मामी कि गांड – मैं जोर जोर से उनकी चूची दबा रहा था और चूस रहा था Indian Sex Maza

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स्कूल चालू हो गया और मेरा इंतजार भी चालू हो गया कि कब दिवाली की छुटियाँ आएगी और मुझे मेरे घर जाने का मौका मिलेगा।
जैसे तैसे दिन बीत गए और मैं दिवाली की छुटियों के लिए अपने घर आ गया। आते ही मैं मामी के घर चला गया जो मेरे घर के बगल में ही था। घर पर कोई नहीं था, उनके बच्चे अपने मामा के गाँव गए थे और पति काम पर गए थे।
बहुत देर तक हम बातें करते रहे लेकिन कोई भी बात हमारे बस के कारनामे के पास भी नहीं भटक रही थी और मामी तो एकदम मासूम बनी थी जैसे कुछ भी नहीं हुआ था। और डर के मारे मैं भी कोई बात नहीं कर पा रहा था।
ऐसे ही बहुत दिन बीत गए, मैं रोज़ मामी के घर पर जाता था जब उनके पति काम पर चले जाते थे।
एक दिन मुझ से रहा नहीं गया और मैंने फैसला कर लिया कि आज कुछ भी हो, मामी से पता करवा के रहूँगा कि उसके दिल में क्या है और उसको पटा के रहूँगा। बहुत देर मैं चुप ही बैठा था और मामी अपनी धुन में कोई गाना गुनगुना रही थी।
आखिर मैंने चुप्पी तोड़ी और मामी से पूछा- मामी सच बात बताना ! क्या उस रात हम जब बस से जा रहे थे, उस वक्त आप सच में सोई थी?
” क्यों ऐसे क्यों पूछ रहे हो ?”
” नहीं, बस ऐसे ही पूछ रहा था ! बताओ ना !”
” मैं तो सोई थी, लेकिन ऐसे क्यों पूछ रहे हो ?” मैं जान गया कि मामी जानबूझ कर अंज़ान बन रही थी।
” ऐसा हो ही नहीं सकता ! क्या कोई औरत इतना कुछ होने तक कैसे सो सकती है? ”
” क्या हुआ था उस रात ?”
” मामी जी, आपको सब पता है कि क्या हुआ था ! आप सब जान कर अनजान बन रही हैं !”
” नयन तुम क्या कह रहे हो, मुझे कुछ भी पता नहीं चल रहा है !”
” मामी जी उस रात जो भी मैंने किया, आपको सब पता है और आप जानबूझ कर अंज़ान बन रही हैं !”
अब मामी जान चुकी थी कि मना करने से कुछ फायदा नहीं, सो वो बोली- नयन उस रात जो भी हुआ वो सब गलती से हुआ होगा, मेरा इरादा तो कुछ भी नहीं था। तो तुम जो भी हुआ, उसे भूल जाओ, तुम अभी बहुत छोटे हो !”
” मामी जी मैं इतना भी छोटा नहीं हूँ ! आप जानती हो इस बात को ! आपने हाथ में पकड़कर देखा था !”
” और अगर आपका इरादा गलत नहीं था तो आपने मुझे तब ही रोकना था ! तब मैं इतना कुछ कर रहा था, तब तो आप बड़े मजे ले रही थी ?”
” और मुझे जब आप की जरूरत है तब मुझे याद दिला रही हो कि मैं अभी छोटा हूँ?”
” उस रात बस में जब आप मुझसे मम्मे दबवा रही थी, चूत चुसवा रही थी, उंगलियाँ डलवा रही थी और आखिर मेरा लंड हिला रही थी, और ये सब आप नींद का नाटक कर के करवा रही थी, तब मैं छोटा नहीं था ?”
” देखो नयन ऐसी बात मत करो ! मैं मानती हूँ कि मेरी गलती है ! मुझे माफ़ करो !”
” मामी बस एक बार मेरी खातिर ! वो गलती एक बार फिर करो ना !”
” मैं बहुत सपने लेकर आया हूँ ! दिन-रात बस आपका ही ख्याल था ! जाने कितनी रातो को सोया नहीं हूँ ! मुझे बस एक बार वही सब करने दो जो उस रात हुआ ! मैं आज के बाद कभी भी फिर कुछ नहीं मांगूगा !”
