बॉस की बीवी को ऑफिस में चोदा

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हाय गाईज हाव आर यू, हियर वन्स अगेन एट यू आर एंटरटेनमेंट आज में एक वाकया सुनाने जा रहा हूँ, जो आज से ६ माह पुरानी बात हे. में एक ट्युशन क्लास क्लर्क का काम करता था सुबह ६ बजे क्लास खोलना पड़ता था. पूजा करके मेरे बॉस क्लास में पढ़ाने चले जाते थे. में उनके घर पानी लेने जाता, ये मेरे रोज का काम था. बॉस की बीवी निर्मला भाभी को में भाभी कहकर बुलाता था. वो बड़ी सुन्दर थी, ५.२’ हाईट थी गोरा रंग लम्बे बाल ३६ की साइज के बाल थे, उनकी पतली कमर, चौड़ी गांड थी. जब भी में उनके घर जाता में उनको देखता रहता था. वो भी मुज से अब घुल मिल गई थी. ऑफिस में आकर में भाभी के बारे में सोंच कर मुठ भी कभी कभी मार लेता.

एक दिन जन में सुबह पानी लेने घर गया तो देखा दरवाजा खुला था. में अन्दर चला गया, भाभी कहीं दिख नहीं रही थी. मेने सोंचा किचन में होगी, में किचन में जा रहा था बिच में बाथरूम का दरवाजा खुला था. मेरी नजर अन्दर गई. मेने देखा भाभी नहाकर आई थी वो सिर्फ टॉवल लपेटे हुए थी. उन्होंने भी मुझे देखा, मेरी और स्माइल की और दरवाजा बंद कर लिया. थोड़ी देर बाद वो साडी पहन कर बाहर आई, मेरा लंड ओल रेडी टाइट हो चूका था, उन्होंने ये बात नोटिस की, उन्होंने मुझे पानी भर दिया में क्लास में वापस आ गया.

दोपहर को बॉस ने कहा की घर से फाइल लानी हे. में घर गया भाभी ने दरवाजा खोला धुप बहोत होने की वजह से मुझे पसीना आ रहा था. भाभी ने कहा अन्दर आ जाओ पानी पी लो थोड़ी देर बेठ कर जाओ. में अन्दर चला गया भाभी पानी ले कर आई में पानी पि रहा था तब भाभी मुझे देख रही थी. थोड़ी देर बाद वो फाइल और २ ग्लास में सरबत लेकर आई. १ ग्लास मुझे दिया में सरबत पिते पिते उनकी और देख रहा था. उनके ब्लाउज में से उनकी चूचियां बहार आ रही थी. उनके पेट पे बाल पड़ रहे थे में ये सब देख रहा था. उन्होंने ये नोटिस किया मेने सरबत ख़तम किया ओर फाइल लेकर जाने लगा. उन्होंने पीछे से आवाज़ दी ‘सुनो अरुण’ मेने पीछे पलटकर कहा जी भाभी? उन्होंने मुझे बुलाया और पूछा “अरुण में दो तीन दिनों से कुछ नोटिस कर रही हूँ.

मेने कहा क्या भाभी ? उन्होंने कहा क्या देखते हो मुझ मे? क्या अच्छा लगा मुझमे? मेने कुछ जवाब दिया नहीं और मुस्कुराकर वहां से चल दिया. दुसरे दिन सुबह जब में पानी लेने गया भाभी नाईटी पहने हुई थी. मेने पानी का जग उन्हें दिया और में भी उनके पीछे किचन में चला गया. वो झुक कर पानी भर रही थी उनके बूब्स मुझे साफ़ नज़र आ रहे थे. उन्होंने देखा की में उनके बूब्स देख रहा हूँ.

उन्होंने पूछा “क्या देख रहे हो कभी औरत की छाती देखी नहीं क्या ?

में शरम से पानी पानी हो गया, मेने सॉरी कहा.

उन्होंने कहा “अरुण सॉरी मत कहो तुम्हे अच्छा लगता हे तो देखो मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं,”

मेने कहा की भाभी आप हो ही इतनी खुबसूरत की में रोक नहीं पाता अपने आपको.”

भाभी ने कहा ठीक हे देखने के बाद क्या करते हो ? कुछ करते भी तो नहीं.

में इसे भाभी का ग्रीन सिग्नल समज कर भाभी को अपनी तरफ बाहोमे लेकर चूमने लगा.

मेने उन्हें दबोच लिया उन्होंने मुज से छुड़ाने के लिए धक्का दिया लेकिन मेने कस के दबोचा था उन्हें. मेने भाभी को दिवार से सटा दिया और उनके हॉट गर्दन पर मेंरे हॉट से चूमने लगा. मेरे हाथ उनके गाउन में अन्दर जाकर उनके बूब्स दबा रहे थे. वो भी गरम हो चुकी थी उन्होंने कह, “अरुण अभी नहीं दरवाजा खुला अभी काम वाली आएगी अभी नहीं कर सकते ये सब.”

मेने उन्हें छोड़ दिया मेने अपने आप को संभाला उन्होंने अपने कपडे ठीक किये.

में पानी लेकर ऑफिस चला गया. दोपहर को बॉस ने कहा अरुण मुझे काम से गोधरा जाना हे तुम १ बजे के बाद की २ बैच  कैन्सल करके क्लास बंद करके चले जाना.

