दिल्‍ली की महिलाओं में बढ़ा चुदाई के बाद ई-पिल्‍स का क्रेज

दिल्‍ली की महिलाओं में बढ़ा चुदाई के बाद ई-पिल्‍स का क्रेज बेधड़क कर रहीं उपयोग

ipill गर्भनिरोधक

दिल्‍ली की महिलाओं में बढ़ा चुदाई के बाद ई-पिल्‍स का क्रेज बेधड़क कर रहीं उपयोग :

दिल्‍ली में दंपत्तियों के बीच इमरजेंसी गर्भनिरोधक गोलियों (ई-पिल्स) का ट्रेंड चल रहा है। इन ई-पिल्स ने कंडोम और बर्थ कंट्रोल गोलियों की जगह ले ली है। इसकी आसान उपलब्धता से यह लोकप्रिय तो हो गया है पर इससे फायदे के बजाय अधिक नुकसान होगा। इन गोलियों की वजह से 14 साल पहले अनचाहे गर्भ को रोकने के लिए सरकार की ओर से की गयी पहल भी पीछे हो गयी है।

इंडिया टुडे के अनुसार, कस्टमर की उम्र की परवाह किए बिना अधिकांश दवा दुकानदार ऐसी गोलियों को बेच रहे हैं और ये स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी सर्विस डिलीवरी गाइडलाइंस को भी नजरअंदाज कर रहे हैं। यह दावा लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, सफदरजंग हॉस्पीटल और हमदर्द इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च ने भी किया है।

राजधानी स्थित 81 दवा के दुकानों पर किए गए अध्ययन के बाद यह निष्कर्ष निकाला गया है। अध्ययन के लिए दुकानों पर दो नाबालिग समेत चार लोगों को भेजा गया जो कस्टमर के रूप में वहां पहुंचे।

किसी दुकान वाले ने कस्टमर द्वारा ई-पिल्स खरीदे जाने को लेकर सवाल करना भी उचित नहीं समझा। लेडी हार्डिंग कॉलेज की प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर, डॉक्टर पिकी सक्सेना ने कहा, ‘करीब 79 फीसद कस्टमर को इन गोलियों के साइड इफेक्ट या फिर मेंस्ट्रुअल (मासिक धर्म) साइकिल में होने वाले बदलावों के बारे में पता के बारे में पता नहीं होता है।‘

स्वास्थ्य मंत्रालय के सर्विस डिलीवरी गाइडलाइंस के अनुसार, सभी प्रदाताओं को गर्भनिरोधक गोलियां देते समय इसके नियमित उपयोग और उचित सूचनाओं के साथ काउंसलिंग के बारे में सूचित करना चाहिए।

उन्होंने कहा,’यह चौंकने वाली बात है कि इस कॉलेज में हमारे स्त्री रोग विभाग में प्रतिमाह केवल 350-400 मरीज ऐसे आते हैं जो दैनिक गर्भनिरोधक विधियों जैसे बर्थ कंट्रोल गोलियां और कंडोम आदि को छोड़ नियमित रूप से ई-पिल्स ले रहे होते हैं।

उन्होंने आगे बताया, ‘ई-पिल्स को अधिक मात्रा में लेने वाली महिलाएं हमारे पास आती हैं। उनमें से करीब सभी के फैलोपियन ट्यूब व वजाइनल ट्रैक्ट में इंफेक्शन होता है। वो इस बात की परवाह नहीं करतीं कि ई-पिल्स यौन संक्रमित बिमारियों से सुरक्षा प्रदान नहीं करता है। इन महिलाओं की सामान्य मान्यता होती है कि ये पिल्स भ्रूण को खत्म कर देते हैं, जो कि पूरी तरह गलत है।‘

अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं को पता चला कि 86 फीसद से अधिक दवा विक्रेताअों भी इस बात से अंजान हैं। करीब एक तिहाई फार्मेसी में अप्रशिक्षित स्टाफ हैं। एक से सवाल करने पर केवल 14 फीसद फार्मेसिस्‍टों ने बताया कि लगातार असुरक्षित सेक्स पर यह दवा प्रभावी नहीं होगा।

मौजूदा समय में अधिकांश दंपत्ति इमरजेंसी गर्भनिरोधक तरीकों को आसानी और सुविधाजनक पाते हैं और किसी हेल्थ केयर फैसिलिटी के बजाया फार्मेसिस्ट से ले लेते हैं।