दोस्तों मेरे पापा और मम्मी की बिलकुल नहीं बनती थी और इसी वजह से मेरे पापा घर में बहुत कम समय देते थे और अधिकतर वक्त घर से दूर ही रहा करते थे. मेरी बेचारी माँ को घर का खर्चा चलाना बहुत भारी पड़ता था. फिर मेरी माँ पैसों के लिए पराये मर्दों से चुदवाने लगी. मैंने खुद बचपन में पैसे के खातिर मेरी बेचारी माँ को अपनी टांगे उठाकर पराये मर्दों से चुदवाते हुए देखा था. मेरे पापा ड्यूटी पर रहते तो मेरी कामुकता से भरी माँ पडोस के मर्दों को घर पर बुलाकर उनके साथ अवैध सेक्स संबंध बनाती थी. मेरी बेचारी माँ रंडी बन चुकी थी पैसों के खातिर. हर रात कोई न कोई मर्द हमारे घर आता था मेरी माँ की चुदाई करने के लिए. निचे पूरी हिंदी सेक्स स्टोरी विस्तार से पढ़ें…

मेरा नाम गौरी मिश्रा है और मैं एक बहुत ही मासूम सी लड़की हूँ. तब मैं सिर्फ 12 साल की थी जब मैंने पहली बार मास्टर जी को मेरी नंगी माँ की दोनों टांगे उठाकर चुदाई करते हुए देखा था. मैं और मेरा भाई मयंक स्कूल में कक्षा 8 में पढ़ते थे. मेरे पापा बस ड्राईवर थे जो घर पर कम ही रहते थे. वो लखनऊ से दिल्ली बस चलाया करते थे. पापा हमेशा ही घर से गायब रहते थे. मेरी माँ की उम्र उस समय 32 साल की थी, वो जवान और खूबसूरत थी. मेरे मोहल्ले के अनेक मर्द माँ को चोद चुके थे. इस गलत काम से मेरी बेचारी माँ को बहुत फायदा था क्यूंकि क्योकि वो रोज किसी ना किसी नए मर्द के लंड से अपनी अपनी टांगे उठाकर चुदवाती थी जिससे उनकी कामवासना शांत हो जाती थी उपर से सेक्स करके पैसा भी कमा लेती थी.

पैसे के खातिर बेचारी माँ को अपनी टांगे उठाकर ट्यूशन टीचर से चुदवाते देखा बचपन में

पैसे के खातिर बेचारी माँ को अपनी टांगे उठाकर ट्यूशन टीचर से चुदवाते देखा बचपन में

मेरे पापा बड़े चालू टाईप के आदमी थे और उनकी मेरी माँ से बिलकुल भी नहीं बनती थी क्योकि मेरे दादा जी ने उनकी शादी जोर जबरदस्ती करी थी. मेरे पापा कभी भी मेरी बेचारी माँ को घर खर्च के लिए पैसा नही देते थे और वो जब अपनी ड्यूटी पर रहते थे बाहर की रंडियों को चोदकर अपनी कामवासना शांत कर लेते थे और इस वजह से मेरी बेचारी माँ चुदने के लिए तड़पती रह जाती थी. धीरे धीरे मेरी बेचारी माँ समझ गयी की ये आदमी न तो पैसा देगा और ना ही लंड. इसलिए जब मेरे पापा ड्यूटी पर रहते तो मेरी कामुकता से भरी माँ पडोस के मर्दों को घर पर बुलाकर उनके साथ अवैध सेक्स संबंध बनाती थी. मेरी बेचारी माँ रंडी बन चुकी थी पैसों के खातिर.

