कहानी मेरी अध्यापिका से घोड़ी बनने तक की – वो मेरे मुठ को अपनी जीभ से से उठाकर चाट रही थी

18 year old School girl fucking Sexy beauty enjoys hardcore Full HD Nude fucking image Collection_00030

आज मैं आपको अपनी कोलेजकी अध्यापिका की कहानी सुनाने जा रहा हूँ जोकि मुझे मेरी कक्षा में ही पढाया करती थी | दोस्तों यूँ तो मैं पढाई में बार नहीं था पर तभी भी मेरी अध्यापिका ने मेरा नाम उन लडको में डाल रखा था जिन्हें अलग से पढाई करवाने की ज़रूरत है और जो पढाई में कमज़ोर थे | मेरी अध्यापिका अक्सर ही अपने घर पर ही शाम को बुलाया करती थी | मुझे तो अपनी अध्यापिका के जस्बातों और इरादों पर बहुत पहले से ही शक्क था की उनके दिमाक में मुझे लेकर कुछ गलत चल रहा पर मेरे दिल में उनके लिए इज्ज़त थी वरना किसी एरी – गैरी लड़की को मैं सबक सिखा चूका होता | दोस्तों मेरी अध्यापिका हम्सेहा ही मुझे सब बच्चों के मुकाबले सबसे आगे ही बिठाया करती थी |

वो जान्बुच कर मुझसे चिपक कर रहती और मौके मिलते ही अपने हताह को मेरे हाथ और बांह पर फिरते हुए मुझे कोई भी सवाल समझाया करती थी | मुझे भी उनकी इन हरकतों पर मज़ा आया करता था | एक दिन जब मैं अपनी अध्यापिका के घर पहुंचा तो देख की कोई और बच्चा नहीं था | मैंने पूछा की अध्यापिका अध्यापिका से इसका सवाल तो उन्होंने मुझे कहा की वो अकेले में मुझे कुछ सिखाना चाहती हैं | मैंने भी उत्तेजना के साथ हामी भर दी | उन्होंने मुझे अंदर बुलाया मेरे सामने नंगी खड़ी हुई थी और मुझे भी अपने सारे कपडे खोलकर बिस्तर पर चढ जाने को कहा | मैं अध्यापिका के गीले भीगे नंगे तन को देख फिसल गया और उनके उप्पर छड गया और तैयार होकर चड गया |

अध्यापिका भी अब मेरे उप्पर आई और उन्होंने अपने बदन के साथ मुझे खेलने की इज़ाज़त दे दी जिसपर मुझसे रुका ना गया और मैंने उनके चुचों को भींचता हुआ उनके होठों को चूस रहा था | चुसम – चुसाई के बाद मैंने  अपनी हथेली को उनकी चुत के उप्पर रगड़ते हे अपनी उँगलियों को अंदर देने लगा | कुछ देर बाद मैंने लंड को अध्यापिका की चुत पर टिकाते हुए मस्त वाले ज़ोरदार झटकों में अपने लंड को चुत में घुसा दिया | अध्यापिका भी अब बस हल्की – हल्की सिसकियाँ ले रही थी और जब मैं ज़ोरदार झटके देने लगा तो वो मुझे गाली बकते हुए हैरान थी की मुझे चुदाई की क्रिया और कला सब कुछ पता था | अध्यापिका अपनी चुदाई के लिए अपनी गांड को मचलाने लगी जिससे मेरा लंड उनकी चुत में अच्छे से नाहक रहा था |

अब मैंने  तक कहानी में अध्यापिका को घोड़ी बना दिया और पीछे से मोटी गोल गांड में किसी बेताब घोड़े की तरह अपना लंड सटा दिया और वहीँ झटके देने लगा जिसपर आंटी की काम्दीन सिसकियाँ निकलने लगी जो मेरा हौंसला बढ़ा रहा था | मैंने वासना की काम्दीन गर्मी में जलते हुए अपना जोश सारी अध्यापिका की गांड पर दिखाया | मैंने उसी मुद्रा में अपनी अध्यापिका को लगभग १ घंटे तक पेला फिर मुठ की सारी फुव्वार उनकी गांड पर ही निकल दी | अब मुझे अध्यापिका के चेहरे पर संतुष्टि नज़र आ रही थी और अब वो मेरे मुठ को अपनी जीभ से से उठाकर चाट रही थी | उन्होंने कहा की अबसे वो मेरी अध्यापिका नहीं बल्कि निजी घोड़ी है जिसे मैं जब चाहे पेल सकता हूँ |