कुत्ते से मैंने चुत की सील खुलवाई – लड़की कुत्ता सेक्स

कुत्ते से मैंने चुत की सील खुलवाई – लड़की कुत्ता सेक्स

कुत्ते से मैंने चुत की सील खुलवाई – लड़की कुत्ता सेक्स : मेरा नाम कुमकुम है. मेरे परिवार मे सिर्फ़ मम्मी, पापा, मेरे बड़े भैया और मैं हैं. हां, और हमारा अल्सेशन कुत्ता जोहनी. जब मैं 11 साल की थी हम एक छ्होटे से घर में रहते थे. एक किचन, बाथरूम और दो कमरे. भैया एक कमरे में सोते थे और मैं मम्मी पापा के साथ एक कमरे में.

घर छ्होटा होने के कारण मैने कई बार पापा और मम्मी को प्यार करते देखा था. पापा मेरी मम्मी के उपर चढ़ जाते थे और मम्मी अपनी लातें फैला देती थीं और फिर पापा अपना लंड उनके अंदर डाल देते थे. फिर पापा उपना लंड मम्मी की चूत में अंडर बाहर करते थे और कुछ देर बाद मम्मी सिसकारियाँ लेने लगती थी. मुझे लगता था के उन दोनो को खूब मज़ा आ रहा है.

उन दिनो में मुझे यह बातें अजीब नहीं लगी. मैं नादान थी और मुझ पे अभी जवानी का जोश नही पड़ा था. जब मैं 13 साल की हुई तो मेरा बदन बदलने लगा. मेरी छाती पे मेरे बूब्स आने लगे, मेरी चूत पर हल्के हल्के बॉल उगने लगे.

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मैं जवान होने लगी. मैने आजमाया कि अपने बूब्स को सहलाने से मुझे अजीब सा मज़ा आता है. जब मैं अपनी चूत पर हाथ फेरती तो बहुत ही अछा लगता.

जब मैं मम्मी पापा को चुदाई करते देखती तो जी करता के मैं भी उनके साथ यह प्यार का खेल खेलूँ: पापा मेरे भी बूब्स को दबाएँ और अपना लंड मेरे अंडर डालें और में उनका लंड मुँह में लूँ और चूसू, जैसे मम्मी करती थी. फिर स्कूल में मेरी सहेलियों ने मुझे बताया के यह चुदाई का क्या मतलब है. मेरी सहेली कीर्ति ने तो अपने पड़ोसी लड़के के साथ ट्राइ भी किया था.

उसने बताया के लड़के के लंड को हाथ मे लेके सहलाने से वो बढ़ हो जाता है और वो लोहे जैसे सख़्त अकड़ जाता है और उसको फिर मुँह में लेके चूसने में बहुत मज़ा आता है. उसने अपने फ्रेंड का लंड अपनी चूत पे भी उपर नीचे रगड़ता था.

उसको बहुत अछा लगा था. उसने बताया के लंड चूसने के बाद वो झार जाता है और उसमे से खूब सारा मलाई जैसा पानी निकलता है जिसको पीने में बहुत मज़ा है.

उसने बताया के वो अब अपने फ्रेंड का लंड अंदर भी लेना चाहती है. सिर्फ़ मौका मिलने की बात है. यह बातें सुनते मेरे अंदर अक्सर एक अजीब सी गरमाइश उठती थी और मेरा दिल करता था के मैं भी यह बातें आज़माऊ. तब तक मैं 13 साल की हो गयी थी.

एक दिन मैं स्कूल से आकर होमवर्क करने को बैठी. मम्मी, पापा दोनो ऑफीस गये हुए थे और मैं घर में अकेली थी. गर्मी थी इस लिए मैने सिर्फ़ टी-शर्ट और शॉर्ट्स पहने थे.

हमारा कुत्ता जोहनी कमरे में आकर मेरे पास बैठा था. मेरा मन होमवर्क पर नहीं था. मेरे सर में तो सेक्स के ख्याल आ रहे थे जैसे कीर्ति ने सुनाए थे. मैं बेड पे पीछे लेट गयी और अपने बूब्स को, जो अब साइज़ 34 के हो गये थे, अपने हाथों के साथ मसल्ने लगी.

