दोस्तों आज की इस कामुकता से भरी अन्तर्वासना हिंदी सेक्स कहानी में आप पड़ेंगे की कैसे एक समलैंगिक ट्रक ड्राइवर का लंड देखने की लालसा में मुझे फैक्टरी के गोदाम में उसके साथ गे सेक्स करके अपनी गांड मरवानी पड़ी. दोस्तों मेरी उम्र अभी चालीस साल है और मैं एक गे मर्द हूँ. दुसरे समलैंगिक मर्दों की तरह ही मुझे भी लड़कियों में नहीं बल्कि मर्दों में रुची है अर्थात मुझे लड़कों के साथ गुदा मैथुन करना पसंद है. मुझे गे सेक्स करने के दौरान टॉप पर रहना अच्छा लगता है. मेरा मतलब गुदा मैथुन के दौरान मुझे गे मर्दों की गांड मारना बहुत पसंद है.
आज तक मुझ गे मर्द की टाइट गांड सील पैक और बिलकुल बर्जिन थी मगर मेरे साथ एक ऐसी घटना घटी की मुझ गे मर्द को अपनी सील पैक वर्जिन गांड मरने के लिए एक मर्द को देनी पड़ी. खैर वो सब आपको आगे की कहानी में पता चल जायगा. मेरी एक बहुत ही ज्यादा गन्दी आदत है और वो ये कि किसी भी मर्द पर दिल आ जाने के बाद मुझे बड़ी तमन्ना रहती है कि मैं किसी तरह से उसका लंड देख लूं. एक बार लंड दिख जाए, तो मेरी कोशिश रहती है कि उस लंड को पकड़ का चूस लूं या सहला कर उस मर्द की गांड मार लूं. जब से होश संभाला है, तब से आज तक मैंने कई लड़कों की गांड मारी है घोड़ी बनाकर.
गे सेक्स करके गांड मरवानी पड़ी समलैंगिक ट्रक ड्राइवर से अन्तर्वासना हिंदी सेक्स कहानी
बीस साल की उम्र में मैंने पहली बार अपने चाचा के लड़के का लंड मुंह में लेकर चूसा था और उसे ब्लोजॉब दिया था. दरअसल हुआ यूं कि मुझे मेरे चाचा के बेटे बहुत मस्त लगते थे और मैं उनसे एक तरफ़ा प्यार करने लगा था. मैं उनसे दिन दिन भर बातचीत के बहाने अक्सर उनके लंड को छूने को लालायित रहता था. फिर कुछ ऐसा हुआ कि मेरी लंड चूसने की कामना पूरी हो गई और एक दिन साथ में नहाते वक्त मैंने उनके लंड को पकड़ कर चूस लिया. वो भी समझ तो गए ही थे, सो उन्होंने भी मुझे घोड़ी बना कर मुझ गे मर्द की टाइट गांड मार दी. एक बार जब उनसे गांड मरवा ली, तो मैंने भी उनकी गांड मारी और इस तरह से मैं गांड मरवाने और मारने का शौकीन बन गया.
दिन बीतते गए और मैं बड़ा होकर इंजीनियर बन गया. मेरी नौकरी एक प्राइवेट कम्पनी में लग गई. मेरा लड़कों की गांड मारने का शौक बदस्तूर जारी रहा. मगर अब इतना ध्यान देने लगा था कि अपने काम की जगह समलैंगिक मर्दों की गांड मारना छोड़ दिया था. यहाँ मुझे अपनी इज्जत का भी ख्याल रखना जरूरी था. अभी लॉकडाउन में काफी फुर्सत मिलने के कारण मैं आपको अपनी एक गे सेक्स कहानी लिख रहा हूँ. चूंकि मैं पहली बार कोई सेक्स कहानी लिख रहा हूँ तो गलतियां हो जाना लाजिमी है. प्लीज़ नजरअंदाज करते हुए इस हिंदी गे सेक्स स्टोरी का मजा लीजिए. जब कामकाज चल रहे थे, तो मैं सारे दिन अपनी फैक्ट्री में काम में व्यस्त रहता था.
