पढ़ाई के साथ चुदाई

11169886_1629573097277461_2847475271357836632_nआपकी सेवा में मैं विक्की मित्तल एक बार फिर से अपनी चुदाई के तजुर्बे के साथ हाजिर हूं। आप सभी को मेरा प्यार भरा नमस्कार। लगता है मेरी कहानी ‘दीपाली की चुदाई’ काफ़ी पाठको ने पढ़ी है, क्योंकि मेरे पास बहुत से पाठक पाठिकाओ के जवाब आये है जिनमे लिखा है उन्हे मेरी कहानी बहुत पसन्द आई है और मैं अपनी दूसरी कहानी भी जल्द ही भेजूं। इसके लिये आप सभी को बहुत बहुत धन्यवाद। लगता है कि पढ़ने वालों में लड़कियों और औरतों की संख्या अधिक है, क्योंकि लिखने वालो में लड़किया अधिक है। कुछ लड़कियों ने तो यहां तक लिखा है कि अपनी नई कहानी में उनको लेकर यानि उन्हे नायिका बना कर कहानी लिखूं।
यहां पर मैं बताना चाहूंगा कि दीपाली की चुदाई मेरी कोई कल्पना मात्र नहीं है बल्कि ये वास्तव में मेरा पहला तजुर्बा है, और आज भी है। बस अन्तर इतना है कि उसकी अब शादी हो चुकी है। वह ससुराल में अपने पति के साथ बहुत ही खुशहाली का जीवन व्यतीत कर रही है।


आगे भी मैं जो कहानी भेजूंगा वो भी कोई कल्पना नहीं होगी बल्कि वास्तविक घटना होगी जो कि मेरे साथ घट चुकी होगी। मैं अपनी पाठिकाओं का दिल तोड़ना नहीं चाहता हू, इसलिये मैं उनसे विनती करूंगा कि जो ये चाहती कि मैं उन पर कहानियां लिखू वो अपने शरीर का विवरण अवश्य ही भेजे जिससे मुझे कहानियां लिखने में सहूलियत होगी। सम्पूर्ण विवरण से तात्पर्य है कि वे अपनी बॉडी की बनावट, कद काठी, कूल्हे भारी हैं या हल्के, चूचियो का साईज़, छोटी है या बड़ी, उनका रंग, चूत क्लीन शेव्ड है या झांटों से भरपूर है। आपकी खास आदते और पसन्द वगैरह। जब आप अपना शरीर का पूरा परिचय दे देंगी तो तो अवश्य ही आपके लिये एक बहुत ही सेक्सी और बहुत ही एक सुन्दर सी कहानी लिख पाऊंगा।
हां तो मैं आज अपनी जीवन का दूसरा तजुर्बा कहानी के रूप में लिख कर भेज रहा हूं। कुछ लड़के और लड़कियां या महिलाये ऐसी भी होंगी जिन्होने ने मेरी पहली कहानी नहीं पढ़ी होगी या इस साईट में अभी सम्मिलित हुये हो तो मैं उन्हे अपना परिचय देना जरूरी समझता हूँ। मेरी उम्र लगभग 29 वर्ष, रंग एक दम गोरा है, मेरी हाईट पांच फ़ुट दस इन्च है। हालांकि मेरी बॉडी थोड़ी भारी है पर लम्बाई के कारण मैं मोटा नहीं लगता हूं। मेरी पर्सनाल्टी बहुत ही चार्मिंग है, मैं बहुत सुन्दर हू, लड़किया मेरी तरफ़ आसानी से आकर्षित हो जाती है। बचपन से लेकर अब तक काफ़ी लड़कियां मेरी दोस्त बन चुकी है। मैंने आई आई टी रुड़की से इन्जीनियरिंग करने के बाद आई आई एम अहमदाबाद से एम बी ए किया है। और अब में दिल्ली में अपनी ही एक पारिवारिक ओर्गेनाईजेशन में काम करता हूं। हां तो दोस्तों, लगता हैकि अब आप काफ़ी बोर होने लगे है इसलिये मैं अपनी कहानी शुरू करता हूँ।
बात उन दिनो की है जब मैं ग्यारहवीं में पढ़ता था। और उस समय मेरी उमर 18 वर्ष की थी पर मेरी कद काठी की वजह से मैं 18-20 वर्ष का लगता था। हमारी ही कोलोनी में एक लड़का और रहता था जो बचपन से ही मेरा पक्का दोस्त था। हम दोनो लगभग हर समय ही एक साथ रहते थे। उसके पिताजी एक सरकारी अफ़सर थे उस परिवार में उसकी माताजी के अलावा उसके अलावा एक बड़ी बहन और तीन छोटे भाई भी थे।
मेरे दोस्त का नाम सुधीर है और उसकी बहन का नाम पूनम था। वो बी एस सी पार्ट फ़र्स्ट में पढ़ रही थी।
