बाथरूम में लंड के आगे मोहिनी बनी मोरनी – उसकी चुत में अपने लंड को देते हुए आगे पीछे करने लगा

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मैं मोहिनी की महकी हुई चुत की कहानी आपके सामने पेश करने जा रहा हूँ जिसे चोदना जैसे मेरे लिए किसी नशे की तरह हो गया था | मोहिनी मेरी गहर पर रोज आया जाया करती थी क्यूंकि उसके माँ – बाप मेरे घरवालों के काफी करीबी रिश्ते मे लगते थे | मोहिनी उम्र में मुश्किल से उम्र में मुझसे बराबर २१ साल की ही  होगी पर उसके चुचे आप एक बार देखोगे तो किसी मोटी औरत के चुचे भी उसके सामने फीके लगने लगेंगे | मुझे समझ नहीं आया आज तक की उसने अपने मोटे चुचों को इतना बड़ा कैसे किया पर इतना ज़रूर जानता हूँ की अब उसके इन चुचों की ज़बरदस्त साईज में मेरे भी हाथों और लंड का योगदान आता है |

वो जब भी मेरे घर आती ती अपनी थीकि नज़रों से जैसे मुझे घायल ही कर डालती थी | उसके धीमी आवाज़ जैसे मुझे अपनी और खींचती थी | मैं उसे देख इतना गर्म हो गया की अपने लंड को रोज की याद में बाथरूम में मसला करता था | मोहिनी जा एक दिन घर पर आई तो खुदा की मेहरबानी से मेरे घर वाले किसी काम से उस दिन घर के बाहर चल दिए | मैं बाथरूम में था और संजोग की बात यह थी की मैं उसकी याद में अपने लंड को मसल रहा था और मुझे यह पता भी नहीं था की वो मेरे घर में आई भी हुई है |

मैंने अचनक देखा की बाथरूम के दरवाज़े से किसी की आँख चमक रही है और जब मेरी अंजर पड़ी तो मैं भौंचक्का ही रह गे | वो मोहिनी थी जो मेरे हस्थमैथुन को देख रही थी | मेरे लिए तो नेकी और पूछ पूछ वाली बात हो गयी थी मैंने फट से मोहिनी का हाथ पकड़ा और उसे अपने साथ बाथरूम में खींच लिया | मोहिनी बस सब कुछ देखती हुई संजोग में थी की आखिर मैं करने क्या वाला हूँ तभी मैं उससे लिपटते हुए उसके होंठों को भरके अपने मुंह में दबाने लगा | मैं उसके दोनों चुचों को नंगा कर डाला और उनके बीच अपने मुंह को घुसाये हुए उसके दोनों चुचों को दबाते हुए चूस रहा था | वो भी अब जैसे अपना दम तोड़ चुकी तो और मेरे आगे बिलकुल पिघल ही चुकी थी | मैंने उसकी चुत को को भी नंगा कर दिया और अब बथ्रुक में दोनों एक सामान नंगे हो गये थे |

मैंने अब वहीँ अब नीचे झुककर उसकी चुत में ऊँगली करता हुआ चाटने लगा जिसमें बहुत मज़ा आ रहा था | मोहिनी अपनी टांगों को मिस्मिसाती अपनी बेचैनी को जता रही थी | मैंने अपने लंड को मोहिनी की चुत पर मसलते हुए उसकी चुत के के नीचे से अपने लंड को घुसाते हुए चोदना शुर कर दिया | मैं अब उसे जोर – जोर से अपने लंड को उसकी चुत में डाल रहा था | मोहिनी दर्द के मारे रोने लगी थी तभी मैंने उसे वहीँ बाथरूम में पानी से भिगोया और कुछ देर फिर से उसकी चुत को चाटा | कुछ देर बाद मैंने उसे अपने सामने कुतिया बना डाला | उसकी मोटी गांड पर थप्पड़ पलते हुए अब उसकी खुशबूदार चुत मेरे सामने आ चुकी थी जिसमें पहले मैंने ऊँगली करते हुए उसकी गांड के छेद पर थूक लगाते हुए चाट रहा था |

मैंने अब फिर से अपने होश को बढ़ावा दिया और उसकी पर वापसी लेते हुए उसकी चुत में अपने लंड को देते हुए आगे – पीछे करने लगा | अब मोहिनी भी दम लगाकर अपनी गांड को किसी मोरीनी की तरह मेरी और हिला हिला कर चुदवा रही थी | हम दोनों के मुंह से सुकून भरी सांसें निकल रही थी | मैंने उसकी चुत पर अपने लंड के सारे हत्कंडे आजमाते हुए करीं १५ मिनट तक चोदा जिसके बाद उसके मुंह को अपने गोटों के पास लाया और वहीँ झड दिया | उस दिन के बाद बाथरूम में चुदाई का हमारा पेशा सा बन दया और उसकी चुत को बिना ठोके जैस अब मेरा दिल ही नहीं मानता है |