पापा मम्मी के साथ पीछे से सू सू घुसा कर कुछ कर रहे थे – सू सू का नाम लण्ड है और तेरी सू सू को..

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मैं अपने घर में एकलौती लड़की हूँ। लाड़ प्यार ने मुझे जिद्दी बना दिया था। बोलने में भी मैं लाड़ के कारण तुतलाती थी। मैं सेक्स के बारे में कम ही जानती थी। पर हां कॉलेज तक आते आते मुझे चूत और लण्ड के बारे में थोड़ा बहुत मालूम हो गया था। मेरी माहवारी के कारण मुझे थोड़ा बहुत चूत के बारे में पता था पर कभी सेक्स की भावना मन में आई ही नहीं। लड़को से भी मैं बातें बेहिचक किया करती थी। पर एक दिन तो मुझे सब मालूम पड़ना ही था।
आज रात को जैसे ही मैंने अपना टीवी बन्द किया, मुझे मम्मी पापा के कमरे से एक अनोखी सी आवाज आई। मैंने बाहर निकल कर अपने से लगे कमरे की तरफ़ देखा तो लाईट जल रही थी पर कमर सब तरफ़ से बन्द था। मैं अपने कमरे में वापस गई। मुझे फिर वही आवाज आई। मेरी नजर मेरे कमरे से लगे हुये दरवाजे पर टिक गई। मैंने परदा हटाया तो बन्द दरवाजे में एक छेद नजर आया, जो नीचे था। मैंने झुक के कमरे में देखने की कोशिश की। एक ही नजर में मुझे मम्मी पापा दिख गये। वे नंगे थे और कुछ कर रहे थे।
मैंने तुरन्त कमरे की लाईट बन्द की और फिर उसमें से झांकने लगी। पापा के चमकदार गोल गोल चूतड़ साफ़ नजर रहे थे। सामने बड़ी सी उनकी सू सू तनी हुई दिख रही थी। पापा के चूतड़ कितने सुन्दर थे, उनका नंगा शरीर बिल्कुल किसी हीरोनहीं हीमैननहीं सुपरमैनकी तरह था। मैं तो पहली नजर में ही पापा पर मुग्ध हो गई। पापा की सू सू मम्मी के चूतड़ो में घुसी हुई सी नजर रही थी। पापा बार बार मम्मी के बोबे दबा रहे थे, मसल रहे थे। मुझे कुछ भी समझ में नहीं आया। झुक कर बस देखती रहीहां, मम्मी को इसमें आनन्द रहा था और पापा को भी बहुत मजा रहा था। कुछ देर तक तो मैं देखती रही फिर मैं बिस्तर पर कर लेट गई। सुना तो था कि सू सू तो लड़कियों की सू सू में जाती हैये तो चूतड़ों के बीच में थी। असमन्जस की स्थिति में मैं सो गई।
दूसरे दिन मेरा चचेरा भाई चीकू गया। मेरी ही उम्र का था। उसका पलंग मेरे ही कमरे में दूसरी तरफ़ लगा दिया था। सेक्स के मामले में मैं नासमझ थी। पर चीकू सब समझता था। रात को हम दोनों मोबाईल से खेल रहे थेकि फिर से वही आवाज मुझे सुनाई दी। चीकू किसी काम से बाहर चला गया था। मैंने भाग कर परदा हटा कर छेद में आंख लगा दी। पापा मम्मी के ऊपर चढ़े हुए थे और अपने चूतड़ को आगे पीछे कर के रगड़ रहे थे। इतने में चीकू गया
क्या कर रही है गौरी… ?” चीकू ने धीरे से पूछा।
चुपआजा ये देखअन्दर मम्मी पापा क्या कर रहे हैं?” मैंने मासूमियत से कहा
हट तो जरादेखूँ तो !” और चीकू ने छेद पर अपनी आंख लगा दी। उसे बहुत ही मजा आने लगा था।
गौरी, ये तो मजे कर रहे हैं … !” चीकू उत्सुकता से बोला।
पजामे में भी चीकू के चूतड़ भी पापा जैसे ही दिख रहे थे। अनजाने में ही मेरे हाथ उसके चूतड़ों पर पहुंच गये और सहलाने लगे।
अरे हट, ये क्या कर रही है… ?” उसने बिना मुड़े छेद में देखते हुये मेरे हाथ को हटाते हुये कहा।
ये बिल्कुल पापा की तरह गोल गोल मस्त हैं ना… !” मैंने फिर से उसके चूतड़ों पर हाथ फ़ेरा। मैंने अब हाथ नीचे ले जाते हुये पजामें में से उसका लण्ड पकड़ लियावो तो बहुत कड़ा था और तना हुआ था… !
