इंडियन सुन्दर शादी शुदा लड़की मजबूरी में बनी जीबी रोड के कोठे की रंडी एक तरफ छोटा बच्चा दूसरी तरफ ग्राहक देह वेश्यावृत्ति या जिस्मफ़रोशी के अवैध धंधे में किसी तरह की छुट्टी का रिवाज नहीं है. वेश्यावृत्ति या जिस्मफ़रोशी एक क़िस्म का कारोबार होता है जिसमें पैसों के लिए शारीरिक रिश्ते बनाए जाते हैं।अर्थलाभ के लिए स्थापित संकर यौन संबंध वेश्यावृत्ति कहलाता है। इसमें उस भावनात्मक तत्व का अभाव होता है जो अधिकांश यौनसंबंधों का एक प्रमुख अंग है। इस कारोबार को करने वाले शख़्स को वेश्या कहा जाता है.
जीबी रोड यानी गारस्टिन बास्टिन रोड, राजधानी दिल्ली में सबसे बड़ा रेड लाइट एरिया है. दिल्ली की बदनाम जी बी रोड पर अंदर गली में घुसते ही रंडी को चोदने के लिए गए नीरज भार्गव को एक लड़का मिल गया. 22 साल का यह जवान लड़का दिल्ली जी बी रोड के रंडी खाने अर्थात कोठे में बेसहारा और मजबूर लड़कियों व औरतों से जिस्म फरोशी का गलत धंधा करवाता है और खुद ही उन रंडियों के लिए ग्राहक लाने का काम भी करता था. जो मर्द किसी धंधा करने वाली रांड के लिए ग्राहक लेकर आता है उसे सामान्य शब्दों में रंडी का दलाल या नायक बोलते है जो इस काम के बदले रांड लड़कियों और महिलाओं से कमीशन लेता है.
उस रंडी के दलाल लड़के की बातों में फंस कर नीरज भार्गव रंडी घर अर्थात कोठे पर एक रंडी के कमरे में चुदाई करने के लिए अपना लंड खुजाता खुजाता पहुंच गया, सीढि़यों से चढ़ कर जब नीरज भार्गव रंडी खाने की दूसरी मंजिल पर पहुंचा, तो उस ने एक जैसे कई छोटे छोटे कमरे देखे जिनके अंदर वेश्यावृत्ति करने वाली लडकियाँ और महिलायं नंगी होकर अपने ग्राहकों को सन्तुष कर रही थी. कुछ कमरों के दरवाजे खुले थे, तो कुछ के बंद थे और उन बंद दरवाजो से रंडी की चुदाई की गन्दी गन्दी आवाजे आरही थी. लड़के ने एक कमरे का दरवाजा खोला और नीरज भार्गव को अंदर भेज दिया.
अंदर एक 20-22 साल की बहुत ही सुन्दर लड़की थी वो एक बेसहारा महिला थी जो किसी मज़बूरी के चलते रंडी बनकर वेश्यावृत्ति करने के लिए मजबूर थी. आपसी बातचीत के बाद लड़की ने कमरे में पड़े तखत पर बैठने का इशारा किया . नीरज भार्गव को लगा, जैसे वह लड़की वहां के माहौल से बहुत वाकिफ नहीं थी. थोड़ी देर बाद वो जवान सुंदरा सी दिखने वाली वो मासूम सी 20-22 साल की रंडी लड़की नंगी होकर अपनी टांगे फसार कर लेट गयी और चोदने के लिये बोलने लगी फिर नीरज भार्गव ने उस लड़की के साथ शरीरीक संबंध बनाने की शुरुआत की, जब उसने उस रंडी की चूत देखी तो उसे एहसास हुआ कि वह शायद हाल ही में मां बनी थी और उसने बच्चे को जन्म दिया था.
