दोस्तों मेरे पापा की बहन अर्थात मेरी बुआ जी दिखने में बहुत सुन्दर और सेक्सी माल थी उन्हें देखते ही मेरा दिल उनकी इज्जत पर हाथ डालने का करने लगता था. मेरी बुआ दो बच्चों की माँ थी और एक संस्कारी किस्म की महिला थी इस लिए उनकी इज्जत लूटना मेरे लिए बहुत ही ज्यादा मुश्किल था. मगर वो कहते हैं ना यदि दिल से किसी चीज को पाने का प्रयास करा जाये तो महनत जरुर रंग लती है बस मेरे साथ ऐसा ही कुछ हुआ. आज की इस कामुकता से भरी अन्तर्वासना हिंदी सेक्स स्टोरी में आप पड़ेंगे की कैसे मैंने गर्मी की छुट्टियों में मेरी संस्कारी बुआ की चुदाई करी थी और उनकी बुर की चुदाई करने से पहले मैंने उनके बड़े बड़े स्तनों का दूध पीया था किसी छोटे बच्चे की तरह. फिर किसी छोटे बच्चे की तरह उनके दूध से भरे बड़े बड़े स्तनों से दूध पीने के बाद हम दोनों ने अवैध सेक्स संबंध बनाकर अपनी अपनी कामवासना शांत करी…
मेरा परिवार एक छोटा परिवार सुखी परिवार है जिसमें मेरे अलावा मेरे मम्मी पापा हम कुल तीन सदस्य हैं. ये घटना तब की है, जब मैं कॉलेज के पहले साल में था. मेरी उस समय गर्मियों की छुट्टियां चल रही थीं, में छुट्टियां बिताने अपनी बुआ के यहां गया था. मेरी बुआ की उम्र 38 साल है मगर 38 साल की उम्र में भी मेरी बुआ दिखने में बहुत कामुक हैं. मेरी कामुक बुआ के नशीले हुस्न को देख कर कोई भी कामवासना की आग में जल रहा मर्द यह नहीं बोल सकता कि वो कामुक शादी शुदा महिला दो बच्चों की माँ भी है. मेरी कामुक बुआ के पति अर्थात मेरे फूफा जी एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते हैं. दोस्तों गर्मियों की छुट्टी बिताने जब मैं बुआ के घर पहुंचा, तो वो मुझे देखकर बहुत ही ज्यादा खुश हुई.
संस्कारी बुआ की चुदाई करने से पहले उसके बड़े बड़े स्तनों का दूध पिया छोटे बच्चे की तरह
हम दोनों ने साथ में बैठकर काफी देर तक बातें करी, फिर हमने खाना खाया और मैं बुआ के बच्चों के साथ खेलने लग गया और मेरी कामुक बुआ घर के काम में लग गयी. इसके बाद रात हुई तो हम सभी ने साथ मिलकर रात का खाना खाया और फिर से महफिल जमा ली इस दौरान हम सभी के बीच खूब हंसी मजाक हुआ. मैं मेरी संस्कारी बुआ के घर मस्ती से अपनी गर्मी की छुट्टियाँ बिताने लगा और अपनी बुआ की इज्जत लुटने के सपने देखने लगा. मेरी कामुक संस्कारी बुआ सारा दिन घर पर अकेली रहती थीं क्योंकि उनके दोनों छोटे बच्चे स्कूल चले जाते थे केम्प में और फूफा जी कंपनी चले जाते थे मगर अब घर में मैं रहता था उनका अकेलापन दूर करने के लिए.
बुआ और मेरी अब अच्छी दोस्ती हो गई थी इस लिए अब सारा दिन बुआ और मेरे बीच डबल मीनिंग वाली गन्दी गन्दी बातें और हसी मजाक चलता रहता था. वैसे तो मेरी कामुक बुआ एक संस्कारी भारतीय नारी थी मगर मेरे साथ रह रहकर वो थोड़ी बदचलन सी होने लगी थी. वो दो बच्चों की कामुक माँ अब मुझसे खुल कर अश्लील बातें करने लगी थीं. हमारे बीच की बातें अब बुआ भतीजे की न होकर दोस्तों जैसी होने लगी थी. एक दिन ऐसे ही बातों बातों में मेरी कामुक बुआ ने मुझसे पूछ लिया की तेरी कोई गर्लफ्रेंड है क्या बेटा या अभी तक अपने हाथों से ही अपनी कामवासना शांत कर रहा है? मैंने मना कर दिया जबकि मेरी एक गर्लफ्रेंड थी जिसके साथ मैं कई बार अवैध सेक्स सम्बन्ध भी बना चूका हूँ.