चीकू ये तो पापा की सू सू की तरह सीधा है… !”
वो एक दम उछल सा पड़ा
तू ये क्या करने लगी हैचल हट यहां से… !” उसने मुझे झिड़कते हुये कहा।
पर उसका लण्ड तम्बू की तरह उठा हुआ था। मैंने फिर से भोलेपन में उसका लण्ड पकड़ लिया
पापा का भी ऐसा ही है ना मस्त… ?” मैंने जाने किस धुन में कहा। इस बार वो मुस्करा उठा।
तुझे ये अच्छा लगता है…? ” चीकू का मन भी डोलने लगा था।
आप तो पापा की तरह सुपरमैन हैं ना… ! देखा नहीं पापा क्या कर रहे थेमम्मी को कितना मजा रहा थाऐसे करने से मजा आता है क्या… ” मेरा भोलापन देख कर उसका लण्ड और कड़क गया।
आजा , वहाँ बिस्तर पर चलएक एक करके सब बताता हूँ !” चीकू ने लुफ़्त उठाने की गरज से कहा। हम दोनों बिस्तर पर बैठ गयेउसका लण्ड तना हुआ था।
इसे पकड़ कर सहला… !” उसने लण्ड की तरफ़ इशारा किया। मैंने बड़ी आसक्ति से उसे देखा और उसका लण्ड एक बार और पकड़ लिया और उसे सहलाने लगी। उसके मुख से सिसकारी निकल पड़ी।
मजा रहा है भैया… ?”
उसने सिसकारी भरते हुये हां में सर हिलाया,” अब मैं तेरे ये सहलाता हूँदेख तुझे भी मजा आयेगा… !” उसने मेरी चूंचियों की तरफ़ इशारा किया।
मैंने अपना सीना बाहर उभार दिया। मेरी छोटी छोटी दोनों चूंचियां और निपल बाहर से ही दिखने लगे।
उसने धीरे से अपना हाथ मेरी चूंचियों पर रखा और दबा दिया। मेरे शरीर में एक लहर सी उठी। अब उसके हाथ मेरी पूरी चूंचियों को दबा रहे थे, मसल रहे थे। मेरे शरीर में वासना भरी गुदगुदी भरने लगी। लग रहा था कि बस दबाते ही रहे। ज्योंही उसने मेरे निपल हल्के से घुमाये, मेरे मुँह से आनन्द भरी सीत्कार निकल गई।
भैया, इसमें तो बड़ा मजा आता है… !”
तो मम्मी पापा यूँ ही थोड़े ही कर रहे हैं… ? मजा आयेगा तभी तो करेंगे ना… ?”
पर पापा मम्मी के साथ पीछे से सू सू घुसा कर कुछ कर रहे थे नाउसमें भी क्या… ?”
अरे बहुत मजा आता हैरुक जाअभी अपन भी करेंगेदेख कैसा मजा आता है !”
देखो तो पापा ने अपनी सू सू मेरे में नहीं घुसाईबड़े खराब हैं … !”
ओह होचुप हो जापापा तेरे साथ ये सब नहीं कर सकते हैंहां मैं हूँ ना !”
क्यातुझे आता है ये सब… ? फिर ठीक है… !”
अब मेरे लण्ड को पजामे के अन्दर से पकड़ और फिर जोर से हिला… ”
क्या लण्डये तो सू सू है नालण्ड तो गाली होती है ना ?
नहीं गाली नहींसू सू का नाम लण्ड हैऔर तेरी सू सू को चूत कहते हैं !”
मैं हंस पड़ी ऐसे अजीब नामों को सुनकर। मैंने उसके पजामे का नाड़ा खोल दिया और पजामा नीचे करके उसका तन्नाया हुआ लण्ड पकड़ लिया और कस कर दबा लिया।
ऊपर नीचे करआह हांऐसे हीजरा जोर से कर… !”
मैं लण्ड उसके कहे अनुसार मसलती रहीऔर मुठ मारती रही।
गौरी, मुझे अपने होंठो पर चूमने दे… !”
