गांड चाटने के बाद बड़ी दीदी की बेस्ट फ्रेंड की चुदाई करी सेक्स करने के दौरान उनकी सील पैक टाइट चूत फाड़ते हुए मेरा गधे जैसा लंड उस कुंवारी लड़की की फटी हुई चूत के अंदर बच्चेदानी तक घुस गया और चुदते चुदते वो दर्द के मारे जोर जोर से चिल्लाने लगी अन्तर्वासना हिंदी सेक्स स्टोरी फ्री में ऑनलाइन पढ़ें और इस हिंदी सेक्स कहानी को पढ़ने के बाद अपने दोस्तों व परिवार के अन्य सदस्यों के साथ भी शेयर करें और उन्हें भी इस कामुकता से भरी सेक्स स्टोरी का आनंद लेने का सौभाग्य प्रदान करें…
दोस्तो, मेरा नाम अविनाश खुराना है और आज जो हिंदी सेक्स कहानी मैं आप लोगों के साथ शेयर करने जा रहा हूँ वो आज से करीब यही कोई पांच साल पुरानी है जब पहली बार मैंने मेरा गधे जैसा लंड मेरी बड़ी बहन की सहेली की सील पैक टाइट चूत पे पेलकर उसे चोदा था. मेरी एक बड़ी दीदी हैं और उनके एक बहुत सुन्दर और सेक्सी बेस्टफ्रेंड थी जिसका नाम शबनम था. शबनम और मेरी बड़ी दीदी एक साथ ही पढ़ती थी. मेरा और मेरी बड़ी दीदी की बेस्टफ्रेंड का घर बिलकुल पास पास ही था. तो पास में रहने की वजह से वो अकसर हमारे घर किसी ना किसी काम से आया जाया करती थी.
चूत फाड़ते हुए गधे जैसा लंड अंदर बच्चेदानी तक घुस गया अन्तर्वासना हिंदी सेक्स स्टोरी
शबनम दीदी देखने में बहुत कामुक थी और उन्हें देखकर हमारी गली के हर लड़के लाइन मारते थे मगर वो किसी को भी भाव नहीं दिया करती थी. उसकी उम्र लगभग 21 साल थी और फिगर 34-30-36 का होगा. जब से मैंने उनको देखा था तब से मुझे एक तरफा प्यार हो गया था और मैं कई बार उनके जवान और सेक्सी हुस्न को याद करके मुठ भी मारा करता था. जब भी मेरी बड़ी दीदी की बेस्टफ्रेंड हमारे घर पर आती थी मैं हमेशा उनके आस पास ही रहने की कोशिश करता था और अपनी आँखों से ही उनकी वर्जिन गांड और वर्जिन बुर की चुदाई करता था.
कई दिनों तक तो शबनम दीदी को ये बात पता भी नहीं थी कि मैं उनको पसंद करता हूँ और मेरी गन्दी नजर हर वक्त उनके जवान और सेक्सी जिस्म पर रहती है. मगर एक दिन जब मेरी बड़ी दीदी की बेस्टफ्रेंड उनके साथ पढ़ाई कर रही थी तो मैं भी उसी रूम में शबनम दीदी के सामने कुर्सी पर बैठ कर पढ़ने का नाटक कर रहा था. मेरा ध्यान पढ़ाई में नहीं बल्कि शबनम दीदी की मोटी मोटी चूचियों में था. तभी मेरी बड़ी दीदी की बेस्टफ्रेंड शबनम की नजर अचानक मुझ पर गयी और उसने मुझे उसके मोटे मोटे बूब्स गन्दी नजरों से ताड़ते हुए देख लिया और फिर वो दूसरी तरफ घूम कर बैठ गयी.