मुझसे मेरी संस्कारी बुआ ने कहा की चल साले झूठे क्यों मसखरी करता है मेरे साथ. मैंने मेरी संस्कारी बुआ से बोला की नहीं बुआ, मेरी कोई भी गर्लफ्रेंड नहीं है इस लिए अभी मुझे मेरे हाथों से ही हस्तमैथुन करके अपनी कामवासना शांत करनी पड़ती है. मेरी बुआ मुझसे बोलीं की बेटा तू तो सलमान खान के जैसा हैंडसम दिखता है फिर भी अभी तक गर्लफ्रेंड नहीं बनायीं क्या तूने. मैंने बोला की बुआ मुझे ही कोई लड़की पसंद नहीं आई. मुझसे मेरी कामुक बुआ बोलीं की तुझे क्या सनी लियोनी जैसी लड़की को अपनी गर्लफ्रेंड बनाना है क्या बेटा! मैं मेरी कामुक बुआ से बोला की अरे बुआ किस बदचलन रंडी का नाम ले लिया. वो तो साली गन्दी गन्दी ब्लू फिल्मों में नंगी होकर गलत काम करती अहि मुझे तो आपके जैसी सुन्दर और संस्कारी लड़की चाहिए. बुआ मेरी बात सुनकर हंस पड़ीं और खुद की तारीफ सुनकर खुश हो गईं.
मेरी कामुक बुआ शरमाते हुए बोलीं- हम्म … तो तुझे मैं सुन्दर और संस्कारी लगती हूँ. मैंने मेरी कामुक बुआ से बोला की हां बुआ, आपमें जो बात है वो किसी और लड़की में दिखती ही नहीं है. अपनी तारीफ सुनकर वो कामुक महिला हंस पड़ी और उन्होंने आगे बढ़ कर मेरे माथे पर अपने लाल लाल होंठ लगाकर पप्पी ले ली. बुआ की इस हरकत से मेरे अंदर कामवासना उत्पन्न हो उठी और फिर मैंने भी मेरी कामुक संस्कारी बुआ के गाल पर चुम्मी लेते हुए बोला की बुआ, आप मुझे बहुत प्यारी लगती हो यदि आप की शादी नहीं हुई होती तो मैं आप से शादी कर लेता और आपको अपनी पत्नी बना कर आपके साथ सुहागरात बनाता. ऐसे ही अब हम दोनों अश्लील बातें और मस्ती मजाक करने लगे थे. मैं भी उनकी सुन्दरता की तारीफ करता रहता था और सारा दिन उनके नशीले जिस्म को भोगने की लालसा में उनके आगे पीछे मंडराता रहता था की कभी तो मौका मिलेगा उनके साथ अवैध सेक्स सम्बन्ध बनाने का.
मैं मेरी संस्कारी बुआ को सच में मन ही मन पसंद करने लगा था और अपनी कामवासना शांत करने के लिए उनके साथ अवैध सेक्स संबंध भी बनाना चाहता था. ये बात शायद मेरी कामुक बुआ भी बड़ी अच्छी तरह से समझ रही थीं और अब तो बदचलन बनकर वो भी मेरे साथ कुछ ज्यादा ही चिपकने लगी थीं शायद वो भी मेरे साथ सेक्स करने अपने जीवन में कुछ नया आजमाना चाहती थी. मेरी सुन्दर और संस्कारी बुआ जब चाहे मेरे माथे पर पप्पी कर लेती थीं और मैं भी उनके लाल लाल गाल चूम लेता था. मैं रोज ही मेरी सुन्दर और संस्कारी बुआ के साथ किचन में घुसा रहता और उनके साथ मस्ती मजाक करता रहता था. मैं जिस दिन मेरी बुआ के पास किचन में नहीं जाता था तो वो मुझसे बोलती थीं कि क्या बात है बेटा आज तुम मुझसे नाराज़ हो गए हो क्या?
मैं हंस कर उनसे कामुक जिस्म से लिपट जाता और उनके गालों पर किस कर दिया करता था. अब धीरे धीरे हम दोनों के बीच की दूरी कम होने लगी थी. वो भी मुझे मेरे माथे पर चूम कर अपनी बांहों में भर लेती थीं. मैं उनके बड़े बड़े स्तनों की चुभन अपने सीने पर महसूस करके गर्म हो उठता था. इससे पहले की मेरा लंबा मोटा लंड खड़ा होकर उनकी भोसड़ी के करीब रगड़ खाए, मैं बुआ से अलग होने के लिए खुद को छुड़ाने की कोशिश करने लगता था. मगर उस समय बुआ मुझे जकड़े रह कर मेरे लंड की रगड़ को महसूस करने के लिए कुछ न कुछ करती रहती थीं. इसी तरह से हम दोनों एक दूसरे को पढ़ने लगे थे. मगर किसी भी तरह से बात आगे नहीं बढ़ पा रही थी. पहल कौन करे, ये एक बड़ी समस्या थी. अब मेरी छुट्टियां के दिन भी कम बचे थे.