लड़की बोली, ‘‘चूत चुदाई करवाना और गांड मरवाना तो रोज का धंधा है. इसी चमड़ी की कमाई से मेरे घर का चूल्हा जलता है और हमें दो वक्त की रोटी मिलती है, जिस से मेरा और मेरे बच्चे हम दोनों का पेट भरता है.’’ ‘‘कभी ग्राहक के साथ सेक्स करते हुए तुम्हारा बच्चा इतना छोटा है ये रोता नहीं क्या जब तुम अपने ग्राहक के साथ इसी के सामने सेक्स करती हो…?’’ नीरज भार्गव ने ऐसे ही पूछ लिया साहब ‘‘यह छोटा बच्चा यहीं का है. इसे यहां के हर कदम की आहट पता है. जब तक पराया मर्द मेरे साथ सेक्स करता है, तब तक यह सोता रहता है. आप इस की चिंता मत करो साहब यह चुदाई करते बक्त बिलकुल परेशान नहीं करेगा,’’ जवान सुन्दर सी रंडी लड़की ने जवाब देते हुए कहा.
नीरज भार्गव के लिए रंडी घर अर्थात कोठे पर किसी जवान और सुन्दर सी दिखने वाली रंडी के साथ सेक्स करने का यह पहला अनुभव था, पर वह लड़की तो बच्चा पैदा होने के तीसरे दिन से ही यह सब कर रही थी. उस के लिए नया कुछ नहीं था. ‘‘बच्चा देख कर ग्राहक दूर नहीं हो जाते?’’ नीरज भार्गव ने पूछा. ग्राहक को पता होता है कि वो कोठे पर सेक्स करने के लिए जा रहा है और वंहा उसे ऐसी ही लडकियाँ मिलती है.. कई बार तो ग्राहक ऐसी औरतों के पास ही जाना चाहते हैं जिनकी चूत से बच्चा पैदा हो चूका हो. उन को यह अलग तरह का अनुभव होता है.’’
दरअसल, दिल्ली जी बी रोड जैसे रंडी बाजारों में बहुत सारी औरतें और लडकियाँ ऐसी होती हैं, जो न चाहते हुए भी प्रेग्नेंट हो जाती हैं. पेट से हो जाने के बावजूद भी ये देह धंधा करती रहती हैं. 7वें से 8वें महीने तक ये सैक्स कर लेती हैं. ऐसे ही बच्चे के साथ रह रही अनीता कहती है, ‘‘हम 1-2 महीने भी खाली नहीं बैठ सकते. बच्चा पेट में होने के समय ग्राहक कम पसंद करता है, पर जब बच्चा हो जाता है, तब उसे यह परेशानी नहीं रहती कि बच्चा छोटा है. ‘‘पेट से हो जाने के बाद सैक्स के दौरान कई बार कुछ परेशानियां आ जाती हैं. तब हमें संभल कर धंधा करना होता है. आखिरकार धंधा कर के पेट पालने ही तो यहां आए हैं.’’दिल्ली जी बी रोड में अप्रैल, 2016 में जब पुलिस ने छापा मार कर देह धंधा करने वाली औरतों और लड़कियों को पकड़ा, तो पता चला कि आधी औरतें ऐसी थीं, जिन के पास 3 महीने से ले कर 3 साल तक के छोटे बच्चे थे.
पुलिस ने इनको बच्चों के साथ ही जेल भेज दिया. उस समय की बातचीत में इन बच्चे वाली औरतों ने बताया कि देह धंधे में किसी तरह की छुट्टी का रिवाज नहीं है. ऐसे में उन्हें दुधमुंहे बच्चे के साथ ही ग्राहक को भी संभालना पड़ता है. कई रंडियों ने तो अपने 5-6 साल के बच्चे को ही ग्राहक लाने का काम सौंप दिया है. इस की वजह बताते हुए उर्मिला कहती है, ‘‘ग्राहक के साथ सेक्स करने पर मिलने वाले पैसे में दलाल और कोठा मालकिन दोनों का ही हिस्सा होता है. जब से केंद्र में मोदी की सरकार आई है घर के खर्च भी बढ़ गए हैं और इसी वजह से अब ग्राहक सेक्स करने के लिए पहले की तरह ज्यादा पैसा नहीं देता. ऐसे में अगर छोटा बच्चा अपोनी माँ या बहन के लिए ग्राहक ले आता है, तो उन का हिस्सा बच जाता है और हमारी आमदनी भी बढ़ जाती है.