दोस्तों उन्होंने मुझे अपनी आँखे उनके मोटे मोटे बूब्स से सेकते हुए देख लिया था तब मैं बच्चा थोड़ा डर गया कि वो कहीं मेरी इन सब गन्दी हरकतों के बारे में किसी को बता न दे. डर के मारे मेरी गांड फटी और मैं वहाँ से उठ कर अपने बैडरूम में सोने के लिए चला गया. फिर कुछ दिनों तक जब किसी ने मुझसे कुछ नहीं कहा तो मैं समझ गया कि मेरी बड़ी दीदी की बेस्टफ्रेंड शबनम ने अब तक किसी को भी मेरी उस दिन वाली गन्दी अश्लील हरकतों के बारे में कुछ भी नहीं बताया है.
जब मेरी बड़ी दीदी की बेस्टफ्रेंड शबनम ने मेरी इन अश्लील हरकतों का कोई विरोध नहीं करा तो फिर धीरे धीरे मेरी हिम्मत बढ़ती चली गयी और मैं छुप छुप कर कभी उस कुंवारी लड़की की सेक्सी गांड को देखा करता तो कभी उसकी गुब्बारे जैसी मोटी मोटी चूचियों को गन्दी नजरों से घुरा करता. मेरी बड़ी दीदी की बेस्टफ्रेंड शबनम की गुब्बारे जैसी मोटी मोटी चुचियाँ इतनी टाइट और गांड इतनी मस्त थी कि अगर कोई मर्द उन्हें एक बार देख ले तो उनके साथ सेक्स करे बिना चैन से नहीं रह सकता था.
उस दिन के बाद दीदी ने बहुत बार मुझे उनके जवान और सेक्सी जिस्म को गन्दी नजरों से घूरते हुए पकड़ा मगर कभी ना तो खुदने कुछ बोला और ना ही किसी से मेरी इन अश्लील हरकतों की शिकायत करी. अभी तक तो मुझे मेरी बड़ी दीदी की बेस्टफ्रेंड शबनम की तरफ से उनकी वर्जिन गांड या सील पैक कुंवारी चूत की चुदाई करने के लिए कोई पहल होती हुई नजर नहीं आ रही थी मगर मुझे पूरा यकीन था की मैं कभी ना कभी तो उनके साथ अवैध सेक्स संबंध बनाऊंगा और उनकी सील पैक वर्जिन चूत फाड़ते हुए अपने गधे के लौड़े का जैसा लंबा मोटा लंड उनकी बुर के अंदर बच्चेदानी तक पेलूँगा और उनकी बहुत खतरनाक चुदाई करूँगा.
एक दिन मेरी बड़ी बहन के मोबाइल फोने पर शबनम दीदी का कॉल आया और वो बोली कि आज वो हमारे घर पर पढाई करने के लिए नहीं आ सकती क्योंकि उनके सभी परिवार वाले कहीं गए हुए थे. उन्हें पढाई करने के लिए नोटस चाहिये थे तो उन्होंने बोला की नोट्स भिजवा देना मैं इधर ही पढाई कर लुंगी. मेरी दीदी ने कहा कि वो भी अभी उसके पास नहीं जा सकती मगर वो किसी के हाथ नोट्स को उनके घर पर भिजवा देगी. कॉल काटने के बाद मेरी बड़ी बहन ने मुझे वो नोट्स दिये और बोली की भाई तू ये नोट्स शबनम दीदी के घर पंहुचा देना अभी के बही उसको अभी उनकी जरूरत है.
ये बात जानकर मुझे बड़ी खुशी हुई की आज तो मौका भी है और दस्तूर भी है काश आज के दिन मुझे उनके साथ अवैध सेक्स संबंध बनाने का मौका मिल जाये तो मेरी इतने दोनों से भड़क रही अन्तर्वासना शांत हो जायगी. थोड़ी देर बाद मैं वो नोट्स लेकर शबनम दीदी के घर पंहुचा और घंटी बजायी तो दीदी ने दरवाजा खोला. जब मैं वो नोट्स मेरी बड़ी दीदी की बेस्टफ्रेंड शबनम के घर देखर वापस अपने घर के लिए आने लगा तो दीदी ने मुझे रोका और अंदर आने को बोला.
