प्रसव के बाद मुझे संभोग करने की इच्छा क्यों नहीं होती ?

प्रसव के बाद मुझे संभोग करने की इच्छा क्यों नहीं होती ?

प्रसव के बाद मुझे संभोग करने की इच्छा क्यों नहीं होती ?

प्रसव के बाद मुझे संभोग करने की इच्छा क्यों नहीं होती ? :  शिशु के आने के शुरुआती कुछ हफ्तों या महीनों में संभोग करने की इच्छा न होना काफी सामान्य बात है। शुरुआत में आप शायद नींद पूरी न होने से शक्तिहीन सी महसूस कर रही होंगी। साथ ही माँ बनने की जिम्मेदारियों से अभिभूत होंगी। अगर, आप स्तनपान करा रही हैं, तो प्रोलैक्टिन हॉर्मोन भी आपकी संभोग की इच्छा को कम कर सकता है।

उदास महसूस करना या प्रसवोत्तर अवसाद (डिप्रेशन) से ग्रस्त होने से भी आपकी प्रेम संबंध बनाने की इच्छा नहीं होगी। अगर, आपको लगे कि यह आपके लिए एक परेशानी बन रहा है, तो अपनी डॉक्टर से बात करें।

हो सकता है पेरिनियम क्षेत्र फटने, चीरा लगने या टांकों की वजह से आपको पीड़ा हो रही हो। अगर, आपको टांके लगे हैं या आपका शिशु उपकरणों की सहायता से पैदा हुआ है, तो आप में दोबारा संभोग की इच्छा जागृत होने में थोड़ा ज्यादा समय लग सकता है। यह सब एकदम सामान्य है, और आप खुद को इस सबसे उबरने का समय दें। अगर, आपका सीजेरियन आॅपरेशन हुआ है, तो आप अभी भी एक बड़े आॅपरेशन से उबर रही होंगी।

पीड़ा या असहजता शायद जल्दी ठीक हो जाए, मगर टांकों या पेरिनियम क्षेत्र अत्याधिक फटने की वजह से होने वाला दर्द ठीक होने में थोड़ा और समय लग सकता है। टांकों में कुछ दिनों या हफ्तों तक दर्द रह सकता है। इसलिए दोबारा संभोग शुरु करने से पहले घाव को भरने दें और टांकों को भी गल जाने दें।

अगर आपका पेरिनियम क्षेत्र नहीं फटा है या इसमें टांके नहीं लगे हैं, तो भी आपको इस जगह कुछ समय तक पीड़ा और संवेदनशीलता का अहसास होता रहेगा।

अगर, आपका सीजेरियन आॅपरेशन हुआ है, तो टांको के निकलने के समय तक घाव का निशान भी ठीक हो जाएगा। अगर, यह इसके बाद भी संवेदनशील लगे, तो आप और आपके पति ऐसी अवस्थाएं ढूंढ़ सकते हैं, जिससे आपके घाव पर दबाव न पड़े। संभोग से पहले की लैंगिक उत्तेजना वाली क्रियाओं से शुरुआत करें, इससे आपको घाव में दर्द होने का डर कम होता जाएगा।

अगर, आप बेचैन हैं, तो आपके पेट पर घाव के निशान के आसपास खिंचाव होगा, जिससे आपको असहजता महसूस होगी। आप अपने पेट और अपने पति के बीच एक छोटा, मुलायम कुशन रख सकती हैं। इससे आपको आराम मिल सकता है और आपके संवेदनशील घाव का बचाव भी हो सकेगा। या फिर आप अपने पति के ऊपर आ सकती हैं, और इस स्थिति में अपने पेट को हल्के से सहारा देकर रखें। इस तरह आपके हिलने-डुलने से घाव को दिक्कत नहीं पहुंचेगी।

संभव है कि अपने शरीर के बारे में स्वयं आपकी धारणा अब बदल गई हो। हो सकता है आप महसूस करें कि गर्भावस्था और शिशु के जन्म के बाद आपके शरीर में इतना बदलाव आ गया है कि अब फिर से पहले वाली अवस्था में आने के लिए आपको और समय चाहिए। हो सकता है कि आपको गर्भावस्था की वजह से आए इन बदलावों पर गर्व महसूस हो या फिर संभवतः आपको इन बदलावों का सामना करना मुश्किल लग रहा हो। आपकी ऐसी भावनाएं स्वाभाविक और एकदम सामान्य हैं।

बहुत सी महिलाओं को चिंता होती है कि अब उनके पति को वे उतनी आकर्षक नहीं लगेंगी। मगर, जब वे अपनी इन चिंताओं को व्यक्त करती हैं, तो अनुभव होता है कि ऐसा कुछ नहीं है।

अगर मेरे पति की मुझसे पहले संभोग करने की इच्छा हो तो क्या करें?