मेने कहा ओके, वो चले गए १ घंटे बाद ऑफिस का फोन की रिंग बजी मेने रिसीव किया. सामने भाभी थी, उन्होंने कहा, “अरुण तुम्हारे साहब गोधरा गए हे, क्लास की चाबी तुम अपने साथ ले जाओगे की दे कर जाओगे?”

मेने कहा “जेसा आप कहे.”

उन्होंने कहा ठीक हे में तुम्हे फोन करती हूँ, तुम एसा करना.”

थोड़ी देर बाद मेने देखा भाभी खुद ऑफिस में आई. वो साड़ी पहने हुई थी मुझ से पूछा “२ बेच केंसल करनी थी तुमने सब को बता दिया?”

मेने कहा “हाँ सब चले गए हे.“

भाभी ने कहा ठीक हे, अरुण में यहाँ क्यू आई तुमने पूछा नहीं.”

मेने कहा “आप मेरे बास की बीवी हो जब चाहो आ सकती हो में कोंन होता हु पूछने वाला?”

उन्होंने कहा हाँ ये भी सही हे में तुम्हारे बॉस की बीवी हूँ लेकिन अब तुम्हारी बीवी बनने यहाँ आई हूँ, सुबह की अधूरी बात पूरी करने आई हूँ अरुण.”

मेने तुरंत उनकी और देखा और उनके पास गया मेने उन्हें सीधा पकड़ कर टेबल पर बिठा दिया और उनके हॉट  चूमने लगा. वो भी मेरा साथ दे रही थी. मेने उनका पल्लू निचे गिरा दिया. उन्होंने मेरा लंड पकड़ लिया पेंट के ऊपर से ही सहलाने लगी.

और उसने कहा “अरुण आज में भी माँ बनना चाहती हूँ क्या तुम मुझे बच्चा दे सकते हो?

मेने कहा भाभी बॉस को पता न चल जाए. में निचे बेठ गया और उनकी नाभि को लिक्क करने लगा. उसकी नाभि बहोत ही सेक्सी थी.

मेने कहा भाभी आप बहोत ही सेक्सी हो.

उसने कहा “ अरुण अब में तुम्हारी बीवी बन गयी हूँ, भाभी मत कहो मुझे निर्मला कहो.”

मेने कहा “हाँ आज से तुम मेरी हो नीरू.”

उसने कहा “ हाँ जान जितना चाहे चोदो मुझे आज नंगा करके चोदो मुझे.”

मेने उसके सारे कपडे निकाल दिए और अपने भी हम दोनों ऑफिस में नंगे थे. मेने अपना मुह उसके दो पेरो के बिच उसकी चूत पे लगा दिया. मेरे दोनों हाथ उसके बूब्स दबा रहे थे और मेरी जीभ उसकी चूत चाट रही थी. नीरू के मुह से आह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह आया आःह आआरून मम जेसी आवाज़े निकल रही थी. वो गरम हो रही थी उसने मेरा सर उसकी चूत में जोर से दबा रही थी.

“अरुण आज तक किसीने मेरी चूत नहीं चाटी आज तुमने मुझे ये सुख दिया हे आरूउन,” उसकी चूत पे पानी निकल रहा था, मेरी दो ऊँगली उसकी चूत में डाल दी. भाभी  की आह आह निकलने लगी और वो मुझे गर्दन से पकड के अपनी और खींचने लगी. मैं और भी जोर जोर से उसकी चूत चाटने लगा. मेरी जबान चूत में अंदर तक घुसी हुई थी. मेरा लंड फड फड हो रहा था. अब भाभी ने खड़े हो के मेरा लंड पकड लिया.

वो बोली, जल्दी करो मेरी चूत में दे दो अब इसे.

मैंने उनकी टाँगे चौड़ी कर दी और अपने लंड को उनकी चूत पर रख दिया. मैंने हल्का झटका दे दिया और मेरा लंड आधा उनकी चूत में घुस गया. वो आह आह करने लगी और मैंने और एक झटका मार दिया. अब मेरा लंड चूत में अंदर घुस गया पूरा के पूरा. मैं उनके कुल्हें पकड के उन्हें ठोकने लगा और वो भी आह आह कर के मुझे पकड़ के अपनी और खींचने लगी. फच फच की आवाज से मेरा लंड उनकी चूत में अंदर बहार हो रहा था और वो अपनी गांड को आगे पीछे कर के मुझे पूरा सपोर्ट कर रही थी. मेरा लंड चूत को मस्त चोदने लगा था और भाभी भी पूरी तरह से हिल रही थी. तभी मेरे लंड ने वीर्य का फव्वारा छोड़ा और भाभी की चूत उस से भर गई. मैंने लंड को अंदर ही रहने दिया कुछ देर और जब बहार निकाला तो लंड पर भी वीर्य चिपका हुआ था. भाभी ने लपक के लंड चूसा और साफ़ किया.

हम दोनों ऑफिस में ही रहे २ घंटे और. भाभी को मैंने दो बार और चोदा और एक बार उनकी गांड भी मारी. जब हम लोग निकले तो दोनों ही पुरे तृप्त हो चुके थे.

भाभी अब तो जब मैं भी उनके घर जाता हूँ तो मुझे फटफट चोदने के लिए कहती हैं. मेरी तो चांदी ही चांदी हैं….!