हर रात कोई न कोई मर्द हमारे घर आता था मेरी माँ की चुदाई करने के लिए. हर रात कोई नया मर्द आता था और वो सीधा मेरी माँ के बैडरूम में चला जाता उसके बाद दरवाजा बंद हो जाता और “..अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ….अअअअअ….आहा की आवाजो से घर गूंज जाता था. धीरे धीरे मैं और बड़ी होती चली गयी और सब सभी बातें समझने लग गयी थी की मेरी माँ एक रंडी बन चुकी है और वो पराये मर्दों के साथ अवैध सेक्स संबंध बनाकर पैसा कमाया करती थी. जब वो अंकल लोग मेरी माँ की चुदाई करके जाते तो वो मेरी माँ को पर्स से निकालकर पैसे देते. माँ उसे लेकर ब्लाउस में रख लेती. “गौरी!! अंकल को बाय करो!!” माँ कहती तो मुझे भी बाय करना पड़ जाता.

मेरी बेचारी माँ अपनी टांगे उठाकर हर रोज नए नए मर्दों से चुदवाकर खूब पैसा कमाती और मेरे लिए आये दिन नये नये कपड़े जूते मोज़े खरीदती. कुछ दिन बाद हम भाई बहन के लिए वो कोई मास्टर ढूढने लगी. फिर कुछ दिनों बाद एक अच्छा मास्टर मिल गया. अब वो रोज ही हम लोगो के घर आकर पढ़ाने लगा. धीरे धीरे मेरी आवारा चुदक्कड माँ की दोस्ती उस टीचर से कुछ जादा ही हो गयी. उसका नाम शशांक मिश्रा था. हम सभी उसे ट्यूशन टीचर कहकर बुलाते थे. वो भी बड़ी अच्छी तरह से पेश आता था. “कैसी हो आंटी जी?? आपकी तबियत तो सही है??” वो पूछता “हा सर!! मैं तो ठीक हूँ. आप सुनाओ!” माँ हंस कर कहती धीरे धीरे दोनों में हंसी मजाक होने लगा. माँ उसे रोज अपने स्तनों के दूध की चाय बनाकर देती थी.

फिर उन दोनों की सेटिंग हो गयी. अब मेरी माँ एक बार फिर से एक नये लंड से अपनी प्यासी चूत की चुदाई करवाना चाहती थी. मैं सब समझ गयी थी मगर मैं मजबूर थी कुछ नहीं कर सकती थी. कुछ दिन बाद पापा आये और ये देखकर बहुत खुश हुए की हम लोगो के एक्जाम में बहुत अच्छे मार्क्स आये थे. माँ ने उनको बताया की ये सब ट्यूशन टीचर की मेहनत का फल है. वो बच्चो को बड़ी मेहनत से पढ़ा रहे है. धीरे धीरे दोनों एक दूसरे की तरफ आकर्षित होने लगे. मुझे सर किसी कॉपी, किताब को लाने के लिए अंदर भेज देते थे. उसके बाद माँ को अपने पास बिठाकर हाथ पकड़ लेते थे. दोनों बार बार लिप्स पर चुम्मा लेते और घंटो बाते करते.

ट्यूशन टीचर बार बार माँ के ब्लाउस पर हाथ रख देते और उनके दूध से भरे बूब्स से दूध निचोड़ देते थे जिस बजह से कई बार मेरी माँ का ब्लाउज उन्ही के दूध से गिला हो जाता था. माँ कुछ नही बोलती और दोनों आपस में किसी प्रेमी जोड़े की तरह चिपक जाते थे. जब मैं आती तो मुझे देखकर दोनों अलग हो जाते थे. इस तरह से माँ सर से सेट हो गयी थी. एक दिन रविवार को ट्यूशन टीचर आ गये. आते ही वो मेरी माँ के बैडरूम में घुस गये. जब मैं गयी तो माँ ने पैसे देकर टॉफी खाने की बात कही और कमरे से बाहर कर दिया. मैं भी  सोच रही थी की आज रविवार को आखिर सर हमारे घर पर क्यों आये है. मैं सच डार्लिंगने के लिए बाहर ही छिप गयी.