मैं भी चुपचाप उनके घर के अंदर चला गया तो उस कुंवारी लड़की ने घर का गेट अंदर से बंद कर लिया. फिर मेरी बड़ी दीदी की बेस्टफ्रेंड शबनम ने मुझे बैठने के लिए कहा और फिर वो अंदर रसोई में मेरे लिए चाय बनाने के लिए चली गयी. 5 मिनट बाद वो मेरे लिए चाय लेकर आई. उस वक़्त भी मेरी गन्दी नजर शबनम दीदी के मोटे मोटे बूब्स पर ही थी और उन्हें ये बात पता चल चुकी थी की मैं उनके गुब्बारे जैसे बूब्स घुर घुर कर देख रहा हूँ मगर उन्होंने उस वक्त भी मेरी इन सब अश्लील हरकतों का बिलकुल भी विरोध नहीं करा.
उनका मेरी इन सभी अश्लील हरकतों का बिलकुल भी विरोध नहीं करना मुझे उनकी तरफ से चोदा चादी करने के लिए हरी झंडी के समान लग रहा था जिस वजह से मेरी हवस और ज्यादा बढती चली गयी. फिर हम दोनों साथ में बैठकर चाय पीने लगे. बातों ही वातों में वो मुझसे मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में पूछने लगी. मैंने मना कर दिया कि अभी तो मैं छोटा बच्चा ही हूँ इस लिए अभी मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है. वो कुंवारी लड़की बोली- ओह्ह अच्छा छोटा बच्चा है अभी तो तू इसलिए दूध पीने के लिए हर वक्त मेरे बूब्स ताड़ता रहता हैं क्यों मैं सही बोल रही हूँ ना…? ये सुनकर मैं चुप हो गया और मैंने अपना सिर नीचे कर लिया.
मेरी बड़ी दीदी की बेस्टफ्रेंड शबनम मुझसे पूछने लगी की बता तू हमेशा मुझे गन्दी नजरों से घूरता क्यों रहता है? क्या देखता रहता है हमेशा तू मेरे जिस्म के अंदर? मैं अब बहुत ज्यादा डर गया और मेरी गांड फटने लगी फिर मैंने दबी आवाज में धीरे से बोला- कुछ नहीं दीदी … बस ऐसे ही! मेरी बड़ी बहन की कामुक सहेली शबनम मुझसे बोली की क्या ऐसे ही? देख सच सच बता, नहीं तो मैं सबको बता दूंगी तेरी इस हरकत के बारे में! मैंने डरते हुए कहा- दीदी, आप मुझे शुरू से अच्छी लगती हो बस इसलिए कभी कभी.
वो वर्जिन लड़की मुझे समझाने लगी की देखो अविनाश, मैं तुम्हारी बहन जैसी हूँ और तुम मुझे दीदी भी बोलते हो तो तुम्हे मेरे साथ ऐसी अश्लील हरकत नहीं करनी चाहिए. हां, इस उम्र में लड़कों के साथ ऐसा होता है मगर उम्र का तो ख्याल करो? और अगर किसी को पता चल गया तो पता है कितनी दिक्कत हो जाएगी? मैं चुपचाप मेरी बड़ी दीदी की बेस्टफ्रेंड शबनम की बात को सुन रहा था. फिर बोला- ये बात किसी को पता नहीं चलेगी दीदी … क्यूंकि ऐसी बातें मैं किसी को नहीं बताता.
फिर दीदी ने कहा- अच्छा एक बात बता, तुम्हें सिर्फ मैं अच्छी लगती हूँ या तुम्हें कुछ और भी पसंद है मेरा? मुझे तो कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या हो रहा है मेरे साथ! मगर मैं धीरे से अपना सिर नीचे करते हुए बोला- नहीं दीदी … और कुछ नहीं. दीदी थोड़ा गुस्सा होते हुए बोली- तो साले … मेरे सीने और पिछवाड़े को क्यों ताड़ता है? शर्म नहीं आती तुझे? दीदी बोलता है मुझे और दीदी के जिस्म को ही देखता है!! मैं हवस का पूजारी बोला की प्यार उम्र को देखकर नहीं होता है दीदी. फिर मैंने बोला की दीदी आप सच में बहुत सुन्दर हो, बहुत प्यारी हो.