उसने अपना चेहरा मेरे होंठो से सटा दिया और बेतहाशा चूमने लगा। उसने मेरा पजामा भी नाड़ा खोल कर ढीला कर दियाऔर हाथ अन्दर घुसा दिया। उसका हाथ मेरी चूत पर गया। मेरा सारा जिस्म पत्ते की तरह कांपने लगा था। सारा शरीर एक अद्भुत मिठास से भर गया था। ऐसा महसूस हो रहा था कि अब मेरे साथ कुछ करे। मेरे में समां जाये… … शायद पापा की तरह लण्ड घुसा दे
उसने जोश में मुझे बिस्तर पर धक्का दे कर लेटा दिया और मेरे शरीर को बुरी तरह से दबाने लगा था। पर मैंने अभी तक उसका लण्ड नहीं छोड़ा था। अब मेरा पजामा भी उतर चुका था। मेरी चूत पानी छोड़ने लगी थी। पर मस्ती में मुझे यह नहीं मालूम था कि चूत चुदने के लिये तैयार हो चुकी थी। मेरा शरीर लण्ड लेने के लिये मचल रहा था।
अचानक चीकू ने मेरे दोनों हाथ दोनों तरफ़ फ़ैला कर पकड़ लिये और बोला,”गौरी, मस्ती लेनी हो तो अपनी टांगें फ़ैला दे… !”
मुझे तो स्वर्ग जैसा मजा रहा था। मैंने अपनी दोनों टांगें खोल दीउससे चूत खुल गई। चीकू मेरे ऊपर झुक गया और मेरे अधरों को अपने अधर से दबा लियाउसका लण्ड चूत के द्वार पर ठोकरें मार रहा था। उसके चूतड़ों ने जोर लगाया और लण्ड मेरी चूत के द्वार पर ही अटक कर फ़ंस गया। मेरे मुख से चीख सी निकली पर दब गई। उसने और जोर लगाया और लण्ड करीब चार इंच अन्दर घुस गया। मेरा मुख उसके होंठो से दबा हुआ था। उसने मुझे और जोर से दबा लिया और लण्ड का एक बार फिर से जोर लगा कर धक्का मारालण्ड सब कुछ चीरता हुआ, झिल्ली को फ़ाड़ता हुआअन्दर बैठ गया।
मैं तड़प उठी। आंखों से आंसू निकल पड़े। उसने बिना देरी किये अपना लण्ड चलाना आरम्भ कर दिया। मैं नीचे दबी कसमसाती रही और चुदती रही। कुछ ही देर में चुदते चुदते दर्द कम होने लगा और मीठी मीठी सी कसक शरीर में भरने लगी। चीकू को चोदते चोदते पसीना गया था। पर जोश जबरदस्त था। दोनों जवानी के दहलीज़ पर आये ही थे। अब उसके धक्के चलने से मुझे आनन्द आने लगा था। चूत गजब की चिकनी हो उठी थी। अब उसने मेरे हाथ छोड़ दिये थेऔर सिसकारियाँ भर रहा था।
मेरा शरीर भी वासना से भर कर चुदासा हो उठा था। एक एक अंग मसले जाने को बेताब होने लगा था। मुझे मालूम हो गया था कि मम्मी पापा यही आनन्द उठाते हैं। पर पापा यह आनन्द मुझे क्यों नहीं देते। मुझे भी इस तरह से लण्ड को घुसा घुसा कर मस्त कर दें कुछ देर में चीकू मुझसे चिपक गया और उसका वीर्य छूट गया। उसने तेजी से लण्ड बाहर निकाला और चूत के पास दबा दिया। उसका लण्ड अजीब तरीके से सफ़ेद सफ़ेद कुछ निकाल रहा था। मेरा यह पहला अनुभव था। पर मैं उस समय तक नहीं झड़ी थी। मेरी उत्तेजना बरकरार थी।
कैसा लगा गौरी…? मजा आता है ना चुदने में…? ”
भैया लगती बहुत है… ! आआआआये क्या…?” बिस्तर पर खून पड़ा था।
ये तो पहली चुदाई का खून हैअब खून नहीं निकलेगाबस मजा आयेगा… !
