रंडी माँ को नौकरों से चूत चुदवाते हुए देखा – सेक्स स्टोरी हिंदी में : यह मेरी नहीं मेरी रंडी माँ की चूत चुदाई की हिंदी सेक्सी कहानी है. हालांकि, इसे बता मैं ही रहा हूँ. इस कहानी में आप जानेंगे कि मेरे पापा के बाहर रहने का मेरी माँ ने किस तरह फायदा उठाया और नौकरों से अपनी चुदाई करवाई…

हेलो दोस्तों, मेरा नाम सौरभ है. मैं एक किसान परिवार से हूँ. हमारी फैमिली में मेरे अलावा मेरे पापा, मेरी मम्मी और दो बहनें हैं. मेरी बड़ी बहन का नाम प्रीति है. प्रीति की उम्र 25 साल है और उसकी शादी हो चुकी है. जबकि, मेरी छोटी बहन 22 साल की है और उसका नाम मोनिका है. मोनिका की अभी शादी नहीं हुई है.

दोस्तों, मैं सबसे पहले आप सभी को अपनी रंडी माँ के बारे में बताना ही भूल गया था. चलिए अब बता देता हूँ. मेरी माँ 45 साल की हैं लेकिन खूबसूरती के मामले में अभी भी वो विद्या बालन को फेल करती हैं.

मेरी माँ अपने मोटे मोटे दूध से भरे बूब्स पर 40D साइज के ब्रा पहनती हैं और जब अपनी गांड मटकाते हुए चलती हैं तो उनकी गांड को देख कर बुड्ढों का लन्ड भी खड़ा हो जाता है. वे हम टाइम मेकअप किये रहती हैं और लिपिस्टिक तो दिन में दो बार लगाती हैं.

घर गांव में है और हमने घर में नौकर भी रखा हुआ है. मेरे घर पर हर दम दो नौकर रहते ही हैं. जिनमें से एक का नाम सुराज और दूसरे का नाम माँदरचोद रवि है.

रंडी माँ को नौकरों से चूत चुदवाते हुए देखा सेक्स स्टोरी हिंदी में

सुराज की उम्र 30 साल के आस पास है जबकि, माँदरचोद रवि 32 साल का है. माँदरचोद रवि हर समय मेरी माँ के आस पास ही रहता है. उनकी सारी बात मानता है. वो जो भी कहती हैं, एक दम हूबहू वैसा ही करता है. ये तो सब जानते थे कि माँदरचोद रवि माँ का बहुत खास नौकर है और मुंह लगा हुआ भी है. परंतु सच्चाई कुछ और ही थी, जिससे कोई भी वाकिफ नहीं था.

एक दिन की बात है. गर्मी का मौसम था और उस दिन पापा भी घर पर नहीं थे. उस दिन रात को माँ अपने रूम में सो रही थीं और मेरी छोटी बहन पापा के साथ मेरे मामा के यहां गई हुई थी. अब मैं अकेला बचा था इसलिए छत पर जाकर सोने के लिए चला गया. क्योंकि पापा होते थे तो मुझे सोने के लिए छत पर नहीं जाने देते थे.

मैंने छत पर जाकर बिस्तर बिछाया और लेट गया. लेकिन गर्मी की वजह से मुझे नींद नहीं आ रही थी. काफी देर तक इधर – उधर करवट बदलने के बाद भी जब नींद न आई तो मैंने सोचा कि नीचे ही चला जाता हूँ और रूम का फैन चला कर सो जाता हूँ.

यह सोच कर मैं नीचे आ गया. दोस्तों, मेरी माँ का रूम सीढ़ी के करीब ही है. जब मैं नीचे आ रहा तो मुझे माँ के कमरे की तरफ से कुछ आवाजें आती सुनाई दीं. ये आवाजें मुझे काफी अजीब लगीं. पहले मैंने इस तरह की आवाज नहीं सुनी थी.

आवाज सुन कर मैं माँ के रूम की तरफ बढ़ गया. उनके रूम के पास पहुंचने पर आवाजें तेज हो गई थीं और मुझे यकीन हो गया कि माँ के कमरे से ही आ रही हैं. अंदर नाईट बल्ब जल रहा था. इसलिए फिर मैंने खिड़की की दरार से देखा तो अंदर का नजारा देख के मेरे होश ही उड़ गए.

मैंने देखा कि अंदर सुराज और माँदरचोद रवि एक दम नंगे हैं. उनके बदन पर एक भी कपड़ा नहीं था. माँदरचोद रवि नंगा होकर बेड पर पड़ा था. और तो और मेरी रंडी माँ भी पूरी तरह नंगी थीं और घोड़ी जैसे बन कर माँदरचोद रवि के ऊपर झुकी थीं. पहले तो मुझे कुछ समझ नहीं आया. लेकिन बाद में जब मैंने ध्यान से देखा तो पाया कि वो बेड पर पड़े माँदरचोद रवि का काला और लम्बा लंड अपने मुंह में लेकर चूस रही थीं.