मेरी माँ के बैडरूम की खिड़की खुली हुई थी तो मैंने उस खुली खिड़की से अंदर बैडरूम में झांक कर देखा. अंदर बैडरूम में माँ मेरे मास्टर जी से गले मिल रही थी. दोनों बेड पर बैठ गये और शशांक ने माँ को पकड़ लिया और उनके ओंठो पर चुम्बन लेने लगे. माँ भी होठ से होठ लगाकर चुस्वाने लगी और सर ने खूब मजा लिया. माँ की लाल लिपस्टिक को चूस चूसकर छुड़ा दिया. “कैसी ही मेरी डार्लिंग!!” ट्यूशन टीचर बोले मेरी छिनाल माँ ट्यूशन टीचर को लुभाने के लिए उससे कहने लगी “तुम्हारी याद में तडप रही थी शशांक!! कल रातभर इस लिए कल चूत में केला डालकर हस्तमैथुन करना पड़ा”  ट्यूशन टीचर मेरी कामुकता से भरी माँ से बोले “ साली रंडी छिनाल तूने अपनी बुर में केला डालकर हस्तमैथुन क्यों करा मैं तो आज तुमको चोदने आ ही रहा था”.

मेरी छिनाल माँ कहने लगी  की “तो चोदो न डार्लिंग!! क्यों मुझे तडपा रहे हो!!”  उसके बाद सर ने माँ को अपनी माशूका की तरह अपने से चिपका लिया और ब्लाउस पर हाथ रखकर दबाने लगे. माँ तो पहले से बड़ी चुदक्कड औरत थी. उनको भी मजा आने लगा और जैसे ही सर उसकी रसीली 36” की चूचियों को मसलने लगे और मेरी माँ अई…अई….अई…..इसस्स्स्स्…….उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह…. करते हुए बहुत ही ज्यादा मादक सिसकियाँ लेंने लगी. सर ने बैठे बैठे की माँ का ब्लाउस खोल दिया. मैं खिड़की से सब करतूत देख रही थी. सफ़ेद ब्रा में माँ की चूचियां कितनी सजीली और चुस्त दिख रही थी. सर मेरी कामुकता से भरी माँ से बोले “डार्लिंग!! तू तो मस्त माल है रे!”. फिर छिनाल माँ कहने लगी की “ये मस्त माल सिर्फ तुम्हारा ही है शशांक!! मेरे इस कामुकता से भरे जिस्म पर सिर्फ तुम्हारा हक है”.

उसके बाद सर का लंड उसकी जींस में ही खड़ा हो गया. वो हाथ लगाकर माँ की कसी कसी चूची को ब्रा के उपर से दबाने लगा. माँ फिर से कराहने सिसकने लगी. उसे बड़ा मीठा अहसास हो रहा था. माँ की चूचियां तिकोनी तिकोनी कितनी खूबसूरत दिख रही थी. फिर सर नीचे झुके और ब्रा के उपर से चूची को मुंह में लेकर चूसने लगे. माँ मस्त हो गयी. इस तरह से 5 मिनट सर ने दबा दबाकर दोनों रसीली चूची ब्रा के उपर से ही चूस डाली. फिर माँ के पीछे जाकर बैठे गये और ब्रा का हुक अपने हाथ से खोल दिया उतार दी. मैं बाहर से छिपकर सब कारनामे देख रही थी. अब माँ नंगी थी. सर मेरी नंगी माँ से बोले की “साली!! तू तो ग्रुप में चोदने लायक सामान है रे तुझे तो मैं मेरे दोस्तों के साथ मिलकर ग्रुप में चोदुंगा मेरे दोस्त भी तेरे साथ ग्रुप सेक्स करके बहुत खुश हो जायंगे” मेरी छिनाल माँ कहने लगी की “तो शशांक मेरे साथ पहले तुम अकेले अवैध सेक्स संबंध बना लो बाद में ग्रुप में भी चोद लेना”.