फैक्ट्री में आने जाने वाले लोगों पर मेरी निगाह बनी रहती थी, खासकर चिकने मर्दों पर विशेष निगाह रहती थी लेकिन मैं अपनी इज्जत के चक्कर में उनसे कुछ कर नहीं पाता था क्योंकि यदि किसी को पता चल जाता की मैं एक गे हूँ तो मेरी बहुत बदनामी होती. एक दिन फैक्ट्री में एक ट्रक आया. उसमें कम्पनी के लिए कुछ कच्छा माल आया था. उस ट्रक का ड्राईवर एक बड़ा ही मस्त मर्द था उसे देखते ही मुझे उससे प्यार हो गया और मेरा दिल उसकी गांड का काम लगाने का करने लगा. उसे देखते ही न जाने क्यों मेरा दिल मचल गया और दिल करने लगा कि किसी भी तरह इस लौंडे को नंगा करके उसका लंड देखूँ.
वो ट्रक ड्राइवर काफी हट्टा-कट्टा था. उस मर्द की उम्र यही कोई 45 साल की रही होगी. बंदा हरियाणा का था तो एकदम चौड़ी छाती वाला था. उसकी बलिष्ठ भुजाओं को देख कर मेरा दिल किसी छमिया की तरह मचल उठा और जैसे एक लड़की किसी मस्त लड़के से चुदने के लिए चुत से रस टपकाने लगती है, ठीक उसी तरह से मेरा दिल उसके लंड के लिए मचल उठा था. वो ड्राईवर लड़का तीन दिन के लम्बे सफ़र के बाद अहमदाबाद आया था तो काफी थका हुआ था. उस ट्रक ड्राइवर के बदन पर एक टी-शर्ट थी और नीचे उसे एक लोअर पहना हुआ था.
गर्मी का मौसम था, तो पसीने से उसके कपड़े भीगे हुए थे. मेरी निगाह उस मर्दाना ट्रक ड्राइवर के नीचे लोअर पर ही लगी हुई थी, जिसमें से लंबा मोटा लंड साफ़ दिख रहा था. मतलब ऐसा एकदम साफ़ लग रहा था कि उसने लोअर के नीचे चड्डी नहीं पहनी हुई थी. उसके मोटे लंड का उभार देख कर मेरा बदन तपने सा लगा और खून का संचार दुगने से भी ज्यादा हो गया. मेरी आँखों में उस ट्रक ड्राइवर की गांड मारने की चाहत बहुत ही ज्यादा बढ़ गई थी और मेरा मन गे सेक्स करने के लिए बहुत ही ज्यादा कामुक हो उठा था. चूंकि गे सेक्स करने के दौरान मैं टॉप हूँ तो मेरा लंड भी डिंगडाँग करने लगा था.
हालांकि टॉप होने की खासियत ये होती है कि मुझे सामने वाले के चूतड़ पसंद आने चाहिए थे जिससे मैं उसकी गांड मार सकूँ. मगर न जाने क्यों आज बहुत दिन बाद ऐसा लगने लगा था कि मुझे किसी भी तरह इसका लंड देखना है. मैं उस ट्रक ड्राइवर को गन्दी नजरों से घूरने लगा. मेरी निगाह उस लड़के के लंड की तरफ से हट ही नहीं रही थी. वो मुझे अपनी तरफ घूरता देखता और फिर अपने मोबाइल फोन में कुछ देखने लगता. फिर मैंने ही उससे पूछा- काफी गर्मी है क्या तुम नहाना चाहते हो? वो ट्रक ड्राइवर बोला हां जी साहब, नहाना तो है ही मगर गाड़ी खाली हो जाए, तो बाहर कहीं नहा लूंगा.
मैंने उस ट्रक ड्राइवर से कहा अरे अभी गाड़ी खाली होने में तो टाइम लगेगा, तुम जब तक नहा आओ. वो ट्रक ड्राइवर बोला की किधर जाऊं साब … इधर कोई व्यवस्था है? मैं उस ट्रक ड्राइवर से बोला की हां हां … तुम पीछे चले जाओ, उधर नल लगा है. उधर सभी ट्रक वाले नहाने जाते हैं. तुम भी उधर ही चले जाओ. वो मर्दाना ट्रक ड्राइवर मेरी बात से खुश हो गया और बोला- ठीक है साब बता दो, नल किधर लगा है? जिधर नल लगा था, वो जगह एकदम खुली थी. मेरा मन डोलने लगा कि आज उधर ही इसे नहाते हुए देखूंगा. मौका मिल गया तो लंड भी देख लूंगा. उस समय तक मैं सिर्फ उसका लंड देखने के लिए बेचैन था.