” नयन मैं जानती हूँ कि तुम्हारे मन की हालत कैसी होगी, लेकिन मैं शादीशुदा हूँ, मेरे बच्चे भी हैं ! अगर किसी को पता चला तो मेरी जिंदगी बर्बाद हो जाएगी !”
” मामी अगर आप मुझे एक बार के लिए हाँ नहीं करोगी तो मेरी जिंदगी बर्बाद हो जायेगी ! मैं पागल हो जाऊंगा !”
” नयन, मेरी बात को समझो ! मैं तुम्हारे हाथ जोड़ती हूँ !”
” मामी, बस एक बार ! किसी को कुछ नहीं पता चलेगा ! मैं दोबारा आपसे कुछ नहीं मांगूंगा !”
“ठीक है नयन !”
मैंने मामी के पास कोई रास्ता ही नहीं छोड़ा, हाँ बोलने के सिवा ! लेकिन वो मन से तैयार नहीं थी, यह बात मैं जान गया था, लेकिन मेरे लंड में जो आग लगी थी उसे मैं ही जानता था।
तो जैसे ही मामी ने- ठीक है कहा, मैंने उनको बाहों में ले लिया।
” रुको नयन, अभी नहीं ! दोपहर में आ जाना ! अभी कोई आ जायेगा तो मुसीबत होगी !”
मैं दोपहर में उनके घर पहुँच गया। घर पर कोई नहीं था, मेरे घर के अन्दर जाते ही मामी घर के बाहर आ गई, थोड़ी देर बाहर ही रुक कर ‘कोई देख तो नहीं रहा’ इसका जायजा लिया और अन्दर आकर दरवाजा बंद किया।
जैसे ही दरवाजा बंद किया मैंने लपक के उनको अपनी बाहों में लिया। वो कुछ कहने ही जा रही थी कि मैंने अपने होंट उनके होंटों पर रख दिए और उनका मुँह बंद कर दिया।
” मामी अब कुछ मत कहो ! मैं जिस पल का इंतजार कर रहा था, वो अब आया है ! इस पल को जीने दो मुझे !”
अब कमरे में मेरी गहरी सांसों के सिवा कोई आवाज नहीं थी। मैं पागलों की तरह मामी को चूम रहा था और वो बस मेरा जोश देख कर हैरान होकर मुझे देख रही थी। मामी की तरफ़ से कोई पहल नहीं हो रही थी, वो तो बस पुतला बनकर खड़ी थी। लेकिन मैं जानता था कि यह ज्यादा देर नहीं चलेगा, वो भी मेरे साथ मजे लेंगी क्योंकि उस रात बस में वो भी तो गर्म हो गई थी।
तो मैं उनको चूमता ही जा रहा था और अब मेरे हाथों ने अपना काम चालू कर दिया था। मैं धीरे धीरे उनके मम्मे दबा रहा था।
क्या मम्मे थे उनके ! आज दिन के उजाले में मुझे उनके दर्शन होने वाले थे।
मैंने उनके ब्लाउज़ के हुक खोल दिए।
अब वो बड़ी-बड़ी और गोरी-गोरी चूचियाँ मेरे सामने थी जिनके लिए मैं पागल हो गया था।
मैं एक हाथ से दबा रहा था और एक को अपने मुँह में लेकर चूसे जा रहा था। मैं पूरे जोश में था क्योंकि मेरी पहली बार जो थी ! मेरे जोश ने मामी की वासना भी भड़कानी शुरु कर दी थी, उनकी सिसकारियाँ अब चालू हो गई थी और वो भी मुझे चूमने लगी थी।
मैं जोर जोर से उनकी चूची दबा रहा था और चूस रहा था। अब मेरा हाथ उनकी साड़ी खोलने लगा था और उनका हाथ मेरी ज़िप खोलने लगा था। अब मेरा लंड उनके हाथ में था और वो उसे जोर-जोर से हिलाने लगी थी।
” मामी धीरे कीजिये न ! कहीं मेरा पानी न निकल जाये !”