“साली आज तक कितने मर्दों का लंड खायी है रांड!” सर बोले और गालियाँ बकने लगे माँ को उनकी गालियां बड़ी अच्छी लग रही थी. “शशांक!! मेरे पडोस के सभी जवान मर्दों ने मुझे चोदा है. कम से कम 20 मोटे लंड तो मैंने खाये है” छिनाल माँ कहने लगी “साली!! आज तेरी गर्म चूत में जब अपना 11 इंच लम्बा लंड डालूँगा तो तेरी गांड फट जाएगी!!” सर बोले “शशांक!! मैं भी ऐसा हो चाहती हूँ. आज तुम मेरी चूत और गांड दोनों फाड़ डालो!! कसके चोद डालो मुझे!!” माँ किसी रांड की तरह बोली उसके बाद ट्यूशन टीचर ने उसकी पीठ पर हल्का हल्का किस करना शुरू किया. माँ की पीठ बड़ी ही सेक्सी थी. दूधिया सफ़ेद रंग की और बड़ी ही मांसल जिसे देखकर कोई भी मर्द चोदने को तैयार हो जाए.

सर भी आखिर माँ की खूबसूरती पर बिक गए और पूरी पीठ पर चुम्मा पर चुम्मा लेने लगे. और खूब हाथ से सहलाते रहे. फिर माँ को अपनी तरफ घुमा लिया और मेरी माँ की 36” की बड़ी बड़ी कसी चूचियों से खेलने लगे. दोस्तों आज मैंने भी अपनी सेक्सी लंडबाज माँ को देखा आपत्तिजनक हालत में. उसकी दोनों चूचियां काफी कसी हुई थी और कितनी सुंदर कलश की तरह दिखती थी. सर भी देखकर पागल हो गये और हाथ में लेकर चेक करने लगे. फिर वो मेरी कामुकता से भरी माँ से बोले की साली रंडी तेरे ये बड़े बड़े स्तन तो बेहद खूबसूरत है लगता है तेरे इस कामुक जिस्म पर बहुत सारे लोगों ने काम करा है. छिनाल माँ कहने लगी “तो शशांक मेरे इन दूध से भरे बड़े बड़े स्तनों से जल्दी से दूध निचोड़ कर पी लो!” 

उसके बाद सर ने बैठे बैठे ही मेरी नंगी माँ के दोनों स्तनों को अपने मुंह में लेकर उनसे दूध निचोड़ना चालू किया. वो दोनों हाथो से दूध को मसल रहे थे और बेहद रोमांचित हो रहे थे. मुंह में लेकर किसी महबूब की तरह चूस रहे थे. धीरे धीरे उन्होंने मेरी माँ को बेड पर लिटा दिया और साड़ी, ब्लाउस उतार दिया. फिर पेंटी भी निकलवा दी. दोस्तों अब मेरे ट्यूशन टीचर ने अपनी बेल्ट खोलना शुरू की. मुझे समझने में देर नही लगी की अब वो नंगे हो जाएगा. फिर उन्होंने ऐसा ही किया. धीरे धीरे अपनी शर्ट जींस पेंट खोल दी. जब वो नंगे हुए तो पहली बार मैंने उनका लौड़ा देखा. 11” का बड़ा सा लंड देखकर मैं तो हैरान थी. मैं माँ को देखने लगी. वो बड़ा लंड देखकर बड़ा खुश हो रही थी.

फिर ट्यूशन टीचर नंगे होकर मेरी माँ के उपर आ गये और दोनों चूचियों को हाथ से दबा दबाकर चूसने लगे. “आहहहहह….मेरे लंड के राजा!! ई ई ई—पियो और पियो मेरे दूध को!!” माँ किसी रंडी की तरह कहने लगी सर भी दोगुने जोश में आ गये और खूब चूसा उन्होंने मेरी नंगी माँ के दोनों दूध से भरे स्तनों को. फिर ट्यूशन टीचर मेरी माँ से बोले की चल साली छिनाल जल्दी से मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूस अच्छे से. अब मुझे विश्वास नही हो रहा था. मेरी माँ बेड पर बैठ गयी और सर का 11 इंची लंड पकड़कर अपने मुँह में ले लिया और फिर उन्हें ब्लोजॉब देने लगी. मैं बाहर छुपकर सर का लौड़ा देख रही थी. बड़ा मोटा सा चमकदार सुपाडा था. माँ जल्दी जल्दी मुठ देते हुए उसे मुंह में लेकर चूस रही थी.