उस वर्जिन लड़की को अपनी तारीफ मेरे मुँह से सुन कर अच्छा लगा और वो मुस्कराने लगी. फिर दीदी ने मेरे हाथ में अपने हाथ को रखा और बोली- देख अविनाश तुम भी बहुत अच्छे हो, इसलिए मैंने अब तक ये बात किसी को नहीं बताई लेकिन ये बात सिर्फ हम दोनों तक ही रहनी चाहिए. कभी किसी को पता नहीं चलनी चाहिए. मैं हवस का पूजारी बोला की भरोसा रखो दीदी, हम दोनों के बीच जो भी है या होगा ये किसी को पता नहीं चलेगा. बोलते हुए मैंने अपना हाथ शबनम की जांघ पर रख दिया और धीरे धीरे सहलाने लगा.
जब उस जवान और सेक्सी लड़की ने कुछ नहीं बोला तो मैं धीरे धीरे अपना हाथ सहलाते हुए मेरी बड़ी दीदी की बेस्टफ्रेंड शबनम की सीप पैक टाइट चूत तक ले गया और कपड़े के ऊपर से ही सहलाने लगा. अब दीदी थोड़ा गर्म हो गयी थी और वो भी धीरे से अपना हाथ मेरे लंड पर रख कर ऊपर से दबाने लगी, सहलाने लगी. थोड़ी देर बाद वो मुझसे लिपट गयी और मेरे होंठों को चूमने लगी. मैंने भी उनकी चूची को दबाते हुए मसलना शुरू कर दिया; उनके होंठों को चूसने लगा. चूमते हुए मैंने उसके कपड़े उतार दिए और उनके पूरे जिस्म को चूसने और चाटने लगा.
जब मैं मेरी बड़ी दीदी की बेस्टफ्रेंड शबनम की चूची को दबा दबा कर उसके निप्पल चूस रहा था तो उनकी निप्पल पूरी टाइट हो गयी थी और थोड़ी देर बाद तो वो मेरे सिर को पकड़ कर नीचे करने लगी. चूसते हुए जब मैं नीचे आया तो उसकी पैंटी पूरी गीली हो गयी थी. फिर जान बूझ कर उनको तड़पाने के लिए पैंटी के ऊपर से ही मैं उनकी चूत चाटने लगा. अब वो कसमसाने लगी और जब उससे बर्दाश्त नहीं हुआ तो वो पैंटी उतारकर उनकी सील पैक वर्जिन चूत चाटने को कहने लगी. जैसे ही मैंने उनकी पैंटी को पकड़ा उसने नीचे से अपनी गांड उठा दी और मैंने उनको पूरी नंगी धड़ंग कर दिया. उनकी सील पैक वर्जिन चूत पर छोटे छोटे झांट के बाल थे.
मैं उनकी सील पैक वर्जिन चूत पर उगे हुए झांट के बाल देख ही रहा था कि दीदी ने मेरे सिर के बालों को पकड़ा और बोली- चाट मेरी इस प्यासी चूत को और मिटा दे इसकी खुजली! मैंने भी उनकी चूत को अपनी उंगली से फैला कर चाटना शुरू कर दिया. सील पैक टाइट चूत चाटते हुए दीदी की चूत और ज्यादा पानी छोड़ने लगी. दीदी ने भी मस्त होकर अपनी टांगें उठा कर फैला दीं और धीरे से बोलने लगी- हां मेरे राजा … हां … चाट … ऐसे ही चाट! चाट चाट कर पूरा पानी पी ले अपनी दीदी की चूत का!
