पड़ोसी से मिला कामसूत्र ज्ञान

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मेरा नाम अमित है और अब मै ३३ साल का एक सुखी शादी शुदा इंसान हु | ये बात उस समय की है; जब मेरी शादी नहीं हुई थी और शायद मेरी उम्र २४ साल थी | मै उस समय पढ़ रहा था | मेरे चाचा जी एक निजी कंपनी मे काम करते थे | उनकी भी शादी नहीं हुई थी और वो एक अच्छी बिल्डिंग मे एक फ्लैट मे रहते थे | मै एक इंटरवीयु के लिए उस शहर मे गया था और उनके घर मे रुका था | मुझे ६-७ दिन वहा पर रुकना था और उसमे समय लग रहा था |  चाचा जी तो दिन मे ऑफिस चले जाते थे और मै पुरे दिन घर मे अकेले ही होता था |एक दिन मे बालकनी मे खड़ा हुआ था; तो, मैने अपने बगल वाले फ्लैट की बालकनी मे एक बड़ी सुंदर औरत को देखा | उसकी उम्र कोई ४० साल होगी | लेकिन, वो इतनी खुबसूरत थी और उसका शरीर का माप इतना सेक्सी था, कि जवान लड्किया भी उसके सामने पानी भरती थी | उसकी खूबसूरती मे एक अजीब तरह का आकर्षण और खिचाव था | उसने मुझे देखा और मुस्कुराई और फिर बोला, आप शर्मा जी के रिश्तेदार है | वो मेरे चाचा जी के बारे मे बात कर रही थी | मैने हां मे सर हिला दिया और अपने आने का कारण बताया | उनके पति और मेरे चाचा जी एक साथ काम करते थे और मेरे चाचा जी, अभी कुछ समय पहले ही यहाँ आये थे और उनके पति ने ही मेरे चाचा जी को ये फ्लैट दिलवाया था |फिर उन्होंने मुझे बोला, शर्मा जी तो ऑफिस गये होंगे और आप अकेले घर मे बोर हो रहे होंगे; आप हमारे घर आ सकते है | आपके चाचा जी से हमारे अच्छे संभंद है | मैने हाँ मे सर हिला दिया और बोला अभी थोड़ी देर मे आपको परेशान करता हु | मै नहाकर उनके घर चला गया | उन्होंने मेरे लिए नाश्ता बना रखा था | उन्होंने बोला, नाश्ता तो तुमने किया नहीं होगा | मै भी अकेली हु; तुम्हारे साथ मेरा भी टाइमपास हो जायेगा और फिर वो खिलखिलाकर हंस पड़ी | बहुत सुंदर लग रही थी | मैने उनको बोला आप बहुत सुंदर हँ; तो, वो सिर्फ मुस्कुरा दी | बातो-बातो मे टाइम का पता ही नहीं चला और वो फिर खाना बनाने चली गयी | मै भी अकेले फ्लैट मे बोर हो गया था ; तो, यहाँ से जाने का मन नहीं था |फिर, उन्होंने पूछा, कि चाचा जी कितने बजे आएँगे | मैने कहा, आज वो कहीं बाहर गये है; कल सुबह आयेंगे | आंटी ने बोला, मै भी अकेली हु; तुम आज रात यही रुक जायो | शाम को वो चाय बनाकर लाई और हम दोनों सोफे पर साथ बैठे थे | उन्होंने हलके रंग की पारदर्शी साडी पहनी थी | मुझे सब कुछ दिख रहा था और मै नज़रे बचा कर उनके शरीर का रसपान कर रहा था | उन्होंने ये नोटिस कर लिया और सरक कर मेरे पास आई और हम दोनों एक दुसरे आँखों मे देखने लगे | फिर, पता नहीं कैसे, अगले ५ मिनट मे हम दोनों के शरीर एकदम सटे हुए थे और हम दोनों एक दुसरे के होठो को चूस रहे थे |मै पहले बार किसी लड़की को छु रहा था | उसके साथ किस करते हुए, मेरा लंड किसी तम्बू की तरह तना हुआ था, लेकिन मै कुछ ही मिनटों मे झड़ गया और मेरी सारी पेंट आगे से गीली हो गयी | उनका जैसे ही मेरी पेंट पर हाथ पड़ा, और उनको कुछ गीला-गीला ,महसूस हुआ और उन्होंने मेरी पेंट उतार दी और मेरा लंड झटके ले रहा था | उन्होंने मुझे नंगा किया और प्यार से मेरे लंड को सहलाया और मेरी मुठ मरना शुरू कर दिया | मेरा लंड सुकुड़कर छोटा हो चुका था और वो उसको फिर से खड़ा कर रही थी | मुझे थोडा सा कामुक बनाने के लिए, उन्होंने अपने सारे कपडे उतार दिये और मेरे हाथ अपने सुंदर शरीर पर रख दिये | मुझे लगा; कि, ४४० वोल्ट के करंट लगा गया | फिर, मैने उनका शरीर सहलाना शुरू किया और उनके चुचे पर पर अपना हाथ फिराया और उनके गुलाबी निप्पल को खीचा | फिर, मैने अपना मुह उनके चूचो पर लगा दिया और उनका दूध पीने लगा | मेरे लंड ने फिर से फुंकारना शुरू कर दिया |आंटी ने मुझे सोफे पर लिटाया और बिना देर करे मेरे ऊपर चढ़ गयी | मेरा लंड ९० डिग्री मे खड़ा था | उन्होंने अपने हाथ से अपनी चूत को खोला और मेरे लंड पर रखा और खुद को नीचे धकेला | और मेरे पुरे लंड को अपने अन्दर ले लिया | मेरी खाल नीचे सरक गयी और मै दर्द से चिला उठा | थोडा-थोडा खून आने लगा | वो बोली चिंता मत करो, पहली बार मे ऐसा होता है | फिर, उन्होंने अपने धक्के तेज़ कर दिये और हम दोनों ही कामुक आवाजो मे अपने शरीर हिला रहे थे | थोड़े देर मे हम दोने झड़ गये और उनका और मेरा सफ़ेद रस मिलके सारा मेरे शरीर पर फैल गया | वो उठी और एक कपड़ा लाकर मुझे साफ़ किया और मेरे शरीर को चाटना शुरू कर दिया | मेरा लंड फिर खड़ा होने लगा, तो वो उठ गयी और बोली बाकी हिम्मत रात के लिए बचा के रखो | अभी पूरी रात बाकी है