पति और पत्नी के बिच में हुए सेक्स की हिन्दी सेक्स कहानी पत्नी चूदने को तैयार थी
पति और पत्नी के बिच में हुए सेक्स की हिन्दी सेक्स कहानी
मेरा नाम अजय है और आज मैं आप सब लोगों से अपनी पहली सेक्स कहानी शेयर करने वाला लूँ जो मेरी बीवी के साथ मेरी सुहाग रात की हैं. यह सिर्फ मेरी ही नहीं मेरी पत्नी के लिए भी पहला सेक्स संबंध था. मेरे दोस्तों ने मुझे कंडोम, नारियल का शुद्ध तेल और भी बहुत कुछ दिया. मैं सब जेब में भर कमरे में पहुँचा, वह जमीन पर बैठी थी. मैं दरवाजा बंद कर जमीन पर ही उसके पास बैठ गया.
यहाँ क्यों बैठी हो – मैंने पूछा,
येसे ही,
मैने उसका दोनों हाथ पकड़ा और खड़ा हुआ, उसे हाथ पकड़ बिस्तर पर बैठाया, फिर मैंने उसका धीरे से घुंघट खोला.. देखा बड़े बड़े दाँतो वाली एक डायन सामने थी.
अरे नहीं.. मैं मजाक रहा था. वो आंखें बंद कर मेरे सामने बैठी थी.
मैं – इतनी सिरियस क्यों हो.
( हल्का सा मुस्कराकर ) कुछ नहीं ऐसे ही.
मैंने उसका घुंघट पीछे की और गिराया और उसे उसके ओठों को हलके से रगड़ा. दुसरे हाथ से उसके पैऱ फैलाएं. और थोड़ा और खिसकर उसके पास गया. और हलका उसे कीस किया. पीछे हटकर देखा तो वह अपने ओंठ आगे की ओर कर रही थी. पर आखें बंद थी.
मैंने मजाक में कहा — ओंठ आगे किए जा रही हो और आंखे कसकर बंद किये … आँखें और मुंह दोनों खोलो.
उसने हल्का सा हस्ते हुए अपने होंठ खोले और आँखे भी उसकी आंखें बहुत सुंदर थी. और चमकते दाँतों पर गाढ़ें लाल रंग की लिप्स्टीक और भी सुंदर लग रही थी. मैं उसकी आँखों में सीधा देखते हुए मैंने धीरे से उसके दाँतों की बीच अपनी जीभ डाल दी. और ओंठों से ओंठों को बंद कर दिया. आह.. उसका मुंह हल्का सा गर्म था. और मुंह काफी चिपचिपा सा. मेरा तो दिमाग ही सुन्न पड़ गया. मेरे दोनों हाथ अपने आप उसके चूचों पर पहुँच गए. और उसके दोंनों हाथ मेरी सर्ट को खिंचने लगे. मैंने एक हाथ से उसे कमर से पकड़ा और कसकर अपनी और खिंचा उसने अपना पूरा मुंह खोल लिया. और ओंठों को ओठों से रगड़ते हुए एक दूसरे को कीस करने में हम डूब गए. कभी मैं दाँयें से मुंह बाएं करता और कभी वो मुझे बालों से कसकर पकड़ अपना मुंह टेढ़ा कर अपनी पूरी जीभ मेरे मुंह में डाल देती.
मैंने कीस करते हुए ही उसके ब्लाउज हालाँकी वह मुझसे ठीक से खुल नहीं रहा था. खोद दिए और ब्रा भी उतार दी. उसने भी मेरी सर्ट उतारने की कोशिश की पर सारे बटन ठीक से नहीं खोल पा रही थी. जैसे की मैं ठीक से उसके ब्लाऊज के नहीं खोल पा रहा था. जैसे तैसे हम दोनों ने एक दूसरे के कपड़े उतार कर नंगे हो गए. मैंने पहली बार कोई चूचा देखा था. उसके चूचे सामान्य ही थे. और थोड़े छोटे थे. जैसे की एक लड़की के होते जो कभी ना चूदी हो.. गोरा रंग और और हल्के भूरे रंग के गोल निप्पल जो थोड़े उभरे हुए थे. चूके पूरे मेरे हाथों में आ जा रहे थे. पर मुझे पसंद आए और मैंने पहली बार आराम से उसके चूचों का पहली बार दबाया. मेरे हाथों को उसकी दिल की धड़कर महसूस हो रही थी. उसका दिल बहुत तेजी से धड़क रहा था. मैंने हल्के से दाएँ वाले चूचों को रगड़ते हुए बाएं वाले का भोग लगाया. इतना मुलायम, नर्म, ऐहसास मुझे पहले कभी नहीं हुआ था. उस ऐहसास की मैं किसी चीज से तुलना भी नहीं कर सकता। और जैसे – जैसे मैं उसके चूचों के साथ खेल रहा था. उसके चूचे बड़े होते जा रहे थे. कुछ देर बाद वो पूरा मेरे मुंह में घुस भी नहीं पा रहे थे. मुझे ऐहसास हुआ की चूचे कुछ फूल गए है। मैंने दाएं वाले को अब चूसना और बाएँ वाले को मसलना शुरू किया उसने तलब में मुझे अपने सीने से चिपका लिया. मेरा लंड तो कब से पैंट फाड़कर बाहर आने को बेताब होने लगा था. मैंने उसकी एक हाथ धीरे उसकी चूत की और ले गया. उसने कोई टाइट पैंटी पहन रखी थी. हाथ चूत तक पहूँच ही नहीं पा रहा था. और लंड पैंट की चेन को धक्के पर धक्का दिये जा रहा था. पर मैं उसकी साड़ी उतारने और चूचों को चाटने चूसने से अपना ध्यान हटा ही नहीं पा रहा था. तभी मुझे लगा कि वह मेरी पैंट उतारने की कोशिश कर रही है. मैंने अपनी बैल्ट एक हाथ से खोल दी. और उसने फटाक से मेरी पैंट उतार दी.
बीवी की चूत मस्त साफ़ थी
उसकी साड़ी तो मैंने खिंच दी पर साया की डोर जल्दबाजी में मुझसे नहीं खुल रही थी. उसने बड़े आराम से सेकेण्ड में उसे खोल दी. डोर खुलते ही मैंने साया खिंचकर दूर फेंका. उसने ब्रा के ही कलर का यानि गांढे लाल रंग का अंडरवियर पहन रखा था. जो आगे से देखने पर थोड़ा जिल्लीदार था. जिसमें उसकी चूत का अगला शिरा साफ दिख रहा था. उसकी चूत शेव की हुई थी.
मैंने फटाक से उतार कर उसकी चूत में मुंह लगा दिया. आह.. पहली बार किसी चूत का स्वाद चखने को मिल रहा था. मैंने अपनी जीभ उसके अंदर तक डालने की कोशिश की पर वह जैसे सिली हुई था. उसने अपने दोनों पैर दो दिशाओं में फैला लिए. और मैं उसकी चूत में थूक लगाकर मस्त चूत के मजे लेने लगा. वह रहरह कर मेरे बालों को सहालती और मेरे लंड को पकड़ कर कभी सहलाती कभी खिंचती. मेरा लंड तो अब उसे चोदने के लिए खड़ा के साथ – साथ कड़ा और पागल भी हो रहा था. मैं उसके ऊपर चढ़ा और लंड डालने की कोशिश की लेकिन वह थोड़ा चिल्लघ गई और आगे की और हो गई. मेरे दोस्तों में मुझे बताया था. की पहली बार लंड डालते वक्त ऐसा ही होगा. हालाँकी उसकी चूत मस्ती में काफी फूल गई थी. और चूदने को तैयार थी. पर हर बार जैसे ही मैं डालने की कोशिश करता वह हिल जाती.
मैंने उस पर दोस्ते के बताएं नुस्खे आजमाए.. जो एकदम सही भी था. मैं उसके ऊपर लेट गया और उसकी चूत पर अपना लंड हल्के हल्के रगड़ने लगा. उसके मुंह में मुंह डाल जबरदस्त ढंग से उसे किस करने और चूचों को दबाने, निप्पल को खिंचने लगा. जब वह मस्ती में पूरी तरह मस्त हो गई. और मेरे बाल सहलाने और मेरी पीठ पर हलके से नाखुन चलाने लगी तो मैंने उसके पैरो में अपना फसाया और उसकी दोनों टाँगों को थोड़ा एक दूसरे के उलट फैलाया और कीस करते हुए. लंड उसकी चूत में झटके से डाला दिया. और वह मुंह हटा हल्के चिखी पर मैंने अपने हाथ उसका मुंह दाबाया और ना हिलने को कहा.. दो तीन बार लंड अंदर बाहर किया उसकी चूत बहुत टाइट थी और बड़ी मुश्किल से मेरा लंड अंदर बाहर जा राह था. लेकिन वह आह. ऊह करती ही जा रही थी.. मेरे अंदर की सेक्स गर्मी बढ़ने लगी. और मैं चरम पर पहुँचने लगा. मैं जरा सा हटकर देखा तो मेरा लंड खुन में सना था. और काफी सारा खुन बिस्तर पर भी लगा था. थोड़ी देर बाद उसका सिसकना बंद हुआ और वह भी सेक्स में मजा लेने लगी. मतलब अब सब ठीक था. पर थोड़ी देर बाद मैं उसकी चूत में झ़ड़ गया. पर मैंने ये जाहीर नहीं होने दिया और उसे थोड़ी देर और चोदा, इसी बीच वह भी झड़ गई. हम दोनों ने उस रात कुल 5 बार सेक्स किया. और थक के चूर हो गए. मेरी सेक्स कहानी का मेरा पहला सेक्स अनुभव मैंने आप सब से बाँटा. पहली बार सेक्स करने पर सभी का अनुभव ऐसा ही होगा. चाहे जिसकी सेक्स कहानी हो.
दोस्तों आप को यह सेक्स कहानी कैसी लगी? आप अपने बहुमूल्य सुझाव और टिप्पणियाँ हमें कमेन्ट में जरुर लिख भेजें.