अपनी भावनाओं के बारे में एक-दूसरे को बताएं और बातचीत के प्रवाह को जारी रखें। हो सकता है कि कई बार ​आपके पति की संभोग की इच्छा हो, मगर आपका मन न हो। ऐसे में यदि आप पति को मना करें, तो उन्हें बुरा लग सकता है। मगर इस वजह से आप खुद पर दोबारा संभोग करने के लिए दबाव महसूस न करें। प्रेम संबंध, खुशी और आनंद के लिए होते हैं, ये कोई काम नहीं, जिसे निपटाया जाना है।

संभोग का मतलब हर बार पूर्ण भेदन नहीं होना चाहिए। सिर्फ स्पर्श से होने वाली उत्तेजना भी काफी आनंददायक हो सकती है। शब्दों और आलिंगन के माध्यम से अपने प्यार और भावनाओं को बखूबी व्यक्त किया जा सकता है। जब तक आप दोनों संभोग के लिए तैयार न हों, तब तक इस तरह की अंतरंगता आपको काफी फायदा पहुंचा सकती है।

हो सकता है आपके पति भी शिशु का जन्म देखने के बाद संभोग को लेकर अनिश्चित महसूस करें। उन्हें लग सकता है कि संभोग आपके लिए काफी पीड़ादायक होगा या फिर वे खुद की भावनाओं को लेकर भी आवश्वस्त नहीं होंगे। आप दोनों की जो भी चिंताएं हों, उनके बारे में आपस में बात कीजिए। अपनी समस्याओं को दिल खोलकर एक-दूसरे के साथ साझा करने से दोनों मिलकर कोई समाधान अवश्य निकाल सकते हैं।

क्या शिशु के जन्म के बाद प्रेम संबंध बनाने के कोई सुझाव हैं?

    • शुरुआत में केवल आंलिंगन और अंतरंगता बनाने का प्रयास करें, ताकि धीरे-धीरे आपको दोबारा कामुक तरीके से छुए जाने की आदत होने लगे।

 

    • धीरे-धीरे और सहजता से शुरुआत करें। एक दूसरे के शरीर के साथ अंतरंगता बनाएं और संभोग से पहले की कामुक क्रिड़ाओं का आनंद लें। मगर, यह उम्मीद न करें कि इसके बाद आप संभोग करेंगे।

 

    • अगर आप बेचैन या चिंतित हैं या फिर आपको फिक्र है कि इससे आपको पीड़ा होगी, तो आप कामोत्तेजित नहीं हो पाएंगी। ऐसे में संभोग आपके लिए असहज होगा, क्योंकि आपकी योनि चिकनी या नरम नहीं होगी।

 

    • अगर, आपका पेरिनियम क्षेत्र संवेदनशील लग रहा है, तो चिकनाई वाली जैली लगा सकती हैं। इससे आपके लिए संभोग करना काफी सहज हो जाएगा। अगर, आप कोंडोम का इस्तेमाल करती हैं, तो तेल आधारित चिकनाई का इस्तेमाल न करें, क्योंकि इससे कोंडोम से रिसाव होने का खतरा रहता है। स्तनपान करवाने के दौरान योनि का सूखा रहना काफी आम है, ऐसे में चिकनाई युक्त जैली लगाने से आपको मदद मिल सकती है।

 

    • जब आप संभोग के लिए तैयार महसूस करें, तो भी जल्दबाजी न करें। यह आप दोनों को एकदम स्वाभाविक लगना चाहिए और आप दोनों इसके लिए तैयार और पूरी तरह उत्तेजित होने चाहिए। ऐसी अवस्था अपनाएं, जिसमें आपकी संवेदनशील जगहों पर दबाव न पड़े। आप स्वयं आप पति के ऊपर होने की अवस्था में भेदन की गति और गहराई को नियंत्रित कर सकती हैं।

 

    • अगर, आप संवेदनशील या असहज महसूस करें, तो अपने पति को कुछ देर रुकने के लिए कहें। इसकी बजाय वे आपके भगशिश्न (क्लिटोरिस) को कोमलता से छू सकते हैं। आप जब उत्तेजित महसूस करने लगें, तो दोबारा से संभोग शुरु कर सकती हैं।

 

    • अगर थकान आपके लिए संभोग में बाधा बन रही हो, तो शिशु के सोने के समय आप संभोग का प्रयास कर सकती हैं। इस समय आप इतनी थकी हुई नहीं होंगी और संभोग का आनंद ले सकेंगी। मुमकिन है कि बहुतों की तरह आप भी यह पाएं कि संभोग के समय ही आपका शिशु जाग जाता है। मगर इसे हंस कर टालने का प्रयास करें और अगले मौके का इंतजार करें। धैर्य रखें, शिशु जब रातभर सोने लगेगा, तो सब आसान लगने लगेगा।

 

    • श्रोणि मांसपेशियों के व्यायाम करना जारी रखें, इससे आपकी योनि की मांसपेशियों की मजबूती लौटने में मदद मिलेगी। यह आपके संभोग के अनुभव को अधिक आनंददायक बनाने में मदद करेगा।

 

  • पौष्टिक आहार का सेवन करें, पर्याप्त तरल पदार्थ लें और जब भी संभव हो, आराम करें। शिशु की देखभाल करना अत्याधिक मेहनत का काम है। बची हुई ऊर्जा में आपको अपनी भी देखभाल करनी होती है।

प्रसव के बाद मुझे संभोग करने की इच्छा क्यों नहीं होती ?