इस तरह से दोनों रति क्रीड़ा में मस्त थे. माँ बिलकुल किसी देसी रंडी की तरह दिख रही थी. सिसकते हुए बड़े जोश से लंड चुसव्व्ल कर रही थी. अपना सर हिला हिलाकर चूस रही थी “चूस मेरी रानी!! और मेहनत से चूस!! मजा आ रहा है!! ट्यूशन टीचर कह रहे थे इस तरह से माँ ने बड़ी मेहनत की और चूस चूसकर लंड को और कड़ा बना दिया. सर मेरी नंगी माँ से बोले की “चल रंडी अब चुदवाने के लिए लेट जल्दी से”  मेरी मजबूर माँ पैसे के खातिर चुदवाने के लिए लेट गयी. सर ने उसके पैर खोल दिए और बड़ी सी चूत को ताड़ने लगी. माँ की चूत बड़ी खूबसूरत थी. देखने में कितनी मासूम अनचुदी लगती थी पर इस चूत को 20 से अधिक मोटे लंडो ने बेहरमी से चोदा था. आज 21 वा लंड इस भोसड़े में जाने वाला था. सर बोले की साली रंडी!! तेरा भोसड़ा तो मस्त है रे!!

छिनाल माँ कहने लगी “तो चाटो न डार्लिंग किस बात का इंतजार कर रहे हो”  उसके बाद सर भी किसी कुत्ते की तरह टूट पड़े और जल्दी जल्दी मुंह लगाकर मेरी छिनाल माँ का भोसड़े चाटने लगे. माँ जोर जोर से“आऊ…..आऊ….हमममम अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी..हा हा हा..” करने लगी. वो जीभ निकाल निकालकर चाटने लगे और चूत को खा जाने के मूड में दिख रहे थे वो मेरी नंगी माँ की चूत के ओंठो को ऐसे चाट रहे थे जैसे वो कोई खाने की वास्तु हो. मेरी नंगी माँ अब काम वासना में लम्बी लम्बी सिसकारी ले रही थी. फिर ट्यूशन टीचर ने पहले 1 ऊँगली मेरी नंगी माँ की टाइट चूत के अंदर घुसा दी और अंदर बाहर करते हुए अपनी ऊँगली से ही मेरी माँ को चोदने लगे. फिर 2 ऊँगली चूत में घुसा दी और जल्दी जल्दी अंदर बाहर करने लगा. माँ“….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..” करने लगी.

अब मेरी नंगी माँ की हालत बिगड़ रही थी और वो अपनी गांड बार बार उपर तक कर रही थी. “तेरी माँ की चूत साली!! आज तेरा भोसड़ा फाड़ दूंगा अपने लंबे मोटे लंड से चोद चोदकर!!” सर जोश में गालियाँ दे रहे थे और जल्दी जल्दी 2 ऊँगली साथ में गपचिक गपचिक माँ के भोसड़े में अन्दर बाहर तेजी से चला रहे थे. कुछ कुछ सेकंड बाद सर की ऊँगली में चूत का ताजा सफ़ेद मक्खन लग जाता था जिसे वो प्रसाद समझकर मुंह में ऊँगली डालकर चाट जाते थे. किसी कुत्ते की तरह माँ का भोसड़ा पी रहे थे. चूत के उभरे दाने को ऐसे चूस चाट रहे थे जैसे उनको रब इसमें ही दिख गया हो. “फाड़ दो!! सी सी सी सी…आज फाड़ दो मेरी गर्म चूत को… ऊँ…ऊँ…ऊँ….” मेरी माँ बडबडा रही थी.

