मेरी शादी शुदा बेटी के ससुर के साथ सुहागरात मनाई उसके ससुराल में समधी ने की समधन की चुदाई कामुकता से भरी अन्तर्वासना हिंदी सेक्स स्टोरी फ्री में ऑनलाइन पढ़ें और इस सेक्स कहानी को पढ़ने के बाद ज्यादा से ज्यादा शेयर करें :- दोस्तों मैं एक शादी शुदा महिला हूँ और मेरा नाम सरला है. हम उत्तरप्रदेश के रहने वाले हैं. अभी मेरी उम्र 47 साल है और मैं इस उम्र में भी दिखने में बहुत सुन्दर और सेक्सी लगती हूँ मुझे देखकर कोई भी मेरी उम्र का सही अंदाजा नहीं लगा सकता है मैंने अपने जिस्म को बहुत ही ज्यादा मेंटेन कर रखा है. हमारी एक 21 वर्ष की इकलौती बेटी थी अभी 2 महीने पहले ही हम पति पत्नी ने उसके हाथ पीले करें हैं और दिल्ली में उसकी शादी करी है. इकलौती बेटी की शादी करने के बाद घर में मैं हम पति पत्नी बिलकुल अकेले रह गए थे.
धीरे धीरे बेटी की शादी को तीन महीने बीत गए फिर एक दिन मेरे पति मुझसे बोले की किसी दिन बेटी से मिलने और उसके समाचार लेने के लिए उसके ससुराल चली जाना मेरे पास टाइम नही है नहीं तो मैं भी तुम्हारे साथ बेटी से मिलने उसके ससुराल चलता एक दो दिन उसके साथ समय बीता आना. मैने सोचा चलो मिल आती हु मैं अगले दिन की ही ट्रेन पकड़कर मेरी बेटी के ससुराल पहुँच गयी. मेरी बेटी के ससुर जी भी उनके साथ रहते थे उनकी उम्र 55 साल थी उनकी पत्नी नही थी. मैं उनके घर में रहने वाले सभी सदस्यों से मिली फिर मैं सबसे बाते करने लगी तभी जब मैं मेरी बेटी के ससुर जी से बात करती तो उनकी नजर मेरे बलाउज पर आ जाती.
बेटी के ससुर के साथ सुहागरात मनाई उसके ससुराल में अन्तर्वासना हिंदी सेक्स स्टोरी
मैं समझ चुकी थी की वो मुझे गन्दी नजरों से देख रहे हैं और इस लिए मैं बार बार अपनी साड़ी का पल्लू ठीक कर रही थी और उनकी गन्दी नजरों से अपनी इज्जत बचाने की नाकाम कोशिश कर रही थी. फिर धिरे धिरे रात हो गयी बेटी ने मुझे अपनी नाइटी दे दी जिसमे आगे गाउन था और ऊपर डोरी बंधी थी. उस सेक्सी नाइटी में से मेरे दोनों मोटे मोटे बूब्स का उठाव बिलकुल साफ साफ दिखाई दे रहा था. रात को सब अपने अपने बैडरूम में सोने के लिए चले गए. अब सिर्फ मैं और मेरी बेटी के ससुर जी ही बचे थे.
मुझे सफर की थकान थी इस वजह से मुझे भी बहुत तेज नींद आ रही थी तो मैं भी सोने के लिए जाने लगी की तभी मेरी बेटी के ससुर जी बोले रुको समधन जी इतनी भी क्या जल्दी है थोड़ी देर मेरे साथ भी बैठो बाद में सोने के लिए चली जाना फिर मैं वही बैठ गयी. वो शराब पी रहे थे समधी जी बोले आपके ऊपर ये नाइटी बहुत सेक्सी लग रही है मैने शरमाते हुए अपने सिर नीचे झुका लिया. शराब पीते पीते मेरी बेटी के ससुर जी बोले…..समधन जी काश आप मेरी धर्म पत्नी होती. मैं शरमाते हुए उनसे बोली की जी यदि मैं आपकी धर्म पत्नी होती तो उससे क्या हो जाता…
मेरी बेटी के ससुरजी बोले की अरे रात भर आपको जगा के रखता और खूब मजे से आपके साथ सेक्स करता. मैं बोली की अच्छा जी अब मैं चलती हूँ. मैं वहाँ से चली गयी रात को सो गयी सुबह जब मैं उठी तो सब उठ चुके थे मेरी बेटी बोली मम्मी बड़े ससुर जी को चाय दे दो जाकर मैं चाय लेकर उनके कमरे में गयी वो चड्डी में थे उनका बड़ा लिंग पूरा खड़ा था चड्डी से पता चल रहा था वो मुझे देखते ही बोले आप को देखते ही परेसान हो जाता है. मैं कुछ नही बोली जैसे ही मैं मुड़ी उन्होने मुझे पीछे से पकड़ लिया एक हाथ मेरे मुँह पे लगा दिया एक हाथ मेरी साड़ी के अन्दर कर दिया मैं छटपटाने लगी मेरी शादी शुदा बेटी के ससुर जी मेरी चूत को सहलाने लगे.