मैंने सोचा कि अगर अभी हिम्मत नहीं दिखाई, तो फिर बाद में पता नहीं मौका मिले ना मिले. फिर दूसरे दिन अचानक से फूफा का गांव जाने का प्लान बन गया. मुझे लगा कि अब तो बुआ भी गांव चली जाएंगी और मैंने उनकी इज्जत नहीं लुट पाउँगा बीएस यही बात सोचकर अब मेरा मन बहुत ही ज्यादा उदास हो गया. पर जब फूफा ने बुआ को उनके साथ गांव चलने को बोला, तो उन्होंने मना कर दिया. बुआ ने बोला की मैं यहीं अपने भतीजे के साथ रहूंगी … आप अकेले गांव चले जाओ. मैं तो बुआ के मुँह से ये सुनकर जैसे खुशी से पागल हो गया. फिर मेरे फूफा जी अपने दोनों छोटे बच्चों के साथ गांव चले गए. अब घर पर मैं और बुआ ही रह गए थे इस लिए उनकी इज्जत पर हाथ डालना मेरे लिया बहुत आसान हो चूका था. हमारी मौज मस्ती फिर से शुरू हो गई थी. बुआ मेरी तरफ देख कर बड़ी मुस्कुरा रही थीं.
मैंने मेरी बुआ से बोला की आज आप बड़ी खुश दिख रही हो … क्या आप अपने पति और बच्चों के बिना अकेली रह पाओगी इस घर में…? बुआ ने भी बोल दिया- तेरे फूफा नहीं है तो क्या हुआ बेटा तू तो हैं ना मेरे साथ है. बुआ ने ये कहा तो मेरे चेहरे पर एक गहरी मुस्कान आ गई. मैंने आगे बढ़ कर उनके गाल चूम लिए और बुआ ने भी हमेशा से कुछ ज्यादा ही मुझे अपनी बांहों में कस कर जकड़ लिया और मेरे सर पर पप्पी करने लगीं. उनकी बांहों की कसावट आज कुछ ज्यादा ही थी इस लिए उनके दूध से भरे बड़े बड़े स्तन किसी खंजर की तरह मेरे सीने में चुभ रहे थे. मुझे बुआ के दूध से भरे बड़े बड़े स्तनों की चुभन उत्तेजित करने लगी और मेरा लंड खड़ा होने लगा. मगर आज मैंने भी उनसे अलग होने की जद्दोजहद नहीं की और मेरा लंड बुआ की भोसड़ी पर दस्तक देने लगा. बुआ ने काफी देर तक मुझे अपने सीने से चिपकाए रखा और लंड की चुभन का मजा लेने लगीं.
फिर अचानक से बुआ ने मुझे अपने से अलग किया और मेरी तरफ देखने लगीं. उनकी आंखों में वासना के डोरे देख कर मैं भी समझ गया कि बुआ की भोसड़ी में चींटियां रेंगने लगी हैं. उस दिन इससे ज्यदा कुछ नहीं हुआ. वो पूरा दिन ऐसे ही चला गया. फिर मैंने सोचा बिना हिम्मत किये कुछ नहीं होगा. ये मौका अच्छा है, मैं ही आगे बढ़ कर बुआ की जवानी पर हाथ फेर लेता हूं, जो होगा सो देखा जाएगा. हालांकि मैं हिम्मत करने की बात मन में सोच रहा था मगर डर के मारे मेरी गांड से अंगारे भी बरस रहे थे. शाम को मैंने बुआ से बोला- बुआ मुझे आपसे एक बात करनी है … आप नाराज़ मत होना. वो बोलीं- हां बोलो बेटा क्या बात है…? मैंने हिम्मत करके उन्हें बोल दिया कि बुआ मैं आपको मन ही मन बहुत पसंद करता हूं और आपके साथ वो सब करना चाहता हूँ जो एक पति अपनी पत्नी के साथ करता है. बुआ ने एक बार मेरी तरफ गुस्से से देखा और बिना कुछ जबाव दिए किचन के अन्दर चली गईं.
उनके चेहरे पर गुस्सा देख कर उस समय मेरी हालत ऐसी हो गई थी, जैसे किसी ने मेरी गांड मार दी हो. पर दो मिनट बाद बुआ अन्दर से कुछ लेकर बाहर आईं. मैंने देखा तो वो फ्रिज से एक चॉकलेट लेकर आई थीं. वो मेरे नजदीक आईं और बोलीं- अपना मुँह खोलो. मैंने मुँह खोला, तो बुआ मेरे मुँह में आधी चॉकलेट डाल कर बोलीं- आई लव यू सो मच … बट यू आर सो लेट. ये कहते हुए बुआ ने बाकी बची आधी चॉकलेट अपने मुँह में ले ली. हम दोनों ने गप से अपने अपने मुँह में फंसी पूरी चॉकलेट खा ली और एक दूसरे से होंठ लगा कर चुम्बन करने लगे. बुआ की रजामंदी पाकर मेरा तो खुशी से ठिकाना ही नहीं था. वो चुम्बन लेने के बाद मुँह हटा कर बोलीं- मैं तेरे लिए ही तो यहां रुकी हूं मेरी जान!