पैसे के खातिर बेचारी माँ को अपनी टांगे उठाकर ट्यूशन टीचर से चुदवाते देखा बचपन में :- ट्यूशन टीचर ने 15 मिनट नॉन स्टॉप माँ की चूत में ऊँगली कर करके उनके छेद को और चौड़ा कर दिया. फिर अपना 11” लम्बा और ढाई इंच मोटा लंड माँ की चूत में अपने हाथ से पकड़कर घुसा दिया और फिर वो मेरी माँ को बहुत खतरनाक तरीके से चोदने लगे. माँ तो अब जैसे चुदवाते चुदवाते स्वर्ग में पहुच गयी थी. दोनों हाथ पैर फैलाकर किसी देसी रंडी की तरह चुदा रही थी. सर गपा गप अपने लम्बे मोटे लंड से मेरी माँ की बुर में धक्के दिए जा रहे थे. माँ चुदते चुदते फिर से “उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ… सी सी सी सी….. ऊँ…ऊँ…ऊँ….” की कामुक आवाजे मुंह खोलकर निकाल रही थी. सर अपनी गांड उठा उठाकर चूत का चुकंदर बनाने लगे. माँ अपने दोनों हाथो पैरो को खोलकर चुदवा रही थी.

उधर मेरा बाप अपनी ड्यूटी पर था. वो तो सोच रहा था की उसकी बीबी घर में सेफ है. पर उसको नही पता था की उसकी बीबी बाहर के मर्दों का लंड खा रही है. कुछ देर बाद माँ की चूत अपना रस छोड़ने लगी जिससे चूत की सुरंग अब बहुत चिकनी हो गयी थी. अब सर का लौड़ा बड़े आराम से माँ की चुद्दी में फिसल रहा था. सट सट ऐसे फिसल रहा था की मैं आपको क्या बताऊं. सर अब बड़ी जल्दी जल्दी लंड दौड़ाने लगे और माँ फिर से  “हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ….ऊँ—ऊँ…ऊँ सी सी सी… हा हा.. ओ हो हो….” की सेक्सी आवाजे निकाल रही थी. अब उनकी चूत किसी भट्टी की तरफ तप रही थी. सर जल्दी जल्दी लंड दौड़ाकर चूत को चोदने में लगे हुए थे.

चुदाई करवाते करवाते मेरी छिनाल माँ किसी रांड की तरह कहने लगी “….उंह हूँ.. हूँ…मेरे चूत के देवता!! मोटे लंड के स्वामी!! और गहराई तक अपना लंबा लंड डालकर चोदो मेरी रसीली चूत को!!  हूँ..हमम अहह्ह्ह..अई….अई…..” मेरी माँ को चोदते चोदते अब ट्यूशन टीचर और ज्यादा जोश से भर गये. उन्होंने मेरी नंगी माँ की दोनों टांगो को पकड़कर ऊपर उठाया और अपने कंधे पर रख दिया और बड़ी तेजी से चुदाई करने लगे. खूब लंड दौड़ाया माँ के कामुक सुराख में. फिर रेस्ट करने लगे. वो अब माँ के उपर लेटकर उनकी दोनों चूचियों को मुंह में लेकर चूसने लगे. ऐसा करने से माँ को बड़ा आनन्द मिल रहा था.

कुछ देर बाद उन्होंने माँ को बेड पर ही कुतिया बना दिया और उसकी गांड में लंड घुसाकर आधे घंटे गांड चोदी. फिर उसी सुराख में झड़ गये. कुछ दिन बाद ट्यूशन टीचर का एक दोस्त आया. उसने भी माँ को कमरे में ले जाकर चोद लिया. अब सर हर दूसरे तीसरे दिन माँ को चोद डालते है. आपको स्टोरी कैसी लगी मेरे को जरुर बताना और सभी फ्रेंड्स नई नई स्टोरीज के लिए इंडियन सेक्स बाजार डॉट कॉम पढ़ते रहना. आप इस हिंदी सेक्स स्टोरी “पैसे के खातिर बेचारी माँ को अपनी टांगे उठाकर ट्यूशन टीचर से चुदवाते देखा बचपन में” को अपने दोस्तों के साथ शेयर भी करना…