दोस्तों मैंने मेरी माँ की विधवा बहन के साथ उन्ही के घर में अवैध सेक्स संबंध बनाये थे और आज की इस कामुकता से भरी असली अन्तर्वासना हिंदी सेक्स स्टोरी में मैं आपको बताऊंगा की कैसे मैंने गर्मियों की छुट्टियों में गांड और चूत अपनी जीभ से चाटने के बाद साड़ी ब्लाउज खोलकर कामवासना शांत करी मेरी विधवा मौसी की चुदाई करके अपने लंबे मोटे लंड से उन्ही के घर में. दोस्तों यदि आपको मेरी और मेरी माँ की बहन की चुदाई की ये हिंदी सेक्स कहानी पसंद आये और आप हमें थोड़ा भी सपोर्ट करना कहते हो तो इस गन्दी सेक्स कहानी को अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ ज्यादा से ज्यादा शेयर करना…
मैं गर्मियों की छुट्टी बिताने अपनी मौसी के घर गया हुआ था. मेरी मौसी एक सेक्सी औरत थी मगर बिलकुल गंवार थी उन्हें पढ़ना लिखना बिलकुल भी नहीं आता था. मेरी मौसा दिमाग से आधी पागल थी इसलिए वो सही से कोई काम नहीं कर पाते थे. इसीलिए मेरी मौसी खुद पैसा भी कमाती और खुद घर भी चलाती. उनका एक 10 साल का बेटा भी था जो सरकारी स्कूल जाता था. मौसी एक सरकारी स्कूल में बच्चो के लिए खाना बनाया करती और इस काम से जो पैसे मिलते थे उसी से उनका घर खर्च चलता था. मेरी गरीब मौसी के घर कुछ 2 दिन गुजारने के बाद मुझे ये सब पता लगा की मेरी विधवा मौसी कितनी मुसीबत में अपना जीवन काट रही है.
साड़ी ब्लाउज खोलकर कामवासना शांत करी विधवा मौसी की अन्तर्वासना हिंदी सेक्स स्टोरी
मुठ नहीं मारने के कारण उसी दिन रात को मेरा लंड खड़ा हो गया क्यों की मुझे दिन में तीन चार बार मुठ मरने की आदत है और मैं जब से मेरी कामुक मौसी के घर आया था तब से मैंने एक दिन भी हस्तमैथुन नहीं करा था. उस दिन रात को लंड हिलाते हुए मैं ये सोचने लगा की मेरी विधवा मौसी आखिर अपनी कामवासना को कैसे शान्त करती होगी क्या उनके किसी पराये मर्द के साथ अवैध संबंध तो नहीं हैं या वो किसी सेक्स टॉय का प्रोयग तो नहीं करती अपनी कामवासना शांत करने के लिए? फिर मैंने सोचा की चलो एक नजर अपनी विधवा मौसी के बैडरूम में मार कर आता हूँ क्या पता वो भी मेरी तरह अपनी कामवासना शांत करने के लिए कुछ अश्लील काम करती हो.
मैं उनके बैडरूम में गया तो देखा वो आधी रात को पलंग के नीचे झाड़ू मार रही थी. देखने पर ऐसा लग रहा था की जैसे मेरी कामुक मौसी पलंग के नीचे से अपनी चपल निकाल रही हो क्यों की उन्होंने सिर्फ अपने एक हे पैर में चपल पहनी हुई थी. मैं पीछे खड़ा उस विधवा की मोटी गांड को हिलते हुए देखता रहा और मेरा लंड दोबारा उठ खड़ा हुआ. कामवासना के चलते मैं ऐसा बहका की अपने हाथो को रोक न सका और मौसी की मोटी गांड देखकर मैं अपने लंड को सहलाने लगा. शायद मौसी की कच्छी उनके चूतड़ों के बीच घुसी हुई थी इसी लिए उन्होंने अपना एक हाथ पीछे किया और अपने चूतड़ों में उंगलिया डाल कर अपनी पेंटी बाहर निकालने लगी. उन्हें ऐसा करता देख मैं पागल सा होने लगा था और मेरी अन्तर्वासना खतरनाक भड़कने लगी थी.