मैंने फिर से उनको एक चॉकलेट उसी तरह से खिलाई और फिर से हम दोनों चुम्बन करने लगे. इस बार मैं उन्हें जैसे ही अपनी बांहों में लेने वाला था, तो सेक्सी बुआ बोलीं की रात अपनी ही है … अभी मुझे खाना बना लेने दे. वो किचन में चली गईं, रोज की आदत की तरह दो मिनट बाद मैं भी अन्दर चला गया. बुआ खाना बना रही थीं. मैंने उनके पीछे आकर सीधे उनके बूब्स पकड़ लिए. वे एकदम से चौंक गईं और बोलीं अभी कुछ मत कर … अभी तू बाहर जा. मगर अब मैं कहां मानने वाला था. मैं उन्हें वहीं परेशान करने लगा. बुआ को भी अब मजा आने लगा था. वो बोल रही थीं- अरे खाना तो बना लेने दे ना … फिर जो मन करे, सो कर लेना. मगर इस समय मैं अपनी मस्ती में आ गया था और उनकी एक सुनने वाला नहीं था.
मैं उन्हें अब गर्दन पर किस भी करने लगा था. वो भी अब तक गर्म हो गई थीं. उन्होंने गैस चूल्हे को बंद कर दिया और बोलीं- तो चलो बेडरूम में … तुम तो मानने से रहे. मगर मैंने बोला- आज यहीं किचन से ही शुरू करेंगे. वो भी शायद कुछ नया चाहती थीं, तो मुस्कुराते हुए बोलीं- ठीक है. अब हम दोनों एक दूसरे की बांहों में समा गये थे और मैं अपनी बुआ के होंठों को किस करने लगा था. वो भी पूरा साथ देने लगी थीं. थोड़ी ही देर में मैंने बुआ के मुँह में अपनी जीभ पेल दी तो बुआ भी मेरी जीभ को चूसते हुए मजा लेने लगीं. कुछ देर बाद बुआ की जीभ मेरे मुँह में आ गई थी और मैं उनकी लार को पिने लगा. इन सभी गन्दी गन्दी हरकतों के दौरान मैं उनके मोटे मोटे स्तनों को भी जोर जोर से दबाने लगा था. वो अभी भी मेरे मुँह में जीभ डाले हुए मुझे बेइंतहा चूम रही थीं.
मैंने बुआ की इज्जत पर हाथ डालने के लिए उनका शर्ट उतार दिया. उन्होंने अन्दर एक ब्लैक रंग की ब्रा पहनी थी, जिसे देख कर मैं पागल हो गया. अब मैं हाथ बुआ के नीचे ले गया और उनकी सलवार का नाड़ा खोल दिया. सलवार नीचे गिर गई. उसके बाद जो नजारा सामने था, उसे देख कर अपनी सुध-बुध खो बैठा. मेरे सामने मेरी सेक्सी बुआ का मदमस्त गोरा जिस्म, काली ब्रा और काली पैंटी में इतना हॉट लग रहा था कि मैं उन्हें अपलक देखने लगा. वो तो बिल्कुल ब्लू फिल्म की एक्ट्रेस लग रही थीं. बुआ की मदमस्त जवानी को देख कर तो बुड्डों तक के लंड खड़े हो जाएं, ऐसे उठे हुए चूचे और तनी हुई गांड थी. किसी का भी मन उनकी इज्जत लुटने का करने लगे. उनके गोरे गोरे बदन पर काली कसी ब्रा में उनके दूध से भरे बड़े बड़े स्तन मानो बस कुछ ही देर में फटने वाले हों…
जालीदार काली ब्रा उन्हें हद से ज्यादा कामुक बना रही थी. सेक्सी बुआ मेरे सामने वासना से भरी अपनी आंखों से मेरी आंखों को पढ़ रही थीं. तभी मैंने बुआ की इज्जत लुटने के लिए जोश में आकर उनकी ब्रा को ही जोर से खींच दिया. उनकी ब्रा का हुक टूट गया और वो खुल गई. वो मुझे मादकता से गाली देते हुए बोलीं- साले मेरी नई ब्रा फाड़ दी तूने अब तू ही मुझे नई ब्रा दिलवाना. मैं हंस कर बोला मेरी बदचलन बुआ से की मेरे साथ रहोगी, तो ब्रा की क्या जरूरत. फिर हम दोनों हंसने लगे. अब मेरी कामुकता से भरी बदचलन बुआ की चुदाई की बारी आ गई थी. मेरी संस्कारी बुआ मेरे सामने बिना ब्रा के अपने बड़े बड़े दूध से भरे स्तनों को लहरा रही थीं.