वो मेरी चूत को सहलाते सहलाते बोल रहे थे समधन जी बस एक बार आपके साथ अवैध सेक्स संबंध बनाने का मौका दे दो तभी उन्होने मुझे बिस्तर पे पटक दिया और पागलों की तरह चुम्मा चाटी करने लगे. मैं छूटने की कोशिश कर रही थी मगर बेटी का घर था इस लिए ज्यादा तमाशा नहीं कर सकती थी नहीं तो सभी मेरे और मेरी बेटी के चरित्र पर ऊँगली उठा देते. तभी मेरी बेटी के ससुर जी ने एक हाथ से काफी देर मेरी चूत सहलाई मैं गर्म हो गयी मैने अपने हाथ से उनको पकड़ लिया वो समझ गए की मैं तैयार हूँ फिर उन्होंने मेरे मुँह से अपना हाथ हटा दिया दोनो हाथों से बलाउज के ऊपर से मेरी बूब्स को मसलने लगे.
जब वो मेरे बूब्स के साथ खेल रहे थे तो मैं आआह…ससस…..करने लगी मेरी मैरिड बेटी के ससुर जी ने मेरे बलाउज ब्रा खोल दिया और मेरे नंगे बूब्स को अपने मुँह में ले लिया और मेरा दूध पीने लगे. अपनी शादी शुदा बेटी के ससुर जी को अपने बूब्स चुसवाते हुए मैं बहुत ही ज्यादा मचल रही थी. वो मेरे लाल गुलाबी होठों को पीने लगे तभी निचे से बेटी की आवाज आ गयी मैं बोली अभी नही बाद में मेरी मैरिड बेटी के ससुर जी ने मुझे छोड दिया जल्दी से मैने अपने बलाउज को पहनने लगी ब्रा भूल गयी बाहर निकली बेटी ने मुझे देखते ही बोला क्या हो गया मैने कहा कुछ नही.
दिन के करीब तिन बजे मेरी बेटी के ससुर जी मुझे बोले आज रात हम सुहागरात मनायंगे मैं शर्म और हया के मरे कुछ भी नही बोली. फिर मेरी बेटी के ससुर जी बाहर चले गए. धिरे धिरे गहरी रात हो गयी और परिवार के सभी सदस्य अपने अपने बैडरूम में सोने चले गए तभी मेरी शादी शुदा बेटी के ससुर जी ने मुझे बुलाया और मैं उनके साथ उसके कमरे में चली गयी तभी समधी जी बोले समधन जी आज हम समधी समधन नहीं बल्कि पति पत्नी है. मैने कहा वो कैसे समधी जी बोले आज तुम तैयार हो जाओ मैं तुम्हारे लिए कुछ समान लाया हु फिर हम दोनों मिलकर सुहागरात मनाएंगे.
मैने देखा दुल्हन का जोड़ा अर्थात लाल साड़ी और लाल हरी चूड़ी सब लेकर आये थे मैं उनके बाथरूम में जाकर किसी नयी नवेली दुल्हन की तरह तैयार होकर जब बाथरूम से बाहर आयी तो मेरी शादी शुदा बेटी के ससुर जी ने मुझे देखकर बोला की आज सारी रस्म होगी तभी मेरी मैरिड बेटी के ससुर जी ने मेरी मांग में सिंदूर भरी और मेरे गले में सोने का मंगलसूत्र पहनाया और फिर वो सुहागरात मनाने के लिए मुझे अपने बिस्तर पर लेकर आगये. अब बिस्तर पर वो मेरे लाल लाल होठों को चूसने लगे और मेरे मोटे मोटे बूब्स को कपड़ों के उप्पर से ही बहुत ज्यादा जोर जोर से दबाने लगे जिससे मैं भी चुदने के लिए बहुत ज्यादा गरम हो उठी.
फिर मेरी बेटी के ससुर ने मेरे साथ सुहागरात बनाने के लिए धिरे धिरे मेरी मैरिड बेटी के ससुर जी ने मेरे ब्लाउज के सारे हुक खोल दिए उसे उतार दिया फिर उन्हीने मेरी साड़ी भी उतार दी मैने ब्रा भी खोल दी. मैं सिर्फ पेटीकोट में थी मेरी शादी शुदा बेटी के ससुर जी मेरी भारी बूब्स को पीने लगे मैं मचलने लगी आआह……उईईई….वो बीच बीच मर काटने लगें मेरे निपल्स को दाँत से किचने लगे तभी तभी मेरी मैरिड बेटी के ससुर जी ने मेरे पेटीकोट का नाडा खोल दिया और उसे भी उतार कर एक कौने में फैक दिया.