थोड़ी देर बाद मैंने उन्हें डॉगी पोज़ में आने को बोला तो उसने भी तुरंत झुक कर टांगें फैला दीं और अपनी गांड उठा दी. ओह्ह्ह … क्या गांड थी उनकी … एकदम मस्त, चिकनी मोटी गांड. मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा था कि जिसको मैं सोच कर इतना मुठ मारा करता था वो गांड आज मेरे सामने थी और वो भी पूरी नंगी! मैंने बोला- ओह्ह्ह्ह दीदी … आपकी गांड बहुत सेक्सी है. बोलते हुए मैंने उनकी गांड पर खींच कार एक बहुत जोर का चांटा मार दिया. शबनम ने कहा- इतनी पसंद है तो चाट कर खा ले साले हरामी मेरी गांड को! आज मैं नहीं रोकूंगी तुझे, जो करना है कर ले मेरे इस जवान और सेक्सी जिस्म के साथ.
तभी मैं उनकी सेक्सी गांड को किसी कुत्ते की तरह अपनी जीभ से चाटने लगा. अपनी जीभ से कभी उसकी चूत को तो कभी उसकी गांड को रगड़ कर चाटने लगा. वो अपनी गांड को मेरे मुँह में दबाते हुए चटवाने लगी और थोड़ी देर में वो चटवाते हुए झड़ गयी. अब उसने मेरे लंड को पकड़ा और अपने हाथों से आगे पीछे करते हुए बोली- इतना मस्त लौड़ा होगा तेरा … मैंने सोचा भी नहीं था. उसने मेरे लंड को मुंह में ले लिया और मेरी आह्ह … निकल गयी. मैं भी सिसकारते हुए बोला- आह्ह दीदी … चूस लो ये लौड़ा, ये आपके लिए बहुत तड़पता रहता है. निकाल दो इसका पानी.
अब वो कुंवारी रांड और जोर जोर से चूसने लगी तो मैं हवस का पूजारी बोला की ओह्ह्ह … मेरी शबनम दीदी … चूसो और चूसो. वो मेरे लंड के साथ मेरे आंड भी चाटने लगी. जब मुझे लगा कि मेरा निकलने वाला है तो मैंने उसे रोका और बेड पर पटक कर दीदी के नंगे बदन पर चढ़ गया. धीरे से मैं दीदी के कान में बोला- अब मत तड़पाओ मेरी जान … मेरे लंड को अपनी चूत में ले लो. मेरी बड़ी बहन की कामुक सहेली शबनम मुझसे बोली की तो चोद ले ना मेरी वर्जिन चूत और इस सील पैक चूत को फाड़ कर बना दे इसका भोसड़ा.
मैंने नंगी दीदी की सेक्सी टांगों को उठा कर फैलाया और अपनी कमर पर रख दिया. अपने लंड को उनकी चूत पर रगड़ कर सेट किया और थोड़ा अंदर डालने लगा. दीदी को थोड़ा दर्द हुआ तो उन्होंने कहा- धीरे से डाल … दर्द हो रहा मुझे! जैसे ही मैंने डालने की कोशिश की तो दीदी की गीली चूत की वजह से लंड बाहर फिसल गया. तब मैंने दीदी को जोर से हग किया और अपने लंड को पकड़ कर दीदी की चूत के छेद में रख कर एक जोर का झटका दिया. आधा लंड दीदी की चूत में घुसा ही था कि उनकी चीख निकल गयी और वो बाहर निकालने के लिए बोलने लगी.
मगर मैंने उनकी नहीं सुनी और अपना गधे के लंड का जैसा अपना थोड़ा सा लंड पीछे करके इस बार पूरा जोर का झटका मारा. इस बार मेरा लंड दीदी की सील पैक टाइट चूत फाड़ते हुए मेरा गधे जैसा लंड फटी हुई चूत के अंदर बच्चेदानी तक घुस गया और वो दर्द के मारे जोर जोर से चिल्लाने लगी. मेरा गधे जैसा लंड बहुत ही ज्यादा मोटा और लम्बा था जिस वजह से सेक्स करते करते उनकी वर्जिन चूत फट चुकी थी और उसमे से बहुत सारा खून निकल रहा था और वो दर्द से तड़प रही थी. जब उनकी फटी हुई चूत का दर्द सहन करने की शमता के बाहर हो गया तो मो बोली की निकाल अपने इस गधे जैसे लंड को मेरी फटी हुई चूत के अंदर से साले हरामी अब मुझे नहीं करना तेरे साथ सेक्स तेरा लंड तो गधे के लंड की तरह बहुत ही ज्यादा लम्बा और मोटा है मुझे तो बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है इससे चुदवाने में.
