एक आम लड़की से खास बनाने की कहानी – लड़के और लड्किया कपडे उतारकर और नंगे होकर डांस कर रहे
दोस्तों, मेरा नाम रामलाल है और मै एक गावं मे रहता हु | आज मै आपको कुछ बताता हु, जिसके कारण हमारे गावं की लड़कियों को शहर की हवा लग गयी और जितनी बार वो शहर के आदमियों से चुदी, उतनी बार तो शायद मैने अपनी लुगाई को भी ना चोदा होगा | बात कुछ साल पुरानी है, हमारे गावं मे कुछ शहरी बाबू लोग आये और अपना ताम-तम्बूरा गावं के बाहर एक बड़े मैदान मे लगा लिया | उन लोगो ने जगह अपनी रहने की जगह बनाई थी, वहा से गावं कोई २-३ किलोमीटर होगा, लेकिन उनको पीने का पानी और खाने के खाना वही से मिल सकता था | उनकी टोली मे ५-६ मर्द और २-३ औरते थी | गावं की गोरिया उन मर्दों को देखती रहती थी और गावं के मर्द उन औरतो को, वैसे भी वो सारे गावं मे छोटे कपड़ो मे सभी मर्दों को अपनी नंगी टाँगे दिखती घुमती थी | अभी तक किसी को नहीं पता था, कि क्या होने वाला है | उन्होंने किसी गावं वाले को भी तंग नहीं किया था, तो किसी को कोई परेशानी भी नहीं थी | एक दिन सब लोगो ने कैमरा लगा देखा और शूटिंग होते हुए देखी और सारे गावं मे भीड़ लग गयी |
सब लोग अपने-अपने जौहर दिखने पहुच गये | जब लोग वहा पहुचे, तो सब हक्के- बक्के हो गयी | लड़के और लड्किया कपडे उतारकर और नंगे होकर डांस कर रहे थी और फिर सब बड़े कामुकता के साथ एक दुसरे के साथ संभोग मे लिप्त हो गये | कुछ आदमी कैमरे पर चढ़े हुए, उस द्रश्य को फिल्म रहे थे | कुछ लोगो ने रोकने की कोशिश की, वो बोले कि हमने तो आप को नहीं बुलाया था, तो आप आये क्यों? और हम आपके गावं को परेशान नहीं कर रहे है. तो आप लोगो को क्या आपत्ति है? वो भी ठीक थे, लेकिन उनकी हरकते देखकर गावं के जवान पागल हो रहे थी और गावं की कुछ लड्किया अपनी खूबसूरती को बड़ा चड़ा कर घूम रही थी | हमारे गावं की सबसे सुन्दर लड़की थी, उसका नाम वैशाली था और गावं के लोग उसे विशु कहकर बुलाते थे | उसका बाप, खेतो मे मजदूरी का काम करता था, बहुत गरीब था और उसके ऊपर साहूकार का काफी क़र्ज़ चढ़ा था | साहूकार की भी गन्दी नज़र उस पर थी और वो इस वजह से विशु के बाप को कुछ नहीं बोलकर अपने जाल मे फसा रहा था |
विशु कुछ पढ़ी लिखी थी और उसे उन सब काम के बारे अच्छी तरह से मालूम था और उस ये भी मालूम था, कि इन कामो मे पैसे अच्छे मिलते है | वो रात मे जाकर इन फिल्म वालो के मालिक से मिली | वो सुंदर तो थी ही और उसका बदन भी बहुत मस्त था | बस वो अपने घर को लेकर परेशान थी | उसने अपने बारे मे सब कुछ डायरेक्टर को बताया | डायरेक्टर को विशु पहली ही बार मे पसंद आ गयी थी और जब वो बिंदास होकर उसके सामने नंगी हो गयी और उसने उसको उसकी चूत को छुने दिया; तो डायरेक्टर खुश हो गया और उसको अपनी टीम मे शामिल कर लिया | अगले दिन सुबह उसने अपनी यूनिट के एक आदमी को विशु के घर भेजा और साहूकार के यहाँ भी भेजा | उस बन्दे ने विशु के बाप का एक-एक पैसा साहूकार को वापस कर दिया और उससे सारे कागज वापस लेकर मुहर भी लगवा दी | फिर, डायरेक्टर साहब ने विशु के बाप बुलवा भेजा और सारे कागज देते हुए बोला, आप की लड़की ने हमारे साथ काम करने की इच्छा जताई थी और हमने ने उसको नौकरी भी दे दी है | अब उसको हमारे साथ पुरे संसार मे घूमना होगा | हमने आप का सारा क़र्ज़ चुका दिया है और आप के लिए काफी पैसे पोस्ट ऑफिस मे जमा करवा दिये है |
जब आपके यहाँ एक बैंक खुल जायेगा, तो हम आपका एक बैंक अकाउंट भी खुलवा देंगे | आप हर महीने दस हज़ार रुपए अपने खर्चे के लिए पोस्ट ऑफिस से ले सकते है |अभी तो हम आपकी लड़की को लेकर बाहर जा रहे है, जब कुछ महीनो बाद ये वापस इसी देश मे आयेगी, तो हम आपको भी शहर मे बुलवा लेंगे | सारा गावं मेरे फासले से नाराज़ था लेकिन, मेरे बापू मेरे इस फासले से खुश थे | कुछ लोगो ने उन्हें गावं से बाहर जाने को बोला; तो डायरेक्टर साहब ने उनके रहने का इंतज़ार गावं के बाहर एक डाक बंगले मे कर दिया | अब उन्हें साल भर तक किसी भी चीज़ की जरुरत नहीं थी | उनके दिन फिर चुके थे और सारा गावं उनसे इर्ष्या करने लगा था | फिर, डायरेक्टर साहब ने उनको समझाया, कि आप को भड़काने के लिए आपकी लड़की के बारे मे बहुत कुछ गन्दा-गन्दा बोलेंगे | आप कुछ मत सुनना, क्योकि, अब आप कि जिन्दगी की गाड़ी बहुत अच्छी पटरी पर चलने वाली है |