बगल वाली भाभी का पेटिकोट उतार फेंका और चुदाई करी – सेक्स स्टोरी हिंदी में: दोस्तों, मेरा नाम राहुल है. राहुल ठाकुर. दोस्तों, मैं बचपन से ही थोड़ा ठरकी टाइप का रहा हूँ. मैं अपने परिवार की सभी औरतों को गंदी नज़र से देखता हूँ. मैंने अपनी गर्लफ्रेंड को पहले भी चोद रखा है लेकिन ये स्टोरी मैं आगे फिर कभी आप लोगों के साथ साझा करूँगा. आज आप मेरी इस कहानी का मज़ा लीजिए.

दोस्तों, मेरी उम्र अभी 28 साल है. मैं एक प्राइवेट जॉब करता हूँ और अपने शहर से दूर दूसरे शहर में रहता हूँ. वहां मैंने किराए का रूम ले रखा है. मेरे मकान मालिक के घर में 3 रूम हैं जिनमें 3 किराएदार रहते हैं. एक में मैं अकेला रहता हूँ और बाकी के दोनों में दो फैमिली रहती है.

मेरे बगल में जो फैमिली रहती है उसमें सिर्फ दो लोग हैं. पति और पत्नी. उनकी शादी को 8 साल हो चुके हैं लेकिन फिर भी कोई बच्चा नहीं हुआ. पति ड्राइवर है और काम के चलते अक्सर घर से बाहर ही रहता है. उसकी पत्नी की उम्र 30 के आस पास है और दिखने में वो एक दम मस्त हैं. उनकी पतली सी कमर और मोटी गांड के बारे में तो क्या ही कहने. दोस्तों, उनके बूब्स का साइज 32 है. और वह गोरी भी बहुत हैं. एक दम दूध के जैसे सफेद.

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अब मैं आप लोगों का ज्यादा समय न लेते हुए सीधे अपनी कहानी पर आता हूँ. ये घटना पिछले साल की है. हम पड़ोसी हैं तो हमारे बीच बातचीत होना आम था. एक दिन भाभी से मेरी बात हो रही थी. इसी बीच मैंने कहा कि आज मुझे बोरियत सी लग रही है और मेरे पास टीवी भी नहीं है कि उसे देख के टाइम पास कर लूं.

इस पर भाभी बोलीं कि आ जाओ मेरे यहां देख लो. दोस्तों, नवम्बर का महीना था और सर्दी पड़ने लगी थी और उस दिन मकान में हम दोनों के अलावा और कोई नहीं था. दूसरे पड़ोसी कहीं बाहर गए हुए थे. इसलिए उनके इतना कहने पर मैंने मज़ाक में कहा- कहीं कोई आ गया तो दिक्कत हो जाएगी. इस पर वो बोलीं कि तुम्हारे भैया आज देर से आएंगे तो कोई दिक्कत नहीं.

उस टाइम न ही मेरा और न ही उसका किसी का ऐसा कोई गलत इरादा नहीं था. उस समय रात के 9 बज रहे थे. फिर मैं उसके रूम पर चला गया. दोस्तों, उसके रूम में फोल्डिंग रखी हुई थी. उस पर वो बैठी थीं और मैं फोल्डिंग के सहारे नीचे बैठ गया.

इस पर वो बोलीं – ठंड ज्यादा है ऊपर आ जाओ. तब मैं भी फोल्डिंग पर चला गया. दोस्तों, ठंड सच में काफी थी. फोल्डिंग पर जाकर मैं सीधे उसके कम्बल में घुस गया. अब वो मेरे बगल में बैठी थीं. मुझे डर भी लग रहा था. क्योंकि मकान मालिक भी अपने परिवार के साथ नीचे के फ्लोर पर रहता था.

खैर, फिर हम साथ बैठ कर टीवी देखने लगे. जब हम उनके अंदर गए थे तो उन्होंने दरवाजा अंदर से बन्द कर लिया था. दोस्तों, वो थी तो वैसे भी खूबसूरत. उन्हें अपने साथ बैठा देख अब मुझसे कंट्रोल न हुआ और मेरे अंदर का ठरकीपन जाग गया.

थोड़ी देर बाद मैंने उनका हाथ पकड़ लिया और उसे ले जाकर अपने लोअर के ऊपर से लन्ड पर रख दिया. इस पर वह चौंक गई और फिर उन्होंने अपना हाथ जल्दी से पीछे कर लिया.

दोस्तों, मेरी इस हरकत से वो घबरा गई थीं लेकिन मैं माना नहीं. उन्होंने सूट पहन रखा था और ठंड की वजह से स्वेटर भी डाल लिया था. अब मैंने उनकी तरफ हाथ बढ़ाया और कपड़ों के ऊपर से उनके मम्मों को पकड़ कर मसल दिया.

इस पर वो और ज्यादा घबरा गईं. उन्होंने ऐसा करने से मना किया और हाथ जोड़ने लगीं. इस पर मैंने अपना हाथ हटा दिया. इसके बाद मैं उनकी फोल्डिंग से उठा और अपने रूम में चला आया. रूम आकर फिर मैंने उनके नाम की मुठ मारी और सो गया.