मेरी नंगी बुआ के बड़े बड़े स्तनों को देखकर मेरे अंदर जोश आ गया और मैं बुआ के दूध से भरे बड़े बड़े स्तनों पर किसी चोर की तरह से झपट पड़ा और उनके दोनों बड़े बड़े स्तनों को दबोच लिया. मैंने मेरी बुआ के दूध से भरे बड़े बड़े स्तनों को मसलते हुए उनसे खेलने लगा. मेरी बदचलन बुआ को अब आनंद आने लगा था और वो मादक आवाज में मुझसे बोलीं की बेटा महिलाओं के दूध से भरे बड़े बड़े स्तनों को मसलने के अलावा मुंह में लेकर चूसा भी जाता है और इनमें से दूध भी पिया जाता है याद करो अपना बचपन जब तुम्हारी मम्मी घर में नहीं हुआ करती थी तब तुम्हे मैं भी मेरे इन बड़े बड़े स्तनों में से दूध पिलाया करती थी.
मेरे बचपन की यादों ने मुझे और भी ज्यादा कामवासना से भर दिया और फिर मैं उनके दोनों बड़े बड़े स्तनों को बारी बारी से अपने मुंह में लेकर किसी छोटे बच्चे की तरह चूसने लगा और उनका दूध पिने लगा. मुझे अपने स्तनों से दूध पिलाने के दौरान वो बदचलन महिला जोर जोर से सिसकारी निकाल रही थीं- आह आह आह मेरे राजा … अपनी बुआ के दूध पी ले … आह निचोड़ दो इन्हें. मैं भी जोश में आ गया और उनकी चूचियों को छोटे बच्चे की तरह चूसने के साथ साथ अपने हाथों से जोर जोर से दबाने लगा. मेरी इस दरिंदगी के कारण मेरी सम्वासना से भरी भुआ के मुंह से दर्द भरी सिसकियाँ निकलने लगीं थी. वो दो बच्चों की कामुकता से भरी माँ मुझे गन्दी गन्दी गलियाँ देते हुए बोलीं- साले बुआ चोद … आराम से कर भोसड़ी के … मुझे दर्द हो रहा है.
मेरी कामुक बुआ अब एक संस्कारी महिला से बदल कर किसी बदचलन महिला के जैसा बर्ताव कर रही थी. मैं मेरी कामुकता से भरी बुआ के इस बदले हुए रूप से मस्त हो गया था. मैं भी बुआ के निप्पल मींज कर उन्हें गाली देकर बोला- साली रांड मेरे साथ खुल कर मजा ले चुदाई का. मेरी कामुकता से भरी भुआ मेरे सर को अपने दूध से भरे बड़े बड़े स्तनों पर दबाते हुए बोलीं- आह साले हरामी पी जा मेरे इन बड़े बड़े स्तनों का सारा का सारा दूध और उन्हें खाली कर दे. मैं अब धीरे धीरे बुआ के मम्मों को मसलने लगा और चूसने लगा. बुआ भी अपने हाथ से अपनी चूचियां मुझे चुसाने लगीं. उनकी गोरी गोरी चूचियां चूसने में मुझे ऐसा मजा आ रहा था कि शब्दों में मैं लिख ही नहीं सकता. कुछ ही देर में मुझे मानो नशा सा हो गया था.
मेरा लंड बुआ की चुदाई करने के इरादे से खड़ा होकर अपने वास्तविक विकराल रूप में आ चूका था. मेरे खड़े लंड को महसूस करके बुआ भी चुदाई करवाने के लिए मस्त होने लगी थीं और कहने लगी थीं- साले तेरा लंड बड़ा अकड़ रहा है इतना तो कभी तेरे फूफा जी का भी नहीं अकड़ा. मैंने मेरी कामुकता से भरी बुआ से बोला की साली जब तेरे जैसी संस्कारी महिला चोदने के लिए मिल गई हो तो लंड तो अकड़ेगा ही ना. बुआ हंस पड़ीं और मेरे लोअर के ऊपर से मेरे लंड को सहलाने लगीं. वो मेरे हथियार का जायजा ले रही थीं. मैंने पूछा- कैसा लगा अपना माल? बुआ बोलीं की बेटा तेरा लंड देखने में तो बड़ा मस्त है एक बार अपनी गांड और चूत के अन्दर लेकर देखूंगी तब पता चलेगा कि मेरे पति के लंड से बेहतर है या नहीं.
