कामवासना शांत करने के लिए धोती खोलकर नयी बहु की तड़पती चूत की तड़प पिता की उम्र के ससुर जी ने शांत करी पति पत्नी के झगड़े के बाद अन्तर्वासना हिंदी सेक्स कहानी : दोस्तों मैंने कभी सोचा नहीं था की मैं कभी मेरे पिता के उम्र के ससुर जी के साथ सेक्स करुँगी मगर वो कहते हैं ना जब अपने चरम पर होती हैं तो वो सभी रिशते नाते की सीमा तोड़ देती हैं और इंसान अपनी कामवासना को शांत करने के लिए किसी भी इन्सान के साथ अवैध सेक्स संबंध बनाने को मजबूर हो जाता है ठीक वो ही मेरे साथ हुआ है.
हम ससुर और बहु दोनों की कामवासना के चलते मेरी तड़पती चूत की तड़प धोती खोलकर ससुर जी ने चोदकर शांत करी हम पति पत्नी के झगड़े के बाद ससुर की धोती खोलकर और बहु की साड़ी ब्लाउज खोलकर अवैध सेक्स संबंध बनाने की गन्दी अन्तर्वासना हिंदी सेक्स कहानी फ्री में ऑनलाइन पढ़ें और इस सेक्स कहानी को पढ़ने के बाद ज्यादा से ज्यादा शेयर भी करें जो इस सेक्स स्टोरी को पढ़ने से पहले शेयर नहीं करेगा उसे बहुत जल्दी कोई बहुत बुरी खबर मिलेगी ये मुझ अबला बहु की बददुआ है…
तड़पती चूत की तड़प ससुर जी ने शांत करी पति पत्नी के झगड़े के बाद अन्तर्वासना हिंदी सेक्स कहानी
मेरा नाम शालिनी है और मेरी 3 महीने पहले ही नयी नयी शादी हुई है और आप सभी को तो पता ही होगा की एक पुरुष और एक महिला भला शादी क्यों करते हैं जी हाँ आपने बिलकुल सही समझा शादी और चुदाई एक सिक्के के दो पहलु होते हैं. सुहागरात वाले दिन मेरे पति मेरी तड़पती चूत की तड़प शांत नहीं कर पाए उस वक्त मैं सोची की हो सकता है आज इनकी पहली चुदाई है इस लिए इन्हें मेरे साथ सेक्स संबंध बनाने में थोड़ी दिक्कत आ रही हो मगर शादी के कई दिनों बाद भी जब वो मेरी चुदाई नहीं कर सके तो मैं समझ चुकी थी की मेरे पति एक नामर्द आदमी हैं.
मेरा नामर्द पति मेरी तड़पती चूत की तड़प शांत करने की कोशिश तो बहुत करता है लेकिन वह मेरी चुदाई करके मुझे वह खुशी नहीं दे पा रहा था जिसके शादी से पहले मैंने कल्पना करी थी. इसी कारण मैं जवान और सेक्सी महिला बहुत ज्यादा परेशान रहती थी. एक तरफ मेरी तड़पती चूत की तड़प को शांत करने में मेरा पति नाकाम था वहीँ दूसरी तरफ मेरी अन्तर्वासना बढ़ती ही जा रही थी. एक रात ऐसे ही मैं और मेरे नामर्द पति अपनी अन्तर्वासना शांत करने के लिए नंगे होकर चुदाई कर रहे थे. शुरुआत में तो सब कुछ बहुत अच्छा चला मगर जब चुदाई करने की बारी आई तो उनका वीर्य केवल तिन चार धक्कों के बाद ही निकल गया.