पूनम बहुत ही खूबसूरत थी। उसका रंग एकदम गोरा चिट्टा था। उसकी हाईट लगभग 5 फ़ुट चार इन्च होगी। आँखें एकदम काली और बड़ी बड़ी, मानो हर समय उसकी आंखे कुछ कहना चाहती हो। जब वो आंखो में काजल लगा कर उसकी लाईन साईड में से बाहर निकालती थी तो वो गजब ही ढा देती थी। शरीर 36-24-38 का रहा होगा और देखने में उसका बदन बहुत सेक्सी लगता था। उसकी चूंचियां काफ़ी बड़ी थी। उसका साईज तो लगभग 36/38 रहा होगा पर एकदम कठोर और कसी हुई थी। चूतड़ तो बस क्या कहने एकदम भरे भरे और सुडौल्। जब चलती थी तो उसकी चूतड़ों को देख कर लगता था कि मानो दो बड़ी बड़ी गेंद या फ़ुटबॉल आपस में रगड़ खा रहे हो। वो आम तौर पर टाईट सलवार कमीज या चूड़ीदार पजामा और कुर्ती पहनती थी, जिसमे उसकी जवानी फ़ूटती सी लगती थी। खास तौर पर तो उसके चूतड़ों उभार तो मस्त नजर आता था। कभी कभी वो स्कर्ट और टॉप भी पहन लेती थी तो वो छोटी सी लगती थी, उसकी उमर का तो पता ही नहीं चलता था।
मैं तो शुरू से ही पढ़ने में बहुत होशियार था खास कर गणित तो मेरा फ़ेवरेट विषय था। सुधीर गणित में बहुत कमजोर था तो वो मेरे साथ ही पढ़ाई करता था। साथ में पूनम भी आकर पढ़ाई करती थी।
अधिकतर पढ़ाई तो रात को हमारे घर पर ही होती थी, क्योंकि उसके परिवार में काफ़ी सदस्य थे। इसलिये सुधीर और पूनम रात को मेरे घर ही आ जाया करते थे। हम सभी काफ़ी देर तक पढ़ाई करते रहते थे। एक साथ पढ़ाई करने की वजह से मैं और पूनम काफ़ी घुल मिल गये थे और एक दूसरे के साथ फ़्री हो कर बातें भी करते थे। वैसे भी पड़ोस में रहने के कारण एक दूसरे के परिवार में मेरा काफ़ी आना जाना रहता था।
क्योंकि मैं बहुत सुन्दर और स्मार्ट था, लड़कियां मेरी तरफ़ सहजता से आकर्षित हो जाती थी और मेरे साथ दोस्ती करने की इच्छा रखती थी। पूनम भी मेरी तरफ़ बहुत ही आकर्षित थी और कई बार मम्मी से मजाक में कहा करती थी कि मेरा दूल्हा तो विक्की है ना। मैं तो विक्की से ही शादी करूंगी। मम्मी हंस देती थी। पूनम मुझसे भी कहती थी कि विक्की आज तो तू बड़ा स्मार्ट और सुन्दर लग रहा है, है ना बिल्कुल दूल्हे राजा जैसा। आजा मेरे साथ शादी करले और मैं जोर से हंस देता था।
मैं भी उसको पसन्द करता था और अनेकों बार रात में उसको ध्यान में रख कर जोर से हस्त मैथुन भी कर लेता था। मैं तो मन ही मन उसको चोदना चाहता था पर कहने से डरता था कि कहीं वो सुन कर बुरा ना मान जाये और मेरे साथ रात को पढ़ना बन्द ना कर दे। बस वैसे ही दिन कट रहे थे। दशहरा आने वाला था, दशहरे की छुट्टियां चल रही थी।
एक बार सुधीर से मेरी कुछ कहा सुनी हो गई और बात यहां तक बढ गई कि उसकी और मेरी बोल चाल बन्द हो गई। लड़ाई के बाद सुधीर रात को पढ़ने भी नहीं आया, केवल पूनम ही आई। पर उसने पूनम को ये नहीं कहा कि मेरा उसका झगड़ा हो गया है, बल्कि कहा कि उसकी तबियत खराब है इसलिये वो रात को पढ़ने नहीं जायेगा। पूनम को उस रोज कुछ समझ नहीं आया लेकिन जब दूसरे दिन भी जाने मना कर दिया और पूनम को भी जाने से रोकने लगा तो उसका माथा ठनका और फिर पूनम ने कह दिया कि तू जाये या ना जाये वो तो विक्की के यहां ही पढ़ाई करेगी। फिर वो मेरे घर आ गई। हम दोनो लगभग एक घन्टे पढ़ते रहे, कोई एक दूसरे से कुछ नहीं बोला। हम दोनो ही आमने सामने बैठ कर पढ़ रहे थे कि अचानक उसने आंखे उठा कर मेरी तरफ़ देखा।
