फिर मैंने उसकी चूत में ऊँगली डाल दी | वो आअह्ह्ह्ह आअह्ह्ह्ह अहहहा की आवाज़े निकलने लगी | फिर मैंने अपना लुंड उसकी चूत पर रखा और एक ज़ोरदार झटका मारा जिससे मेरे 3 इंच अन्दर चला गया और वो कहने लगी नहीं निकालो बाहर पर मैं लगा रहा और उससे चोदने लगा | फिर मैंने उसको अलग अलग तरीके से चोदा और वो भी मेरा साथ देते जा रही थी | फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत से निकल कल उसके मुंह के पास ले गया और उसके हाँथ में दे दिया और फिर वो हिलाने लगी | फिर मेरा मुट्ठ उसके मुंह पर ही झड गया और मैं जा के उसके ऊपर लेट गया | फिर हमने किस किया और फिर वो कपडे पहन के अपने घर चली गई | फिर हमने कई बार चुदाई मचाई |

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