मैंने मेरी नंगी बुआ से बोला की चुदाई करने से पहले मैं भी आपकी चूत की चौड़ाई और गहराई नाम लेता हूँ कि कैसी है टाईट है या ढीली हो गई है फूफा जी के लंड से चुदाई करवाते करवाते. बुआ बोलीं की हां हां भोसड़ी के मेरी चुदाई करने से पहले चैक कर ले मादरचोद मेरी चूत की चौड़ाई और गहराई. बुआ ने बोला की साले हरामी मेरी चूत अभी भी किसी कुंवारी लड़की की वर्जिन चूत के जैसी कसी हुई है क्योंकि तेरे फूफा जी मेरी ज्यादा चुदाई नहीं करते है उन्हें तो बस मुझे घोड़ी बनाकर मेरी गांड मारने का ही शौक है. अब अपनी कामुकता से भरी संस्कारी बुआ की चूत का निरक्षण करने के इरादे से मैं मेरा हाथ नीचे बुआ की चूत की तरफ ले गया और उनकी चूत को पैंटी के ऊपर से ही सहलाने लगा.
फिर मैंने बुआ की चूत का निरक्षण करने के लिए उनकी पैंटी को उतार दिया और उन्हें निच से भी बिलकुल नंगी कर दिया. उसके बाद जो सीन मेरी आँखों के सामने था, मैं खुद को गाली देने लगा कि साले गांडू अब तक इस संस्कारी बुआ की इज्जत क्यों नहीं लूटी तूने. बुआ की गुलाबी चूत मेरे सामने थी. उस पर हल्के हल्के सुनहले रंग के बाल थे. मैं बोला की झांट के बाल कब साफ करे थे मेरी जान आखरी बार? मेरी कामुकता से भरी बुआ बोली की तीन दिन पहले ही तो मैंने मेरी झांट के बाल साफ करे हैं. मैं बोला की बुआ जब फूफा जी घर पर नहीं रहते थे, तब तुम किस के साथ अवैध सेक्स संबंध बनाकर अपनी कामवासना शांत करती हो? मेरी कामुकता से भरी बुआ बोली की मेरे किस किस के साथ अवैध सेक्स संबंध है ये सब जानकर तुझे क्या करना है साले हरामी?
मैं बोला की बताओ ना मेरी जानू … किसी से चुदवाती थीं तुम? मेरी कामुकता से भरी बुआ बोली की साले हरामी ऐसा बोला, तो मेरे हाथों से मार खाएगा. मैं बोला की क्या गाजर मूली डालती थीं? मेरी कामुकता से भरी बुआ बोली की बहनचोद बातें ही करता रहेगा या अब मेरी चुदाई भी करेगा? फिर उन्होंने भी मेरे सारे कपड़े उतार दिए. जैसे ही उनकी नजर मेरे खड़े लंड पर पड़ी, तो वो बोलीं- इतना मोटा … आज तो मेरी टाइट छुट फटने वाली है. मैं हंसने लगा और बोला की हाँ आज तो आपकी टाइट चूत फटकार भोसड़े में तबदील होने वाली है और चुदाई के दौरान बहुत सारा खून भी निकलेगा. फिर मैंने चुदाई करने के लिए मेरी नंगी बुआ को लिटा दिया और उनकी टाइट चूत के पास अपना मुँह ले गया.
उनकी नशीली चूत से बहुत मस्त खुशबू आ रही थी, जो मुझे मदहोश किए जा रही थी. मैं अपनी जीभ को मेरी नंगी भुआ की टाइट चूत के अन्दर डालने लगा और अपनी जीभ से ही उनकी चूत की चुदाई करने लगा. जैसे ही मेरी जीभ बुआ की भोसड़ी के अन्दर गई, बुआ के मुँह से जोर जोर से सिसकारी की आवाज़ आने लगीं. वो जोर जोर से ‘आह आह … जान चाट ले … आह आह! वो न जाने क्या क्या बड़बड़ा रही थीं. मैं तो उनकी चूत चाटने मग्न हो गया था. कुछ ही देर में उनकी चूत में पानी पानी आने लगा था. मैं उनकी चूत से निकल रहे पानी को चूत से बाहर आने से पहले ही चाटता जा रहा था. मुझे बुआ की चूत का पानी हल्का सा नमकीन और खट्टा सा लग रहा था. उन्होंने मेरे सिर को पकड़ा और अपनी चूत पर तेजी से दबाने लगीं.
मैं किसी कुत्ते की तरह उनकी नशीली चूत को बीएस चाटता ही जा रहा था. कुछ ही पलों के बाद बुआ की चूत में एक सैलाब सा आ गया और उनकी चूत ने ढेर सारा पानी छोड़ दिया. मैंने उनकी चूत के पानी की एक भी बूंद को खराब नहीं जाने दिया. बुआ की चूत को चाट चाट कर साफ़ कर दिया. बुआ अब शांत हो गई थीं. मैं बोला की बुआ जान अब तुम्हारी बारी है. बुआ हंसने लगीं- मैं कुछ नहीं करने वाली. मैंने लंड हिलाया और बोला की फिर इसे झड़ते हुए देखती रहना. बुआ समझ गई थीं कि मुठ मारने की बात कर रहा हूँ. वो सीधा मेरे लंड को पकड़ कर सहलाने लगीं और फिर देखते ही देखते उन्होंने मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और उसे लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी. जैसे ही मेरा लंड बुआ के कोमल होंठों को छूते हुए उनके मुँह में गया तो मानो आज मुझे जीवन का सर का सारा सुख प्राप्त हो चूका था.
मेरी बुआ मेरे पूरे लंड को अपने मुँह में लेकर लॉलीपॉप की तरह जोर जोर से चूसने लगीं. मुझे ऐसा लग रहा था … जैसे कोई पोर्न स्टार लंड चूस रही हो. मैंने जोश में आकर बुआ के सिर को पकड़ लिया और उनके मुँह को जोर जोर से चोदने लगा. इससे लंड उनके गले तक जा रहा था. वो ठीक से सांस नहीं ले पा रही थीं. उन्होंने एकदम से झटका दिया और लंड उनके मुँह से बाहर निकल आया. वो हांफते हुए बोलीं- बहनचोद मादरचोद आराम से कर … साले मुझे रंडी समझ रखा है तूने! मैं हंसने लगा. मैंने उन्हें फिर से मुँह में लंड लेने के लिए बोला, तो वो ना-नुकुर करने लगीं. मगर मेरे जोर देने पर मान गईं. करीब दस मिनट की चुसाई के बाद मेरा पानी निकालने वाला था. मैंने सोचा पहले बुआ को बता दूँ, पर मैंने नहीं बताया कि कहीं वो ‘रस अन्दर नहीं लूंगी ..’ बोल बाहर न गिरा दें.
जैसे ही मेरा माल गिरने को हुआ, मैंने बुआ के सिर को पकड़ लिया और उनके मुँह में सारा पानी गिरा दिया. वो शायद इसके लिए तैयार नहीं थीं. वो लंड के पानी को पीना नहीं चाहती थीं … पर मैंने सारा का सारा वीर्य उनके मुँह के अंदर ही गिरा दिया, तो मजबूरन उन्हें मेरे लंड से निकला वीर्य पीना ही पड़ा. जैसे ही मैंने लंड बाहर निकाला, तो वो मुझे गाली देने लगीं- बहनचोद मार कर ही रहेगा मुझे. मुझे क्यों अपना वीर्य पिलाया तूने ? मैं बोला की आप को मजा आया कि नहीं ये बताओ आप??? मेरी सेक्सी माल बुआ बोली की हां मजा तो आया पर अजीब लगा आज पहली बार किसी मर्द का वीर्य जो पिया है. मैं बोला की क्यों फूफा का नहीं पिया? मेरी कामुकता से भरी बुआ बोली की न … मैं तो तेरे फूफा का पहले हाथ से ही बाहर कर देती थी. मैं बुआ को चूमने लगा. वो भी मुझे प्यार करने लगीं.
फिर कुछ देर बाद बुआ लंड को हाथ से सहलाने लगीं और मैं उनके दूध से भरे मोटे मोटे स्तनों को और उनकी बड़ी सारी गांड को अपने हाथों से सहलाने लगा. हम दोनों कुछ ही देर में फिर से गर्म हो गए थे. अब वो मुझे गाली देते हुए बोलीं- मादरचोद अब जल्दी से चोद मुझे. मैं भी अब ज्यादा देर ना करते हुए सीधा उनके ऊपर आ गया. उनकी चूत पर लंड रख कर रगड़ने लगा. वो तो एकदम से जोश में आ गई और मुझे गालियां देने लगीं- पेल हरामी … लंड भोसड़ी में घुसेड़ दे. मैंने एक झटका मारा, तो वो दर्द के मारे बहुत जो से चिल्ला उठीं और बोलीं- माँ के लौड़े साले चुदाई थोड़ा धीरे कर बहुत तेज दर्द हो रहा है. वो चुदते चुदते मुझसे बोली की बेटा तू अपनी बुआ की चूत मार रहा है किसी रंडी की नहीं इस लिए जरा आराम से चोद ले.
मैं पूरी रफ्तार के साथ मेरे पापा की बहन की चुदाई करने में लगा रहा और अपना पूरा लंड उनकी टाइट चूत के अंदर पेल कर बुआ के दूध से भरे बड़े बड़े स्तनों को एक बार फिर छोटे बच्चों की तरह से चूसने लगा और उनका दूध पिने लगा. बुआ ने गांड हिला कर शंटिंग शुरू करने का इशारा दिया, तो अब मैं उन्हें धकापेल चोदने लगा. मेरी नंगी बुआ भी अपनी दोनों टांगें हवा में उठा कर चुदाई का पूरा मजा लेते हुए सेक्स के दौरान मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी थीं. बुआ मस्ती से बोल रही थीं- आह चोद ले आज अपनी बुआ को अपनी रंडी बनाकर बेटा… आह उई माँ आह… आह…. और जोर जोर से चोद मुझे बेटा बड़ा मजा आ रहा है आज तेरे साथ सेक्स करने में.
अपनी नशीली टाइट चूत की चुदाई करवाते करवाते मेरी नंगी बुआ जोर जोर से मादक सिसकारी निकाल रही थीं जो मेरे अंदर जोश भरने का काम कर रही थी. बुआ अपनी गांड उठा उठा के मेरा साथ से रही थी और जोश में मैं भी उन्हें गले देते हुए चोद रहा था- ले साली रांड भैन की लौड़ी … कितने दिन बाद पटी साली. बुआ हंस दीं और बोलीं- भैन के लंड तेरी गांड ही फट रही थी … मैं तो कब से तेरे जवान लंड से चुदने को मरी जा रही थी. करीब 20 मिनट की शानदार चुदाई के दौरान चुदते चुदते वो दो बच्चों की माँ तीन बार झड़ चुकी थीं. अब मेरा भी वीर्य निकालने वाला था. मैंने पूछा की बुआ वीर्य कहां निकालूं बोलो तो आप की चूत के अंदर ही निकाल दू क्या? मेरी कामुकता से भरी बुआ बोली की तेरा क्या विचार है? मैं बोला की मैं आप को मेरे बच्चे की मां बनाना चाहता हूं.
मेरी नंगी बुआ बोली की साले कुत्ते हट अपना लंड जल्दी से मेरी चूत से बाहर निकाल यदि तेरा वीर्य मेरी चूत के अंदर टपक गया तो मैं तेरे बच्चे की माँ बन जाउंगी. मैंने हंस कर मेरी नंगी बुआ से बोला की हाँ मुझे भी अभी तुम्हारे बच्चे का बाप नहीं बनना और फिर मैंने मेरे खड़े लंड को बुआ की बुर से बाहर निकाल लिया और हस्तमैथुन करते हुए उनके पेट पर सारा का सारा वीर्य टपका दिया. फिर बुआ ने मुझे एक लंबा सा किस किया और बोलीं- आई लव यू बेटा… तूने आज मेरी चुदाई करके मुझे बहुत ज्यादा खुश कर दिया मैंने जीवन में आज तक इतना शानदार सेक्स नहीं करा.
फिर बुआ ने मुझे बोला की अब जब भी तेरा मन मेरे साथ सेक्स करने का करे तो मेरे पास आ जाना और मेरी खूब जमकर चुदाई कर लेना अब आज के बाद तुझे हस्तमैथुन करने की बिलकुल भी जरुरत नहीं है. फिर सेक्स करने के बाद हम दोनों खड़े हुए और बाथरूम में नहाने के लिए नंगे ही चले गए. वहां बाथरूम में भी मैंने मेरी बुआ की एक बार फिर से शानदार चुदाई करी. बाथरूम में चुदने के बाद बुआ बोलीं की मेरे राजा बेटा आज खाना नहीं खाना क्या तुम्हे या मेरी चुदाई करके ही अपना पेट भर लोगे अपना? मैंने बोला की आज खाना नहीं … आज तो बस तुम्हें ही खाना है. वो कामुक महिला हंसने लगीं और फिर स्नान करने के बाद किचन में खाना बनाने के लिए चली गयी. फिर हम दोनों ने खाना खाया.
रात को हम दोनों ने फिर से अवैध सेक्स संबंध बनाये और चुदाई का भरपूर आनंद लिया इस बार मैंने मेरे पापा की बहन की टाइट चूत को चोदने के बाद उन्हें घोड़ी बनाकर उनकी गांड भी मारी और गांड चुदाई के दौरान मैंने अपने वीर्य की पिचकारी उनकी गांड के अंदर ही चलाई. तीन दिन बाद मेरे फूफा जी को वापस घर आना था. का फोन आ गया था कि वो दो घंटे बाद घर आ जाएंगे. फ़ोन आने के बाद हम दोनों ने एक बार फिर से अवैध सेक्स संबंध बनाये और चुदाई का मजा लिया. तब तक बच्चों के आने का वक्त भी हो गया था अब बुआ और मैं टीवी देखने लगे. फिर उनके दोनों छोटे बच्चे भी आ गए थे. तो दोस्तों इसी तरह तब से लेकर अब तक जब भी मुझे मौका मिलता, तो मैं मेरी बुआ के घर जाकर उनकी चुदाई कर आता था. मैंने मेरी संस्कारी भुआ को अब एक बदचलन रंडी बड़ा दिया था.