मैं भाग कर गई और अपनी चूत पानी से धो लीचादर को पानी में भिगो दी। वो अपने बिस्तर में जाकर सो गया पर मेरे मन में आग लगी रही। वासना की गर्मी मुझसे बर्दाश्त नहीं हुई। रात को मैं उसके बिस्तर पर जाकर उस पर चढ़ गई। उसकी नींद खुल गई
भैया मुझे अभी और चोदोपापा जैसे जोर से चोदो… !”
मतलब गाण्ड मरवाना है… !”
छीः भैया, गन्दी बात मत बोलोचलोमैंने अपना पजामा फिर से उतार दिया और मम्मी जैसे गाण्ड चौड़ी करके खड़े हो गई। चीकू उठा और तुरंत क्रीम ले कर आया और मेरी गाण्ड में लगा दी।
गौरी, गाण्ड को खोलने की कोशिश करनानहीं तो लग जायेगी… ” मैंने हाँ कर दी।
उसने लण्ड को मेरी गाण्ड के छेद पर लगाया और कहा,”गाण्ड भींचना मतढीली छोड़ देना… ” और जोर लगाया।
एक बार तो मेरी गाण्ड कस गई, फिर ढीली हो गई। लण्ड जोर लगाने से अन्दर घुस पड़ा। मुझे हल्का सा दर्द हुआउसने फिर जोर लगा कर लण्ड को और अन्दर घुसेड़ा। चिकनाई से मुझे आराम था। लण्ड अन्दर बैठता गया।
हायपूरा घुस गया ना, पापा की तरह… ?” मुझे अब अच्छा लगने लगा था।
हां गौरीपूरा घुस गयाअब धक्के मारता हूँमजा आयेगा अब… !”
उसने धक्के मारने शुरू कर दिये, मुझे दर्द सा हुआ पर चुदने लायक थी। कुछ देर तक तो वो गाण्ड में लण्ड चलाता रहा। मुझे कुछ खास नहीं लगा, पर ये सब कुछ मुझे रोमांचित कर रहा था। पर वासना के मारे मेरी चूत चू रही थी।
चीकू, मुझे जाने कैसा कैसा लग रहा हैमेरी चूत चोद दे यार… !”
चीकू को मेरी टाईट गाण्ड में मजा रहा था। पर मेरी बात मान कर उसने लण्ड मेरी चूत में टिका दिया और इस बार मेरी चूत ने लण्ड का प्यार से स्वागत किया। चिकनी चूत में लण्ड उतरता गया। इस बार कोई दर्द नहीं हुआ पर मजा खूब आया। तेज मीठा मीठा सा कसक भारा अनुभव। अब लगा कि वो मुझे जम कर चोदे। मम्मी इतना मजा लेती हैं और मुझे बताती भी नहीं हैंसब स्वार्थी होते हैंसब चुपके चुपके मजे लेते रहते हैं मैंने बिस्तर अपने हाथ रख दिये और चूत और उभार दी। अब मैं पीछे से मस्ती से चुद रही थी। मेरी चूत पानी से लबरेज थी। मेरे चूतड़ अपने आप ही उछल उछल कर चुदवाने लगे थे। उसका लण्ड सटासट चल रहा थाऔरऔरमेरी मांये क्या हुआचूत में मस्ती भरी उत्तेजना सी आग भरने लगी और फिर मैं उसे सहन नहीं कर पाईमेरी चूत मचक उठीऔर पानी छोड़ने लगीझड़ना भी बहुत आनन्द दायक था।
तभी चीकू के लण्ड ने भी फ़ुहार छोड़ दीऔर उसका वीर्य उछल पड़ा। लण्ड बाहर निकाल कर वो मेरे साथ साथ ही झड़ता रहा। मुझे एक अजीब सा सुकून मिला। हम दोनों शान्त हो चुके थे।
चीकूमजा गया यारअब तो रोज ही ऐसा ही करेंगे … !” मैंने अपने दिल की बात कह दी।
गौरी, मेरी मासूम सी गौरीकितना मजा आयेगा नाअपन भी अब ऐसे ही मजे करेंगेपर किसी को बताना नहींवर्ना ये सब बंद तो हो ही जायेगापिटाई अलग होगी…!”
चीकूतुम भी मत बतानामजा कितना आता है ना, अपन रोज ही मस्ती मारेंगे… ”
हम दोनों ही अब आगे का कार्यक्रम बनाने लगे।