Sambhog Sex Kahani एक ख्वाहिश

हिंदी सेक्स स्टोरी Sambhog Sex Kahani एक ख्वाहिश

सभी की तरह मेरी भी ख्वाहिश है कि ऐसी कोई तो मिले जो सेक्स में कभी ना न कहे और पूरे पल को पूरे एहसास के साथ जिए। सच कहूँ तो मुझे आज तक ऐसी कोई मिली नहीं, कभी कभी तो लगता है ऐसी कोई है ही नहीं जो निशांत को शांत कर सके। एक बार तो तीन लड़कियों के साथ भी कोशिश की पर नहीं दूसरे ही दिन तीनों मुझे पास भी आने नहीं दे रही थी। खैर जो भी हो मेरी दुआ है कि आप सभी की ख्वाहिशें पूरी हों..

अब मैं अपनी कहानी पर आता हूँ। यह कहानी है मेरी और शोना की। जब मेरी कहानी ‘प्रेम अध्याय की शुरुआत’ का प्रकाशन हुआ तब एक कन्या ने मुझसे फेसबुक पर संपर्क किया। मेरे दिल के तार भी बजने लगे। मैंने उससे बात शुरू की वो किसी मेडिकल कॉलेज की छात्रा थी। हमारा संवाद कुछ इस प्रकार हुआ..

शोना- मेरा नाम शोना(बदला हुआ) है, मैं मेडिकल की छात्रा हूँ आपकी बहुत बड़ी प्रशंसक हूँ। आप अपने बारे में बतायें, आपकी उम्र और आप क्या करते हो ?

मैं- जानू प्यार का उम्र से क्या लेना देना है। वैसे उम्र 25 साल है और हर उस लड़की से प्यार करता हूँ जो भी मुझसे प्यार की उम्मीद करती है..

शोना- कितनी गन्दी बातें करते हो आप। आपकी कहानियों से लगा था आप भावनाओं की कद्र करते हो। बस सेक्स नहीं स्त्रियों की भावनाएँ भी आपके लिए मायने रखती हैं।

मैं- क्या करूँ शोना, जब कोई तुम्हारी भावनाओं से खेलने लगे तो किसी और की भावनाओं को समझना मुश्किल हो जाता है। माफ़ करना मेरे इस व्यवहार के लिए !

शोना- काफी चोट खाए आशिक लगते हो जनाब आप ! आपकी कहानियाँ ही बता देती हैं।

मैं- शारीरिक चोट की दवा तो मिल भी जाती है। पर इस दिल की दवा आज नहीं मिली। वैसे आपके जीवन में ऐसा कुछ हुआ है क्या?

शोना- नहीं, मैंने कभी किसी को अपने दिल के इतने अन्दर आने ही नहीं दिया कि कोई उसे ठेस पहुँचा सके। पहली बार आपकी कहानियों को पढ़कर मुझे आपसे संपर्क करने की इच्छा हुई।

मैं- मुझे लगा कि इस मामले में बहुत अनुभवी होगी।

शोना- नहीं जी, ऐसा नहीं है कि सभी जो ऐसी कहानियाँ पढ़ती हैं वो अनुभवी ही हों। वैसे हाँ, मुझे पसंद है दूसरो के अनुभवों को जानना ताकि मेरा पहला अनुभव मैं अच्छे से जी सकूँ। आप जिस तरह से काम क्रीड़ा का वर्णन करते हो उससे उम्मीद जगती है कि ऐसे भी लोग हैं जो साथी की भावनाओं की कद्र करते हैं। अगर कोई भी लड़की यह कहती है कि नहीं इस चीज़ को अनुभव करने का मन नहीं है तो वो झूठ कहती है क्योंकि यह तो इंसान की सहज वृति ही है। जैसे पुरुष किसी स्त्री को देख कर आकर्षित होता है वैसे ही कोई स्त्री भी पुरुष के प्रति आकर्षित होती है। बस वो घबराती है कि सामने वाला सही मायने में उसे समझेगा या नहीं।

मैं- आपने तो मेरी आँखें खोल दी। कहाँ थी अब तक आप? मन तो करता है कि आपका शिष्य बन जाऊँ और स्त्री की भावनाओं का ज्ञान आपसे प्राप्त करूँ..

शोना- बस भी करो मेरा मजाक उड़ाना ! माफ़ करना जो मैंने तुम्हें इतना ज्ञान दे दिया।

मैं- ठीक है, इतना तो समझ गया कि आप अनुभव तो प्राप्त करना चाहती हो पर घबराती हो। वैसे मुझ पर भरोसा कर सकती हो।

शोना- नहीं आप भी जानते हो इन्टरनेट पर किसी पर भी भरोसा नहीं किया जा सकता। फिर चाहे वो लड़की हो या लड़का। मैं यूँ ही किसी के साथ भी संबंध नहीं बना सकती।

मैं- पर उसका अनुभव तो कर सकती हो न ! मुझे भी किसी पर भरोसा नहीं है और मैं बस अब दायरे से बाहर किसी अनुभव को प्राप्त नहीं करना चाहता। हम वीडियो चैट कर सकते हैं। इसमें हम दोनों आमने सामने होंगे और भरोसे वाली बात भी होगी।

शोना- मैं कैसे मान लूँ कि तुम हमारी बातों को रिकॉर्ड नहीं करोगे और बाद में मुझे परेशानी हुई तो? ऐसे कैसे कर लूँ तुम पर भरोसा?

मैं- वैसे इतनी गिरी हुई हरकत करना तो दूर, मैं सोच भी नहीं सकता ! फिर भी तुम्हारे भरोसे के लिए जब भी पहली बार तुम मेरे सामने वीडियो पर आओगी तब मैं तुम्हें अपनी ओरिजिनल फेसबुक आईडी और पासवर्ड दे दूंगा, अगर तुम्हें कभी भी ऐसा कुछ महसूस हुआ तो तुम उसके वाल पे जितनी चाहे उतनी गालियाँ दे देना और साथ ही तुम्हारी बात भी उन सब से करवा दूंगा जो मुझसे इस तरह से बहुत दिनों से बात कर रही हैं।

शोना- मैं तुम्हें देखना चाहती हूँ।

मैंने अपनी तस्वीर उसे भेज दी !

शोना- तुम तो बॉलीवुड हीरो जैसे दीखते हो। मैं उतनी सुन्दर नहीं हूँ। मुझे देख के तुम्हारा क्या होगा, रहने दो इस टॉपिक को..

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