‘क्या तेरे और सुधीर की लड़ाई हुई है’
मैं चुप ही रहा और मेरी आंखो में पानी आ गया। इस पर वो उठ कर मेरे पास आ गई। मेरी दाईं तरफ़ बैठ कर अपने दोनो हाथों से मेरी कोहली भर ली और मेरा सर अपने सीने से लगा लिया॥ पहले तो मैं चौंक गया फिर मैं समझा कि मेरी आंखो में पानी आने के कारण वो मुझे दुलार रही है। मेरा सर उसकी बाईं चूंची के ऊपर रखा था। मैं उसकी नरम चूंची का गुदगुदापन उसके कुरते के ऊपर से महसूस कर रहा था जिससे मेरा लण्ड खड़ा हो गया।
पहले तो कुछ पल हम चुप बैठे रहे फिर वो बोली कि जब तुम एक दूसरे के बिना रह नहीं सकते तो लड़ते क्यूं हो, वो भी तुम्हारे बिना तुम्हारी ही तरह उदास है। चिन्ता ना करो कल को मैं तुम्हारी बोलचाल फिर से करवा दूंगी। यह कहकर उसने मुझे जोर से अपनी बाहों में भींच लिया। फिर बोली चलो अब मुस्करा दो। जैसे ही उसने मुझे कस कर भींचा उसकी बाईं चूंची पर मेरा गाल आ गया। वो उसे दबाने लगी जिससे मेरा लण्ड बहुत तेजी के साथ सख्त हो कर फ़नफ़नाने लगा।
उन दिनों हालांकि थोड़ी सी गरमी थी सो मैंने निकर और बनियान ही पहना हुआ था। जब मेरा लण्ड ऊपर नीचे होकर फ़ड़फ़ड़ाने लगा और वो निकर के ऊपर से ही उसकी जांघ या हल्का सा ऊपर उसको लग गया तो वो बोली कि तेरी जेब में क्या है जो मुझे चुभ रहा है। मैंने हंसते हुये कहा कि कुछ नहीं। लेकिन वो बोली कि कुछ तो जरूर है जो जेब में हिल रहा है, ला मैं भी देखूं। यह कह कर उसने मेरे लण्ड को निकर के ऊपर से ही पकड़ लिया और सहलाने लगी। अब तो मैं भी सब कुछ समझ गया और मैंने भी जोश में आकर पूनम के होंठ के ऊपर अपने होंठ रख दिये और तेजी के साथ चूसने लगा। फिर मैंने अपनी जीभ पूनम के मुंह में डालने की कोशिश करने लगा जिस पर उसने अपना मुंह खोल कर अपने मुंह में आने दिया। वो भी मेरी जीभ बड़े जोश के साथ चूसने लगी। हमारी सांसे बहुत तेज चलने लगी थी और हम दोनों एक दूसरे में खोये हुये थे। थोड़ी देर बाद हम अलग हुये तो पूनम ने पूछा इधर अंकल या आण्टी तो नहीं आयेंगी।
मैंने कहा नहीं आयेंगी क्योंकि वो जानते है कि हम तीनों यहां पढ़ाई कर रहे हैं और उन्हे सुधीर के नहीं आने की बात मालूम नहीं है जो चिन्ता करे और दूसरे यह कि वो जल्दी सो जाते हैं। अब तक तो वो सो गये होंगे।
फिर भी पूनम बोली कि दरवाजे की कुण्डी लगा लो और मैंने कुण्डी लगा दी। अब वो एक दम से मुझसे लिपट गई और बोली कि विक्की मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूं। मैंने भी कहा कि प्यार तो मैं भी करता हूं। पर तुम मेरे से 1-2 साल बड़ी हो इसलिये लगता है कि शादी नहीं हो पायेगी॥ तो पूनम बोली कि हर प्यार की आखिरी मंजिल शादी नहीं होती है कई बार कुर्बानी भी देनी होती है। शादी नहीं होगी तो क्या हुआ हम एक दूसरे को प्यार तो कर सकते है ना। और ये कह कर उसने अपने होंठ मेरे होंठो पर रख दिये और उन्हे चूसने लगी। हम दोनो खड़े हुये थे और एक दूसरे को बाहों में जकड़े हुये थे। एक दूसरे का चुम्बन ले रहे थे। कभी पूनम की जीभ मेरे मुंह में होती तो कभी मेरी जीभ उसके मुंह में होती। अब उसने एक हाथ नीचे करके निकर के ऊपर से ही मेरा सख्त लण्ड पकड़ लिया था। वो उसे सहलाने लगी और बोली कि बहुत उछल कूद मचा रहा है। अब देखती हू इसमें कितना दम है।
