मेरा नाम चंदन यादव है और मेरी उम्र मात्र 21 वर्ष है. मैं एक कुंवारा लड़का हूँ और मुझे चुदाई के बारे में सारा ज्ञान है और ये ज्ञान मुझे इन्टरनेट पर मौजूद पोर्न वेबसाइट से प्राप्त हुआ है. मुझे हर रात ब्लू फिल्म देखकर मुठ मरने का बड़ा शौक है और अपनी हवस शांत करने के लिए मैं हर रोज दिन में करीब तीन बार हस्तमैथुन जरूर करता हूँ. दोस्तों इस कामुकता से भरी गन्दी अन्तर्वासना हिंदी सेक्स स्टोरी में आप पढ़ेंगे की कैसे मैंने चुदाई करने के दौरान मेरी बड़ी बहन की सहेली के मुंह में लण्ड दिया उसकी टाइट चूत में से निकालकर और उसके मुंह की भी चुदाई करी.
मेरी बड़ी बहन की सहेली की चुदाई करने की जो कामुक घटना मैं आप सभी को बताने जा रहा हूं ये कामुकता से भरी घटना उस वक्त की है जब मैं अपनी बुआ के घर गया हुआ था. मेरी बुआ की बेटी चंद्रकला अर्थात मेरी बड़ी बहन 26 साल की है और वो एक स्कूल टीचर है. उसी स्कूल में उसकी एक बहुत ही सुन्दर और सेक्सी सहेली भी पढ़ाया करती थी. मेरी बड़ी बहन की सहेली का नाम था रुखसार और उस कामुकता से भरी लड़की की उम्र 25 वर्ष थी. मैंने उसको पहली बार जब देखा जब एक दिन दीदी ने उसको अपने घर चाय पर बुलाया था. जब वो आई तो मैं ही दरवाजा खोलने के लिए गया था. मैंने दरवाजा खोला तो वो सामने थी और मैं उसको एकटक देखता ही रह गया.
टाइट चूत में से निकालकर लण्ड बहन की सहेली के मुंह में दिया अन्तर्वासना हिंदी सेक्स स्टोरी
फिर एकदम से मैंने नजर हटायी और उसको अंदर आने का रास्ता दिया. दोस्तो, उसका फिगर क्या कहूं … एकदम से सेक्सी बदन की मालकिन थी वो. उसको जो भी देखे वो पागल ही हो जाये. 32 के स्तन और कमर 30 की. उसकी गांड 34 की थी. उसने मुझ एक नजर देखा और फिर अंदर आते हुए पूछने लगी की तुम्हारी बहन चंद्रकला घर पर है क्या? मैंने हां में गर्दन हिलायी और तब तक मेरी बहन भी बाहर निकल आयी. दीदी उसको अंदर लेकर जाने लगी और पीछे से उसकी गांड उसकी पजामी में मटकती हुई दिखाई दे रही थी. वो दोनों ऊपर वाले कमरे में चली गयीं.
थोड़ी देर के बाद बुआ ने चाय बना दी और मुझे चाय को ऊपर वाले रूम में देने के लिए कहा. मैं शर्मा रहा था क्योंकि मुझे लड़कियों से बात करने में हिचकिचाहट होती थी. मैं जब चाय लेकर ऊपर जा रहा था तो मैं दरवाजे के पास पहुंचा तो उनकी बातें सुनने लगा. रुखसार दीदी से कह रही थी- तूने बताया नहीं कभी कि तेरा भाई भी है? मेरी दीदी उससे बोली की ये मेरा सगा भाई नहीं है, मेरे मामा जी का बेटा है. रुखसार- बहुत मस्त बन्दा है यार तेरा भाई तो. अगर ये चुदवाने के लिए मिल जाये तो मैं उसे … (कहते हुए रुखसार चुप हो गयी). दीदी- पागल हो गयी है क्या वो मेरा छोटा भाई है, उसकी उम्र ही क्या है अभी? फिर मैं चाय लेकर अंदर चला गया. मुझे देखते ही वो दोनों चुप हो गयीं. रुखसार ललचाई हुई नजरों से मेरी तरफ ही देख रही थी.