अभी मैं मेरी रंडी माँ को माँदरचोद रवि का लंड चूसते हुए ही देख रहा था कि तभी सुराज मेरी रंडी माँ के पीछे आया और उनकी गांड को थोड़ा ऊपर कर दिया. उसके ऐसा करने से मुझे मेरी रंडी माँ की चूत दिखने लगी. तभी अचानक सुराज ने मेरी रंडी माँ की चूत में अपना लंड पेल दिया और जोर – जोर धक्के मारने लगा.

उसके धक्कों से मेरी रंडी माँ को खूब मज़ा आ रहा था. वो बीच – बीच में माँदरचोद रवि का लंड चूसना बन्द कर देतीं और सुराज को और तेज धक्के मारने के लिए कहने लगतीं. उधर माँदरचोद रवि भी खाली नहीं पड़ा था. उसने मेरी रंडी माँ के बड़े – बड़े और गोरे – गोरे मम्मों को थाम रखा था और उन्हें मसल रहा था.

फिर कुछ देर बाद सुराज ने अपना लंड निकाल लिया. इसके बाद मेरी रंडी माँ से माँदरचोद रवि का लंड चूसना छोड़ दिया. यह देख माँदरचोद रवि ने अपना लंड अपने हाथों में थाम लिया और मेरी रंडी माँ को गन्दी गन्दी गाली देता हुआ उन्हें बेड पर धकेल दिया. इससे मेरी रंडी माँ सीधी होकर लेट गईं.

अब उनकी चूत एक दम मेरे सामने थी. अंदर का दृश्य देख कर मेरा भी लंड खड़ा हो गया था. अब मैं भूल गया था कि अंदर मेरी रंडी माँ है और वह नौकरों से चुद रही है. मुझे तो लग रहा था जैसे अंदर कोई रंडी पड़ी है और अपने मालों से चुदाई करवा रही है.

फिर मैंने भी अपने लोअर को नीचे करके अपना लंड बाहर निकाल लिया और उसे हिलाने लगा. इसी बीच मैंने देखा कि माँदरचोद रवि अब मेरी रंडी माँ के ऊपर लेट गया और फिर उसने उसकी चूत में अपना लंड पेल दिया. माँदरचोद रवि का लंड सुराज से ज्यादा लम्बा और मोटा था. इस वजह से मेरी रंडी माँ के मुंह से हल्की सी एक चीख निकल गई. फिर माँदरचोद रवि मेरी रंडी माँ की चूत में धक्के लगाने लगा.

यह देख कर बाहर मैं तेजी से अपना लंड हिलाने लगा. दूसरी तरफ सुराज ने अपना लंड मेरी रंडी माँ के मुंह में पेल दिया. मेरी रंडी माँ मज़े से सुराज का लंड चूस रही थीं. थोड़ी देर बाद सुराज ने अपना लंड उनके मुंह से बाहर निकाला और मेरी रंडी माँ के चेहरे पर रगड़ना शुरू कर दिया. थोड़ी देर बाद सुराज का माल निकल जाता है और मेरी रंडी माँ के चेहरे पर फैल जाता है.

इसके बाद फिर सुराज ने अपना लंड मेरी रंडी माँ के मुंह में दे दिया और मेरी रंडी माँ उसका पूरा माल चाट गई. उधर माँदरचोद रवि भी तेजी से धक्के लगाने लगा था. 10-12 धक्कों के बाद उसने मेरी रंडी माँ की चूत में ही अपना पानी छोड़ दिया और मेरी रंडी माँ के ऊपर ही लेट गया. इधर लंड हिलाते – हिलाते मैं भी अपनी चरम सीमा पर पहुंच गया और लंड से पिचकारी छोड़ दी.

कुछ देर बाद माँदरचोद रवि उठता है और फिर दोनों नौकर अपने कपड़े पहन लेते हैं. लेकिन मेरी रंडी माँ नंगी ही रहती है. फिर वे मेरी रंडी माँ के होंठों पर किस करते है और मेरी रंडी माँ पेशाब करने बाथरूम में चली जाती है. फिर वे दोनों बाहर निकल जाते हैं. उन्हें बाहर आता देख मैं छुप जाता हूँ. फिर अपने रूम में चला जाता हूँ. लेकिन मेरी रंडी माँ के बारे में सोच – सोच कर पूरी रात मुझे नींद नहीं आई.