अब मैंने भी अपना हाथ उसके बदन पर फ़ेरना चालू कर दिया था। एक हाथ से मैं उसकी चूंची दबा रहा था तो दूसरे से मैं उसके गोल गोल नरम चूतड़ो को दबा रहा था। सच में उसके चूतड़ बहुत ही गठीले थे। मेरे मेरे हाथ उसकी चूंचियों और चूतड़ों के गोलो को जोर से द्बा रहे थे और उसके मुंह से सिसकारियां निकल रही थी वो ऊऊओह्हह ऊऊओह्हह आआह्ह अह्ह हह्हह आआअय।ययकयययिईईईए स्ससीईईइ स्स।स्सस्ससी।ईईई कर रही थी और ये सुन सुन कर मेरा लण्ड फ़टा जा रहा था। लगता था कि कुछ देर अगर यूं ही हाल रहा तो लण्ड मेरी निकर फ़ाड़ कर बाहर आ जायेगा।
मैंने उसकी गाण्ड पर हाथ फ़ेरते हुये ऊपर से ही उसकी गाण्ड में अंगुली कर दी। पूनम एक दम चीख पड़ी और बोली ऐसा मत करो मुझे दर्द होता है। मैंने कहा कोई बात नहीं मैं सिर्फ़ हल्के हल्के से करूंगा दर्द नहीं होगा। मुझे ऐसा करना अच्छा लगता है। हम दोनो थोड़ी देर तक यूं ही एक दूसरे का शरीर टटोलते रहे और चुम्बन लेते रहे। जब बरदाश्त करना मुश्किल हो गया तो हमने एक दूसरे के कपड़े उतारने शुरू कर दिये। पूनम बोली कि ओफ़्फ़ोह पहले लाईट तो बुझा दो तो मैंने मना कर दिया और कहा कि मैं तुम्हारा शरीर रोशनी में देखना चाहता हूँ। वो बोली मुझे शरम आती है। तो मैंने उसे कहा कि जिसने की शरम उसके फ़ूटे करम और जो भी कुछ हो मैं लाईट ऑफ़ नहीं करूंगा। रोशनी में हीं चोदूंगा। यह कह कर मैंने उसके कुर्ती के बटन खोलने शुरू कर दिये। बटन खोलने के बाद मैंने उसकी कुरती झटके से उतारनी शुरू कर दी। पूनम बोली कि कि क्या मेरे कपड़े उतारने का इरादा है, जरा आराम से उतारो ना। ये कह कर उसने अपने हाथ उठा कर उसे उतार दी।
अब उसने सिर्फ़ शमीज, उसके नीचे ब्रा, पजामा और पेन्टी पहनी हुई थी। मैं तो पहले ही बनियान और निकर में था। पूनम ने निकर में नीचे से हाथ डाल कर मेरा लण्ड पकड़ लिया और बोली मैं जानती हू कि तुम्हारा लण्ड काफ़ी लम्बा और मोटा है, इसलिये शुरू में जरा आहिस्ता आहिस्ता करना। मैंने पूछा तुम्हे कैसे पता कि मेरा लण्ड लम्बा और मोटा है। तो बोली मैंने तुम्हे कई बार छिप कर तुम्हे लण्ड को पकड़ कर पेशाब करते हुये देखा है तो मैं हंस पड़ा।
फिर मैंने उसकी शमीज उतार दी। जोश के कारण उसकी शमीज फ़टते फ़टते बची। पूनम बोली कि कपड़े जरा आराम से उतारो ना, इस तरह बेसबर हो कर कपड़े ना फ़ाड़ो। मैंने हंसते हुये कहा कपड़े तो नहीं पर चूत जरूर फ़ाड़ने का इरादा है। वो भी चेलेन्ज देती हुई बोली कि देखते है कौन किसकी फ़ाड़ता है। यह कह कर उसने मेरी निकर उतार दी और मेरे तन्नाते हुये लण्ड को हल्के से दबा दबा कर सहलाने लगी। इधर मैंने भी उसका पजामा उतार दिया था और अब वो भी काली पेण्टी और ब्रा में खड़ी थी।
उसका दूधिया बदन ट्यूब लाईट में चांदी की तरह चमक रहा था। और अब मुझे अपने ऊपर संयम रखना मुश्किल होने लगा॥ मैंने उसका सारा बदन चाटना आरम्भ कर दिया और अपने हाथों से उसकी चूंचियां और चूतड़ दबाता रहा। और पूनम आअहह्ह्ह ऊऊओह्हह्हह ऊऊह्ह्ह ह्हहाआआयईईईईईए स्सस्सस्सीईईइ करते हुये सिसकारी भरती रही। अब मैंने उसको कहा कि मेरा लण्ड अपने मुंह में डाल कर चूसो परन्तु उसने बिल्कुल मना कर दिया और कहा कि उसे लण्ड चूसने में बहुत घिन आती है मैंने उसे अपना लण्ड दिखाया और कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है मेरा लण्ड ये देखो बिल्कुल साफ़ सुथरा है। मैं रोज नहाते समय और तुम्हारे आने के पहले इसे अच्छी तरह से सफ़ाई करता हूं फिर मैं भी तो तुम्हारी चूत मस्ती से चूसूंगा। इसमें बड़ा मजा आता है।