मुझे नंगी करने के बाद मेरी बेटी के शराबी ससुर जी ने अपने भी सारे कपड़े उतार दिए. अब मेरे सामने वो बिलकुल नंगे थे तो फिर मैने उनके खड़े लंड को पकड़ा और उससे खेलने लगी. उनका लंड मेरे पति के लंड से काफी बड़ा और मोटा था. मैं किसी रंडी की तरह उनके लंड को सहलाने लगी. मैने कहा अब डालिये समधी जी मेरी बुर के अंदर और मिटा लीजिये अपनी हवस. वो बोले अभी नही रानी पहले तेरी इस सेक्सी चूत तो चाट लू साली रंडी और फिर वो मेरे दोनो पैरो के बीच आकर मेरी टाइट चूत अपने मुँह से चाटने लगे मैं वासना में आआह…..सईईई…..आइए…करने लगी. मेरी बेटी के ससुर जी मेरी टाइट चूत की लाल लाल चमड़ी को अपने नुकीले दातों से धिरे धिरे काटने लगे और मैं उई.. आह माँ… आआह करते हुए बोली अब डालो राजा जी अपना लंड मेरी बुर के अंदर और सुहागरात के मजे लो.
तभी मेरी बेटी के शराबी ससुर जी ने अपना लिंग को मेरी टाइट चूत में रख दिया एक बार में पेल दिया मेरी चीख निकल गयी वो दना दन मेरी चुदाई करने लगे मैं आआहा…..सिसिसिस….करने लगी पटा पट मुझे पेलने लगे मैं भी चिपक के उनको देने लगी. मेरी बेटी के ससुर जी मुझे चोदते हुए बोल रहे थे साली रंडी बता कैसा लग रहा है मेरे साथ सुहागरात मनाकर. मैं बोली की हाँ आज आपके साथ सुहागरात मनाकर मुझे बहुत आनंद आ रहा है आप मेरी बहुत मस्त चुदाई कर रहे हो ओह… आह… आह… आई माँ… आह…. फिर मेरी मैरिड बेटी के ससुर जी ने बताया की तेरी बेटी को भी रोज मेरा बेटा इतनी ही बुरी तरह से चोदता है.
मैंने बोला की अच्छा किसी दिन मुझे भी अपने बेटे के साथ सुहागरात मनाने के मौका देना. समधी जी बोले हाँ बिलकुल फ़िलहाल तो डार्लिंग मेरे साथ चुदाई के मजे लो और मेरा लंड अंदर तक लो उसके बाद मेरी मैरिड बेटी के ससुर जी ने करीब पांच मिनट तक जल्दी जल्दी झटके मारे और मेरी टाइट चूत में अपने लंड रूपी पिचकारी से वीर्य की बौछार कर दी और अधमरे होकर मेरे उप्पर सो गए. मेरी चुदाई करने के बाद वो मुझसे पूछने लगे की कैसा लगा मैने कहा बहुत मजा आया.
तभी वो मेरे पेट को सहलाते हुए बोले समधन जी मैं तुम्हे गर्भवती कर दूँगा मैने कहा तो कर दो ना आपको किसने रोका है. एक बार फिर मैं किसी रंडी की तरह उनका खड़ा लिंग बड़े प्यार से सहलाने लगी और वो मेरे बूब्स को दबाने लगे. मैं बोली पता नही कैसे आप से समधन जी मैं बच गयी नहीं तो ना जाने कितने लंड मैं आज तक ले चुकी हूँ. समधी जी बोले समधन जी तुम्हारी बेटी भी बहुत गर्म है किसी दिन उसकी बुर में भी अपना लौड़ा पेल दूँगा. तभी उनका लिंग फिर से खड़ा हो गया मेरी शादी शुदा बेटी के ससुर जी मेरी टाइट चूत पेलने लगे मैं मजे लेके चुद ने लगी वो बड़े आराम से मेरी ले रहे थे मैं आआह ससस कर रही थी.
फिर तेजी से करने लगे मैं भी अपनी कमर उठा उठा कर उनको देने लगी करीब 10 मिनट बाद हम दोनो झड़ गए फिर हम सो गए सुबह जब मेरी आँख खुली तो मैने जल्दी से मैंने अपने नंगे जिस्म पर कपड़े पहने और अपने कमरे में चली गयी. इस तरह शादी शुदा बेटी के ससुर के साथ सुहागरात मनाई उसके ससुराल में और समधी जी ने की खतरनाक चुदाई मुझ सेक्सी माल समधन की मैं उस दिन की सुहागरात को कभी नहीं भूल सकती. जिस घर में मेरी बेटी ने सुहागरात मनाई थी उसी घर में मुझे भी सुहागरात बनाने का मौका मिला था मैं अपने आप को बहुत खुशनसीब समझती हूँ जो मुझे इस उम्र में भी शादी शुदा बेटी के ससुर के साथ सुहागरात मानाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ…