भिखारन को कॉल गर्ल बनाकर खूब बुरी तरह चोदा गन्दी सेक्स कहानी

रास्ते की सुन्दर भिखारन को कॉल गर्ल बनाकर खूब बुरी तरह से चोदा XXX गन्दी हिंदी सेक्स कहानी : किसी ने सही कहा है, कि जब किसी पर हवस का भूत सवार होता है तो उसको कुछ भी नज़र नहीं आता. उसके सामने चाहे कोई भी हर की परी हो या कोई रास्ते पर पड़ी भिखारन; वो अपनी वासना को पूरी तरह से तृप्त नहीं कर लेता, उसे चैन नहीं पड़ता. मै भी ऐसा ही हु. एक नंबर का ठरकी, वासना में लिप्त और जब भी मै किसी इंडियन औरत को देखता तो मुझे उसका चेहरा नज़र नहीं आता, सिर्फ नज़र आते है गरम औरत की गांड और उसके भरे हुए मोटे गोल चुचे और उनपर झांकते हुए निपप्ले.

मेरी शादी हुई नहीं हुई थी, तो अक्सर मुझे सिर्फ अपने लंड का मुठ मार कर काम चलाना पड़ता और अगर कोई मौका मिलता, तो मै उसको नहीं छोड़ता और अपने लंड की हवस और वासना को बुझा लेता। मै रात में जब भी ऑफिस से निकलता, तो मुझे काफी लेट हो जाता था और मेरे रास्ते में एक माल पड़ता था और उसके बाहर एक भिखारी का परिवार सोता था. एक दिन मै दिन में माल गया और देखा, कि माल के बाहर एक बहुत गरम औरत भीख मांग रही थी.

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वो गंदे कपड़ो में थी, लेकिन मेरे जैसे ठरकी इंसान को उसके कपड़े या उसके रंग से कोई मतलब नहीं था. मै तो बस उसके फटी ब्लाउज़ में से हलके दीखते हुए चुचो को ताड़ रहा थ. वो समझ गयी और बोली, घर में माँबहन नहीं है बाबू? मुझे क्या घूर रहे हो? मैने उसके हाथ में १० का नोट रखा और उसके बारे में पूछने लगा. वो मुस्कुराते हुए बोली, बाबू क्या इरादे है? १० रुपया में कुछ नहीं आता, कुछ दाम बोलो फिर नज़ारा देखो; मै समझ गया कि ये चलती है और उसके हाथ में १०० का नोट रख दिया और बोला बाकी जब मुझे नज़ारा दिखोगी.

इंडियन औरत खुश हो गयी और मुझे माल की पार्किंग में आने को बोला. मै कुछ डर रहा था. लेकिन, मेरे डर पर मेरी हवस हावी हो चुकी थी और वो मुझे पार्किंग के अंदर ले गयी. वहा कोई ज्यादा रौशनी नहीं थी. लेकिन, मै इंडियन औरत भिखारन को देख सकता था. उसने अपने ब्लाउज़ को बटन खोल दिया और ब्रा नहीं पहनने के कारण उसके बड़े और गोरे चुचे बाहर लटक पड़े. मेरी आँखे उनपर चिपक गयी. मुझे नहीं पता था, कि उसके चेहरे पर काला रंग नकली है.

अब तो मेरा लंड बहुत तेज पेंट में उफान मार रहा था और मेरे मुह से लार टपकने लगी थी. अब तो वो समझ रही थी और उसने मेरा हाथ पकड़कर अपने चुचो पर रख दिया और मस्ती में बोला इस्स्स्स्स्स्स्स्. मैने उसको जब अपनी तरफ खींचा। तो उसने बीच में अपना हाथ लगा लिया और बोली रात को ११ बजे. मै घर वापस आ गया और मुझे बड़ी बैचेनी थी और मै बेसब्री से रात का इंतज़ार कर रहा था. ११ बजने वाले थे और मै वहा पर पहुंच गया और देख की वहा कोई नहीं था. काफी देर इंतज़ार करने के बाद मुझे लगने लगा, कि बेटे आज चूतिया बन गया. मै वापस जाने को मुड़ा, तो देखा की एक मस्त लड़की सामने खड़ी है.

वो इंडियन औरत मेरे पास आई और बोली, बाबू अब बोलो. लग रही हु ना मस्त और आते ही मुझसे चिपक गयी. मैने भी उसकी कमर के इर्द-गिर्द हाथ डालकर उसको अपने करीब खीच लिया और उसके बालो की लटो को उसके चेहरे से हटा दिया; मै विश्वास नहीं कर पारहा था. कि ये इंडियन औरत वही भिखारन है, जो मुझे कुछ देर पहले मिली थी. अब मुझसे कुछ नहीं सोचा और समझा जा रहा था और मैने उसके और करीब आकर उसके होठो को चूमना शुरू कर दिया.

उसके हाथो ने मेरे कपड़ो को पकड़ लिया और मेरे से और भी ज्यादाचिपक गयी. वो मुझे खिचती हुई एक अँधेरे कोने ले गयी गयी और कुछ एक प्लेटफॉर्म पर बैठ गयी और मेरी पेंट खोलने लगी. उसने मेरी पेंट खोल दी और मेरा अंडरवियर उतार को मेरे लंड को आज़ादी दे दी और मेरे लंड को मस्ती में सहलाने लगी और मुठ मारती हुई मेरेलंड को अपने मुह में लिया और मस्ती में चूसने लगी.

मैने अपने हाथ अपनी गांड पर रख लिए और अपनी गांड हिलाकर उसके मुँह को चोदने लगा. वो इंडियन औरत मस्ती में मेरा लंड चूस रही थी और मेरे मुँह से हलकी सिसकिया निकलने लगी थी. इंडियन औरत नेमुझे ज्यादा आवाज़ निकालने के लिए मना किया, लेकिन मै अपनेआप को रोक ही नहीं पा रहा था. जिस तरीके से वो इंडियनऔरत मेरे लंड को चूस रही थी. मुझे तो लग रहा था, कि वो मेरा माल ऐसे ही निकाल देगी.

अब मैने उसके मुँह से अपना लंड बाहर खीच लिया और उसको जमीन पर लिटा दिया और उसके कपड़े खोल दिए. उसने नीचे ब्रा-पेंटी नहीं पहनी थी और वो एक झटके नंगी हो गयी. उसके गोरे गरम बदन को देखकर मेरे मुँह में पानी आ गया और मेरे मुँह से लार टपकनेलगी. वो हँस पड़ी और अपनी टाँगे मेरे लिए खोल दी. अब वो इंडियन औरत कामुक मुद्रा में अपने को चोदने को बुलाने लगी और मै उसके पास गया और उसकी टांगो के बीच में से झांकती हुई गुलाबी चूत को घूरने लगा.

वो रास्ते की सुन्दर भिखारन बोली हराम के पिल्लै ! देखने के पैसे देगा या या चुत चोदने के. मै अपने घुटनो पर बैठ गया और मैने अपने लंड को सीधे अपनी चूत पर लगा दिया और गांड पर अपने हाथ रखकर अपनी गांड को जोर से धक्का मार दिया। मेरा लंड एक ही बार सररररर करते हुए उस रास्ते की सुन्दर भिखारन की चूत में समां गया. लंड चुत में घुसते ही उस रास्ते की सुन्दर भिखारन के मुँह से चीख निकल पड़ी और मैने उसके चुचो पर हाथ रख लिए और उसको मस्ती में उसके चुचो को मसलने लगा.

मेरे हर धक्के के साथ उसके और मेरे मुह से कामुक आवाज़े निकल रही थी.…ऊऊऊओ रंडी साली, बहुत गरम चूत है तेरी, ओहिहिह मर गया,बस गिरने वाला हु. ओहोहोह, बड़ा हरामी है तू साले. हम दोनों मुस्कुरा रहे थे और मस्ती में चोद रहे थे. कुछ ही देर में, मैने अपने लंड को बाहर खीच लिया और अपने हाथ मुठ मारते हुए, उसकी चूत पर झाड़ दिया. मज़ा आ गया था. वो उठी और मुझसे ५०० रुपया लेकरचली गयी. मै २-३ बार उससे और मिला और हर बार यही सोचता था “साली भिखारन है या कॉल गर्ल”