विक्की तुम तो बड़े एक्सपर्ट लगते हो लगता है कि पहले भी तुम कई लड़कियां चोद चुके हो। मैंने सर हिलाते हुये मना किया और बताया कि ये मैंने पोन्दी [मस्त राम की सेक्स पुस्तक] में पढ़ा है और ब्ल्यू फ़िल्मों में भी ऐसा दिखाया जाता है। फिर वो तैयार हो गई और बोली कि एक शर्त है तुम अपना लण्ड मेरे मुंह में मत झाड़ना वर्ना मुझे उल्टी हो जायेगी और जैसे ही लण्ड झड़ने को आये तुम अपना लण्ड मेरे मुंह में से फ़ौरन निकाल लेना। ये कह कर वो मेरा लण्ड चूसने लगी।
अभी तक मैंने उसकी चूंचिया। और चूतड़ ही दबा रहा था। वो बोली कि तुम भी मेरी चूत को चूसो। अब मैंने उसकी ब्रा और पेण्टी भी उतार दी। वाकई में उसकी चूंचियां बहुत बड़ी थी, मगर थी एक दम सुडौल, बिल्कुल दो छोटे से पहाड़ की तरह से तनी हुई, जिसके निपल एक दम सीधे कड़े और तने हुये थे, एक दम दूधिया रंग के थे। उसके निप्पले गुलाबी थी बिल्कुल वो अनार के दाने के बराबर मोटे थे। हम दोनो वहीं पर लेट गये और 69 की पोजीशन में आ गये। मैंने पूनम की चूत देखी तो मैंने कहा कि पूनम ये क्या है तुमने चूत के बाल क्यों बढा रखे है इन्हे शेव क्यों नहीं करती हो।
तो वह बोली कि मैं झाण्ट शेव तो करती हू लेकिन काफ़ी दिनो में, बात ये है कि मुझे रेजर से शेव करते हुये डर लगता है और फिर काफ़ी समय जो लगता है ना। इसलिये काफ़ी दिनों के बाद मैं शेव करती हूं। चलो आगे से मैं तुम्हारी झांटे शेव कर दिया करूंगा तो पूनम इस बात के लिये सहमत हो गई।
मैंने जैसे ही उसकी चूत पर हाथ फ़िराया तो वो गीली गीली सी लगी और हल्का सा पानी उसकी झांटो पर भी लगा हुआ था॥ पहले तो मैंने अपनी अंगुली उसकी चूत में अन्दर डाल कर अन्दर बाहर करनी चालू की तो वो तेजी के साथ आआअह्हह्हह्हह आआह्हह्हह्हह ऊओह्हह्ह ऊऊऊहह्हह्हह्ह आआययययईई आआअयययईई आआययई स्सस्ससीईईई करने लगी और बोली कि बस अब चूसना शूरु करो ना। मैंने भी उसकी चूत के होंठ खोल कर अपना मुंह उसकी गुलाबी चूत से लगा दिया और तेजी के साथ चाटने लगा। जैसे ही मैं उसकी चूत चाटने लगा वो अपनी गाण्ड उठा उठा कर अपनी चूत को मेरे मुंह से सटाने लगी और कहने लगी कि ह्हह्हाअन्नन ह्हह्हह्हाआआआन्नन्न ह्हह्हाआआ स्सस्सश ह्हहहआआआब्बब्बआआअस शह्हह्हह्ह ऐसेय हि ह्हह्ह्हहाआआअन्नन्न आआईईस्ससीईययययई ह्हह्ह्हहीईईई और अपनी कमर तेजी के साथ हिलाने लगी और गाण्ड को ऊपर उछालने लगी। अभी उसकी चूत को चाटते हुये पांच मिनट ही हुये होंगे कि वो जोर जोर से चिल्लाने लगी कि ह्हह्हआआन्नन्नन ब्बाअह्हह्हह्हूऊउत्तत आआस्सछह्हह्हाआआ लल्लाआह्ह्ह आग्गग्गग र्रर्रर्राआह्हह्हहाआ ह्हह्हहाआऐईइ म्मम्मीईर्रर्रर्रर्रा न्नन्नन्नीइक्क्काआलनेय व्वाआल्लल्लाअ है ऊऊऊऊयययईईईए म्मम्ममीईईईर्रर्रर्रर्रराआआ न्नन्ननीईक्क्काआल्लल्ल र्रर्रर्रर्रराआआआअहह्ह्हहाआआ ह्हह्हाआआ आआऐईईईई ल्लललूऊऊऊओ मम्माआऐईईन्नन्न ज्ज्जझ ह्हह्हा आद्दद्दद्द द्दद्दद्दद र्रर्रर्रर्राआआह्हह्हीईईइ ह्हह्हहूऊऊन्नन और यह कहते हुये उसकी चूत ने गरम गरम पानी छोड़ दिया और मैंने अपना मुंह एक दम हटा लिया।