अगले दिन सुबह जब मैं उठा तो उनसे नज़रें नहीं मिला पा रहा था पर उनका व्यवहार नॉर्मल था. ऐसा लग रहा था जैसे कुछ हुआ ही न हो. उस दिन के बाद वो धीरे – धीरे मुझसे खुलने लगी थीं. शायद उस रात मेरे ऐसा करने पर उन्हें मज़ा आया था लेकिन उन्होंने डर की वजह से मना कर दिया था.

अब मलहम आपस में हर तरह की बात करने लगे. वो मुझसे इतनी खुल गई थीं कि हमारे बीच सेक्स की बातें भी होने लगीं. मौका मिलने पर हम किसिंग करने से भी नहीं चूकते थे. एक दिन हमने चुदाई का प्लान बनाया. उन्होंने कहा कि आज रात मेरे रूम पर आ जाना. इस पर मैंने कहा कि आपके पति आ गए तो? उन्होंने कहा – वो नहीं आएंगे बाहर गए हुए हैं.

फिर क्या था. मैं कंडोम लेकर रात को 11 बजे उनके रूम में घुस गया. अंदर जाकर मैंने दरवाजा बन्द कर लिया. हम पहली बार ये सब कर रहे थे, इसलिए डर लग रहा लेकिन चुदाई का भी मज़ा लेना था इसलिए सोचा जो होगा देखा जाएगा.

फिर वो अपबी फोल्डिंग पर लेट गई और मैं उसके ऊपर लेट गया. मेरा लन्ड तो वैसे भी खड़ा था. उसके ऊपर लेटने के बाद वह उसकी चूत से टकराने लगा. अब मैंने उसको किस क्या और फिर उसके ब्लाउज के बटन खोल कर उसे अलग कर दिया.

दोस्तों, उसने ब्रा नहीं पहन रखी थी इसलिए उसके गोरे – गोरे मम्मे मेरे सामने आ गए. जिन्हें मैं पहली बार देख रहा था. उसके मम्मों को देख कर मैं खुद को रोक नहीं पाया और उनका रस पान करने लगा.

दोस्तों, अब मुझसे रुका नहीं जा रहा था. मेरा लन्ड तो पहले से खड़ा था ही. फिर मैंने जल्दी से कंडोम निकाला और लन्ड पर लगा लिया. इसके बाद मैंने उसका पेटिकोट उतार फेंका. उसने पैंटी नहीं पहन रखी थी. अब मैं अपने लन्ड से उसकी चूत को सहलाने लगा. जिससे उसके मुंह से मादक सिसकारियां निकलने लगीं. यह देख मैं समझ गया कि लोहा गर्म है अब हथौड़ा चला देना चाहिए.

अब मैंने बिना देर किये अपने लन्ड को उसकी चूत में सरका दिया. उसकी चूत पहले से ही खुली हुई थी इसलिए लन्ड अंदर जाने में ज्यादा दिक्कत नहीं हुई. फिर मैं धीरे – धीरे लन्ड अंदर बाहर करने लगा

दोस्तों, मेरा लन्ड 5.5 इंच लम्बा और 2.5 इंच मोटा है. उसके अंदर जाते ही उसे मज़ा आने लगा था और उसकी सिसकारियां तेज हो गई थीं. अब मैं भी स्पीड के साथ धक्के लगाने लगा. अब वह मेरा सर पकड़ के अपनी ओर खींच रही थी और मुंह से ‘आह आह ऊह ऊह’ की आवाज निकाल रही थी.

ऐसा लग रहा था जैसे वो झड़ने वाली हो. अब मैं कभी तेज तो कभी धीरे लन्ड अंदर – बाहर कर रहा था. थोड़ी देर बाद फिर मैंने अपने धक्के और तेज कर दिए. अब मेरा लन्ड काफी तेजी के साथ उसकी में जाकर निकल रहा था.

अब उसकी चूत पूरी गीली हो चुकी थी. इस वजह से लन्ड बड़ी आसानी के साथ अंदर – बाहर हो रहा था. उसको चोदते समय मैंने उसके बूब्स के निप्पल्स को भी अपने मुंह में भर कर चूस रहा था.

थोड़ी देर बाद मैंने उससे पूछा कि मज़ा आ रहा है तो वो बोली – हां, बहुत मज़ा आ रहा है. ऐसे ही करो तेज और तेज. तब मैंने कहा कि मेरा होने वाला है इस पर वो बोली कि मेरा भी.

अब हम दोनों की सांसें काफी तेज हो चुकी थीं. तभी आह आह की आवाज निकालते हुए मैं उसकी चूत में झड़ गया. लेकिन कंडोम की सुरक्षा होने के कारण वो अंदर नहीं गया. इसी बीच वो भी झड़ गई.

फिर मैंने अपना लन्ड उसकी चूत से बाहर निकाल लिया. मैंने देखा कि उसकी चूत से उसका रस निकल रहा है, उसे बताया तो उसने अपने पेटिकोट से उसे पोंछ लिया. फिर जल्दी से मैं अपने घर आ गया. उस दिन के बाद से हमारा ये सेक्स करने का रोज का काम हो गया. कभी मैं उसके रूम में जाकर उसे चोद आता हूँ तो कभी वो मेरे रूम में आकर अपनी चूत चुदवा जाती है.