बाजू वाली संध्या भाभीजान की चुदाई – वो चिल्लाई-ओह्ह मर गई मैं दर्द हो रहा है मुझे !अभी मेरा आधा लण्ड उसकी चूत में गया था

बाजू वाली संध्या भाभीजान की चुदाई – वो चिल्लाई-ओह्ह मर गई मैं दर्द हो रहा है मुझे !अभी मेरा आधा लण्ड उसकी चूत में गया था

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आज से दो महीने पहले की बात है मैं अपनी बाईक से बाज़ार जा रहा था, तो मेरे से घर से बाजू वाली संध्या भाभी रास्ते में कही जा रही थी। सो मैंने उससे पूछा- संध्या भाभी ! चलो मैं तुम्हें छोड़ दूंगा मैं बाज़ार जा रहा हूँ। वो भी बाज़ार जा रही थी सो तैयार हो मेरे पीछे बाइक पर बैठ गई .बाज़ार में हमने काफी कपड़े खरीदे
शोपिंग करने के बाद मैंने उसे कहा- चलो कहीं जूस या काफ़ी पीते हैं। उसने कहा- चलो !
सामने के कोफ़ी हाउस में हम पहुंचे।काफी का आर्डर देने के बाद  मैंने उससे पूछा कि तुम्हे जल्दी तो घर नहीं जाना है तो वो बोली- वो तो पन्द्रह दिन के लिए बाहर गए हुए हैं इसलिए कोई जल्दी नहीं है
मैंने संध्या से कहा- तो चलो आज खाना मेरे दोस्त के गेस्ट हाउस में खाते हैं। वो तैयार हो गयी।धीरे धीरे हमारी बाते खुलकर होने लगी बातो बातो में उसने बताया मेरे पति मुझे कभी संतुष्ट नहीं कर पाए है।फ़िर मैं उसको अपने एक दोस्त के गैस्ट हाऊस में ले गया।काफी पीते पीते मैंने दोस्त से कमरे के लिए बात कर ली  सो मेरे दोस्त ने मुझे बहुत अच्छा ऐ सी कमरा दिया वहा हमने खाना खाकर आराम से कमरे में बेठे थे संध्या उस समय खुबसूरत लग रही थी मैंने कहा- अब हम दोनों कुछ मज़ा ले  वो बोली- किसी को पता चल गया तो? !मैंने उसे कहा- अरे कुछ नहीं होगा, यह मेरे दोस्त का होटल है।वो तैयार हो गयी। मैंने उसको धीरे धीरे सहलाना शुरू किया फिर उसके गले में चूमते चुमते बूब को दबा दिया वो सिसकी- ऊह ! फ़िर मैंने उसकी साड़ी धीरे धीरे प्यार से अलग कर दिया। अब उसके बड़े बड़े बूब्स  उसके हाफ ब्लाउज़ से अलग ही नजारा दिखा रहे थे। फिर मैंने अपना टी शर्ट और जींस  दोनों उतार दिए और सिर्फ़ अन्डरवीयर में आ गया। अब मैं और अपने होंठों से उसके होंठों पर चूमना करना शुरू किया, फ़िर गाल पर, गले पर और हर जगह फ़िर मैंने उसके पेटिकोट को उतार दिया और नीचे से हाथ डाल कर उसकी चूत को पैंटी के ऊपर से ही सहलाने लगा। वो सीत्कार करने लगी- आह्ह ! आ !फिर अपना दूसरा हाथ से उसकी पैंटी को खींच कर निकाल दिया। अब उसके ब्लाऊज़ के बटन खोल कर उतार दिया और वो ब्रा में आ गयी। मैंने देर ना करते हुए ब्रा भी उतार दी। ओह! क्या बूब्स थे ! बड़े और सख्त !मैं उन्हें मसलने और जोर से दबाने लगा। मैंने उसके निप्पल को अपनी उंगलियों में लेकर दबाया, वो जोर से सिसकने लगी उह उह आह  मेरी जान आज मुझे पूरी तरह से चुदाई का मज़ा दो, मैंने अपना अन्डरवीयर निकाल दिया और अपना लण्ड उसके हाथ में दे दिया। वो मेरे लण्ड को रगड़ने लगी अपने हाथ से। मेरी भी आहें निकलने लगी।  और मैंने उसको लन्ड मुंह से चूसने को बोला। उसने मेरे लण्ड को अपने मुंह में ले लिया और मैं 69पोजीसन होकर उसकी चूत के पास पहुंच गया और फ़िर मैं उसकी चूत जीभ से चाटने लगा मेरी जीभ उसकी चूत में इधर उधर हो रही थी और वो मेरा पूरा लण्ड चूस रही थी। थोड़ी देर बाद वो बोली- अब तुम मुझे चोदो अपने लण्ड से, अब मुझसे रहा नहीं जाता, ! चोदो मुझे ! चोदो !मैं सीधा हुआ और अपना लण्ड उसकी चूत के ऊपर सहलाने लगा। उसकी टाईट चूत को चोदने के लिए मैंने पहला झटका ही जोर से दिया , वो चिल्लाई-ओह्ह ! मर गई मैं! दर्द हो रहा है मुझे !अभी मेरा आधा लण्ड उसकी चूत में गया था। काफ़ी टाईट चूत थी…फ़िर एक बार फिर जोर के झटके से अपना पूरा लण्ड उसकी चूत में डाल दिया। वो सिसकी- आह धीरे धीरे ! फ़िर मैं धीरे धीरे अपने लण्ड को आगे पीछे करने लगा। कुछ देर बाद वो अपना दर्द भूल गई थी और मजे  लेने लगी ,इधर मैंने अपने झटकों की ताकत बढ़ाई तो वो सीत्कारने लगी – ओहो! ह्म्म! आ ! जोर से ! और दे धक्के ! मैं और जोर से उसे चोदने लगा। थोड़ी देर बाद वो झड़ गई। उसकी चूत का रस टपकने लगा मुझे और मज़ा आने लगा।उसे भी काफ़ी मज़ा आ रहा था। उसके झड़ने से कमरे में फ़च फ़च की आवाज़ गूंज़ने लगी। थोड़ी देर बाद मुझे लगने लगा कि मैं भी डिस्चार्ज होने वाला हूं, और उसको बेड पर उल्टा कर से कुतिया बना कर पीछे से उसकी चूत में अपना लण्ड घुसाया। वो सिसकी- आह ! ओ! ह्ह फ़िर मैंने पीछे से जोर जोर से धक्के लगाने शुरू किए। उसको बहुत मज़ा आ रहा था.अब मुझे लगा कि मेरा लौड़ा नहीं रुकेगा, मैंने उससे कहा- मैं अब झड़ने वाला हूं। वो जोर से बोली-  मेरी चूत में ही डालना और मैं अपनी पूरी ताकत से उसकी टाईट चूत में झटके लगा और झटके के साथ मैंने अपना पूरा माल उसके चूत में छोड़ दिया.उसने मुझे कसकर जकड लिया अब हम थकगए थे  सो हम नंगे ही बेड पे पड़े रहे। फ़िर हम एक घंटे बाद अपने कपड़े पहन कर गेस्ट हाउस से निकल गए, मैंने उसको घर छोड़ दिया…..