इधर पूनम भी काफ़ी जोर शोर से मेरा लण्ड चूस रही थी। मुझे लगा कि मैं भी झड़ने वाला हू तो मैंने उसको बता दिया तो उसने भी फ़ौरन अपने मुंह से मेरा लण्ड बाहर निकाल दिया। फिर अपने हाथ से ही चार पांच झटके मारे कि मेरा भी वीर्य भी निकल गया और इतने जोरो से निकला कि काफ़ी वीर्य उसकी टांगो और चूत के आस पास गिरने से उसे गीला कर दिया। फिर हम दोनो साथ साथ उठ कर बाथरूम में गये और मैं वहां पेशाब करने लगा तो पूनम ने मेरा लण्ड अपने हाथ में पकड़ लिया और सुपाड़े पर से चमड़ी हटा कर बोली कि अब पेशाब करो। वो हाथ में पकड़े रही तो मेरा कुछ पेशाब उसके शरीर पर भी पड़ा। इसके बाद वो मेरे सामने उकड़ू बैठ गई और पेशाब करने लगी, तो मैंने भी अपनी अंगुलियों से उसकी चूत के होंठ फ़ैला दिये और कहा कि वो अब पेशाब करे। उसने भी बहुत मोटी धार के साथ पेशाब करना शुरू कर दिया, उसकी धार भी काफ़ी दूर तक जा रही थी।
फिर हम दोनों ने एक दूसरे के शरीर को टॉवेल से साफ़ किया और बाहर आ गये। इस छेड़खानी की वजह से मेरा लण्ड फिर से खड़ा होने लगा और पूनम भी गरमाने लगी थी। हम फिर से एक दूसरे को चूमने चाटने लग गये और पूनम मेरा लण्ड सहलाने लग गई। बीच बीच में वो मेरा सुपाड़ा निकाल कर मुठ भी मार देती थी। फिर जल्दी ही एक बार और 69 की पोजीशन में आ गये और अब पूनम मेरा लण्ड चूस रही थी और मैं पूनम की चूत को चाट रहा था। थोड़ी देर बाद पूनम बोली कि विक्की अब आ जाओ, मुझ पर चढ जाओ और मुझे चोद दो। अब बर्दाश्त नहीं होता है। ये सुन कर मैं उसकी दोनो टांगो के बीच में आ गया और उसकी गाण्ड के नीचे एक तकिया रख दिया जिससे कि उसकी चूत थोड़ी सी और ऊपर को उठ गई। अब मैंने अपने लण्ड पर थोड़ा सा थूक लगा कर छेद पर रख कर थोड़ी सी ताकत के साथ दबाया तो उसके मुंह से एक चीख निकल गई। आअययययईई म्म्माआआर्रर्रर ग्गगग्गग्गाआययययईए व्ववीइक्कक्ककयई म्मम्मीएर्रर्रीईइ स्ससह्हह्हहूऊऊओत्तत्त प्पप्फह्हह्हहाअत्तत्त ग्ग्गयययईई।
मैंने अपने होठो को पूनम के होंठो पर कस कर रख दिया ताकि वो फिर से ना चीख सके और बोला पूनम इस तरह से मत चीखो नहीं तो कोई उठ ज़ायेगा और हम पकड़े जायेंगे। वो बोली कि बहुत जोर से दर्द हो रहा है मैंने कहा कि पहली बार ऐसा ही होता है और बाद में बड़ा मज़ा आता है मैं यह कह कर उसकी चूचियां दबाने लगा और होंठ चूसने लगा।
इस तरह से उसको कुछ आराम सा मिला और बोली कि हां अब दर्द कुछ कम हो रहा है। मैं 4-5 मिनट यूं ही पड़ा रहा और उसकी चूचियां चूसता रहा और दबाता रहा जिस से उसकी चूत ने पानी छोड़ना शुरु कर दिया था और चूत काफ़ी चिकनी हो गई थी। अब मैंने उसके होंठो को अपने होंठो में दबा कर एक बहुत ही जबरदस्त धक्का मारा और मेरा लण्ड लगभग 6-7 इन्च उसकी चूत में घुस गया और उसकी चीख घुट कर रह गई। मैं फिर रुक गया और उसकि चूची चूसने और दबाने लगा।
पूनम को अभी काफ़ी दर्द हो रहा था और वोह कह रही थी कि विक्की अपना लण्ड अब निकाल ले मेरी तो चूत फटी जा रही है। मैंने कहा कि बस थोड़ी देर बरदाश्त करो फिर तुम्हे मज़ा ही मज़ा मिलेगा और यह कह कर उसकी चूचियां चूसने लगा और एक हाथ से मैं उसकी चूत का दाना भी मसलने लगा जिस से उसको कुछ मज़ा आया और वो बोली कि अब फिर से दर्द कुछ कम होने लगा है। यह सुन कर मैंने धीरे धीरे धक्के लगाने शूरु कर दिये। अब उसको मज़ा सा आने लगा था और अब पूनम ने अपनी गाण्ड को उछालना शुरु कर दिया था कि अचानक वो सारी की सारी तेजी के साथ हिलने लगी और झड़ गई।
अब पूनम की चूत काफ़ी चिकनी हो गई थी और लण्ड भी आसानी से अन्दर बाहर हो रहा था। बस मैंने कस कर एक धक्का और मारा और सारा का सारा लण्ड पूनम की चूत में घुस गया और फिर से उसके मुंह से एक चीख निकल गई। इस बार मैं उसके होंठो को अपने होंठो से दबाना भूल गया था सो मैंने फ़ौरन हाथ उसके होंठ पर रख दिया और चीख घुट कर रह गई। मैं 5-7 मिनट यूं ही उसके उपर पड़ा रहा और कभी उसकी चूचियां चूसता तो कभी होंठ चूसता या फिर हाथों को उसकी जांघो पर फेरता जिस से कि पूनम को कुछ आराम मिल सके। थोड़ी देर में उसका दर्द गायब हो गया और वो नीचे से उपर को गाण्ड उछालने लगी तो मैं समझ गया कि अब उसको मज़ा आ रहा है इस लिये मैंने भी उसको आहिस्ता आहिस्ता धक्के मारने शुरु कर दिये।
जब मैं कुछ देर यू ही आहिस्ता आहिस्ता धक्के मारता रहा तो पूनम एक दम से उत्तेजित हो कर बोली कि अब उसे मज़ा आ रहा है और अब जोर जोर से धक्के लगाओ। यह सुन कर मैंने अपने धक्को कि रफ़्तार बढानी शुरु कर दी और कुछ ही समय में मैं पूनम को तेजी के साथ चोदने लगा।
अब पूनम पूरा मज़ा ले रही थी और मुंह से बड़बड़ा रही थी हाय बड़ा मजा आ रहा है विक्की जोर से चोदो। फ़ाड़ दो मेरी चूत को पेल दो अपना पूरा लण्ड मेरी चूत में हहाय …स्ससीईइ स्सस्सीईई ऊऊफ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़फ़ ऊफ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़ ह्हह्हहाआऐईई मैईइ आआस्ससम्मम्माआन्नन्नन मेन्नन्नन ऊऊद्दद्ददीई ज्जाआ र्ररह्हहि ह्हह्हूओन ह्हहाआईइ म्ममीईर्रर्रराआ न्नन्ननीक्कक्काअलाअ मैईईई ज्जज्जह्हाद्ददन्नीई वाआआआआल्ललीईईइ ह्हह्हह्हूऊन ह्हह्हाऐईईइ स्स्सस्ससीईई स्स्ससीईईईइ ऊऊऊफ़्फ़फ़्फ़ फ़्फ़फ़्फ़फ़ न्नन्ननीईईइक्कक्काआआअल्लल्लाआआआ ऊऊययययई ईईयययई म्म्माआआर्रर्रर्ररीईईइ और यह कहते हुये पूनम ने अपनी कमर और गाण्ड को तेजी से हिलानी शुरू कर दी और स्सस्सीईई स्सस्ससीईईइ करते हुये झड़ गई।
मैं अभी तक जोर शोर के साथ धक्के मार रहा था। कमरे में फचा फच की आवाज आ रही थी और मैं धमाधम धक्के मारे जा रहा था। थोड़ी देर बाद पूनम फिर से स्सस्सीईइ स्सस्सीईइ स्ससीईईईइ करते हुये झड़ गई और मैं अभी तक डटा हुआ था और फ़ुल स्पीड से धक्के मार रहा था। मैं पूरा का पूरा पसीने पसीने हो गया लेकिन धक्के लगाता ही रहा। लग भग 20 -25 मिनट तक फ़ुल स्पीड से धक्के लगने के बाद मुझे लगा कि अब मैं भी झड़ने वाला हूं और मेरे मुंह से भी अनाप शनाप निकलने लगा कि हाय म्ममेर्ररि र्राअन्ननि म्मम्ममीर्रराआअ न्नन्नीइक्कक्काल्ललान्ननेययई व्वव्वाआआल्लल्लाआआ हैईईईई तो पूनम एक दम बोली कि अपना लण्ड बाहर निकाल लो इसे चूत के अन्दर नहीं झाड़ना है वरना गड़बड़ हो सकती है सो मैंने फ़ौरन ही लण्ड को चूत से बाहर निकाल लिया और पूनम से कहा कि हाथ से तेजी के साथ लण्ड को आगे पीछे करो तो उसने ऐसा ही करना शुरु कर दिया और मैं उसके होंठ बहुत ही ज़ोर जोर से चूसने लगा और एक हाथ से उसकी चूचियां दबाता रहा तो दूसरा हाथ उसके चूतड़ों और गाण्ड पर फेरने लगा। कभी-2 जोश के कारण मैं अपनी अंगुली उसकी गाण्ड में भी अन्दर करने लगा। पूनम तेजी के साथ झटके देने लगी और मैं ऊऊफ़्फ़फ़्फ़ ऊऊफ़्फ़ ह्हाआआऐईईइ ह्हह्हहाआआआऐईईई करता हुअ झड़ गया।