“दिल्ली जी बी रोड ‘संगम की नगरी’ इलाहाबाद का एक खास इलाका है. बंजारन एक ऐसी निचली जाति थी, जो शहरशहर घूम कर अपना पेट पालने के लिए छोटेमोटे काम करती थी. यहीं इन के संबंध गैर मर्दों से बनते थे. इन से पैदा होने वाली लड़कियों ने धीरेधीरे नाचगाने को अपना पेशा बना लिया. कई बार ये नाचने वालियां पैसे वालों से संबंध भी बना लेती थीं. इन से पैदा होने वाली औलादें रंगरूप से खूबसूरत होती थीं और उन को पैसा भी ज्यादा मिलता था. समय के साथसाथ मुजरा बीते जमाने की बात हो गई.
पहले मुजरे की आड़ में लडकियाँ देह धंदा करा करती थी किन्तु अब देह धंधा करने के लिए किसी तरह की आड़ लेने कोई जरूरत नहीं है. पुलिस और इलाके के गुंडे इन रंडियों के साथ सेक्स करते है और हफ्ता वसूली करते हैं. दिल्ली जी बी रोड का यह इलाका पूरी तरह से देह धंधे की मंडी बन गया है यंहा हर उम्र की रंडी उपलब्ध है जिनमे जवान बच्चियों से लेकर तलाक शुदा लडकियाँ भी शामिल है. यहां पतली और ऊंचीऊंची 4 गलियां हैं. इन में रहने वाली ज्यादातर लड़कियां अब नेपाल से आती हैं. इस वजह से एक गली का नाम ही ‘नेपाली गली’ पड़ गया है.
इन 4 गलियों में सौ से ज्यादा कोठे हैं. एक कोठे में 5 से 6 औरतें रहती हैं. दिल्ली जी बी रोड की इस देह मंडी में बड़ी तादाद में नाबालिग लड़कियां भी हैं.कुछ साल पहले इस देह मंडी से नाबालिग लड़कियों को आजाद कराने के लिए गुडि़या संस्था के अजीत सिंह ने छापा मारा था. उस समय यहां से सौ नाबालिग लड़कियों को उन के घर पहुंचाया गया था. अभी भी इस मंडी में नाबालिग लड़कियों की तादाद काफी है. इस मंडी की हर गली के करीब चाय और पान बेचने वालों की खोखे टाइप दुकानें हैं. इन पर रंडियों के दलालों की भीड़ लगी रहती है. ये दलाल हर आनेजाने वाले पर पैनी नजर रखते हैं.
शादी शुदा लड़की मजबूरी में बनी कोठे की रंडी एक तरफ छोटा बच्चा दूसरी तरफ ग्राहक

सुन्दर और जवान रंडियाँ गलियों के पास बने अपने कोठों के दरवाजों और खिड़कियों के पास खड़ी रहती हैं. कई बार पुलिस यहां पर छापेमारी भी करती है, पर उस के आने पर 2-4 लोग पकड़े जाते हैं, बाकी भाग जाते हैं. कुछ दिन पहले रेहाना नाम की एक औरत को पुलिस ने पकड़ा था. उसे आगरा के नारी सुरक्षागृह में भेज दिया. जेल जाने से पहले वह अपनी 8 साल और 10 साल की 2 लड़कियों को अपनी गली में रहने वाली नीमा के पास छोड़ गई थी.
नीमा से उस ने कहा था कि जब तक वह जेल में है, तब तक इन वेश्यावृत्ति करने वाली लड़कियों को अपने पास रख ले. 5 महीने बाद जब वह आई, तो नीमा उस की वेश्यावृत्ति करने वाली दोनों लड़कियों को लेकर गायब हो चुकी थी. रेहाना अब अपनी लड़कियों को तलाश रही है. उसने पुलिस में भी शिकायत दर्ज कराई है, पर कोई फायदा नहीं हुआ. बादशाही मंडी पुलिस चौकी का चक्कर लगाती रेहाना अपना दर्द बताते हुए कहती है, ‘‘मैं जिसे हमदर्द समझ कर अपने बच्चों को उस के हवाले कर गई थी, वही अब बच्चों को ले कर गायब हो गई है. मुझे चिंता इस बात की है कि मेरे जैसा हाल मेरी बेटियों का भी न हो.’’दिल्ली जी बी रोड की सड़क पर आगे बढ़ते हुए कुछ अलग सा दिखने लगता है. यहां पर तिमंजिला इमारतें बनी हैं. इन में ही औरतें जिस्मफरोशी का धंधा करती हैं.