वो गाड़ी के नजदीक गया और अन्दर से अपना तौलिया साबुन ब्रश आदि लेकर मेरे करीब आकर बोला- किधर लगा है नल साब … बता दीजिए. मैं उस ट्रक ड्राइवर को पीछे की तरफ ले गया. उधर ज्यादर सुनसान ही रहता था. उसे उधर ले जाकर मैंने उसे नल दिखाया और नहाने के लिए कह दिया. उसने मुझसे एक बाल्टी मांगी, तो मैंने उसे बाल्टी दे दी और वो नल के पास खड़ा होकर बाल्टी भरने लगा. फिर वो तौलिया लपेट कर नंगा हो गया. उसने अपनी टी-शर्ट और लोअर निकाल दिए. उसका जवान मर्दाना शरीर देख कर मेरी आँखें किसी प्यासी रंडी की तरह चमक उठीं. मेरी पूरी कोशिश थी कि किसी तरह उसके लंड को देख लूं मगर लाख कोशिक करने के बावजूद मेरी ये हसरत पूरी न हो सकी.
वह बहन का लौड़ा तौलिया पहन कर ही नहा लिया और अपने बदन को हाथ से झटकार कर अपने कपड़े पहन लिए इस वजह से मैं उसका लौड़ा देखने से वंचित रह गया. बस इस दौरान जब उसने तौलिये के ऊपर पानी डाला तो तौलिया उसके लंड से चिपक गई और लंड का उभार दिखने लगा. उसका लंड यही कोई सात आठ इंच का रहा होगा. मेरा मन अपनी हद पार करके उसका लंड देखने को करने लगा था. ये कामना इतनी बलवती हो उठी कि मन करने लगा था कि आज तो किसी भी तरह उस मर्द का लंड पकड़ कर ही रहूंगा. मैं उसके नहाने के बाद उसके पीछे पीछे ही वापस आ गया.
उसने ट्रक में अपना सामान रखा और मुझसे पूछने लगा साब ट्रक खाली होने में और कितनी देर लगेगी? मैंने कहा- अभी तो समय लगेगा ट्रक खाली होने में. वो मेरी तरफ देख कर न जाने क्यों ऐसा बोला- साब चलो जब तक अपना गोदाम ही दिखा दो. मेरी समझ में ही न आया कि ये ऐसा क्यों कह रहा है. उसके इस सवाल से मेरे दिमाग की बत्ती जल उठी और मैं खुद ही सोचने लगा कि हां इसे खाली वाले गोदाम में ले चलता हूँ उधर ही इसका लंड पकड़ लूंगा और इसे ब्लोजॉब दे दूंगा. अब मेरे सामने एक शानदार मौका दिखने लगा था. मैं उसे साथ लेकर खाली वाले गोदाम की तरफ आ गया. इस गोदाम में कोई नहीं आता था.
सुनसान पड़े गोदाम के अंदर उसे लाते ही मैंने उससे बातचीत करना शुरू कर दी- तुम किधर के रहने वाले हो? वो बोला- हरियाणा से हूँ साब! मैंने कहा- मैंने सुना है कि हरियाणा वालों के काफी बड़े और मोटे होते हैं. ये कहते हुए मैंने उसके लंड पर हाथ रख दिया. उसने मुझे लंड पकड़ने से नहीं रोका और बोला- तुम गांडू हो क्या? लंड लेने का मन है क्या? मैंने कहा- नहीं, मुझे तुम्हारा लंड देखने का मन है. वो बोला- सिर्फ देखना है कि चूसना भी है! मैंने अपनी बात दोहराई कि नहीं मुझे तुम्हारा लंड देखना भर है. वो बोला- इससे मुझे मिलेगा? मैंने कामांध होकर उससे पूछा- बोलो तुम्हें क्या चाहिए?
वो खुद से बोला- तुमको मेरा लंड चूसना भी पड़ेगा और मैं तुम्हारी गांड भी मारूंगा. उसकी बात से मैं सहम गया क्योंकि मैं टॉप हूँ और मुझे गांड मारने मजा आता था न की मरवाने में. मैं सोचने लगा मगर दिल में उसके लंड को देखने की ख्वाहिश इतनी मजबूत थी कि मुझे उसकी बात से सहमत होना ही पड़ा. मैंने उससे कहा- पहले तुम लंड दो दिखाओ. मगर वो अड़ गया और लंड दिखाने की शर्त रख दी कि लंड चूसना पड़ेगा और गांड भी मरवाना पड़ेगी. मैंने लंड देखने की लालच में उससे लंड चूसने की बात मान ली.