इस दरमियान मैंने उनकी साड़ी खोल दी थी और पैंटी निकालकर उनको पूरा नंगा कर दिया था। अब ज्यादा देर खड़े रहकर कुछ नहीं किया जा सकता था सो हम उनके बेडरूम में आ गये।
मैंने उनको बिस्तर पर बिठाया और उनके पीछे बैठकर पीछे से उनकी चूचियों को दबाने लगा और गले को चूमने लगा। अब जो नशा उन पर चढ़ रहा था वो देखने लायक था।
वो मेरे बाल पकड़ कर नोच रही थी !
मैंने धीरे से एक हाथ उनकी चूत पर रखा और सहलाने लगा। वो पागल हो रही थी। धीरे से मैंने एक उंगली चूत के अंदर डाली और हिलाने लगा और एक हाथ से चूची दबाना चालू रखा।
धीरे से उनको लिटा कर मैं उनके ऊपर आ गया था और उनकी चूची को जोर से चूसने लगा था, वो पागल हो रही थी और मुझे जोरों से भींच रही थी।
” नयन, वो करो ना ! जो उस रात को किया था !”
वो चूत चाटने के लिए कह रही थी, पर शरमा कर बोल नहीं पा रही थी।
” क्यों मामी मामा नहीं चाटते क्या ?”
” अरे वो चाटते तो क्या कहना था ! वो तो ठीक से मुझे दबाते भी नहीं ! सिर्फ़ अपना लंड चुसवाते हैं और फिर खड़ा हो गया तो अन्दर घुसा के चोदना चालू कर देते हैं !”
” कोई बात नहीं मामी ! मैं हूँ ना ! आज आपकी ऐसी चुदाई करूँगा कि आप जिंदगी भर याद रखोगी !”
मैंने जैसे ही उनकी चूत चाटना चालू किया, वो तो मचलने लगी और सिसकने लगी। शायद उनको चूत चटवाने में बहुत ही मजा आ रहा था।
” मामी क्या आप मेरा लंड मुँह में नहीं लोगी ?”
“क्यों नहीं नयन, जब उनका ले सकती हूँ तो तुम्हारा तो पूरा खा जाउंगी ! आखिर तुमने मुझे इतना सुख जो दिया है !”
मैं हैरान था, यह वही मामी है जो थोड़ी देर पहले मुझसे चुदवाना नहीं चाह रही थी।
और फिर मामी ने जो मेरा लंडा चूसना चालू किया ! मैं आपको बता नहीं पाउँगा कि कितना मजा आ रहा था !
वो पूरी लगन से मुझे खुश करने में लगी थी।
अब 69 में आकर हम दोनों पूरा मजा उठा रहे थे।
” नयन अब सहन नहीं हो रहा हैं ! जल्दी कुछ करो !”
” ठीक है मामी जी !”
मैं उनके दोनों पैरों के बीच बैठा गया और अपना लंड उनके हाथ में दिया। उन्होंने धीरे से मेरा लंड हिलाया और अपनी चूत पर रख दिया। मैं धक्का मारने ही वाला था कि उन्होंने अपनी कमर उठाई और मेरा पूरा लंड अन्दर ले लिया।
” मामी, बहुत जल्दी है क्या?”
” नयन, तुम्हें क्या बताऊँ ! तुमने तो मुझे पागल कर दिया है ! बहुत माहिर हो गए हो ! मुझे तो लगा था कि तुम अभी बच्चे हो।”
” मामी इस बच्चे को आपने ही बड़ा बना दिया है, रोज़ रात को सपने में जो आपको चोदता था !”
और मैंने अपनी गाड़ी चालू कर दी। मामी भी नीचे से कमर उठा उठा कर मजा ले रही थी।
” नयन, जोर से करो ना ! प्लीज !”
” हाँ मामी जी, आप तो बहुत जल्दी में हो ! पर मैं पूरा मजा लेना चाहता हूँ आपको तड़पाना चाहता हूँ !”
” आपने जो मुझे इतना तड़पाया है !”
मैं धीरे धीरे शॉट लगा रहा था और मामी नीचे तड़प रही थी, मुझे कस के पकड़ रही थी और पागलों की तरह चूम रही थी।
” नयन, तुम नीचे आ जाओ !”
अब मैं नीचे था और मामी मेरे ऊपर थी। वो क्या जोरों से लंड को अन्दर बाहर कर रही थी और मैं उनकी चूचियों को जोर से दबा रहा था और चूस रहा था।
” खा जाओ नयन इनको ! तुम्हारे मामा को इनकी जरुरत नहीं है शायद ! वो तो शायद मुझसे उब गए हैं !”
” कोई बात नहीं मामी ! मैं इनका ख्याल रखूँगा !”
” नयन ……… ! मैं तो गई नयन !……………हऽऽऽस्सऽऽऽऽऽ !
वो जल्दी से मेरे ऊपर से उठ गई और मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी और मैं उठकर उनकी चूत को सहलाने लगा था।
नयन ! स्स्स्स ऽऽऽ !! हय ! मैं गई नयन आऽऽस्स !
और वो जोर जोर से मेरा लंड चूसने लगी थी।
” नयन आज तुमने मुझे फिर अपनी नई नई शादी की याद दिला दी है !”
” मामी आप तो खुश हो गई ! लेकिन मेरा क्या ? मैं तो अभी खाली नहीं हुआ हूँ !”
यह सुनते ही मामी ने मेरा लंड चूसना चालू किया और ऐसा कमाल दिखाया कि ……
” मामी, मेरा निकलने वाला है ! आप हट जाइये !”
” नहीं नयन ! तुम आज मेरे मुँह में ही झड़ जाओ !”
” आ ऽऽऽऽअऽऽऽ ! मामी ! मैं तो गया मामी आऽऽस्स !
मामी ने मुझे कस के पकड़ा और पूरा लंड अपने मुँह में ले लिया। मामी मेरा पूरा वीर्य गटक गई थी और अभी भी मेरे लंड को चूसे जा रही थी…….
” क्यों नयन ? हो गए खाली ?”
” हाँ मामी ! आपने तो मेरा हर सपना सच कर दिया !”
” अरे यह क्या नयन ? तुम्हारे लंड में तो अब भी कड़ापन है ! यह तो सोने का नाम ही नहीं ले रहा है ?”
” क्या मालूम मामी ! लेकिन मैं एक राउंड और पूरा कर सकता हूँ !”
यह कह कर मैंने मामी को नीचे खींचा और फिर से उनके मम्मे दबाने लगा।
मेरा जोश अब पहले से भी ज्यादा था। क्या पता फिर मौका मिले ना मिले ? मैं उनके मम्मे चूसे ही जा रहा था और एक हाथ से चूत सहला रहा था। मैंने अब उनको चाटना चालू किया। उन्होंने अपने हाथों से सर के नीचे जो तकिया था, उसे कस के पकड़ा था। तो मैंने उनकी बगलों में चूमना चालू किया जिससे मामी पूरी सिहर उठी। धीरे धीरे चूमते हुए मैं नीचे आ गया और चूत चाटने लगा। अब मामी ने धीरे से अपने पैर उठाये और अपनी छाती के पास ले गई जिससे अब उनकी गांड का छेद मेरे सामने आ गया था।
” नयन, अगर तुमको तकलीफ ना हो तो थोड़ा इसे भी चाटो ना !”
मैंने अपनी जीभ गांड के छेद पर रखी और धीरे धीरे अपनी जीभ का जोर बढ़ाया। मामी कसमसा रही थी और नीचे से अपनी गांड उठा उठा कर मुझसे चुसवा रही थी।
” मामी क्या इस छेद को कभी किसी ने छेड़ा है ?”
” नहीं नयन, ये तो मेरी चूत को हो नहीं चाटते ! तो इसको क्या चाटेंगे !”
“मामी, मैं इसको चूसूंगा भी और बजाऊंगा भी !”
मामी अब जरा मेरा लंड गीला तो करो !”
मामी ने वापस मेरा लंड मुँह में लिया और चूसना चालू किया।
” अब मामी पेट के बल हो जाओ, मैं आपके पीछे के छेद को छेड़ता हूँ !”