कोठे पर ऊपर की ओर जाने वाली सीढि़यां भी पतली पतली हैं. ये काफी सीधी बनी हुई हैं, जिन से कोई आसानी से दौड़तेभागते इन सीढि़यों से नीचे नहीं उतरचढ़ सकता है. कोठे का ऊपर का हिस्सा भी काफी बंदबंद सा होता है. बीच में एक आंगन और बरामदा होता है. इस के चारों ओर कमरे बने होते हैं. आंगन और बरामदों का इस्तेमाल बैठने और बात करने के लिए होता है. यहां आमतौर पर कोठा मालकिनें बैठी मिल जाती हैं. कमरों का इस्तेमाल देह धंधे के लिए होता है. दिल्ली जी बी रोड में सब से ज्यादा रौनक ‘नेपाली गली’ में होती है. यहां धंधा करने वाली नेपाली लड़कियां होती हैं ये ज्यादातर खुले गले का कुरता पहनती हैं जिससे इनके बूब्स बहुत सेक्सी दिखाई देते हैं.
इन महिलाओं और लड़कियों का यह कुरता स्लीवलैस होता है. कुरते के साथ पहनी जाने वाली सलवार को ये कमर में खोंस कर रखती हैं. ऐसे में इन के छोटेछोटे गोरेगोरे पैर घुटनों तक नंगे रहते हैं. दिल्ली जी बी रोड में अभी भी इक्कादुक्का ऐसे मकान हैं, जिन में देह का धंधा नहीं होता. ऐसे लोग बड़ी मजबूरी में यहां रहते हैं. आने वाले ग्राहकों से बचने के लिए ये अपने घरों के बाहर एक बोर्ड लगा कर रखते हैं, जिस पर लिखा होता है, ‘यह फैमली क्वार्टर है’. यहां के रहने वाले लोग अपनी पहचान छिपाते हैं. कई बार तो ये अपने पहचानपत्र भी दूसरे महल्ले के नाम पर बनवाते हैं.
यह ऐसा रंडी बाजार है, जहां देह बेचने के लिये रंडी लड़कियों को और सेक्स करने के लिये लडको और मर्दों को रंडी खरीदने के लिये दोनों को ही बिचौलियों के भरोसे रहना पड़ता है. यही वजह है कि इस बाजार की रौनक खत्म हो गई है. किसी बाहर वाले के अंदर दाखिल होते ही गलियों में रहने वाली रंडियों और उन रंडी लड़कियों के दलालों में होड़ लग जाती है. रंडी घर अर्थात कोठे में इतनी सारी जवान और सेक्सी लड़कियां है की कई बार तो कई कई दिन तक ग्राहक के दर्शन ही नहीं होते हैं. सुबह से ही वेश्यावृत्ति करने वाली सुन्दर और जवान रंडियाँ अपने कोठे में ग्राहक का इंतजार करती दिख जाती हैं. गली के कोने पर खुली चाय और पान की दुकानों के अपने बंधे ग्राहक होते हैं.
रंडी के साथ संबंध बनाने की रकम तय हो जाने के बाद भी दलाल और कोठा मालकिन ग्राहक से जोर जबरदस्ती करते हैं. कई बार तो अंदर कमरे में जाने वाली रंडी भी ज्यादा चुदवाने के बदले ज्यादा पैसे की मांग करने लगती है. रंडी घर अर्थात कोठे पर रंडी की चूत चोदने और गांड मारने जो मर्द और लड़के आते है उनमे अधिकतर मर्द शादी शुदा होते है और कुछ जवान स्कूल और कॉलेज के लड़के होते है. दोस्तों आप को हमारी पोस्ट “शादी शुदा लड़की मजबूरी में बनी जीबी रोड के कोठे की रंडी एक तरफ छोटा बच्चा दूसरी तरफ ग्राहक” कैसी लगी हमें बताना न भूले और इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करी…