वो अड़ियल टाइप का बंदा निकला- वो कहने लगा कि मुझे तो गांड मारने का शौक है मैं जब भी वापस अपने घर जाता हूँ, तो एक न एक लौंडे की गांड जरूर मारता हूँ. मेरा एक लड़के से टांका भी फिट है अधिकतर मैं उसी की गांड मारता हूँ. मैं उसकी बात में रस लेने लगा और उसे बातों से ही गर्म करने लगा- अच्छा वो लड़का देखने में कैसा है. तुम उसे कैसे बुलाते हो? वो बोला- मैं जब घर पहुंचने वाला होता हूँ तो उसे फोन कर देता हूँ और वो मुझसे मिलने आ जाता है. मैं उसके लंड को पकड़े हुए ही था- फिर वो लड़का क्या करता है? वो मेरे हाथ को अपने हाथ पर दबाता हुआ बोला- वो मेरे लंड को चूसता है .. तुम भी चूसोगे?
उसकी गे सेक्स कहानी सुनते सुनते अब मैं भी गे सेक्स करने के लिए बहुत ही ज्यादा कामुकता से भरता जा रहा था. मैंने पुछा की वो लड़का तुम्हारा लंड कितनी देर तक चूसता है? उसका लंड खड़ा होने लगा था. वो बोला- जब तक मेरे लंड का पानी नहीं निकला जाता, वो तब तक मेरा लंड चूसता ही रहता है. मैंने- फिर? वो- फिर वो मेरे लंड को चूस कर उसे साफ़ कर देता है और दुबारा से लंड चूस कर खड़ा कर देता है. फिर मैं उसकी गांड मारता हूँ. दूसरी बार गांड की चुदाई करते करते मैं उसकी गांड में ही माल निकालता हूँ. मैंने पूछा- तुम ये सब किधर करते हो?
वो समलैंगिक ट्रक ड्राइवर मेरी आंखों में वासना से देखते हुए बोला- मैं गाड़ी में ही उसकी गांड मारता हूँ. हम दोनों की आवाजें अब अस्फुट होने लगी थीं. दोनों के अन्दर लंड और गांड को सुख देने लेने की बात चल रही थी. आखिर मैंने हथियार डाल दिए और उस समलैंगिक ट्रक ड्राइवर से कह दिया- चलो आज मैं भी तुम्हारी गे सेक्स करने की ये इच्छा पूरी कर देता हूँ. मुझे कैसे भी करके उस समलैंगिक ट्रक ड्राइवर के लंड को देखने की हसरत पूरी करनी थी. वो समलैंगिक ट्रक ड्राइवर हंस कर बोला- आह हसीना मान गई गांड मरवाने के लिए. मैं उसकी इस बात से मुस्कुरा दिया.
ड्राइवर का तगड़ा लंड देखने की लालसा में मुझे फैक्टरी के गोदाम में उसके साथ गे सेक्स करके अपनी गांड मरवानी पड़ी :- मुझे उसने उस खाली गोदाम के एक कोने में चलने का इशारा किया और हम दोनों कोने में आ गए. उसने मुझे घुटने के बल बैठने को कहा और अपना लोअर नीचे कर दिया. आह क्या मस्त लंड था … मेरी तो बांछें ही खिल उठीं. उसका मजबूत लंड देख कर मैं पागल हो गया. मैंने उसके लंड को हाथ से पकड़ा और सहलाने लगा. अगले ही पल मैंने उसके लंड को अपने मुँह में भर लिया. मैंने एक बार उस समलैंगिक ट्रक ड्राइवर का लंबा मोटा लंड चूसकर मुँह से बाहर निकाला और उससे कहा- तुम्हारा लंड तो वास्तव में बहुत ही ज्यादा लंबा और मोटा है. उसने हंस कर अपने लंड पर अपना ठुक लगाया और उसे फिर से मेरे मुँह में ठूंस दिया.
वो बड़ी तेजी से मेरे मुँह की चुदाई अपने लंबे और मोटे लंड से करने लगा. लंड चुसवाते हुए वो मादक सीत्कार भर रहा था- आह चूस ले आह और चिकना कर दे मेरी जान .. अभी इसे तेरी गांड में भी घुसाना है. मैं भी मस्ती से उसके लंड को गले के अंतिम छोर तक ले जा रहा था. थोड़ी देर बाद उसने मेरे मुँह में लंड झाड़ते हुए कहा- ले भर ले माल अपने मुँह में … आह अभी इसे गुटकना मत … इसे वापस मेरे लंड पर लगा कर इसे चिकना करना. मैंने भी ऐसा ही कहा और उसके लंड का सारा पानी निकला जाने के बाद भी उसका लंड चूसता रहा. वो जल्दी ही फिर से गर्म हो गया और उसके लंड के वीर्य लग जाने से काफी चिकना हो गया.