मैंने झड़ते-2 जोश में अपना मुंह उसकी चूचियों में जोर से दबा दिया और उसकी गाण्ड में अपनी पूरी अंगुली अन्दर कर दी तो वो चिल्ला पड़ी और बोली कि क्या मेरी चूचियों को ही काट खाओगे और यह कह कर मेरा सिर अपनी चूचियों में जोर से दबा लिया। हम कुछ देर यूं ही पड़े रहे और फिर उठे तो देखा कि पूनम की चूत से खून निकल आया था जो उसकी चूत और झाण्टों पर लगा था। खून को देख कर पूनम डर गई और बोली कि विक्की लगता है कि मेरी चूत फट गई है और अब क्या होगा।
तो मैंने समझाया कि डरने की कोई बात नहीं है सभी को पहली बार ऐसा ही होता है और यह कह कर मैंने एक रूमाल से उसकी चूत और झांटो से खून साफ़ कर दिया और उसके बाद हम दोनो उठ कर बाथरूम में गये जहां पर पहले तो पूनम ने मेरा लण्ड पकड़ कर मुझ को पेशाब कराया और फिर मैंने पूनम को अपने सामने उकड़ू बैठा कर अपनी अंगुलियों से उसकी चूत को चौड़ाया और पेशाब करने को कहा। जब वो पेशाब करने लगी तो पता नहीं मुझे क्या सूझा कि मैंने उसकी चूत के अन्दर अपनी अंगुली करनी शूरु कर दी और वो पेशाब करती रही। फिर हम लोगो ने अपने-2 कपड़े पहने और पूनम को उसके घर छोड़ आया।
पूनम को छोड़ने से पहले यह वायदा लिया कि अगली बार हम दोनो इकट्ठे ही बगल के बाल और झांटे साथ साथ बनायेंगे जिससे उसने कबूल कर लिया। दोस्तों, यह एक घटना है और वो रूमाल जिस से मैंने पूनम कि चूत का खून सफ़ किया था आज भी मैंने सम्भाल कर रखा हुआ है। तो यह था मेरा चुदाई का दूसरा तज़ुरबा। अब आप पढ़ कर फ़ैसला करे कि ये आपको कैसी लगी। आप अपने कमेण्ट्स मुझे ई मैल अवश्य करे।
अखिर में मैं एक बात और कहूंगा कि मैंने बहुत सी लड़कियों की चूत चोदी है और उन्होने भी बड़े मजे ले कर चुदवाई भी करवाई है परन्तु आज तक किसी लड़की ने अपनी गाण्ड नहीं मरवाई है। मेरी बहुत ही इच्छा है कि मैं किसी लड़की की गाण्ड मारूं पर कोई भी तैयार नहीं होती है और कहती है कि बहुत दर्द होता है। हमें गाण्ड नहीं मरवानी है। एक बार तो मैंने ही एक कॉल गर्ल बुलवाई और उससे कहा कि मैं उसकी गाण्ड मारना चाहता हूं और 5000 रुपये तय रात से अधिक दूंगा सिर्फ़ गाण्ड मारने के लिये। तो वो राजी नहीं हुई। पर जब मैंने उसे 5000 का लालच और दिया तो वो तैयार हो गई और गाण्ड मरवाने के लिये झुक गई। जैसे ही मैंने गान्ड पर थूक लगाया और लण्ड को उसकी गाण्ड पर रख कर धक्का लगाया तो लण्ड उसकी गाण्ड में घुसते ही वो जोर जोर से चिल्लाने लगी कि हाय मैं मर गई। मेरी तो गाण्ड ही फ़ट गई। मुझे नहीं मरवानी अपनी गाण्ड मुझे नहीं चाहिये तुम्हारे 5000 रुपये अगर चूत चोदनी है तो चोद लो मगर मैं गाण्ड नहीं मरवाऊंगी।
लेकिन जब मैं अन्तर्वासना पर गाण्ड मराने की कहनियां पढ़ता हूं तो देखता हू कि लड़कियां और औरते बड़ी खुशी से गाण्ड मरवाना पसन्द करती हैं और गाण्ड मरवा कर पूरा मज़ा लेती है। ऐसे ही आज तक किसी भी लड़की या औरत ने मेरा लण्ड तो जरूर चूसा है पर उसका वीर्य किसी ने भी नहीं पिया और तो और मुंह में भी नहीं झड़वाया और झड़ने से पहले ही लण्ड को अपने मुंह से बाहर कर दिया।, जब कि कहानियों में लड़कियां और औरते लण्ड चूसती हुई झड़ने पर बड़े स्वाद के साथ वीर्य को पी जाती हैं और उन्हे कतई घिन नहीं आती है।