फिर मैने अपनी टी-शर्ट उतार दी ताके मेरे हाथ अच्छी तरह सब जगह पहुँच सकें. फिर मैने एक हाथ शॉर्ट्स के अंदर डाला और में अपनी चूत को सहलाने लगी. मेरी चूत हल्की सी गीली होने लगी और मेरी उंगलियाँ आसानी से मेरी चूत पे घूमने लगी. दोस्तों आप ये कहानी अन्तर्वासना स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है l

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मेरा एक हाथ मेरे बूब्स पे और दूसरा हाथ चूत पे घूम रहा था. फिर अचानक मुझे महसूस हुआ के जोहनी की गरम गरम गीली ज़बान मेरी जाँघो को चाट रही है. मैने जोहनी को पीछे धकेला और गुस्से से बोली “ नो जोहनी, बॅड बॉय”. मगर सच बताउ तो वो जोहनी का चाटना मुझे बहुत अछा लगा था. कुछ देर बाद जोहनी फिर आकर मेरी जाँघो को चाटने लगा.

मैं कुछ नहीं बोली और उसको चाटने दिया. आहिस्ता आहिस्ता वो उपर की तरफ, मेरी चूत के पास चाटने लगा.
उसकी ज़बान बहुत गरम थी और उसका मुलायम फर मेरी चॅम्डी पर रगड़ रहा था. मुझे बहुत अछा लग रहा था. मेरी चूत भी खूब गीली हो चुकी थी और मेरे अंदर खूब गरमाइश चढ़ चुकी थी.(कुत्ते से मैंने चुत की सील खुलवाई – लड़की कुत्ता सेक्स) मैने अपनी शॉर्ट्स नीचे खिस्काई और उतार दी. अब मैं बेड पर नंगी पड़ी थी.

मैने जोहनी का सर अपने हाथ में लिया और उसको उपर अपनी चूत की तरफ खींचा. वो चाटने लगा. में तो बहाल होने लगी. मैने अपनी टाँगें फैलाईं और जोहनी को अपनी चूत का पूरा प्रवेश दिया. अब उसकी ज़बान मेरे दाने पर भी घिस रही थी और कभी कभी मेरी कुँवारी चूत में भी प्रवेश करती थी.

मैं बेड के किनारे तक खिसक गयी ताके जोहनी की ज़बान सब जगह तक पहुँच सके. उसकी लंबी, गरम और खर खरी ज़बान मेरी गांद से उपर मेरे दाने तक चाट रही थी. मेरी टांगे काँपने लगी. मैं अपने चूतर उपेर करके जोहनी से और जोश से चटवाने लगी.

उसकी ज़बान मेरी चूत में घुस गई और मेरी गरमाइश बढ़ गई. मेरे अंदर में से यह गरमाइश मेरे पूरे बदन में फैल गई. मेरी चूत अचानक झटके देने लगी और में मज़े में खो गई. मैं तब पहली बार झाड़ गई. मेरी चूत से और पानी बहने लगा जिसको जोहनी ज़ोर ज़ोर से चाटने लगा. मेरा बदन पूरा थर थारा उठा. जब मुझे थोड़ा होश आया तो मैने जोहनी को उपर बेड पर खींच लिया.

वो दो पैर के साथ मेरे उपर खड़ा था और मेरे बूब्स को चाटने लगा. मैने फिर अपना हाथ नीचे उसके पैट को खिसकाया और मैं उसके लंड को सहलाने लगी, जोकि अभी उसके कवर में था. आहिस्ता आहिस्ता उसका लंड बाहर आने लगा. वो बहुत गरम और गीला चिकना था.

थोड़ी ही देर में वो लंबा मोटा और सख़्त हो गया और जोहनी हांफता हुआ हवा में, मेरे उपर धक्के लगाने लगा. मैने नीचे देखा तो उसका लंड अब कम से कम 9 इंच लंबा हो चुक्का था. मुझसे रहा नहीं गया और मैं उसके लंड को अपनी चूत पर फेरने लगी. जन्नत का मज़ा मिल रहा था.

मेरी साँस फूल गयी और मैं फिर से कामपति, झटके खाती हुई झार गई. अब मेरा कुत्ता पूरे जोश में था. उसका लंबा सख़्त लंड मेरी चूत के फांको के बीच था. कभी कभी वो मेरी चूत के च्छेद पर भी आता था और थोड़ा अंदर भी जाता था. वो झटके मारने लगा और अचानक उसका लंड मेरे अंदर कोई 3-4 इंच तक समा गया.