मैं अपनी कामवासना शांत करने के लिए हिम्मत करके आगे बड़ा और मौसी की साड़ी को उप्पर उठाकर उनके पेटीकोट में अपना मुँह घुसा दिया. अंदर मुँह डाल कर मैं मौसी की पेंटी को आधा उतारा और उनकी बुर को अपनी जीभ से चाटने लगा. पहले तो मौसी डर गई उसके बाद जब मेरी जुबान उनकी बुर पर चलने लगी तो उनको भी अपनी चूत मेरी जीभ से चटवाने में बड़ा आनंद आने लगा. अपनी कामवासना शांत करवाने के लिए वो विधवा महिला झुक कर घोड़ी बनी रही और मैं उनकी बुर को अपनी जीभ से चाटता रहा. उस दौरान घर पर सभी सो रहे थे और किसी को इस बात की भनक तक नहीं थी की मैं मौसी की चूत को अपनी जीभ से चाट रहा हूँ. मौसी की गांड काफी मोटी और सेक्सी थी.
माँ की विधवा बहन की चिकनी चूत और गांड को अपनी जीभ से चूसने और चाटने के बाद मैं सेक्स करने के लिए खड़ा हुआ और उनकी साड़ी उठा कर उनकी बुर में लंड डाल दिया और उनकी चुदाई करने लगा. मौसी ने पीछे मूड कर मुझे गन्दी गाली दी की अबे साली हरामी तेरी माँ की चूत बहन के लंड मैं तेरी माँ की बहन हूँ और आज तूने मेरा ही काम लगा दिया !!! मौसी मेरी हरकत से गुसा तो थी पर मेरी जुबान की वजह से उनका शरीर वही थमा हुआ था. इस से पता लग रहा था की वो कितने सालो से उनके अंदर कामवासना भड़क रही थी. मैं धीरे धीरे अपनी कमर उनके चूतड़ों पर मारने लगा और अपने लंड को उनकी बुर के अंदर रगड़ता रहा. मौसी की मोटी गांड के आगे मेरी कमर कुछ भी नहीं थे.
विधवा मौसी की मोटी गांड को देख मेरे मुँह से पानी और लंड से काम रस टपक रहा था और अब तो उनकी चुदाई करके ही मेरी कामवासना शांत होने वाली थी. मैं अपने दोनों हाथो से उनके दोनों चूतड़ों को पकड़ कर पूरा मजा ले रहा था. तभी मौसी ने अपने ब्लाउज को खोलना शुरू कर दिया. मेरी माँ की विधवा बहन ने अपना ब्लाउज खोल कर मुझे पीछे से उनकी ब्रा खोलने के लिए बोला. मेरी कामवासना इतनी बुरी तरह भड़की की मैंने अपने दोनों हाथ मेरी कामुक मौसी की ब्रा के अंदर घुसाए और उनके दोनों बूब्स जोर जोर से दबाने लगा. मैं तेज सासे लेता हुआ अपनी कमर हिलाने लगा और मौसी की कामवासना को पूरा शांत करने की कोशिक करने लगा.
विधवा मौसी के दूध से भरे मोटे मोटे स्तन अपने दोनों हाथो में पकड़ कर उनकी चूचियां मसलते हुए मैं उनकी गीली बुर बहुत ही ज्यादा खतरनाक चुदाई करे जा रहा था और मेरी मौसी चुदवाते चुदवाते उई माँ.. आह… आह… की मादक सिसकियाँ ले रही थी. मौसी की मोटी गांड पकड़ कर मैं बुर मारते हुए हाफने लगा तो मौसी की हल्की चीखे निकलने लगी. मैंने चुदाई करते हुए मौसी के दूध से भरे मोटे मोटे स्तन पकड़ कर उन्हें ब्रा से बाहर निकाल कर लटका दिए. मेरी कामुक मौसी के मोटे मोटे बूब्स लटक कर फर्श को छूने लगे.
नंगी मौसी के दोनों बूब्स चुदाई के दौरान मेरे धक्को के कारण वो आगे पीछे हिलते हुए फर्श पर रगड़ भी खा रहे थे. चुदाई करवाते करवाते मेरी कामुक मौसी अपना आपा खोने लगी और अपनी कामवासना शांत करने के लिए सेक्स का ज्यादा से ज्यादा आनंद लेने लगी. तभी उनके दूध से भरे मोटे मोटे बूब्स के नुकीले निप्पल में से दूध निकलने लगा. मेरी माँ की विधवा बहन के बूब्स में से गर्म गर्म दूध की पतली धार निचे फर्श पर गिरने लगी. मैंने न तो उन्हें दबाया था और न तो चूसा लेकिन फिर भी मौसी के स्तनों से अपने आप दूध की पिचकारी छुटने लगी थी और देखते ही देखते फर्श मेरी मौसी के दूध से गन्दा हो गया.
ये देख मैं हैरान हो गया और चुदाई रोक कर उनके दूध से भरे मोटे मोटे स्तनों को दबा दबाकर दूध अपने मुँह के अंदर निकालने लगा. किसी गाय की तरह मैंने मौसी से स्तनों को खींच खींच कर उनका दूध पीना शुरू करा. मैंने उनका दूध पी रहा था और अब मैंने उनका कर्जदार हो चूका था और उनकी अन्तर्वासना शांत करके उनका कर्ज उतरना अब मेरी जिम्मेदारी थी. बूब्स जोर जोर से दबाने के कारण मेरी नंगी मौसी के मोटे मोटे स्तन हल्के हल्के लाल गुलाबी हो चुके थे.
इस दौरान मौसी ने अपना एक हाथ नीचे से पीछे लिया और मेरे लंड के निचे लटक रहे मेरे अंड को पकड़ कर उन्हें जोर जोर से दबाना शुरू कर दिया जिस कारण मुझे मीठा मीठा दर्द होने लगा और बहुत मजा भी आने लगा. मैंने भी दर्द का आनंद लेते हुए मौसी की बुर दोबारा चोदनी शुरू कर डाली. अचानक मौसी ने मेरे अंडे जोर दबाए और मैंने अपनी कमर जोरदास्त तरीके से हिलानी शुरू कर डाली. देखते ही देखते बुर से लम्बी लम्बी लार टपक कर नीचे गिरने लगी. इसी तरह मेरा माल मौसी की बुर में छूट गया. माल निकलने के बाद मौसी कुछ फर्श पर बेहाल होकर लेटी रही और चुदाई के बाद आराम करने लगी.
गांड मरवाने के बाद मेरी विधवा मौसी निचे फर्श पर ही लेट गयी थी क्योकि वो मेरे साथ सेक्स करके बहुत ही ज्यादा थक चुकी थी. बिना साड़ी और ब्लाउज के मेरी नंगी मौसी किसी रंडी के जैसी दिख रही थी. माँ की कामुक विधवा बहन की मोटी गांड चोदने के बाद निचे फर्श पर उनका दूध, बुर का रस और थोडा सा खून भी पड़ा हुआ था. मौसी के बैडरूम में बहुत ही ज्यादा गंदगी हो चुकी थी. चुदाई खत्म करने के बाद मैंने जल्दी से फर्श साफ किया और नंगी मौसी को उठा कर उन्हें साड़ी ब्लाउज पहने में मदद करी. दोस्तों मुझे पता है की मौसी माँ के सामान होती है मगर मैं अपनी कामवासना के चलते बहक गया था और अपनी ही माँ की बहन के साथ अवैध सेक्स संबंध बना डाले थे थे अपनी अन्तर्वासना शांत करने के लिए.
दोस्तों हम दोनों ने अपनी अपनी अन्तर्वासना शांत करने के लिए जो भी गलत काम करा वो भले समाज और कानून की नजरों में गलत है मगर मुझे और मौसी हम दोनों को इस बात का बिलकुल भी पछतावा नहीं है क्योंकि मेरी विधवा मौसी जो की कई वर्षों से अन्तर्वासना की आग में जल रही थी और अपनी कामवासना ठंडी करवाना चाहती थी और आज मैंने उनकी चुदाई करके कामवासना शांत कर दी थी. दोस्तों उम्मीद करता हूँ की आप सभी को मेरी ये कामुकता से भरी असली अन्तर्वासना हिंदी सेक्स स्टोरी “साड़ी ब्लाउज खोलकर कामवासना शांत करी विधवा मौसी की” बहुत पसंद आई होगी और आप इस सेक्स कहानी को शेयर जरुर करेंगे…