मेरी टाइट चूत के साथ सेक्स करके मेरे नामर्द पति की तो अन्तर्वासना शांत हो चुकी थी मगर मेरी अन्तर्वासना को शांत करने में मेरे नामर्द पति असमर्थ थे. उस रात भी कुछ ऐसा ही हो रहा था और मुझे बिल्कुल भी मजा नहीं आ रहा था. तो मैं बहुत ही ज्यादा गुस्सा हो गई और अपने पति के ऊपर भड़क पड़ी. मैंने मेरे नामर्द पति से चिल्ला कर बोला की कैसे मर्द पति हो तुम जो अपनी पत्नी को चोदकर शारीरिक संतुष्टि भी नहीं दे पा रहा है मेरा पति पति बोला की यह तुम कैसी बातें कर रही हो तुम्हें मजा तो आता है न मेरे साथ सेक्स करने में…
हम पति पत्नी का झगड़ा अब बहुत ज्यादा बढ़ चूका था मैंने चिल्लाते हुए मेरे नामर्द पति से कहा की नहीं मुझे तुम्हारे साथ सेक्स करने में बिल्कुल भी मजा नहीं आता सारे मजे तुम्हें ही आते हैं तुम क्या अपनी औरत को अपनी बीवी को शारीरिक संतुष्टि भी नहीं दे सकते. इस बात पर हम पति पत्नी की बहुत ही ज्यादा बहस होने लगी और हम पति पत्नी दोनों बहुत ही बुरी तरह से झगड़ने लगे. मेरा पति गुस्सा होकर बाहर वाले कमरे में सोने के लिए चला गया. मेरा हरामी पति तो झगड़े के बाद बैडरूम से बाहर सोने के लिए चला गया और हस्तमैथुन करके अपनी गर्मी निकाल लेगा लेकिन मैं अपनी इस तड़पती चूत की तड़प कैसे शांत करूँ.
तो मुझ नयी नेवली दुल्हन ने अपना हाथ जगन्नाथ वाली तरकीब से अपनी तड़पती चूत की तड़प को शांत करने की सोची और स्वयं की तड़पती चूत की तड़प शांत करने के लिए अपनी ऊँगली तड़पती चूत के अंदर बाहर करके हस्तमैथुन करने लगी. मैंने अपना पल्लू ऊपर उठाया और अपनी तड़पती चूत के अंदर बाहर उंगली रगड़ने लगी. तभी अचानक ससुर जी कमरे के अंदर आ गए और उन्होंने मुझे मेरे हाथों से ही अपनी तड़पती चूत की तड़प शांत करते देख लिया. मैंने जल्दी से अपनी साड़ी नीचे करी और उठ कर बैठ गई और अपनी नजरें नीचे कर कर बोली – ससुर जी आप क्या कर रहे हैं यहां??? क्या आपको कुछ चाहिए मुझे आवाज लगा दी होती मैं आपके पास आ जाती…
मेरे पिता की उम्र के ससुर जी मुझसे बोले की बोले की मुझे कुछ चाहिए तो नहीं लेकिन बहु तुम्हें जरुर कुछ देना है… मैंने कहा – क्या ससुर जी क्या देना है मेरे पिता की उम्र के ससुर जी कहा की बेटी तुम्हें वो शारीरिक सुख देना है जो शादी के बाद भी मेरा नामर्द बेटा नहीं दे पा रहा है??? मैंने कहा तो क्या आपको हम पति पत्नी के झगड़े के बारे में सब कुछ पता चल चूका है?? ससुर जी बोले – हां बेटी मैंने सब कुछ सुन लिया है तुम पति पत्नी के झगड़े के बारे में!! मैंने कहा लेकिन ससुर जी आप तो उम्र में मुझसे बहुत बड़े हो और मेरे पिता के सामान हो मैं भला आपके साथ अवैध सेक्स संबंध कैसे बना सकती हूँ…???
ससुर जी बोले की बेटी कामवासना के अंदर कुछ भी सही और गलत नहीं होता यह बस एक आनंद है अपनी अन्तर्वासना शांत करने के लिए!! और उन्होंने अपनी धोती खोलकर अपना बड़ा मजबूत काला लंड दिखाया उनका लंड मेरे पति के लंड से बहुत ही ज्यादा लम्बा और मोटा था जिसे देखकर मैं गरम हो गई और मुझे यकीन हो गया की आज मेरी अन्तर्वासना जरुर शांत होकर रहेगी!! फिर ससुर जी मेरे पास आकर बैठ गए और उन्होंने अपनी मोटी उंगली मेरी तड़पती चूत में घुसा दी. सिर्फ उनकी उंगली ही घुसने से मेरी तड़पती चूत पूरी गीली हो गई और मुझे वासना का मजा आने लगा.