मेरी चूत तो पूरी तरह से गीली थी और उसका लंड आगे से तीखा और चिकना था. पहले तो मुझे डर सा लगा. मेरे दिमाग़ मे आया कि अभी तो आधे से ज़्यादा लंड बाहर है, बाकी कैसे अंदर लूँगी? मगर जोहनी को इन सब बातों का क्या पता था. वो तो चोद्ने में मगन था.

वो अपनी कुत्ते की रफ़्तार से मेरे अंदर बाहर जा रहा था. हर झटके के बाद उसका लंड थोड़ा और मेरे अंदर समा जाता. उसके लंड में से थोड़ा थोड़ा गरम गरम पानी सा मेरी चूत को और भी गीला और चिकना कर रहा था.
मेरी चूत भरी जा रही थी और में मज़े से अपने कुत्ते से चुद रही थी. मैने जोश में आ कर जोहनी को पीछे से पकड़ा और ज़ोर से अपनी तरफ खींचा. मुझे नही पता था कि क्या होगा. उसका मोटा लंड मेरी चूत के अंदर पूरा समा गया.

मुझे महसूस हुआ कि मेरे अंदर कुछ फटा है और में दर्द से चीख पड़ी. जोहनी ने मेरी सील तोड़ दी थी. मैने उसे धकेल कर उसको मेरे अंदर से निकालने की कोशिश करी मगर मैं उसको पीछे नही हटा पाई. उसने अपने अगले पैर मेरे बदन के पीछे अटकाए हुए थे और वो मेरे उपर चिप्टा हुआ था. दोस्तों आप ये कहानी अन्तर्वासना स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है l

उसका फर मेरे बूब्स और पेट पर सरक रहा था. उसकी ज़बान मेरी गर्दन और मुँह को चाट रही थी. मैं अपना दर्द बिल्कुल भूल गयी और उसकी चुदाई का मज़ा लेने लगी. अब जोहनी का पूरा 10 इंच लंबा गरम गरम मोटा लंड मेरे अंदर बाहर जाने लगा. में भी अपनी लातें फैला कर अपने चूतर उठा उठा उसके धक्कों का मुक़ाबिला कर रही थी.

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जन्नत का मज़ा आ रहा था मुझे. उसका लंड हर धक्के के साथ मेरी पूरी गहराई तक पहुँच रहा था. मैं तब बहुत ही ज़ोर से झार गयी. मेरा पूरा बदन फिर से काँप उठा और मेरी चूत झटके खाने लगी. जोहनी नही रुका और मुझे चोद्ता रहा. उसकी रफ़्तार बढ़ती गयी और मुझे ऐसे लगा जैसे उसका लंड और भी मोटा होता जा रहा है. मैने अपने हाथ से उसका लंड पकड़ा तो मैने महसूस किया कि उसका लंड जड़ के पास बहुत ज़्यादा मोटा था.

मोटा ही नहीं वो तो एक टेन्निस बॉल जैसे गोल था. हर धक्के से यह गोला मेरी चूत के अंदर जाने की कोशिश कर रहा था. फिर वही हुआ. वो गोला मेरी चूत के अंदर चला गया. मुझे लगा जैसे मेरी चूत फॅट जाएगी. जोहनी फिर मेरी चूत में झड़ने लगा और उसने अपना गरम गरम वीर्य मेरे अंदर एक पिचकारी जैसे छोड़ दिया. अब वो अपना लंड मेरी चूत के अंदर बाहर नहीं कर पा रहा था. हम दोनो चूत और लंड से जुड़े हुए थे.फँसे हुए थे जैसे कुत्ता और कुतिया जुड़े हुए दिखते हैं. मेरा कुत्ता और में पूरे 15 मिनिट ऐसे ही पड़े रहे. उतने में मैं एक बार फिर झाड़ गयी. फिर उसका लंड ढीला हुआ और वो मेरी चूत में से निकला. साथ ही उसका ढेर सारा पानी निकला.

जोहनी मेरे उपर से उठा और कमरे के एक कोने में बैठके अपना लंड चाटने लगा. में बेड पर लेटी रही और अपनी पहली चुदाई का मज़ा लेती रही.

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