उसका लंड काफी चिकना हो गया था इससे मुझे भी सही लगा कि अब ये मुझ गे मर्द की टाइट गांड में आसानी से घुस जाएगा. इसके बाद उसने मेरे मुँह से लंड निकाला और मेरी पैन्ट चड्डी समेत नीचे करके मुझ गे मर्द की टाइट गांड में अपनी एक उंगली घुसेड़ दी. मुझे लज्जत सी आने लगी. तभी उस समलैंगिक ट्रक ड्राइवर ने दूसरी उंगली भी मुझ गे मर्द की टाइट गांड के छेद में थूक लगाकर डाल दी. अब मुझे हल्का सा दर्द हुआ. वो समलैंगिक ट्रक ड्राइवर बोला- तेरी गांड तो बड़ी टाईट है ऐसा लगता है की आज से पहले कभी किसी ने तुम्हारी गांड की चुदाई नहीं करी.
मैंने शरमाते हुए उस समलैंगिक ट्रक ड्राइवर से कहा की दोस्त अब ये तेरी है तुझे जो करना है कर ले. मैं अपनी गांड की चुदाई करवाने के लिए एक खाली ड्रम से हाथ टिका कर घोड़ी बना हुआ था. उस समलैंगिक ट्रक ड्राइवर ने मुझ गे मर्द की टाइट गांड की तरफ आते हुए अपना लंड मुझ गे मर्द की टाइट गांड में घुसा दिया. दर्द के मारे मेरे मुंह से एक बहुत जोर की चीख निकल गई. आज से पहले मैंने कभी गुदा मैथुन नहीं करा था इस लिए मुझ गे मर्द की टाइट गांड बिलकुल सील पैक और वर्जिन थी.
अभी उस समलैंगिक ट्रक ड्राइवर के लंड का सुपारा ही मुझ गे मर्द की टाइट गांड में घुसा था मगर दर्द काफी हो रहा था. उसने अपने मुँह से मुझ गे मर्द की टाइट गांड पर थूक टपकाया और सुपारे से थूक की चिकनाई को अन्दर किया. इससे मुझे गुदा मैथुन करने में थोड़ी राहत सी मिली और तभी उसने एक तगड़ा झटका मारते हुए अपना लंड मुझ गे मर्द की टाइट गांड में अंदर आतडी तक पेल दिया. गुदा मैथुन कर दौरान मैं चिल्लाने ही वाला था, मगर वो सजग था. उसने तुरंत अपना हाथ मेरे मुँह पर रख दिया और धकापेल शुरू कर दी.
कुछ देर की गांड चुदाई के बाद मुझे दर्द से राहत मिल गई और उस समलैंगिक ट्रक ड्राइवर के लंड से अपनी गांड मरवाने में आनंद आने लगा. कुछ देर बाद उसने मुझसे कहा- नीचे लेट कर गांड मारूंगा. मैं राजी था. उसने मुझे नीचे लिटाया और मेरी टांगें हवा में उठा कर मुझ गे मर्द की टाइट गांड में लंड घुसेड़ दिया और दे दनादन मेरी गांड मारने लग गया. मुझे उस समलैंगिक ट्रक ड्राइवर का जिस्म बड़ा सुख दे रहा था. इस समय वो मेरे ऊपर छाया हुआ था उसका मर्दाना सीना मुझे बेहद उत्तेजित कर रहा था.
वो मुझ गे मर्द की टाइट गांड मारते हुए पसीने से भीग गया था. मगर रुकने का नाम नहीं ले रहा था. काफी देर तक मुझ गे मर्द की टाइट गांड मारने के बाद उसने अपना लंड बाहर निकाला और मेरे मुंह के ऊपर अपना वीर्य गिरा दिया. मैं मस्ती में आंखें खोले उस समलैंगिक ट्रक ड्राइवर को देख रहा था. उसने झड़ने के बाद अपने हाथ से मेरी मुठ मरी और मुझे भी झड़ा दिया. दोस्तो, एक लंड देखने की लालसा में मुझे अपनी गांड मरवानी पड़ी एक टॉप आज बॉटम बन गया था. दोस्तों उम्मदी करता हूँ की आप सभी को मेरी हिंदी सेक्स कहानी “गे सेक्स करके गांड मरवानी पड़ी समलैंगिक ट्रक ड्राइवर से” बहुत पसंद आई होगी…