” नयन, संभल के ! मैंने कभी पीछे लिया नहीं है !”
” अरे मामी जी ! तुमने कभी आगे भी नहीं लिया था ! लेकिन अब लेती हो ना !”
मैंने अपनी पकड़ बना ली और उनकी गांड पर लंड का दबाव बनाने लगा।
” नयन, धीरे से करो ! मुझे दुःख रहा है !”
” हाँ मामी ! मैं धीरे से करता हूँ !”
” मामी, एक काम करो ! आप नीचे से गांड उठाओ और धीरे से अन्दर लेने की कोशिश करो !”
लंड तो अब मेरा भी दुखने लगा था क्योंकि गांड का छेद बहुत ही छोटा था। मामी ने अपनी गांड नीचे से उठानी शुरू कर दी थी। वो गांड तो नीचे से उठा रही थी, साथ में चिल्ला भी रही थी।
” नयन, आऽऽऽऽ आआआऽऽऽ बहुत दर्द हो रहा है नयन……!”
अब लंड आधा अन्दर जा चुका था और मामी अब गांड आगे खींचने लगी थी। मुझे लगा कि मामी अब बाहर निकलेगी तो मैंने मामी को पेट के नीचे हाथ डाल कर पकड़ लिया और ऊपर से ऐसा जोर लगाया कि लंड अन्दर धंसने लगा। मामी की तो चीख ही निकलने वाली थी पर उसने जैसे तैसे रोक ली।
” मामी, अब पूरा अन्दर गया है ! अब कैसा लग रहा है ?”
” नयन, बहुत ही दर्द हो रहा है !”
” मामी, थोड़ा सहन करो ! और आपको दर्द ना हो, इस तरह से अपनी गांड नीचे से हिलाओ !”
” हाँ मामी ! बस इसी तरह से धीरे धीरे हिलाओ !”
मामी ने अपना काम चालू कर दिया था।
” मामी, कैसा लग रहा है ?”
” नयन, यह तो अलग ही अनुभव है ! मुझे बहुत ही मजा आ रहा है ! तुम भी कमर हिलाओ ना ! मजा आ रहा है बहुत !”
अब मैंने अपने शॉट धीरे से चालू किये जिससे उनको तकलीफ़ ना हो।
लेकिन मामी पूरे जोश में आ गई थी, वो तो नीचे से गांड हिला हिला कर लंड ले रही थी।
मैं भी जोरों पर था और और एक हाथ से उनकी चूची भी दबा रहा था।
बहुत देर ये खेल चला !
” मामी, क्या बस करूँ गांड की ठुकाई?”
” हाँ नयन, अब जरा मेरी चूत पर जोर लगाओ !”
मैंने गांड से लंड बाहर निकाला और उनको घोड़ी बना कर उनकी चूत में डाल दिया और पूरी गति से कमर हिलाने लगा।
मामी की सिसकारियाँ रुक रुक कर निकल रही थी जो के मेरे धक्के के कारण हो रहा था।
” मामी, कैसा लग रहा है?”
” नयन, मत पूछो ! तुम अपना काम चालू रखो !”
” नयन ! आआऽऽऽ आआआआअ……. क्या मजा आ रहा है ! मैं तो पागल थी जो तुम्हें चोदने को मना कर रही थी !”
” नयन, मैं निकलने वाली हूँ मुझे कस लो नयन ! आआऽऽऽ आआआआअ……. ! “
मैंने मामी की हालत जान ली और पीछे से उनको कस कर पकड़ लिया।
मामी ने अपनी चूत को मेरे लंड पर कस लिया जिस कारण मैं भी मचलने लगा।
” मामी, ऐसे ही चूत से दबाओ मेरे लंड को ! मैं भी निकलने वाला हूँ…………मामी ऽऽऽ ! “
और मैं और मामी एक साथ झड़ने लगे। मेरे लंड का फव्वारा मामी की चूत में खाली हो रहा था और मामी भी अपनी चूत के होंट दबा दबा कर मेरा पूरा लंड खाली करवा रही थी।
” क्यों नयन, मजा आया ?”
” बहुत मामी ……………..बहुत मजा आया !”