आपको मेरी कहानी कैसी लगी? कमेंट करके जरूर बताएं…

मैंने देखा कि अंदर सुराज और माँदरचोद रवि एक दम नंगे हैं. उनके बदन पर एक भी कपड़ा नहीं था. माँदरचोद रवि नंगा होकर बेड पर पड़ा था. और तो और मेरी रंडी माँ भी पूरी तरह नंगी थीं और घोड़ी जैसे बन कर माँदरचोद रवि के ऊपर झुकी थीं. पहले तो मुझे कुछ समझ नहीं आया. लेकिन बाद में जब मैंने ध्यान से देखा तो पाया कि वो बेड पर पड़े माँदरचोद रवि का काला और लम्बा लंड अपने मुंह में लेकर चूस रही थीं.

अभी मैं मेरी रंडी माँ को माँदरचोद रवि का लंड चूसते हुए ही देख रहा था कि तभी सुराज मेरी रंडी माँ के पीछे आया और उनकी गांड को थोड़ा ऊपर कर दिया. उसके ऐसा करने से मुझे मेरी रंडी माँ की चूत दिखने लगी. तभी अचानक सुराज ने मेरी रंडी माँ की चूत में अपना लंड पेल दिया और जोर – जोर धक्के मारने लगा.

उसके धक्कों से मेरी रंडी माँ को खूब मज़ा आ रहा था. वो बीच – बीच में माँदरचोद रवि का लंड चूसना बन्द कर देतीं और सुराज को और तेज धक्के मारने के लिए कहने लगतीं. उधर माँदरचोद रवि भी खाली नहीं पड़ा था. उसने मेरी रंडी माँ के बड़े – बड़े और गोरे – गोरे मम्मों को थाम रखा था और उन्हें मसल रहा था.

फिर कुछ देर बाद सुराज ने अपना लंड निकाल लिया. इसके बाद मेरी रंडी माँ से माँदरचोद रवि का लंड चूसना छोड़ दिया. यह देख माँदरचोद रवि ने अपना लंड अपने हाथों में थाम लिया और मेरी रंडी माँ को गली देता हुआ उन्हें बेड पर धकेल दिया. इससे मेरी रंडी माँ सीधी होकर लेट गईं.

अब उनकी चूत एक दम मेरे सामने थी. अंदर का दृश्य देख कर मेरा भी लंड खड़ा हो गया था. अब मैं भूल गया था कि अंदर मेरी रंडी माँ है और वह नौकरों से चुद रही है. मुझे तो लग रहा था जैसे अंदर कोई रंडी पड़ी है और अपने मालों से चुदाई करवा रही है.

फिर मैंने भी अपने लोअर को नीचे करके अपना लंड बाहर निकाल लिया और उसे हिलाने लगा. इसी बीच मैंने देखा कि माँदरचोद रवि अब मेरी रंडी माँ के ऊपर लेट गया और फिर उसने उसकी चूत में अपना लंड पेल दिया. माँदरचोद रवि का लंड सुराज से ज्यादा लम्बा और मोटा था. इस वजह से मेरी रंडी माँ के मुंह से हल्की सी एक चीख निकल गई. फिर माँदरचोद रवि मेरी रंडी माँ की चूत में धक्के लगाने लगा.

यह देख कर बाहर मैं तेजी से अपना लंड हिलाने लगा. दूसरी तरफ सुराज ने अपना लंड मेरी रंडी माँ के मुंह में पेल दिया. मेरी रंडी माँ मज़े से सुराज का लंड चूस रही थीं. थोड़ी देर बाद सुराज ने अपना लंड उनके मुंह से बाहर निकाला और मेरी रंडी माँ के चेहरे पर रगड़ना शुरू कर दिया. थोड़ी देर बाद सुराज का माल निकल जाता है और मेरी रंडी माँ के चेहरे पर फैल जाता है.

इसके बाद फिर सुराज ने अपना लंड मेरी रंडी माँ के मुंह में दे दिया और मेरी रंडी माँ उसके लंड से निकला पूरा माल चाट गई. उधर माँदरचोद रवि भी तेजी से धक्के लगाने लगा था. 10-12 धक्कों के बाद उसने मेरी रंडी माँ की चूत में ही अपना पानी छोड़ दिया और मेरी रंडी माँ के ऊपर ही लेट गया. इधर लंड हिलाते – हिलाते मैं भी अपनी चरम सीमा पर पहुंच गया और लंड से पिचकारी छोड़ दी.

कुछ देर बाद माँदरचोद रवि उठता है और फिर दोनों नौकर अपने कपड़े पहन लेते हैं. लेकिन मेरी रंडी माँ नंगी ही रहती है. फिर वे मेरी रंडी माँ के होंठों पर किस करते है और मेरी रंडी माँ पेशाब करने बाथरूम में चली जाती है. फिर वे दोनों बाहर निकल जाते हैं. उन्हें बाहर आता देख मैं छुप जाता हूँ. फिर अपने रूम में चला जाता हूँ. लेकिन मेरी रंडी माँ के बारे में सोच – सोच कर पूरी रात मुझे नींद नहीं आई.

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