फिर इसके बाद ससुर जी ने मेरी साड़ी और ब्लाउज खोल दिया और मेरी दोनों टांगों को अपने कंधे पर रखा और फिर अपने लंड और मेरी टाइट चूत पर थूक लगाने के बाद अपना लम्बा और मोटा लंड धीरे धीरे मेरी तड़पती चूत में घुसाने लगे. उनका लंड जब धीरे-धीरे मेरी तड़पती चूत में किसी नुकीले खंजर की तरह घुस रहा था तो मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था और मेरी तड़पती चूत पूरी गीली हो चुकी थी. अपनी अन्तर्वासना शांत करने के लिए आज पहली बार मैं मेरे पिता की उम्र के आदमी के साथ अवैध सेक्स संबंध बना रही थी मगर मुझे बहुत खुशी थी क्योंकि मेरे ससुर जी का लंड मेरे पति के लंड से बहुत तगड़ा था.
मेरी तड़पती चूत को चोदकर संतुष्ट करने के लिए मेरे नंगे ससुर जी ने अपना पूरा का पूरा लंड मेरी तड़पती चूत में घुसा दिया. और फिर वह मेरी तड़पती चूत की जबरदस्त तरीके से चुदाई करने लगे और मेरी तड़प शांत करने लगे. मैंने कहा धीरे ससुर जी धीरे आपका नामर्द बेटा कभी इतनी तेज चुदाई नहीं कर पाता है ससुर जी बोले – मैं उसका बाप हूं और तुम बस मजा लो और देखो बेटी मैं कैसे तुम्हारी अन्तर्वासना शांत करता हूँ. वह मुझे धना धन अपनी रंडी बनाकर चोदने लगे.
वो मेरी चुदाई करने के दौरान मेरे मोटे मोटे स्तनों को भी खूब जोर जोर से दबाने लगे जिससे मेरे अंदर कामवासना और ज्यादा बढ़ती जा रही थी!! मैंने कहा हां ससुर जी मुझे आपके साथ सेक्स करने में बड़ा आनंद आ रहा है बीएस ऐसे ही मेरी चुदाई करते रहो. मेरे नंगे ससुर जी मुझे बहुत ही जोर जोर से चोद रहे थे. ससुर जी की चुदाई से मेरा बार-बार मत निकल रहा था और मुझे बहुत ही ज्यादा चरम सुख की प्राप्ति हो रही थी. अवैध सेक्स संबंध बनाने के दौरान मेरी कामवासना की आग मेरे पिता की उम्र के ससुर जी बहुत ही बढ़िया तरीके से बुझा रहे थे.
हम ससुर और बहुत को चुदाई करते करते करीब एक घंटा होने को आया था और अब मुझे चरम सुख की प्राप्ति होने वाली थी और ससुर जी का भी लंड झड़ने वाला था. माना कि यह बहुत ही जल्दी हो रहा था लेकिन मुझे इतने से में ही तीन चार बार चरम सुख मिल चुका था और मेरी अन्तर्वासना आज पहली बार शांत हुई थी. जैसे ही ससुर जी का झड़ने वाला था उन्होंने अपना सारा माल मेरी तड़पती चूत में झाड़ दिया. उनके लंड से निकला वीर्य रूपी बीज मेरी तड़पती चूत में जा रहा था जिसे मैं महसूस कर पा रही थी. अपनी कामवासना शांत करके ससुर जी ने मेरे अंदर अपना बीच डाल दिया लेकिन मुझे इससे फर्क नहीं पड़ा क्योंकि खून तो एक ही है चाहे बच्चा किसी का भी हो बाप का या दादा का.
उस रात कामवासना के चलते मेरी तड़पती चूत की तड़प ससुर जी ने चोदकर शांत करी और अपने लम्बे मोटे लंड से निकली मलाई से तड़पती चूत की तड़प शांत करी डाली. मुझे इस बात का बिलकुल भी अंदाजा नहीं था की मेरे ससुर जी के अंदर इतना दम होगा जो इस उम्र में भी मेरे जैसी जवान औरत को चोदकर शारीरिक संतुष्टि दे पाएगा. मुझे पता हैं हम पति पत्नी के झगड़े के बाद उस रात हम ससुर बहु के बीच जो अवैध सेक्स संबंध बने उसे ये जालिम समाज बिलकुल भी स्वीकार नहीं करेगा मगर मुझे क्या मेरी तड़पती चूत की तो तड़प शांत हो चुकी थी और वो कहते हैं ना अपना काम बनता भाड़ में जाये जनता…