दोस्त की चुदक्कड बीवी को लंड दिया

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मेरेदोस्त अमित को दुबई गए कुछ 3 महीने हो गए थे. वोह वहाँ एक गेस कंपनी में इंजीनियर था. उसका सेलरी काफी अच्छा था इसलिए वह साल दो साल तक वापस आने के मूड में नहीं था. उसकी बीवी नीता जिनको मैं नीता भाभी बुलाता था वह काफी सेक्सी थी और अमित खुद हम लोगो को बताता था की कैसे वो दोनों कभी कभी दिन में 4-5 भी चुदाई करते थे. उसका लंड यह सेक्स की दीवानी भाभी पूरा निचोड़ लेती थी. एक दिन उसने मुझे फोन कर के अपने घर बुलाया, मुझे लगा नीता भाभी को कुछ काम होगा क्यूंकि अमित ने जाते वक्त ही मुझे बोला था की उसने मेरा नंबर उसकी बीवी को दिया है ताकि कुछ काम हो तो मैं उसकी मदद कर सकूँ. नीताभाभी मेरे घर से कुछ दो मिनिट के दुरी पर ही रहती थी. मैं उसी शाम उसके घरगया.

मैंने जब घर जाके देखा तो नीता भाभी मेरे सामने रोने और आजिजीकरने लगी की अपने दोस्त अमित को बोलिए ना की वो वापस आ जाएं, मुझे उनके बिना जरा भी अच्छा नहीं लगता. मैं अभी उसे समझाऊं उससे पहेले ही वोह बोल पड़ी, मुझे रोज रात को उनकी याद सताती है…मैं समझ गया की भाभी का इशारा लंडकी तरफ है जिसकी प्यास उसे अमित को वापस बुलवाने पर तुली हुई थी. नीता भाभी की उम्र तक़रीबन 30 की थी और उसका शरीर मस्त मांसल था. उसके चुंचे 36 के और गांड 40 जितनी थी. वो लंड की दीवानी थी यह तो मुझे पहले से ही पता
था. मैंने उसे कहा, भाभी अमित अभी सेट हो रहा हैं होने दीजिए ना. वैसे उसकी जॉब यहाँ अच्छी नहीं थी यह आपको भी पता हैं. आप के दर्द को मैं समझ सकता हूँ लेकिन अभी की स्थिति में अमित का वहाँ रहना उचित हैं. नीता के कंधे पर मैंने हाथ रखा और उसे कहाँ, आप घबराईये मत कुछ काम हो तो मैं कहाँ दूर रहता हूँ. भाभी को शायद यह शब्दों का ही इन्तेजार था क्यूंकि वह तुरंत मुझे लिपट गई और उसके कड़े स्तन मेरे छाती को चिपक गए. मैंने भाभी को जैसे गले लगाया मेरा लंड भी उठ खड़ा हुआ और लंड सीधा उसकी चूत के उपर अड़ा हुआ था. भाभी उखड़ने का नाम ही नहीं ले रही थी. मेरा लंड और भी उत्तेजित होने लगा. तभी नीता भाभी हटी और बोली…क्या आप आज रात यहीं रुक सकते हैं, अमित की मोम भी आज उनके भाई के वहाँ गयी है और मैं उन्हें फोन कर के बोल देती हूँ के वो मेरी फ़िक्र ना करे….!!!

मैंने भाभी को हकार में मस्तक हिला के जवाब दिया. भाभी ने फोन किया और वो जो बोली उससे मेरा लंड और भी उठ गया..उसने
अपनी सास से कहाँ की उसकी कोई फ्रेंड घर आई है तो आप नहीं आये तो भी ठीक है वह कम्फर्ट में हैं. मुझे लगा यह आज लौड़ा जरुर ले लेगी. उसने फोन रख के मुझे पूछा आप क्या लोगे…मैंने कोफ़ी कहा और वोह कोफ़ी बनाने लगी. कोफ़ी पिने के बाद हम लोग इधर उधर की बातें करते हुए बैठे थे तभी मुझे लगा की मुझे नींद आने लगी. वैसे मैं 12 बजे से पहले कभी सोता नहीं था लेकिन आज जैसे की आंखे बंध हुए जा रही थी. मेरी आंख लगी और मैंने नीता भाभी से चद्दर मांगी और मैं सोफे पर ही सो गया. रात के कुछ 2 बजे मुझे मेरे लंड के उपर हलचल महसूस हुई और जब मैंने मुश्किल से आँख खोली तो मैं चोंक गया. नीता भाभी ने मेरा लंड बहार निकाला हुआ था और वह उसे मुहं में लेने लगी थी. आग मेरे बदन में भी लगी थी इसलिए मैंने कुछ कहाँ नहीं. मुझे उठा हुआ देख नीता भाभी ने मुझे एकक शैतानी स्माइल दे दी. मैं भी चुपचाप उसे लौड़ा चूसते देखता रहा. यहं रंडी भाभी पुरे लौड़े को मुहं में ले ले के अंदर बहार करने लगी और वह बिच बिच में उसे हिला भी रही थी. इस चुदक्कड भाभी ने मेरा लौड़ा पाने के लिए शायद कोफ़ी में नींद की गोली डाली हुई थी जिस से मैं सो जाऊं और इस चुदक्कड को लौड़े से खेलने का रास्ता साफ़ मिल जाएँ. नीता लंड चुस्ती रही और हिलाती रही, कुछ देर में मुझे लगा की पूरा लंड कंपकपा रहा हैं और जैसे की उस के अंदर ढेर सारा खून आ गया हैं. तभी लंड ने वीर्य किप पिचकारी मारी और भाभी के होंठो पर ही बह गया. भाभी जबान से उसके होंठो पर लगा वीर्यभी चाट गई, अमित की बीवी सच में चुदक्कड थी.

भाभी मुहं साफ़ करते हुए उठी और बोली और एक कोफ़ी लेंगे आप. मैंने कहाँ हाँ…लेकिन इस बार उसमे नींद की गोली मत डालना. भाभी हंस पड़ी और किचन से कुछ देर बाद कोफ़ी ले आई. हम दोनों सोफे पर ही कोफ़ी की चुस्कियां लेटे रहे. कोफ़ी ख़तम होते ही भाभी ने अपनी नाईटी की डोरी खोल दी और वह ब्रा पेंटी में ही मेरे सामने खुल पड़ी. मैंने अपना हाथ उसके स्तन पर रखा और उसके चुचे दबाये. भाभी आह
आह्ह्ह करने लगी. मेरा लंड एक मिनिट में ही फिर से खड़ा हो गया. भाभी ने लौड़े को हाथ में लिया और हिलाने लगी. मैंने उसका हाथ पकड के दूर किया, मुझे असली चूत का मजा चाहिए था मैं नहीं चाहता था की मेरा वीर्य ऐसे ही बहार आये. भाभी भी मेरा इरादा समझ गयी और अपने पेंटी को उतार के सोफे पर ही लेट गई. सोफे काफी बड़ा था जिसके ऊपर आराम से चुदाई हो सकती थी. मैंने सही एंगल सेट किया और अपना लंड एक ही झटके में इसकी देसी चूत के अंदर धकेला…भाभी आह आह ओह ओह करती रही और मैं उसकी चुदक्कड चूत को पेलता रहा. भाभी की चूत एकदम ज्युसी और गर्म थी. मुझे उसकी चूत का अलग ही मजा आ रहा था. मैंने कुछ 10 मिनिट तक उसे ऐसे ही चोदा और फिर अपना लंड उसकी चूत से बहार निकाला. भाभी को मैंने कान में कहाँ भाभी आप को पसंद हो वो स्टाइल में करते है….!

नीता भाभी तुरंत अपनी गांड को सही कर के कुतिया यानी की डौगी स्टाइल में लेट गई. मैंने उसके दोनों कूलों पर अपने हाथ रखे और लंड को
चूत के अंदर पीछे से सेट किया. एक हलका झटका मात्र और पूरा लौड़ा चूत के अंदर घुस गया, इस पोजीशन का अपना अलग ही मजा है और भाभी की तरह यह मेरी भी फेवरेट पोजीशन है. हम दोनों ही मस्त हिल हिल के एक दुसरे को चोदते रहे. भाभी भी गांड को मस्त हिला के लौड़ा चूत के अंदर तक ले रही थी. उसकी बड़ी गांड हिलते हुए बहुत ही सेक्सी लग रही थी. मैंने अपने चोदने की झड़प औरबढ़ा दी और भाभी की चूत से झाग निकालने लगा. मैं यह देख और भी उत्तेजित हुआ और लौड़ा और जोर से चूत में देने लगा. और एक फुवारा छुटा और पूरा वीर्य भाभी की चूत कके अंदर निकल गया. भाभी चूत के होंठो को भींच के लंड का पानी चूत में सँभालने लगी….!

उस रात नीता भाभी ने मेरे लंड को 4-5 बार ख़ाली किया और हम दोनों लेट सुबह तक सेक्स करते रहे. सवेरे सवेरे ही मैं कपडे पहन के अपने फ्लेट की और निकल पड़ा, नीता भाभी को अगले सन्डे मिलने का वादा कर के……….