मैं हवस का पूजारी बोला की कुछ नहीं होगा 2 मिनट इंतज़ार करो. धीरे धीरे दर्द ख़त्म हो जायेगा. फिर मज़ा आएगा. दीदी की गाली से मुझे थोड़ा अजीब सा लगा. फिर मैंने सोचा अगर मैं कुछ कहूंगा तो ये फिर नहीं चुदवायेगी. इस साली की गाली का जवाब तो मैं भी गाली से ही दूंगा और वो भी चोद चोद कर … मगर ये पहले थोड़ा शांत हो जाये. फिर 2-3 मिनट के बाद दर्द थोड़ा कम हुआ तो मैंने अपनी कमर धीरे धीरे आगे पीछे करना शुरू की. अब दीदी को भी थोड़ा अच्छा लगने लगा तो वो भी अपनी गांड को नीचे से उठा उठा कर मेरे लंड को अपनी चूत में घुसवा कर चुदवाने लगी.
थोड़ी देर में जब मेरा लंड दीदी की चूत में पूरा सेट हो गया तो अब वो मज़े लेकर चुदवाने लगी और बोली- और जोर जोर से कर … थोड़ा अच्छा लग रहा है. मैंने बोला- देखा … मैंने बोला था न कि थोड़ी देर में ठीक हो जायेगा. आप फालतू का गुस्सा हो रही थीं. दीदी ने कहा- मैंने भी कहा था भोसड़ी के … मैंने भी कहा था कि धीरे से डाल … मगर तू साला कुत्ता मुझे रंडी समझ कर घुसा रहा था. मज़ाक करते हुए मैं बोला- ओह्ह्ह दीदी … मेरी जान … मैं तुम्हारा कुत्ता बनने को तैयार हूँ. बस तू मेरी रंडी बन जा! दीदी ने कहा- साले तू छोटा है मुझसे … मगर तेरा लंड बहुत तगड़ा है.
ओह्ह अविनाश … बना ले अपनी रंडी मुझे, ले चोद. आआह्ह आअह्ह्ह … चोद साले बहनचोद चोद मुझ कुंवारी रांड को अपने इस गधे जैसे तगड़े लंड से … और चोद … चोद अपनी दीदी की चूत को … बना दे इसका भोसड़ा साले कुत्ते! मैंने भी अब पूरे जोश में था और बोला- हां साली रंडी ले … चुदवा अपनी चूत को अपने भाई के लंड से. साली छिनाल … बहुत तड़पाया है तूने. तेरी मां का भोसड़ा … साली कुतिया. मेरी बातों को सुनकर दीदी ने मेरी गांड को पकड़ा और जोर जोर से अपनी गांड को नीचे से उछाल उछाल कर चुदवाने लगी और बोली- हां भाई हां … चोद … ऐसे ही चोद …
अचानक वो चुदवाते हुए जोर जोर से हांफने लगी और बोली- गिरने वाला है अविनाश … प्लीज ऐसे ही जोर जोर से चोदता रह! मैं हवस का पूजारी बोला की ओह्ह्ह मेरे लंड की रंडी दीदी … ले और ले … और चुदवा … गिरा दे अपनी चूत का पानी साली रंडी! दीदी ने कहा- हां भाई हां … हां ऐसे ही … ओह्ह्ह … आअह्ह् … आह्ह्ह्ह … करते हुए दीदी झड़ गयी. दीदी के झड़ते हुए मेरा भी निकलने वाला था तो मैं हवस का पूजारी बोला की मेरा भी निकलने वाला है दीदी … कहां निकालूँ? मेरी बड़ी बहन की कामुक सहेली शबनम मुझसे बोली की मेरी इस फटी हुई चूत के अंदर ही गिरा दे अपना वीर्य . मैं बच्चा नहीं होने वाली दवाई ले लूंगी.