मैं उस कामुकता से भरी जवान लड़की से कभी नजर मिला रहा था तो कभी बचा रहा था. मैंने कभी इससे पहले किसी लड़की से खुलकर बात भी नहीं करी थी. इतने में ही बुआ ने दीदी को नीचे बुला लिया तो मेरी बड़ी बहन निचे बुआ के पास चली गयी और अब रूम में हम दोनों ही बचे थे. फिर रुखसार मुझसे बात करने की कोशिश करने लगी. मेरी बड़ी बहन की सहेली मुझसे बोली की आपको पहले कभी यहां नहीं देखा. मैं मेरी बड़ी बहन की सहेली से बोला की मैं चंद्रकला दीदी के मामा का लड़का हूं. यहां बुआ के घर छुट्टी बिताने के लिए आया हुआ हूं. मेरी बड़ी बहन की सहेली बोली- आपकी पर्सनेलिटी तो बहुत अच्छी है. आप जिम करते हो क्या? मैं मेरी बड़ी बहन की सहेली से बोला की नहीं, मैं खेत में मेहनत करता हूं.
सारा दिन खेत का ही काम रहता है इसलिए शरीर भी फिट रहता है. फिर ऐसे ही हम दोनों इधर उधर की बातें करते रहे. पांच मिनट के बाद दीदी आ गयी और मैं उन दोनों को वहीं छोड़कर आ गया. फिर घंटे भर तक वो दोनों साथ रहीं और फिर नीचे आ गयीं. उसके बाद दीदी ने मुझे उसकी सहेली रुखसार को उसके घर छोड़ने के लिए कहा. मैं उस कामुकता से भरी जवान लड़की को बाइक पर बिठाकर उसके घर छोड़ने के लिए निकल गया. बीच रास्ते में वो कामुकता से भरी जवान लडक मुझसे पूछने लगी- तुम्हारी गर्लफ्रेंड है क्या? मैंने उसको मना कर दिया की नहीं मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है. फिर कुछ देर के बाद उसने मेरे कंधे पर हाथ रख लिया.
मुझे उस कामुकता से भरी कुंवारी लड़की के कोमल हाथ बहुत अच्छे लगे. फिर उसका घर आ गया और मैंने उसको घर के बाहर छोड़ दिया. उतरने के बाद उसने मुझसे हाथ मिलाया और मुस्कराते हुए मुझे बाय बोला. ऐसा लग रहा था जैसे कि वो मुझ पर बहुत मेहरबान हो रही हो. उसके बाद मैं वहां से वापस आ गया. दो दिन के बाद मेरे मोबाइल फोन पर एक अनजाने नम्बर से कॉल आया. फोन उठाकर मैंने हैलो किया तो वहां से एक लड़की की मीठी सी आवाज आई कि मैं रुखसार बोल रही हूं. मैंने पूछा- आपको ये नम्बर कहां से मिला? वो बहन की लौड़ी बोली की चंद्रकला से लिया है क्योकि मुझे आपसे बात करनी थी.
फिर मैं बोला- ठीक है, बताओ क्या बात करनी है? वो बहन की लौड़ी बोली की आपको कम्प्यूटर की जानकारी है क्या? शायद मेरे कम्प्यूटर में कुछ खराबी आ गयी है. मैंने कहा- नहीं, मुझे इसकी जानकारी नहीं है. वैसे क्या खराबी आ गयी है? वो बहन की लौड़ी बोली की बहुत धीरे काम कर रहा है. मैंने कहा- तो एक बार उसको फॉर्मेट कर लो. वो बहन की लौड़ी बोली की मगर उसमें मेरा कुछ पर्सनल डाटा है जो मैं खोना नहीं चाहती. मैंने कहा- तो फिर आप किसी कम्प्यूटर रिपेयर सेंटर पर ही दिखा लो तो सही रहेगा. वो बहन की लौड़ी बोली की ठीक है. यही सही रहेगा. फिर उसने कॉल काट दिया.
रात को फिर उस कुंवारी लड़की का कॉल मेरे मोबाइल फोने पर आ गया. इस बार उसने उस कॉल पर काम की कोई बात नहीं की. मगर हम दोनों की काफी देर तक बातें हुईं. मैं जान गया कि मेरी बहन की सहेली चुदना चाह रही है शायद मेरे लण्ड से. फिर हमारी बातें रोज होने लगी. मैं भी मेरी बहन की सहेली की चुदाई करने के लिए अब तैयार था और उस कुंवारी लड़की की टाइट चूत में अपना कुंवारा लण्ड पेलना चाह रहा था. एक दिन मेरी बहन की सहेली ने खुद ही आगे से मुझे मिलने के लिए बोल दिया. वो बहन की लौड़ी बोली की आप कब मिल सकते हो? मैं एक बार आपसे बात करना चाहती हूं.
मैंने कहा- दो दिन के बाद बुआ और फूफा दवाई लेने आगरा जायेंगे. तुम चंद्रकला से बात कर लेना और घर आ जाना. अब आगे की कामुकता से भरी गन्दी अन्तर्वासना हिंदी सेक्स स्टोरी मेरी बहन की सहेली रुखसार की जुबानी … मैं चंदन से मिलकर उसके साथ सेक्स मजा लेना चाहती थी. मैंने चंदन को अभी तक अपने दिल की बात नहीं बोली थी. मगर मैं उसको बहुत पसंद करने लगी थी. मैं बस किसी तरह तीसरे दिन के इंतजार में थी. फिर वो दिन भी आया और उसके बुआ-फूफा दवाई लेने आगरा चले गये. मैं बहुत उत्साहित थी. चंदन जैसा लम्बा चौड़ा तगड़ी कद काठी का बंदा मैंने पहली बार देखा था.
वैसे मेरा फिगर भी किसी का भी लण्ड खड़ा कर सकता था. मगर चंदन को जैसे मुझे देखकर कुछ हो ही नहीं रहा था. मैं तो उसको जब भी देखती थी तो मेरी चूत में खुजली होने लगती थी. अब मुझे अपनी टाइट चूत में उस जवान लड़के का लंबा मोटा लण्ड चाहिए था. इसके लिए चाहे मुझे कुछ भी करना पडे. मैंने अपनी सहेली चंद्रकला को फोन किया कि मेरे घर कोई नहीं है. रात को डर भी बहुत लगता है. मैंने उससे मेरे घर आने के लिए कहा. उधर चंद्रकला भी कहने लगी कि उनके घर भी कोई नहीं है. इसलिए वो मुझे अपने ही घर बुलाने लगी. मैं तो खुशी खुशी तैयार हो गयी. मुझे तो चंदन से अपनी चूत भी चटवानी थी.
शाम को मैं चंद्रकला के घर जा पहुंची. उस वक्त वो खाना बना रही थी. मैं भी चंद्रकला के साथ मिलकर खाना बनवाने में उसकी मदद करने लगी. चंदन ऊपर वाले कमरे में था. खाना बनाने के बाद मैं उसको बुलाने के लिए ऊपर वाले रूम में गयी. मुझे देखते ही वो उठ खड़ा हुआ और मुस्कराकर बोला- तुम कब आईं? मैं बोली- काफी टाइम हो गया. खाना बनवा रही थी. चलो नीचे चलकर खाना खा लेते हैं. उस दिन मैंने नीले रंग का सूट सलवार पहना हुआ था. उसमें मेरी गांड कुछ ज्यादा ही उभरी हुई दिख रही थी. जब मैं पलट कर जाने लगी तो चंदन ने मेरी गांड पर हाथ मारकर कहा- बहुत सेक्सी लग रही हो.
मेरी एकदम से आह्ह निकल गयी और मेरी सहेली का कुंवारा भाई बोला की अभी तो कुछ किया भी नहीं मैंने जी. मैं जान गयी कि आज ये मेरी चूत को चोद ही देगा. जिस दिन का मैं इंतजार कर रही थी वो आ गया था शायद. इससे पहले भी मैं अपने फुफेरे भाई से चुद चुकी थी. उसके बाद हम सबने मिलकर खाना खाया. उसके बाद चंदन ऊपर चला गया और मैं तथा चंद्रकला चाय पीकर नीचे ही सोने लगीं. मैंने अपनी सहेली के चाय के कप में नींद की गोली मिला दी. जिससे वो जल्दी सो गयी. रात के 10 बज गये. मैं चंद्रकला को वहीं सोते हुए छोड़कर उठी और ऊपर वाले रूम में जा पहुंची.
जब मैं ऊपर गयी तो वो हिसाब किताब करने में व्यस्त था. वो कुंवारा लड़का अपने शरीर पर सफेद कुर्ता-पजामा पहने हुए था. मैंने पूछा- क्या कर रहे हो? तो कहने लगा कि फूफा के बिजनेस के हिसाब का काम कर रहा हूं. उनको ज्यादा समय नहीं मिलता. मैं उसके पास जाकर बैठ गयी. थोड़ी देर बाद वो फ्री होकर बोला- हाँ जानेमन … आ गयी! मैं मुस्कराते हुए बोली- जी मेरे आका! उसने मेरा हाथ पकड़ा और अपनी ओर खींचकर होंठों को चूसने लगा. उसके हाथों से छूटने के अथक प्रयासों के बाद भी मैं नहीं छूट पायी. फिर मैं भी उसका साथ देने लगी. उसके बाद चंदन ने मेरी गर्दन को किस करते हुए मेरे शर्ट की जिप खोल दी और पीठ पर किस करने लगा.
फिर उसने मेरा शर्ट उतार दिया. मेरी गोरी गोरी चूचियों पर एक गुलाबी जालीदार ब्रा थी. उसने मेरी ब्रा को एक ही झटके में उतार दिया. फिर वो मेरी चूचियों को मसलने लगा. मैं सिहर उठी. मेरी मुंह से निकल रही आह… उमह… आह… आह… की दर्द भरी सिसकारियां पुरे कमरे में गूंजने लगीं. अब उसने मुझे सीधा लेटाया और होंठों पर किस करता हुआ नीचे बढ़ने लगा. उसने मेरे बूब्स को पीना शुरू कर दिया. मैं भी गर्म हो रही थी. मेरे मुंह से बस सिसकारियां निकल रही थीं. मेरी चूत भी पूरी गीली हो गयी थी. 10 मिनट तक बूब्स चूसने के बाद वो मेरे पेट को चाटते हुए नाभि को पीने लगा. मेरी चूत को अब लण्ड की जरूरत थी और वो मेरे बदन से खेलता जा रहा था.
चंदन ने अब तक मेरी टाइट चूत को छुआ तक नहीं था. फिर वो चुदाई करने के लिए मेरी सलवार का नाड़ा खोलने लगा. उसने मेरी सलवार नीचे की और मेरी गोरी गोरी जांघों पर हाथ फिराने लगा. मैंने नीचे से गुलाबी जालीदार पैंटी पहनी हुई थी. अब वो मेरे सामने अपने कपड़े खोलने लगा. जैसे ही उसने कुर्ता उतारा तो मैं सहम सी गयी. उसका शरीर एकदम पहलवानों के जैसा कसरती थी. जब उसने पजामा उतारा तो अंदर से लंगोट बांधा हुआ था. लंगोट में भी उसका लण्ड पूरा कसा हुआ तना पड़ा था. फिर उसने मुझे खड़ी कर लिया और मेरी गांड पर किस करते हुए उसको मसलने लगा.
उसके बाद उसने अपना खड़ा लण्ड मेरे जिस्म के अंदर पेलने के लिए मेरी पैंटी को उतरवा दिया और मेरी टाइट चूत को नंगी कर लिया. फिर उसने भी अपना लंगोट खोल लिया और उसका लण्ड देखकर मैं चौंक गयी. उसका लण्ड काफी लम्बा और मोटा था. मैं जान गयी कि आज मेरी टाइट चूत का फटकार भोसड़ा बनने वाला है. अब मुझे चुदाई करवाने से बहुत डर लग रहा था इसलिए मैंने उसका लण्ड मुंह में ले लिया ताकि उसको जल्दी ही खाली कर सकूं. वो मजे से लण्ड चुसवाने लगा और फिर मेरे बालों को पकड़ कर मेरे मुंह में अपना खड़ा लण्ड अंदर बाहर करने लगा. उसका लण्ड मेरे गले तक जा रहा था. फिर उसने लण्ड को निकाल लिया और मेरी चूत में उंगली करने लगा. उंगली को फिर बीच में ही निकाल कर वो मेरी चूत को चाटने लगा.
अपनी चूत चटवाते चटवाते मैं कुंवारी रांड मदहोश होने लगी थी मुझे नशा सा चढ़ने लगा था. वो लगातार मेरी टाइट चूत पर अपना मुंह लगाकर उसे किसी कुत्ते की तरह से चाटता ही जा रहा था. फिर वो मेरी गांड पर थप्पड़ मारने लगा और मुझे घोड़ी बनने को कहा शायद अब वो मेरी गांड की चुदाई करना चाहता था. उसने अपने लण्ड को मेरी गांड पर सेट किया. मैं उठ गयी और बोली- पहले मेरी कुंवारी चूत मार लो गांड फिर कभी चोद लेना. मेरी सहेली का कुंवारा भाई बोला की ठीक है. उसके बाद उसने मेरे एक पैर को सोफे पर रखवा लिया. फिर पीछे से मेरी चूत पर लण्ड को सेट कर दिया. दूसरे हाथ से उसने मेरी कमर पकड़ ली. फिर धीरे से मेरी चूत में लण्ड का टोपा थूक लगाकर पेलने लगा. मुझे चुदाई करवाने में ज्यादा दर्द नहीं हुआ क्योंकि मैं पहले भी कई सारे लड़कों के साथ अवैध सेक्स संबंध बना चुकी थी.
फिर उसने एक जोर का झटका दिया और मेरी टाइट चूत में आधा लण्ड उतार दिया. अब मुझे दर्द हुआ और मैं दर्द से झटपटाते हुए जोर से चिल्लाने को हुई. जैसे ही मेरे मुंह से चीख निकलने वाली थी उस नंगे लड़के ने मेरे मुंह पर हाथ रख लिया जिस वजह से मेरी दर्द भरी चीखें मेरे मुंह में ही दबकर रह गयी. मैं उससे छूटना चाह रही थी लेकिन छूट नहीं पाई. अभी उसका आधा लण्ड ही गया था. फिर उसने एक और झटका मारा और पूरा लण्ड फंसा दिया. अब मैं नंगी रंडी दर्द से तड़प उठी और वो मेरे ऊपर लेटकर मेरे नंगे बदन को चूमने लगा. मुझे बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था. मैंने उसको लण्ड बाहर निकालने के लिए बोला. पर उसने मेरी एक न सुनी और झटके लगाने शुरू कर दिये.