“अरे अभी कहाँ ? मजा तो अब तुझे दूंगी जो तुम जिन्दगी भर नहीं भूलोगे !”
और मामी ने मेरा मुरझाया हुआ लंड अपने मुँह में लिया और अपनी जबान से और दातों से उसे चूसने लगी। मेरी हालत तो ख़राब हो रही थी, एक तो पहले ही मैं दो बार झड़ चुका था।
” मामी बस करो ना ! अब मेरे लंड में दर्द हो रहा है !”
” नयन, यह दर्द बस थोड़ी देर सहन करो ! फिर देखो !”
थोड़ी देर बाद मेरी लंड में जान आने लगी और वो वापिस पहले की तरह तैयार हो गया। मामी मेरे लंड को निहार निहार कर चाट रही थी। शायद उनको लंड चूसना बहुत ही पसंद था।
” नयन, तुम्हरे लंड में तो बड़ा जोर हैं ! यह तो तीसरी बार भी तैयार हो गया है?”
” यह तो आप के मुँह में लेने की कला के वजह से हो रहा है !”
” अब मेरी समझ में आया कि मेरी गांड में इतना दर्द क्यों हुआ ! यह तो कितना बड़ा है !”
” अब आपको पता चला ? जब चूत और गांड दोनों चोद कर हो गया ?”
” अरे तुमने देखने ही कहाँ दिया? जब देखो मशीन चालू थी तुम्हारी !”
” हाँ मामी ! अब क्या करना है मुझे ?”
” नयन, चूत और गांड तो तुमने चोद दी ! अब मैं तुम्हें मुँह चोदना सिखाती हूँ।
मामी ने मुझे घोड़ा बना दिया और मेरे नीचे आ कर नीचे से मेरे लंड को पकड़ा।
” नयन, जैसे तुमने मेरी चूत चोदी और मेरी गांड चोदी, उसी तरह अब मेरे मुँह को चूत समझ कर जोर से चोदो !”
मैंने जैसे ही अपनी कमर हिलाना चालू किया, मामी ने अपने मुँह से कमाल दिखाना चालू किया, नए-नए तरीके से मेरे लंड को मुँह में चूस रही थी, कभी अपने होंटों का दबाव बना कर, कभी अपनी जबान से सहला कर मुझे पागल कर रही थी।
मैं भी अब पूरी गति से उनके मुँह में लंड को हिला रहा था। मैं अब घुटनों के बल बैठ गया और मामी वैसे ही नीचे से सर हिला के अपने मुँह को खुद चुदवा रही थी।
मैंने एक हाथ पीछे किया और उनकी चूत में उंगली डाल दी। मामी अब आगे से सर हिला के मुँह को चुदवा रही थी और कमर हिला एक चूत में उंगली ले रही थी। अब मेरा बदन अकड़ने लगा था। मामी अपने मुँह का कमाल दिखा रही थी। मैं अब अपने हाथों पर आ गया और कमर हिला हिला के मामी का मुँह चोदने लगा।
मामी पूरा लो ! खा जाओ ! मैं तो झड़ने वाला हूँ ऽऽ !!
और एक जोरदार धक्का लगाकर मैं उनके मुँह में झड़ गया। पहले की तरह मामी ने मेरा वीर्य पूरा चाट लिया और मेरे लंड को साफ कर दिया।
फिर हमने उठ कर कपड़े पहन लिए।
” मामी, मैं निकलता हूँ ! आपने आज मेरा सपना पूरा कर दिया ! अब मैं आप से दोबारा कुछ नहीं मांगूंगा !”
” नयन भले ही तुम मुझे दोबारा कुछ नहीं मांगो, लेकिन तुमने आज जो ख़ुशी मुझे दी है, अब मैं तुमसे रोज तुम्हारा लंड मांगूंगी ! तो फिर नयन कल दोपहर को आओगे ना? मैं तुम्हारा इंतजार करुँगी।”
तो दोस्तो ! कैसी लगी मेरी आगे की कहानी ?
अब तो मैं इतना चोदने का आदि हो गया हूँ कि जब तक दो बार झड़ता नहीं, मैं नीचे उतरता ही नहीं।