दो मिनट में मैंने भी मेरी बड़ी बहन की कामुक सहेली शबनम की कुंवारी चूत को अपने गधे जैसे लम्बे मोटे लंड से निकले पानी से लाबा लब भर दिया. मेरी बड़ी बहन की कामुक सहेली शबनम ने मुझे जोर से हग कर लिया और मुझे पागलों की तरह चूमने लगी. शबनम दीदी बोली- मज़ा आ गया यार … तेरे इस गधे जैसे लंड से अपनी सील पैक वर्जिन चूत की चुदाई करवा कर ! उंगली से अपनी सील पैक वर्जिन बुर को चोद चोद कर बोर हो गयी थी अब हस्तमैथुन करने में बिलकुल भी आनंद नहीं आता था. साला तेरे इस गधे जैसे मस्त लंड से चुदने में जो मज़ा है वो मेरी इन उंगली में नहीं है, अबे साले हरामी तेरा ये लम्बा लंड तो मेरी टाइट चूत को फाड़ते हुए अंदर मेरी बच्चेदानी तक जाता है और चुदाई का मजा दो गुना बढ़ा देता है.
फिर हम दोनों ऐसे ही नंगे पड़े थे कि अचानक मेरे घर से कॉल आया. तो मैंने कहा कि मैं शबनम को नोट्स देने के बाद अपने दोस्त के घर चला गया था. उसके बाद मैं कपड़े पहनने लगा. शबनम कहने लगी- तुझे वापस भेजने का मन नहीं कर रहा. मैं हवस का पूजारी बोला की कोई बात नहीं दीदी. आज से आप मेरे लंड की रानी और मैं आपकी चूत का राजा हूं. फिर कभी मौका मिला तो और भी खतरनाक तरीके से चोदूंगा आपको. मेरी बड़ी बहन की कामुक सहेली शबनम मुझसे बोली की बहनचोद … मेरी कुंवारी चूत के अंदर अपना ये गधे जैसा लंड पेलकर चोदता है और मुझे दीदी भी बोलता है? अकेले में मेरा नाम लिया कर और मुझे आप कहकर मत बुलाया कर!
मैंने मुस्कराते हुए कहा- ठीक है, मगर एक शर्त पर? शबनम चौंक गयी और बोली- कौन सी शर्त? मैं हवस का पूजारी बोला की अगली बार मुझे तुम्हारी गांड चोदनी है घोड़ी बनाकर और तुम्हारी इस वज्रिन गांड के अंदर अपना ये गधे जैसा लंड पेलना है. सच में शबनम दीदी … तुम्हारी गांड बहुत मस्त है और मुझे बहुत ही ज्यादा पसंद भी है. तुम्हें पता नहीं कि कितनी बार मैंने तुम्हारी गांड को याद करके हस्तमैथुन करा है. मेरी बड़ी बहन की कामुक सहेली शबनम मुझसे बोली की नहीं … गांड में तुम्हारा गधे जैसा लंबा मोटा लंड लेने में तो बहुत दर्द होगा और जैसे तूने मेरी चूत फाड़ दी वैसे ही तू मेरी गांड भी फाड़ देगा मुझे नहीं करवाई गांड की चुदाई तू मेरी गांड में से भी बहुत सारा खून निकाल डालेगा.
मैं बोला की आप मेरे उप्पर भरोसा रखो मैं आप से बहुत प्यार करता हूँ आपको गांड चुदाई के दौरान ज्यादा दुःख नहीं दूंगा. फिर मैंने उन्हें समझाया की गांड चुदाई के दौरान शुरू में थोड़ा दर्द होता है लेकिन बाद में उतना ही मजा भी आता है. वो थोड़ा सोचकर बोली- ठीक है, जब मौका मिलेगा तो अगली बार मेरी गांड की चुदाई भी कर लेना और पेल लेना मेरी आँतों तक अपना ये गधे जैसा लंड लेकिन अगली बार मेरी चुदाई थोड़ा प्यार से करना प्लीज. फिर मैंने उसको हग किया और किस करके वहां से अपने घर आ गया…