मैं कुंवारी लड़की चुदवाते चुदवाते दर्द में कराहने लगी और उसने चुदाई शुरू कर दी. काफी देर तक वो मुझे ऐसे ही चोदता रहा और फिर धीरे धीरे करके मेरा दर्द कम हो गया. उसके बाद उसने लण्ड को निकाल लिया. मेरी चूत एकदम से जैसे फट कर भोसड़ा बन गयी थी. फिर उसने मेरे दोनों पैरों को अपने कंधों पर रखकर लण्ड को मेरी फटी हुई खून से लथपथ चूत में डाल दिया. वो दोबारा से मेरे मुंह से अपना मुंह मिलकर मुझे बहुत बुरी तरह से चोदने लगा. मेरी चूत चोदते हुए मेरी सहेली का कुंवारा भाई बोला की साली, बहुत खुजली हो रही थी तेरी इस टाइट चूत को मेरे से चुदवाने के लिए पहले दिन से ही मुझे शक था कि तू मेरा लण्ड लेना चाहती है अपनी इस कुंवारी बुर में साली रंडी अब तो मैं तेरा मुंह भी चोदुंगा और तेरी गांड भी मारूंगा कुतिया बनाकर…
मैं कुंवारी रांड भी अपनी सहेली के भाई से चुदने का मजा ले रही थी और लगातार सिसकार रही थी- आह्ह चंदन … और चोदो … ओह्ह … बहुत अच्छा लग रहा है. आज से मैं तुम्हारी रंडी हूँ और अब तुम मुझे अपनी रंडी बनाकर जिन्दगी भर चोदने रहना. इस तरह से उसने अपनी स्पीड और ज्यादा बढ़ा दी. दो मिनट के बाद ही मैं झड़ने को हो गयी. फिर एकदम से मेरी चूत का पानी छूटने लगा. मेरी चूत ने बहुत सारा पानी छोड़ दिया. चंदन अभी भी मुझे चोदे जा रहा था. उसने झटकों की गति बढ़ा दी और चुदाई करवाते करवाते मेरे मुंह से हलकी हलकी आह निकलने लगी. फिर वो गांड चोदने की बात कहने लगा.
मैं नंगी लड़की बोली की आज मेरी चूत की चुदाई कर लो गांड फिर कभी चोद लेना. अगर चंद्रकला उठ गयी तो हम पकड़े जायेंगे. फिर वो दोबारा से चोदने लगा और उसका माल निकलने को हो गया. मेरी सहेली का कुंवारा भाई बोला की कहां निकालूँ? मैं बोली- अंदर नहीं, मुंह में निकाल लो. उसके बाद उसने लण्ड को मेरी चूत से बाहर निकाल लिया और मैंने उसका लौड़ा लेने के लिए अपना मुंह खोल लिया. फिर उसने मेरे मुंह में लण्ड डाल दिया और मेरे मुंह की भी चुदाई करने लगा. दो मिनट तक मेरा मुंह चोदने के बाद उसने मेरे मुंह में अपना माल छोड़ दिया. हम शांत हो गये और दो तीन मिनट वहीं लेटे रहे. मैं पूरी नंगी थी. फिर मैंने अपने कपड़े संभाले. मैंने कपड़े पहने और चुपके से नीचे आ गयी.
नीचे मेरी सहेली चंद्रकला गहरी नींद में सो रही थी और मैं भी चुपचाप आकर लेट गयी. बस उस रात चंदन ने इतना ही किया. तो दोस्तो, मैं चंदन अपनी स्टोरी को यहीं तक लिख रहा हूं. अगले भाग में आपको पता लगेगा कि कैसे मैंने बहन की सहेली की गांड भी चोदी. फिलहाल इस कहानी में इतना ही. दोस्तों यदि आप को मेरी ये कामुकता से भरी गन्दी अन्तर्वासना हिंदी सेक्स स्टोरी “टाइट चूत में से निकालकर लण्ड बहन की सहेली के मुंह में दिया” पसंद आई हो तो इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करना…